बारिश और बांधों से पानी छोड़े जाने के चलते बाढ़ से हालत बिगड़े, बाढ़ के चलते 15 लोगाें की गई जान
लखनऊ । उत्तर प्रदेश में लगातार बारिश और बांधों से पानी छोड़े जाने के चलते बाढ़ से हालत बिगड़ गए हैं। बाढ़ से सबसे ज्यादा बरेली, पीलीभीत, लखीमपुर खीरी, बदायूं, बहराइच, श्रावस्ती, अंबेडकरनगर, बाराबंकी, आयोध्या, गोंडा और बलरामपुर प्रभावित हैं। इन्हीं जिलों में बुधवार को बाढ़ के चलते 15 लोगाें की मौत हो गई। लखीमपुर खीरी में सबसे ज्यादा चार लोगों की जान गई। वहीं बहराइच में तीन, सीतापुर, पीलीभीत बदायूं और श्रावस्ती में एक-एक जबकि बरेली व बलरामपुर में दो-दो लोगों की डूबने से मौत हो गई।

अवध में बारिश थमने से भले ही बाढ़ प्रभावित श्रावस्ती व बहराइच में बुधवार को कुछ राहत मिली, लेकिन गोंडा व बलरामपुर में संकट बरकरार रहा। अयोध्या, अंबेडकरनगर व बाराबंकी के भी कुछ क्षेत्रों में बाढ़ से हालात बन गए हैं। सुबह शारदा, गिरिजा व सरयू बैराज से 3.6 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने से बहराइच में सरयू नदी खतरे के निशान से 49 सेंटीमीटर ऊपर बहने लगी। यहां के करीब 24 गांवों में पानी भरा हुआ है।

अंबेडकरनगर में नदी लाल निशान 85.19 मीटर तक पहुंच गई

अंबेडकरनगर में नदी लाल निशान 85.19 मीटर तक पहुंच गई। इससे अराजी देवारा संपर्क मार्ग बह गया। बलरामपुर जिले में मंगलवार की रात लखमा गांव के पास राप्ती नदी का तटबंध कट गया। मौके पर पहुंची प्रशासनिक टीम ने छह घंटे के भीतर ही कटान को रोक लिया। इससे करीब 20 गांवों के लोगों ने राहत की सांस ली। बाराबंकी में बाढ़ से 36 गांवों में तबाही मची है। सिरौलीगौसपुर व रामनगर तहसील क्षेत्र के ग्रामीण मजबूरी में तटबंध पर शरण लिए हुए हैं। अयोध्या में सरयू लाल निशान से 27 सेमी ऊपर पहुंच गई। इससे कई गांव बाढ़ के पानी से घिर गए। गोंडा में सरयू खतरे के निशान से 58 सेमी ऊपर पहुंच गई है।

उधर, मंगलवार रात शाहजहांपुर शहर भी बाढ़ की चपेट में आ गया। यहां के 20 से अधिक मोहल्लों में नदियों का पानी घुस गया। शहर और ग्रामीण क्षेत्र के 20 हजार लोग इससे प्रभावित हुए हैं। फंसे लोगों को सुरक्षित स्थान तक पहुंचाने के लिए सेना की मदद लेना पड़ी। वहीं एनडीआरएफ ने मोर्चा संभाल लिया।

बाढ़ प्रभावित इलाकों में विद्युत आपूर्ति का संकट खड़ा हो गया

लखीमपुर खीरी में डेढ़ सौ गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। बाढ़ प्रभावित इलाकों में विद्युत आपूर्ति का संकट खड़ा हो गया है। वहीं लोग छतों पर आसरा लिए हुए हैं, वे खाने को भी तरस रहे हैं। हालांकि प्रशासन बाढ़ पीड़ितों की हरसंभव मदद का दावा कर रहा है। पीलीभीत शहर के बाद मंगलवार देर शाम को यहां के बीसलपुर कस्बे के पांच मोहल्लों और 60 गांवों में भी देवहा नदी का पानी घुस गया। हालांकि शहर में कुछ राहत रही।

शाहजहांपुर में खतरे के निशान से ऊपर बह रहीं गर्रा

शाहजहांपुर में खतरे के निशान से ऊपर बह रहीं गर्रा और खन्नौत नदियों का पानी बुधवार को शहर में घुस गया। यह शहर इन्हीं दो नदियों के बीच में बसा है। मंगलवार रात अचानक जलस्तर में वृद्धि हुई। इससे अक्षरधाम कॉलोनी में पानी घुस गया। रात में यहां के 25 परिवारों को किसी तरह से निकालकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया। इन जगहों के लोगों को बाहर निकालने के लिए सेना की स्थानीय मद्रास रेजिमेंट की मदद लेनी पड़ी।

