फर्जी गूगल कस्टमर केयर अधिकारी बनकर पीड़ित से लाखों की ऑनलाइन ठगी करने वाला गिरफ्तार

लखनऊ । साइबर ठग लोगों से ऑनलाइन ठगी करने के लिए तरह-तरह की तरकीब अपना रहे है। जिससे जानने के बाद आपको भी विश्वास नहीं होगा की ऐसा भी कर सकते है। कुद ऐसा ही राजधानी में निकल कर आया है। एक साइबर अपराधी फर्जी गूगल कस्टमर केयर अधिकारी बनकर पीड़ित के साथ 6 लाख से अधिक की धोखाधड़ी कर लिया। अब साइबर थाना पुलिस ने इस साइबर अपराधी का पर्दाफाश करते हुए गिरफ्तार कर लिया है।

जानकारी  के लिए बता दें कि 24 अप्रैल 2024 को वादी मुकदमा ने लिखित सूचना दी कि उसके ज्ञान फ्रेश मिल्क ऐप में 90 रुपये कट गये थे । जिसके निवारण के लिए वादी ने गूगल कस्टमर केयर का नम्बर खोजा था और गूगल से उपलब्ध मोबाइल नम्बर पर वार्ता करने पर उसने वादी के मोबाइल में ऐप इन्सटाल कर वादी का बैंक अकाउन्ट हैक कर उसके बैंक खाते से 632989 रुपये काट लिये थे। 

जिस पर थाना साइबर क्राइम लखनऊ पर अपराध संख्या- 54/2024 धारा 419/420 भा0द0वि0 व 66 सी, 66 डी आईटी एक्ट पंजीकृत हुआ। उक्त अभियोग के अनावरण  के लिए पुलिस आयुक्त लखनऊ,संयुक्त पुलिस उपायुक्त के निर्देशन में पुलिस उपायुक्त (पूर्वी),  अपर पुलिस उपायुक्त (पूर्वी),  सहायक पुलिस आयुक्त (पूर्वी)के कुशल पर्यवेक्षण में साइबर क्राइम थाना लखनऊ पर प्रभारी निरीक्षक बृजेश कुमार यादव के नेतृत्व में अभियुक्तो की गिरफ्तारी के लिए टीम गठित की गयी। विवेचक डा. विनोद सिंह व उनकी टीम द्वारा उच्च अधिकारी के निर्देशन पर सूचना तंत्र सक्रिय कर तकनीकी संसाधनों का प्रयोग कर अभियुक्त को बरेली से  गुरुवार को गिरफ्तार किया गया।

पूछताछ में पता चला कि गूगल की एड पालिसी के तहत उसमें अपना मोबाइल नम्बर कस्टमर केयर के रूप में डालकर विज्ञापन चलाते है जब भी कोई व्यक्ति गूगल में कस्टमर केयर नम्बर सर्च करता है तो सबसे पहले अपराधियों का मोबाइल नम्बर दिखता है ।जिसको पीड़ित सही कस्टमर केयर नम्बर मानकर उसपर काल करतें हैं एवं साइबर अपराधी कस्टमर केयर अधिकारी बनकर पीडितों का बैंक अकाउन्ट खाली कर देते हैं। गिरफ्तार अभियुक्त का नाम जिया उर रहमान पुत्र शफीक अहमद निवासी एजाजनगर गोटिया जगतपुर पानी की टंकी के पास थाना बरादरी जनपद बरेली है।
उप्र में बलरामपुर और सिद्धार्थनगर के डीएम बदले
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में शासन ने दो आईएएस अधिकारियों का तबादला किया है। इससे पहले बड़े पैमाने में आईएएस और आईपीएस बदले गए थे।तबादलों के क्रम में शुक्रवार की सुबह बलरामपुर के जिलाधिकारी अरविंद कुमार सिंह को हटा दिया गया है। उनके खिलाफ तमाम शिकायतें मिली थी।

उनकी जगह पर सिद्धार्थनगर के डीएम पवन अग्रवाल को बलरामपुर का डीएम बनाया गया है। अरविंद सिंह को अभी कोई पोस्टिंग नहीं मिली है। वही, चिकित्सा एवम स्वास्थ्य सेवा निदेशक राजागणपति आर को सिद्धार्थ नगर नया डीएम बनाया है। पिछले चार साल से निदेशक पद पर तैनात थे।

इसके आलावा आईएएस मदन सिंह गर्ब्याल को कानपुर नगर आयुक्त का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। कानपुर के नगर आयुक्त शिव शरणप्पा जीएन के तबादले के बाद ये पद खाली था। इस पद पर जाने के लिए तीन सीधी भर्ती और दो स्टेट सर्विस के आईएएस अपनी कोशिश में लगें है लेकिन अभी यूपी में कलेक्टर बदलने पर ही मंथन चल रहा है।
मिशन अमृत सरोवर विकसित करने में उत्तर प्रदेश बना नजीर,देश में बनने वाले सरोवरों में यूपी का योगदान लगभग 30 प्रतिशत

लखनऊ। डबल इंजन की सरकार के मंशानुरूप 'मिशन अमृत सरोवर' के विकास का कार्य निरंतर तेज गति से हो रहा है। योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश ने 80 फीसदी लक्ष्य पूर्ण कर लिया है। देश में अब तक 70158 स्थानों पर अमृत सरोवर विकसित किया गया है। इसमें उत्तर प्रदेश शीर्ष पर है। उत्तर प्रदेश में अमृत सरोवर विकास रिपोर्ट के मुताबिक गाजियाबाद टॉप पर है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का गृह जनपद गोरखपुर भी जबकि टॉप-5 में शामिल है।

