बाढ़ कार्यों में लापरवाही पर मुख्यमंत्री का एक्शन, पांच जिलों के 10 अधिकारियों से जवाब तलब
लखनऊ। सरकारी कार्यों में हीलाहवाली करने वाले लापरवाह अधिकारी लगातर मुख्यमंत्री के निशाने पर बने हुए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भ्रष्टाचार में लिप्त और कार्यों में लापरवाही करने वाले अधिकारियों के लिए लगातार सख्त एक्शन ले रहे हैं। इसी के तहत योगी ने गुरुवार को बाढ़ संबंधी कार्यों में लापरवाही एवं क्षतिग्रस्त फसलों के सर्वे में लापरवाही बरतने वाले पांच जिले के एडीएम (एफआर) और आपदा विशेषज्ञों से जवाब तलब किया है। इन पांचों जिलों के लापरवाह अधिकारियों को दो दिन में अपना स्पष्टीकरण देना होगा। जवाब संतोषजनक नहीं होने पर सख्त कार्रवाई हो सकती है।

राहत आयुक्त जीएस नवीन ने बताया कि सीएम योगी आदित्यनाथ बाढ़ प्रभावित इलाकों की रोजाना अपेडट ले रहे हैं। साथ ही अधिकारियों को राहत कार्यों से संबंधित दिशा-निर्देश दे रहे हैं ताकि जनहानि-धनहानि को कम से कम किया जा सके। मुख्यमंत्री को लखनऊ, प्रतापगढ़, सीतापुर, अंबेडकरनगर और बलिया के एडीएम (एफआर) और आपदा विशेषज्ञ द्वारा बाढ़ संबंधी सूचना ससमय उपलब्ध न कराने एवं क्षतिग्रस्त फसलों के सर्वे में लापरवाही की सूचना मिली। इस पर उन्होंने नाराजगी जाहिर करते हुए लापरवाह पांचों जिलों के एडीएम (एफआर) और आपदा विशेषज्ञ को स्पष्टीकरण सौंपने के निर्देश दिए। उन्होंने इन सभी को दो दिन में स्पष्टीकरण देने के निर्देश दिए।


राहत आयुक्त ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर लखनऊ के एडीएम (एफआर) राकेश सिंह, आपदा विशेषज्ञ अमर सिंह, प्रतापगढ़ के एडीएम (एफआर) त्रिभुवन विश्वकर्मा, आपदा विशेषज्ञ अनुपम शेखर तिवारी, अंबेडकरनगर के एडीएम (एफआर) सदानंद गुप्ता, आपदा विशेषज्ञ सूर्यभान सिंह को नोटिस जारी की गई है। इसके अलावा बाढ़ संबंधी कार्यों में शिथिलता बरतने पर सीतापुर के एडीएम (एफआर) नीतीश कुमार सिंह, आपदा विशेषज्ञ हीरालाल और बलिया के एडीएम (एफआर) देवेंद्र प्रताप सिंह, आपदा विशेषज्ञ पीयूष कुमार सिंह को नोटिस जारी की गई है।

राहत आयुक्त ने बताया कि सभी पांच जिलों के एडीएम (एफआर) और आपदा विशेषज्ञों को दो दिन में अपना जवाब देना होगा। इसके बाद उनके जवाब को मुख्यमंत्री कार्यालय भेजा जाएगा। जानकारों की मानें तो मुख्यमंत्री अगर लापरवाह आधिकारियों के जवाब से संतुष्ट नहीं हुए तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सकती है।