बिजली गिरने से 44 की मौत

वहीं, प्रदेश में बुधवार को बिजली गिरने से 44 लोगों की मौत हो गई। इसमें सबसे ज्यादा 12 लोगों की प्रयागराज मंडल में जान चली गई। इसके अलावा कानपुर और बुंदेलखंड में 6, वाराणसी मंडल में 9, मैनपुर में 5 जबकि देवरिया और सिद्धार्थनगर में एक-एक व्यक्ति की बिजली गिरने से मौत हो गई। वहीं अवध क्षेत्र में भी 10 लोगों की मौत हो गई। इनमें सुल्तानपुर में छह, अमेठी में तीन व रायबरेली में एक किसान की मौत हो गई। यहां तीन छात्राएं झुलसी भी हैं।

पीलीभीत व लखीमपुर खीरी का सीएम ने किया दौरा

बाढ़ से जूझ रहे लोगों का हाल जानने के लिए सीएम योगी ने बुधवार को पीलीभीत और लखीमपुर खीरी का हवाई दौरा किया। साथ ही दोनों जिलों में लोगों के बीच पहुंचकर राहत सामग्री बांटी। उन्होंने भरोसा दिया कि बाढ़ पीड़ितों की हरसंभव मदद की जाएगी। बर्बाद हुई फसलों का मुआवजा दिया जाएगा और जान गंवाने वालों के परिजनों को चार-चार लाख रुपये दिए जाएंगे।

राहत बचाव के सीएम ने दिया निर्देश

पीलीभीत के ट्रांस शारदा क्षेत्र के चंदिया हजारा गांव पहुंचे मुख्यमंत्री ने राहत एवं बचाव कार्य तेज करने के लिए अफसरों को निर्देश दिए। उन्होंने शहर के साथ ही बीसलपुर इलाके का भी हवाई दौरा किया। पूरनपुर के रूदपुर गांव में भी उन्होंने प्रभावितों से मुलाकात की। पीलीभीत से वह लखीमपुर खीरी पहुंचे। वहां बाढ़ क्षेत्रों का हवाई दौरा किया और स्टीमर से महदेवा गांव पहुंचकर ग्रामीणों से बात की। शारदा नगर कॉलोनी पहुंचे मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा में सरकार आपके साथ खड़ी है।

फिरोजाबाद में करोड़ों की जमीन हड़पने के मामले में एसडीएम, नायब तहसीलदार , राजस्व निरीक्षक तथा लेखपाल निलंबित
लखनऊ । जमीन हड़पने व कब्जा करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के सीएम योगी के निर्देशों का असर दिखने लगा है। शासन ने फिरोजाबाद में करोड़ों की जमीन हड़पने के मामले में बुधवार को सिरसागंज के एसडीएम विवेक राजपूत, नायब तहसीलदार नवीन कुमार, राजस्व निरीक्षक मुकेश कुमार सिंह, लेखपाल अभिलाष सिंह और एसडीएम के पेशकार प्रमोद शाक्य को निलंबित कर दिया।

इन सभी पर मुकदमा दर्ज करने के साथ विजिलेंस द्वारा आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने की जांच के भी आदेश दिए हैं। निलंबित किए गए सभी अधिकारियों पर संदिग्ध आदेश जारी करके भूमि अपने संबंधियों को दिलाने का आरोप है।

बता दें कि सिरसागंज के गांव रुधैनी के योगेंद्र ने डीएम के यहां शिकायत की थी। इसके मुताबिक उसका 75 बीघा जमीन का विवाद तहसीलदार सिरसागंज के यहां चल रहा था। 12 जून 2024 को नकल सवाल डालने पर उसे पता चला कि तहसील से दूसरे पक्ष के हक में सात जून को ही फैसला हो चुका है।


