सत्ता और विपक्ष दोनों को सदन के भीतर व बाहर गंभीर होने की जरूरत : मायावती


लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने मंगलवार को कहा कि संसद में नेता विपक्ष राहुल गांधी के बयान का भाजपा फायदा उठाने में जुट गई है। उन्होंने नसीहत दी है कि सत्ता व विपक्ष दोनों को सदन के भीतर व बाहर गंभीर होने की जरूरत है।

पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा कि सोमवार को संसद में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान नेता प्रतिपक्ष ने हिन्दू व हिन्दुत्व को लेकर जो कुछ भी कहा उसका भाजपा फिर से राजनीतिक फायदा उठाने में लग गयी है। कांग्रेस द्वारा इनको ऐसा करने का अवसर प्रदान करना कितना उचित? यह सोचने की बात है।

उन्होंने आगे कहा कि बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर ने देश में विभिन्न धर्मों के करोड़ों लोगों के हित, कल्याण, भाईचारा आदि के लिए धर्मनिरपेक्ष्ता के आधार पर संविधान बनाकर सभी धर्मों का सम्मान सुनिश्चित किया है। इसके प्रति सत्ता व विपक्ष दोनों को सदन के भीतर व बाहर गंभीर होने की जरूरत।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उपचुनाव बैठक से ओमप्रकाश राजभर को रखा गया दूर
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में दस विधानसभा सीटों पर उपचुनाव की तैयारियों को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने मंत्रियों के साथ बैठक की। बैठक में दस विधानसभा पर 16 मंत्रियों को मुख्यमंत्री ने लगाया। उपचुनाव को लेकर हुई बैठक में तमाम मंत्रियों को देखा गया लेकिन ओमप्रकाश राजभर को इस महत्वपूर्ण बैठक से दूर रखा गया।

सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के विधायक बेदी राम के पेपर लीक मामले में नाम आने के बाद से पार्टी अध्यक्ष व कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर चुप है। बेदी राम पर चुप्पी को ही मुख्यमंत्री के चुनावी बैठक से उन्हें दूर रखने का कारण बताया जा रहा है। इससे पहले बेदी राम की पैरवी लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और गृहमंत्री अमित शाह से ओमप्रकाश राजभर मिले थे। राजभर ने बेदी राम को बचाने की गुहार लगायी थी।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अब चाहते हैं कि उत्तर प्रदेश में दस सीटों पर होने वाले उपचुनाव में भाजपा व सहयोगी दलों की जीत सुनिश्चित हो। इसको लेकर मुख्यमंत्री ने अपने मंत्रियों को अहम जिम्मेदारी दी है और अच्छे छवि वाले अपने मंत्रियों को एक-एक सीट पर मंथन और फोकस रखने की जिम्मेदारी सौंपी हैं। इस बैठक से दोनों उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य व ब्रजेश पाठक को भी दूर रखा गया है।
बिना किसी समस्या के उप्र के थानों में नए कानून के तहत दर्ज हो रही एफआईआर: डीजीपी प्रशांत कुमार


लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर पहले से ही एक जुलाई यानी सोमवार से लागू होने वाले तीन नए कानून को लेकर तैयारी पूरी कर ली गई थी। ऐसे में सोमवार को भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता तथा भारतीय साक्ष्य अधिनियम के तहत प्रदेश के विभिन्न थानों में एफआईआर दर्ज की गई। यह जानकारी पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) प्रशांत कुमार ने साझा की।


सबसे पहले अमरोहा और बरेली में दर्ज की गई एफआईआर

डीजीपी प्रशांत कुमार ने बताया कि प्रदेश में एक जुलाई से लागू तीन नए कानून के तहत सबसे पहले अमरोहा और बरेली में एफआईआर दर्ज की गई। साथ ही वर्तमान में बिना किसी दिक्कत के सभी जगह एफआईआर दर्ज की जा रही है। इसके अलावा आज प्रदेश के सभी थानों में इसको लेकर विशेष कार्यक्रम आयोजित किए गए।

उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर तीनों नए कानून को लागू करने के लिए पहले से ही तैयारी कर ली गई। इसके तहत ट्रेनिंग और आवश्यक उपकरणों की खरीदारी कर ली गई थी। इतना ही नहीं टेक्निकल बिंग द्वारा सभी स्थानों पर आवश्यक नेटवर्किंग को उपलब्ध करा दिया गया था। इसमें आवश्यक सॉफ्टवेयर और भारत सरकार की सामग्री भी शामिल है।
उप चुनाव के लिए भाजपा ने कसी कमर, सीट वार मंत्रियों को सौंपी जिम्मेदारी , सीएम योगी की अगुवाई में 16 मंत्री करेंगे प्रचार

लखनऊ । लोकसभा चुनाव के परिणाम को देखते हुए अब यूपी में दस विधानसभा सीटों पर होने वाले उप चुनाव में किसी प्रकार की भूल नहीं करना चाहती है। इसीलिए बहुत ही सोच समझकर कदम उठा रही है। भले ही अभी उप चुनाव के लिए चुनाव आयोग ने कार्यक्रम घोषित नहीं किया है लेकिन भाजपा उपचुनाव की सभी सीटों को जीतने के लिए रणनीति बनाने में जुट गई है। इसीलिए उप चुनाव की कमान खुद मुख्यमंत्री ने अपने हाथों में लिया है। उन्होंने सभी 10 सीटों पर 16 मंत्रियों की टीम तैनात कर जीत पक्की करने की जिम्मेदारी दी गई है।

कुछ सीटों पर दो मंत्री तो कुछ पर एक की लगाई गई है ड्यूटी

जानकारी के लिए बता दें कि रविवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में बैठक हुई थी। जिसमें भाजपा के साथ ही ओम प्रकाश राजभर को छोड़ सभी सहयोगी दलों के मंत्री भी मौजूद रहे। बैठक में उप चुनाव जीतने की रणनीति पर चर्चा हुई। इसके बाद 16 मंत्रियों की टीम का गठन कर सभी को अपनी-अपनी सीटों पर जीत दर्ज करने की जिम्मेदारी दी गई। मंत्रियों की टीम में भाजपा के अलावा सहयोगी दलों के मंत्रियों को भी शामिल किया गया है । कुछ सीटों पर दो तो कुछ एक मंत्री को जिम्मेदारी दी गई है। इनके साथ संगठन के भी पदाधिकारियों को लगाया जाएगा।

भाजपा में टिकट को लेकर भागदौड़ शुरू

उप चुनाव में सभी 10 सीटों पर जीत दर्ज करके भाजपा लोकसभा चुनाव में मिले हार के घाव को भरना चाहती है। इसलिए मंत्रियों को हर हाल में जीत दर्ज करने के अभी से क्षेत्रों में डटे रहने को कहा गया है। वहीं, उप चुनाव की तारीखों की घोषणा जल्द होने की संभावना को देखते हुए भाजपा में टिकट के लिए भी भागदौड़ शुरू हो गई है। विधायक से सांसद बनने वाले नेता जहां अपने परिवार के किसी सदस्य को टिकट दिलाने में जुटे हैं। वहीं कई पूर्व सांसद और विधायक भी टिकट के दौड़ में शामिल हैं। हालांकि अभी तक किसी के नाम की घोषणा नहीं की गई है। बताया जा रहा है कि टिकट देने को लेकर भी काफी मंथन चल रहा है।

उप चुनाव में इन मंत्रियों को सौंपी गई है जिम्मेदारी

उप चुनाव में योगी सरकार ने 16 मंत्रियों का चयन करने के बाद उनकी जिन जिलों में चुनाव होने वाला है वहां पर ड्यूटी लगाई गई। ड्यूटी इस प्रकार से है। कटेहरी विधानसभा सीट स्वतंत्र देव सिंह व आशीष पटेल, कुंदरकी विधानसभा सीट पर धर्मपाल व जेपीएस राठौर, मीरापुर विधानसभा सीट पर अनिल कुमार व सोमेंद्र तोमर, खैर विधानसभा सीट पर लक्ष्मी नारायण चौधरी , करहल-जयवीर सिंह, मिल्कीपुर- सूर्य प्रताप शाही व मयंकेश्वर शरण सिंह ,सीसामऊ- सुरेश खन्ना व संजय निषाद ,फूलपुर- दयाशंकर सिंह व राकेश सचान , मझवां-अनिल राजभर ,गाजियाबाद सदर सीट पर- सुनील शर्मा की ड्यूटी लगाई गई है। यह क्षेत्र में रहकर उप चुनाव में खड़े होने वाले उम्मीदार को जीताने के लिए प्रचार-प्रसार करने का काम करेंगे।