बाढ़ कार्यों में लापरवाही पर मुख्यमंत्री का एक्शन, पांच जिलों के 10 अधिकारियों से जवाब तलब
लखनऊ। सरकारी कार्यों में हीलाहवाली करने वाले लापरवाह अधिकारी लगातर मुख्यमंत्री के निशाने पर बने हुए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भ्रष्टाचार में लिप्त और कार्यों में लापरवाही करने वाले अधिकारियों के लिए लगातार सख्त एक्शन ले रहे हैं। इसी के तहत योगी ने गुरुवार को बाढ़ संबंधी कार्यों में लापरवाही एवं क्षतिग्रस्त फसलों के सर्वे में लापरवाही बरतने वाले पांच जिले के एडीएम (एफआर) और आपदा विशेषज्ञों से जवाब तलब किया है। इन पांचों जिलों के लापरवाह अधिकारियों को दो दिन में अपना स्पष्टीकरण देना होगा। जवाब संतोषजनक नहीं होने पर सख्त कार्रवाई हो सकती है।

राहत आयुक्त जीएस नवीन ने बताया कि सीएम योगी आदित्यनाथ बाढ़ प्रभावित इलाकों की रोजाना अपेडट ले रहे हैं। साथ ही अधिकारियों को राहत कार्यों से संबंधित दिशा-निर्देश दे रहे हैं ताकि जनहानि-धनहानि को कम से कम किया जा सके। मुख्यमंत्री को लखनऊ, प्रतापगढ़, सीतापुर, अंबेडकरनगर और बलिया के एडीएम (एफआर) और आपदा विशेषज्ञ द्वारा बाढ़ संबंधी सूचना ससमय उपलब्ध न कराने एवं क्षतिग्रस्त फसलों के सर्वे में लापरवाही की सूचना मिली। इस पर उन्होंने नाराजगी जाहिर करते हुए लापरवाह पांचों जिलों के एडीएम (एफआर) और आपदा विशेषज्ञ को स्पष्टीकरण सौंपने के निर्देश दिए। उन्होंने इन सभी को दो दिन में स्पष्टीकरण देने के निर्देश दिए।


राहत आयुक्त ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर लखनऊ के एडीएम (एफआर) राकेश सिंह, आपदा विशेषज्ञ अमर सिंह, प्रतापगढ़ के एडीएम (एफआर) त्रिभुवन विश्वकर्मा, आपदा विशेषज्ञ अनुपम शेखर तिवारी, अंबेडकरनगर के एडीएम (एफआर) सदानंद गुप्ता, आपदा विशेषज्ञ सूर्यभान सिंह को नोटिस जारी की गई है। इसके अलावा बाढ़ संबंधी कार्यों में शिथिलता बरतने पर सीतापुर के एडीएम (एफआर) नीतीश कुमार सिंह, आपदा विशेषज्ञ हीरालाल और बलिया के एडीएम (एफआर) देवेंद्र प्रताप सिंह, आपदा विशेषज्ञ पीयूष कुमार सिंह को नोटिस जारी की गई है।

राहत आयुक्त ने बताया कि सभी पांच जिलों के एडीएम (एफआर) और आपदा विशेषज्ञों को दो दिन में अपना जवाब देना होगा। इसके बाद उनके जवाब को मुख्यमंत्री कार्यालय भेजा जाएगा। जानकारों की मानें तो मुख्यमंत्री अगर लापरवाह आधिकारियों के जवाब से संतुष्ट नहीं हुए तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सकती है।

बाढ़ कार्यों में लापरवाही पर मुख्यमंत्री का एक्शन, पांच जिलों के 10 अधिकारियों से जवाब तलब
लखनऊ। सरकारी कार्यों में हीलाहवाली करने वाले लापरवाह अधिकारी लगातर मुख्यमंत्री के निशाने पर बने हुए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भ्रष्टाचार में लिप्त और कार्यों में लापरवाही करने वाले अधिकारियों के लिए लगातार सख्त एक्शन ले रहे हैं। इसी के तहत योगी ने गुरुवार को बाढ़ संबंधी कार्यों में लापरवाही एवं क्षतिग्रस्त फसलों के सर्वे में लापरवाही बरतने वाले पांच जिले के एडीएम (एफआर) और आपदा विशेषज्ञों से जवाब तलब किया है। इन पांचों जिलों के लापरवाह अधिकारियों को दो दिन में अपना स्पष्टीकरण देना होगा। जवाब संतोषजनक नहीं होने पर सख्त कार्रवाई हो सकती है।

