जय-जय श्रीराम! 22 महीने बाद डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने उतारी पगड़ी, सरयू में डुबकी लगाकर तोड़ा अपना प्रण

 बिहार के डिप्टी सीएम एवं प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने बुधवार को अयोध्या की सरयू नदी में डुबकी लगाई. इसके बाद उन्होंने अपनी पगड़ी (मुरेठा) खोल दी. सम्राट चौधरी ने 22 महीने पश्चात् पगड़ी खोलकर उसे रामलला को समर्पित कर दिया. उन्होंने पगड़ी उतारने से पहले वहां उपस्थित सभी लोगों को प्रणाम किया. वह इससे पहले मुंडन भी करा चुके थे.

सरयू नदी में डुबकी लगाने से पहले उन्होंने मीडियाकर्मियों से कहा कि प्रभु श्री राम को समर्पण करना था एवं आज अयोध्या नगरी में आकर सरयू नदी में स्नान करके ये उतारा. मुरेठा बीते 22-23 महीने से बांधकर रखा था. ये प्रभु श्री राम के चरणों में समर्पित करूंगा. उन्होंने सरयू नदी में डुबकी लगाने के बाद सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि बंदउँ अवध पुरी अति पावनि. सरजू सरि कलि कलुष नसावनि॥ प्रनवउँ पुर नर नारि बहोरी। ममता जिन्ह पर प्रभुहि न थोरी॥ सुबह अयोध्या धाम में पवित्र सरयू नदी में डुबकी लगाई और हमारे इष्ट, प्रभु श्रीराम को स्तुति कर मुरेठा खोला. 

सम्राट चौधरी ने सितंबर 2022 में अपनी मां के निधन के बाद पगड़ी (मुरेठा) बांधा था. उन्होने इस के चलते संकल्प लिया था कि नीतीश कुमार को जब तक सीएम की कुर्सी से नहीं हटा देंगे, तब तक वह मुरेठा नहीं उतारेंगे. बता दें कि नीतीश कुमार उस वक़्त महागठबंधन में थे तथा चौधरी की पार्टी भारतीय जनता पार्टी विपक्ष में थी. किन्तु जनवरी 2024 में राजनीतिक समीकरण बदलने के साथ ही नीतीश कुमार NDA में सम्मिलित हो गए थे.

देश का ऐसा गांव जहां महिलाओं को शादी से पहले पुरुषों के साथ रहने की है आजादी, बच्चे पैदा होने के बाद भी दूसरे पुरुष के साथ कर सकती है शादी

डेस्क : हमारे देश में शादी से पहले किसी पुरुष के साथ रहने को काफी खराब माना जाता है। या यू कहें कि इसे चरित्रहीनता का कहा जाता है। हालांकि महानगरो में अब इसका प्रचलन हो गया है जिसे लीवइन रिलेशनशिप कहा जाता है। लेकिन देश के कई राज्य ऐसे हैं जहां लिवइन रिलेशनशिप को लेकर बवाल मचा रहता है। धार्मिक और सामाजिक संगठनों द्वारा लिवइन रिलेशनशिप का विरोध किया जाता है, लेकिन आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि हमारे ही देश में एक जनजाती ऐसी भी है जिसमें शादी से पहले लिवइन रिलेशनशिप में रहना बहुत ही आम बात है। यदि लिवइन में रहने के बाद उन्हें उनका पार्टनर पसंद नहीं आता है तो वो किसी दूसरे पुरुष के साथ शादी करने के लिए भी आजाद होती हैं।

इन जनजातियों में आज भी जारी है स्वयंवर की प्रथा

देश में राजस्थान के उदयपुर, सिरोही और पाली जिले और गुजरात के पहाड़ी इलाकों में निवास करने वाली गरासिया जनजाति में लिवइन में रहना बेहद आम बात मानी जाती है। इस जनजाति में महिलाएं शादी के पहले अपने पसंदीदा पुरुष के साथ रहने के लिए आजाद होती हैं। ऐसे में वो इस दौरान बच्चे को जन्म देने के बाद भी यदि उस पुरुष को छोड़ना चाहें और किसी दूसरे व्यक्ति से शादी करना चाहें तो वो इसके लिए आजाद होती हैं। इसके जरिए उन्हें अपनी जिदंगी के लिए बेहतर लाइफ पार्टनर चुनने में मदद मिलती है।