उप चुनाव में जिन मंत्रियों की ड्यूटी लगी है उनके लिए बड़ी चुनौती

उप चुनाव में बहुत ही सोच समझकर मंत्रियों की ड्यूटी लगाई गई। एक प्रकार से पूरी सूची पर गौर किया जाए तो इससे यही साबित हो रहा है कि जातीय समीकरण के हिसाब से मंत्रियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। ऐसे में मंत्रियों के लिए यह बहुत बड़ी चुनौती है। चूंकि अगर वह सीट नहीं जिता पाते है तो उससे कहीं न कहीं उनकी प्रतिष्ठा पर भी सवाल उठेगा। ऐसे में अब देखना है कि जिन मंत्रियों की ड्यूटी लगाई गई है वह कितना सफल साबित होते है यह तो चुनाव होने के बाद जब परिणाम आएंगे तो उसी से पता चलेगा।
हम बासुदेव कुटुंबकम की बात करते है : सवर्ण आर्मी चीफ सर्वेश पांडेय
लखनऊ । सवर्ण आर्मी चीफ सर्वेश पांडेय आज बस्ती में सवर्ण समाज के लोगो के बीच बोलते हुए कहा की हम बासुदेव कुटुंबकम की बात करते है देश के आजादी में पहली गोली मंगल पांडेय ने चलाई थी आज हम उन्हे याद करते है देश के लिए समाज के लिए जो संघर्ष करेगा उसी को याद किया जाएगा । हम किसी का विरोध नही कर रहे है हम केवल अपनी बात कर रहा हु लेकिन जो मेरा विरोध करेगा उसको विरोध का सामना करना पड़ेगा मां राहुल गांधी कहते है की जातीय जनगरना कराए दादी ने नसबंदी करा दी ये जातीय जनगरणा करा रहे है मैं इसका विरोध करते है ।

गणना ही करानी है तो आर्थिक गणना कराए गरीबी की गड़ना कराए मैं जानना चाहता हु की देश में राष्ट पति से लेकर प्रधान मंत्री सांसद विधायक मंत्री होने के बाद भी दलित पिछड़ा आज भी है तो सरकार बताए की सामान्य वर्ग में आने के लिए क्या कैतरिया क्या  है मैं कोई नेता नहीं हु मै आप का भाई हू बेटा हु जो हमारे समाज के नाम पर वोट ले रहे है जब ब्राह्मण की हत्याएं होती है तो वे मैन हो जाते है वहा सर्वेश पांडेय परिवार के साथ खड़े होते है तो ऐसे लोगो के साथ क्योंअगुया माने जो समाज के साथ वोट के लिए आते है अब आप को तय करना होगा की आप अपने भाई के साथ खड़े होगे या उनको साथ मैं मानता हु की आप के पास पैसा होगा सी बी सी बोर्ड के बड़े स्कूल में पढ़ाने के लिए भेज रहे है ।

वहा जब नब्बे फीसदी नंबर लाएगा लेकिन अगले प्रवेश के लिए आप का बेटा पैतालीश नंबर पाने वाले से पीछे हो जायेगे अब आप को तय करना होगा की आप किसके साथ खड़े होगे आज अस्तिव की बात है धन होना सुरक्षा की गारंटी नहीं है पर संगठित हो तो वह सुरक्षा की गारंटी है अब तय करने का समय है तय करें की अपने भाई के साथ खड़े होगे या उनके साथ तो समाज के हत्याएं पर मुंह में दही जमा ले रहे है ।सवर्ण आर्मी के प्रदेश महासचिव सुरज प्रसाद चौबे ने सभी का स्वागत किया स्वागत अभिनंदन करते हुए कहा की आरक्षण किसी भी दशा में देश समाज के हित में नहीं है आजादी  के पचहत्तर साल पहले जो दलित गरीब था आज भी वह गरीब है पीढ़ी दर पीढ़ी लाभ लोग ले रहे है  चौबे ने कहा की कहने में संकोच नहीं है की जब अनुप्रिया पटेल पटेल की बात कर सकती है ओम प्रकाश राजभर राजभर की बात कर सकते है चंद्रशेखर रावण दलित की बात कर सकते है तो वह जातिवाद नही है तो सर्वेश पांडेय सवर्ण की बात कर रहे है तो जातिवाद कहा से है सभा में राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ राष्ट्रीय संयोजक गोपाल पांडेय भी रहे।
शिकायतों के निस्तारण में गुणवत्ता और शिकायतकर्ता की संतुष्टि का विशेष ध्यान रखा जाए : मुख्य सचिव