दूसरे पक्ष के लोगों के नाम फर्द में अंकित करने के साथ 12 जून को करोड़ों रुपये की 75 बीघा जमीन का आठ अलग-अलग नामों से बैनामा भी कर दिया गया। इसमें एसडीएम सिरसागंज, नायब तहसीलदार, लेखपाल, राजस्व निरीक्षक और पेशकार की मिलीभगत है। इसके बाद सीडीओ की अध्यक्षता में चार सदस्यीय जांच टीम गठित हुई थी, जिसमें आरोप सही पाए गए। जिसके बाद शासन की तरफ से कार्रवाई की गई है।
बाढ़ प्रभावित खीरी के क्षेत्र का सीएम ने किया हवाई सर्वेक्षण,  प्रभावितों को हर संभव मदद के दिए निर्देश
लखनऊ/लखीमपुर खीरी। भीषण बाढ़ और कटान से प्रभावित क्षेत्र का उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हवाई सर्वेक्षण किया। इसके बाद शारदा नगर बांध पर पहुंच कर बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के लिए किए जा रहे कार्यों की समीक्षा की और पत्रकारों से भी रूबरू हुए।
इस दौरान उन्होंने कहा कि हेलीकॉप्टर से बाढ़ प्रभावित खीरी जनपद का हवाई सर्वेक्षण किया है। बड़ी संख्या में लोग इससे प्रभावित हैं। काफी बड़ी भूमि बाढ़ से ग्रस्त है।

133 गांव बाढ़ की चपेट में हैं। जबकि पलिया, निघासन, धौरहरा तहसील और उनके कई ब्लॉक भी बाढ़ प्रभावित हैं। शारदा नगर डैम पर बने हेलीपैड पर मुख्यमंत्री का उड़न खटोला उतरा, जहां उन्हें गार्ड आॅफ आॅनर दिया गया। इसके बाद उन्होंने अधिकारियों से वार्ता कर बाढ़ की प्रभावित क्षेत्र के हालात और उसे लेकर की गई तैयारी के बारे में जानकारी की। शारदा नगर क्षेत्र का दौरा किया। उन्होंने कहा कि बाढ़ को लेकर शासन और प्रशासन सजग है। बाढ़ पीड़ितों को पीएम आवास योजना की तरह योजना बनाकर पुनर्स्थापित किया जाएगा। जन हानि, धन हानि और पशु हानि की स्थिति में आपदा कोष से सहायता दी जाएगी।

स्वास्थ्य विभाग मुस्तैदी से अपना काम कर रहा है। सीएचसी, पीएचसी और सरकारी समस्त अस्पतालों में सांप और जहरीले जीवों सहित कुत्ते काटने के पर्याप्त इंजेक्शन उपलब्ध हैं। उन्होंने प्रशासन को सभी आपदा पीड़ितों तक राहत किट पहुंचने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अचानक हुई बारिश से जुलाई के पहले हफ्ते में ही बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। सरकार द्वारा इसकी तैयारी पहले से कर ली गई थी। इसीलिए समस्त आपदा प्रबंधन कार्य तेजी से किये जा रहे हैं। नेपाल और उत्तराखंड का जिक्र करते हुए सीएम योगी ने कहा कि दोनों जगह पर हुई बारिश का पानी नदियों के माध्यम से खीरी जनपद को प्रभावित कर रहा है। शासन और प्रशासन स्तर पर समस्त तैयारी की जा रही हैं। शासन स्तर से प्रभावित आम जनमानस को हर संभव मदद दी जाएगी।

मुख्य सचिव व डीजीपी ने किए बांकेबिहारी के दर्शन,वृंदावन के रास्तों का लिया जायजा
लखनऊ /मथुरा। श्रीकृष्ण की नगरी में बुधवार दोपहर प्रदेश के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह और पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार ने बांके बिहारी मंदिर में ठाकुरजी की पूजा की। यहां की व्यवस्थाओं का जायजा लिया। इसके बाद वह कोसीकलां में बने आॅक्सीजन प्लांट कार्यक्रम में शामिल होने के लिए रवाना हो गए। इस दौरान वृंदावन पूरा पुलिस छावनी में तब्दील दिखाई दिया।

मुख्य सचिव ने कहा कि वृंदावन में बिहारी जी के दर्शन करने के लिए आने वाले लाखों लोगों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो, उसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चिंतित हैं। वृंदावन आने वाली लाखों की भीड़ को किस तरह दर्शन कराए जा सकें, इसको लेकर बुधवार को मंथन हुआ। इस दौरान मुख्य सचिव ने कहा कि बांके बिहारी के दर्शन के लिए महत्वपूर्ण दिनों में सात से 10 लाख श्रद्धालू एक दिन में दर्शन करने आते हैं। आसपास संकरी गलियां हैं। मंदिर में प्रवेश को तीन और निकासी को दो दरवाजे हैं। मुख्यमंत्री को चिंता है कि कैसे भीड़ को नियंत्रित करके सुगम तरीके से श्रद्धालुओं को दर्शन कराए जा सके।

