मनोज कुमार सिंह बने यूपी के नए मुख्य सचिव , कार्यभार गृहण किया, दुर्गा शंकर मिश्र को नहीं मिला सेवा विस्तार

लखनऊ। वरिष्ठ आईएएस मनोज कुमार सिंह उत्तर प्रदेश के नये मुख्य सचिव बनाये गये हैं। सन 1988 बैच के आईएएस मनोज कुमार सिंह ने शनिवार की शाम को मुख्य सचिव का पदभार संभाल लिया है। वहीं दुर्गा शंकर को चौथी बार सेवा विस्तार नहीं मिला। आईएएस अधिकारी मनोज कुमार सिंह की पहचान 'परफॉर्मर' की रही है। सीनियर मोस्ट अधिकारी के रूप में सुदीर्घ अनुभव, दक्षता, कर्तव्यपरायणता, डिलीवरी देने की क्षमता, कॉम्पिटेंसी के साथ मनोज कुमार सिंह ब्यूरोक्रेसी में एक प्रतिष्ठित नाम है। और यही कारण है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने अब तक के कार्यकाल में मनोज कुमार सिंह पर लगातार भरोसा जताया है। इनके बारे में कहा जाता है कि डिलीवरी आॅन टाइम के योगी मंत्र को मनोज कुमार सिंह ने आत्मसात कर लिया है। वर्तमान में प्रदेश के कृषि उत्पादन आयुक्त और अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त जैसे नीतिगत विषयों से जुड़े दो अति महत्वपूर्ण पदों का दायित्व निर्वहन कर रहे मनोज कुमार सिंह अपर मुख्य सचिव पंचायती राज, खाद्य प्रसंस्करण, यूपीडा और उपशा के चेयरमैन तथा पिकप अध्यक्ष जैसे प्रदेश के विकास को गति देने वाले अति वरिष्ठ पदों की जिम्मेदारी भी निभा रहे हैं। कोविड काल में पहले टीम 11 और फिर टीम 9 में शामिल मनोज कुमार सिंह ने गाँवों में कोविड प्रसार को नियंत्रित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। 'बैंकिंग एट योर डोर' की परिकल्पना को साकार करने वाली मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की 'बीसी सखी' योजना आज पूरे देश में मॉडल के रूप में स्वीकारी जा रही है। इसकी रूपरेखा तैयार करने से लेकर क्रियान्वयन तक उनका बड़ा योगदान है। यह एक योजना महिला स्वावलम्बन और वित्तीय समावेशन का अद्भुत उदाहरण बन कर राष्ट्रीय पटल पर प्रशंसा पा रही है। 2019 के दिव्य-भव्य कुंभ को ग्लोबल इवेंट बनाने के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रयासों को सफल बनाने में मनोज कुमार सिंह की बड़ी भूमिका है। बतौर नोडल अधिकारी कुंभ-2019 से जुड़ी हर एक तैयारी, इन्हीं के नेतृत्व में क्रियान्वित हुई। अब इस बार मुख्य सचिव के रूप में महाकुंभ 2025 के सफलतापूर्वक आयोजन में इन्हीं अनुभवों का लाभ मिलेगा। अपर मुख्य सचिव पंचायती राज के रूप में मनोज कुमार सिंह ने सीएम योगी के मिशन को धरातल पर उतारा। आज उत्तर प्रदेश के सभी 75 जनपद खुले में शौच से मुक्त घोषित हैं और सबसे ज्यादा शौचालय उत्तर प्रदेश में बनाये गए तो इसमें सबसे महत्वपूर्ण भूमिका इन्हीं की है। 40 लाख करोड़ से अधिक का निवेश उत्तर प्रदेश में लाने वाले ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के हर चरण में मनोज कुमार सिंह नेतृत्वकर्ता की भूमिका में रहे। जीएसटी से पहले योगी का संदेश लेकर विभिन्न देशों में गई 'टीम यूपी' में मनोज कुमार सिंह प्रमुखता से शामिल थे, तो जीआईएस मुख्य समारोह के आयोजन में भी आपकी प्रभावी भूमिका रही। फरवरी 2024 में जब 10 लाख करोड़ रुपयों की परियोजनाओं को जमीन पर उतारने के लिए जीबीसी फोर आयोजित हुआ, तब आप अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त के रूप में पूरे आयोजन के सूत्रधार रहे। महिला स्वयं सहायता समूहों के विस्तार के साथ-साथ टेक होम राशन जैसी बाल विकास की योजना के शुचितापूर्ण क्रियान्वयन में भी मनोज कुमार सिंह ने बड़ी भूमिका निभाई है।
मनोज कुमार सिंह को उत्तर प्रदेश का आज नया मुख्य सचिव बनाया गया
लखनऊ। 1988 बैच के आईएएस अधिकारी मनोज कुमार सिंह को उत्तर प्रदेश का आज नया मुख्य सचिव बनाया गया है। मनोज कुमार सिंह मुख्य सचिव पद का कार्यभार आज यानि रविवार दोपहर को ग्रहण करेंगे। यूपी के मौजूदा मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा का कार्यकाल आज 30 जून को समाप्त हो रहा है। उन्हें फिर से सेवा विस्तार नहीं मिला है। बता दें कि मनोज कुमार सिंह मुख्य सचिव और आईआईडीसी दोनों होंगे। 
बेकाबू रोडवेज बस ने आॅटो में मारी टक्कर, तीन की मौत