राहत आयुक्त जीएस नवीन ने बताया कि सीएम योगी आदित्यनाथ बाढ़ प्रभावित इलाकों की रोजाना अपेडट ले रहे हैं। साथ ही अधिकारियों को राहत कार्यों से संबंधित दिशा-निर्देश दे रहे हैं ताकि जनहानि-धनहानि को कम से कम किया जा सके। मुख्यमंत्री को लखनऊ, प्रतापगढ़, सीतापुर, अंबेडकरनगर और बलिया के एडीएम (एफआर) और आपदा विशेषज्ञ द्वारा बाढ़ संबंधी सूचना ससमय उपलब्ध न कराने एवं क्षतिग्रस्त फसलों के सर्वे में लापरवाही की सूचना मिली। इस पर उन्होंने नाराजगी जाहिर करते हुए लापरवाह पांचों जिलों के एडीएम (एफआर) और आपदा विशेषज्ञ को स्पष्टीकरण सौंपने के निर्देश दिए। उन्होंने इन सभी को दो दिन में स्पष्टीकरण देने के निर्देश दिए।


राहत आयुक्त ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर लखनऊ के एडीएम (एफआर) राकेश सिंह, आपदा विशेषज्ञ अमर सिंह, प्रतापगढ़ के एडीएम (एफआर) त्रिभुवन विश्वकर्मा, आपदा विशेषज्ञ अनुपम शेखर तिवारी, अंबेडकरनगर के एडीएम (एफआर) सदानंद गुप्ता, आपदा विशेषज्ञ सूर्यभान सिंह को नोटिस जारी की गई है। इसके अलावा बाढ़ संबंधी कार्यों में शिथिलता बरतने पर सीतापुर के एडीएम (एफआर) नीतीश कुमार सिंह, आपदा विशेषज्ञ हीरालाल और बलिया के एडीएम (एफआर) देवेंद्र प्रताप सिंह, आपदा विशेषज्ञ पीयूष कुमार सिंह को नोटिस जारी की गई है।

राहत आयुक्त ने बताया कि सभी पांच जिलों के एडीएम (एफआर) और आपदा विशेषज्ञों को दो दिन में अपना जवाब देना होगा। इसके बाद उनके जवाब को मुख्यमंत्री कार्यालय भेजा जाएगा। जानकारों की मानें तो मुख्यमंत्री अगर लापरवाह आधिकारियों के जवाब से संतुष्ट नहीं हुए तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सकती है।

समुचित इलाज न मिलने से बहन की मौत के बाद शव को कंधे पर लादकर पांच किलोमीटर पैदल चलकर गांव पहुंचा भाई, वीडियो वायरल

लखनऊ ।यूपी में भारी बारिश के चलते कई जिलों में बाढ़ के हालात उत्पन्न हो गए है।  लखीमपुर खीरी जिले में बाढ़ से हालात भयावह हैं। बाढ़ के बीच बेबसी का दिल झकझोर देने वाला मामला सामने आया है। समुचित इलाज न मिल पाने से एक किशोर की हो गई। मौत के बाद बहन का शव कंधे पर लादकर भाइयों को पांच किलोमीटर पैदल चलना पड़ा, तब वे गांव पहुंच सके। इसका वीडियो भी वायरल हुआ है।

मामला मैलानी थाना के गांव एलनगंज महाराज नगर का है। बताते हैं कि गांव की 15 वर्षीय शिवानी की तबीयत खराब होने पर परिजनों ने उसे पलिया के अस्पताल में भर्ती कराया था। शिवानी को टाइफाइड था। परिजनों ने बताया कि बरसात के चलते पलिया शहर टापू में तब्दील हो गया। आवागमन बंद होने के कारण वे बेहतर इलाज के लिए बहन को बाहर नहीं ले जा सके, जिससे मौत हो गई।

