शिक्षा-चिकित्सा के क्षेत्र में प्रतिमान बनेंगी एमपी शिक्षा परिषद की संस्थाएं

गोरखपुर, 20 जून। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को अंगीकार करने में महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद की संस्थाएं अग्रणी रही हैं। अब इस शिक्षा नीति के आलोक में परिषद की संस्थाओं को शिक्षा एवं चिकित्सा के क्षेत्र में प्रतिमान बनाने के लिए परिषद के संरक्षक, गोरक्षपीठाधीश्वर एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 21 सूत्रीय मार्गदर्शक बिंदु तय किए हैं। इन मार्गदर्शक बिंदुओं पर महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद की तरफ से अपनी संस्थाओं के लिए पांच दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।

सीएम योगी की तरफ से जारी मार्गदर्शक बिंदुओं के अनुसार गोरक्षपीठ द्वारा स्थापित तथा महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद की तरफ से संचालित संस्थाओं को अपनी विशिष्ट पहचान बनानी है। संस्थाध्यक्ष, प्राचार्य, निदेशक, प्रभारी को निष्पक्ष एवं पारदर्शी कार्यप्रणाली अपनाते हुए, संस्था को प्राथमिकता देते हुए स्वयं प्रतिमान बनना है। सीएम योगी का मानना है कि अनुशासन किसी भी संस्था की आत्मा है इसलिए सभी संस्थाओं में स्व अनुशासित परिसर संस्कृति का विकास होना चाहिए।

इसके अलावा उन्होंने टीम भावना से कार्य करने, विस्तृत कार्ययोजना एवं शैक्षिक पंचांग बनाकर इसके शत प्रतिशत क्रियान्वयन, महापुरुषों की जयंतियों पर अवकाश न कर कार्यक्रम करने, पुस्तकालय एवं प्रयोगशाला को अत्याधुनिक बनाने, पठन पाठन में नवाचार व अत्याधुनिक तकनीक का प्रयोग करने, स्वच्छता उपासना, व्यक्तित्व विकास, सामाजिक जागरूकता बढ़ाने, सत्रांत से पूर्व बीते सत्र की समीक्षा करने तथा हर दिन कुछ नया करने व सीखने को लेकर मार्गदर्शन जारी किया है।

इन सभी मार्गदर्शक बिंदुओं को लेकर महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद ने 16 से 20 जून तक परिषद की सभी संस्थाओं प्रमुखों, पदाधिकारियों व सदस्यों के लिए शैक्षिक कार्यशाला का आयोजन किया।

16 जून को महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. प्रदीप कुमार राव के बीज वक्तव्य के बाद गुरु श्री गोरखनाथ इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (आयुर्वेद कॉलेज), गुरु श्री गोरक्षनाथ कॉलेज ऑफ नर्सिंग और गुरु गोरखनाथ कृषिविज्ञान केंद्र की तरफ से दिए गए प्रस्तुतिकरण पर चर्चा हुई। 17 जून को दिग्विजयनाथ पीजी कॉलेज, एमपी पॉलिटेक्निक, एमपी पीजी कॉलेज जंगल धूसढ़, एमपी कृषक इंटर कॉलेज जंगल धूसढ़ एवं कृषि संकाय महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय की तरफ से प्रस्तुतिकरण दिया गया।

18 जून को गोरखनाथ संस्कृत विद्यापीठ, एमपी बालिका इंटर कॉलेज सिविल लाइंस, दिग्विजयनाथ इंटर कॉलेज चौक माफी, एमपी सीनियर सेकेंडरी स्कूल बेतियाहाता, एमपी इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, 19 जून को गोरक्षपीठाधीश्वर महंत अवेद्यनाथ महाविद्यालय चौक बाजार महराजगंज, दिग्विजयनाथ इंटर कॉलेज चौक बाजार महराजगंज, दिग्विजयनाथ कन्या इंटर कॉलेज चौक बाजार, दिग्विजयनाथ एलटी प्रशिक्षण महाविद्यालय, आदिशक्ति मां पाटेश्वरी विद्यापीठ देवीपाटन, की प्रस्तुतियों पर चर्चा की गई। कार्यशाला के अंतिम दिन 20 जून को एमपी कन्या इंटर कॉलेज रमदत्तपुर, एमपी महिला पीजी कॉलेज रमदत्तपुर, दुलहिन जगरनाथ कुंवरी इंटर कॉलेज टेकुआटार कुशीनगर की प्रस्तुतियों के बाद संस्थाओं की मूल्यांकन प्रविधि पर चर्चा हुई। परिषद के अध्यक्ष प्रो. यूपी सिंह के अध्यक्षीय उद्बोधन से कार्यशाला का समापन हुआ।

