बाल संसद का गठन, स्कूली बच्चों ने पढ़ाया राजनीति का पाठ

गोरखपुर। रेकिट इंडिया एवं प्लान इंडिया के संयुक्त तत्वाधान में डिटॉल बनेगा स्वस्थ इंडिया अभियान के अंतर्गत स्वच्छता शिक्षा कार्यक्रम के तहत विकासखंड पिपरौली के कंपोजिट विद्यालय जीतपुर में नामांकित बच्चों में से चुनाव प्रक्रिया के द्वारा बाल संसद के सदस्यों का चुनाव किया गया।

जिसमें प्रधानमंत्री, उप प्रधानमंत्री के अलावा बाल संसद के 12 मंत्रीयो का चुनाव विद्यालय के प्रधानाध्यापिका एवं शिक्षकों के उपस्थित में किया गया। कार्यक्रम के जिला लीड रंजीत कुमार ने बताया कि बाल संसद छात्रों में जीवन कौशल का विकास करने, नेतृत्व एवं निर्णय लेने की क्षमता विकसित करने, विद्यालय गतिविधियों एवं प्रबंधन में भागीदारी सुनिश्चित करने, विद्यालय को आनंददायी, सुरक्षित और साफ-सुथरा रखने के लिए बाल संसद का गठन किया जाता है। बाल संसद विद्यालय बच्चों का एक ऐसा मंच है, जहां वे अपने विद्यालय, समाज, परिवार, स्वास्थ्य-शिक्षा और अपने अधिकारों की बात खुलकर कर सकते हैं।

इस दौरान उन्होंने बाल संसद सदस्यों को प्रशिक्षण प्रदान कर उन्हें उनके अधिकार एवं कर्तव्यों की जानकारी दी गई। स्कूल मोबिलाइज कृष्ण कुमार पांडे द्वारा सभी बाल संसद के सदस्यों को शपथ ग्रहण करायें।

मौके पर बाल संसद के अलावा प्रधानाध्यापिका चंद्रकांति सिंह, अर्तिका शुक्ला, अंकिता सिंह, फरहीन, आलिया ममता, निशात अफरोज, कंचन बाला त्रिपाठी

सहित अन्य शिक्षिका उपस्थित थे।

बाबा के बुलडोजर पर निकली बारात, गाना बजा.. "घुस जालें बिलिया में सांप बिच्छू गोजर, चलेला जब चांप के बाबा के बुलडोजर"

खजनी गोरखपुर। तहसील क्षेत्र के नगर पंचायत उनवल के वार्ड संख्या-10 के निवासी मेहिन वर्मा के बेटे कृष्णा वर्मा के विवाह के लिए आज जब बारात बुलडोजर पर निकली तो सड़क के दोनों तरफ तमाशबीनों की भीड़ लग गई।बताया जाता है कि शादी तय होने के बाद खलीलाबाद के ससुराल पक्ष के लोगों ने जब दुल्हे को ताना मारा कि इस बार तो बाबा जी की पार्टी खलीलाबाद संतकबीरनगर में हार गई।

यह बात दूल्हे को इतनी नागवार गुजरी कि उसने कहा कि बाबा जी हमारे उनवल की आन बान शान हैं। घर पहुंचने पर उसने बारात में दुल्हे को ले जाने के लिए कोई महंगी एयरकंडीशनर कार नहीं बल्कि बुलडोजर को चुना। परिवार के लोगों ने और संबंधियों ने उसे समझाया कि इससे वह हंसी और मजाक का पात्र बन जाएगा, लेकिन कृष्णा वर्मा और जिद पर आ गए। आखिरकार आज जब बुलडोजर पर बारात निकली और परछावन शुरू हुआ तो नगर क्षेत्र के लोगों ने उस पर फूल बरसाए।इस दौरान डीजे पर बज रहा गीत"घुस जालें बिलिया में सांप बिच्छू गोजर, चलेला जब चांप के बाबा के बुलडोजर" लोग झूम कर नाचे। इलाके में बुलडोजर पर निकली बारात चर्चा का विषय बनी हुई है।