यह भी बताया कि मौत के बाद शव गांव ले जाने की कोई व्यवस्था न होने पर उन्होंने नाव से नदी पार की और पांच किलोमीटर शव कंधे पर लादकर गांव आए। बहन का शव कंधे पर लादकर ले जाने का वीडियो भी वायरल हुआ है। गांव के प्रधान ने भी इस बात की पुष्टि की है।एक दिन पहले इसी तरह का मामला मझगई थाना क्षेत्र में सामने आया था। यहां समय पर एंबुलेंस नहीं आई, जिससे बीमार बच्ची को उपचार नहीं मिल सका और उसकी मौत हो गई। मझगई के गांव सेमरहिया निवासी राकेश की दो वर्षीय बेटी को बुखार आ रहा था।

बाढ़ में रास्तों पर पानी भरा होने की वजह से परिजन उसे इलाज के लिए कहीं ले नहीं जा पा रहे थे। स्वास्थ्य टीम गांव भी नहीं पहुंची। परिजनों के अनुसार क्षेत्रीय लेखपाल ने बुखार से पीड़ित बच्ची को बुधवार सुबह सलीमाबाद चौराहे पर लाने का कहा था। चौराहे पर एंबुलेंस मिलने की बात कही थी। राकेश, पत्नी के साथ बच्ची को लेकर सुबह सात बजे चौराहे पर पहुंच गए, लेकिन एंबुलेंस 11 बजे आई, तब तक बच्ची की मौत हो गई।
यूपी में 17 चिकित्साधिकारी बर्खास्त, लंबे समय से चल रहे थे गैरहाजिर

लखनऊ । यूपी के प्रदेश के विभिन्न अस्पतालों से लंबे समय से गैर हाजिर चल रहे है।जिसकी वजह से अस्पताल में चिकित्सा व्यवस्था प्रभावित चल रही है। जिसे देखते हुए  17 चिकित्साधिकारियों को बर्खास्त कर दिया गया है। इसी तरह तीन चिकित्साधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई है। यह कार्रवाई उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक के निर्देश पर चिकित्सा स्वास्थ्य, परिवार कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा ने की।

प्रदेश के विभिन्न सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में चिकित्सकों की तैनाती की गई थी। तैनाती के बाद चिकित्साधिकारी गायब हो गए। उन्हें नोटिस भेजी गई, लेकिन वे अस्पताल नहीं लौटे। इस पर उन्हें बर्खास्त कर दिया गया है। इसमें मथुरा जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बलदेव के चिकित्साधिकारी डॉ. आनंद गोयल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के मोहनकोला की चिकित्साधिकारी डॉ. नेहा सिंह, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जगदीशपुर की चिकित्साधिकारी डॉ. निक्की, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जमीन फरेंदा की चिकित्साधिकारी डॉ. ईशा सिंह, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, खेसरहा की चिकित्साधिकारी डॉ. पारुल वर्मा को बर्खाख्त कर दिया गया है।

