धर्मनिरपेक्ष शासक थे शेर-ए-पंजाब महाराजा रणजीत सिंहःउ.प्र. पंजाबी अकादमी

लखनऊ। उत्तर प्रदेश पंजाबी अकादमी की ओर से शेर-ए-पंजाब महाराजा रणजीत सिंह  की पुण्यतिथि के अवसर पर रविवार 30 जून को आलमबाग चंदर नगर गेट के पास स्थित गुरु तेग बहादुर भवन के लाइब्रेरी हॉल में संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इसमें वक्ताओं ने कहा कि महाराजा रणजीत सिंह धर्मनिरपेक्ष शासक थे। इस अवसर पर अकादमी के निदेशक के प्रतिनिधि के रूप में कार्यक्रम संयोजक अरविन्द नारायण मिश्र ने संगोष्ठी में उपस्थित विद्वानों को अंगवस्त्र और स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित भी किया।

संगोष्ठी में आमंत्रित विद्वान देवेन्दर पाल सिंह बग्गा ने कहा कि महाराजा रणजीत सिंह ने अपने पिता के साथ पहली लड़ाई तब लड़ी थी, जब उनकी आयु केवल दस साल की थी। वह एक धर्मनिरपेक्ष शासक थे। उनकी सेना में हिंदू, मुस्लिम और यूरोपीय योद्धा और जनरल शामिल थे। उनकी सेना में जहां हरि सिंह नलवा, प्राण सुख यादव, गुरमुख सिंह लांबा, दीवान मोखम चंद और वीर सिंह ढिल्लो जैसे भारतीय जनरल थे वहीं फ्रांस के जीन फ्रैंकोइस अलार्ड और क्लाउड ऑगस्ट कोर्ट, इटली के जीन बाप्तिस्ते वेंचुरा और पाओलो डी एविटेबाइल, अमेरिका के जोसिया हरलान और स्कॉट-आयरिश मूल के अलेक्जेंडर गार्डनर जैसे सैन्य ऑफिसर भी शामिल थे।

इस क्रम में नरेन्द्र सिंह मोंगा ने कहा कि महाराजा रणजीत सिंह ने मात्र 18 साल की उम्र में शुकरचकिया मिसल की सरदारी प्राप्त करते हुए अपनी अद्भुत संगठनात्मक शक्ति का परिचय देना शुरू कर दिया था। दो साल में ही बारह सिख मिसलों में विभक्त सिखों को एक सूत्र में पिरो कर, पंजाब के पूर्व अफगान शासक शाह जमान की झेलम नदी में फंस गई तोपें काबुल भिजवा कर और बहुसंख्यक मुस्लिम प्रजा से द्वेषपूर्ण व्यवहार न करके मुस्लिम प्रजा की सद्भावना प्राप्त कर ली थी। 20 साल की आयु में लाहौर की राजगद्दी पर 12 अप्रैल 1801 को गुरु नानक के वंशज बाबा साहेब सिंह बेदी से राज तिलक लगवा कर पंजाब के एकमात्र शासक बन गए थे।

त्रिलोक सिंह बहल के अनुसार सिख धर्म में भगवान के सामने हर किसी को बराबर माना जाता है। इस बात को ध्यान में रखते हुए जब महाराजा रणजीत सिंह गद्दी पर बैठे तो कभी भी ताज नहीं पहना। एक बार एक अफगान शासक शाह शुजा की पत्नी ने महाराजा से वादा किया कि अगर महाराजा, शाह शुजा को लाहौर सुरक्षित ले आएंगे तो वह उनको कोहिनूर हीरा देगी। इस पार महाराजा ने शाह शुजा को सुरक्षित लाने का वादा पूरा किया। जिसके बाद 1 जून, 1813 को महाराजा को कोहिनूर हीरा भेंट किया गया, जो उनके खजाने की शान बना। अजीत सिंह ने कहा कि जब भी देश के इतिहास में महान राजाओं के बारे में बात होगी तो शेर-ए-पंजाब महाराजा रणजीत सिंह का नाम इसमें जरूर आएगा। पंजाब पर शासन करने वाले महाराजा रणजीत सिंह ने 10 साल की उम्र में पहला युद्ध लड़ा था और 12 साल की उम्र में गद्दी संभाल ली थी। वहीं 18 साल की उम्र में लाहौर को जीत लिया था। यही नहीं 40 वर्षों तक के अपने शासन में उन्होंने अंग्रेजों को अपने साम्राज्य के आसपास भी नहीं फटकने दिया। दशकों तक शासन के बाद रणजीत सिंह का 27 जून, 1839 को निधन हो गया, लेकिन उनकी वीर गाथाएं आज भी लोगों को प्रेरित करती हैं।

