वरीय अधिकारीयों के निर्देश पर धनबाद सिविल सर्जन ने सरकारी अस्पतालों में प्रसव के लिए सभी स्वास्थ्य केंद्र को दिया निर्देश
धनबाद : झारखंड सरकार के स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव ने सभी जिलों के सिविल सर्जन को निर्देश दिया है कि सभी सरकारी अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों में संस्थागत प्रसव बढ़ाया जाय. इसके बाद विभाग रेस हुआ और इसको लेकर काफी जोर दिया जा रहा है। इस संबध में पहले की अपेक्षा सरकारी अस्पतालों में लोगों का भरोसा बढ़ने लगा है.
सिविल सर्जन ने जारी किया निर्देश
सिबिल सर्जन ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी को निर्देश जारी किया है। इसके तहत गर्भवती महिलाओं को मलेरिया मधुमेह और एचआईवी की जांच अनिवार्य रूप से करने को कहा गया है।
सिविल सर्जन डॉक्टर चंद्रभानु प्रतापन ने बताया कि सरकारी अस्पतालों में नियमित एंटीनेटल चेकअप की जांच हो रही है। इसमें मलेरिया, मधुमेह, एचआईवी समेत कई अन्य जांच हैं।
मातृ और शिशु मृत्यु दर में कमी लाना उद्देश्य
सिविल सर्जन ने बताया कि इसके पीछे सरकार का उद्देश्य मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाना है। प्रारंभिक अवस्था में ही बीमारी पकड़ आ जाने पर विभिन्न प्रकार की कॉम्प्लिकेशन को दूर किया जा सकता है।
उन्होंने बताया कि सरकारी अस्पताल में प्रसव के लिए गर्भवती माता को ₹1400 प्रोत्साहन राशि मिलती है। पूरे प्रसव चक्र के दौरान ₹6000 तक का लाभ गर्भवती माता को मिलती है।
40% प्रसव सरकारी अस्पताल में
धनबाद में फिलहाल 40% गर्भवती महिलाओं का प्रसव सरकारी अस्पतालों में होने लगा है। विभाग की कोशिश है कि इस 70% से ऊपर ले जाया जाए। इसके लिए सहिया, चिकित्सा पदाधिकारी, नर्स समेत अन्य स्वास्थ्य कर्मियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
Jun 25 2024, 10:38