भटवली बाजार पहुंची एबीवीपी की रथयात्रा का भव्य स्वागत

खजनी गोरखपुर।छात्रों की उपस्थिति दर परिसरों में लगातार कम हो रही है इसको लेकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में 2 जुलाई से 9 जुलाई तक गोरक्षप्रांत के सभी 17 संगठनात्मक जिलों में रथयात्रा के द्वारा "परिसर चलो" अभियान चला रही है।

यह रथ यात्रा आज उनवल नगर इकाई में पहुंची, जिसका कार्यकर्ताओं ने और इंटरमीडिएट कालेज भटवली बाजार, बालिका इंटरमीडिएट काॅलेज व आइडियल पब्लिक स्कूल के विद्यार्थियों ने रथ यात्रा का जोरदार एवं भव्य स्वागत किया।

इस परिसर चलो रथयात्रा का शुभारंभ बस्ती के हरैया से चल कर 16वें संगठनिक जिले में पहुंचा।

इस अवसर पर प्रांतमंत्री मयंक राय ने कहा,अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद अपने स्थापना काल से ही अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद राष्ट्र के पुनर्निर्माण के लिए प्रतिबद्ध है, हम राष्ट्रीय पुनर्निर्माण के व्यापक संदर्भ में शैक्षिक परिवार की अवधारणा पर दृढ़ विश्वास रखकर संस्कारित छात्र शक्ति का निर्माण कर देश समाज में होने वाले सकारात्मक परिवर्तनों में अपनी भूमिका पूर्ण कर रहे है। इन्हीं सैद्धांतिक भूमिका के साथ परिषद 1949 से निरंतर अपना कार्य कर रही है।

इस अवसर पर अभाविप गोरखपुर के जिला संगठन मंत्री (उत्तरी व दक्षिणी) रंजीत सिंह ने कहा, परिसरों में विद्यार्थियों की उपस्थिति कम हो रही है जो अत्यंत ही चिंताजनक है, जिसका कारण कोरोना काल में ऑनलाइन शिक्षा का प्रचलन, बेतरतीब बढ़ती फीस वृद्धि,शिक्षकों की कमी और शिक्षा का व्यवसायीकरण है।

परिसरों के प्रति विद्यार्थियों की घटती रुचि उनके सर्वांगीण विकास में बाधक बन रही है, इसलिए अभाविप ने परिसर चलो रथ यात्रा का शुभारंभ किया, जिससे विद्यार्थियों का विश्वास परिसरों पर बढ़े और वो पुनः परिसरों के तरफ प्रस्थान करें।

अभाविप गोरखपुर उत्तरी के जिला संयोजक जयवीर सिंह ने कहा कि विद्यार्थी परिषद सदैव रचनात्मक कार्य करती हैं, विद्यार्थी परिषद की स्थापना के पीछे राष्ट्र के पुनर्निर्माण का उद्देश्य है। समाज का उत्थान विद्यार्थियों के द्वारा ही किया जा सकता है।

विद्यार्थी परिषद का कार्य प्रत्येक शैक्षिक परिसर में विभिन्न प्रकार के गतिविधियों व कार्यक्रमों के माध्यम से होता है। शिक्षण संस्थानों की कक्षाओं में विद्यार्थियों की कम उपस्थिति चिंताजनक है। रथयात्रा के संयोजक अर्पित कसौधन,गोरखपुर दक्षिणी के जिला प्रमुख डॉ०रविसेन प्रताप सिंह,जिला संयोजक शिवेंद्र ध्वज सिंह, संयोजक निहाल सिंह, नगर सहमंत्री अतुल राय, संयोजक सतीश प्रजापति आदि मौजूद रहे।