संगोष्ठी कार्यक्रम में मुख्य रूप से हरपाल सिंह गुलाटी, कमलजीत सिंह टोनी, रविन्दर कौर गाँधी, चरनजीत सिंह, मनमोहन सिंह मोणी, शरनजीत सिंह, राजू सदाना, विनय मनचंदा, कुलवंत कौर, शरणजीत कौर, रणदीप कौर, मनमीत कौर सहित अन्य विद्वतगण उपस्थित रहे।

सपा अंबेडकर वाहिनी के अध्यक्ष मिठाई ने बताया संगोल को राजदण्ड व राजतंत्र का प्रतीक, संसद से हटाने की मांग
लखनऊ। समाजवादी बाबा साहब अम्बेडकर वाहिनी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मिठाई लाल भारती जी ने एक पत्रकार वार्ता करते हुए कहा कि लोकतंत्र का मन्दिर (संसद भवन) में रखे गए संगोल को राजदण्ड व राजतंत्र का प्रतीक है। उसे तत्काल हटाया जाये और सेंगोल के स्थान पर लोकतंत्र का पवित्र ग्रंथ भारतीय संविधान को रखा जाये साथ ही संविधान निर्माता डा बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर जी की वही पर तस्वीर लगाई जाये।

श्री भारती ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नई संसद भवन का उद्घाटन करने के दौरान जिस तरह से संविधान का अपमान व अनदेखी करते हुए नई संसद भवन के अन्दर मनमाने ढंग से राजतंत्र के प्रतीक संगोल को स्थापित करना यह दर्शाता है कि नरेन्द्र मोदी संविधान और लोकतंत्र को खत्म करना चाहते है। श्री भारती ने कहा कि हम संवधिान व लोकतंत्र में आस्था रखने वाले उन सभी राजनीतिक दलों व खासकर एससी/एसटी समाज व पीडीए के उन सांसदो से अपील करते है जो डा बाबा साहब अम्बेडकर में आस्था रखते हो। लोकतंत्र के इस मंदिर (संसद भवन) से संगोल को हटाने मे अपनी आवाज बुलन्द करे। श्री भारती ने आगे कहा कि देश और प्रदेश के दलित समाज का मै और मेरी पार्टी सपा हृदय से धन्यवाद करते है, जो सन् 2024 के चुनाव मे संविधान और लोकतंत्र को बचाने के लिए इण्डिया गठबंधन का तन-मन-धन से समर्थन किया। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव जी व सपा अम्बेडकर वाहिनी यह विश्वास दिलाती है कि गरीब, असहाय, दलित समाज के हितों व अधिकारों क लिए सपा हमेशा लड़ाई लड़ती रहेगी और समाज के उत्थान के लिए काम करती रहेगी।
बिजली कंपनियों में निर्देशकों की अधिकतम आयु सीमा 65 वर्ष करने का फैसला, केंद्र सरकार की गाइडलाइन का उल्लंघन
लखनऊ। वर्ष 2023 में केंद्र सरकार ऊर्जा मंत्रालय द्वारा देश की बिजली कंपनियों की खस्ता हालत पर उसमें सुधार के लिए अनेकों वित्तीय पैरामीटर व प्रबंधन में सुधार के लिए गाइडलाइन जारी की थी। जिसको सभी राज्यों को समयबद्ध तरीके से लागू करना था।
उपभोक्ता परिषद ने कहा कि उत्तर प्रदेश में बिजली कंपनियों की हालत सबसे ज्यादा खस्ता हाल है। फिर भी उच्च प्रबंधन में रिटायर अभियंताओं को भरने की साजिश पावर सेक्टर को तबाह करने की हो रही है।उपभोक्ता परिषद ने प्रदेश के मुख्यमंत्री से हस्तक्षेप की मांग की है।