लखनऊ । उन्नाव के बांगरमऊ कोतवाली क्षेत्र में गंजमुरादाबाद के पास हरदोई की ओर से आ रही बेकाबू रोडवेज बस ने आॅटो में टक्कर मार दी। घटना में आटो सवार दो सवारियों की मौके ही मौत हो गयी जबकि एक की अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गयी। इसमें कुछ लोगों की हालत नाजुक है। ग्राम बल्लापुर निवासी चालक रामचन्द्र ने बांगरमऊ स्थित तिकोनिया पार्क से सवारियों को बैठाकर मल्लावां हरदोई जा रहा था।

इस दौरान रास्ते में उन्नाव हरदोई मार्ग पर कस्बा गंजमुरादाबाद स्थित पेट्रोल पंप पास हरदोई से आ रही अनियंत्रित रोडवेज बस ने आटो रिक्शा में जोरदार टक्कर मार दी। हादसे में आटो सवार हरदोई निवासी सुनील, बांगरमऊ निवासी श्रीकृष्ण, मल्लावां निवासी लक्ष्मण, बब्लू और राम स्नेही घायल हो गये। पुलिस ने घायलों को अस्पताल पहुंचाया। इलाज के दौरान सुनील, श्रीकृष्ण, लक्ष्मण की मौत हो गई है। वहीं, चालक सहित कुल चार यात्री गंभीर रूप से घायल हो गये।

पुलिस के मुताबिक घटना में कुल तीन लोगों की मौत हुई हैं। इनमें कुछ लोगों की हालत गंभीर है और मरने वालों की संख्या बढ़ भी सकती है। पुलिस शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजकर मामले की जांच की जा रही है।
लखनऊ: पानी भरे गड्ढे में डूबकर दो बच्चों की मौत
लखनऊ। लखनऊ के इंदिरानगर में शनिवार की शाम को पानी भरे गड्ढे में डूबकर दो बच्चों की मौत हो गई है। सूचना पर पहुंची पुलिस मामले की जांच में जुट गई है। जानकारी के मुताबिक, कुकरैल नदी के किनारे रिवर फ्रंट की खुदाई का काम चल रहा है। यहां पर गहर गड्ढा खोदा गया है, जिसमें बारिश का पानी इकट्ठा हो गया।

इसी पानी में नहाने के लिए इंदिरानगर के खुर्रमनगर चौकी के पास रहने वाले बच्चें पहुंचे। उन्होंने बताया जा रहा है कि पानी में बच्चे डूबने लगे, जिसमें एक बच्चा किसी तरह से बच गया और उसने घटना की जानकारी परिवार को दी। सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने ग्रामीणों की मदद गड्ढे से डूबे बच्चों को बाहर निकालकर अस्पताल पहुंचाया। जहां दोनों बच्चों की मौत की हो गई है। बच्चों की पहचान गोंडा की रहने वाली कासिम (10) पुत्र जुनैद व शिफा (8) पुत्री मुश्ताक के रूप में हुई हैं।
पुलिस महानिदेशक यूपी प्रशांत कुमार ने किया आई-एफएसीटीटीएस एप का शुभारंभ
लखनऊ । मुख्यमंत्री  के मार्गदर्शन में भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत समय-समय पर भ्रष्टाचार निवारण संगठन की कार्य प्रणाली को और अधिक प्रभावी व सुदृढ़ बनाये जाने के सम्बन्ध में दिये गये निदेर्शों के क्रम में भ्रष्टाचार निवारण संगठन में जांच व विवेचनाओं की गुणवत्ता में सुधार के भ्रष्टाचार निवारण संगठन द्वारा आई-एफएसीटीटीएस एप (इंटेलिजेंट फाइनेंशियल एनालिटिक्स अपराध ट्रैकिंग और प्रशिक्षण प्रणाली)  विकसित किया गया है। डीजीपी यूपी प्रशांत कुमार द्वारा शनिवार को पुलिस मुख्यालय, गोमतीनगर विस्तार में आई-एफएसीटीटीएस एप (इंटेलिजेंट फाइनेंशियल एनालिटिक्स अपराध ट्रैकिंग और प्रशिक्षण प्रणाली) का शुभारम्भ किया गया।