उफान पर आई आमी नदी पानी में डूबे खेत

खजनी गोरखपुर।लगातार बारिश से क्षेत्र में नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। इलाके में आमी नदी का जलस्तर भी बीते 2 दिनों से तेज़ी से बढ़ रहा है। नदी के किनारे बसे गांवों में किसानों के खेतों में पानी भर गया है और खरीफ की फसलें जलमग्न हो गई हैं।

जलस्तर बढ़ने से बाढ़ का पानी आमी नदी के किनारे बसे कूंड़ा भरत, लमतीं, मखानी, रतसहीं, शहीदाबाद,कुंईंकोल,कटकां,धुवहां, विनायका,छताईं पांडेयपुरा, इटैली आदि गांवों में संपर्क मार्गों के समीप पानी पहुंचने लगा है, और निचले इलाकों में खेतों में जलभराव हो गया है।

विद्यालय में निकला अजगर

गोला गोरखपुर।गोला विकास खंड के प्राथमिक विद्यालय बेलपार में आठ फीट का विशाल अजगर खिड़की के रास्ते विद्यालय के कार्यालय में घुसने की कोशिश कर रहा था।ज्ञात हो भारी बरसात के कारण विद्यालय चार दिन से बंद था।

आज सुबह विद्यालय पर जब शिक्षक पहुंचे तो अजगर को देख कर घबरा गए। विद्यालय के शिक्षकों द्वारा खिड़की खोला गया तो अजगर कार्यालय के अंदर रखी कुर्सी पर जाकर बैठ गया।बड़ी मसक्कत से शिक्षकों द्वारा बाहर निकाला गया। और उसे विद्यालय के बाहर ले जाकर छोड़ दिया गया।

लाइलाज बीमारी फाइलेरिया से बचाव के लिए साल में एक बार पांच साल तक लगातार दवा खाना जरूरी

गोरखपुर।जिले के लोगों को लाइलाज बीमारी फाइलेरिया से बचाने के लिए अगले माह दस अगस्त से सर्वजन दवा सेवन (एमडीए) अभियान शुरू किया जाएगा। इसके तहत दस अगस्त से दो सितम्बर तक तीन सदस्यों की टीम घर घर जाकर लोगों को बचाव की दवा खिलाएंगी। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आशुतोष कुमार दूबे ने इस अभियान को सफल बनाने के लिए चौदह अलग अलग विभागों के मुखिया और अन्य स्टेकहोल्डर्स को पत्र भेजा है । उन्होंने पत्र के जरिये छह प्रमुख विभागों से विशेष सहयोग करने के लिए कहा है।

लाइलाज बीमारी फाइलेरिया (हाथीपांव)से बचने के लिए पांच साल तक लगातार साल में एक बार बचाव की दवा का सेवन जरूरी है।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने नगर स्वास्थ्य अधिकारी, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, जिला विद्यालय निरीक्षक, जिला आपूर्ति अधिकारी, जिला पंचायती राज अधिकारी, जिला कार्यक्रम अधिकारी, अधीक्षक कारागार, जिला सूचना अधिकारी, आईएमए अध्यक्ष, स्वयं सहायता समूहों के जिला मिशन मैनेजर, जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी, जिला समाज कल्याण अधिकारी, उप नियंत्रक नागरिक सुरक्षा के साथ साथ सभी नगर पंचायतों के अधिशासी अधिकारियों को पत्र लिखा है । पत्र में बताया गया है कि फाइलेरिया से बचाव की दवा का सेवन एक वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती और गंभीर रूप से पीड़ित लोगों को छोड़ कर सभी लोगों को करना है।

एक से दो वर्ष आयु वर्ग के बच्चों को सिर्फ एल्बेंडाजोल दवा खिलाई जाती है, जबकि दो वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को अलग अलग आयु वर्ग के अनुसार फाइलेरिया से बचाव की दो दवाएं निर्धारित मात्रा में खिलाई जाती हैं। दवा का सेवन भोजन या नाश्ते के बाद विभागीय टीम के सामने ही करना होगा।

