रजनीकांत से लेकर शाहरुख तक, मोदी सरकार के शपथ ग्रहण के साक्षी बने ये सितारे

डेस्क: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार (9 जून) को लगातार तीसरे कार्यकाल के लिए शपथ  लिया। राष्ट्रपति भवन में होने वाला यह कार्यक्रम हाल के राष्ट्रीय चुनावों में शानदार जीत के बाद नरेंद्र मोदी के तीसरे कार्यकाल का प्रतीक है। इस शपथ ग्रहण समारोह का साक्षी बनने के लिए रजनीकांत और कंगना रणौत समेत कई सितारे दिल्ली पहुंच चुके हैं। आइए एक नजर डालते हैं कि दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में कौन-कौन सा सितारा शामिल हुआ है-


मनोनीत पीएम नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए अभिनेता रजनीकांत भी दिल्ली पहुंच गए हैं। मीडिया से मुखातिब होते हुए थलाइवा ने कहा कि ये बहुत बड़ी उपलब्धि है और उनकी शुभकामनाएं पीएम मोदी के साथ हैं।


नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए बॉलीवुड अभिनेता अनिल कपूर भी दिल्ली पहुंच गए हैं। एएनआई से बात करते हुए अनिल कपूर ने कहा कि वह बस यही चाहते हैं कि देश समृद्ध हो।


अभिनेत्री रवीना टंडन भी इस ऐतिहासिक क्षण की साक्षी बनने राष्ट्रपति भवन पहुंच चुकी हैं। रवीना, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को तीसरी बार शपथ ग्रहण करते हुए देखने के लिए उत्सुक हैं।

बॉलीवुड के बादशाह शाहरुख खान भी पीएम मोदी के शपथ ग्रहण समारोह का हिस्सा बनने दिल्ली के राष्ट्रपति भवन पहुंचे हैं। गाढ़े नीले रंग के सूट-बूट में सुपरस्टार का अंदाज देखते ही बन रहा है।

नरेंद्र मोदी तीसरी बार भारत के प्रधान मंत्री के रूप में शपथ ले रहे हैं। इस कार्यक्रम की शोभा बढ़ाने कंगना रणौत भी पहुंची हैं। अभिनेत्री-राजनेता और भाजपा उम्मीदवार कंगना रणौत ने मंडी लोकसभा सीट पर अपने कांग्रेस प्रतिद्वंद्वी विक्रमादित्य सिंह के खिलाफ 74,755 वोटों के अंतर से जीत हासिल की।
मोदी कैबिनेट में बिहार से जदयू, बीजेपी, हम और लोजपा (आर) के इन सांसदों ने कैबिनेट मंत्री पद की ली शपथ

डेस्क : नरेंद्र मोदी ने आज लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ले लिए हैं। राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें पीएम पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। पीएम मोदी के बाद राजनाथ सिंह अमित शाह, नीतीन गडकरी, जेपी नड्डा और शिवराज सिंह चौहान ने मंत्री पद की शपथ ली है।

बता दें देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरु के बाद लगातार तीसरी बार पीएम पद की शपथ लेने वाले पहले पीएम बने गये है। 

वहीं इसबार बिहार से मोदी कैबिनेट में जदयू, हम, बीजेपी, और लोजपा के सांसदों को मंत्री पद दिया गया है। 

बिहार से सबसे पहले हम सुप्रीमो जीतन राम मांझी ने मंत्री पद की शपथ ली। उसके बाद जदयू के राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन, फिर बीजेपी के गिरिराज और फिर लोजपा सुप्रीमो चिराग पासवान ने मंत्री पद की शपथ ली। इन सभी कैबिनेट मंत्री के तौर पर शपथ दिलाया गया है। 

गौरतलब है कि मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में सात राष्ट्राध्यक्षों श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे, मालदीव के राष्ट्रपति डॉ. मोहम्मद मुइज्जू, सेशेल्स के उपराष्ट्रपति अहमद अफीक, बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना, मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद जगन्नाथ, नेपाल के पीएम पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ एवं भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग टोबगे को विशिष्ट अतिथि के तौर पर मौजूद है।