इसीलिए मैं और डीजीपी यहां पर आए हुंए हैं। यहां जो दर्शन करने आ रहे हैं, उनको केंद्रित करते हुए व्यवस्था चाक चौबंद हो, इसको लेकर रूपरेखा तैयार की गई है। मंडलीय और जनपद के अधिकारियों के साथ पार्किंग आदि व्यवस्थाओं को मौका मुआयना भी किया है। ट्रैफिक प्लान फेल के बारे में उन्होंने कहा कि इस पर चर्चा करेंगे लेकिन मकसद यही है कि पार्किंग के लिए नियत स्थान हो। जो स्थानीय लोगों को कम से कम परेशानी हो। मुड़िया पूर्णिमा मेला के बारे में बताया कि समुचित व्यवस्था होगी, वह काफी लंबा भी चलता है। उसकी सारी व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी। पुलिस महानिदेशक ने बताया कि उत्तर प्रदेश के जिन धार्मिक स्थल पर श्रद्धालु आते हैं, उसकी एक सुरक्षा स्कीम है। उस स्कीम के तहत ही व्यवस्था की जाती है।

बांके बिहारी मंदिर के बारे में अभी जो स्कीम है, उसको और कैसे बेहतर किया जा सके, इस पर मंथन किया गया है। भीड़ होने पर श्रद्धालुओं को और स्थानीय को कोई असुविधा न हो, इसके लिए सुविधा का स्तर बेहतर किया जाए। बिना कष्ट के दर्शन करा पाएं, यह देखने के लिए सभी अधिकारियों के साथ स्थलीय निरीक्षण किया है। वर्तमान में पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था जोन स्तर पर कराई जा चुकी है। नए उपकरण के साथ अधिक से अधिक तकनीक का प्रयोग हो रहा है। मुड़िया पूर्णिमा मेला के लिए पर्याप्त सुरक्षा बल समय से उपलब्ध कराया जाएगा। बैठक में जिले के तमाम वरिष्ठ ?अधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहे। सूफियाना अंदाज में मियां साहब का किया गया इस्तकबाल।

उन्नाव में भीषण सड़क हादसा, 18 की मौत, लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे पर डबल डेकर बस व टैंकर में हुई भिंड़त
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले में बुधवार सुबह लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे भीषण सड़क हादसा हुआ। डबल डेकर बस एक टैंकर से टकरा गई। टकराने के बाद हाईवे पर बस कई बार पलटी। दर्दनाक हादसे में 18 यात्रियों की जान चली गई, जबकि 19 से अधिक यात्री घायल हो गए हैं। घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी है। इस पूरी घटना पर राष्टÑपति, प्रधानमंत्री तथा सीएम योगी ने दुख प्रकट किया। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को मौके पर पहुंचकर हर संभव मदद करने के निर्देश दिए हैं। हादसे में बिहार के  पूर्वी चंपारण जिले के एक ही परिवार के छह की गई जान चली गई। जबकि परिवार के दो सदस्य घायल हैं।

लखनऊ आगरा एक्सप्रेस-वे पर उन्नाव जनपद में बुधवार की सुबह लगभग साढ़े पांच बजे दूध के टैंकर (यूपी70 सीटी 3999 ) में बिहार से आ रही डबल डेकर बस (यूपी95 टी 4720) की बेहटा मुजावर थाना इलाके में हवाई पट्टी के पास भिंड़त हो गई।  टक्कर इतनी जोरदार थी कि बस के परखच्चे उड़ गए। जिस जगह पर हादसा हुआ, वहां लाशों का अंबार लग गया। सड़क पर लाश ही लाश दिखाई दे रहीं थीं। मौके पर चीख-पुकार मच गई। हादसे में एक बच्चे और महिलाओं समेत 18 यात्रियों की मौत हो गई। जबकि 19 यात्री गंभीर रूप से घायल हो गए । सूचना पर पहुंची पुलिस ने घायलों को अस्पताल पहुंचाया।

