पंच दशनाम जूना अखाड़ा नागा कुटी पर ब्रह्मलीन श्री महंत शिवानंद गिरि महाराज का मनाया गया 20 वां पुण्यतिथि, परंपरागत ढंग से हुआ भंडारा
संतोष देव गिरि ,मिर्जापुर। लोहंदी कला स्थित पंच दशनाम जूना अखाड़ा नागा कुटी पर ब्रह्मलीन श्री महंत शिवानंद गिरि जी महाराज का 20 वां पुण्यतिथि बुधवार को परंपरागत ढंग से मनाया गया। इस अवसर पर विशेष पूजन अर्चन एवं भंडारे का आयोजन किया गया। इस अवसर पर महंत डॉ. योगानंद गिरी महाराज ने कहा कि गुरु का पद अति महत्वपूर्ण है। बदलते परिवेश में गुरु की गरिमा को संरक्षित रखने की जरूरत है। कहा कि अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाने वाला ही गुरु होता है। जिसके शरण में जाने पर ही मानव जीवन की सार्थकता है। कहा कि गुरु की महिमा अपरंपार है।
जिसका वर्णन सात जन्म लेने के बाद भी नहीं लिखा जा सकता। कहा गया है कि "सब धरती कागद करूं, लेखनी सब बन राय, सात समुद्र की मसि करू, गुरु गुन लिखा न जाए"। इस मौके पर हाथरस सत्संग के दौरान हुए हादसे पर शोक संवेदना व्यक्त किया गया। दो मिनट का मौन रखकर मृतकों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की गई। इस मौके पर विंध्य क्षेत्र षड्दर्शन विरक्त संत मंडल के सभसभी संत, महंत, अभ्यागत के साथ ही रामेश्वर यादव, भजन गिरी, हिमांशु, मंगल, संदर्भ पांडेय, लेखपाल समई लाल यादव, सुधानंद गिरी, गगन, प्रेम राजेश, कृष्ण, संतोष, किशन, कुंजू यादव, रमाकांत दूबे, अरुण तिवारी, रज्जु यादव मुन्ना यादव, संतोष, विवेक तिवारी एवं जानु आदि प्रमुख रुप से उपस्थित थे।
Jul 03 2024, 16:21