उमस भरी गर्मी में अघोषित बिजली कटौती ने रूलाया,रात बीतने पर आई बिजली 4 घंटे भी नहीं रूकी

खजनी गोरखपुर।बीती रात तेज हवाओं के साथ हुई बारिश के दौरान कटी बिजली सुबह तक नहीं आई, खराबी दूर करने के बाद लगभग 10 बजे के बाद बिजली की आपूर्ति पुनः बहाल हुई। लेकिन अपराह्न 2 बजे खजनी कस्बे में पोस्ट आॅफिस के समीप बिजली के पोल से धुंआं और चिंगारी निकलने लगी। सूचना मिलते ही तत्काल बिजली काट दी गई, कस्बे के लोग सहम उठे धुआं और चिंगारियां निकल रहे बिजली के पोल के समीप जाने से लोगों को रोका गया।

बता दें कि बीते दिनों इसी स्थान पर बिजली की चपेट में आ कर एक गर्भवती गाय की मौत हो गई थी। बिजली कटने के बाद स्थानीय जागरूक लोगों ने पोल के पास स्थित घर की छत पर चढ़ कर पानी फेंक कर बिजली के पोल पर सुलगती आग बुझाई।

यद्यपि बिजली विभाग के संविदा कर्मियों की सक्रियता से खराबी ठीक करने के लगभग 2 घंटे बाद ही बिजली की आपूर्ति पुनः बहाल कर दी गई।

किंतु उसके बाद भी बिजली का आना-जाना लगा रहा।उमस भरी चिपचिपी गर्मी से स्थानीय लोग बेहाल रहे।

वहीं पोल पर शार्ट सर्किट होने के बाद मौके पर मौजूद सुरेश शुक्ला, विष्णु मद्धेशिया, सल्लू मद्धेशिया, पंकज, मिंटू, विकास, राजेश गुप्ता, गोपाल मद्धेशिया, संतोष कसौधन, केशव सेठ, महेंद्र सहित दर्जनों लोगों ने बताया कि कस्बे के मेन मार्केट में यह हमेशा की समस्या है बिजली विभाग की लापरवाही से कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। जिससे निरपराध आम लोगों को अपनी जान से भी हांथ धोना पड़ सकता है।

नगर आयुक्त शहर में भ्रमण शील होकर चोक हुई नालियों को तुरंत साफ करने का दिया निर्देश

गोरखपुर। रात्रि में हुए बारिश को ध्यान में रखते हुए नगर आयुक्त गौरव सिंह सोगरवाल शहर में भ्रमण शील होकर चोक हुई नालियों को तुरंत संबंधित अधिकारियों को साफ करने का दिया निर्देश सभी सहायक नगर आयुक्त को निर्देशित किया कि अपने-अपने क्षेत्र में भ्रमण शील रहकर नालियों का बराबर सफाई कराए।

जिससे बरसात होने पर किसी भी नाली में पानी न रुकने पाए। देर रात्रि में हुई मूसलाधार बारिश से नगर निगम के विभिन्न क्षेत्रों का नगर आयुक्त निरीक्षण कर नगर आयुक्त शिवाय होटल के आगे पवित्र मैरिज लॉन के पास निरीक्षण के दौरान सहायक नगर आयुक्त सुरेंद्र सिंह एवं सफाई निरीक्षक रामविजय को बताया गया कि शिवाय होटल से अग्रसेन तिराहा तक नाला का निर्माण कार्य चल रहा है नाले में जगह-जगह मलबा एवं कूड़ा आदि भरा हुआ मिला है उसे तुरंत साफ कराए अवर अभियंता विवेकानंद को नाले का निर्माण कार्य शीघ्र पूर्ण करा कर नाले पर स्लैब रखवाने हेतु निर्देशित किया नगर आयुक्त द्वारा सुमेर सागर रोड पर स्थित टीनघर पुलिया के पीछे के नाले का निरीक्षण के दौरान इस बड़े नाले में काफी ज्यादा मात्रा में कूड़ा प्लास्टिक बोतल आदि भरा हुआ मिला।

