पारस एचएमआरआई में किडनी ट्रांसप्लांट पर जागरूकता कार्यक्रम का हुआ आयोजन, डोनर्स को हीरो बताते हुए किया गया सम्मानित*
पटना : पारस एचएमआरआई में बुधवार को किडनी ट्रांसप्लांट को लेकर एक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें सफलतापूर्वक ट्रांसप्लांट करा चुके और ट्रांसप्लांट के लिए प्रतीक्षारत मरीज शामिल हुए। कार्यक्रम का नाम सेकेन्ड इनिग रखा गया। जिसमें में किडनी डोनर्स को सम्मानित किया गया और आगे किडनी दान करने के लिए लोगों को प्रेरित किया गया। कार्यक्रम में नेफ्रोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. शशि कुमार ने बताया कि जिनकी किडनी 90 फीसदी खराब हो चुकी है और जिनकी किडनी में इतनी क्षमता नहीं है कि वो शरीर की सारी गंदगी निकाल सके, तो उसके लिए बार-बार डायलिसिस कराने से बेहतर है कि वह ट्रांसप्लांट कराएं। कहा कि ट्रांसप्लांट ज्यादा सटीक इलाज है। डायलिसिस एक विकल्प जरूर है मगर यह ट्रांसप्लांट जितना उपयोगी नहीं है। डॉ. शशि कुमार ने कहा कि आज के समय में किडनी ट्रांसप्लांट कराने वाले लोगों की संख्या बढ़ रही है। इसके लिए डॉक्टर्स तो तत्पर रहते ही हैं, सरकार भी मदद कर रही है। हमारे पास ऐसे भी कई उदाहरण हैं जिसमें हमलोगों ने आर्थिक रूप से कमजोर मरीजों का सरकारी सहायता के साथ ट्रांसप्लांट किया है। सबसे बड़ी जरूरत डोनर की है। इसलिए डोनर्स को हमलोग हीरो और ब्रांड एम्बेस्डर मानते हैं। उन्होंने कहा कि किडनी दान करना अब बहुत दुर्लभ बात नहीं है। लोगों को यह समझना चाहिए कि किडनी दान करने के बाद भी वे खुद तो सामान्य जीवन जी सकते हैं साथ ही अपने एक करीबी को नई जिंदगी भी दे सकते हैं। पारस हॉस्पिटल में हमलोग अबतक 70 से ज्यादा मरीज किडनी ट्रांसप्लांट कर चुके हैं। पारस एचएमआरआई के फैसिलिटी डायरेक्टर अनिल कुमार ने कहा कि हम लोगों को यह बताना जरूरी समझते हैं कि पटना से बाहर बड़े शहरों में इस ट्रासप्लांट का खर्च 50 प्रतिशत से भी ज्यादा बढ़ जाता है। इसके अलावा इलाज के दौरान लम्बे समय तक वहां रहने-खाने और आने-जाने का खर्च आर्थिक रूप से लोगों की कमर तोड़ देता है। इसलिए ट्रांसप्लांट के लिए पारस एचएमआरआई की अत्याधुनिक और भरोसेमंद सुविधा का इस्तेमाल कर सकते हैं। इस मौके पर डायरेक्टर आर्थोपेडिक डॉ. जॉन मुखोपाध्याय, यूरोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. अपूर्व चौधरी, कंसल्टेंट डॉ. विकास कुमार डॉ. अभिषेक कुमार, डॉ. जमशेद अनवर और डॉ. अशुमन आशु ने भी अपनी बातें रखीं। पटना से मनीष प्रसाद
Jul 11 2024, 17:58