इसी तरह प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र होलीपुरा की चिकित्साधिकारी डॉ. कृतिका, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र आहरण की चिकित्साधिकारी डॉ. सुनाक्षी सेठ, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बेतिया के चिकित्साधिकारी डॉ. रजनीश चौधरी, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मुरली छपरा के चिकित्साधिकारी डॉ. राहुल कुमार, सीएमओ बलिया कार्यालय में कार्यरत डॉ. एसपी जैन, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कालपी के चिकित्साधिकारी डॉ. सत्येंद्र पुरवार, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, बमटापुर (बरनाहाल) की चिकित्साधिकारी डॉ. अंजली वर्मा, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, औछा की चिकित्साधिकारी डॉ. स्वाति कुशवाहा, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, मड़िहान के चिकित्साधिकारी डॉ. अखलाक अहमद, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, भोजीपुरा चिकित्साधिकारी डॉ. रूबी जायसवाल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, जसराना की चिकित्साधिकारी डॉ. सरिता पांडेय, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हथौली जयसिंहपुर के चिकित्साधिकारी डॉ. मनीष मगन शामिल हैं। इन सभी की बर्खास्तगी के बाद संबंधित पद को रिक्त घोषित कर दिया गया है।
सौतेले पिता ने छह साल के बेटे की पीट-पीटकर की हत्या, चीखती और चिल्लाती रह गई मां फिर भी पति का नहीं पसीजा दिल
लखनऊ । राजधानी में एक दिल को झकझोर देने वाली घटना सामने आयी है। ठाकुरगंज के रस्तोगी नगर में  गुरुवार की दोपहर एक युवक ने अपने छह साल के सौतेले बेटे को पीट-पीट कर मार डाला। बच्चे की मां चीखती चिल्लाती रही लेकिन आरोपी का दिल नहीं पसीजा। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।

रस्तोगीनगर निवासी मोनू मिश्रा उर्फ शिवशक्ति कैटरिंग का काम करता है। रायबरेली बछरांवा निवासी काजल से उसका प्रेम प्रसंग चल रहा था। दो साल पहले काजल अपने पति को छोड़कर मोनू के साथ रहने लगी थीं। दोनों की एक बच्ची भी है। काजल के पहले पति से बड़ा बेटा अमित है और छोटा बेटा अंकित उर्फ प्रिंस (6) था। एडीसीपी पश्चिम विश्वजीत श्रीवास्तव ने बताया कि बृहस्पतिवार को दोपहर पूरा परिवार घर पर था। इसी दौरान वह पत्नी से सौतेले बेटों को लेकर झगड़ने लगा। अचानक से अंकित को पीटने लगा। उसको तब तक पीटा जब तक सांसें नहीं थम गईं।

मोनू परिवार के साथ पुष्पेंद्र यादव के घर में किराये पर रहता है। पुष्पेंद्र और उनकी पत्नी सुनीता दोनों बृहस्पतिवार को रिश्तेदार के घर गए थे। इधर जब पीट-पीटकर मार डाला तब काजल और मोनू उसको लेकर अस्पताल गए। मृत घोषित करने पर वापस घर आ गए। एक पड़ोसी ने वापस आते देख लिया। जिसमें अंकित बेजान सा दिखा। तब उन्होंने तुरंत सुनीता को जानकारी दी। सुनीता और पुष्पेंद्र घर पहुंचे तो पता चला कि अंकित को मार दिया। मोनू को उन लोगों ने कमरे के भीतर बंद कर दिया। फिर पुलिस को सूचना दी।
100 रुपये से कम में दाल लेना हो तो मंत्री जी से संपर्क करें, कांग्रेस कार्यालय के बाहर लगी होर्डिंग बना चर्चा का विषय
लखनऊ । महंगाई और बेरोजगारी को लेकर भाजपा सरकार लगातार कांग्रेस के निशाने पर है। इसके साथ ही सरकार के मंत्री ही अपनी सरकार के लिए समस्याएं खड़ी कर रहे हैं। बीते दिनों लखनऊ में प्रेसवार्ता के दौरान यूपी सरकार के मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने बयान दिया था कि प्रदेश में कहीं भी दाल 100 रुपये से अधिक में नहीं है और जब उनसे पूछा गया कि कहां पर सौ रुपये में दाल मिल रही है तो वह हंसने लगे। इसे लेकर कांग्रेस ने भाजपा सरकार पर निशाना साधा है। कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष शरद शुक्ला ने पार्टी के प्रदेश कार्यालय के बाहर होर्डिंग लगा दी है कि 100 रुपये से कम में दाल लेना हो तो मंत्री जी से संपर्क करें।


