राजद का 28वां स्थापना दिवस कल : पार्टी कार्यालय में तैयारी जोरो पर, राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद रहेंगे मौजूद

डेस्क : राष्ट्रीय जनता दल का कल 5 जूलाई को 28वां स्थापना दिवस पटना स्थित प्रदेश कार्यालय के कर्पूरी सभागार में मनाया जाएगा। इस मौके पर पार्टी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव समेत अन्य सभी प्रमुख नेता मौजूद रहेंगे। इस बात की जानकारी पार्टी के प्रवक्ता एजाज अहमद ने दी है।

उन्होंने बताया कि स्थापना दिवस समारोह में 5 जिला के कार्यकर्ता और प्रमुख नेता मौजूद रहेंगे। जिनमें पटना, वैशाली, भोजपुर, जहानाबाद एवं अरवल के कार्यकर्ता और नेता भाग लेंगे। जबकि अन्य जिला के साथी पटना अपने-अपने जिला में ही स्थापना दिवस कार्यक्रम आयोजित करेंगे। 

इस मौके पर पार्टी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव पार्टी कार्यालय में पहुंचकर विधानसभा चुनाव को लेकर पार्टी में जान फुकेंगे। स्थापना दिवस पर आरजेडी पार्टी के कई अन्य प्रमुख नेता भी विधानसभा चुनाव को लेकर रणनीति बनाएंगे।

अब सरकारी स्कूल के बच्चों को नहीं झेलनी पड़ेगी ये परेशानी, विभाग के एसीएस ने सभी डीईओ को दिए यह निर्देश

डेस्क : बिहार के सरकारी स्कूलों की दशा में सुधार होगा। बच्चों को जमीन पर बैठकर या फिर बरसात में टपकती छतों के नीचे बैठकर पढ़ाई नहीं करनी पड़ेगी। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों (डीईओ) को राज्य में शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए कई निर्देश दिये हैं। 

इसी क्रम में उन्होंने कहा है कि स्कूल में हर कक्षा के लिए अलग-अलग कमरे सुनिश्चित कराएं। कक्षा के अनुपात में कमरे न हों तो निकट के सामुदायिक भवन या सरकारी भवनों पर भी कक्ष संचालन की व्यवस्था करें। इसमें यह ध्यान रखा जाएगा कि संबंधित भवन स्कूल से 500 मीटर के दायरे में ही हो।

अपर मुख्य सचिव ने यह भी कहा है कि कमरों की साफ-सफाई बेहतर रहनी चाहिए। स्कूल के किसी भी कमरे का उपयोग शैक्षणिक कार्य को छोड़कर अन्य किसी के लिए नहीं होंगे। स्कूल भवन की छत बारिश में टपकती नहीं हो, फर्स टूटे न हो, यह भी सुनिश्चत करें। उन्होंने बेंच-डेस्क भी आवश्यकतानुसार उपलब्ध कराने को कहा है। यह भी कहा है कि बेंच-डेस्क निर्धारित मानक के रूप में नहीं हैं तो आपूर्तिकर्ता को बदलने का आदेश दें। अगर वे नहीं बदलते हैं को उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करें।

हर स्कूल में पीने के पानी की समुचित व्यवस्था है, यह भी सुनिश्चत करें। जिन स्कूलों में सबरसेबल पंप लगे हैं, वहां हर हाल में टंकी और नल लगाए जायें। चापाकल सही स्थित में है, इसकी भी निरंतर जांच कराते रहें। शौचालयों की सफाई और उसमें पानी की नल से आपूर्ति हो रही है, यह भी सुनिश्चित कराएं।

बीजेपी नेता संजय पासवान के बाद अब जदयू कोटे से मंत्री ने दिया ऐसा बयान, एनडीए में मच सकता है बवाल

