आंध्र प्रदेश के पूर्व सीएम जगन मोहन की बढ़ी मुश्किलें, हत्या का केस दर्ज

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आंध्र प्रदेश विधानसभा चुनाव में वाईएस जगन मोहन रेड्डी की पार्टी वाईएसआरसी को करारी हार का सामना करना पड़ा। जिसके बाद जगन मोहन को मुख्‍यमंत्री की कुर्सी भी गंवानी पड़ी। अब आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्‍यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी एक और गंभीर संकट में घिरते दिख रहे हैं।आंध्र के पूर्व मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी के खिलाफ हत्या के प्रयास का मामला दर्ज हुआ है। इस केस में चार अन्य आरोपी हैं।आंध्र प्रदेश पुलिस ने तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) विधायक की शिकायत के बाद पूर्व मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी, दो वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों और दो सेवानिवृत्त अधिकारियों के खिलाफ हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया है।

इस संबंध में उंडी विधानसभा क्षेत्र से आंध्र में सत्तारूढ़ पार्टी के विधायक के. रघुराम कृष्ण राजू ने शिकायत दर्ज कराई है।हाई-प्रोफाइल मामले की जानकारी देते हुए अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने पूर्व सीएम जगन मोहन रेड्डी के अलावा वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी पीवी सुनील कुमार और पीएसआर सीतारमणजनेयुलु के साथ ही रिडायर्ड पुलिस अधिकारी आर विजय पॉल और गुंटूर सरकारी अस्पताल की पूर्व अधीक्षक जी. प्रभावती के खिलाफ मामला दर्ज किया है। अधिकारी ने बताया कि राजू ने एक महीने पहले ई-मेल के जरिए पुलिस को शिकायत भेजी थी और कानूनी परामर्श लेने के बाद गुरुवार शाम 7 बजे पूर्व मुख्यमंत्री और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। पुलिस अधिकारी ने बताया कि राजू ने यह भी आरोप लगाया कि उन्हें हिरासत में यातना दी गई।

विधायक ने अपनी शिकायत में कहा है, आंध्र प्रदेश सरकार की सीबीसीआईडी ने मेरे खिलाफ फर्जी मामला दर्ज किया। ।राजू ने अपनी शिकायत में कहा कि वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी सुनील कुमार और सीतारमणजनेयुलु, पुलिस अधिकारी विजय पॉल और सरकारी डॉक्‍टर जी. प्रभावती उस साजिश का हिस्सा थे। उन्हें मई 2021 में कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान गिरफ्तार किया गया था। राजू ने शिकायत में कहा, आंध्र प्रदेश सरकार के अपराध जांच विभाग (सीबीसीआईडी) ने मेरे खिलाफ झूठा मामला दर्ज किया। मुझे बिना किसी उचित प्रक्रिया के 14 मई 2021 को गिरफ्तार किया गया, धमकाया गया, अवैध रूप से पुलिस वाहन के अंदर खींचा गया और उसी रात जबरन गुंटूर ले जाया गया।

स्मृति ईरानी के बचाव में क्यों उतरे राहुल गांधी? बीजेपी नेता के खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने वालों को दी चेतावनी

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लोकसभा चुनाव 2024 में अमेठी सीट से हार का सामना करने वाली पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने अपना सरकारी बंगला खाली कर दिया है।पूर्व केंद्रीय मंत्री को लुटियंस दिल्ली में 28 तुगलक क्रिसेंट बंगला मिला हुआ था। इस बार लोकसभा चुनाव में स्मृति ईरानी को कांग्रेस उम्मीदवार किशोरी लाल शर्मा को शिकस्त मिली थी। जिसके बाद स्मृति ईरानी के सरकारी बंगला खाली करने पर सोशल मीडिया पर कई लोगों ने टिप्पणी की। अब कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने अपनी पार्टी कार्यकर्ताओं को सख्त हिदायत दी है कि वो स्मृति ईरानी के खिलाफ कोई टिप्पणी न करें।

पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता स्मृति ईरानी भद्दे और अभद्र कमेंट करने वालों को रायबरेली से सांसद राहुल गांधी ने वॉर्निंग देते हुए कहा कि ऐसा बिल्कुल न करें। उन्होंने कहा कि जिंदगी में हार जीत लगी रहती है, लेकिन किसी को अपमानित करना कमजोरी की निशानी है, ताकत की नहीं।कांग्रेस नेता ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर पर) लिखा, "जीवन में हार-जीत तो होती रहती है। मैं सभी से आग्रह करता हूं कि वे श्रीमती स्मृति ईरानी या किसी अन्य नेता के प्रति अपमानजनक भाषा का प्रयोग करने और बुरा व्यवहार करने से बचें। लोगों को अपमानित करना और उनका अपमान करना कमजोरी की निशानी है, न कि मजबूती की।"