मोदी 3.0 का आगाज, 71 मंत्रियों ने ली शपथ, 27 ओबीसी और 10 एससी वर्ग से

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नरेंद्र मोदी ने लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ले ली है. मोदी के साथ-साथ 71 सांसदों ने भी मंत्री पद की शपथ ली। इन 71 मंत्रियों में से 30 से कैबिनेट मंत्री, 5 स्वतंत्र प्रभार वाले और 36 ने राज्य मंत्री के रूप में शपथ ली है। इनमें 27 ओबीसी से हैं जबकि 10 एससी वर्ग से आते हैं। इसके साथ-साथ मोदी कैबिनेट में 18 सीनियर नेताओं को भी जगह दी गई है। दो पूर्व सीएम को भी मोदी सरकार में शामिल किया गया है। इसके साथ-साथ एनडीए सहयोगी दलों के कई सीनियर नेताओं को भी मंत्री बनाया गया है।

भाजपा ने जातिगत समीकरण को ध्‍यान में रखते हुए कैबिनेट का बंटवारा किया है। यहां जानें कौन से मंत्री किस वर्ग से हैः-

सवर्ण- अमित शाह, एस जयशंकर, मनसुख मांडविया, राजनाथ सिंह, जितिन प्रसाद, जयंत चौधरी, धर्मेन्‍द्र प्रधान, रवणीत बिट्टू, नितिन गड़करी, पीयूष गोयल, मनोहर लाल खट्टर, जितेंद्र सिंह, गजेंद सिंह शेखावत, संजय सेठ, राम मोहन नायडू, सुकांत मजूमदार, प्रह्लाद जोशी, जे पी नड्डा, गिरिराज सिंह, ललन सिंह, सतीश चंद्र दुबे शामिल

ओबीसी- सीआर पाटिल, पंकज चौधरी, अनुप्रिया पटेल, बीएल वर्मा, रक्षा खड़से, प्रताप राव जाधव, शिवराज सिंह चौहान, ज्योतिरादित्य सिंधिया, राव इंद्रजीत सिंह, कृष्णपाल गुर्जर, भूपेंद्र यादव, भगीरथ चौधरी, अन्नपूर्णा देवी, शोभा करंदलाजे, एचडी कुमारस्वामी, नित्यानन्द राय शामिल हैं।

दलित- एस पी बघेल, कमलेश पासवान, अजय टम्टा, रामदास आठवले, वीरेंद्र कुमार, सावित्री ठाकुर, अर्जुन राम मेघवाल, चिराग़ पासवान, जीतन राम मांझी, रामनाथ ठाकुर शामिल हैं।

मोदी तीसरी बार बने पीएम, शाह और शिवराज समेत अन्य ने ली मंत्री पद की शपथ

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नरेंद्र मोदी ने लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। राष्‍ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्‍हें पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। उनके बाद राजनाथ सिंह और अमित शाह ने शपथ ली। अमित शाह के बाद नितिन गडकरी और जेपी नड्डा को राष्‍ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शपथ द‍िलाई।

मोदी 2.0 में वित्‍त मंत्री का पद संभालने वालीं निर्मला सीतारमण ने फिर से केंद्रीय मंत्री के तौर पर पद एवं गोपनीयता की शपथ ली। उनके बाद एस. जयशंकर ने शपथ ली। उनसे पहले शिवराज सिंह चौहान ने शपथ ली थी।

मध्‍य प्रदेश में बीजेपी का झंडा बुलंद करने वाले पूर्व मुख्‍यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पहली बार बतौर केंद्रीय मंत्री पद एवं गोपनीयता की शपथ ली। शिवराज के बाद एक और पूर्व मुख्‍यमंत्री ने केंद्र में मंत्री के तौर पर शपथ ली है। हरियाणा के पूर्व मुख्‍यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने पद एवं गोपनीयता की शपथ ली।