उत्तर प्रदेश की बिजली कंपनियों में पावर कॉरपोरेशन के प्रस्ताव के आधार पर उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा निर्देशकों के चयन के लिए निर्देशकों की अधिकतम आयु सीमा 65 साल निर्धारित की है, जो पहले 62 वर्ष थी। भारत सरकार द्वारा जारी की गई गाइडलाइन के खिलाफ है। देश की बिजली कंपनियों की खस्ता हाल और बिगडती दशा को देखते हुए वर्ष 2023 में केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय भारत सरकार द्वारा 27 अप्रैल 2023 को देश के सभी राज्यों के लिए एक रिवाइज गाइडलाइन कॉरपोरेट गवर्नेंस आफ स्टेट पावर डिस्ट्रीब्यूशन यूटिलिटी जारी की गई थी। जिसमें बिजली कंपनियां में सुधार के लिए भारत सरकार लेवल पर बडे अध्ययन के बाद उपभोक्ता सेवा में सुधार बिजली दर की फाइलिंग वित्तीय पैरामीटर लाइन हानियां  में कमी  सहित अन्य पैरामीटर और मैनेजमेंट में सुधार के लिए एक दिशा निर्देश जारी करते हुए सभी राज्य सरकारों को यह निर्देश दिए गए थे कि इसको समय बद्ध तरीके से लागू किया जाए जिसमें स्पष्ट तौर पर भारत सरकार की गाइड लाइन में कहा गया था कि जो डिस्काम होंगे उनमें 8 से 12 डायरेक्टर होंगे और उनकी नियुक्त के लिए अधिकतम आयु सीमा 58 साल से ज्यादा नहीं होगी और उनका कार्यकाल 2 वर्ष का होगा यानी 60 वर्ष की सेवा के बाद वह रिटायर हो जाएगा। इसके बावजूद भारत सरकार की गाइडलाइन के विपरीत पावर कारपोरेशन के प्रस्ताव पर एक नई गाइडलाइन उत्तर प्रदेश में जारी की गई है, जबकि सबको पता है कि उत्तर प्रदेश में बिजली कंपनियां का घाटा लगभग 1 लाख करोड से ज्यादा है, जो देश के सभी राज्यों के लिए अध्ययन का विषय बना हुआ है।

बिजली कंपनियों की वित्तीय हालत खस्ता है उसमें सुधार के लिए अभिलंब भारत सरकार की इस गाइड लाइन को लागू किया जाना चाहिए। उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष ने प्रदेश के मुख्यमंत्री से मांग उठाई है कि इस बात की गंभीरता से जांच होनी चाहिए कि प्रदेश की बिजली कंपनियों में निर्देशकों की अधिकतम आयु सीमा 65 वर्ष क्यों की गई और उससे किसको लाभ देने की तैयारी है। इसकी गहनता से जांच होने के बाद बडे खुलासे होंगे।


उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने कहा आए दिन पावर कॉरपोरेशन और बिजली कंपनियों के निदेशक मंडल सहित उच्च पदों पर बैठे प्रबंधन द्वारा लगातार नियमों के विपरीत निर्णय लिए जाते हैं। उनको नियमों का ज्ञान नहीं होता जिसका खामियाजा प्रदेश की जनता को भुगतना पडता है। जब भारत सरकार निर्देशकों की अधिकतम आयु सीमा 58 वर्ष करने की बात कर रही है तो उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य है जहां 65 वर्ष तक अधिकतम आयु सीमा निर्धारित कर दी गई। देश के किसी भी राज्य में यह व्यवस्था बिजली डिसकामों में नहीं लागू है । उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद में कहां बिजली कंपनियों की खस्ता हालत घाटे और गलत निर्णय की वजह से जो आए दिन एक हास्यपद स्थिति बनी रहती है।
बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय की चार छात्राओं का 12 लाख सालाना पैकेज पर हुआ चयन
लखनऊ। बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय में भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड के लिए दो दिवसीय 'कैंपस प्लेसमेंट ड्राइव' का आयोजन किया गया था। यह प्लेसमेंट ड्राइव 12 लाख रुपए सालाना सैलरी पैकेज पर पांच वर्ष के निश्चित कार्यकाल ऑफिसर (एचआर) (ई-द्वितीय ग्रेड) के पद के लिए आयोजित की गई थी । इसमें एमबीए-एचआर विशेषज्ञता बैच (2022-24) की चंद्र लता, नम्रता सिंह, कुमारी काजल और जिज्ञासा मिश्रा को कंपनी की ओर से चयनित किया गया है। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एन.एम.पी. वर्मा ने सभी छात्राओं को बधाई दी एवं उनकी इस सफलता को विश्वविद्यालय के लिए गौरव का विषय बताया। 
यूनिवर्सिटी प्लेसमेंट सेल (यूपीसी) की सहायक समन्वयक डॉ. लता बाजपेयी सिंह ने चर्चा के दौरान कहा कि, दो दिनों के प्लेसमेंट ड्राइव के दौरान कंपनी द्वारा प्री प्लेसमेंट टॉक के बाद एक लिखित परीक्षा और व्यक्तिगत साक्षात्कार आयोजित किया गया था। लिखित परीक्षा के बाद 13 विद्यार्थियों को शॉर्टलिस्ट किया गया और व्यक्तिगत साक्षात्कार दौर के बाद चार छात्राओं का चयन किया गया हैं।इसके अतिरिक्त यूनिवर्सिटी प्लेसमेंट सेल के समन्वयक प्रो.अमित कुमार सिंह और सहायक समन्वयक डॉ. मनोज कुमार ने चयन पैनल के साथ बातचीत की और सभी चयनित छात्राओं को उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं।
सीएम ने दिए पुलिस कर्मियों को मिले आवासीय एवं अनावासीय भवनों के निर्माण के लिए 3 करोड़ 43 लाख 56 हजार रूपये
लखनऊउत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनपदों में तैनात पुलिस कर्मियों के लिये आवासीय व अनावासीय भवनों आदि के निर्माण की स्वीकृति प्रदान करते हुए जनपद श्रावस्ती के अग्निशमन केन्द्र इकौना के आवासीय एवं अनावासीय भवनों के निर्माण हेतु 03 करोड़ 43 लाख 56 हजार रूपये की धनराशि निर्गत कर दी है।

अपर मुख्य सचिव गृह दीपक कुमार ने यहां यह जानकारी देते हुए बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार स्वीकृत भवनों का निर्माण कार्य निर्धारित मानक एवं पूर्ण गुणवत्ता के साथ कराने के निर्देश दिये गये है। उन्होंने यह निर्देश भी दिये है कि निर्माण कार्य निर्धारित समयावधि के अन्दर पूर्ण कराया जाय ताकि यथाशीघ्र निर्माण कार्य पूूर्ण हो जाने के फलस्वरूप निर्मित भवनो का बेहतर उपयोग हो सके। उन्होंने कड़े निर्देश दिये है कि निर्माण कार्य में गुणवत्ता आदि की कमी पाये जाने पर संबंधित दोषी कर्मियों को बख्शा नहीं जायेगा।
जिलाधिकारी द्वारा कलेक्ट्रेट सभागार में बुलाई गई जिला स्वास्थ्य समिति की महत्वपूर्ण बैठक
लखनऊ। जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक शुक्रवार को कलेक्ट्रेट सभागार में जिलाधिकारी सूर्य पाल गंगवार द्वारा आहूत की गई। बैठक में जिलाधिकारी ने परिवार कल्याण, मातृ स्वास्थ्य, बाल स्वास्थ्य, नवजात स्वास्थ्य, किशोर स्वास्थ्य , आयुष्मान भारत योजना, सहित अन्य स्वास्थ्य कार्यक्रमों की गहन समीक्षा की।