अमृत सरोवर विकसित करने में उत्तर प्रदेश अव्वल

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में अमृत सरोवर विकसित करने में उत्तर प्रदेश अव्वल है। देश में कुल 70158 स्थानों पर अमृत सरोवर का कार्य पूर्ण हो चुका है। उत्तर प्रदेश में अमृत सरोवर निर्माण के लिए 24774 स्थान चिह्नित किए गए। इसमें से 21014 पर कार्य जारी है। 16909 स्थानों पर कार्य पूर्ण हो चुका है। जो लगभग 80 प्रतिशत है। वहीं मध्य प्रदेश दूसरे स्थान पर है। यहां 5821 कार्य पूर्ण हुए हैं। अमृत सरोवर योजना के तहत कर्नाटक में 4058,राजस्थान में 3138 सरोवरों का कार्य पूरा हो चुका है। जबकि महाराष्ट्र में यह आंकड़ा 3079 का है।

गाजियाबाद शीर्ष पर,टॉप-5 में सीएम का गोरखपुर भी

उत्तर प्रदेश में अमृत सरोवर विकास का कार्य काफी तेजी से चल रहा है। 57691 ग्राम पंचायतों में से 16909 अमृत सरोवर का कार्य पूर्ण हो चुका है। यानी लगभग 30 फीसदी का लक्ष्य उत्तर प्रदेश ने निर्धारित किया था, जिसमें से 24.1 प्रतिशत लक्ष्य हासिल कर लिए गए। वहीं उत्तर प्रदेश के जनपदों पर नजर डालें तो गाजियाबाद शीर्ष पर है। यहां 142 ग्राम पंचायतों में से 100 में अमृत सरोवर (70 फीसदी) का कार्य पूर्ण हो चुका है।

महराजगंज में 882 ग्राम पंचायतों में से 601 अमृत सरोवर विकसित हुए। महराजगंज ने 68 प्रतिशत लक्ष्य हासिल किया। बांदा तीसरे स्थान पर है। वहीं मुख्यमंत्री के गृह जनपद गोरखपुर में 1273 ग्राम पंचायतों में से 737 अमृत सरोवर का कार्य पूर्ण हुआ। 58 फीसदी लक्ष्य हासिल कर गोरखपुर चौथे स्थान पर है। नोएडा पांचवें, रामपुर छठवें, चित्रकूट सातवें, बागपत आठवें, मऊ नौवें और सोनभद्र दसवें स्थान पर है।

धीमी गति से कार्य करने वाले जनपदों को चेतावनी

अमृत सरोवर विकसित करने में कुछ जनपदों की प्रगति धीमी है। सीएम योगी ने इन्हें भी तेजी से कार्य करने की चेतावनी दी है। जिन जनपदों में कार्य की गति धीमी है,उसमें देवरिया, बस्ती, अंबेडकरनगर, संभल, आगरा, बदायूं, बहराइच, मुरादाबाद, हाथरस व बरेली हैं। इन जनपदों में भी 18 से 22 फीसदी कार्य हो चुका है। इसमें तेजी लाने के निर्देश दिए गए हैं।

वर्षा जल संचयन पर योगी सरकार का जोर

योगी सरकार ने वर्षा जल संचयन पर जोर देते हुए कहा कि जल संरचनाओं एवं अमृत सरोवर के कैचमेंट क्षेत्र का विकास कर पुनरूद्धार किया जाये, जिससे अमृत सरोवर एवं जल संरचनाओं में पानी की उपलब्धता बनी रहे। वर्षा जल का संचयन किया जा सके और जल संचयन हेतु मनरेगा योजनान्तर्गत अथवा राज्य वित्त/15वां वित्त के मध्य कन्वर्जेन्स करते हुए निर्धारित प्रावधानों के अनुरूप नियमानुसार कार्यवाही कराई जाए।


कैचमेंट इंप्रूवमेंट सुनिश्चित करने का निर्देश

वहीं अमृत सरोवर का कैचमेंट इम्प्रूवमेंट सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया, जिससे पर्याप्त मात्रा में वर्षा जल अमृत सरोवर में पहुंच सके। गांव का गंदा पानी अमृत सरोवर में न जाए,इसके लिए फिल्टरिंग चैम्बर का प्राविधान सुनिश्चित किया जाए। तालाब के चारों तरफ बंधो के निर्माण में सतहवार कम्पैक्शन सुनिश्चित किया जाए,जिससे बंधों का कटान न हो।

जिन तालाबों में सिल्ट आदि जमा हो गई है, उसके पुनरूद्धार के लिए योजना के अन्तर्गत उचित कार्यवाही की जाएगी, इससे वर्षा ऋतु में अधिकाधिक जल का संचयन सुनिश्चित हो सकेगा। ग्राम पंचायतों में नलकूपों तथा नहरों के माध्यम से सिंचाई विभाग, लघु सिंचाई विभाग तथा अन्य विभागों से समन्वय स्थापित करते हुए अमृत सरोवर में पर्याप्त जल की व्यवस्था करने का निर्देश दिया गया है।
यूपी में बाघों व हाथियों के संरक्षण का मार्ग हुआ प्रशस्त , बजट जारी

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार प्रदेश में बाघों व हाथियों समेत विभिन्न प्रकार के जीव-जंतुओं के संरक्षण को लेकर कृत संकल्पित हैं। प्रदेश में टाइगर व एलिफेंट रिजर्व्स में जीव-जंतुओं के संरक्षण के साथ ही यहां छुपी पर्यटन की असीमित संभावनाओं को भी चिह्नित कर उन्हें विकसित करने की प्रक्रिया जारी है। इससे एक ओर राज्य में पर्यटन विकास के जरिए राजस्व में वृद्धि का अवसर प्राप्त हुआ है, वहीं, बाघों-हाथियों व अन्य संरक्षित जीव-जंतुओं के संरक्षण का मार्ग प्रशस्त हुआ है। इसी क्रम में,अब सीएम योगी की मंशा अनुसार प्रदेश में बाघों व हाथियों के संरक्षण को लेकर जारी विभिन्न परियोजनाओं को गति देने की तैयारी शुरू कर दी गई है।