शिवराज और मनोहर लाल खट्टर के बाद कर्नाटक के पूर्व मुख्‍यमंत्री एचडी कुमारास्‍वामी ने भी पद एवं गोपनीयता की शपथ ली। कुमारस्वामी 2 बार सीएम रह चुके हैं। इस बार वह कर्नाटक की मांड्या सीट जीतकर सांसद बने हैं। कुमारस्वामी की वोक्कालिगा वोट बैंक पर पकड़ मजबूत मानी जाती है। 

उनके बाद पीयूष गोयल ने भी शपथ ली।पीयूष गोयल की आर्थिक मामलों पर अच्छी पकड़ मानी जाती है, पिछली सरकार में यह वाणिज्य और उद्योगमंत्री रह चुके हैं। इस बार पीयूष गोयल ने मुंबई नॉर्थ से चुनाव लड़ा और जीता था।

मोदी 2.0 में कैबिनेट मंत्री रहे धर्मेंद्र प्रधान ने एक बार फिर से मंत्री पद की शपथ ली।प‍िछली मोदी कैब‍िनेट में धर्मेंद्र प्रधान ने श‍िक्षा कौशल और व‍िकास मंत्री का दाय‍ित्‍व संभाला था।

हिन्‍दुस्‍तानी आवाम मोर्चा और बिहार के पूर्व मुख्‍यमंत्री जीतनराम मांझी और जेडीयू के वरिष्‍ठ नेता ललन सिंह ने बतौर केंद्रीय मंत्री पद की शपथ ली।

बाजरे की खिचड़ी, रायता, घेवर समेत कई व्यंजन, जेपी नड्डा के आवास पर NDA सांसदों की डिनर पार्टी



डेस्क: नरेंद्र मोदी तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं। 9 जून को नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे। उनके साथ ही एनडीए घटक दलों के कई सांसद भी शपथ लेने वाले हैं। इससे पहले शनिवार की रात भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के घर एनडीए के घटक दलों की बैठक थी। इस बीच आज शपथ ग्रहण समारोह के बाद जेपी नड्डा के घर एक बार फिर एनडीए घटक दलों के नेता पहुंचेंगे।

दरअसल जेपी नड्डा के घर डिनर का आयोजन किया गया है। बता दें कि इस कार्यक्रम में एनडीए के सभी सांसद पहुंचेंगे। शपथ ग्रहण समारोह के बाद जेपी नड्डा के आवास पर इसकी व्यवस्था की गई है।

जेपी नड्डा के घर एनडीए सांसदों की दावत, मेन्यू है जबरदस्त

जेपी नड्डा के घर आयोजित की गई डिनर पार्टी के मेन्यू पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं। दरअसल डिनर के मेन्यू में जूस, शेक, स्टफ्ड लिची, मटका कुल्फी, आम, रायता समेत अन्य कई व्यंजन हैं। बता दें कि डिनर के मेन्यू में जोधपुरी सब्जी, दाल, दम बिरयानी और पांच प्रकार की रोटियां शामिल हैं। साथ ही पंजाबी खानों के काउंटर की भी व्यवस्था की गई है। डिनर पार्टी में सांसदों को बाजरे की खिचड़ी, और पांच प्रकार के जूस और शेक तथा 3 प्रकार के रायते भी दिए जाएंगे।

खाने-पाने के शौकीनों के कई रंग की मिठाईयां

इसके अलावा मीठा खाने को शौकीन लोगों केलिए 8 प्रकार की मीठे की व्यवस्था की गई है। इसमें रसमलाई और 4 प्रकार के घेवर शामिल हैं। साथ ही चाय और कॉफी की भी व्यवस्था की गई है। बता दें कि आज शाम राष्ट्रपति भवन में प्रधानमंत्री पद की नरेंद्र मोदी शपथ लेंगे। उनके साथ ही अन्य कई सांसद भी शपथ लेने वाले हैं। इसके बाद सभी डिनर पार्टी के लिए जेपी नड्डा के घर पहुंचेंगे। बता दें कि इससे पहले प्रधानमंत्री के आवास पर नए संसद सदस्यों के लिए चाय की व्यवस्था की गई थी। साथ ही प्रधानमंत्री ने नए सांसदों संग मीटिंग भी की।
नवीन के उत्तराधिकारी माने जा रहे वीके पांडियन का सक्रिय राजनीति से संन्यास, जानें बीजेपी के हार पर क्या कहा