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने सोमवार को इन्टीग्रेटेड ग्रीवेंस रिड्रेसल सिस्टम (आईजीआरएस) की समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को शिकायतों के निस्तारण में गुणवत्ता और शिकायतकर्ता की संतुष्टि का ध्यान रखने के निर्देश दिए हैं।

समीक्षा के उपरांत मुख्य सचिव ने कहा कि आम जन की शिकायतों एवं समस्याओं के त्वरित, आसान और पारदर्शी निस्तारण के लिए आईजीआरएस बहुत अच्छा सिस्टम है। आमजन से विभिन्न माध्यमों से प्राप्त होने वाली शिकायतों का त्वरित और निष्पक्ष निस्तारण कराया जाए। शिकायतों के निस्तारण में गुणवत्ता और शिकायतकर्ता की संतुष्टि का विशेष ध्यान रखा जाए। असंतुष्ट फीडबैक एवं स्पेशल क्लोज होने वाली शिकायतों का रेण्डम गुणवत्ता परीक्षण किया जाए।

मुख्य सचिव ने कहा कि उनका कार्यालय प्रतिदिन 5 शिकायतों का रेण्डम आधार पर परीक्षण करेगा। आवश्यकतानुसार मौके पर सक्षम अधिकारी को भेजकर सत्यापन कराया जाएगा। फर्जी रिपोर्ट लगाकर शिकायत क्लोज करने वाले अधिकारियों के विरुद्ध सख्त एक्शन लिया जायेगा। बैठक में विशेष सचिव मुख्यमंत्री प्रथमेश कुमार सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण आदि उपस्थित थे।
छात्रों के लिए प्रशासनिक एवं नामांकन प्रक्रियाओं को सरल बनाएं : आनंदीबेन पटेल

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल एवं राज्य विश्वविद्यालयों की कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने सोमवार को राजभवन के प्रज्ञाकक्ष में डॉ० राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय, अयोध्या के नैक हेतु तैयार एस.एस.आर. रिपोर्ट की समीक्षा बैठक की। राज्यपाल ने बैठक में नैक के सभी क्राइटेरिया, शिक्षण-प्रशिक्षण प्रकिया, अनुसंधान, नवाचार, बुनियादी ढाचे, छात्र समर्थन और सामुदायिक सेवा आदि पर विस्तार पूर्वक चर्चा की गई।

राज्यपाल ने शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए नई और अभिनव शैक्षणिक गतिविधियों को अपनाने तथा अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए संसाधनों का अधिकतम उपयोग करने का निर्देश दिया। विश्वविद्यालय के बुनियादी ढांचे को और अधिक सुदृढ़ और सुविधाजनक बनाने पर जोर देते हुए उन्होंने निर्देश दिया कि सभी निर्माण कार्य गुणवत्ता के साथ समय सीमा में पूरा कराये जाने चाहिए। इसके लिए विश्वविद्यालय को स्वयं प्रयास करना चाहिए, जनता का पैसा बर्बाद नहीं होना चाहिए।

आनंदीबेन पटेल ने समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को निभाने के लिए विश्वविद्यालय को अपने संसाधनों का उपयोग कर आंगनवाड़ी में पढ़ने वाले बच्चों के लिए विश्वविद्यालय के भवन में एक्स्ट्रा करिकुलम एक्टिविटीज का आयोजन करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि इससे उनकी रचनात्मकता में वृद्धि और कौशल में सुधार होगा। इसके साथ ही राज्यपाल ने विश्वविद्यालय को छात्रों के लिए प्रशासनिक तथा नामांकन प्रक्रियाओं को सरल और स्पष्ट बनाने का निर्देश दिया।

