'आम महोत्सव' में क्या है खास, आम से बनने वाली रेसिपी का भी चखें स्वाद
गोरखपुर। आम को फलों का राजा यूं ही नहीं कहा जाता है. आम और खास सबकी पसंद आम होता है. कच्चा और पका दोनों आम लोग खूब चटकारे लेकर खाते और पसंद भी करते हैं. यही वजह है कि आम के लिए ये कहावत भी है कि आम के आम और गुठलियों के दाम. गर्मी का सीजन है और बाजार में आम भी आ गए हैं. ऐसे में गोरखपुर में रहने वाले लोगों के लिए रविवार का दिन खास बनने जा रहा है. गोरखपुर में लगने वाले आम महोत्सव में जहां आम की ऐसी प्रजातियां मिलेंगी, जिनके संरक्षण की जरूरत है. तो वहीं आम से बनी रेसिपी का स्वाद भी कुछ अलग होगा.
इंटैक (इंडियन नेशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट एंड हेरिटेज कल्चर) की ओर से गोरखपुर के गोरखपुर क्लब में रविवार 23 जून को आम महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है. ऐसे आम जो विलुप्त होने की कगार पर हैं. इसके साथ ही उनके संरक्षण की जरूरत है, उसे बचाने के लिए इंटैक आम महोत्सव मना रहा है. यहां पर आम महोत्सव में ऐसे आम भी देखने को मिलेंगे, जिनके संरक्षण और उनकी नस्ल को बचाने का प्रयास किया जा रहा है. गवरजीत, दशहरी, कर्पूरी, आम्रपाली, बंबइया, लंगड़ा, देसी और चौसा जैसी प्रजातियों के आम यहां देखने को मिलेंगे।
आम महोत्सव गोरखपुर क्लब में संगोष्ठी के रूप में शुरू हुआ इसमें तीन सत्र होंगे. पहले सत्र में वैज्ञानिक और विशेषज्ञ विलुप्त हो रही आम की प्रजाति और उनके संरक्षण को लेकर जानकारी देंगे. द्वितीय सत्र में विलुप्त और बची हुई प्रजातियां के बारे में जानकारी दी जाएगी. तीसरे सत्र में आम से बनने वाली रेसिपी को लेकर प्रतियोगिमा का आयोजन किया गया है. इसमें अभी 30 प्रतिभागियों ने भाग लेने के लिए पंजीकरण कराया है. प्रथम सत्र में राष्ट्रीय औद्योगिक बोर्ड के सलाहकार डॉक्टर शैलेंद्र रंजन पूर्वी उत्तर प्रदेश में आम उत्पादन, चुनौतियां व संभावनाएं विषय पर जानकारी देंगे. इसके अतिरिक्त प्रयागराज से आ रहे कृषि तकनीकी व विज्ञान विश्वविद्यालय के जेनेटिक्स व प्लांट ब्रीडिंग विभाग के अध्यक्ष प्रो वैदुयॅ प्रताप शाही, केवीके के डॉक्टर एसपी सिंह, गोरखपुर विश्वविद्यालय की गृह विज्ञान की अध्यक्ष प्रो. दिव्या रानी सिंह अपने विचार रखेंगी. इस सत्र में आम उत्पादकों की संख्याओं व प्रश्नों का समाधान भी किया जाएगा।
द्वितीय सत्र में विभिन्न आम प्रजातियों के प्रदर्शन का होगा, जिसमें कई विलुप्त हो रही पारंपरिक प्रजातियों का अवलोकन हो सकेगा. इन प्रजातियों को तीन दर्जन से अधिक आम उत्पादक प्रदर्शन के लिए रखेंगे. इसकी अतिरिक्त कई स्टार्टअप, स्वयं सहायता समूह व कृषि उत्पादक समूह की भी सहभागिता रहेगी, जिसमें महिला सशक्तिकरण पर विशेष ध्यान रखा जा रहा है. तृतीय सत्र में रेसिपी प्रतियोगिता का आयोजन होगा. यह खुली प्रतियोगिता जन सामान्य के लिए है. जिसमें आम से बने खाने-पीने के सभी विभिन्न व्यंजन जैसे- जैली, अचार, गलका आदि को उसके गुणवत्ता व स्वाद के अनुसार चुना जाएगा. इसके साथ ही उन्हें पुरस्कृत भी किया जाएगा. आम महोत्सव जन सामान्य के लिए दोपहर 2.30 बजे से शाम 7:00 बजे तक खुला रहेगा।
इंटैक के आजीवन सदस्य और मीडिया प्रभारी कनक हरि अग्रवाल ने बताया कि जनमानस के लिए सबसे प्रिय फल आम अपने इस क्षेत्र में सबसे अधिक प्रजातियों में पाया जाता है. हर क्षेत्र में एक विशेष आम होता है. जैस मलीहाबाद में दशहरी, बंबई में हापुस. हम लोग सौभाग्यशाली हैं कि हम ऐसे क्षेत्र से रहते हैं जहां पर मनुष्य के सबसे पसंदीदा फल आम की कई प्रजातियां होती हैं. इंटैक की आजीवन सदस्य डा. निशी अग्रवाल ने बताया कि आम महोत्सव में अलग-अलग तरह के आम देखने और इसे खरीद सकते हैं. यहां पर आम की विलुप्त हो रही प्रजातियों को संरक्षित करने की मुहिम को आगे बढ़ाने का इंटैक प्रयास कर रहा है. यहां पर तीन सत्र चलेंगे. किसानों को इन सत्रों में सम्मिलित होने से काफी जानकारी और फायदा होगा. वे अपनी आम की पैदावार को बढ़ाने के साथ उसकी गुणवत्ता को भी बनाए रख सकते हैं. यहां पर तीसरे चरण में आम से बनी रेसिपी के लिए आयोजित प्रतियोगिता में लोग बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं।
इंटैक भौतिक व गैर भौतिक विरासत को संजाने की मुहिम चला रहा है. इसी के अंतर्गत विलुप्त हो रही आम की प्रजातियां को संरक्षित करने हेतु आम महोत्सव मनाया जा रहा है. इसमें गोरखपुर एनवायरमेंटल एक्शन ग्रुप, उद्यान विभाग उत्तर प्रदेश सरकार, डीडीयू का गृह विज्ञान विभाग, कृषि विज्ञान केंद्र ने भी अपना मार्गदर्शन और सहयोग प्रदान किया है. आम महोत्सव में इंटैक के अचिंत्य लाहिड़ी, डॉ. मुमताज खान, प्रोफेसर शिव शरण दास, कनक हरि अग्रवाल और डा. निशी अग्रवाल मुख्य आयोजक हैं।
Jun 25 2024, 13:50