*'प्रोजेक्ट टाइगर एंड प्रोडेक्ट एलीफेंट' के लिए जारी हुई धनराशि*

डबल इंजन की सरकार द्वारा देश में बाघों व हाथियों के संरक्षण के लिए प्रोजेक्ट टाइगर एंड प्रोजेक्ट एलीफेंट की शुरूआत गई है। इस परियोजना के अंतर्गत उत्तर प्रदेश के विभिन्न रिजर्व्स में भी यह परियोजना क्रियान्वित है। प्रदेश में परियोजना के अंतर्गत विभिन्न स्तरों पर कार्य हो रहा है और इन्हीं कार्यों को बढ़ावा देने के लिए योगी सरकार ने केंद्र से प्राप्त सहायता को राज्यांश संग समाहित करते हुए जनराशि जारी कर दी है। वन विभाग के प्रधान मुख्य वन संरक्षक तथा विभागाध्यक्ष को इस विषय में शासनादेश जारी करके अवगत करा दिया गया है। परियोजना के लिए वित्तीय वर्ष 2024-25 में कुल मिलाकर 5.31 करोड़ रुपये की धनराशि जारी की गई है।

*निर्माण कार्य समेत कई अन्य मदों में व्यय होगी धनराशि*

परियोजना के अंतर्गत जो धनराशि अवमुक्त की गई है, उसका कई मदों में उपयोग होगा। आवंटित धनराशि के जरिए मशीनों, संयंत्रों व उपकरणों के क्रय तथा निर्माण कार्यों की पूर्ति का मार्ग प्रशस्त होगा। इसके अतिरिक्त, कार्यालय व्यय तथा मजदूरी समेत विभिन्न मदों में धनराशि का उपयोग हो सकेगा। उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश में रिजर्व फॉरेस्ट रीजंस के टूरिस्ट एरिया में तमाम प्रकार की पर्यटक सुविधाओं के विकास के कार्य तो जारी हैं ही, वहीं क्षेत्रों में वनों के कोर एरिया रीजंस में भी कुछ निर्माण कार्य जारी हैं। इनमें जलाशय निर्माण समेत जीवों के संरक्षण के उद्देश्य से विभिन्न कार्यों को पूर्ण किए जाने की प्रक्रिया जारी है और धनावंटन के जरिए इन कार्यों की पूर्ति में तेजी आएगी।
रघुराज प्रताप सिंह की पत्नी भानवी सिंह ने एक बार फिर एक्स पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से लगाई न्याय की गुहार
लखनऊ । जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के राष्ट्रीय अध्यक्ष रघुराज प्रताप सिंह की पत्नी भानवी सिंह ने एक बार फिर एक्स पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से न्याय की गुहार लगाई है। लोकसभा चुनाव के पहले भी एक्स पर लगातार ट्वीट कर वह सीएम व पुलिस अधिकारियों से न्याय मांगती रहीं हैं।

भानवी सिंह का आरोप है कि वर्ष 2023 में दिल्ली में एमएलसी अक्षय प्रताप सिंह गोपालजी समेत अन्य लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी, जालसाजी समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था। इसमें उनका बयान भी दर्ज हो चुका है। मुकदमा दर्ज हुए एक वर्ष का समय बीत गया, पुलिस ने जांच के नाम पर मामले को ठंडे बस्तेे डाल दिया है। जिससे उन्हें न्याय नहीं मिल पा रहा है। उनके एक्स पर किए ट्वीट से एक बार फिर राजा भैया परिवार का मामला चर्चा में आ गया है।
प्रदेश के कई इलाकों में झमाझम के साथ सुहाने हुए मौसम ने लोगों को गर्मी से राहत दी, चार व पांच दिन में पूरे प्रदेश में मानसून के छा जाने के आसार

लखनऊ । प्रदेश में मानसून एक्सप्रेस लगातार आगे बढ़ रही है। बृहस्पतिवार को प्रदेश के कई इलाकों में झमाझम के साथ सुहाने हुए मौसम ने लोगों को गर्मी से राहत दी है। दिन और रात के तापमान में गिरावट हुई। मौसम विभाग के मुताबिक, अगले चार- पांच दिनों में मानसून के पूरे प्रदेश में छा जाने के आसार हैं।

मौसम विभाग के मुताबिक बृहस्पतिवार की सुबह 8.30 बजे तक आगरा, अलीगढ़, मथुरा-वृंदावन, मुरादाबाद में 70 मिमी से अधिक पानी बरसा। अयोध्या, बहराइच, बलिया, बुलंदशहर, फतेहपुर, फुरसतगंज, हमीरपुर में 50 से 60 मिमी के बीच बरसात रिकार्ड की गई। गाजीपुर में 100 मिमी बरसात रिकॉर्ड की गई थी। आगरा, अलीगढ़, शाहजहांपुर में भी अच्छी बरसात रिकार्ड हुई। 