नाले के किनारे पटरी पर भी जगह-जगह काफी मात्रा में कूड़ा पड़ा हुआ पाया गया. साथ ही नाले के बगल में रामलीला मैदान की जमीन पर एवं नाले के दोनों तरफ कुछ लोगों द्वारा अतिक्रमण भी कर लिया गया है नगर आयुक्त ने अतिक्रमण को हटवाते हुए नाले की सफाई कराने के लिए निर्देशित किया बेतियाहाता में हनुमान मंदिर के आगे एवं महेवा चुंगी के पास चल रहे नाला सफाई कार्य का निरीक्षण कर बरसात को देखते हुए समस्त जोनल अधिकारी एवं सफाई निरीक्षक को अपने-अपने क्षेत्र में नालियों की नियमित सफाई कराते रहने एवं नालियों पर हुए अवैध अतिक्रमण को हटवाने हेतु निर्देशित किया जिससे नाला जाम न होने पाए।

संपर्क मार्ग टूट-फूट कर जर्जर, दुश्वारियां झेल रहे लोग,निर्माण के बाद कभी नहीं हुई मरम्मत
सिकरीगंज गोरखपुर।कस्बे में स्थित बैरियर से इमलीडीह खुर्द, इमलीडीह बुजुर्ग गांव से होकर जाने वाला लगभग 300 मीटर लंबा संपर्क मार्ग टूट-फूट कर पूरी तरह से जर्जर और क्षतिग्रस्त हो चुका है। इस संपर्क मार्ग पर पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है। उखड़ी गिट्टियां और बड़े गड्ढे मार्ग की दयनीय दशा खुद बयां करते हैं। स्थानीय लोगों में संजय, कुलदीप, असलम, जावेद, रमेश, मंजूर अली, मुस्तफा आदि ने बताया कि वर्षों पहले सड़क बनी लेकिन कभी इसकी मरम्मत नहीं हुई है।

लोगों ने बताया कि आए दिन सिकरीगंज कस्बे में जाम लगने पर संतकबीरनगर, गोला, उरूवां मार्ग की ओर जाने वाले यात्री अक्सर रूट डाइवर्जन होने पर इसी रोड से जाते हैं। इतना ही नहीं मुहर्रम और दुर्गा पूजा के समय भी जाम की समस्या से बचने के लिए इसी रोड से डाइवर्जन रूट का इस्तेमाल होता है। किंतु लगभग
300 मीटर से अधिक लंबा संपर्क मार्ग पूरी तरह छतिग्रस्त हो चुका है, वर्षों से मार्ग से होकर आने जाने वाले यात्रियों को दुश्वारियों का सामना करना पड़ रहा है।
शिकायतों के बाद भी इस मार्ग की मरम्मत नहीं कराई गई है। बारिश आने वाली है और बची खुची रोड का अस्तित्व भी पानी भरने से खत्म हो जाएगा।
तेज हवाओं के साथ हुई झमाझम बारिश से सुहावना हुआ मौसम
खजनी गोरखपुर।इलाके में बीती रात तेज हवाओं के साथ हुई झमाझम बारिश ने लोगों को बेतहाशा गर्मी से राहत पहुंचाई, वहीं किसानों के चेहरे खुशी से खिल उठे। सूरज की तेज तपिश भीषण गर्मी के कारण 43° से. तक पहुंच चुका पारा, झुलसाती गर्मी से बेहाल हो चुके लोगों को मौसम में आए अचानक इस बदलाव से बड़ी राहत मिली। वहीं मध्यरात्रि के बाद पारा लुढ़ककर 24° से. तक जा पहुंचा जिससे मौसम सुहावना हो गया।

स्थानीय किसानों में घिराऊ,मटेलू, अरविंद चौरसिया, गया प्रजापति, जोखन, राजकुमार आदि ने बताया कि गर्मी की सब्जियों की फसलें तथा धान की नर्सरी सूख रही थी। बारिश से बड़ी राहत मिली है।
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस विशेष: विश्व में क्रिया योग का प्रचार प्रसार करने वाले योगजनक परमहंस योगानंद का जाने इतिहास, कहा हुआ था जन्म
गोरखपुर। 21 जून को पूरे विश्व में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस से बड़े ही हर्सोउल्लास के साथ मनाया जाता है. इस वर्ष भी 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस को लेकर विभिन्न प्रकार की तैयारी की गई. दैनिक जीवन में योग क्रिया को अपनाकर हम अपने आप को निरोग रख सकते हैं।