युवा पीढ़ी को अपने माता-पिता और बुजुर्गों के प्रति अधिक संवेदनशील और जिम्मेदार बनाने के लिए राज्यपाल ने विश्वविद्यालय को निर्देश दिया कि विश्वविद्यालय अपने छात्रों को इसके लिए तैयार करें। छात्रों को वृद्धाश्रम का भ्रमण करायें। जब छात्र देखेंगे कि कैसे कुछ लोग अपने माता-पिता को असहाय स्थिति में अकेला छोड़ देते हैं तो उनके अंदर संस्कार तथा सेवा का भाव जाग्रत होगा। अच्छे विचार सभी दिशाओं से आने के लिए विश्वविद्यालय के द्वार हमेशा खुले होने चाहिए, जिसका मुख्य उद्देश्य ज्ञान का प्रसार और समाज में सकारात्मक बदलाव लाना है।

इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव राज्यपाल डॉ. सुधीर महादेव बोबड़े, विशेष कार्याधिकारी शिक्षा डॉ. पंकज एल. जानी, विश्वविद्यालय की नैक टीम के सभी सदस्य तथा अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
सीएम योगी ने बाढ़ प्रबंधन तैयारियों की समीक्षा की, कहा जलशक्ति मंत्री व राज्य मंत्री फील्ड में जाकर करें व्यवस्थाओं का निरीक्षण

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को आयोजित एक महत्वपूर्ण बैठक में शासन स्तर के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बाढ़ प्रबंधन और जन-जीवन की सुरक्षा के दृष्टिगत जारी तैयारियों की समीक्षा की और व्यापक जनहित में आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।सीएम ने कहा कि प्रदेश में व्यापक जन-धन हानि के लिए दशकों तक कारक रही बाढ़ की समस्या के स्थायी निदान के लिए विगत 07 वर्षों में किए गए सुनियोजित प्रयासों के अच्छे परिणाम मिले हैं। बाढ़ की दृष्टि से अति संवेदनशील जिलों की संख्या में अभूतपूर्व कमी आई है।

तकनीक के प्रयोग से बाढ़ से निपटने में थोड़ी बहुत मिली सफलता

विशेषज्ञों की सलाह के अनुसार हमने आधुनिकतम तकनीक का प्रयोग कर बाढ़ से खतरे को न्यूनतम करने में सफलता पाई है। बाढ़ से जन-जीवन की सुरक्षा के लिए अंतरविभागीय समन्वय से अच्छा कार्य हुआ है। इस वर्ष भी बेहतर कोऑर्डिनेशन, क्विक एक्शन और बेहतर प्रबन्धन से बाढ़ की स्थिति में लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित कराई जाए।ताकि बारिश के दौरान किसी प्रकार की दिक्कत का सामना न करना पड़े।

बाढ़ की दृष्टि से 24 जनपद अति संवेदनशील श्रेणी में

प्रदेश में बाढ़ की दृष्टि से 24 जनपद अति संवेदनशील श्रेणी में हैं। इसमें महाराजगंज, कुशीनगर, लखीमपुर खीरी, गोरखपुर, बस्ती, बहराइच, बिजनौर, सिद्धार्थनगर, गाजीपुर, गोण्डा, बलिया, देवरिया, सीतापुर, बलरामपुर, अयोध्या, मऊ, फर्रुखाबाद, श्रावस्ती, बदायूं, अम्बेडकर नगर, आजमगढ़, संतकबीर नगर, पीलीभीत और बाराबंकी शामिल हैं। जबकि सहारनपुर, शामली, अलीगढ़, बरेली, हमीरपुर, गौतमबुद्ध नगर, रामपुर, प्रयागराज, बुलन्दशहर, मुरादाबाद, हरदोई, वाराणसी, उन्नाव, लखनऊ, शाहजहांपुर और कासगंज संवेदनशील प्रकृति के हैं।