डेस्क : पिछले दिनो बीजेपी के वरिष्ठ नेता संजय पासवान ने ऐसा बयान दिया था जिससे बिहार की सियासत गरम हो गई थी। संजय पासवान ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि बिहार में नीतीश कुमार बीजेपी के साथ नहीं होते तो बीजेपी जीरो पर आउट हो जाती। अभी वह मामला ठंडा भी नहीं पड़ा था कि अब जदयू कोटे से बिहार सरकार में मंत्री रत्नेश सदा ने ऐसा बयान दिया है जिससे एनडीए के अंदर बवाल मच सकता है।

दरअसल बीते बुधवार को राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग में नियोजन के लिए युवाओं को नियोजन पत्र देने जमुई पहुंचे बिहार सरकार के मंत्री रत्नेश सदा ने कहा कि नीतीश कुमार नहीं होते तो बीजेपी बिहार में जीरो पर आउट हो जाती। उसे 12 सीट कभी नहीं मिलती। 

वहीं मीडिया ने जब मंत्री से सम्राट चौधरी के पगड़ी उतारने पर सवाल पूछा तो उन्होंने कहा कि उनकी क्षमता नहीं है की नीतीश कुमार को गद्दी से उतार देने की। उन्होंने कहा की क्षमा शोभती उस भुजंग को जिसके पास गरल हो। 

मंत्री ने कहा कि नीतीश कुमार एक नाम तो है लेकिन वह एक विचार है। जिस तरह कर्पूरी ठाकुर एक विचार है महात्मा गांधी एक विचार है। इसी तरह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी एक विचार है। उन्हीं के विचार को लेकर हम आज यहां इस जिले में पहुंचे हैं। उन्होंने कहा कि हर प्रभारी मंत्री को घूम-घूम कर जनता की समस्या जानने के लिए कहा गया है। यह भी कहा गया है की डीएम और एसपी से उनकी समस्या का निराकरण कराया जाए या उसकी रिपोर्ट सीधे मुख्यमंत्री को दिया जाए। 

वहीं जब पत्रकारों में बीजेपी के नेतृत्व में चुनाव लड़ने के सवाल पर अश्विनी चौबे के बयान के ऊपर प्रतिक्रिया ली तो उन्होंने कहा कि इसी बड़बोलेपन की वजह से उन्हें साइड कर दिया गया है। खुद गृह मंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दोनों बैठक कर बोल चुके हैं की 2025 का विधानसभा चुनाव मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ही नेतृत्व में लड़ा जाएगा। वहीं राहुल गांधी पर निशाना चाहते हुए रत्नेश सदा ने कहा कि हिंदू धर्म पर उन्होंने जिस तरह टिप्पणी की है। वह बेहद अशोभनीय है और वह निंदा के पात्र है।

मौसम का हाल : राजधानी पटना प्रदेश के इन जिलों में आज भारी बारिश का अलर्ट*

डेस्क : देर से ही सही आखिरकार बिहार में मानसून मेहरबान हो गया है। भीषण गर्मी की मार झेल रहे प्रदेशवासियों को बीते कुछ दिनों से हो रही रिमझिम बारिश ने भीषण गर्मी से बड़ी राहत दी है। पटना सहित प्रदेश में झमाझम बारिश हो रही है। वहीं मौसम विभाग के अनुसार इस जुलाई माह मानसून के खूब बरसने के आसार है। वहीं मौसम विभाग के अनुसार पटना सहित प्रदेश में गुरुवार को भी बारिश के आसार हैं। मौसम विभाग ने पटना सहित 16 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। *आज इन जिलों में तेज बारिश का अलर्ट* सुपौल, मधुबनी, सीतामढ़ी, दरभंगा, पश्चिमी चंपारण, पूर्णिया, कटिहार जिले के एक या दो स्थानों में अति भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट है। वहीं पटना, सीवान, सारण, वैशाली, समस्तीपुर, भोजपुर, बक्सर, अररिया, किशनगंज जिले के एक-दो स्थानों पर भारी वर्षा का येलो अलर्ट है। वहीं बीते बुधवार को पटना सहित पूरे प्रदेश में भारी से हल्के स्तर की बारिश हुई। इस दौरान प्रदेश के 23 शहरों में 100 मिलीमीटर से अधिक वर्षा हुई। जबकि गोपालगंज में सबसे अधिक 90.1 मिलीमीटर बारिश हुई। पटना में बुधवार को 29.9 मिमी बारिश हुई। बुधवार को पटना सहित प्रदेश के 27 शहरों के अधिकतम तापमान में वृद्धि हुई। वहीं 8 शहरों के अधिकतम तापमान में गिरावट आई।
जदयू के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष बनने के बाद आज पहली बार पटना आ रहे संजय झा, नेताओं और कार्यकर्ताओं द्वारा स्वागत की भव्य तैयारी*