विवेचनाओं और जांचों की गुणवत्ता में सुधार होगा

आई-एफएसीटीटीएस एप  के विकसित होने से अभिसूचना संकलन , फाइनेंसियल एनालिसिस, सीडीआर एनालिसिस, डीए कैल्कुलेशन, विवेचना, अभियोजन, प्रशिक्षण में मदद मिलेगी। आई-एफएसीटीटीएस एप से समय की बचत होगी और जांच का तरीका आसान होगा तथा विवेचनाओं और जांचों की गुणवत्ता में सुधार होगा। भ्रष्टाचार निवारण संगठन की कार्य प्रणाली को और अधिक प्रभावी और सुदृढ़ बनाये जाने के क्रम में अब तक निम्नलिखित कार्रवाई सम्पादित की गयी है।

भ्रष्टाचार निवारण संगठन लगातार संगठन की क्षमता में बढ़ोत्तरी

आठ नवीन इकाईयों का गठन, 18 मण्डल स्तर पर भ्र.नि.सं. के पुलिस थानों का लोकार्पण व उद्घाटन , जांचों व विवेचनाओं की गुणवत्ता में सुधार, समस्त जनपदों में एसीओ की यूनिट का गठन, मुख्यालय एवं इकाईयों में तकनीकी यूनिट का गठन, प्रशिक्षण,जनशक्ति की बढ़ोत्तरी व अन्य संसाधन आदि है। संगठन से पूर्व से 11 इकाईयां क्रियाशील थी, आठ नवीन इकाईयों के गठन के उपरांत कुल 19 इकाइयां प्रदेश के 18 मण्डल स्तर पर एवं एक टास्क फोर्स मुख्यालय स्तर पर क्रियाशील है।

अब तक 107 भ्रष्ट लोक सेवकों के विरूद्ध  कार्रवाई की गयी

तकनीकि अपग्रेडेशन की दिशा में प्रभावी कार्यवाही करते हुए भ्रष्टाचार निवारण संगठन द्वारा आई-एफएसीटीटीएस एप तैयार कराया गया है, जो जांच, विवेचनाओं में पारदर्शिता, समयबद्धता एवं गुणवत्ता सुधार करते हुए उनका त्वरित गति से निस्तारण सुनिश्चित करेगा।  भ्रष्टाचार निवारण संगठन लगातार संगठन की क्षमता में बढ़ोत्तरी के लिये हर सम्भव प्रयास कर रहा है। वर्ष 2024 में अब तक 107 भ्रष्ट लोक सेवकों के विरूद्ध  कार्रवाई की गयी है। इसी अवधि में वर्ष 2023 में 62 व वर्ष 2022 में 32 ट्रैप की कार्रवाई हुई थी। अब तक वर्ष 2024 में 202 जॉंचों, विवेचनाओं एवं अभिसूचनाओं का निस्तारण किया गया।

कार्यक्रम में ये प्रमुख अधिकारी रहे मौजूद

इस अवसर पर अपर पुलिस महानिदेशक अभियोजन, अपर पुलिस महानिदेशक पीएचक्यू, अपर पुलिस महानिदेशक, स्थापना, अपर पुलिस महानिदेशक साइबर क्राइम,  अपर पुलिस महानिदेशक भ्र.नि.संगठन/कार्मिक, अपर पुलिस महानिदेशक लॉजिस्टिक, अपर पुलिस महानिदेशक व पुलिस महानिदेशक के जीएसओ, अपर पुलिस महानिदेशक टेक्निकल, अपर पुलिस महानिदेशक अपराध सहित वरिष्ठ पुलिस अधिकारी  उपस्थित रहें।