शुरूआती जांच में पता चला है कि बस की स्पीड अधिक थी। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया स्लीपर बस अनियंत्रित होकर टैंकर से टकराई थी, जिससे यह दर्दनाक हादसा हुआ है। हादसा इतना भीषण था कि इसे देखकर घटनास्थल पर मौजूद लोग सहम गए। हादसे के बाद घायलों को अस्पताल में भर्ती करा दिया गया है, जहां उनका इलाज जारी है। वहीं, पुलिस ने कुछ मृतकों की शिनाख्त कर ली है।  उन्नाव के जिला अधिकारी गौरांग राठी ने कहा कि दिल्ली जा रही एक निजी बस में करीब 57 यात्री सवार थे। सुबह 5:15 बजे बस की दूध के कंटेनर से टक्कर होने से 18 लोगों की मौत हो गई और 19 अन्य घायल हो गए। करीब 20 लोग सुरक्षित हैं, जिन्हें दिल्ली भेज दिया गया है। छह लोगों को ट्रॉमा सेंटर रेफर किया गया है, बाकी का इलाज जिला अस्पताल में हो रहा है। हमारे पास इलाज के लिए पर्याप्त व्यवस्था है और हम जल्द से जल्द सभी आवश्यक कार्रवाई करेंगे।

मृतक और घायलों की पहचान की जा रही है, हेल्पलाइन नंबर भी जारी कर दिए गए हैं। मृतकों में दिलशाद पुत्र अशफाक निवासी थाना मोदीपुरम जिला मेरठ, बीटू पुत्र राजेन्द्र निवासी थाना भादूर जिला शिवहर बिहार, रजनीश पुत्र रामविलास निवासी जिला सीवान बिहार, लालबाबू दास पुत्र रामसूरज दास निवासी थाना हिरागा जिला शिवहर बिहार, रामप्रवेश कुमार, भरत भूषण कुमार पुत्र लाल बहादुर दास, बाबू दास पुत्र रामसूरज दास आदि शामिल हैं। नगमा पुत्री शहजाद, शबाना पत्नी शहजाद निवासी भजनपुरा दिल्ली, चांदनी पत्नी मो. शमशाद निवासी शिवोली, मुलहारी, मो. शफीक पुत्र अब्दुल बसीर, मुन्नी खातून पत्नी अब्दुल बसीक, तौफीक आलम पुत्र अब्दुल बसीर की शिनाख्त कर ली गई है।  इस हादसे बिहार के पूर्वी चंपारण जिले के फेनहारा थाना क्षेत्र के एक ही परिवार के छह लोग हैं जिनकी मौत हो गई है। जबकि दो अन्य लोग घायल हुए हैं। घायलों की स्थिति नाजुक बताई जा रही है।

सभी लोग मेरठ में मजदूरी करते थे और शिवहर से दिल्ली जाने वाली बस में मंगलवार दोपहर सवार हुए थे। मृतकों के परिजनों के मुताबिक, पहले ये लोग ट्रेन से जाने वाले थे लेकिन टिकट कन्फर्म नहीं मिलने के कारण इन लोगों ने बस पकड़ना मुनासिब समझा। बस हादसे की सूचना पर परिजन घटनास्थल की ओर रवाना हो गये हैं। पूरे फेनहारा में शोक व्याप्त है। मृतकों की पहचान इलियास (35), उसकी पत्नी कमरूनेशा (30), अशफाक (45), उसकी पत्नी मुनचुन खातून (38), इनके दो बच्चे गुलनाज (13) और सोहेल (3) के रूप में हुई है। अशफाक के दो बेटे दिलशाद और साहिल इस घटना में घायल हैं।

बताया गया कि इलियास और अशफाक दोनों सगे भाई थे। इस घटना पर राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने अपनी शोक संवेदना व्यक्त की है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने एक्स पर अपनी शोक संवेदना में कहा कि उन्नाव में लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे पर हुई सड़क दुर्घटना में अनेक लोगों की मृत्यु का समाचार अत्यंत दुखदाई है। ऐसी आकस्मिक मृत्यु का शिकार हुए लोगों के परिवार के सदस्यों के प्रति मैं गहन शोक संवेदनाएं व्यक्त करती हूं तथा घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करती हूं।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किकहा सड़क दुर्घटना अत्यन्त पीड़ादायक है। इसमें जिन लोगों ने अपनों को खोया है, उनके प्रति मेरी संवेदना है। ईश्वर उन्हें इस कठिन समय में संबल प्रदान करे। घायलों को शीघ्र स्वस्थ होने की कामना है। प्रधानमंत्री ने हादसे में जान गंवाने वाले प्रत्येक व्यक्ति के परिजनों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से 2 लाख रुपये और घायलों को 50 हजार रुपये की अनुग्रह राशि दिए जाने की घोषणा की। इस हादसे पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह समेत कई प्रमुख नेताओं ने शोक संवेदना व्यक्त की है। सिंह ने जिला प्रशासन व परिवहन विभाग के अधिकारियों को सभी घायलों के समुचित उपचार कराने के लिए निर्देशित किया है।
राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री ने उन्नाव में हुए सड़क हादसे पर जताया शोक