डेस्क : जदयू के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए जाने के बाद आज पहली बार संजय झा पटना आ रहे है। राज्यसभा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित होने के बाद संजय झा आज यानी 4 जुलाई को राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष बनाये जाने के बाद बिहार आ रहे हैं। उनके पटना आगमन पर पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने स्वागत की जोरदार तैयारी की है। गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ही राज्यसभा सांसद संजय झा को दिल्ली में आयोजित जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में बड़ी जिम्मेवारी दी गयी है। खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उन्हें पार्टी का राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष बनाये जाने का ऐलान किया था। जदयू के प्रदेश महासचिव छोटू सिंह ने कहा की मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य के मुखिया के तौर पर जहाँ बिहार के विकास में कोई कोर कसर बाकी नहीं छोड़ा है। वहीँ संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहते हुए उन्होंने संगठन के मजबूती के लिए कई कदम उठाये हैं। इसी का नतीजा है की लोकसभा चुनाव में जदयू को बड़ी सफलता हाथ लगी है। अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इसी विजन को संजय झा आगे बढ़ाने का काम करेंगे। छोटू सिंह ने बताया की राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष के पटना आगमन पर एअरपोर्ट पर उनका जदयू नेता और कार्यकर्त्ता भव्य स्वागत करेंगे। वहीँ एक दूसरे को मिठाई खिलाकर ख़ुशी का इजहार करेंगे। इसके बाद गाजे बाजे के साथ संजय झा पार्टी के प्रदेश कार्यालय में आयेंगे। जहाँ कार्यकर्ताओं के साथ अपने विचार रखेंगे।
बिहार मे नौकरी की बहार : सीएम नीतीश कुमार ने आज राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अंतर्गत 9,888 अभ्यर्थियों को बांटा नियुक्ति पत्र

डेस्क : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान कई सभाओं में यह एलान किया था कि विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश में 10 लाख नौकरी देने का लक्ष्य पूरा किया जायेगा। जिसकी तैयारी सरकार द्वारा शुरु कर दी गई है। 

आज पटना में मुख्यमंत्री सचिवालय स्थित ‘संवाद’ में बुधवार को आयोजित कार्यक्रम में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अंतर्गत 9,888 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र सौंपा गया। कार्यक्रम के दौरान कुल 75 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र दिया गया। जिसमें से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रतीकात्मक रूप से 20 अभ्यर्थियों को तथा राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री डॉ. दिलीप कुमार जायसवाल ने 5 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र सौंपा। शेष अभ्यर्थियों को सभी जिलों में प्रभारी मंत्रियों द्वारा नियुक्ति पत्र दिया गया।

इस अवसर पर कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अंतर्गत आज जो नियुक्ति पत्र वितरित किए गए हैं, वे बहुत अच्छे हैं। नियुक्ति पत्र वितरित करने का यह काम हमने बहुत पहले ही सोच लिया था। मुझे खुशी है कि आज 9,888 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र वितरित किए गए हैं। उन्होंने कहा कि हर जगह जमीन को लेकर विवाद है, यह तय नहीं हो पाता कि जमीन किसकी है। जमीन को लेकर विवाद के कारण ही झगड़े और हत्याएं होती हैं। 60 प्रतिशत मामले इसी से संबंधित होते हैं।

सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि सभी नवनियुक्त अभ्यर्थियों से अपेक्षा है कि वे लगन से सर्वे का काम तेजी से पूरा करेंगे। मैं अपर मुख्य सचिव और मंत्री से कहूंगा कि जुलाई 2025 तक काम पूरा कर लें। जितनी जल्दी जमीन सर्वे का काम पूरा होगा, जमीन विवाद खत्म होगा और सभी आपस में प्रेम और भाईचारे के साथ रहेंगे। सीएम ने कहा कि इस अवसर पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जिला मजिस्ट्रेट और जिलों के प्रभारी मंत्री भी जुड़े हुए हैं और वे सभी कार्यों की निगरानी करते रहें। मैं नवनियुक्त कर्मचारियों को अपनी शुभकामनाएं देता हूं और आशा करता हूं कि वे अपने कार्यों को बेहतर तरीके से निभाएंगे और तेजी से पूरा करेंगे।

गौरतलब है कि 9888 अभ्यर्थियों में 353 विशेष सर्वेक्षण सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी, 758 विशेष सर्वेक्षण कानूनगो, 742 विशेष सर्वेक्षण लिपिक एवं 8,035 विशेष सर्वेक्षण अमीन शामिल हैं। नियुक्ति के तुरंत बाद राज्य में सर्व का काम शुरू हो जायेगा। इन सभी सर्वे कर्मियों का कंप्यूटर के जरिए जिला आवंटन कर दिया गया है। सभी पुरुष अभ्यर्थियों का पदस्थापन गृह जिला से इतर के प्रमंडल में जबकि महिला का दूसरे जिला में किया गया है।

बड़ी खबर : BPSC से चयनित यूपी की 46 शिक्षिकाएं नौकरी से बर्खास्त, जानिए क्या है वजह

डेस्क : बिहार लोक सेवा आयोग ने टीचर बहाली में बड़ी कार्रवाई की है। आयोग ने यूपी के रहनेवाले 46 46 शिक्षिकाओं को नौकरी से बर्खास्त कर दिया है। इन सभी के चयन बिहार डोमिसाइल का लाभ लेकर हुआ था। ये सभी शिक्षिकाएं बिहार के औरंगाबाद जिले में तैनात थी। 

जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना) दयाशंकर सिंह ने आज बुधवार को बताया कि उत्तर प्रदेश की मूल निवासी सामान्य वर्ग की इन महिला टीचरों को बिहार डोमिसाइल उम्मीदवारों की तरह 5 फीसदी ग्रेस मार्क्स दिए गए थे, जो विभागीय नियमों के खिलाफ था।

यूपी की रहनेवाली कुछ महिला अभ्यर्थियों को नियमों के खिलाफ जाकर 5 फीसदी ग्रेस मार्क्स दे दिये गए और उनका शिक्षक बहाली में चयन कर लिया गया। जब शिक्षा विभाग के कुछ पदाधिकारियों ने यह गड़बड़ी देखी तो उन्होंने चयनित उम्मीदवारों को नियुक्ति देने से इनकार कर दिया गया। इसके बाद अभ्यर्थियों ने पटना हाईकोर्ट का रुख कर रिट याचिका दायर की। हाई कोर्ट ने भर्ती नियमावली में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया। 

वहीं बिहार के शिक्षा निदेशक ने 15 मई को एक पत्र जारी कर स्पष्ट किया कि बिहार राज्य के बाहर के उम्मीदवार 5 फीसदी ग्रेस मार्क्स के पात्र नहीं हैं। नियमों के खिलाफ जिन शिक्षकों की नियुक्ति हुई उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया गया। 46 अभ्यर्थियों ने स्वीकार किया कि उन्होंने टीईटी में 60% अंक प्राप्त नहीं किए हैं, जो बिहार के बाहर के अभ्यर्थियों के लिए अनिवार्य हैं।