सबसे बड़ी बात यह है कि गरासिया जनजाति की महिलओं को अपना मनपंसद पुरुष चुनने का पूरा अधिकार है। लिवइन में रहने के बाद कोई कपल शादी के बंधन में बंधना चाहता है तो इसके लिए दो दिनों तक कार्यक्रम का आयोजन होता है। इसमें युवा पुरुष और महिलाएं एक स्थान पर इकट्ठा होते हैं। साथ ही वो ऐसे पुरुष या महिला के साथ रहने लगते हैं जिन्हें वो पसंद करते हैं। ऐसे में वो उस व्यक्ति के साथ रहना शुरू कर देते हैं। फिर यदि वो शादी करना चाहें तो शादी कर सकते हैं या बिना शादी किए एक-दूसरे के साथ दंपती की तरह रह सकते हैं।

आरक्षण के मुद्दे पर बिहार सरकार ने पटना हाईकोर्ट के फैसले को दी चुनौती, सुप्रीम कोर्ट में दायक की याचिका*

डेस्क : बिहार की महागठबंधन सरकार ने प्रदेश में जाति आधारित गणना कराने के बाद आरक्षण का दायरा बढ़ा दिया था। जिसे बीते दिनों पटना हाईकोर्ट द्वारा रद्द कर दिया गया था। आरक्षण बढ़ाने के बिहार सरकार के फैसले के बाद इस मामले को लेकर राजनीति गरम हो गई थी। विपक्ष इस मामले को जोर-शोर से उठाते हुए इसके लिए प्रदेश की वर्तमान एनडीए और केन्द्र सरकार को जिम्मेवार बताया था। वहीं इस फैसले के खिलाफ शीर्ष अदालत जाने की मांग की थी। वही राज्य सरकार ने भी इसे लेकर सुप्रीमो कोर्ट जाने की बात थी। अब बड़ा फैसला लेते हुए प्रदेश की नीतीश सरकार ने आरक्षण कानून में संशोधन को खारिज करने से संबंधी पटना हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। इससे संबंधित याचिका बिहार सरकार की तरफ से मंगलवार को दायर कर दी गई। राज्य सरकार की ओर से याचिका दायर किए जाने की महाधिवक्ता पीके शाही ने पुष्टि की और कहा कि राज्य सरकार ने इस मामले को सुप्रीम कोर्ट के समक्ष रखा है ताकि हाईकोर्ट के इस मामले में आए आदेश पर विचार हो सके। याचिका अधिवक्ता मनीष कुमार के माध्यम से उच्चतम न्यायालय में दायर की गई है। राज्य में जाति आधारित गणना कराने के बाद आई रिपोर्ट के आधार पर राज्य सरकार ने आरक्षण कानून में संशोधन कर दिया था। संशोधित कानून के तहत राज्य सरकार ने दलितों, आदिवासियों और पिछड़े वर्गों के लिए निर्धारित आरक्षण के प्रावधान 50 प्रतिशत को बढ़ाकर 65 प्रतिशत किया था। सरकार के इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई।
*मौसम का हाल : बिहार में मानसून मेहरबान, आज भी पटना समेत कई जिलों में भारी बारिश का अलर्ट*