जिला मलेरिया अधिकारी अंगद सिंह ने बताया कि इस बार जिले के शहरी क्षेत्र के चौदह प्लानिंग यूनिट में यह अभियान नहीं चलेगा, क्योंकि इन इकाइयों ने प्री टास (ट्रासमिशन एसेसमेंट सर्वे) गतिविधि को पास कर लिया है। इन्हें छोड़ कर पूरे जिले में अभियान चलेगा । पहली बार अभियान की टीम में एक पुरुष सदस्य भी रखा जाएगा ताकि हाथीपांव और हाइड्रोसील के नये पुरूष मरीजों की भी आसानी से पहचान की जा सके। प्रत्येक टीम को एक दिन में 25 घर का भ्रमण कर कम से कम 125 लोगों को फाइलेरिया से बचाव की दवा खिलानी होगी। जिले में इस समय हाथीपांव के 2872 मरीज और हाइड्रोसील के 420 मरीज हैं। सहयोगी संस्था प्रोजेक्ट कंसर्न इंटरनेशनल (पीसीआई) के प्रतिनिधि प्रणव पांडेय की मदद से अन्तर्विभागीय संवेदीकरण व जनजागरूकता गतिविधियां आयोजित की जाएंगी। विश्व स्वास्थ्य संगठन और पाथ संस्था के प्रतिनिधिगण तकनीकी सहयोग करेंगे। जिले के पिपराईच और चरगांवा ब्लॉक में बने फाइलेरिया रोगी नेटवर्क की पिछले वर्ष की भांति इस वर्ष भी मदद ली जाएगी

छह विभागों से मांगा गया यह सहयोग

पंचायती राज और नगरीय निकाय से जुड़े जनप्रतिनिधि और अधिकारी खुद फाइलेरिया रोधी दवा खाकर दूसरों को इसके लिए प्रेरित करें। शिक्षक दवा का सेवन करने के साथ साथ बच्चों और अभिभावकों को जागरूक करें। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अभियान से पहले ही बीमारी की भयावहता के बारे में लोगों से चर्चा करें और अभियान के दौरान आशा कार्यकर्ता के साथ सक्रिय भूमिका निभाते हुए दवा का सेवन करवाएं। आजीविका मिशन से जुड़े स्वयं सहायता समूह के सदस्य बीमारी के बारे में लोगों को जागरूक करें और अपने घर के आसपास लोगों को दवा खाने के लिए प्रेरित करें। कोटेदार राशन वितरण के दौरान जागरूकता अभियान चलाएं और दवा खाने से इनकार करने वाले लोगों को प्रेरित कर दवा खिलवाएं।

इन प्लानिंग यूनिट में नहीं चलेगा अभियान

जिला मलेरिया अधिकारी ने बताया कि गोरखपुर के शहरी क्षेत्र के बसंतपुर, बेतियाहाता, सिविल लाइन, दीवान बाजार, जटेपुर, पुर्दिलपुर, शाहपुर, जाफरा बाजार, अंधियारीबाग, इस्लामचक, बिछिया, तारामंडल, शिवपुर सहबाजगंज और इलाहीबाग में एमडीए अभियान नहीं चलेगा।

शहर में इन जगहों पर चलेगा अभियान

झरना टोला, नथमलपुर, मोहद्दीपुर, हुमायुंपुर, तुर्कमानपुर, छोटे काजीपुर और गोरखनाथ

परिसरों में विद्यार्थियों की शत प्रतिशत उपस्थिति ही परिसर चलो रथयात्रा का उद्देश्य: अंकित शुक्ल


गोरखपुर।अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के 76 वें स्थापना दिवस के अवसर पर आज 9 जुलाई (राष्ट्रीय विद्यार्थी दिवस) गोरखपुर महानगर के दिग्विजयनाथ स्नातकोत्तर महाविद्यालय में संगोष्ठी का आयोजन किया गया।