इसके साथ ही विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान की जिला टास्क फोर्स की बैठक भी आयोजित हुई । बैठक में जिलाधिकारी ने परिवार कल्याण, मातृ स्वास्थ्य, नवजात स्वास्थ्य, बाल स्वास्थ्य आयुष्मान भारत योजना, नवजात स्वास्थ्य सहित अन्य स्वास्थ्य कार्यक्रमों की गहन समीक्षा की । बैठक में जिलाधिकारी ने निर्देश दिये कि संचारी रोगों सहित स्वास्थ्य के अन्य मुद्दों पर जनसमुदाय में व्यवहांर परिवर्तन के लिए छोटे-छोटे वीडियो बनायें और उन्हें जनसमुदाय में प्रसारित करें क्योंकि लोग जो चीजें देखते हैं उनका पालन वह ज्यादा आसानी से करते हैं न कि जो बातें वह सुनते हैं। इसके साथ ही कहा कि जिन क्षेत्रों में टीकाकरण न कराने वालों की संख्या ज्यदा है, उस क्षेत्र के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक क्षेत्र में जाएँ और टीकाकरण न कराने के कारणों का पता लगायें और उनका निवारण करें जिससे कि वह टीकाकरण करवायें | उन्होंने पंचायती राज अधिकारी को निर्देश दिए कि ग्रामीण क्षेत्रों में सफाई कर्मियों की ज़ूम मीटिंग कर उनकी ट्रेनिग करें और इसका नियमित रूप से फॉलो अप करें। बैठक में जिलाधिकारी द्वारा राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम, राष्ट्रीय अंधता निवारण कार्यक्रम, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम, राष्ट्रीय वेक्टर जनित नियंत्रण कार्यक्रम, राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम की भी गहन समीक्षा की गई| इस मौके पर प्रजनन बाल स्वास्थ्य के नोडल अधिकारी डा. आर एन सिंह, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. गोपीलाल, उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा.निशांत निर्वाण, डा. के.डी.मिश्रा, जिला मलेरिया अधिकारी डा.रितु श्रीवास्तव,जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी योगेश रघुवंशी, जिला समुदाय प्रक्रिया प्रबंधक विष्णु प्रताप, जिला क्षय रोग अधिकारी डा.ए.के.सिंघल जिला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम की टीम, पीएमएमवीवाई के जिला कार्यक्रम समन्वयक सुधीर वर्मा, विश्व स्वास्थ्य संगठन और यूनिसेफ, सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफॉर) पाथ के प्रतिनिधि मौजूद रहे।
मंडलायुक्त डॉ रोशन जैकब की अध्यक्षता में तंबाकू उत्पाद व पॉलिथीन प्रतिबंध के संबंध में महत्वपूर्ण बैठक सम्पन्न



लखनऊ। मंडलायुक्त डॉ रोशन जैकब की अध्यक्षता में तंबाकू उत्पाद व पॉलिथीन प्रतिबंधित करने के संबंध में महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन आयुक्त सभागार कार्यालय में आहूत किया गया। इस अवसर पर अपर नगर आयुक्त पंकज श्रीवास्तव सहित संबंधित विभागीय अधिकारीगण उपस्थित रहे।

बैठक के दौरान मंडलायुक्त ने कहा कि जितने भी नशीले पदार्थ हैं वह सभी शरीर को बहुत नुकसान पहुंचाते हैं। मादक पदार्थों का सेवन करने वाले लोग नशे के लिए कई दावों का भी सेवन करते हैं। नशे के लिए इस्तेमाल की जाने वाली दवाइयां मानसिक एवं गंभीर शारीरिक बीमारियां पैदा करती हैं। उन्होने कहा कि नशे के दुष्प्रभाव के बारे में लोगो जागरुक करते हुए नशे की बुरी आदत से दूर रखें। नशीले पदार्थों का सेवन जीवन से खिलवाड़ है। मंडलायुक्त ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया कि तम्बाकू एवं तम्बाकू से निर्मित अन्य उत्पादों का प्रदर्शन सार्वजनिक स्थानों पर सिगरेट एंड अदर टोबेको प्रोडक्ट अधिनियम (COTPA) के प्राविधानों के तहत अनुमन्य नहीं है। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक स्थानों, मुख्य चौराहों व मार्गों पर गुमटियों, दुकानों में तम्बाकू उत्पादों की बिक्री झालर के रूप में प्रदर्शित करते हुए जहाँ कहीं भी विक्रय किया जा रहा है, उसे तत्काल बन्द कराया जाय तथा नोटिस एवं जुर्मानें की कार्यवाही की जाय।