आंचलिक मौसम विज्ञान केन्द्र के वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक अतुल कुमार सिंह के मुताबिक, मानसून की अरब सागर की शाखा अधिक सक्रिय है। इसके कारण मानसून बृहस्पतिवार को बुंदेलखंड के ज्यादातर हिस्से को कवर करते हुए आगे बढ़ा है। बंगाल की खाड़ी की शाखा ने पूर्वी उत्तर प्रदेश के तराई वाले इलाके के कुछ भाग को कवर किया है। आगामी 4-5 दिनों के दौरान प्रदेश में अधिकांश स्थानों पर कहीं हल्की तो कहीं भारी वर्षा संभावना है।
नये कानून से तारीख पर तारीख का चलन होगा समाप्त ,नये कानूनों को पुलिस महानिदेशक यूपी ने सराहा
लखनऊ ।  पुलिस मुख्यालय  गोमती नगर विस्तार लखनऊ के तृतीय टॉवर भूतल स्थित गोंड रानी वीरांगना दुर्गावती लाउंज में मीडिया के साथ वातार्लाप व कार्यशाला का आयोजन किया गया।  जिसमें मुख्य अतिथि पुलिस महानिदेशक यूपी प्रशांत कुमार रहे। इस अवसर पर पुलिस महानिदेशक प्रशिक्षण द्वारा मुख्य अतिथि को पुष्पगुच्छ एंव अपर महानिदेशक पीआईबी द्वारा स्मृति चिन्ह भेट कर स्वागत किया गया।
डीजीपी ने कहा कि ब्रिटिश कानून की जगह भारतीय न्याय संहिता लागू होगी।

डीजीपी ने कहा कि कानून लागू होने के बाद अदालत के निर्णय की प्रक्रिया आॅनलाइन हो जाएगी। भारत आपराधिक न्याय प्रणाली में तकनीकी के इस्तेमाल करने वाला पहला देश बन जाएगा। साथ ही नए कानूनों की विशेषता है कि 3 साल के भीतर न्याय मिल सकेगा। प्रत्येक जनपद के थाने में वीडियो कांफ्रेसिंग रूम होगा। इससे गवाहों को आसानी होगी। एक जुलाई को हर थाने में विशेष कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। जिसमें नये कानून के बारे में लोगों को जानकारी दी जाएगी। डीजीपी ने बताया कि नये कानून के लागू होने से पुराने मुकदमों में कोई बदलाव नहीं आएगा। इस कानून को लागू करने में हम किसी राज्य से पीछे नहीं रहेंगे।

सामुदायिक सेवा के माध्यम से छोटे-छोटे अपराधों का निस्तारण किया जाएगा। डीजीपी ने बताया कि नये आपराधिक कानून एक जुलाई 2024 से प्रभावी होंगे। इन कानूनों के लागू होने के बाद से लेकर अदालत के निर्णय तक पूरी प्रक्रिया आॅनलाइन हो जाएगी और भारत अपनी आपराधिक न्याय प्रणाली में आधुनिक तकनीक का सबसे अधिक इस्तेमाल करने वाला देश बन जाएगा। यह कानून तारीख पे तारीख के चलन को समाप्ति सुनिश्चित करेंगे और देश में एक ऐसी न्यायिक प्रणाली स्थापित होगी जिसके जरिये तीन वर्षो के भीतर न्याय मिल सकेगा। डीजीपी ने कहा कि जैसा कि आप सभी विदित है कि ब्रिटिश कालीन के जो हमारे तीनों कानून थे उनकी जगह तीन नये कानून संसद द्वारा पास किये गये है जिनको हम लोग भारतीय न्याय संहिता, जो कि आईपीसी का काउण्टर पार्ट है, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता जो कि सीआरपीसी का काउण्टर पार्ट है और भारतीय साक्ष्य अधिनियम जो एविडेन्स एक्ट का काउण्टर पार्ट है उसको पास किया है।

नये कानून को पास करने की मूल भावना यह है कि तकनीक का प्रयोग ज्यादा से ज्यादा करके डिस्क्रेशन को कम करना है चाहे वह विवेचक का हो या किसी भी इस पूरे क्षेत्र से जुडे व्यक्ति का हो, उसे कम करना है, किसी भी स्थित में वादी का उत्पीडन न हो तथा कोई भी निर्दोष व्यक्ति को दण्ड न मिले, इसके लिए अधिक से अधिक तकनीक का उपयोग किया जाये। एक समयबद्ध तरीके से इस सभी चीजो का विचारण हो, फॉरेन्सिक साक्ष्यों का अधिक से अधिक उपयोग करया जाये और यह सुनिश्चित कराया जाये कि ज्यादा से ज्यादा निष्कर्ष पर पहुँचने की प्रक्रिया तकनीक पर आधारित हो। साथ ही साथ नये आपराधिक कानून में वादी को विवेचना के प्रगति की सूचना देना अनिवार्य है।

हमारे क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम के वर्ल्टिकल्स को इन सभी चीजो का पूरा ज्ञान होना बहुत बड़ा टास्क था। हमारे सभी विभागो जिसमें प्रशिक्षण विभाग, तकनीकी सेवाएं, जेल, प्रासीक्यूसन इन सभी में जो ट्रेनिंग की प्रक्रिया थी, वह बहुत ही अनुकरणीय एवं प्रशान्सनीय है। पुलिस प्रशिक्षण निदेशालय ने विश्व के सबसे बड़े पुलिस संगठन को प्रशिक्षण देने का महती कार्य किया है। 30 जून तक विभिन्न रैंक के पुलिसकर्मियों का प्रशिक्षण कार्य पूर्ण कर लिया जायेगा। इसके अतिरिक्त तकनीकी विभाग, अभियोजन, नियम एवं ग्रंथ, पुलिस मुख्यालय की टीम ने इस कानून को लागू करने में महत्वपूर्ण योगदान किया है। मुख्यमंत्री  ने प्रशिक्षण के लिये सभी संसाधनों को प्राथमिकता के आधार पर उपलब्ध कराया है।