उन्नाव/लखनऊ, 10 जुलाई (हि.स.)। उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले में लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे पर बुधवार अलसुबह बस और कंटेनर के बीच भिड़ंत में 18 लोगों की मौत हो गई, जबकि 19 लोग घायल हो गए। इस घटना पर राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने अपनी शोक संवेदना व्यक्त की है।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने एक्स पर अपनी शोक संवेदना में कहा कि उन्नाव में लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे पर हुई सड़क दुर्घटना में अनेक लोगों की मृत्यु का समाचार अत्यंत दुखदाई है। ऐसी आकस्मिक मृत्यु का शिकार हुए लोगों के परिवार के सदस्यों के प्रति मैं गहन शोक संवेदनाएं व्यक्त करती हूं तथा घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करती हूं।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किकहा सड़क दुर्घटना अत्यन्त पीड़ादायक है। इसमें जिन लोगों ने अपनों को खोया है, उनके प्रति मेरी संवेदना है। ईश्वर उन्हें इस कठिन समय में संबल प्रदान करे। घायलों को शीघ्र स्वस्थ होने की कामना है। प्रधानमंत्री ने हादसे में जान गंवाने वाले प्रत्येक व्यक्ति के परिजनों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से 2 लाख रुपये और घायलों को 50 हजार रुपये की अनुग्रह राशि दिए जाने की घोषणा की।

इस हादसे पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह समेत कई प्रमुख नेताओं ने शोक संवेदना व्यक्त की है। सिंह ने जिला प्रशासन व परिवहन विभाग के अधिकारियों को सभी घायलों के समुचित उपचार कराने के लिए निर्देशित किया है। गौरतलब है कि 10 जुलाई को सुबह 5 बजकर 15 मिनट पर आगरा एक्सप्रेस वे पर बिहार से दिल्ली जा रही डबल डेकर बस और दूध कंटेनर के बीच भीषण टक्कर हो गई। इसमें बस सवार 18 लोगों की मौत हो गई जबकि 19 लोग घायल हो गए। घायलों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
कुंवर ग्लोबल स्कूल, लखनऊ में यातायात जागरूकता सत्र
लखनऊ । कुंवर ग्लोबल स्कूल, देवा रोड, लखनऊ ने हाल ही में कक्षा IX से XII के छात्रों के लिए यातायात नियम जागरूकता सेमिनार का आयोजन किया। इस सत्र का उद्देश्य छात्रों को यातायात सुरक्षा और यातायात नियमों के पालन के महत्व के बारे में शिक्षित करना था, जिसमें जिम्मेदार व्यवहार की भूमिका पर जोर दिया गया।

सेमिनार को चिनहट, लखनऊ के यातायात प्रभारी राहुल कुमार वर्मा ने संबोधित किया। श्री वर्मा ने यातायात नियमों के महत्वपूर्ण पहलुओं, उल्लंघनों के परिणामों और सड़क सुरक्षा उपायों के महत्व को रेखांकित किया। उनके सूचनाप्रद प्रस्तुति में वास्तविक जीवन के उदाहरण और संवादात्मक चर्चा शामिल थीं, जिससे सत्र छात्रों के लिए रोचक और जानकारीपूर्ण बन गया।

कुंवर ग्लोबल स्कूल के प्रधानाचार्य डॉ. धीरज मेहरोत्रा ने छात्रों में जागरूकता बढ़ाने के लिए श्री वर्मा के प्रयासों की सराहना की। डॉ. मेहरोत्रा ने कहा, "यातायात सुरक्षा हमारे दैनिक जीवन का एक महत्वपूर्ण पहलू है, और हमारी युवा पीढ़ी को इसके बारे में शिक्षित करना आवश्यक है। हम श्री वर्मा के मूल्यवान अंतर्दृष्टि और मार्गदर्शन के लिए आभारी हैं।"

इस कार्यक्रम का समन्वयन वरिष्ठ अनुभाग समन्वयक श्रीमती शालिनी सिंह द्वारा किया गया और इसमें विज्ञान विभाग प्रमुख श्री परितोष सिंह और अन्य वरिष्ठ अनुभाग के स्टाफ सदस्यों की सक्रिय भागीदारी देखी गई। उनकी उपस्थिति और भागीदारी ने स्कूल की उस समर्पण को रेखांकित किया जो शैक्षिक दृष्टि से संपूर्ण शिक्षा प्रदान करने पर केंद्रित है।