स्थापना दिवस के अवसर पर अभाविप गोरखपुर महानगर द्वारा शिक्षण संस्थानों एवं नगरों में विभिन्न प्रतियोगिताओं एवं संगोष्ठियों और रचनात्मक गतिविधियों के माध्यम से, विद्यार्थी परिषद के विचार को समाज के विभिन्न वर्गों तक पहुंचाने का कार्य करने वाले मेधावी विद्यार्थियों को सम्मानित किया गया।

छात्रों की उपस्थिति दर परिसरों में लगातार कम हो रही है इसको लेकर विद्यार्थी परिषद स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में 2 जुलाई से 9 जुलाई तक गोरक्ष प्रांत के समस्त 17 संगठनात्मक जिलों में रथयात्रा के द्वारा चलाए गए "परिसर चलो अभियान का समापन भी हुआ। इन आयोजनों द्वारा, विद्यार्थी परिषद के राष्ट्र सर्वप्रथम के विचार को विद्यार्थियों के मध्य ले जाने का प्रयास अभाविप के कार्यकर्ताओं द्वारा किया गया।

कार्यक्रम में मुख्य वक्ता राष्ट्रीय मंत्री अंकित शुक्ला ने कहा कि कोरोना काल के बाद शैक्षिक परिसरों में विद्यार्थियों की उपस्थिति दर में गिरावट दर्ज की गई है, जिससे परिसर संस्कृति को विद्यार्थी भूलते जा रहे हैं और यह उनके सर्वांगीण विकास में बाधक सिद्ध हो रही है। परिसर एवं कक्षा की शिक्षा एक विद्यार्थी के समाजीकरण की प्रक्रिया का हिस्सा है जिससे वह समाज और राष्ट्र के प्रति अपना दायित्व समझता है। परिसरों में विद्यार्थियों की शत प्रतिशत उपस्थिति ही इस परिसर चलो रथयात्रा का उद्देश्य है।

विद्यार्थियों को तनावमुक्त करते हुए आनंदमय सार्थक विद्यार्थी जीवन का वातावरण बनाने का कार्य आज परिषद शैक्षिक संस्थानों में कर रही है।श्री शुक्ला ने कहा कि परिसरों में सप्ताह में 1 दिन समस्याओं के समाधान की कक्षा का भी होना चाहिए।अभाविप परिसर संस्कृति की स्थापना हेतु प्रतिबद्ध है जिससे शिक्षक व विद्यार्थी के मध्य संघर्ष नहीं अपितु संवाद का वातावरण बने। अभाविप की यह सांगठनिक यात्रा छात्र हित व सामाजिक उत्थान के अनंत स्वर्णिम अध्यायों को समेटे हुए है। इन्हीं कार्यों के साथ कार्यकर्ता का व्यक्तित्व निर्माण हो, इसपर भी कार्य किया जाएगा जिससे वह कार्यकर्ता ध्येय यात्री के रूप में 'राष्ट्र पुनर्निर्माण' में सार्थक प्रयत्न कर सके।

कार्यक्रम की मुख्य अतिथि कुलपति प्रो० पूनम टंडन ने कहा कि परिसर के मुख्य वाहक विद्यार्थी होते है और उनकी सहभागिता से ही परिसरों का अर्थ है। ऑनलाइन कक्षाएं परिसरों को दूषित कर रही हैं, विद्यार्थियों और समाज के हितधारकों को समझना होगा कि परिसरों में ही विद्यार्थियों को नैतिक और सामाजिक, देश और राष्ट्र के प्रति कर्तव्य का बोध कराया जा सकता है। हमें परिसरों में रचनात्मक गतिविधियों के माध्यम से विद्यार्थियों के सर्वांगीण और चहुमुखी विकास के लिए प्रतिबद्ध होना होगा।अभाविप का यह प्रयास वास्तव में परिसरों की उपादेयता को सिद्ध करेगा।

कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि डॉ० प्रदीप राव ने कहा कि विद्यालयों को चलाने हेतु छात्र सहभाग आवश्यक है। विद्यार्थी परिषद राष्ट्र के पुनर्निर्माण के लक्ष्य को लेकर शिक्षा के क्षेत्र में पुनर्निर्माण करने का कार्य करने वाली छात्र संगठन है अभाविप। शिक्षक, विद्यार्थी और शिक्षाविद के मिलकर एक साथ कार्य करने वाला इकलौता छात्र संगठन है अभाविप। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद अपने स्थापना काल से ही अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद राष्ट्र के पुनर्निर्माण के लिए प्रतिबद्ध है, हम राष्ट्रीय पुनर्निर्माण के व्यापक संदर्भ में शैक्षिक परिवार की अवधारणा पर दृढ़ विश्वास रखकर संस्कारित छात्र शक्ति का निर्माण कर देश समाज में होने वाले सकारात्मक परिवर्तनों में अपनी भूमिका पूर्ण कर रहे है। इन्हीं सैद्धांतिक भूमिका के साथ परिषद 1949 से निरंतर अपना कार्य कर रही है।

अभाविप गोरक्ष प्रांत के प्रांत मंत्री मयंक राय ने कहा, "यह हमारे लिए सौभाग्य की बात है कि भारत की स्वतंत्रता के अमृत वर्ष पूर्ण होने के साथ ही, अभाविप अपने 76वें वर्ष में प्रवेश कर रही है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने पिछले 75 वर्षों में एक सतत छात्र आंदोलन के नाते, देश में युवाओं एवं छात्रों के मध्य, राष्ट्र भक्ति चेतना का एक सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित करने की ओर सफलतापूर्वक कार्य किया है जिसका प्रभाव वर्तमान में समाज में देखा जा सकता है। विद्यार्थी परिषद सतत रूप से एक सार्थक एवं आनंदमयी छात्र जीवन बनाने के लिए प्रयासरत है।"

कक्षाओं का अव्यवस्थित होना भारत के भविष्य के लिए चिंताजनक है। विद्यार्थी परिषद रथयात्रा के द्वारा 'परिसर चलो अभियान' के माध्यम से छात्रा-छात्रों को जागरूक कर, विद्यार्थियों की कक्षाओं में उपस्थिति बढ़ाने पर जोर दे रही। अभाविप गोरक्ष प्रांत द्वारा चलाए जा रहे "परिसर चलो रथ" के माध्यम से गोरक्ष प्रांत के सभी 17 संगठनात्मक जिलों में जनजागरुकता अभियान चलाया गया। इस दौरान चौपाल, संगोष्ठी, नुक्कड़ नाटक, पत्रक वितरण किया, जनसंवाद कर परिसर संस्कृति की महत्ता को बताया गया और परिवारों में जाकर भी विद्यार्थियों को परिसर जा कर शिक्षा ग्रहण करने को प्रेरित किया गया।

कार्यक्रम का संचालन महानगर मंत्री शुभम गोविन्द राव और आभार ज्ञापन महानगर अध्यक्ष डॉ० विवेक शाही ने किया

इस अवसर पर दीपेंद्र मोहन सिंह ,अर्जुन सोनकर जी, मेनका जी, संपदा द्विवेदी, तान्या, छत्रसाल ,आदित्य प्रताप ,दीपक पांडे ,पीयूष मिश्रा ,आदि मौजूद रहें।

जरा संभलकर बड़ा मुश्किल है सफर: एक वर्ष में बनने वाले सिसवां मार्ग का 16 माह बाद भी नहीं हुआ निर्माण