मंडलायुक्त ने एमडी सिटी ट्रांसपोर्ट को निर्देश देते हुए कहा की बसो पर स्टीकर व स्लोगन के माध्यम से तंबाकू नियंत्रण निषेध का व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार किया जाए। शिक्षण संस्थाओ की 100 मीटर दूरी तक तम्बाकू से निर्मित अन्य उत्पादों का प्रदर्शन/विक्रय करने वालों के खिलाफ कार्यवाही किया जाए। उक्त के पश्चात मंडलायुक्त ने संबंधित को निर्देश देते हुए कहा कि सिंगल यूज प्लास्टिक के खिलाफ व रोकथाम हेतु वृहद स्तर पर अभियान चलाया जाए। जिन दुकानों व ठेलो पर पॉलिथीन मिले उनके खिलाफ नोटिस जारी करते हुए भारी जुर्माना लगाया जाना सुनिश्चित किया जाए। सिंगल यूज प्लास्टिक के थोक विक्रेताओ को चिन्हित करते हुए, उनके गोदाम पर उपलब्ध पॉलिथीन को सीज करने की कार्यवाही करें। सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग न करने के लिए जागरूकता अभियान चलाया जाए।
सार्वजनिक एवं निजी स्थानों से अब तक हटाई गई 1,84,06,531 प्रचार-प्रसार सामग्री
लखनऊ। प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा 16 मार्च, 2024 को लोकसभा सामान्य निर्वाचन-2024 की निर्वाचन तिथियों की घोषणा के साथ ही प्रदेश में स्वतंत्र, निष्पक्ष, शांतिपूर्ण, भयमुक्त, प्रलोभनमुक्त, समावेशी व सुरक्षित मतदान कराने के लिए पूरे प्रदेश में आदर्श आचार संहिता का प्रभावी क्रियान्वयन हो रहा है।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि आदर्श आचार संहिता का प्रभावी अनुपालन सुनिश्चित कराने में अब तक सार्वजनिक एवं निजी स्थानों से कुल 1,84,06,531 प्रचार-प्रसार सामग्री हटायी गयी। इसमें सार्वजनिक स्थानों से 1,13,67,315 तथा निजी स्थानों से 70,39,216 प्रचार-प्रसार सामग्री हटायी गयी। इस दौरान सार्वजनिक स्थानों से वालराइटिंग के 13,04,328, पोस्टर के 51,18,359, बैनर के 31,42,232 एवं अन्य 18,02,396 मामलों में कार्यवाही की गयी। इसी प्रकार निजी स्थानों में से वालराइटिंग के 10,12,978, पोस्टर के 32,66,996, बैनर के 17,87,877 एवं अन्य 9,71,365 मामलों में कार्यवाही की गयी। इसी प्रकार अब तक वाहनों में बीकन लाइट, फ्लैग के दुरुपयोग के 1282 मामलों में तथा लाउडस्पीकर एक्ट के उल्लंघन के 2195 मामलों में कार्यवाही की गयी। बिना अनुमति के सभा व भाषण करने, मतदाताओं को लुभाने के लिए नकदी बांटने, वाहनों में बीकन लाइट, फ्लैग के दुरुपयोग एवं अन्य मामलों में 153 एफआईआर दर्ज, 09 एनसीआर सहित कुल 162 प्रकरण में रिपोर्ट दर्ज की गयी है। -
बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय में प्रारंभ हुआ योग महोत्सव

लखनऊ। बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय में  योग विभाग, बीबीएयू , योग वेलनेस सेंटर, उत्तर प्रदेश राज्य आयुष सोसाइटी, लखनऊ, इंटर-यूनिवर्सिटी सेंटर फॉर योगिक साइंसेज , बेंगलुरु, विवि के मीडिया सेंटर (ईएमआरसी) व एनएसएस के संयुक्त तत्वावधान में योग महोत्सव का आयोजन किया गया है।