दरअसल, अमेठी से चुनाव हारने के बाद सोशल मीडिया पर स्मृति ईरानी को लगातार ट्रोल किया जा रहा था। इसी को देखते हुए राहुल गांधी ने सभी से अनुरोध करते हुए यह अपील की है। हाल में सपन्न हुई लोकसभा चुनाव में अमेठी सीट पर कांग्रेस के किशोरी लाल शर्मा ने स्मृति ईरानी को डेढ़ लाख से अधिक मतों के अंतर से हार गई थीं। इससे पहले 2019 के लोकसभा चुनाव में स्मृति ईरानी ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को मात देते हुए बड़ी जीत हासिल की थीं। इसके बाद उन्हें सरकार में महिला एवं बाल विकास मंत्री बनाया गया था।

इस भारतीय ने 20 साल पहले की थी दुनिया की सबसे महंगी शादी, गिनीज बुक में है नाम, जानिए कितने पैसे हुए थे खर्च

भारत के सबसे अमीर शख्स मुकेश अंबानी के बेटे अनंत अंबानी की शादी राधिका मर्चेंट के साथ होने जा रही है. 12 जुलाई को होने वाली इस शादी से जुड़े प्रोग्राम लंबे समय से चल रहे हैं. सोशल मीडिया पर शादी से जुड़ी कई बातें शेयर की जा रही हैं और हर कोई शादी के खर्चे की बात कर रहा है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि दुनिया की सबसे महंगी शादी कौनसी है? वैसे दुनिया की सबसे महंगी शादी का रिकॉर्ड भी किसी हिंदुस्तानी के नाम पर ही है. ऐसे में जानते हैं कि आखिर दुनिया की सबसे महंगी शादी किसने की थी, उसमें कितने पैसे खर्च हुए थे. 

वैसे तो दुनिया में कई शादियों को लेकर ये दावा किया जाता है कि वो सबसे महंगी शादी रही हैं. जैसे कई रिपोर्ट्स में प्रिंस चार्ल्स और डियाना की शादी को दुनिया को दुनिया की सबसे महंगी शादी कहा जाता है. बताया जाता है कि इस शादी में 110 मिलियन डॉलर रुपये खर्च हुए थे. इसके अलावा कुछ रिपोर्ट्स में रूस के Said Gutseriev और Khadija Uzhakhovs की शादी को दुनिया की सबसे महंगी शादी का टैग दिया जाता है. वहीं, कई लोग अन्य शादियों को दुनिया की सबसे महंगी शादी बताते हैं, जिसमें अंबानी परिवार की शादियां भी शामिल हैं. 

लेकिन, आधिकारिक अनाउंसमेंट और शादी में हुए कुल खर्च की ऑफिशियल जानकारी ना होने की वजह से यह स्पष्ट तौर पर नहीं कहा जा सकता है कि आखिर दुनिया की सबसे महंगी शादी कौनसी है. ऐसे में सवाल है कि आखिर दुनिया की सबसे महंगी शादी कौनसी है? अब जानते हैं आधिकारिक तौर पर किस शादी को दुनिया की सबसे महंगी शादी कहा जाता है. 

ऐसे में गिनीज बुक रिकॉर्ड्स के जरिए जानते हैं कि आखिर किस शादी में सबसे ज्यादा खर्चा हुआ है? गिनीज बुक के हिसाब से भी दुनिया की सबसे महंगी शादी किसी भारतीय ने ही की है. दुनिया की सबसे महंगी शादी का रिकॉर्ड स्टील किंग लक्ष्मी निवास मित्तल की बेटी वनिषा मित्तल की शादी के नाम पर है. बता दें कि वनिषा मित्तल ने साल 2004 में इनवेस्टमेंट बैंकर अमित भाटिया से शादी की थी. ये शादी भारत में नहीं बल्कि फ्रांस में की गई थी. 