कुंवर ग्लोबल स्कूल जिम्मेदार नागरिकों के पोषण के लिए प्रतिबद्ध है जो समाज के प्रति अपने कर्तव्यों और जिम्मेदारियों से अवगत हैं। इस प्रकार की पहलों के माध्यम से, स्कूल का उद्देश्य अपने छात्रों में जागरूकता और जिम्मेदारी की भावना को स्थापित करना है, जिससे वे समुदाय में सकारात्मक योगदान देने के लिए तैयार हो सकें।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लेखपालों को वितरित किया नियुक्ति पत्र
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को यहां लोकभवन में आयोजित कार्यक्रम के दौरान 7720 नवनियुक्त लेखपालों को नियुक्ति पत्र वितरित किया। इस माैके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भाजपा सरकार में पारदर्शी तरीके से भर्ती हो रही है लेकिन पिछली सरकारों में भर्ती निकलते ही एक परिवार का पूरा कुनबा वसूली के लिए निकल पड़ता था।

मुख्यमंत्री याेगी ने कहा कि 2022 की राजस्व विभाग के द्वारा भर्तियों को अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने पूरा किया है। कुछ लोगों की फितरत होती है कि अच्छे कार्यों में रोड़े अटकाना और गुमराह करना। उन्होंने इस कार्य में भी रोड़े अटकाए लेकिन अधीनस्थ चयन आयोग सुप्रीमकोर्ट तक गया और और आज ये नियुक्ति पत्र वितरित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि इस प्रक्रिया के पूर्ण होते ही प्रदेश में 30837 लेखपालों की नियुक्ति प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। सरकार द्वारा पिछले 7 वर्षों से नियुक्ति प्रक्रिया निष्पक्ष रूप से चल रही है। इसकी वजह से 6 लाख से ज्यादा युवा प्रदेश के उन्नति मे सहयोग दे रहे है।

उन्होंने कहा कि पुलिस विभाग ने ही अकेले 1 लाख 55 हजार युवा भर्ती किये गए। बिना भेदभाव और आरक्षण नियमों का पालन करते हुए युवा योग्यता अनुरूप भर्ती हो रहे हैं। 2017 से पहले भर्ती प्रक्रिया में होल थे। एक परिवार आपस में जिले बांट लेते थे। चाचा-भतीजे वसूली पर निकल जाते थे। लेकिन आज नियुक्ति प्रक्रिया में निष्पक्षता से युवाओं में विश्वास आया है। युवाओं का विश्वास ही हमारी ताकत है। ये वही प्रदेश है, जब यहां का युवा बाहर जाता था तो पहले ही छांट दिया जाता था। आज युवा का सम्मान होता है। लोग समझ गए हैं ये नया उत्तर प्रदेश है, नए युवा हैं। पहले की सरकारों की नीयत साफ नहीं थी। भाई भतीजावाद होता था, कोर्ट से स्टे होते थे। सरकार के दलालों और गुर्गों के जेब में पैसा आ जाता था। अब परिस्थितियां बदली हैं। इस मौके पर वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना के साथ ही शासन क अधिकारी मौजूद रहे।
जांच मे भोले बाबा की भूमिका का कोई प्रमाण नहीं मिला
लखनऊ । हाथरस कांड की जांच करने वाली एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट में आयोजकों पर हादसे का ठीकरा फोड़ा है। सूत्रों के मुताबिक जांच मे भोले बाबा की भूमिका का कोई प्रमाण नहीं मिला है। बिना जांच-परख के जिला प्रशासन के अधिकारियों ने कार्यक्रम की अनुमति दी तो पुलिस इंतजाम के बावजूद आयोजक मनमानी करते रहे। ज्यादा भीड़ जुटने के बाद आगे की व्यवस्था संभालने की जिम्मेदारी प्रशासन को नहीं सौंपी, जिसकी वजह से भगदड़ मचने के बाद पुलिस बल हालात पर काबू नहीं पा सका। 