बता दें कि भाजपा सरकार लगातार महंगाई के मुद्दे पर जनता और विपक्ष के निशाने पर है। कांग्रेस नेता का कहना है कि मंत्री जी जनता की गरीबी और मुश्किलों का मजाक बना रहे हैं। इसे लेकर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी भाजपा पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि सरकार में बैठे लोग झूठ के दम पर सरकार चलाना चाहते हैं। वह जमीनी हकीकत से दूर हैं। महंगाई बढ़ाने के लिए भाजपा जिम्मेदार है क्योंकि वो अपने लोगों को मुनाफा कमाने दे रहे हैं।
आज कई जिलों में भारी बारिश की संभावना
लखनऊ । मौसम विभाग के तमाम दावों के बावजूद गुरुवार को प्रदेश के ज्यादातर इलाकों में सिर्फ बादलों की ही आवाजाही रही। हालांकि गोरखपुर, वाराणसी, गाजीपुर, बलिया जैसे कुछ पूर्वी इलाकों में बारिश हुई, लेकिन बाकी हिस्सों में लोग बारिश का इंतजार ही करते रहे। दिन भर लोग गर्मी व उमस से परेशान रहे। दिन में कानपुर- 37.9 डिग्री और वाराणसी 37 डिग्री सेल्सियस तापमान के साथ सबसे गर्म रहे। न्यूनतम तापमान की बात करें तो रात में गाजीपुर में 22 डिग्री, बस्ती में 23.5 और बरेली में 24 डिग्री सेल्सियस रहा।

गुरुवार को शाम पांच बजे तक सुल्तानपुर में 51.2 मिमी, बलिया में 40.2 मिमी. और वाराणसी में 30.2 बारिश दर्ज की गई। मौसम विभाग ने शुक्रवार के लिए पूर्वी व पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अलग अलग इलाकों में गरज चमक के साथ भारी बारिश का आरेंज अलर्ट जारी किया है। वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक अतुल कुमार सिंह के मुताबिक मानसून टर्फ के उत्तर की ओर अपनी सामान्य स्थिति पर खिसकने की वजह से बारिश की तीव्रता व क्षेत्रफल में बढोतरी के संकेत हैं। शुक्रवार को ज्यादातर इलाकों में बारिश हो जाने की वजह से उमस के कम होने की संभावना है। हालांकि यह राहत बहुत दिनों तक नहीं रहेगी। शनिवार से बारिश में कमी के आसार हैं।
अभिनेता अभिषेक बच्चन ने मां जया और बहन श्वेता के साथ बाबा विश्वनाथ का किया दर्शन—पूजन
लखनऊ /वाराणसी। बॉलीवुड अभिनेता अभिषेक बच्चन, उनकी मां सपा सांसद जया बच्चन और बहन श्वेता नंदा ने गुरुवार शाम श्री काशी विश्वनाथ के दरबार में हाजिरी लगाई। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के सदस्य ज्योतिषाचार्य डॉ. चंद्रमौली उपाध्याय की देखरेख में बच्चन परिवार ने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच बाबा का विधिवत दर्शन-पूजन किया। दर्शन-पूजन के बाद मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने बच्चन परिवार को प्रसाद व अंगवस्त्रम भेंट किया।

मंदिर से बाहर निकलने पर युवा प्रशंसकों ने बच्चन परिवार को देख हर-हर महादेव का उद्घोष किया। बच्चन परिवार ने भी उनका हाथ जोड़कर अभिवादन किया। इसके पहले अभिषेक,जया और श्वेता वाराणसी एयरपोर्ट से कड़ी सुरक्षा के बीच होटल पहुंचे। होटल में कुछ देर विश्राम के बाद बाबा विश्वनाथ के दर्शन-पूजन के लिए निकले। बाबा विश्वनाथ के पूजन अर्चन के बाद उन्होंने श्री संकट मोचन मंदिर में भी हाजिरी लगाई।