मौसम का पूर्वानुमान नियमित रूप से जारी किया जाना चाहिए

उन्होंने कहा कि अति संवेदनशील और संवेदनशील क्षेत्रों में बाढ़ की आपात स्थिति हेतु पर्याप्त रिजर्व स्टॉक का एकत्रीकरण कर लिया जाए। इन स्थलों पर पर्याप्त प्रकाश की व्यवस्था एवं आवश्यक उपकरणों का भी प्रबन्ध होना चाहिए। जल शक्ति मंत्री एवं दोनों राज्य मंत्री द्वारा अति संवेदनशील तथा संवेदनशील क्षेत्रों का भ्रमण करें, साथ ही बाढ़ बचाव से जुड़ी परियोजनाओं का निरीक्षण करें।मौसम विभाग के अनुमान के अनुसार इस वर्ष पर्याप्त वर्षा होगी। नेपाल और उत्तराखंड की सीमा से लगे जनपदों में सतर्कता बनाए रखें। आमजन की सुविधा और राहत एवं बचाव कार्य के बेहतर बेहतर प्रबंधन के लिए बाढ़ बुलेटिन और मौसम का पूर्वानुमान नियमित रूप से जारी किया जाना चाहिए।

केंद्रीय एजेंसियों/विभागों से सतत संवाद-संपर्क बनाए रखें

सीएम योगी ने कहा कि भारतीय मौसम विभाग, केंद्रीय जल आयोग, केंद्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के साथ प्रदेश के सिंचाई एवं जल संसाधन, गृह, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, सिंचाई एवं जल संसाधन, खाद्य एवं रसद, राजस्व एवं राहत, पशुपालन, कृषि, राज्य आपदा प्रबन्धन, रिमोट सेन्सिंग प्राधिकरण के बीच बेहतर तालमेल हो। केंद्रीय एजेंसियों/विभागों से सतत संवाद-संपर्क बनाए रखें। यहां से प्राप्त आंकलन/अनुमान रिपोर्ट समय से फील्ड में तैनात अधिकारियों को उपलब्ध कराया जाए।

जिला स्तर पर बाढ़ राहत कंट्रोल रूम चौबीस घंटे अलर्ट मोड पर रहे

नदी के किनारे बसे आवासीय इलाकों और खेती की सुरक्षा में नदियों का चैनेलाइजेशन उपयोगी सिद्ध हो रहा है। अम्बेडकर, बलरामपुर, बाराबंकी, सीतापुर और श्रावस्ती में जारी ड्रेनेज एवं चैनेलाइजेशन की परियोजनाओं को समय से पूरा कराएं। जो सिल्ट निकले उसका सदुपयोग किया जाए।राज्य स्तर और जिला स्तर पर बाढ़ राहत कंट्रोल रूम 24×7 एक्टिव मोड में रहें। उत्तर प्रदेश पुलिस रेडियो मुख्यालय द्वारा बाढ़ से प्रभावित जनपदों में 113 बेतार केंद्र अधिष्ठापित किए गए हैं। पूरे मॉनसून अवधि में यह केंद्र हर समय एक्टिव रहें।

सभी एजेंसियों के बीच बेहतर कोऑर्डिनेशन होना चाहिए

बाढ़/अतिवृष्टि की स्थिति पर रेग्युलर मॉनीटरिंग की जाती रहे। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ/पीएसी फ्लड यूनिट तथा आपदा प्रबंधन टीमें 24×7 एक्टिव मोड में रहें। आपदा मित्र स्वयंसेवकों के साथ-साथ होमगार्डों की सेवाएं भी ली जानी चाहिए। किसकी तैनाती कब और कहां होनी है, इस बारे में कार्ययोजना तैयार कर लें। सभी एजेंसियों के बीच बेहतर कोऑर्डिनेशन होना चाहिए।

नौका सवार सभी लोग लाइफ जैकेट जरूर पहने हुए हों

नौकाएं, राहत सामग्री आदि के प्रबंध समय से कर लें। बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्यों में देर न हो। प्रभावित परिवारों को हर जरूरी मदद तत्काल उपलब्ध कराई जाए। नौका बड़ी हो। छोटी नौका/डोंगी का प्रयोग कतई न हो। नौका सवार सभी लोग लाइफ जैकेट जरूर पहने हुए हों।बाढ़ के दौरान और बाद में बीमारियों के प्रसार की संभावना बढ़ जाती है। ऐसे में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा स्वास्थ्य किट तैयार करके जिलों में पहुंचा दिया जाए। क्लोरीन टैबलेट, ओआरएस आदि की उपलब्धता होनी चाहिए। बुखार आदि की पर्याप्त दवा उपलब्ध हो। सर्प दंश की स्थिति में प्रभावित लोगों को तत्काल चिकित्सकीय मदद मिलनी चाहिए।