योग के जनक कहे जाने वाले परमहंस योगानंद बीसवी सदी के एक आध्यात्मिक गुरु, योगी और संत के रूप में जाने जाते थे. उन्होंने अपने अनुयायियों को क्रिया योग उपदेश दिया था और पूरे विश्व में उसका प्रचार प्रसार किया. यूरोपीय देशों में योगानंद परमहंस की पूजा भी की जाती है. उनके हजारों लाखों की संख्या में अनुयायी है. उन्होंने अपने जीवन काल में कई ऐसे कार्य किए जिन्हें इतिहास के पन्नों में संजो कर रखा गया है।

परमहंस योगानंद का जन्म मुकुंद लाल घोष के रूप में 5 जनवरी 1893 में गोरखपुर जिले के कोतवाली थाना क्षेत्र के पास स्थित एक मकान में हुआ था. योगानंद के पिता भगवती चरण घोष बंगाल नागपुर रेलवे में उपाध्यक्ष के समकक्ष पद पर कार्यरत थे. योगानंद अपने माता-पिता की चौथी संतान थे. उनके माता-पिता क्रिया योगी लाहिड़ी महाशय के शिष्य बताए जाते हैं. सन 1920 में उन्होंने अमेरिका के लिए प्रस्थान किया उन्होंने अपने अनुयायियों को क्रिया योग उपदेश दिया तथा पूरे विश्व में उसका प्रचार व प्रसार किया।

योगानंद के अनुसार क्रिया योग ईश्वर से साक्षात्कार की एक प्रभावी विधि है. इसके पालन से अपने जीवन को संवारा और ईश्वर की ओर अग्रसर किया जा सकता है. योगानंद प्रथम भारतीय गुरु माने जाते हैं. जिन्होंने अपने जीवन के कार्य को पश्चिम में किया. उन्होंने सम्पूर्ण अमेरिका में अनेक यात्राएं की. अपना जीवन व्याख्यान देने, लेखन तथा निरंतर विश्व व्यापी कार्य को दिशा देने में लगाया. अमेरिका सहित अन्य यूरोपीय देशों में उन्होंने युद्ध स्तर पर योग का प्रचार प्रसार किया. उनकी उत्कृष्ट आध्यात्मिक कृति योगी कथामृत की लाखों प्रतियां बिकीं. वह सर्वाधिक बिकने वाली आध्यात्मिक आत्मकथा रही है।

डीआर टीबी मरीजों को गोद लेकर मनाया पिता की पुण्यतिथि

गोरखपुर। जन्मदिन और पुण्यतिथि जैसे मौकों पर समाज के प्रभावशाली लोगों के साथ साथ अब स्वास्थ्यकर्मी भी टीबी मरीजों को गोद लेने के लिए आगे आ रहे हैं। इसी कड़ी में टीवी एचआईवी कोआर्डिनेटर राजेश सिंह ने भूमि संरक्षण अधिकारी रहे उनके पिता स्व भगत सिंह की चौथी पुण्यतिथि पर दो ड्रग रेसिस्टेंट (डीआर) टीबी मरीजों को गोद लिया है । यह जानकारी जिला क्षय रोग उन्मूलन अधिकारी डॉ गणेश यादव ने दी। उन्होंने बताया कि जिले में 1175 निक्षय मित्र 3066 टीबी रोगियों को गोद लेकर उनकी मदद कर रहे हैं । जिले में इस समय डीआर टीबी के 313 मरीज और ड्रग सेंसिटिव (डीएस) टीबी के 8209 मरीजों का उपचार चल रहा है।