गिनीज बुक के हिसाब से लक्ष्मी निवास मित्तल की बेटी की शादी का इवेंट Versailles में 6 दिन तक चला था. इस शादी की खास बात ये थी कि शादी में इंगेजमेंट सेरेमनी का प्रोग्राम पैलेस ऑफ Versailles में हुआ था और कहा जाता है कि इस पैलेस में आजतक सिर्फ ये ही एक प्राइवेट इवेंट हुआ है. इस शादी में कई विदेशी और बॉलीवुड सेलेब्स ने परफॉर्म किया था. रिपोर्ट के अनुसार, इस शादी में 55 मिलियन डॉलर खर्च हुए थे और अगर इसे आज के रेट के हिसाब से इंडियन करेंसी में कन्वर्ट करें तो यह करीब 450 करोड़ रुपये है.

आज भी मणिपुर में घर जल रहे हैं...राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर किया तीखा हमला और PM मोदी से की ये बड़ी अपील

 कांग्रेस पार्टी के सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने मणिपुर के हालात को लेकर एक बार फिर केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला है. और कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खुद मणिपुर आकर शांति की अपील करनी चाहिए. राहुल गांधी ने कहा कि मैं मणिपुर पिछले साल भी आया था, अब फिर आया हूं लेकिन अफसोस कि यहां की स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ. राहुल गांधी ने कहा कि मणिपुर में हालात जस के तस हैं. आज भी प्रदेश दो टुकड़ों में बंटा हुआ है.

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने आज मणिपुर को लेकर अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक वीडियो भी शेयर किया था. इस वीडियो में राहुल गांधी ये कहते देखे जा रहे हैं कि वो मणिपुर हिंसा शुरू होने के बाद तीन बार आ चुके हैं, मगर स्थिति में कोई परिवर्तन देखने को नहीं मिल रहा है. आखिर मणिपुर की सुध कब ली जाएगी?

विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा कि मणिपुर में आज भी तमाम घर जल रहे हैं. यहां की हजारों मासूम जिन्दगियां खतरे में हैं और हजारों परिवार रिलीफ कैंप में रहने को लाचार हैं. राहुल गांधी ने इसी के साथ प्रधानमंत्री मोदी से भी मणिपुर आने की अपील की है. और कहा कि पीएम मोदी को यहां आकर खुद प्रदेशवासियों की तकलीफें सुननी चाहिए, हालात को देखना चाहिए और शांति की अपील करनी चाहिए.

राहुल गांधी ने इसी के साथ ये भी कहा कि कांग्रेस पार्टी के सांसद और इंडिया गठबंधन के दलों के सांसद मणिपुर में शांति स्थापना के लिए संसद में पूरी शक्ति के साथ आवाज उठाएंगे और सरकार पर इस त्रासदी को खत्म करने का दबाव बनाएंगे. उन्होंने कहा कि मणिपुर में जो हालात है, उसको लेकर सभी को गंभीर होना चाहिए. यहां ऐसे प्रयास किये जाने चाहिए ताकि जल्द से जल्द शांति कायम हो सके और स्थानीय लोगों को राहत मिले.

डीयू में मनुस्मृति को लेकर विवाद, कांग्रेस ने सरकार पर उठाए सवाल

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दिल्ली विश्वविद्यालय में मनुस्मृति को लेकर विवाद हो गया है। विवाद बढ़ने के बाद दिल्ली विश्वविद्यालय ने लॉ की पढ़ाई में मनुस्मृति पढ़ाए जाने का प्रस्ताव रिजेक्ट कर दिया है। दरअसल, यूनिवर्सिटी के एलएलबी के छात्रों को मनुस्मृति पढ़ाने की तैयारी हो रही थी। इस संबंध में लाए गए प्रस्ताव को मंजूरी के लिए यूनिवर्सिटी के शीर्ष अधिकारियों को भेजा गया। हालांकि, डीयू के वाइस चांसलर योगेश सिंह ने स्पष्ट किया कि मनुस्मृति के सुझावों को खारिज कर दिया गया है।

दरअसल, गुरुवार को खबर सामने आयी कि दिल्ली यूनिवर्सिटी के एलएलबी के छात्रों को मनुस्मृति पढ़ाने के प्रस्ताव पर चर्चा की जाने वाली है। शुक्रवार (12 जुलाई) को अकादमिक परिषद की बैठक होगी, जिसमें इस पर चर्चा होगी। फैक्लटी ऑफ लॉ फर्स्ट और थर्ड ईयर के स्टूडेंट्स को मनुस्मृति पढ़ाने के लिए सिलेबस में बदलाव चाहता है। इसके लिए यूनिवर्सिटी के फैसले लेने वाली सर्वोच्च संस्था से मंजूरी मांगी गई है।