संगठित अपराधियों को सजा दिलाने के उद्देश्य से विटनेस प्रोटेक्शन स्कीम लागू की गयी है जिससे गवाह निर्भीक होकर गवाही दे सके। वीडियो कान्फ्रेन्सिग के माध्यम से गवाही करायी जायेगी इससे त्वरित एवं समयबद्ध न्याय प्रणाली विकसित होगी। नये कानून में फारेंसिक एवं वैज्ञानिक साक्ष्य को अनिवार्य किया गया है इस दिशा में विवेचकों को प्रशिक्षण दिया गया है। साक्ष्य अधिनियम में डिजिटल साक्ष्य को ग्राह्य बनाया गया है। एनआईसी द्वारा ई-साक्ष्य एप निर्मित किया गया है। इस ऐप के माध्यम से घटनास्थल की वीडियोग्राफी की जा सकेगी व डिजीलॉकर में सुरक्षित किया जा सकता है जिससे उसकी हैश वैल्यू बनी रहेगी और न्यायालय के समक्ष साक्ष्य पेश करने में किसी भी प्रकार की कोई तकनीकी बाधा उत्पन्न नहीं हो पायेगी।

इस दिशा में विवेचकों हेतु गृह मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा एसओपी निर्गत किया गया है। जनसामान्य को नये कानून की जानकारी दिये जाने के उद्देश्य से पुलिस मुख्यालय की सोशल मीडिया सेल द्वारा एक्स (ट्वीटर) पर प्रतिदिन नये कानून का प्रचार प्रसार किया जा रहा है। प्रशिक्षण निदेशालय द्वारा नये कानून से सम्बन्धित 29 संक्षिप्त प्रशिक्षण वीडियो बनाये गये हैं जिसे एलएमएस पोर्टल पर अपलोड किया गया है एवं सभी जनपदों को गूगल ड्राइव के माध्यम से लिंक उपलब्ध कराया गया है। सभी पुलिस थानों एवं कार्यालयों पर नये कानून से सम्बन्धित वॉल पोस्टर चस्पा किये जा रहे हैं। नये कानून से सम्बन्धित पॉकेट बुक व पैम्फलेट तैयार किया गया है एवं थानों को उपलब्ध कराया गया है। तीन नये कानून लागू करने में पुलिस की महत्वपूर्ण भूमिका है। मुझे आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास है कि उ०प्र० पुलिस आमजन की अपेक्षाओं पर खरी उतरेगी। कानून के मूल उद्देश्य के संदेश को आमजन तक पहुंचाने में सहयोग करेगी।

इस कार्य में मीडियाबंधु की महत्वपूर्ण भूमिका है एवं आपसे इस दिशा में पूर्ण सहयोग अपेक्षित है। वातार्लाप कार्यक्रम में अधिक संख्या में पत्रकारों द्वारा प्रतिभाग किया गया। अपर पुलिस महानिदेशक प्रशिक्षण द्वारा पत्रकार बन्धुओ को नये आपराधिक कानूनो के सम्बन्ध में आधारभूत जानकारी प्रदान की गयी। कार्यक्रम में अपर पुलिस महानिदेशक अभियोजन, अपर पुलिस महानिदेशक प्रशिक्षण, अपर पुलिस महानिदेशक तकनीकी सेवाएं, अपर पुलिस महानिदेशक/पुलिस महानिदेशक के जीएसओ सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित रहें।

यूपी-112 का द्वितीय चरण: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने झंडी दिखा नए उच्चीकृत पीआरवी को किया रवाना, नई तकनीक के साथ संसाधनों को बढ़ाया गया

लखनऊ। प्रदेश के करोड़ों नागरिकों को सुरक्षा और सम्मान प्रदान करने वाली यूपी-112 के द्वितीय चरण में शामिल नए उच्चीकृत पीआरवी को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने झंडी दिखा कर रवाना किया। इस मौके पर मा. मंत्री, वित्त एवं संसदीय कार्य सुरेश कुमार खन्ना, पुलिस महानिदेशक यूपी प्रशांत कुमार की गरिमामयी उपस्थिति रही।

24 एजेंसियों से हुआ है एकीकरण

यूपी-112 के द्वितीय चरण में नई तकनीक के साथ संसाधनों को भी बढ़ाया गया है, ताकि जनमानस को पारदर्शी तरीके से त्वरित पुलिस सहायता प्रदान की जा सके, नागरिकों की मदद का दायरा बढ़ाने के लिए यूपी-112 ने द्वितीय चरण में 15 नई एजेंसियों के साथ एकीकरण किया है। जबकि पहले चरण में 9 एजेंसियों के साथ 112 का एकीकरण था। इस तरह अब 24 एजेंसियों के साथ 112 का एकीकरण हुआ है।

कॉल टेकर्स और पीआरवी की संख्या बढ़ी

दूसरे चरण में कॉल टेकर्स की संख्या बढ़ा कर 825 की गयी है जबकि पहले चरण में कॉल टेकर्स की क्षमता 673 थी. कॉल टेकर्स बढ़ने से अब प्रतिदिन औसतन 28,000 कालर्स की आपात सहायता की जा रही है, जबकि पहले सहायता का ये आंकड़ा 18,500 का था। इसी तरह दूसरे चरण में पीआरवी की संख्या को बढ़ा कर 6278 किया गया है, जबकि पहले चरण में यह संख्या 4800 थी. कॉल टेकर्स की संख्या बढ़ने से जहाँ आपात सेवा लेने वालों की संख्या बढ़ी है वहीं पीआरवी की संख्या बढ़ने से पीड़ित तक जल्द पुलिस सहायता पहुँच रही है. नागरिकों को पीआरवी ट्रेकिंग की सुविधा भी उपलब्ध होगी।