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ओड‍िशा के पूर्व मुख्‍यमंत्री नवीन पटनायक के करीबी और बीजेडी नेता वीके पांडियन ने सक्रिय राजनीति से संन्यास लेने की घोषणा कर दी है।वीके पांडियन ने एक वीडियो संदेश में कहा कि राजनीति छोड़ने का ऐलान किया है।ओडिशा में इस बार के विधानसभा चुनाव में राज्य की सत्ताधारी पार्टी बीजेडी को करारी हार का सामना करना पड़ा है। चुनाव के वक्त वीके पांडियन राजनीति के केंद्र में भी रहे थे। ऐसे में बीजेडी की हार के लिए वीके पांडियन को जिम्मेदार ठहराया जा रहा था।

वीके पांडियन ने एक वीडियो संदेश में कहा कि राजनीति में आने का उनका मकसद केवल पटनायक की सहायता करना था। हालांकि, अब वे सक्रिय राजनीति से अलग हो रहे हैं। पांडियन ने कहा कि अगर उन्होंने अपनी राजनीतिक यात्रा के दौरान किसी को ठेस पहुंचाई हो तो मुझे खेद है। उन्होंने कहा कि अगर उनके खिलाफ चले अभियान के कारण बीजू जनता दल को हार का सामना करना पड़ा है तो उन्हें खेद है। पांडियन ने कहा कि वे पार्टी कार्यकर्ताओं समेत पूरे बीजद परिवार से माफी मांगते हैं।

वीके पांडियन ने अपने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो शेयर कर कहा, मेरा बचपन से IAS बनने का सपना था और वो सच भी हुआ। आज से 12 साल पहले में नवीन पटनायक से जुड़ा और उनसे बहुत कुछ सीखा, उन्होंने अपने विजन को आगे बढ़ाने के लिए मेरे ऊपर भरोसा किया था। पांडियन ने ये भी कहा कि मैंने राज्य की जनता के लिए बहुत मेहनत से काम किया है।

बता दें कि विधानसभा चुनाव 2024 में करारी हार का स्वाद चखने के साथ-साथ बीजू जनता दल इस बार के लोकसभा चुनाव में एक भी लोकसभा सीट नहीं जीत सकी। कमजोर होते जनाधार के बीच बीजद के कई बड़े नेता अपने किले बचाने में भी कामयाब नहीं रहे। भाजपा ने 78 सीटें जीतकर बीजद की ढाई दशक पुरानी सरकार को उखाड़ फेंका। पटनायक के नेतृत्व वाली पार्टी को केवल 51 विधानसभा सीटें मिलीं। कांग्रेस को 14, जबकि वाम दल- सीपीआईएम को एक सीट मिली। तीन निर्दलीय उम्मीदवार भी जीतने में सफल रहे।

अधिकांश मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, वीके पांडियन को ओडिशा विधानसभा और लोकसभा चुनावों में बीजेडी की हार का मुख्य कारण माना जा रहा है। प्रेक्षकों की मानें तो उनकी हार का सबसे बड़ा कारण था आईएएस की नौकरी छोड़कर राजनीति में प्रवेश करने वाले उनके पूर्व निजी सचिव वीके पांडियन को पार्टी की कमान पूरी तरह थमा देना। पांडियन जो पिछले अक्टूबर तक उनके निजी सचिव थे, वो नौकरी से इस्तीफ़ा देकर बीजेडी में शामिल हो गए थे। चुनाव के दौरान उन्होंने न केवल प्रत्याशियों का चयन किया, बल्कि पार्टी की ओर से प्रचार का पूरा ज़िम्मा अपने हाथों में लिया।