डेस्क : देर से ही सही आखिरकार बिहार में मानसून मेहरबान हो गया है। भीषण गर्मी की मार झेल रहे प्रदेशवासियों को बीते कुछ दिनों से हो रही रिमझिम बारिश ने भीषण गर्मी से बड़ी राहत दी है। पटना सहित प्रदेश में झमाझम बारिश हो रही है। वहीं मौसम विभाग के अनुसार इस जुलाई माह मानसून के खूब बरसने के आसार है। मौसम विभाग ने मंगलवार को पूर्वानुमान रिपोर्ट जारी कर बताया कि सामान्य या सामान्य से अधिक बारिश होने के आसार है। वहीं अधिकतम और न्यूनतम तापमान सामान्य से अधिक रहेगा। इस कारण लोगों को दिन और रात दोनों समय उमस भरी गर्मी का एहसास होगा। हालांकि बारिश होने के समय लोगों को राहत मिलेगी। वहीं आज बुधवार को बिहार के सभी जिलों में बारिश के आसार हैं। इस दौरान पटना सहित प्रदेश के 13 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट है। वहीं मंगलवार को प्रदेश के 12 जिलों में 100 मिलीमीटर से अधिक बारिश हुई। इसके अलावा पटना सहित प्रदेश के सभी जिलों में हल्की से मध्यम स्तर की बारिश हुई। इस कारण प्रदेश के अधिकतम तापमान में काफी गिरावट आई। सूबे के 17 शहरों का अधिकतम तापमान 30 डिग्री सेल्सियस के नीचे रहा। प्रदेश का सबसे गर्म शहर 33.3 डिग्री सेल्सियस के साथ पुपरी (सीतामढ़ी) रहा। मंगलवार को पटना का 28.6, गया का 27.3, वाल्मीकि नगर का 29.4, डेहरी का 28.4, मोतिहारी का 29.6, शेखपुरा का 29.2 डिग्री सेल्सियस रहा।
बिहार मे नौकरी की बहार : आज तकरीबन दस हजार अमीन-कानूनगो को नियुक्ति पत्र सौंपेंगे सीएम नीतीश कुमार*

डेस्क : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान कई सभाओं में यह एलान किया था कि विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश में 10 लाख नौकरी देने का लक्ष्य पूरा किया जायेगा। जिसकी तैयारी सरकार द्वारा शुरु कर दी गई है। आज बुधवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के नवनियुक्त 9 हजार 888 पदाधिकारियों और कर्मियों को नियुक्ति पत्र बांटेंगे। मुख्य समारोह मुख्यमंत्री सचिवालय के संवाद कक्ष में होगा। जिनको नियुक्ति पत्र मिलने हैं, उनमें सबसे अधिक 8 हजार 35 विशेष सर्वेक्षण अमीन हैं। 742 विशेष सर्वेक्षण लिपिक, 758 विशेष सर्वेक्षण कानूनगो और 353 विशेष सर्वेक्षण सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी भी शामिल हैं। इस मौके पर राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री डॉ. दिलीप कुमार जायसवाल, विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह भी रहेंगे। कार्यक्रम के दौरान चुनिंदा 75 कर्मचारियों को ही नियुक्ति पत्र मुख्यमंत्री के हाथों दिए जाएंगे। शेष कर्मियों को संबंधित जिलों में डीएम की देखरेख में कार्यक्रम आयोजित कर नियुक्ति पत्र दिया जाएगा। नियुक्त कर्मियों में सबसे ज्यादा गया जिले में हैं।
राज्यसभा का प्रत्याशी बनाए जाने पर कुशवाहा ने सभी एनडीए नेताओं का जताया आभार, तेजस्वी को जमकर सुनाया

डेस्क : काराकट लोकसभा सीट से चुनाव हार जाने के बावजूद उपेन्द्र कुशवाहा के एनडीए के साथ रहने का बड़ा इनाम मिला है। अब वे राज्यसभा जाएंगे। आरएलएम के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा NDA के राज्यसभा उम्मीदवार होंगे। बिहार से उपेंद्र कुशवाहा को NDA के राज्यसभा उम्मीदवार बनाने का फैसला लिया गया है।