एक जुलाई से लागू होने वाले तीन नये कानून व आगामी त्योहारों को लेकर डीजीपी प्रशांत कुमार ने  जारी किया दिशा निर्देश
लखनऊ। एक जुलाई से लागू किये जाने वाले तीन नये कानूनों के क्रियान्वयन,  आगामी त्यौहारों (जगन्नाथ यात्रा, मोहर्रम, कावड़ यात्रा ,रक्षाबन्धन, सावन झूला आदि) पर कानून-व्यवस्था एवं यातायात प्रबन्धन आदि के सम्बन्ध में डीजीपी प्रशांत कुमार ने अधिकारियों के साथ वीडियों कॉन्फ्रेंसिंग की।  डीजीपी द्वारा वीडियों कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान निर्देश दिया गया कि भारत सरकार की अधिसूचना के अनुसार एक जुलाई से तीनों नये कानून यथा भारतीय न्याय सहिंता-2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा सहिंता-2023 तथा भारतीय साक्ष्य अधिनियम-2023 को लागू किये जाने के सम्बन्ध में तैयारी कर ली जाय तथा इसका व्यापक प्रचार-प्रसार कराया जाय।

किसी नयी परम्परा की अनुमति न दी जाय

डीजीपी ने कहा कि इस सम्बन्ध में मुख्यालय स्तर से समय-समय पर निर्गत कार्य योजनाओं का अनुपालन सुनिश्चित किया जाये। आगामी त्यौहारोंं के दृष्टिगत पीस कमेटी की गोष्ठी कर ली जाये तथा शान्ति समितियों, धर्मगुरूओं, कार्यक्रम व जलूस के आयोजकों, सभ्रान्त नागरिकों से निरन्तर संवाद बनाये रखा जाय तथा डिजिटल वालेन्टियर्स एवं सिविल डिफेन्स का सक्रिय सहयोग लिया जाय। थाने पर उपलब्ध त्यौहार रजिस्टर का गहनता से अवलोकन कर लिया जाय तथा विगत वर्षो में किसी प्रकार विवाद प्रकाश आया हो तो उनका समय से निस्तारण करा लिया जाय। किसी नयी परम्परा की अनुमति न दी जाय।

कावड़ यात्रा व जुलूस मार्गो स्थापित सीसीटीवी को सक्रिय रखे

कावड़ यात्रा के मार्गो को पूर्व से चेक कर लिया जाय तथा मिश्रित आवादी वाले क्षेत्रों, विशेष जंक्शन प्वाइंट एवं कम्युनल हॉट स्पॉट पर पर्याप्त पुलिस बल की तैनाती की जाय। जुलूस मार्गो को चिन्हित करते हुये पुलिस व्यवस्थापन किया जाय तथा जुलूस के साथ अधिक से अधिक पुलिस बल की ड्यूटी लगायी जाय। कावड़ यात्रा व जुलूस मार्गो पर अधिक अधिक स्थानीय व यातायात पुलिस का व्यवस्थापन करते हुये स्थानीय प्रशासन आदि से अपेक्षित सहयोग प्राप्त कर यातायात व्यवस्था सुदृढ़ रखा जाय। जुलूस मार्गो पर स्थापित सीसीटीवी कैमरों को सक्रिय रखा जाय तथा सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से निगरानी रखी जाये।

अतिसंवेदनशील स्थलों पर पुलिस पिकेट की जाए तैनाती

रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन आदि स्थानों पर विशेष रूप से सुरक्षा प्रबन्ध किये जाय तथा सुरक्षा कर्मियों को ब्रीफ करने के उपरान्त ड्यूटी पर लगायी जाये। त्यौहारों के अवसर पर भीड़ प्रबन्धन एवं भीड़ नियत्रण के सिद्धान्तों पर अमल करते हुये पूर्व से ही प्लानिंग एवं तकनीक का प्रयोग कर व्यापक इन्तजाम किये जाय।  कमिश्नरेट, जनपद के संवेदनशील क्षेत्रों को चिन्हित करते हुये जोन, सेक्टर स्कीम में पुलिस व्यवस्थापन किया जाय तथा अतिसंवेदनशील स्थलों पर पुलिस पिकेट,स्टैटिक मजिस्ट्रेट एवं राजपत्रित अधिकारियों की तैनाती आवश्यकतानुसार की जाय।