हालांकि, ओडिशा में भाजपा के हाथों मिली करारी हार के बाद पांडियन की आलोचना को पूर्व सीएम पटनायक ने 'दुर्भाग्यपूर्ण' करार दिया था। उन्होंने कहा था कि पांडियन ने बीजद में शामिल होने के बाद 'शानदार काम' किया।

PM मोदी की 'मिसाइल' हैं जयशंकर, यूं ही फिर नहीं बनाया गया मंत्री, देश की विदेश नीति और विदेश मंत्री एस जयशंकर की काफी चर्चा है

एस जयशंकर ने एक राजनयिक से विदेश मंत्री तक का लंबा और शानदार सफर तय किया है. पिछली मोदी सरकार में देश की विदेश नीति जबरदस्‍त चर्चा रही थी. इसका पूरा श्रेय विदेश मंत्री एस जयशंकर को दिया गया. यूक्रेन से भारतीय छात्रों को वापस लाने से लेकर इजरायल और हमास युद्ध के दौरान भारत के रुख और रूस से तेल खरीदने से लेकर विदेश में भारत का पक्ष मजबूती से रखने तक जयशंकर ने खुद को साबित किया है. कई मौकों पर एस जयशंकर ने दुनिया में भारत की साख बढ़ाने का काम किया है और कई मौकों पर देश के लिए संकटमोचक की भूमिका भी निभाई है. 

एस जयशंकर का जन्‍म 9 जनवरी 1955 को दिल्‍ली में हुआ. उनके पिता के सुब्रमण्‍यम सिविल सेवा में थे और मां शिक्षक थीं. उन्‍होंने दिल्‍ली के स्‍टीफेंस कॉलेज से रसायन विज्ञान में ग्रेजुएशन के बाद उन्‍होंने जवाहरलाल नेहरू विश्‍वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में एमए किया और फिर अंतराष्‍ट्रीय संबंधों में एमफिल और पीएचडी की. 

जयशंकर 1977 में भारतीय विदेश सेवा में शामिल हुए और पहली पोस्टिंग मॉस्‍को में मिली. विदेश सेवा में रहते जयशंकर अमेरिका और चीन जैसे महत्‍वपूर्ण देशों में भारत के राजदूत रहे. भारत और अमेरिका के बीच बेहद महत्‍वपूर्ण असैन्‍य परमाणु समझौते के दौरान उन्‍होंने बड़ी भूमिका निभाई थी. 

सेवानिवृत्ति के बाद जयशंकर ने टाटा संस के ग्‍लोबल कॉर्पोरेट अफेयर्स के अध्‍यक्ष के रूप में काम शुरू किया. हालांकि 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद पीएम मोदी ने उन्‍हें बुलाया और देश के विदेश मंत्री की जिम्‍मेदारी सौंपी. 

ऐसी हुई थी पीएम मोदी से पहली मुलाकात 

नरेंद्र मोदी 2011 में जब गुजरात के मुख्‍यमंत्री थे, उस वक्‍त उन्‍होंने चीन का दौरा किया था. पहली बार जयशंकर और मोदी की मुलाकात वहीं हुई थी. उस वक्‍त जयशंकर चीन में भारत के राजदूत थे. 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी अमेरिका गए थे. उस वक्‍त अमेरिका में जयशंकर भारत के राजदूत थे और मैडिसन स्‍क्‍वायर पर आयोजित कार्यक्रम के शानदार आयोजन के पीछे भी उन्‍हें ही माना जाता है. 

देश के दूसरे राजनयिक जो बने विदेश मंत्री

आम लोगों में भी जयशंकर काफी लोकप्रिय हैं. ऐसे में पीएम मोदी का तीसरी बार उन पर विश्‍वास जताना तय है. जयशंकर राज्‍यसभा सांसद हैं. जनवरी 2015 से जनवरी 2018 के बीच जयशंकर देश के विदेश सचिव के रूप में सेवाएं भी दे चुके हैं. नटवर‍ सिंह के बाद जयशंकर ऐसे दूसरे राजनयिक हैं, जिन्‍होंने भारत के विदेश मंत्री के रूप में शपथ ग्रहण की. 