खजनी गोरखपुर।अगर रास्ता ठीक न हो तो लगातार हो रही इस बारिश के मौसम में उस पर आने जाने वाले लोगों की मुश्किलों का अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है।
कुछ यही हाल है खजनी तहसील क्षेत्र के वर्षों से खराब और टूट-फूट कर जर्जर हो चुके हरनहीं-सिसवां- सोनबरसां संपर्क मार्ग का, जिसका निर्माण नियत समय से 4 माह अधिक बीतने के बाद भी पूरा नहीं हो सका है। पूर्वांचल लिंक एक्सप्रेस- वे मार्ग से हरनहीं में जुड़ने वाले 671.78 लाख रुपए की लागत वाले इस संपर्क मार्ग का निर्माण प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत एफडीआई टेक्नोलॉजी से कराया जा रहा है।

ग्रामीण विकास मंत्रालय भारत सरकार द्वारा हरनहीं चौराहे पर लगे सरकारी बोर्ड पर सड़क के निर्माण की तिथि 12 फरवरी 2023 प्रारंभ तथा 11 फरवरी 2024 तक पूर्ण होना दर्शाया गया है। किंतु 16 माह में सिर्फ 3600 मीटर सड़क का निर्माण पूरा हो सका है, बची हुई लगभग 1600 मीटर सड़क के निर्माण में अभी कितना वक्त लगेगा इसे कोई नही जानता। इस बीच इस निर्माणाधीन मार्ग से होकर गुजरने वाले लोग रोज चोटिल हो रहे हैं, बारिश के मौसम में छोटे बड़े बेशुमार गड्ढों से भरी उबड़-खाबड़ सड़क और गड्ढों में भरा गंदा पानी तथा कीचड़, यात्रियों के लिए बड़ी समस्या बना हुआ है।

यात्रा के दौरान कपड़े खराब होना, गर्भवती महिलाओं और बीमार लोगों की समस्याओं का अंत नहीं, बेशुमार दुश्वारियां झेल रहे लोग विभागीय अधिकारियों को और सरकार को कोस रहे हैं। इस मार्ग पर चलने से पहले ही लोग बताते हैं कि जरा संभलकर बड़ा मुश्किल है सफर।माना जा रहा है कि निर्माण बजट बढ़ाने और ज्यादा लाभ कमाने के फेर में ठेकेदारों के द्वारा जानबूझ कर निर्माण कार्य में विभिन्न प्रकार के अवरोध दर्शा कर देर की जाती है जिसमें सभी की मिली भगत और हिस्सेदारी तय कर ली जाती है। अभी बीते वर्ष ही 5 किमी लंबे खजनी रामपुर पांडेय मार्ग और 3 किमी लंबे खजुरी भेउसां मार्ग के निर्माण में कुछ ऐसा ही खेल हुआ था।

सड़क के बीच खड़ा बिजली का पोल नहीं हटाया गया। इस मार्ग पर गहना (गाजर बंशमन) गांव में सड़क के बीच खड़ा बिजली का पोल हादसों को दावत दे रहा है। जिसे हटाया नहीं जा सका है। स्थानीय लोगों में ठाकुर मिश्रा, सिद्धनाथ त्रिपाठी, दिवाकर ठाकुर, हेमंत कुमार त्रिपाठी समेत दर्जनों लोगों ने बताया कि सड़क के निर्माण में एक्सईएन की भूमिका संदिग्ध लग रही है।

इस संदर्भ में एक्सईएन कुंवर सुरेंद्र प्रताप ने बताया कि बीते मई माह में वन विभाग को पेड़ों को हटाने का एस्टीमेट दिया गया है। विभाग से धन अवमुक्त होते ही वन विभाग पेड़ों को काट लेगा और सड़क बना दी जाएगी।
शिक्षा से ही मनुष्यता की पहचान- विधायक प्रदीप शुक्ला