वहीं राज्यसभा के उम्मीदवार बनने के बाद कुशवाहा ने पहली बार प्रतिक्रिया दी है। उपेंद्र कुशवाहा ने इसके लिए भाजपा सहित एनडीए के तमाम घटक दल को धन्यवाद दिया है। इस दौरान उन्होंने तेजस्वी यादव पर भी निशाना साधा है। 

उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि, एनडीए गठबंधन ने सामूहिक निर्णय लिया है। कुशवाहा ने पीएम मोदी, बिहार के सीएम नीतीश, बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, गृह मंत्री अमित शाह, हम संरक्षक जीतन राम मांझी, लोजपा(रा) के चीफ चिराग पासवान सहित एनडीए के तमाम घटक दल को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि, एनडीए के सभी साथियों ने मिलकर यह फैसला लिया है।

वहीं कुशवाहा समाज के वोट के लिया कुशवाहा को उम्मीदवार बनाया गया तेजस्वी यादव के इस आरोप पर उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि, चुनाव होने दीजिए सब पत्ता चल जाएगा, लोकसभा चुनाव में इन लोगों ने कंफ्यूजन बनाने का प्रयास किया उसमें इनको सफलता भी मिली, तो उनको लग रहा होगा की बिहार विधान सभा में भी वैसा ही करेंगे। लेकिन विधानसभा में पूरी मजबूती के साथ एनडीए गठबंधन चुनाव लड़ेगा और बिहार फिर एनडीए सरकार बनेगा।
विप उपचुनाव के लिए भगवान सिंह कुशवाहा ने भरा नामांकन पर्चा, सीएम नीतीश कुमार, डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी समेत एनडीए के कई दिग्गज नेता रहे मौजूद

डेस्क : राजद विधान परिषद सदस्य रामबली चंद्रवंशी की सदस्यता रद्द होने के बाद बिहार विधान परिषद के 1 सीट पर उप चुनाव होने जा रहा है। इसके लिए 12 जुलाई को मतदान होना है। नामांकन की प्रक्रिया जारी है।

इस उपचुनाव के लिए आज जदयू प्रत्याशी भगवान सिंह कुशवाहा ने अपना नामांकन पर्चा दाखिल किया। भगवान सिंह कुशवाहा ने बिहार विधान सभा, सचिव के कार्यालय में अपना नामांकन दाखिल किया। नामांकन के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उप मुख्यमंत्री  सम्राट चौधरी, संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी, ऊर्जा मंत्री  बिजेन्द्र प्रसाद यादव, लघु जल संसाधन मंत्री सह हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष संतोष कुमार सुमन, स्वास्थ्य मंत्री श्री मंगल पाण्डे, ग्रामीण विकास मंत्री  श्रवण कुमार, ग्रामीण कार्य मंत्री अशोक चौधरी, राष्ट्रीय लोक मोर्चा के अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा, जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण मौजूद रहे।

जदयू उम्मीदवार की बात करें तो बिहार के पूर्व मंत्री और जगदीशपुर से चार बार विधायक रहे भगवान सिंह कुशवाहा ने साल 1990 में भाकपा (माले) की टिकट पर चुनाव जीता था। इसके बाद वर्ष 2006 में उन्होंने इस सीट से जदयू की टिकट पर चुनाव लड़ा और उन्हें जीत हासिल हुई थी।  2020 के विधानसभा चुनाव में जनता दल यूनाइटेड से टिकट नहीं मिलने से नाराज भगवान सिंह कुशवाहा ने बगावत कर दी थी और लोक जनशक्ति पार्टी के सिंबल पर जगदीशपुर से चुनाव लड़े थे। फिर 2021 में फिर से जेडीयू में उनकी वापसी हुई थी।
लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी के भाषण को लेकर राजनीति गरम, बिहार के एनडीए नेताओं ने तीखी आलोचना करते हुए की यह मांग

