दत्तनगर से ढेमवाघाट मार्ग मे जगह जगह जलभराव आवागमन बंद, नाव एकमात्र सहारा
नवाबगंज (गोंडा) । क्षेत्र का दत्तनगर ऐसा गांव है, जहा बाढ सबसे पहले दस्तक देती है। इसी गांव से ढेमवाघाट पर एक पुल बना था, जिससे लोगों को फैजाबाद से होकर राजधानी जाने मे आसानी थी।
समय और दूरी दोनो की बचत थी पर घाघरा नदी के बढ़े जलस्तर के चलते ढेमवा मार्ग पूरी तरह से सरयू नदी की जद में आ चुका है। जिसके चलते आवागमन बीते सप्ताह से ही बंद हो गया है । लोग नाव व स्टीमर के सहारे यात्रा को मजबूर हो गए हैं।
नाव पर लोगों की सुरक्षा के पर्याप्त व्यवस्था तक नही है पर लोग जान जोखिम में डाल कर आवागमन कर रहे हैं, पक्के पुल के करीब 500 मीटर पास तक लोग अपने निजी वाहनों से पहुंच जा रहे हैं, किन्तु आगे पानी के चलते आवागमन बाधित हो गया है। बीते दो वर्षो में रोड का निर्माण न कराये जाने से माझा के दर्जनों गाँव के लाखों लोगों के समक्ष आवागमन की भारी समस्या उतपन्न हो गयी है।
माझा क्षेत्र की जीवन रेखा कहलाने वाली ढेमवा रोड के चार वर्ष पूर्व सरयू नदी पर पक्का पुल और ढेमवा रोड के निर्माण हो जाने से यह सड़क क्षेत्रीय लोगों के लिए वरदान था। पर माझा क्षेत्र के दो दर्जन गावों के लोगों कि समस्या तब बढी जब यह मार्ग टूटकर बह गया, इससे लोगों की रोजी रोटी के लिए भी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। लोगों के लिए यह मार्ग बहुत उपयोगी बन गया था ।
किन्तु 2 वर्षो से लोगों कों भारी मुसीबतो का सामना करना पड़ रहा है। दूध के व्यापारीयो के लिए सबसे अच्छा रास्ता साबित हो रहा था अब यह उनके लिए ही सबसे बडी समस्या है साकीपुर गांव के मांगे ने बताया कि मार्ग बंद होने से उनका व्यापार पर प्रभाव पडा है अब फैजाबाद जाने के लिए करीब चालीस किलोमीटर का सफर करना होता है अन्य लोग, जो राजधानी जल्दी पहुंच जाते थे उन्हें भी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
दत्तनगर गांव के प्रधान प्रतिनिधि राजाराम यादव ने कहा कि स्थानीय किसानो और दुध व्यापार प्रभावित होने के कगार पर आ गया है। दवा, शिक्षा, नौकरी पर भी इसका बुरा प्रभाव दिखेगा। फैजाबाद से प्राथमिक विद्यालय में आने वाले शिक्षकों को भी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है । साकीपुर गांव के पूर्व प्रधान छोटेलाल यादव ने बताया कि उनके गांव के मैदानी इलाके मे पानी आना शुरु हुआ है। किसानो को ज्यादा नुकसान होगा, वही इसी गांव के डा अरुण सिंह ने कहा कि बाढ के पहले सभी तैयारी हम सब कर लेते हैं पर बाढ की विभिषिका का सामना करना पडता ही है।
बाढ की दस्तक से नदी किनारे बसे करीब एक दर्जन गांवो के लोगों की धड़कने अभी से बढने लगी है।

नवाबगंज (गोंडा) । क्षेत्र का दत्तनगर ऐसा गांव है, जहा बाढ सबसे पहले दस्तक देती है। इसी गांव से ढेमवाघाट पर एक पुल बना था, जिससे लोगों को फैजाबाद से होकर राजधानी जाने मे आसानी थी।








नवाबगंज (गोंडा)।मनकापुर झिलाही मार्ग पर दो बाइक की आमने-सामने भिड़ंत में चार लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। मनकापुर कोतवाली पुलिस की मदद से घायलों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मनकापुर पहुंचाया गया। जहां चिकित्सकों ने प्राथमिक उपचार के उपरांत एक घायल को गंभीर दशा में जिला मुख्यालय के लिए रेफर कर दिया।

Jul 08 2024, 17:57
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