सीएम योगी आदित्यनाथ ने श्रावस्ती में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का किया निरीक्षण
लखनऊ । बुधवार को पीलीभीत व लमीमपुर खीरी में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने के बाद  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को श्रावस्ती में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हेलीकाप्टर से निरीक्षण किया। इस दौरान उनके साथ जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह भी मौजूद रहे। मुख्यमंत्री राहत कैम्पों में भी गए और बाढ़ पीड़ितों से मुलाकात की। उन्हें राहत पैकेट वितरित किए। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बार जुलाई के प्रथम सप्ताह में ही बाढ़ आ गयी है। विपरीत परिस्थितियों में भी कार्य कर रहे हैं।आधी रात में पानी भरगया। 11 लोग फंस गए। उन्होंने पुलिस को फोन किया। पुलिस मौके पर पहुंची और रेस्क्यू किया। सबको बचा लिया। हमने उन पुलिसकर्मियों को पुरस्कार दिए हैं।

633 गांव के 17 लाख से अधिक आवादी बाढ़ की चपेट में

जिन महिला और पुरुष ने इसमें मदद की, उन्हें पुरस्कार राशि दी जाएगी। आपदा में यदि किसी की जान चली जाती है तो उन पीड़ित परिवारों को चार-चार लाख रुपये सहायता राशि दी जाए। आज भी चार परिवारों को जिन्होंने अपने परिवार के सदस्य खोए हैं, उन्हें चार-चार लाख रुपये के चेक प्रदान किए गए। बाढ़ की स्थिति अकेले यहीं है। 35 तहसील, 633 गांव के 17 लाख से अधिक आवादी बाढ़ की चपेट में हैं। कृषि भूमि भी बाढ़ की चपेट में आई है।

सीएम का निर्देश, बाढ़ प्रभावितों को भोजन की समस्या न हो

मुख्यमंत्री ने अधिकारियाें काे निर्देश दिए कि बाढ़ प्रभावितों को भोजन की समस्या न हो, जानवरों के लिए चारे की व्यवस्था हो। बचाव कार्य में किसी भी स्तर पर लापरवाही नहीं होनी चाहिए। युद्ध स्तर पर राहत एवं बचाव कार्य संचालित किया जाए। पूरे प्रदेश में करीब एक हजार बाढ़ चौकियां स्थापित की गई हैं।इस मौके पर विधायक सुभाष त्रिपाठी, एमएलसी पदमसेन चौधरी, विधायक रामफेरन पांडेय, जिला पंचायत अध्यक्ष दद्दन मिश्रा समेत अन्य लोग मौजूद रहे।

पीलीभीत व लखीमपुर खीरी का सीएम ने किया दौरा

बाढ़ से जूझ रहे लोगों का हाल जानने के लिए सीएम योगी ने बुधवार को पीलीभीत और लखीमपुर खीरी का हवाई दौरा किया। साथ ही दोनों जिलों में लोगों के बीच पहुंचकर राहत सामग्री बांटी। उन्होंने भरोसा दिया कि बाढ़ पीड़ितों की हरसंभव मदद की जाएगी। बर्बाद हुई फसलों का मुआवजा दिया जाएगा और जान गंवाने वालों के परिजनों को चार-चार लाख रुपये दिए जाएंगे।

राहत बचाव के सीएम ने दिया निर्देश

पीलीभीत के ट्रांस शारदा क्षेत्र के चंदिया हजारा गांव पहुंचे मुख्यमंत्री ने राहत एवं बचाव कार्य तेज करने के लिए अफसरों को निर्देश दिए। उन्होंने शहर के साथ ही बीसलपुर इलाके का भी हवाई दौरा किया। पूरनपुर के रूदपुर गांव में भी उन्होंने प्रभावितों से मुलाकात की। पीलीभीत से वह लखीमपुर खीरी पहुंचे। वहां बाढ़ क्षेत्रों का हवाई दौरा किया और स्टीमर से महदेवा गांव पहुंचकर ग्रामीणों से बात की। शारदा नगर कॉलोनी पहुंचे मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा में सरकार आपके साथ खड़ी है।