जिला क्षय उन्मूलन अधिकारी ने बताया कि टीबी मरीज को गोद लेने वाले को निक्षय मित्र कहते हैं। कोई भी व्यक्ति या संस्था स्वेच्छा से निक्षय मित्र बन सकते हैं। निक्षय मित्र का निक्षय 2.0 पोर्टल पर पंजीकरण किया जाता है। मरीज की सहमति से ही उसे गोद लेते हैं। गोद लेने का आशय टीबी मरीज को मानसिक संबल प्रदान करना और पोषण के जरिये सहयोग करने से है। पोषण के लिए प्रत्येक माह टीबी मरीज को स्वेच्छा से चना, गुड़, फल, मूंगफली, सोयाबीन आदि पौष्टिक सामग्री देना होता है। मरीज को अन्य सामाजिक योजनाओं से जोड़ कर उसका लाभ भी दिलवा सकते हैं। हम सभी को मिल कर ऐसा वातावरण तैयार करना चाहिए कि इलाज के दौरान मरीज को महसूस हो कि वह अकेला नहीं है और समाज उसके साथ खड़ा है। इससे मरीजों को जल्दी ठीक होने में मदद मिलती है।

डीआर टीबी मरीजों को गोद लेकर निक्षय मित्र बने स्वास्थ्यकर्मी राजेश ने बताया कि विभाग के अन्य स्वास्थ्यकर्मियों द्वारा मरीजों को गोद लेकर उनकी मदद करने के प्रयासों को देख वह भी ऐसा करने के लिए प्रेरित हुए। उनके पास डीआर टीबी मरीज भी दवा लेने के लिए आते हैं, जिनमें कई काफी कमजोर आर्थिक पृष्ठभूमि के होते हैं। उन्होंने जिन दो मरीजों को गोद लिया है उनमें से एक हाईस्कूल की छात्रा हैं, जिसकी पढ़ाई टीबी होने के कारण बाधित हो गयी थी। दूसरा मरीज ठेला चलाता है और आर्थिक तौर से काफी कमजोर है। उन्होंने तय किया है कि दोनों मरीजों को यथासंभव हर माह पोषण पोटली देंगे और साथ ही उनका हालचाल लेकर मनोबल बढ़ाते रहेंगे।

इस अवसर पर उप जिला क्षय रोग उन्मूलन अधिकारी डॉ विराट स्वरूप श्रीवास्तव, जिला समन्वयक धर्मवीर प्रताप सिंह और पीपीएम समन्वयक अभय नारायण मिश्र भी मौजूद रहे।

मदद का मिला है भरोसा

दसवीं की छात्रा 15 वर्षीय कल्पना (बदला हुआ नाम) ने बताया कि खांसी और बुखार ठीक न होने पर उनके परिवार के लोगों ने चिकित्सक की सलाह पर उनकी जांच करवाई, जिसमें टीबी की पुष्टि हुई । पिछले साल 11 सितम्बर को दवा शुरू हुई। दवा खाने के बाद कुछ दिनों तक उल्टी की दिक्कत होने लगी और टीबी के कारण वह काफी कमजोर भी हो गई थीं, इसलिए पढ़ाई बंद कर दिया था। दवा के बाद हालत में थोड़ा सुधार हुआ तो स्कूल जाने लगीं। उन्हें जिला क्षय रोग केंद्र बुला कर मंगलवार को पोषण पोटली दी गयी है और कहा गया है कि दवा बंद नहीं होनी चाहिए। अगर कोई परेशानी हो तो जिला क्षय रोग केंद्र पर सम्पर्क करने के लिए बताया गया है।

संगठन की सक्रियता बढ़ाने के लिए ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन की बैठक

खजनी गोरखपुर। ग्रमीण पत्रकार एसोशिएसन खजनी कार्यालय पर आज तहसील अध्यक्ष रामअशीष त्रिपाठी के अध्यक्षता में खबरों के संकलन, संगठन की मजबूती तथा सक्रियता बढ़ाने को लेकर व्यापक चर्चा की गई। अध्यक्ष ने सलाह देते हुए कहा कि ग्रापए के सभी पत्रकार बंधुओं को आपसी सद्भाव के साथ आम जनता की समस्याओं और जनहित के मुद्दों को प्रमुखता से उजागर करना चाहिए।

उपाध्यक्ष गजेंद्र तिवारी ने कहा कि क्षेत्र में समाचार संकलन के दौरान सभी पत्रकारों को एक दूसरे का सहयोग करना चाहिए। इस दौरान बैठक में उपस्थित पत्रकारों ने महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा करते हुए संगठन और पत्रकार हित के मुद्दों पर विस्तार सहित चर्चा की।

बैठक में मुख्य रूप से संगठन अध्यक्ष रामअशीष त्रिपाठी, उपाध्यक्ष गजेंद्र राम त्रिपाठी, महामंत्री शत्रुघ्न मणि त्रिपाठी लेकर, मंत्री अर्धचंद्रधारी त्रिपाठी, वरिष्ठ संरक्षक राजाराम यादव, देवेन्द्र इत्यादि लोग उपस्थित रहे।