जब दिल्ली यूनिवर्सिटी में मनुस्मृति पढ़ाए जाने की तैयारियों की जानकारी सामने आई, वैसे ही इसकी आलोचना शुरू हो गई। आनन-फानन में यूनिवर्सिटी के वीसी योगेश सिंह सामने आए और उन्होंने पूरे मामले पर सफाई दी। उन्होंने कहा, दिल्ली यूनिवर्सिटी के फैक्लटी ऑफ लॉ के जरिए आज एक प्रस्ताव पेश किया गया था। इस प्रस्ताव में उन्होंने न्यायशास्त्र विषय में बदलाव का सुझाव दिया था। वाइस चांसलर ने आगे कहा, इसमें से एक बदलाव मनुस्मृति को शामिल करने को लेकर था. हमने किताबों को शामिल करने और फैक्लटी के जरिए बदलाव के प्रस्ताव दोनों को ही खारिज कर दिया है। इस तरह की कोई भी चीज छात्रों को नहीं पढ़ाई जाएगी।

अब इस मामले में सियासत की एंट्री हो गई है। कांग्रेस के एससी-एसटी विभाग के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेश लिलोठिया ने कहा है कि लॉ फैकल्टी दिल्ली विश्वविद्यालय के अधीन है। इस तरह का प्रस्ताव लाने वालों के नाम सामने लाए जाएं। ऐसे लोग संविधान विरोधी हैं। उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज होना चाहिए वरना आंदोलन जारी रहेगा।

मनुस्मृति है क्या? 

मनुस्मृति हिन्दू धर्म के महत्वपूर्ण ग्रंथों में से एक है। इसे मनु संहिता या मानव धर्मशास्त्र के नाम से भी जाना जाता है। संस्कृत में लिखे गए इस ग्रंथ में धर्म, सामाजिक व्यवस्था और कानून से जुड़े विषयों पर जानकारी दी गई है। माना जाता है कि इसे भगवान मनु ने लिखा था जो भगवान विष्णु के अवतार माने जाते हैं। उन्हें हिन्दू धर्म में मानव जाति का प्रथम पुरुष भी कहा जाता है। मनु संहिता में कुल 12 अध्याय और 2684 श्लोक हैं। हालांकि, इसके कुछ संस्करणों में 2,964 श्लोक बताए गए हैं।

उज्जैन में इस बार खास रहेगा भगवान शिव का प्रिय महीना 'श्रावण', धूमधाम से मनेगा श्रावण महोत्सव, निकलेगी बाबा महाकाल की सवारी

भगवान शिव के सबसे प्रिय मास श्रावण मास की शुरुआत इस बार 22 जुलाई से हो रही है। इसकी शुरुआत के साथ ही धार्मिक नगरी उज्जैन में श्रावण ही नहीं बल्कि भादौ मास में भी लाखों श्रद्धालु बाबा महाकाल के दर्शन करने पहुंचते हैं। प्रतिवर्ष की तरह ही इस वर्ष भी सवारी के साथ ही श्रावण महोत्सव भी धूमधाम से मनाया जाएगा, जिसकी तैयारियां पूर्ण कर ली गई है।

श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति द्वारा 19वें श्रावण महोत्सव का आयोजन किया जाएगा। श्रावण महोत्सव शनिवार 27 जुलाई से प्रारंभ होकर शनिवार 31 अगस्त तक मनाया जाएगा। इस दौरान प्रत्येक शनिवार को प्रस्तुतियां आयोजित की जाएंगी। इसमें देश के ख्यात एवं स्थानीय कलाकारों द्वारा प्रस्तुति दी जाएगी। श्री महाकालेश्वर मंदिर के सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल ने बताया कि शनिवार 27 जुलाई को रतन मोहन शर्मा मुंबई का शास्त्रीय गायन, श्री गेभी साहब ताल वादन कचहरी, उज्जैन द्वारा समूह तबला वादन व उज्जैन की ऐश्वर्या शर्मा द्वारा कथक नृत्य की प्रस्तुति दी जाएगी। 