डेस्क : बीते सोमवार को लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी के भाषण को लेकर राजनीति गरम हो गई है। पूरे देश में एनडीए नेताओं द्वारा हिंदुओं को लेकर दिए गए बयान की तीखी आलोचना की जा रही है। इधर बिहार के नेताओं ने भी राहुल गांधी की भाषण पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। भाजपा के बिहार प्रदेश अध्यक्ष व डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने नेता प्रतिपक्ष के तौर पर संसद में दिए राहुल गांधी के भाषण पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि सभी हिन्दुओं को हिंसक और नफरती बता कर उन्होंने सम्पूर्ण हिन्दू समाज का अपमान किया है। सम्राट चौधरी ने कहा कि सनातन और हिन्दुओं को गाली देना, हिन्दुओं को हिंसक, आतंकवादी बताना राहुल की पुरानी फितरत रही है। दरअसल, राहुल गांधी मानसिक रूप से बीमार हैं। ऐसे मानसिक रोगियों का कोई इलाज नहीं है। राहुल गांधी पूरी तरह से बीमार हो गए हैं। जैसी बातें उन्होंने संसद में कही है वह कोई मानसिक रूप से बीमार व्यक्ति की कहेगा। संसद के पहले सत्र के दौरान नेता प्रतिपक्ष के तौर पर राहुल गांधी ने बचकानी भाषण देकर संसद और नेता प्रतिपक्ष की गरिमा को भी गर्त में गिराया है। कभी प्रभु श्रीराम के अस्तित्व को नकारना, कभी हिन्दू युवकों को मंदिरों में लड़की छेड़ने वाला बताने वाले राहुल गम्भीर रूप से मानसिक बीमार है। कोट के ऊपर जनेऊ पहनने से राहुल गांधी हिन्दुओं के ठेकेदार नहीं हो जाएंगे। उन्हें हिन्दुओं को अपमानित करने के लिए सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए। बिहार सरकार के स्वास्थ्य और कृषि मंत्री मंगल पांडेय ने राहुल गांधी के ‘हिन्दू समाज हिंसक होते हैं’ वाले बयान की निंदा की है। उन्होंने कहा कि विपक्ष के नेता के तौर पर संसद में उनका संबोधन न सिर्फ गैरजिम्मेदाराना और संविधान के खिलाफ है, बल्कि पूरे देश के हिन्दुओं का अपमान है। इसके लिए उन्हें देश और हिन्दू समाज से माफी मांगनी चाहिए। मंत्री ने कहा कि आसन के समक्ष उनके भड़काऊ संबोधन से ऐसे लगता है कि उन्हें अभी संसदीय प्रणाली का पूरा ज्ञान नहीं हुआ है। वे क्या बोलेंगे उनको खुद पता नहीं रहता है और न ही राहुल गांधी इसकी तैयारी करके आते हैं। आखिर राहुल गांधी बार-बार हिन्दू समाज की खामियां क्यों गिनाते हैं। राहुल साबित कर चुके हैं कि उनके दिल में हिन्दू धर्म के प्रति नफरत है। केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पर सोमवार को निशाना साधते हुए यहां कहा कि कांग्रेस नेता ने सरकार का विरोध करने के प्रयास में भगवान शिव के भक्तों का विरोध करना शुरू कर दिया है। पासवान ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष पर नेता प्रतिपक्ष पद की गरिमा को घटाने का भी आरोप लगाया। लोकसभा में राहुल गांधी के भाषण के बारे में पूछे जाने पर लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के नेता चिराग ने कहा कि कोई भी शिव भक्त यह बर्दाश्त नहीं करेगा, जिस तरह उन्होंने लोकसभा में भगवान की तस्वीर लहराई।कहा, नेता प्रतिपक्ष के पद की गरिमा होती है। आप इस तरह के बयान नहीं दे सकते। उन्होंने कहा, सरकार का विरोध करते-करते उन्होंने शिवभक्तों का विरोध करना शुरू कर दिया। मैं भी शिव भक्त हूं। भगवान शिव में आस्था रखता हूं।
पटना शहर को जलजमाव से निजात दिलाने की तैयारी, नगर आयुक्त ने जारी किया यह निर्देश*