तकनीक का हुआ भरपूर प्रयोग

दूसरे चरण में यूपी-112 ने तकनीक का भरपूर प्रयोग किया है, ताकि नागरिकों को पारदर्शी तरीके से त्वरित पुलिस सहायता मिल सके, कॉलर की सटीक लोकेशन पता करने के लिए 112 ELS तकनीक का उपयोग कर रहा है। यूपी पुलिस इस सेवा को प्रयोग करने वाला पहला भारतीय पुलिस संगठन है। पीआरवी पर तैनात कर्मियों को बॉडी वार्न कैमरे दिए गए हैं जिससे पुलिस कर्मी घटना स्थल की फोटो और वीडियो रिकार्ड कर सकते हैं।

PTZ कैमरों से रखी जाएगी नज़र

पीआरवी पर PTZ कैमरे लगाये गए हैं. इससे संवेदनशील घटनाओं की रियल टाइम मोनिटरिंग जिला मुख्यालयों और यूपी-112 द्वारा किये जाने की व्यवस्था है। कैमरों से पारदर्शिता व अपराधों के इन्वेस्टीगेशन में मदद मिलेगी।

कानून का राज सुशासन की पहली शर्त : सीएम योगी

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कानून का राज सुशासन की पहली शर्त है। इसके लिए सुरक्षा व संरक्षा का बेहतर वातावरण होना चाहिए। सुरक्षा का वातावरण राज्य का दायित्व है। हमारी पुलिस इसका बखूबी निर्वहन करती है। समय के अनुरूप पुलिस का आधुनिकीकरण कर सकें, यह मांग लंबे समय से चली आ रही थी।

प्रधानमंत्री ने डीजी कॉफ्रेंस में देश भर के पुलिस महानिदेशकों के सामने कानून के परिवर्तन के साथ ही स्मार्ट पुलिसिंग की नई अवधारणा पर आधारित नई दृष्टि दी थी। उन्होंने स्ट्रिक्ट एंड सेंसेटिव, मॉडर्न एंड मोबाइल, अलर्ट एंड अकाउंटबिल, रिलायबल एंड रिस्पांसिव, टेक्नोसेवी व ट्रेंड होने की बात कही थी। यूपी पुलिस ने इन सभी बातों को अक्षरशः उतारने का प्रयास किया है।

उच्चीकृत पीआरवी का सीएम ने किया फ्लैग ऑफ

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को अपने सरकारी आवास पर यूपी-112 द्वितीय चरण के तहत उच्चीकृत पीआरवी का फ्लैग ऑफ किया। साथ ही वातानुकूलित हेलमेट का वितरण किया। इस मौके पर सीएम ने कहा कि यह कार्यक्रम स्मार्ट पुलिसिंग की सात वर्ष की प्रक्रिया को नई ऊंचाई की ओर पहुंचाने का अभियान है।

यूपी पुलिस ने देश के अंदर अपनी नई पहचान बनाई

सीएम योगी ने कहा कि पिछले सात वर्ष के अंदर यूपी पुलिस ने देश के अंदर न केवल अपनी नई पहचान बनाई है, बल्कि यूपी को भी नई पहचान दिलाने में महती भूमिका का निर्वहन किया है। सात वर्ष में यूपी में कानून का राज दिखाई दिया है। कानून के राज ने पुलिस को भी सम्मान और विश्वास का प्रतीक बनाया तो राज्य में निवेश, व्यापार की नई संभावनाओं के साथ विकास और रोजगार के नए युग में ले जाने का कार्य किया।

प्रदेश में कानून का राज स्थापित हुआ

2017 में सीएम बनने के बाद पहली प्रशासनिक बैठक की, वहां पता चला कि यूपी आबादी में देश का सबसे बड़ा राज्य है, लेकिन यह छठवीं अर्थव्यवस्था था। जैसे-जैसे प्रदेश में कानून का राज स्थापित हुआ तो यूपी देश की दूसरी अर्थव्यवस्था बनकर उभरा और अब तेजी के साथ देश की बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में स्थापित हो रहा है। सीएम ने कहा कि समाज की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए आधुनिकीकरण पर ध्यान नहीं देंगे तो पुलिस बल पिछड़ जाएगा। ऐसा होने से सबसे खतरनाक असर सामान्य नागरिकों की सुरक्षा पर पड़ेगा। जनता का विश्वास एक बार व्यवस्था से हटा तो उसे बहाल करने में लंबे समय तक कवायद करनी पड़ेगी।

यूपी पुलिस बल के लिए फॉरेंसिक इंस्टीट्यूट का हुआ गठन

सीएम योगी ने कहा कि आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर में नए युग में प्रवेश किया है। निवेश, ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट और ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी कैसी होनी चाहिए, यूपी ने इसका उदाहरण प्रस्तुत किया है। यह केवल नारे नहीं, जमीनी हकीकत है। हमने बिना भेदभाव पारदर्शी प्रक्रिया से पुलिस बल में पुलिस भर्ती की तो समुचित प्रशिक्षण भी कराया। बड़े महानगरों को छोड़ विकास प्रक्रिया से जुड़े किसी भी सामान्य जनपद में सबसे ऊंची बिल्डिंग पुलिस लाइन के अंदर बन रहे पुलिस के आधुनिक बैरक की है। यहां अवस्थापना सुविधाओं का विकास और ट्रेनिंग की क्षमता को बढ़ाया गया। पुलिस बल के आधुनिकीकरण के अनेक प्रयास हुए। पहली बार यूपी पुलिस बल के लिए फॉरेंसिक इंस्टीट्यूट का गठन किया गया। गत वर्ष पाठ्यक्रम भी प्रारंभ किया गया है।