वहीं शनिवार 3 अगस्त को उज्जैन के राजीव शर्मा, मुकेश शर्मा, शैलेष शर्मा, मिथिलेश शर्मा (शर्मा बन्धु) का शास्त्रीय गायन, पुणे की नम्रता गायकवाड़ व प्रमोद गायकवाड़ का शहनाई वादन (जुगलबंदी) एवं पुणे की निकिता बणावलिकर द्वारा कथक नृत्य की प्रस्तुति होगी। शनिवार 10 अगस्त को कोलकाता की सुचिता गांगुली का शास्त्रीय गायन, श्रीवल्ली हैदराबाद के समूह का मोहिनीअट्टम व उज्जैन की अनन्या गौर द्वारा कथक नृत्य की प्रस्तुति होगी।

शनिवार 17 अगस्त को कोलकता के प्रसन्ना विश्वनाथन व सागर मोरानकर की ध्रुपद जुगलबंदी, कोलकता के मनाब परई का कथक नृत्य व प्रतिकल्पा सांस्कृतिक संस्था, उज्जैन द्वारा समूह कथक की प्रस्तुति दी जाएगी। शनिवार 24 अगस्त को सानिया पाटनकर, पुणे का शास्त्रीय गायन, नई दिल्ली के कुमार ऋषितोष एवं सहयोगियों द्वारा पञ्च वाद्य कचहरी जिसमें तबला, पखावज, परकशन, सारंगी, बांसुरी की प्रस्तुति के बाद संध्या का समापन उज्जैन की अंजना चौहान के कथक नृत्य से होगा। 19वें श्रावण महोत्सव में छटे व अंतिम शनिवार 31 अगस्त की संध्या में अजमेर के आनंद वैद्य के शास्त्रीय गायन, इंदौर की संस्था मुद्रा कथक अकादमी के समूह कथक व उज्जैन की मयूरी सक्सेना के कथक नृत्य की प्रस्तुति होगी। श्रावण महोत्सव श्री महाकाल महालोक के पास स्थित त्रिवेणी कला एवं पुरातत्व संग्रहालय में प्रत्येक शनिवार शाम 7 बजे से आयोजन होगा।

श्रावण मास में पांच सवारी एवं भादौ मास में दो सवारी निकलेगी। श्रावण-भादौ मास में निकलने वाली सवारियों के क्रम में प्रथम सवारी सोमवार 22 जुलाई, द्वितीय सवारी सोमवार 29 जुलाई, तृतीय सवारी सोमवार 5 अगस्त, चतुर्थ सवारी सोमवार 12 अगस्त, पंचम सवारी सोमवार 19 अगस्त को श्रावण मास में निकाली जाएगी। इसी तरह भादौ मास में षष्टम सवारी सोमवार 26 अगस्त तथा शाही सवारी सोमवार 2 सितम्बर को निकाली जाएगी।

भगवान श्री महाकालेश्वर की सवारी श्री महाकालेश्वर मन्दिर के सभा मण्डप में विधि-विधान से पूजन-अर्चन कर अपने निर्धारित समय पर प्रारंभ होकर मंदिर के मुख्य द्वार पर सशस्त्र पुलिस बल के जवानों द्वारा भगवान श्री महाकाल को सलामी देकर सवारी गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार, कहारवाड़ी से होते हुए रामघाट शिप्रा तट पहुंचेगी। यहां सवारी का पूजन-अर्चन होने के बाद सवारी रामानुजकोट, मोढ़ की धर्मशाला, कार्तिक चौक, खाती समाज मंदिर, सत्यनारायण मंदिर, ढाबा रोड, टंकी चौराहा, छत्री चौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार, गुदरी बाजार होती हुई श्री महाकालेश्वर मंदिर में वापस आएगी। शाही सवारी 2 सितंबर को उपरोक्त मार्ग के अलावा टंकी चौराहा से मिर्जा नईमबेग, तेलीवाड़ा चौराहा, कण्ठाल, सतीगेट, सराफा, छत्री चौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार, गुदरी चौराहा होते हुए महाकालेश्वर मंदिर पहुंचेगी।

महाकाल मंदिर के पट श्रावण-भादौ मास में प्रतिदिन भगवान श्री महाकालेश्वर की भस्म आरती 22 जुलाई से 2 सितंबर तक प्रात:कालीन पट खुलने का समय तड़के 3 बजे होगा। प्रत्येक सोमवार को भस्म आरती का समय प्रात: 2.30 बजे होगा। भस्म आरती प्रतिदिन प्रात: 3 से 5 बजे तक और प्रत्येक सोमवार को 2.30 से 4.30 बजे तक होगी। इसी तरह 3 सितंबर से पट खुलने का समय पूर्ववत होगा। श्रावण-भादौ मास में भस्म आरती में श्रद्धालुओं की संख्या कम की जाकर कार्तिकेय मंडपम की अंतिम तीन पंक्तियों से श्रद्धालुओं के लिए चलित भस्म आरती दर्शन की व्यवस्था रहेगी।