पुलिस पेट्रोलिंग वाहनों को निरन्तर भ्रमणशील रखा जाय

थाने के स्थानीय पुलिस पेट्रोलिंग वाहनों को निरन्तर भ्रमणशील रखा जाय तथा यूपी-112 के वाहनों का व्यवस्थापन संवेदनशील मार्गो, स्थलों पर किया जाय। डीजीपी ने कहा कि नियंत्रण कक्ष, उप नियंत्रण कक्ष सुचारू रूप से व्यवस्थापित किये जाये तथा त्वरित सूचना प्रेषण एवं कार्यवाही की सुदृढ़ प्रक्रिया निर्धारित की जाय।  पोस्टर पार्टी एवं मॉर्निंग चेकिंग टीम का गठन किया जाय तथा पोस्टर पार्टी को नियमित रूप से प्रात: काल निकाला जाय।

भ्रामक व आपत्ति जनक पोस्ट का तत्काल लिया जाए संज्ञान

आगामी त्यौहारों के दृष्टिगत अभिसूचना तंत्र को और अधिक सक्रिय रखा जाय तथा छोटी से छोटी सूचना को अत्यन्त गम्भीरता से लेते हुये तत्परता पूर्वक यथोचित विधिक कार्रवाई की जाय। सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्मो पर चौबीस घंटे सर्तक दृष्टि रखी जाय। सोशल मीडिया पर रिस्पान्स टाइम और अधिक तेज किया जाये तथा भ्रामक व आपत्ति जनक पोस्ट, अफवाहों का तत्काल संज्ञान लेते हुये अफवाहों का खण्डन कराया जाय एवं वैधानिक कार्रवाई की जाये।

डीजीपी को उपलब्ध कराई इम्पैक्ट एसेसमेंट रिपोर्ट की बुकलेट, बोले- ऐसे कार्यक्रम से महिला से संबंधी अपराधों के प्रति बढ़ती है जागरूकता
लखनऊ । पुलिस महानिदेशक यूपी  प्रशांत कुमार को  शुक्रवार को आईआईएम इन्दौर के नवीन कृष्ण राय ने आपरेशन जागृति के सम्बन्ध में डायरेक्टर आईआईएम इन्दौर द्वारा तैयार इम्पैक्ट एसेसमेंट रिपोर्ट की बुकलेट उपलब्ध करायी गयी। पुलिस महानिदेशक द्वारा आपरेशन जागृति की सराहना करते हुए कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रम से महिलाओं एवं बालिकाओं में महिला सम्बन्धी अपराधों के प्रति जागरूकत्ता बढ़ती है तथा महिलाओं की सुरक्षा एवं सशक्तिकरण पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

आॅपरेशन जागृति फेज एक का थर्ड पार्टी इम्पैक्ट असेसमेंट प्रोफेसर हिमांशु राय, डायरेक्टर आईआईएम इन्दौर द्वारा किया गया है। उक्त रिपोर्ट को तैयार करने में आईआईएम इन्दौर के डॉ. भवानी शंकर, डॉ. शिवानी शर्मा एवं नवीन कृष्ण राय का सहयोग रहा। आईआईएम इंदौर द्वारा आगरा जोन के सात जनपदों में रिसर्च टीम भेजकर सर्वे किया गया।  आईआईएम द्वारा एसेसमेंट रिपोर्ट में अंकित किया गया है कि आपरेशन जागृति के मूल्यांकन के आधार पर यह निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि आॅपरेशन जागृति ने जमीनी स्तर पर महिला सुरक्षा और सशक्तिकरण पर महत्वपूर्ण सकारात्मक प्रभाव डाला है।

आॅपरेशन जागृति में विभिन्न विभागों के अग्रणी, जमीनी कर्मचारियों जैसे- बीट कॉस्टेबलों (पुलिस विभाग), आशा (स्वास्थ्य विभाग), शिक्षक (शिक्षा विभाग), पंचायत सचिव (पंचायत विभाग) आदि का उपयोग करते हुए समाज के कमजोर वर्गो तक एक व्यापक और प्रभावी पहुंच सुनिश्चित की और साथ ही सभी सरकारी विभागों के बीच सामंजस्यपूर्ण समन्वय का निर्माण किया। इसमें विभिन्न विभागों के प्रत्येक कर्मचारी के लिए एक स्पष्ट भूमिका थी, साथ ही एक स्पष्ट उत्तरदायित्व भी था और एक सतत फीडबैक तंत्र भी था। कार्यक्रम के दौरान प्रकाश में  आई सफल स्टोरी और व्यापक मीडिया प्रशंसा इस कार्यक्रम के प्रभाव को इंगित करती है। थर्ड पार्टी इम्पैक्ट असेसमेंट रिपोर्ट में दिए गए सुझावों के आधार पर आॅपरेशन जागृति के फेज-दां के कार्यक्रमों का क्रियान्वयन वर्तमान में प्रचलित है।