गोरखपुर। शिक्षा से ही मानव के भीतर अवस्थित मनुष्यता की पहचान होती है। एक जीव के रूप में इस संसार में लाखों सजीव हैं लेकिन पढ़ने लिखने बोलने संस्कार संस्कृति और सभ्यता जैसे गुणों को पा कर ही मानव इस दुनियां के सभी जीवों के हितों की चिंता करता है और उनकी रक्षा करता है।
मानवीय सद्गुणों का विकास शिक्षा से ही हो पाता है।

उक्त विचार विधायक प्रदीप शुक्ला ने व्यक्त किए, उन्होंने महानगर के रूस्तमपुर बगहा बाबा मंदिर के समीप सहजनवां विधानसभा क्षेत्र के विधायक प्रदीप शुक्ला ने "कोचिंग मास्टर" नामक नए कोचिंग सेंटर का फीता काट कर शुभारंभ किया। इस अवसर पर युवा भाजपा नेता रत्नेश पांडेय संचालक अर्पित त्रिपाठी, अभिषेक त्रिपाठी, संतोष त्रिपाठी, गजेंद्र राम त्रिपाठी, दयानंद, अर्चित त्रिपाठी, वशिष्ठ त्रिपाठी समेत क्षेत्र के दर्जनों प्रतिष्ठित लोग मौजूद रहे।
हज़रत उमर व कर्बला के शहीदों की याद में मुस्लिम धर्मगुरुओं ने किया पौधारोपण
गोरखपुर। माहे मुहर्रम में पैग़ंबरे इस्लाम हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के नवासे हज़रत सैयदना इमाम हुसैन व उनके साथी हक़ का परचम बुलंद करते हुए कर्बला में शहीद हुए। सोमवार पहली मुहर्रम को मुस्लिम धर्मगुरु कर्बला के शहीदों को कुछ अलग अंदाज में याद करते हुए समाज को पर्यावरण के प्रति जागरुक करते नज़र आए। मुस्लिम धर्मगुरुओं ने कर्बला के 72 शहीदों व हजरत उमर रदियल्लाहु अन्हु की याद में हज़रत मुबारक ख़ां शहीद‌ कब्रिस्तान नार्मल में पौधारोपण किया।

नायब काजी मुफ्ती मोहम्मद अजहर शम्सी ने इस मौके पर कहा कि दीन-ए-इस्लाम में पौधा लगाना बहुत नेकी का काम है। पैग़ंबरे इस्लाम हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फरमाया कि जो बंदा कोई पौधा लगाता है या खेतीबाड़ी करता है, फिर उसमें से कोई परिंदा, इंसान या अन्य कोई प्राणी खाता है तो यह सब पौधा लगाने वाले की नेकी में गिना जाएगा।

मौलाना दानिश रज़ा अशरफी, आकिब अंसारी व कारी मोहम्मद अनस रजवी ने बताया कि दीन-ए-इस्लाम में पेड़-पौधों की बड़ी अहमियत बयान की गई है। पैगंबरे इस्लाम हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के समय में अरब देश की मरुभूमि में राहगीर सफर में धूप और प्यास से बिलबिला उठते थे। इस पर पैगंबरे इस्लाम की ओर से हुक्म हुआ कि रास्तों के किनारे छायादार पेड़ लगाए जाएं और वहां कुएं खुदवाए जाएं। बाद में ऐसा ही हुआ। पैगंबरे इस्लाम ने फ़रमाया जो शख़्स पौधा लगाता है फिर उस पेड़ से जितना फल पैदा होता है अल्लाह फल की पैदावार के बक़द्र पौधा लगाने वाले के लिए नेकी लिख देता है। अबकी बार उलमा किराम कर्बला के शहीदों की याद में पौधारोपण कर समाज में पर्यावरण के प्रति जागरुकता लाने का प्रयास कर रहे हैं ताकि लोग समझें की पेड़ पौधे हमारी ज़िंदगी में बहुत अहमियत रखते हैं।