हमारे मछुआरों को श्रीलंका से छुड़ाने में मदद करें..', सीएम स्टालिन ने विदेश मंत्री जयशंकर को लिखा पत्र

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तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और DMK प्रमुख एमके स्टालिन ने केंद्रीय विदेश मंत्री एस जयशंकर को पत्र लिखकर उनसे श्रीलंकाई नौसेना द्वारा गिरफ्तार किए गए भारतीय मछुआरों की रिहाई के लिए मदद मांगी है। मुख्यमंत्री का यह पत्र ऐसे वक़्त में आया है जब गुरुवार को श्रीलंकाई नौसेना ने तमिलनाडु के 13 मछुआरों को पकड़ लिया और उनकी तीन नावें भी जब्त कर लीं।

सीएम स्टालिन ने जयशंकर को लिखे पत्र में कहा कि, "अभी तक श्रीलंकाई अधिकारियों ने 173 मछली पकड़ने वाली नौकाओं और 80 मछुआरों को हिरासत में लिया है। इन हिरासतों से उनकी आजीविका पर गंभीर असर पड़ा है और उनके परिवारों को भारी परेशानी हुई है।मुख्यमंत्री ने अपने पत्र में कहा कि, "इसलिए, मैं अनुरोध करता हूं कि विदेश मंत्रालय इस मामले को तत्काल सुलझाने के लिए एक मजबूत और समन्वित प्रयास करे। मैं यह भी अनुरोध करता हूं कि सभी मछुआरों और उनकी मछली पकड़ने वाली नौकाओं की तत्काल रिहाई सुनिश्चित करने के लिए उचित राजनयिक चैनल सक्रिय किए जाएं।"

पिछले महीने की शुरूआत में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ने इस मुद्दे पर 19, 24 और 25 जून को जयशंकर को तीन पत्र लिखे थे। विदेश मंत्री ने उन्हें बताया था कि कोलंबो स्थित भारतीय उच्चायोग और जाफना स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास इस मुद्दे को श्रीलंकाई अधिकारियों के समक्ष तेजी से और लगातार उठा रहे हैं। अंतर्राष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा पार करने तथा श्रीलंकाई जलक्षेत्र में मछली पकड़ने के आरोप में भारतीय मछुआरों को श्रीलंकाई नौसेना द्वारा गिरफ्तार किये जाने की घटनाएं नियमित रूप से होती रही हैं। बता दें कि, इसी वर्ष मार्च में भी ऐसी ही एक घटना घटी थी, जब श्रीलंकाई नौसेना ने अपने जलक्षेत्र में अवैध शिकार करने के आरोप में तमिलनाडु के 22 मछुआरों को गिरफ्तार कर लिया था और उनके सामान जब्त कर लिए थे।

क्या है NOK नियम? जिसे बदलने की मांग कर रहे है शहीद कैप्टन अंशुमान सिंह के माता-पिता

 बीते वर्ष सियाचिन में शहीद हुए कैप्टन अंशुमान सिंह को हाल ही में कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया। राष्ट्रपति भवन में आयोजित इस कार्यक्रम में उनकी पत्नी स्मृति और मां मंजू सिंह ने यह सम्मान ग्रहण किया। इस मौके पर स्मृति ने बताया कि कैसे उनकी और अंशुमान सिंह की मुलाकात हुई थी एवं शादी के मात्र 5 महीने बाद ही वह विधवा हो गईं। सम्मान ग्रहण करते वक़्त स्मृति के चेहरे पर जो भाव थे, उनकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर साझा की गईं, जिन पर लोगों ने भावुक टिप्पणियां कीं।

हालांकि, अब शहीद अंशुमान सिंह का परिवार दूसरी खबरों से चर्चा में है। अंशुमान के माता-पिता ने उनकी पत्नी पर गंभीर आरोप लगाए हैं तथा केंद्र सरकार से मांग की है कि एनओके (नेक्स्ट ऑफ किन) कानून की परिभाषा को पुनः निर्धारित किया जाए।

एनओके (नेक्स्ट ऑफ किन) क्या है?