नवागत थानाध्यक्ष का अद्भुत स्वागत,थाने में भिड़े दो पक्ष

खजनी गोरखपुर।थाने में दो पक्षों के बीच भूमि विवाद के मामले में फरियाद लेकर पहुंचे दो पक्ष थाना परिसर में ही आपस में भिड़ गए, अपशब्दों और धमकियों के बाद नौबत हाथापाई तक जा पहुंची।

इस दौरान मौके पर मौजूद पुलिसकर्मी तमाशबीन बने रहे। बताया गया कि थाने में मौजूद लोग बीते वर्ष शांति भंग के आरोपितों की जमानत निरस्त करने की मांग को लेकर तहसील मुख्यालय में भी तोड़ फोड़ और हंगामा कर चुके हैं।

बताते चलें कि इस दौरान नवागत थानाध्यक्ष अवकाश पर रहे तथा प्रभारी थानाध्यक्ष सोनेंद्र सिंह ने बताया कि उस समय क्षेत्र में थे, ऐसी किसी घटना की हमें जानकारी नहीं है।

जीत के बाद रविकिशन ने गोरखपुर के लोगों को दिया पहला तोहफा, निःशुल्‍क मिलेगी ‘हॉस्पिटल ऑन व्‍हील्‍स’ की सुविधा

गोरखपुरः यूपी के गोरखपुर में दूसरी बार जीतकर सांसद बनने के बाद रविकिशन ने गोरखपुर के लोगों को पहला तोहफा ‘हॉस्पिटल ऑन व्‍हील्‍स’ के रूप में दिया. ये एक-एक करोड़ रुपए की लागत से तैयार एक चलता फिरता अस्‍पताल है. इसमें चिकित्‍सक, मेडिकल स्‍टाफ के साथ पूरी टीम मौजूद रहेगी. आपात स्थिति में गंभीर मरीजों को चिकित्‍सीय सुविधा के लिए अस्‍पताल पहुंचाने के लिए ये चलता-फिरता अस्‍पताल है. इसमें 10 तरह की जांच और दवाइयां भी निःशुल्‍क हो रहेगी.

गोरखपुर के सांसद रविकिशन ने बताया कि वो गोरखपुर के लोगों को दूसरी बार चुनाव में आशीर्वाद मिलने के बाद पहला तोहफा देने जा रहे हैं. स्‍माइल फाउंडेशन की ओर से 1-1 करोड़ रुपए की लागत से तैयार ‘हॉस्पिटल ऑन व्‍हील्‍स’ का शुभारंभ कर झंडी दिखाकर रवाना किया . उन्‍होंने बताया कि हॉस्पिटल ऑन व्हील्स को चलाने में प्रति माह चार लाख रुपए का खर्च आएगा. लेकिन ये लोगों के लिए पूरी तरह से निःशुल्‍क रहेगी. इसे सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों, कैम्पियरगंज, पिपराइच, ग्रामीण विधानसभा सहित गोरखपुर सदर लोकसभा के पांच विधानसभाओं के लोग इसका भरपूर लाभ उठा सकेंगे.

सांसद रविकिशन ने बताया कि स्माइल फाउंडेशन की MSD समर्थित 'हॉस्पिटल ऑन व्हील्स' मोबाइल चिकित्सा परियोजना के सौजन्य से यह सुविधा जनपद वासियों को मिल रही है. मुझे गोरखपुर की जनता ने दोबारा चुनकर अपने बीच में सेवा का अवसर दिया है. इसमें 10 जांच की भी सुविधा है. मोबाइल वैन में एक MBBS डॉक्टर, एक ANM, एक हेल्थ ऑफिसर रहेंगे. रोज लगभग 50 से ज्यादा मरीजों की जांच हो सकेगी. इसमें आपरेशन और डाइलिसिस की सुविधा के अलावा सभी सुविधाएं हैं.

इस कार्यक्रम में गोरखपुर के सांसद रविकिशन, MSD फार्मा के फाइनेंस डायरेक्टर चांद बेरी, स्माइल फाउंडेशन के executive डायरेक्टर पुनीत बाली आदि भी उपस्थित रहें.