बता दें कि एसआईटी से पहले हाथरस जाकर मौका मुआयना करके वापस आने पर मुख्य सचिव और डीजीपी ने भी अपनी रिपोर्ट सीएम योगी को दी थी। जिसमें खासतौर पर स्थानीय प्रशासन और पुलिस के अधिकारियों द्वारा बरती गयी लापरवाही का जिक्र किया गया था। वहीं एसआईटी की रिपोर्ट शासन को सौंपे जाने के बाद अब सबकी नजरें अब न्यायिक आयोग की जांच पर टिकी हैं, ताकि हादसे को लेकर कई अनसुलझे सवालों का जवाब मिल सके। सूत्रों के मुताबिक एसआईटी ने अपनी जांच में पाया कि आयोजन स्थल पर भीड़ जुटने के बावजूद तत्काल फोर्स और संसाधन बढ़ाने का अनुरोध नहीं किया गया। हाईवे पर ट्रैफिक सामान्य रखने में ही पुलिस अपनी ऊर्जा खर्च करती रही। कार्यक्रम स्थल पर पुलिसकर्मी और अग्निशमन वाहन तैनात किए गए थे। स्थानीय अधिकारियों ने अपने विवेक का सही इस्तेमाल नहीं किया जिसकी वजह से आयोजक कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए भोले बाबा की चरण रज लेकर ही वापस जाने के लिए उकसाते रहे।


सेफ एग्जिट का रास्ता तलाशने के बजाय भीड़ से भोले बाबा की गाड़ियों को निकाला गया। इस दौरान कई जिम्मेदार अधिकारी मौके से नदारद थे। आयोजकों को कार्यक्रम के लिए हुई फंडिंग संदिग्ध लोगों द्वारा की गयी, जिसकी मनी ट्रेल की जांच विस्तार से कराने की संस्तुति की गयी है।
टैबलेट पर चेहरा दिखाकर उपस्थिति दर्ज कराने का विरोध जारी, अखिलेश यादव भी शिक्षकों के विरोध का किया समर्थन
लखनऊ । परिषदीय विद्यालयों में डिजिटल अटेंडेंस (टैबलेट पर चेहरा दिखाकर उपस्थिति दर्ज कराने) को लेकर मंगलवार को दूसरे दिन भी शिक्षकों का विरोध जारी रहा। शिक्षकों ने काली पट्टी बांधकर कक्षाएं लीं। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव, सपा के प्रमुख महासचिव रामगोपाल यादव, सांसद चंद्रशेखर समेत कई पक्ष-विपक्ष के नेताओं ने शिक्षकों का समर्थन किया। इन लोगों ने शिक्षकों के पक्ष में एक्स पर लिखा और सीएम को पत्र भेजा है। कई जिलों में बैठक कर संयुक्त शिक्षक मोर्चा भी बनाया गया। ताकि सभी संगठन एक मंच पर आकर सामूहिक विरोध कर सकें।

बरेली में प्राथमिक शिक्षक संघ, राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ, यूनाइटेड टीचर्स एसोसिएशन (यूटा), महिला शिक्षक संघ, शिक्षामित्र संघ, अनुदेशक संघ ने सामूहिक रूप से संयुक्त मोर्चा बनाकर रणनीति तैयार की। तय किया कि बुधवार को जिले के सभी ब्लॉकों में उप मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया जाएगा। विरोध में शिक्षकों ने डिजिटल अटेंडेंस दर्ज नहीं कराई और एक्स पर बायकाट ऑनलाइन हाजिरी का अभियान चलाया। शिक्षकों ने 15 सीएल, 30 ईएल, राज्य कर्मचारी का दर्जा देने, कैशलेस चिकित्सा सुविधा परिवार सहित, प्रमोशन देने की मांग की। दूसरे दिन भी काफी कम संख्या में शिक्षकों ने डिजिटल उपस्थिति दर्ज कराई।

पहले विभागों के प्रशासनिक मुख्यालयों में लागू हो व्यवस्था : अखिलेश
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक्स पर लिखा कि शिक्षकों पर विश्वास करने से ही अच्छी पीढ़ी जन्म लेती है। कोई शिक्षक देर से स्कूल नहीं पहुंचना चाहता है, लेकिन कहीं सार्वजनिक परिवहन, रेल का बंद फाटक और कहीं घर से स्कूल के बीच की दूरी काफी होने से देरी होती है। क्योंकि स्कूल के समीप शिक्षकों के रहने के लिए न तो सरकारी आवास होते हैं, न दूरस्थ इलाकों में किराए पर घर उपलब्ध होते हैं। इसीलिए डिजिटल अटेंडेंस का विकल्प बिना व्यावहारिक समस्याओं के समाधान के संभव नहीं है। पहले यह अन्य सभी विभागों के प्रशासनिक मुख्यालयों में लागू किया जाए। इससे उच्च अधिकारियों को इसके व्यावहारिक पक्ष और परेशानियों का अनुभव होगा। फिर समस्या-समाधान के बाद ही इसे लागू करने के बारे में सोचा जाए।