गौरतलब है कि, बीपीएससी की ओर से साल 2023 में शिक्षक बहाली का विज्ञापन निकाला गया था। इसमंक बिहार के बाहर के अभ्यर्थियों को भी मौका दिया गया। इस विज्ञापन में बताया गया था कि चयन के लिए अभ्यर्थी का न्यूनतम 60 प्रतिशत अंकों के साथ शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) पास करना अनिवार्य है। सिर्फ बिहार की महिला, एससी/एसटी और ओबीसी उम्मीदवारों को इसमें पांच फीसदी ग्रेस मार्क्स की छूट दी गई थी।

जय-जय श्रीराम! 22 महीने बाद डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने उतारी पगड़ी, सरयू में डुबकी लगाकर तोड़ा अपना प्रण

 बिहार के डिप्टी सीएम एवं प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने बुधवार को अयोध्या की सरयू नदी में डुबकी लगाई. इसके बाद उन्होंने अपनी पगड़ी (मुरेठा) खोल दी. सम्राट चौधरी ने 22 महीने पश्चात् पगड़ी खोलकर उसे रामलला को समर्पित कर दिया. उन्होंने पगड़ी उतारने से पहले वहां उपस्थित सभी लोगों को प्रणाम किया. वह इससे पहले मुंडन भी करा चुके थे.

सरयू नदी में डुबकी लगाने से पहले उन्होंने मीडियाकर्मियों से कहा कि प्रभु श्री राम को समर्पण करना था एवं आज अयोध्या नगरी में आकर सरयू नदी में स्नान करके ये उतारा. मुरेठा बीते 22-23 महीने से बांधकर रखा था. ये प्रभु श्री राम के चरणों में समर्पित करूंगा. उन्होंने सरयू नदी में डुबकी लगाने के बाद सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि बंदउँ अवध पुरी अति पावनि. सरजू सरि कलि कलुष नसावनि॥ प्रनवउँ पुर नर नारि बहोरी। ममता जिन्ह पर प्रभुहि न थोरी॥ सुबह अयोध्या धाम में पवित्र सरयू नदी में डुबकी लगाई और हमारे इष्ट, प्रभु श्रीराम को स्तुति कर मुरेठा खोला. 

सम्राट चौधरी ने सितंबर 2022 में अपनी मां के निधन के बाद पगड़ी (मुरेठा) बांधा था. उन्होने इस के चलते संकल्प लिया था कि नीतीश कुमार को जब तक सीएम की कुर्सी से नहीं हटा देंगे, तब तक वह मुरेठा नहीं उतारेंगे. बता दें कि नीतीश कुमार उस वक़्त महागठबंधन में थे तथा चौधरी की पार्टी भारतीय जनता पार्टी विपक्ष में थी. किन्तु जनवरी 2024 में राजनीतिक समीकरण बदलने के साथ ही नीतीश कुमार NDA में सम्मिलित हो गए थे.

देश का ऐसा गांव जहां महिलाओं को शादी से पहले पुरुषों के साथ रहने की है आजादी, बच्चे पैदा होने के बाद भी दूसरे पुरुष के साथ कर सकती है शादी

डेस्क : हमारे देश में शादी से पहले किसी पुरुष के साथ रहने को काफी खराब माना जाता है। या यू कहें कि इसे चरित्रहीनता का कहा जाता है। हालांकि महानगरो में अब इसका प्रचलन हो गया है जिसे लीवइन रिलेशनशिप कहा जाता है। लेकिन देश के कई राज्य ऐसे हैं जहां लिवइन रिलेशनशिप को लेकर बवाल मचा रहता है। धार्मिक और सामाजिक संगठनों द्वारा लिवइन रिलेशनशिप का विरोध किया जाता है, लेकिन आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि हमारे ही देश में एक जनजाती ऐसी भी है जिसमें शादी से पहले लिवइन रिलेशनशिप में रहना बहुत ही आम बात है। यदि लिवइन में रहने के बाद उन्हें उनका पार्टनर पसंद नहीं आता है तो वो किसी दूसरे पुरुष के साथ शादी करने के लिए भी आजाद होती हैं।