फ्लीट में शामिल होंगे 6278 वाहन

सीएम योगी ने कहा कि हमने यूपी-112 के रिस्पांस टाइम को कम करने और पीआरवी-112 की संख्या बढ़ाने का प्रयास किया। सात वर्ष में फोर व्हीलर के साथ टू व्हीलर भी शामिल किया गया, जिससे गली-मोहल्लों तक पीआरवी आमजन की सेवा के लिए पहुंच सके। कोरोना काल में लॉकडाउन के समय यूपी पुलिस का पीआरवी 112 सुर्खियों में बना था। लोगों ने पुलिस बल के सेवा भाव को देखा था। जिन गली-मोहल्लों में फोर व्हीलर नहीं जा सकती, वहां टू व्हीलर की सुविधा पहुंची। अगले तीन वर्ष का बड़ा कार्यक्रम शासन ने तय किया है। इस फ्लीट में 6278 फोर और टू व्हीलर उपलब्ध कराने की दिशा में प्रयास प्रारंभ किया है। इस वर्ष 1778 फोर-टू व्हीलर को फ्लीट का हिस्सा बनाने वाले हैं।

सीएम योगी ने कानपुर पुलिस के प्रयासों की सराहना की

कानपुर ट्रैफिक पुलिस की ओर से कर्मचारी कल्याण के लिए एसी हेलमेट प्रदान करने की अभिनव पहल की गई। इसका निर्माण हैदराबाद की कंपनी ने किया है। कानपुर मेट्रो में काम कर रही एफकॉन इंफ्रास्ट्रक्चर ने कानपुर ट्रैफिक पुलिसकर्मियों के लिए सीएसआर गतिविधि के माध्यम से सहयोग दिया है। सीएम ने कानपुर ट्रैफिक पुलिस के आरक्षी सुगौरव तिवारी को हेलमेट पहनाया। सीएम ने कहा कि गर्मी के नए रिकॉर्ड टूटे हैं। अंतिम चरण की चुनाव ड्यूटी के लिए जब पुलिस व कर्मचारी प्रस्थान कर रहे थे तो एक ही दिन में दर्जनों मौतें हुईं। उस समय तापमान बहुत अधिक था।

एसी हेलमेट कुछ हद तक मदद करने में सहभागी बनेगा

लू-भीषण गर्मी में भी यूपी पुलिस लोगों को बेहतर सुविधा देती है। ट्रैफिक पुलिस के जवान चौराहे पर खड़े होकर यातायात व्यवस्था को सुचारू रूप से संचालित करते है। कई बार ऐसा करते-करते जवान बेहोश हो जाते हैं या कोई अप्रिय घटना हो जाती है। यह एसी हेलमेट कुछ हद तक मदद करने में सहभागी बनेगा। सीएम ने कहा कि कानपुर कमिश्नरेट पुलिस का यह प्रयास सराहनीय है।

सेफ सिटी के लिए गोरखपुर से शुरू हुआ था ऑपरेशन त्रिनेत्र

सीएम योगी ने कहा कि पुलिस कमिश्नर कानपुर जब गोरखपुर के एडीजी थे तो उन्होंने सेफ सिटी का प्रयास प्रारंभ किया था। सुप्रीम कोर्ट ने गृह मंत्रालय व राज्यों से कहा था कि महिला सुरक्षा के बारे में संवेदनशील बनना होगा। उनकी चिंता को ध्यान में रखते हुए 2016 में सेफ सिटी के लिए यूपी पुलिस ने गोरखपुर से ऑपरेशन त्रिनेत्र की शुरुआत की।इसमें शासन, नगर निकाय, विकास प्राधिकरण, व्यापार मंडल, सामान्य नागरिक का सहयोग मिला। उसके परिणाम हमें देखने को मिलते हैं। इससे घटनाएं नहीं होतीं, यदि हो भी गईं तो कुछ ही घंटों के अंदर अपराधी पुलिस की भेंट चढ़ जाता है। यह बताता है कि हमने टेक्नोलॉजी के साथ मैनपॉवर को ट्रेंड किया है।ऐसे कार्यक्रमों में जनता का भरपूर सहयोग मिलता है।कार्यक्रम में वित्त मंत्री सुरेश खन्ना, कृषि राज्यमंत्री बलदेव सिंह औलख, मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र, अपर मुख्य सचिव (गृह) दीपक कुमार, पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार, एडीजी यूपी 112 नीरा रावत आदि मौजूद रहे।

उत्तर प्रदेश देश का हृदय स्थल, यहां पर्यटन की असीम संभावनाएं : सीएम योगी


लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश देश का हृदयस्थल है। यहां पर्यटन की अनेक संभावनाएं हैं। गत वर्ष उत्तर प्रदेश में 48 करोड़ पर्यटक आए थे। यानी आबादी की लगभग दोगुनी संख्या पर्यटन की दृष्टि से यहां आई थी। अधिकांश पर्यटक धार्मिक पर्यटन के लिए आए थे। 2023 में काशी में यह संख्या 10 करोड़ से अधिक थी। मथुरा-वृंदावन में साढ़े सात करोड़ और अयोध्या में पांच करोड़ से अधिक थी। 500 वर्षों के बाद अयोध्या में प्रभु श्रीराम के विराजमान होने के बाद यह संख्या कई गुना बढ़ गई है। औसतन प्रतिदिन डेढ़-दो लाख पर्यटक अयोध्या धाम आ रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी बुधवार को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान के मरकरी हॉल में ईको टूरिज्म पर आयोजित संवाद कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।