जब कोई व्यक्ति सेना में भर्ती होता है, तो उसके निकटतम रिश्तेदारों के रूप में माता-पिता का नाम दर्ज किया जाता है। शादी के पश्चात् माता-पिता के नाम की जगह स्वचालित रूप से पत्नी का नाम दर्ज हो जाता है। जवान के शहीद होने पर आर्थिक मदद और अन्य सैन्य सुविधाएं उसकी पत्नी को मिलती हैं। इसी को एनओके कहा जाता है। कैप्टन अंशुमान सिंह के माता-पिता ने इसी नियम में परिवर्तन की मांग की है।

राहुल गांधी ने संसद में यह मुद्दा उठाने का आश्वासन दिया: पिता

कैप्टन अंशुमान सिंह के पिता रवि प्रताप सिंह ने कहा, "एनओके का जो निर्धारित मापदंड है, वह ठीक नहीं है। इस बारे में मैं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को अवगत करा चुका हूं। 5 महीने की शादी थी, कोई बच्चा नहीं है। बहू ने हमसे बिना पूछे मेरे बेटे का स्थायी पता भी बदलवा दिया है। अब हमारे पास क्या बचा है? इस नियम में बदलाव होना चाहिए। यदि बहू परिवार में रहेगी तो क्या होगा, नहीं रहेगी तो क्या होगा? बच्चे होंगे तो क्या होगा? शहीद पर परिवार की कितनी जिम्मेदारी थी, ये सब भी देखना चाहिए। मेरे बेटे को कीर्ति चक्र मिला, मेरी पत्नी भी बहू के साथ सम्मान लेने गई, पर वह कीर्ति चक्र को छू तक नहीं पाई। दो दिन पहले रायबरेली में राहुल गांधी से मुलाकात में मैंने यह मुद्दा उठाया था। राहुल जी ने मुझे आश्वासन दिया है कि वह राजनाथ सिंह से इस बारे में बात करेंगे और इसका कुछ हल निकाला जाएगा।"

अंशुमान सिंह की मां मंजू सिंह ने कहा, "राहुल गांधी जी से चर्चा में मैंने यही कहा कि मेरे साथ तो यह घटना हो गई, पर नियमों में परिवर्तन हो ताकि आगे किसी अंशुमान सिंह के माता-पिता को ऐसी समस्या का सामना न करना पड़े। बहुएं भाग जा रही हैं, ऐसी घटनाएं समाज में बढ़ती जा रही हैं।" अंशुमान सिंह की पत्नी स्मृति सिंह पंजाब के गुरदासपुर की रहने वाली हैं। अंशुमान के पिता का दावा है कि बेटे की तेरहवीं के अगले दिन ही वह अपने मायके चली गईं और दोबारा लौटकर नहीं आईं।

बजट 2024 की तैयारियों में जुटी मोदी सरकार, प्रधानमंत्री ने आज अर्थशास्त्रियों संग की बैठक, कई मुद्दों पर हुई चर्चा

 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगामी 2024 के बजट की तैयारी के लिए आज गुरुवार (11 जुलाई) को अर्थशास्त्रियों के साथ एक अहम बैठक की। इस बजट पूर्व चर्चा में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण भी शामिल हुईं। बता दें कि मोदी सरकार अपने तीसरे कार्यकाल का पहला पूर्ण बजट 23 जुलाई को पेश करने वाली है।

अर्थशास्त्रियों और क्षेत्रीय विशेषज्ञों के अलावा बैठक में नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी और थिंक टैंक के अन्य सदस्य भी शामिल हुए। बजट से पहले वित्त मंत्री सीतारमण ने किसान संगठनों और राज्य वित्त मंत्रियों सहित विभिन्न हितधारकों के साथ कई बैठकें की हैं। इन चर्चाओं में उन्हें कई सुझाव मिले, जैसे कि निरंतर पूंजीगत व्यय की आवश्यकता, राजकोषीय विवेक बनाए रखना, निजी खपत को बढ़ावा देने के लिए कर दरों को कम करना और सामाजिक और ग्रामीण खर्च बढ़ाना।