मुख्यमंत्री की प्रेरणा एवं पुलिस महानिदेशक  के मार्गदर्शन में उत्तर प्रदेश में 4 चरणो में मिशन शक्ति अभियान चलाया गया, जिसके प्रभाव से महिलाओ के प्रति हिंसा व अपराध में कमी आयी। मिशन शक्ति अभियान से प्रेरणा लेते हुए, आगरा जोन में अपर पुलिस महानिदेशक, आगरा जोन के निर्देशन में आॅपरेशन जागृति इनटेंसिव कम्युनिटी आउटरिच फार इम्पाउरिंग वूमेन एंड गर्ल्स फार सेफ्टी  अवेरनेस  कार्यक्रम यूनीसफ के कोर्डिनेशन में पुलिस द्वारा अन्य सम्बन्धित विभागो जैसे स्वास्थ्य, शिक्षा, ग्राम विकास, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन , महिला एवं बाल विकास विभाग, बाल विकास एवं पुष्टाहार , युवा एवं खेल विभाग, मनोवैज्ञानिक/काउन्सलर्स के समन्वय से संचालित किया जा रहा है। जिसमें 04 प्रमुख उद्देश्यों पर फोकस किया जा रहा है- अपराध पीड़िताओं को  सपोर्ट  काउंसलिंग उपलब्ध कराना है।

महिलाओं को मोहरा बना कर पारिवारिक एवं सम्पत्ति के मामलों में महिला संबंधी धाराओं का समावेश कर अभियोग पंजीकृत कराने के दुष्प्रभावों से अवगत कराना, युवक एवं युवतियों एवं उनके अभिभावकों को एलोपमेंट प्रेम संबंधों एवं लैगिंक उत्पीड़न के संबंध में जागरू क करना एवं उनकी काउन्सलिंग कराना,साइबर बुलिंग एवं साइबर क्राइम के खतरों के प्रति जागरूक करना है।

फर्जी गूगल कस्टमर केयर अधिकारी बनकर पीड़ित से लाखों की ऑनलाइन ठगी करने वाला गिरफ्तार

लखनऊ । साइबर ठग लोगों से ऑनलाइन ठगी करने के लिए तरह-तरह की तरकीब अपना रहे है। जिससे जानने के बाद आपको भी विश्वास नहीं होगा की ऐसा भी कर सकते है। कुद ऐसा ही राजधानी में निकल कर आया है। एक साइबर अपराधी फर्जी गूगल कस्टमर केयर अधिकारी बनकर पीड़ित के साथ 6 लाख से अधिक की धोखाधड़ी कर लिया। अब साइबर थाना पुलिस ने इस साइबर अपराधी का पर्दाफाश करते हुए गिरफ्तार कर लिया है।

जानकारी  के लिए बता दें कि 24 अप्रैल 2024 को वादी मुकदमा ने लिखित सूचना दी कि उसके ज्ञान फ्रेश मिल्क ऐप में 90 रुपये कट गये थे । जिसके निवारण के लिए वादी ने गूगल कस्टमर केयर का नम्बर खोजा था और गूगल से उपलब्ध मोबाइल नम्बर पर वार्ता करने पर उसने वादी के मोबाइल में ऐप इन्सटाल कर वादी का बैंक अकाउन्ट हैक कर उसके बैंक खाते से 632989 रुपये काट लिये थे। 