यूपी में स्प्रिचुअल टूरिज्म के साथ ही हेरिटेज व ईको टूरिज्म की भी संभावनाएं


सीएम योगी ने कहा कि यूपी में कई ऐसे साइट्स हैं, जहां पर्यटक आते हैं। लखनऊ के बगल में नैमिषारण्य, चित्रकूट, शुकतीर्थ, विंध्यवासिनी धाम, मां पाटेश्वरी धाम, मां शाकंभरी धाम सहारनपुर, बौद्ध तीर्थ स्थल कपिलवस्तु, सारनाथ, कुशीनगर, श्रावस्ती, संकिसा, जैन व सूफी परंपरा से जुड़े स्थलों में भी स्प्रिचुअल टूरिज्म की अनेक संभावना पहले से है। यह संभावनाएं बताती हैं कि यदि स्प्रिचुअल टूरिज्म के लिए स्थान है तो इसका मतलब यह मानव सृष्टि और जीव सृष्टि का उद्गम स्थल है। इसके सबसे बड़े प्रमाण सोनभद्र के फासिल्स पार्क को देखें। उसकी आयु उतनी ही है, जितनी जीव सृष्टि की है। लगभग डेढ़ सौ करोड़ वर्ष पूर्व के फासिल्स वहां पाए जाते हैं। ऐसे अनेक स्थल, प्राकृतिक सरोवर, ताल मिलेंगे। 15 हजार वर्ग किमी. का क्षेत्रफल केवल वन संपदा है। यूपी में पौराणिक काल के वन हैं।

यूपी के तराई क्षेत्र (बहराइच, लखीमपुर खीरी, श्रावस्ती, बलरामपुर, पीलीभीत) में वन सुरक्षित हैं, जबकि उस पार नेपाल में वन समाप्त हो गए हैं। चूका, दुधवा, पीलीभीत टाइगर रिजर्व, अब चित्रकूट व बिजनौर के अमानगढ़ में टाइगर रिजर्व को आगे बढ़ाने का कार्य कर रहे हैं। स्प्रिचुअल टूरिज्म के साथ ही हैरिटेज व ईको टूरिज्म की संभावनाएं भी मौजूद हैं। उन्हीं संभावनाओं को देश-दुनिया के सामने लाने, लोगों का आकर्षण बढ़े, मनोरंजन और ज्ञानवर्धन हो, अतीत व इतिहास के साथ जुड़ने का अवसर प्राप्त हो। साथ ही भावी चेतावनी के प्रति हम सभी जागरूक हो सकें, इस दृष्टि से उत्तर प्रदेश ईको टूरिज्म डेवलपमेंट बोर्ड गठित किया गया है।

देश-प्रदेशवासियों को लंबे समय तक याद आएगी जून की गर्मी

सीएम योगी ने कहा कि जून की गर्मी देश-प्रदेशवासियों को लंबे समय तक याद आएगी। तापमान बहुत तेजी से बढ़ रहा था। लोग असहाय और असमंजस की स्थिति में थे। इसके लिए उत्तरदायी हम सबकी स्वार्थी गतिविधियां ही हैं। स्वयं के स्वार्थ के लिए प्रकृति के दोहन की प्रवृत्ति के कारण ऐसी स्थिति पैदा हुई।



नाइट सफारी बनाने से पहले कुकरैल नदी को जीवित करेंगे

मुख्यमंत्री ने कहा कि लखनऊ में कुकरैल के पास नाइट सफारी बना रहे हैं। इसके पहले कुकरैल नदी को जीवित करेंगे। कभी कुकरैल आदि गंगा गोमती की सहायक नदी थी। पीलीभीत से निकलकर वाराणसी में मां गंगा के साथ इसका मिलन होता है लेकिन कुकरैल नदी को नाला बनाकर लोगों ने अवैध निर्माण कर लिया। चार दशक में कब्जा इतना बढ़ गया कि न केवल यह नदी, बल्कि पर्यावरण के लिए चुनौती बन गया।

हम लोगों ने कुकरैल को नदी बनाने की लड़ाई सुप्रीम कोर्ट तक लड़ी। आठ हजार से अधिक अनधिकृत कब्जों को हटाया। दोषियों को दंडित किया और कइयों को पुनर्वास किया। गर्मी में जब नदियों और जल के स्रोत सूख रहे थे तो कुकरैल में जल के नए स्रोत बन रहे थे। ईको टूरिज्म डवलपमेंट बोर्ड आगाह कर रहा है कि मनोरंजन व ज्ञानवर्धन के लिए हम प्रकृति के उपहार का उपयोग करें, लेकिन भावी पीढ़ी को लंबे समय तक उपहार मिलता रहे। इसके संरक्षण की जिम्मेदारी हमें लेनी पड़ेगी।

स्प्रिचुअल की तरह ईको टूरिज्म को बढ़ाने में होंगे सफल

बांदा के कालिंजर, जालौन व बस्ती में ऐसे कार्यक्रम प्रारंभ हुए हैं। यह संभावना पीलीभीत, खीरी, बहराइच, सोनभद्र, चंदौली, चित्रकूट समेत कई जनपदों में भी बन सकती है, जहां पहले से ईको सिस्टम मौजूद है। सरकार कनेक्टिवटी और पॉलिसी के तहत आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध करा सकती है। अलग-अलग क्षेत्रों व जनपदों में ईको टूरिज्म की संभावनाओं को बोर्ड के साथ जुड़कर आगे बढ़ाएंगे तो स्प्रिचुअल टूरिज्म की तरह हम लोग ईको टूरिज्म को भी आगे बढ़ाने में सफल होंगे।कार्यक्रम में संस्कृति/पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह, वन मंत्री डॉ. अरुण कुमार सक्सेना, वन राज्यमंत्री केपी मलिक, मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र, अपर मुख्य सचिव (वन-पर्यावरण) मनोज कुमार सिंह, प्रमुख सचिव (पर्यटन-संस्कृति) मुकेश कुमार मेश्राम, प्रधान मुख्य वन संरक्षक सुधीर कुमार शर्मा आदि मौजूद रहे।