पशुओं का टीकाकरण समय से कराया जाना सुनिश्चित किया जाए

बाढ़ के दौरान जिन गांवों में जलभराव की स्थिति बनेगी, वहां पशुओं की सुरक्षा के भी प्रबंध होने चाहिए। उचित होगा कि बाढ़ के समय पशुओं को अन्यत्र कहीं सुरक्षित स्थान पर रखा जाए। निराश्रित गोआश्रय स्थलों में पशु चारे की पर्याप्त व्यवस्था होनी चाहिए। पशुओं का टीकाकरण समय से कराया जाना सुनिश्चित किया जाए।बाढ़ राहत शिविरों में लोगों को ताजा भोजन दिया जाना चाहिए। अन्य राहत सामग्री की गुणवत्ता से भी कोई समझौता नहीं होना चाहिए। राहत सामग्री का पैकेट मजबूत हो, लोगों को कैरी करने में आसानी हो।

बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में बिजली पोल ठीक करा ली जाए

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि अतिवृष्टि के कारण जिस भी किसान की फसल खराब हो, बिना विलंब उसकी क्षतिपूर्ति कराई जाए। इसके अलावा, किसानों को मौसम पूर्वानुमान से अवगत कराते हुए खेती-किसानी के लिए अनुकूल परिस्थितियों के बारे में जागरूक करें।बरसात के कारण निर्माण परियोजनाओं पर होने वाले असर के दृष्टिगत पहले से आवश्यक प्रबंधन कर लिया जाना चाहिए। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में बिजली के पोल, तार, सड़क आदि समय से ठीक कर लिए जाने चाहिए।

2024 में बाढ़ से सुरक्षा के लिए समय से तैयारियां की गई

बैठक में मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि जन-धन की सुरक्षा को शीर्ष प्राथमिकता देते हुए वर्ष 2024 में बाढ़ से सुरक्षा के लिए समय से तैयारियां की गई हैं। अति संवेदनशील के रूप में चिन्हित 17 जनपदों के 37 तटबंधों का अनुरक्षण कार्य पूरा कर लिया गया है। सभी अतिसंवेदनशील तटबंधों पर प्रभारी अधिकारी/सहायक अभियन्ता नामित किये जा चुके हैं। तटबन्धों पर क्षेत्रीय अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा लगातार निरीक्षण एवं सतत निगरानी भी की जा रही है।

बाढ़ से प्रभावित जनपदों में 113 बेतार केन्द्रों की स्थापना हो चुकी

मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि वर्ष 2023 में बाढ़ से प्रभावित अतिसंवेदनशील/संवेदनशील स्थलों को चिन्हित कर बाढ़ परियोजनाओं के द्वारा बाढ़ बचाव कार्य पूर्ण कर लिये गए हैं। प्रदेश में बाढ़ से निपटने के लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित स्टीयरिंग ग्रुप की बैठक 75 जनपदों में सम्पन्न हो गई है। इसके अलावा, बाढ़ से प्रभावित जनपदों में 113 बेतार केन्द्रों की स्थापना हो चुकी है। बेतार केन्द्र सम्पूर्ण बाढ़ अवधि में सतत् क्रियाशील रहेंगे।
मनोज कुमार सिंह बने यूपी के नए मुख्य सचिव , कार्यभार गृहण किया, दुर्गा शंकर मिश्र को नहीं मिला सेवा विस्तार