जिस पर थाना साइबर क्राइम लखनऊ पर अपराध संख्या- 54/2024 धारा 419/420 भा0द0वि0 व 66 सी, 66 डी आईटी एक्ट पंजीकृत हुआ। उक्त अभियोग के अनावरण  के लिए पुलिस आयुक्त लखनऊ,संयुक्त पुलिस उपायुक्त के निर्देशन में पुलिस उपायुक्त (पूर्वी),  अपर पुलिस उपायुक्त (पूर्वी),  सहायक पुलिस आयुक्त (पूर्वी)के कुशल पर्यवेक्षण में साइबर क्राइम थाना लखनऊ पर प्रभारी निरीक्षक बृजेश कुमार यादव के नेतृत्व में अभियुक्तो की गिरफ्तारी के लिए टीम गठित की गयी। विवेचक डा. विनोद सिंह व उनकी टीम द्वारा उच्च अधिकारी के निर्देशन पर सूचना तंत्र सक्रिय कर तकनीकी संसाधनों का प्रयोग कर अभियुक्त को बरेली से  गुरुवार को गिरफ्तार किया गया।

पूछताछ में पता चला कि गूगल की एड पालिसी के तहत उसमें अपना मोबाइल नम्बर कस्टमर केयर के रूप में डालकर विज्ञापन चलाते है जब भी कोई व्यक्ति गूगल में कस्टमर केयर नम्बर सर्च करता है तो सबसे पहले अपराधियों का मोबाइल नम्बर दिखता है ।जिसको पीड़ित सही कस्टमर केयर नम्बर मानकर उसपर काल करतें हैं एवं साइबर अपराधी कस्टमर केयर अधिकारी बनकर पीडितों का बैंक अकाउन्ट खाली कर देते हैं। गिरफ्तार अभियुक्त का नाम जिया उर रहमान पुत्र शफीक अहमद निवासी एजाजनगर गोटिया जगतपुर पानी की टंकी के पास थाना बरादरी जनपद बरेली है।
उप्र में बलरामपुर और सिद्धार्थनगर के डीएम बदले
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में शासन ने दो आईएएस अधिकारियों का तबादला किया है। इससे पहले बड़े पैमाने में आईएएस और आईपीएस बदले गए थे।तबादलों के क्रम में शुक्रवार की सुबह बलरामपुर के जिलाधिकारी अरविंद कुमार सिंह को हटा दिया गया है। उनके खिलाफ तमाम शिकायतें मिली थी।

उनकी जगह पर सिद्धार्थनगर के डीएम पवन अग्रवाल को बलरामपुर का डीएम बनाया गया है। अरविंद सिंह को अभी कोई पोस्टिंग नहीं मिली है। वही, चिकित्सा एवम स्वास्थ्य सेवा निदेशक राजागणपति आर को सिद्धार्थ नगर नया डीएम बनाया है। पिछले चार साल से निदेशक पद पर तैनात थे।

इसके आलावा आईएएस मदन सिंह गर्ब्याल को कानपुर नगर आयुक्त का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। कानपुर के नगर आयुक्त शिव शरणप्पा जीएन के तबादले के बाद ये पद खाली था। इस पद पर जाने के लिए तीन सीधी भर्ती और दो स्टेट सर्विस के आईएएस अपनी कोशिश में लगें है लेकिन अभी यूपी में कलेक्टर बदलने पर ही मंथन चल रहा है।
मिशन अमृत सरोवर विकसित करने में उत्तर प्रदेश बना नजीर,देश में बनने वाले सरोवरों में यूपी का योगदान लगभग 30 प्रतिशत

लखनऊ। डबल इंजन की सरकार के मंशानुरूप 'मिशन अमृत सरोवर' के विकास का कार्य निरंतर तेज गति से हो रहा है। योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश ने 80 फीसदी लक्ष्य पूर्ण कर लिया है। देश में अब तक 70158 स्थानों पर अमृत सरोवर विकसित किया गया है। इसमें उत्तर प्रदेश शीर्ष पर है। उत्तर प्रदेश में अमृत सरोवर विकास रिपोर्ट के मुताबिक गाजियाबाद टॉप पर है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का गृह जनपद गोरखपुर भी जबकि टॉप-5 में शामिल है।

अमृत सरोवर विकसित करने में उत्तर प्रदेश अव्वल

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में अमृत सरोवर विकसित करने में उत्तर प्रदेश अव्वल है। देश में कुल 70158 स्थानों पर अमृत सरोवर का कार्य पूर्ण हो चुका है। उत्तर प्रदेश में अमृत सरोवर निर्माण के लिए 24774 स्थान चिह्नित किए गए। इसमें से 21014 पर कार्य जारी है। 16909 स्थानों पर कार्य पूर्ण हो चुका है। जो लगभग 80 प्रतिशत है। वहीं मध्य प्रदेश दूसरे स्थान पर है। यहां 5821 कार्य पूर्ण हुए हैं। अमृत सरोवर योजना के तहत कर्नाटक में 4058,राजस्थान में 3138 सरोवरों का कार्य पूरा हो चुका है। जबकि महाराष्ट्र में यह आंकड़ा 3079 का है।