इन जनजातियों में आज भी जारी है स्वयंवर की प्रथा

देश में राजस्थान के उदयपुर, सिरोही और पाली जिले और गुजरात के पहाड़ी इलाकों में निवास करने वाली गरासिया जनजाति में लिवइन में रहना बेहद आम बात मानी जाती है। इस जनजाति में महिलाएं शादी के पहले अपने पसंदीदा पुरुष के साथ रहने के लिए आजाद होती हैं। ऐसे में वो इस दौरान बच्चे को जन्म देने के बाद भी यदि उस पुरुष को छोड़ना चाहें और किसी दूसरे व्यक्ति से शादी करना चाहें तो वो इसके लिए आजाद होती हैं। इसके जरिए उन्हें अपनी जिदंगी के लिए बेहतर लाइफ पार्टनर चुनने में मदद मिलती है।

सबसे बड़ी बात यह है कि गरासिया जनजाति की महिलओं को अपना मनपंसद पुरुष चुनने का पूरा अधिकार है। लिवइन में रहने के बाद कोई कपल शादी के बंधन में बंधना चाहता है तो इसके लिए दो दिनों तक कार्यक्रम का आयोजन होता है। इसमें युवा पुरुष और महिलाएं एक स्थान पर इकट्ठा होते हैं। साथ ही वो ऐसे पुरुष या महिला के साथ रहने लगते हैं जिन्हें वो पसंद करते हैं। ऐसे में वो उस व्यक्ति के साथ रहना शुरू कर देते हैं। फिर यदि वो शादी करना चाहें तो शादी कर सकते हैं या बिना शादी किए एक-दूसरे के साथ दंपती की तरह रह सकते हैं।

आरक्षण के मुद्दे पर बिहार सरकार ने पटना हाईकोर्ट के फैसले को दी चुनौती, सुप्रीम कोर्ट में दायक की याचिका*

डेस्क : बिहार की महागठबंधन सरकार ने प्रदेश में जाति आधारित गणना कराने के बाद आरक्षण का दायरा बढ़ा दिया था। जिसे बीते दिनों पटना हाईकोर्ट द्वारा रद्द कर दिया गया था। आरक्षण बढ़ाने के बिहार सरकार के फैसले के बाद इस मामले को लेकर राजनीति गरम हो गई थी। विपक्ष इस मामले को जोर-शोर से उठाते हुए इसके लिए प्रदेश की वर्तमान एनडीए और केन्द्र सरकार को जिम्मेवार बताया था। वहीं इस फैसले के खिलाफ शीर्ष अदालत जाने की मांग की थी। वही राज्य सरकार ने भी इसे लेकर सुप्रीमो कोर्ट जाने की बात थी। अब बड़ा फैसला लेते हुए प्रदेश की नीतीश सरकार ने आरक्षण कानून में संशोधन को खारिज करने से संबंधी पटना हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। इससे संबंधित याचिका बिहार सरकार की तरफ से मंगलवार को दायर कर दी गई। राज्य सरकार की ओर से याचिका दायर किए जाने की महाधिवक्ता पीके शाही ने पुष्टि की और कहा कि राज्य सरकार ने इस मामले को सुप्रीम कोर्ट के समक्ष रखा है ताकि हाईकोर्ट के इस मामले में आए आदेश पर विचार हो सके। याचिका अधिवक्ता मनीष कुमार के माध्यम से उच्चतम न्यायालय में दायर की गई है। राज्य में जाति आधारित गणना कराने के बाद आई रिपोर्ट के आधार पर राज्य सरकार ने आरक्षण कानून में संशोधन कर दिया था। संशोधित कानून के तहत राज्य सरकार ने दलितों, आदिवासियों और पिछड़े वर्गों के लिए निर्धारित आरक्षण के प्रावधान 50 प्रतिशत को बढ़ाकर 65 प्रतिशत किया था। सरकार के इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई।