बहराइच: नाबालिग दुष्कर्म पीड़िता ने नवजात का किया परित्याग, शिशु गृह भेजी गई बच्ची तो डॉक्टर के साथ स्टाफ नर्स के भी छलके आंसू
महेश चंद्र गुप्ता ,बहराइच। पयागपुर थाना क्षेत्र की नाबालिग दुष्कर्म पीड़िता ने 5 दिन पहले जिला महिला अस्पताल में बेटी को जन्म दिया था। दुष्कर्म पीड़िता के माता-पिता द्वारा बेटी को स्वीकार न करने पर मां ने परित्याग दिया। जिस पर नवजात बेटी को वन स्टाफ सेंटर की प्रशासक और पुलिस कर्मियों की टीम ने बाल शिशु गृह लखनऊ छोड़ दिया है।
पयागपुर थाना क्षेत्र की दुष्कर्म पीडिता नाबालिक ने 5 दिन पहले जिला महिला अस्पताल में बेटी को जन्म दिया था। बेटी के जन्म के बाद दुष्कर पीड़िता के माता-पिता ने नवजात को स्वीकार करने पर असमर्थता जताई। इससे परेशान दुष्कर्म पीड़िता ने अपनी बेटी को परित्याग करने के लिए सीडब्ल्यूसी अध्यक्ष की कोर्ट पर वार्ड प्रस्तुत किया था। सीडब्ल्यूसी अध्यक्ष सतीश श्रीवास्तव ने मामले की सुनवाई करते हुए नवजात को लखनऊ भेजे जाने के निर्देश दिए।
मंगलवार को बाल कल्याण समिति अध्यक्ष के निर्देश पर वन स्टाफ केंद्र की प्रशासक रचना कटियार, सादिक अली महिला सिपाही कांति और पुरुष सिपाही के साथ 108 एंबुलेंस द्वारा सभी नवजात को लेकर लखनऊ के राजकीय बाल शिशु गृह पहुंचे। यहां पर नवजात बेटी को लखनऊ बाल शिशु गृह के हवाले कर दिया गया, अब वहीं पर उसकी देखभाल की जाएगी।
अंतिम बार पिया मां का दूध, रोने लगे सभी
नवजात बेटी को मंगलवार को लखनऊ ले जाने की तैयारी हुई। सुंदर बेटी ने मां का अंतिम बार दूध पिया, इसके बाद वह मां को नहीं छोड़ रही थी। मां से किसी तरह वन स्टाफ केंद्र की प्रबंधक ने अपने हवाले लिया तो यह पल गमगीन हो गया। बाल रोग विशेषज्ञ के साथ स्टाफ नर्स और वहां मौजूद महिला सिपाही भी गमगीन हो गई। सभी को समझाने के लिए डॉक्टर बोले के सभी सरकारी नियम के तहत ही चलना है और नवजात को लखनऊ ले जाया गया।
Jun 26 2024, 19:01