गाजियाबाद शीर्ष पर,टॉप-5 में सीएम का गोरखपुर भी

उत्तर प्रदेश में अमृत सरोवर विकास का कार्य काफी तेजी से चल रहा है। 57691 ग्राम पंचायतों में से 16909 अमृत सरोवर का कार्य पूर्ण हो चुका है। यानी लगभग 30 फीसदी का लक्ष्य उत्तर प्रदेश ने निर्धारित किया था, जिसमें से 24.1 प्रतिशत लक्ष्य हासिल कर लिए गए। वहीं उत्तर प्रदेश के जनपदों पर नजर डालें तो गाजियाबाद शीर्ष पर है। यहां 142 ग्राम पंचायतों में से 100 में अमृत सरोवर (70 फीसदी) का कार्य पूर्ण हो चुका है।

महराजगंज में 882 ग्राम पंचायतों में से 601 अमृत सरोवर विकसित हुए। महराजगंज ने 68 प्रतिशत लक्ष्य हासिल किया। बांदा तीसरे स्थान पर है। वहीं मुख्यमंत्री के गृह जनपद गोरखपुर में 1273 ग्राम पंचायतों में से 737 अमृत सरोवर का कार्य पूर्ण हुआ। 58 फीसदी लक्ष्य हासिल कर गोरखपुर चौथे स्थान पर है। नोएडा पांचवें, रामपुर छठवें, चित्रकूट सातवें, बागपत आठवें, मऊ नौवें और सोनभद्र दसवें स्थान पर है।

धीमी गति से कार्य करने वाले जनपदों को चेतावनी

अमृत सरोवर विकसित करने में कुछ जनपदों की प्रगति धीमी है। सीएम योगी ने इन्हें भी तेजी से कार्य करने की चेतावनी दी है। जिन जनपदों में कार्य की गति धीमी है,उसमें देवरिया, बस्ती, अंबेडकरनगर, संभल, आगरा, बदायूं, बहराइच, मुरादाबाद, हाथरस व बरेली हैं। इन जनपदों में भी 18 से 22 फीसदी कार्य हो चुका है। इसमें तेजी लाने के निर्देश दिए गए हैं।

वर्षा जल संचयन पर योगी सरकार का जोर

योगी सरकार ने वर्षा जल संचयन पर जोर देते हुए कहा कि जल संरचनाओं एवं अमृत सरोवर के कैचमेंट क्षेत्र का विकास कर पुनरूद्धार किया जाये, जिससे अमृत सरोवर एवं जल संरचनाओं में पानी की उपलब्धता बनी रहे। वर्षा जल का संचयन किया जा सके और जल संचयन हेतु मनरेगा योजनान्तर्गत अथवा राज्य वित्त/15वां वित्त के मध्य कन्वर्जेन्स करते हुए निर्धारित प्रावधानों के अनुरूप नियमानुसार कार्यवाही कराई जाए।


कैचमेंट इंप्रूवमेंट सुनिश्चित करने का निर्देश

वहीं अमृत सरोवर का कैचमेंट इम्प्रूवमेंट सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया, जिससे पर्याप्त मात्रा में वर्षा जल अमृत सरोवर में पहुंच सके। गांव का गंदा पानी अमृत सरोवर में न जाए,इसके लिए फिल्टरिंग चैम्बर का प्राविधान सुनिश्चित किया जाए। तालाब के चारों तरफ बंधो के निर्माण में सतहवार कम्पैक्शन सुनिश्चित किया जाए,जिससे बंधों का कटान न हो।

जिन तालाबों में सिल्ट आदि जमा हो गई है, उसके पुनरूद्धार के लिए योजना के अन्तर्गत उचित कार्यवाही की जाएगी, इससे वर्षा ऋतु में अधिकाधिक जल का संचयन सुनिश्चित हो सकेगा। ग्राम पंचायतों में नलकूपों तथा नहरों के माध्यम से सिंचाई विभाग, लघु सिंचाई विभाग तथा अन्य विभागों से समन्वय स्थापित करते हुए अमृत सरोवर में पर्याप्त जल की व्यवस्था करने का निर्देश दिया गया है।