यह योग महोत्सव विश्वविद्यालय परिसर में 22 मई से 21 जून तक आयोजित किया जायेगा। योग महोत्सव के तहत विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों, शिक्षकों, कर्मचारियों एवं योग जिज्ञासु को कॉमन योगा प्रोटोकॉल के तहत प्रतिदिन योगाभ्यास कराया जा रहा है। इस योग महोत्सव के दौरान योग से जुड़ी विभिन्न गतिविधियां जैसे प्रतिदिन प्रात: काल योग एवं  प्राणायाम, सूर्य नमस्कार, योग पर आधारित वेबिनार एवम् सेमिनार का आयोजन , योग के माध्यम से गंभीर बीमारियों जैसे डायबटीज, माइग्रेन, हाइपरटेंशन, ब्लड प्रेशर आदि को नियंत्रित करने से जुड़ी कार्यशाला एवम् क्विज तथा योग प्रदर्शन प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा।
योग विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो हरिशंकर सिंह ने बताया, कि प्रतिदिन योग करने से शारीरिक विकास के साथ साथ मानसिक और आध्यात्मिक विकास भी  होता है। इसीलिए दैनिक दिनचर्या में योग संबंधित गतिविधियों को शामिल करना आवश्यक है। योग विभाग एवं  योग वेलनेस सेंटर  के समन्वयक प्रो शरद  सोनकर ने योग को स्वास्थ्य का पर्याय बताया। इसके अतिरिक्त योग विभाग के डॉ० दीपेश्वर सिंह ने चर्चा के दौरान कहा कि उत्तम स्वास्थ्य के लिए योग को जीवन में उतारना अति आवश्यक है। नडॉ नरेंद्र सिंह ने योग को जीवन का आधार बताया व योग वेलनेस सेंटर के योग प्रशिक्षक सागर सैनी ने बताया कि प्रतिदिन योगाभ्यास के माध्यम से हम असाध्य  रोगों  से अपना बचाव कर सकते है।

26,76,546 लोग किए गए पाबन्द, पुलिस विभाग ने 10057 बिना लाइसेंसी शस्त्र, 10210 कारतूस, 3099.32 किलोग्राम विस्फोटक व 595 बम बरामद
लखनऊ। प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने बताया कि उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए भारत निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन किया जा रहा है।

16 मार्च, 2024 को लोकसभा सामान्य निर्वाचन-2024 की निर्वाचन तिथियों की घोषणा के साथ ही प्रदेश में स्वतंत्र, निष्पक्ष, शांतिपूर्ण, भयमुक्त, प्रलोभनमुक्त, समावेशी व सुरक्षित मतदान कराने के लिए पूरे प्रदेश में आदर्श आचार संहिता प्रभावी है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशों के अनुपालन में पुलिस, आयकर, आबकारी, नार्कोटिक्स एवं अन्य विभागों द्वारा कार्यवाही की जा रही है। सघन जाँच के लिए 464 अंतर्राज्यीय चेक पोस्ट तथा 1730 चेक पोस्ट राज्य के भीतर संचालित हैं। 16 मार्च से 26 मई, 2024 तक पुलिस विभाग द्वारा अपराधिक व्यक्तियों के 537 लाइसेंसी शस्त्र जब्त किये गये। 4766 लाइसेंसी शस्त्रों के लाइसेंस निरस्त कर जमा कराये गये।

इसी प्रकार शांति भंग की आशंका में सीआरपीसी के तहत निरोधात्मक कार्यवाही करते हुए 28,25,108 लोगों को पाबन्द किये जाने हेतु नोटिस प्रेषित किये गये है, जिनमें से 26,76,546 लोगों को पाबन्द किया जा चुका है। इसके अतिरिक्त पुलिस विभाग द्वारा 10057 बिना लाइसेंसी शस्त्र, 10210 कारतूस, 3099.32 किलोग्राम विस्फोटक व 595 बम बरामद कर सीज किये गये। पुलिस द्वारा अवैध शस्त्र बनाने वाले 5252 केन्द्रों पर रेड डाली गयी और 188 केन्द्रों को सीज किया गया। 26 मई, 2024 को पुलिस विभाग द्वारा सीआरपीसी के तहत निरोधात्मक कार्यवाही करते हुए 4629 लोगों को पाबन्द किया गया। इसके अतिरिक्त बिना लाइसेंस के 37 शस्त्र व 44 कारतूस बरामद कर सीज किये गये। पुलिस द्वारा अवैध शस्त्र बनाने वाले 36 केन्द्रों पर रेड डाली गयी।