लखनऊ। वरिष्ठ आईएएस मनोज कुमार सिंह उत्तर प्रदेश के नये मुख्य सचिव बनाये गये हैं। सन 1988 बैच के आईएएस मनोज कुमार सिंह ने शनिवार की शाम को मुख्य सचिव का पदभार संभाल लिया है। वहीं दुर्गा शंकर को चौथी बार सेवा विस्तार नहीं मिला। आईएएस अधिकारी मनोज कुमार सिंह की पहचान 'परफॉर्मर' की रही है। सीनियर मोस्ट अधिकारी के रूप में सुदीर्घ अनुभव, दक्षता, कर्तव्यपरायणता, डिलीवरी देने की क्षमता, कॉम्पिटेंसी के साथ मनोज कुमार सिंह ब्यूरोक्रेसी में एक प्रतिष्ठित नाम है। और यही कारण है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने अब तक के कार्यकाल में मनोज कुमार सिंह पर लगातार भरोसा जताया है। इनके बारे में कहा जाता है कि डिलीवरी आॅन टाइम के योगी मंत्र को मनोज कुमार सिंह ने आत्मसात कर लिया है। वर्तमान में प्रदेश के कृषि उत्पादन आयुक्त और अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त जैसे नीतिगत विषयों से जुड़े दो अति महत्वपूर्ण पदों का दायित्व निर्वहन कर रहे मनोज कुमार सिंह अपर मुख्य सचिव पंचायती राज, खाद्य प्रसंस्करण, यूपीडा और उपशा के चेयरमैन तथा पिकप अध्यक्ष जैसे प्रदेश के विकास को गति देने वाले अति वरिष्ठ पदों की जिम्मेदारी भी निभा रहे हैं। कोविड काल में पहले टीम 11 और फिर टीम 9 में शामिल मनोज कुमार सिंह ने गाँवों में कोविड प्रसार को नियंत्रित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। 'बैंकिंग एट योर डोर' की परिकल्पना को साकार करने वाली मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की 'बीसी सखी' योजना आज पूरे देश में मॉडल के रूप में स्वीकारी जा रही है। इसकी रूपरेखा तैयार करने से लेकर क्रियान्वयन तक उनका बड़ा योगदान है। यह एक योजना महिला स्वावलम्बन और वित्तीय समावेशन का अद्भुत उदाहरण बन कर राष्ट्रीय पटल पर प्रशंसा पा रही है। 2019 के दिव्य-भव्य कुंभ को ग्लोबल इवेंट बनाने के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रयासों को सफल बनाने में मनोज कुमार सिंह की बड़ी भूमिका है। बतौर नोडल अधिकारी कुंभ-2019 से जुड़ी हर एक तैयारी, इन्हीं के नेतृत्व में क्रियान्वित हुई। अब इस बार मुख्य सचिव के रूप में महाकुंभ 2025 के सफलतापूर्वक आयोजन में इन्हीं अनुभवों का लाभ मिलेगा। अपर मुख्य सचिव पंचायती राज के रूप में मनोज कुमार सिंह ने सीएम योगी के मिशन को धरातल पर उतारा। आज उत्तर प्रदेश के सभी 75 जनपद खुले में शौच से मुक्त घोषित हैं और सबसे ज्यादा शौचालय उत्तर प्रदेश में बनाये गए तो इसमें सबसे महत्वपूर्ण भूमिका इन्हीं की है। 40 लाख करोड़ से अधिक का निवेश उत्तर प्रदेश में लाने वाले ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के हर चरण में मनोज कुमार सिंह नेतृत्वकर्ता की भूमिका में रहे। जीएसटी से पहले योगी का संदेश लेकर विभिन्न देशों में गई 'टीम यूपी' में मनोज कुमार सिंह प्रमुखता से शामिल थे, तो जीआईएस मुख्य समारोह के आयोजन में भी आपकी प्रभावी भूमिका रही। फरवरी 2024 में जब 10 लाख करोड़ रुपयों की परियोजनाओं को जमीन पर उतारने के लिए जीबीसी फोर आयोजित हुआ, तब आप अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त के रूप में पूरे आयोजन के सूत्रधार रहे। महिला स्वयं सहायता समूहों के विस्तार के साथ-साथ टेक होम राशन जैसी बाल विकास की योजना के शुचितापूर्ण क्रियान्वयन में भी मनोज कुमार सिंह ने बड़ी भूमिका निभाई है।
मनोज कुमार सिंह को उत्तर प्रदेश का आज नया मुख्य सचिव बनाया गया
लखनऊ। 1988 बैच के आईएएस अधिकारी मनोज कुमार सिंह को उत्तर प्रदेश का आज नया मुख्य सचिव बनाया गया है। मनोज कुमार सिंह मुख्य सचिव पद का कार्यभार आज यानि रविवार दोपहर को ग्रहण करेंगे। यूपी के मौजूदा मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा का कार्यकाल आज 30 जून को समाप्त हो रहा है। उन्हें फिर से सेवा विस्तार नहीं मिला है। बता दें कि मनोज कुमार सिंह मुख्य सचिव और आईआईडीसी दोनों होंगे।