सीतारमण ने विशेषज्ञों और प्रतिनिधियों को आश्वासन दिया कि बजट तैयार करते समय उनके सुझावों की सावधानीपूर्वक समीक्षा की जाएगी और उन पर विचार किया जाएगा। सरकार से उम्मीद की जा रही है कि वह रोजगार पर ध्यान केंद्रित करेगी और व्यापक आर्थिक स्थिरता बनाए रखेगी। बजट चुनावों से पहले निर्धारित की गई शुरुआती 100-दिवसीय योजना पर आधारित होगा और इसमें पंचवर्षीय योजनाओं से दीर्घकालिक रणनीतियां और 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने का लक्ष्य रखने वाला एक विज़न दस्तावेज़ शामिल होगा।

बेटे अंशुमान सिंह की शहादत के बाद माता-पिता को अब इस बात का है दर्द, जानें सेना से किस बदलाव की कर रहे मांग

#captain_anshuman_singh_parents_allegations_on_daughter_in_law

सियाचिन में पिछले साल 19 जुलाई को साथियों को बचाते हुए कैप्टन अंशुमान सिंह शहीद हो गए, जिसके बाद उन्हें हाल ही में राष्ट्रपति ने कीर्ति चक्र से सम्मानित किया था। अंशुमान सिंह को राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने 5 जुलाई को मरणोपरांत कीर्ति चक्र से सम्मानित किया है। ये सम्मान शहीद अंशुमान सिंह की पत्नी स्मृति सिंह और उनके मां मंजू देवी ने लिया। बेटे की शहादत के बाद शहीद के माता-पिता ने अपनी बहू स्मृति सिंह पर गंभीर आरोप लगाए हैं। माता-पिता ने अपने बयान में कहा कि उनका बेटा शहीद हुआ लेकिन, उन्हें कुछ नहीं मिला। सम्मान और अनुग्रह राशि दोनों बहू लेकर चली गई। उनका बेटा भी चला गया और बहू भी चली गई। कैप्टन अंशुमान सिंह के माता-पिता ने भारतीय सेना की ‘निकटतम परिजन’ (एनओके) नीति में बदवाल की मांग की है। इस नीति के तहत सेना के किसी जवान की मौत होने पर उसके परिवार के सदस्यों को आर्थिक सहायता दी जाती है। 

यूपी स्थित देवरिया जिले के रहने वाले शहीद कैप्‍टन अंशुमान सिंह की मां मंजू सिंह और पिता रवि प्रताप सिंह ने बहु स्मृति पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। परिवार ने कहा कि बहु स्मृति ने बेटे को मिले कीर्ति चक्र को छूने तक नहीं दिया। साथ ही सम्मान और अनुग्रह राशि भी साथ ले गई। वहीं अपना पता भी चेंज करा दिया है। 

शहीद कैप्टन अंशुमान सिंह के पिता रवि प्रताप सिंह ने कहा कि वह ‘एनओके’ के निर्धारित मापदंड में बदलाव चाहते हैं। इस मानदंड को ‘गलत’ बताते हुए शहीद कैप्टन के पिता रवि प्रताप सिंह ने कहा कि उनके बेटे की मौत के बाद उनकी विधवा स्मृति सिंह घर छोड़कर चली गईं और मौजूदा वक्त में उन्हें ही हर लाभ हासिल हो रहा है। इसके लिए वह रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को भी अवगत करा चुके हैं। इसके अलावा दो दिन पहले उनकी राहुल गांधी से मुलाकात के दौरान भी उन्होंने इसमें बदलाव की अपनी इच्छा जाहिर की है। उन्होंने कहा कि 5 महीने पहले ही उनके बेटे की शादी हुई थी और उनके कोई बच्चा भी नहीं है पर अब मां-बाप के पास उनके बेटे की तस्वीर के सिवा कुछ भी नहीं है। 

‘निकटतम परिजन’ यानी ‘एनओके’ शब्द का अर्थ किसी व्यक्ति के जीवनसाथी, सबसे करीबी रिश्तेदार, परिवार के सदस्य या कानूनी अभिभावक से है। जब कोई व्यक्ति सेना में भर्ती होता है तो उसके माता-पिता या अभिभावकों को ‘एनओके’ के रूप में सूचीबद्ध किया जाता है। सेना के नियमों के अनुसार, जब कोई कैडेट या अधिकारी शादी करता है, तो उसके माता-पिता के बजाय उसके जीवनसाथी का नाम उसके निकटतम परिजन के रूप में सूचीबद्ध किया जाता है। नियमों के अनुसार, अगर सेवा के दौरान किसी व्यक्ति को कुछ हो जाता है तो अनुग्रह राशि ‘एनओके’ को दी जाती है।