डेस्क : राजधानी पटना को बरसात के दिनों में जल जमाव से निजात दिलाने की पूरी तैयारी की गई है. शहर में जलजमाव वाले इलाकों में नगर निगम के अधिकारियों को हर दिन दो घंटे निरीक्षण करना होगा। यह निर्देश नगर आयुक्त ने जारी किया है। उन्होंने कहा कि जहां भी जलजमाव है वहां अधिकारी मौजूद रहकर समस्या का समाधान करें। सोमवार को नगर आयुक्त अनिमेष पराशर ने राजेंद्रनगर रेलवे स्टेशन और गांधी मैदान इलाके में चल रहे मेट्रो निर्माण कार्य से होने वाले व्यवधान को देखा। दरअसल, अंचलों के कार्यपालक पदाधिकारियों का कहना था कि दोनों जगहों पर मेट्रो के काम से जलनिकासी में परेशानी हो रही है। नगर आयुक्त ने अधिकारियों से कहा कि क्षेत्र में रहने पर कर्मचारी भी सक्रिय रहते हैं। गांधी मैदान में मेट्रो निर्माण स्थल पर जलजमाव हो गया है। इससे यातायात व्यवस्था प्रभावित हो रही है। उन्होंने मेट्रो अधिकारियों से गांधी मैदान और राजेंद्रनगर रेलवे स्टेशन पर नगर निगम के अधिकारियों से समन्वय स्थापित कर जलनिकासी कराने को कहा। नगर आयुक्त ने आम लोगों से कहा कि यदि जलजमाव से परेशानी है तो नगर निगम के वाट्सअप चैटबोट और हेल्पलाइन नंबर 155304 पर शिकायत दर्ज करा सकते हैं। शनिवार और रविवार को कुल 33 शिकायतें दर्ज कराई गई थीं। सभी समस्या का समाधान कर दिया गया।
*अब नहीं बच पायेंगे भगोड़े अपराधी : नये कानून के तहत अब फरारी में भी चलेगा मुकदमा*

डेस्क : बीते सोमवार 1 जुलाई से पूरे देश में तीन नया कानून लागू हो गया। इस नये कानून में कई ऐसे नियम है। जिससे अब अपराध कर लंबे समय तक सजा से बचे रहना मुश्किल होगा। नये कानून से अब बिहार के भगोड़े अपराधियों की खैर नहीं है, उनकी फरारी में भी मुकदमा चलेगा। नये आपराधिक कानून के अंतर्गत अभियुक्त के फरार होने के बाद भी कोर्ट को सुनवाई करने का अधिकार दिया गया है। दरअसल पहले अभियुक्तों की अनुपस्थिति में मुकदमे में कोई कार्रवाई का प्रावधान नहीं था। मामले लंबित रहते थे, सिर्फ साक्ष्य की रिकार्डिंग होती थी। मामला इससे आगे नहीं बढ़ पाता था। इससे मामलों में देरी और लंबित रहने की समस्या बढ़ी और न्यायतंत्र पर से जनता का भरोसा कम हुआ। पुलिस मुख्यालय से मिली जानकारी के अनुसार धारा 356 के तहत भगोड़े अपराधियों की समस्या का समाधान करने और न्यायिक निश्चितता को सुनिश्चित करने के लिए भगोड़े अपराधियों की अनुपस्थिति में उनके खिलाफ मुकदमे की एक पूरी रूपरेखा स्थापित की गयी है। अब, कानून की धारा 86 के अनुसार विदेश में उनकी संपत्तियों को कुर्क करने से फरार अपराधी उपस्थित होने पर मजबूर करेगा। धारा 107 के अंतर्गत, अदालतों को आपराधिक गतिविधियों से प्राप्त संपत्तियों की जांच करने के बाद, एक निश्चित समय में पीड़ितों के बीच उनकी आय आनुपातिक रूप से वितरित करने का आदेश दिया गया है।