भारत और यूक्रेन युद्ध के दौरान रूस से सस्‍ता क्रूड ऑयल खरीदने के फैसले को लेकर काफी दबाव था, जिसका जयशंकर ने बेहद बेबाकी से जवाब दिया था. वहीं जी-20 के दौरान साझा घोषणा पत्र पर सहमति बनाना भी उनकी बड़ी जीत थी. 

जयशंकर का सफर 

1977 : भारतीय विदेश सेवा में शामिल हुए. 

1979 - 1981 : सोवियत संघ में भारतीय मिशन में तीसरे और दूसरे सचिव के रूप में कार्य

1985 : अमेरिका के वाशिंगटन में भारतीय दूतावास के प्रथम सचिव के रूप में नियुक्त

1988 - 1990 : श्रीलंका में भारतीय शांति सेना के प्रथम सचिव और राजनीतिक सलाहकार के रूप में कार्य

1990 - 1993 : बुडापेस्ट में भारतीय मिशन में काउंसलर 

1991 : विदेश मंत्रालय में निदेशक (पूर्वी यूरोप). राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा के लिए प्रेस सचिव के रूप में कार्य

1996 - 2000 : टोक्यो में भारतीय दूतावास में मिशन के उप प्रमुख

2001 - 2004 : चेक गणराज्य में भारत के राजदूत 

2004 - 2007 : नई दिल्ली में विदेश मंत्रालय में संयुक्त सचिव (अमेरिका) 

2007 - 2009 : सिंगापुर में भारत के उच्चायुक्त के रूप में कार्य

2009 - 2012 : चीन में भारत के सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले राजदूत बने 

2013 - 2015 : अमेरिका में भारत के राजदूत के रूप में नियुक्त 

2015 - 2018 : भारत के विदेश सचिव के रूप में नियुक्ति 

2019 : विदेश मंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी सरकार में शामिल

लगातार तीसरी बार पीएम पद की शपथ लिए नरेन्द्र मोदी, प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरु के बाद ऐसा करने वाले बने पहले पीएम

डेस्क : नरेंद्र मोदी ने आज लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ले लिए हैं। राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें पीएम पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। पीएम मोदी के बाद राजनाथ सिंह अमित शाह, नीतीन गडकरी, जेपी नड्डा और शिवराज सिंह चौहान ने मंत्री पद की शपथ ली है।

बता दें देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरु के बाद लगातार तीसरी बार पीएम पद की शपथ लेने वाले पहले पीएम बने गये है। 

मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में सात राष्ट्राध्यक्षों श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे, मालदीव के राष्ट्रपति डॉ. मोहम्मद मुइज्जू, सेशेल्स के उपराष्ट्रपति अहमद अफीक, बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना, मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद जगन्नाथ, नेपाल के पीएम पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ एवं भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग टोबगे को विशिष्ट अतिथि के तौर पर मौजूद है।

मैं शपथ लेता हूं...लगातार तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री बने नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति मुर्मू ने दिलाई शपथ

राष्ट्रपति भवन में मोदी 3.0 का शपथ ग्रहण समारोह शुरू हो गया है। राष्ट्रपति भवन में सजे मंच पर सबसे पहले नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। नरेंद्र मोदी ने आज लगातार तीसरी बार पीएम पद की शपथ ली है। पीएम नरेंद्र मोदी लगातार तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री बन गए हैं। राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु ने मोदी को पीएम पद की शपथ दिलाई। 

मोदी 3.0 का शपथ ग्रहण समारोह शुरू हो चुका है। राष्ट्रपति भवन में सजे मंच पर सबसे पहले नरेंद्र मोदी ने पीएम पद की शपथ ली। इसके बाद राजनाथ सिंह फिर अमित शाह को राष्ट्रपति ने शपथ दिलाई गई। नई सरकार में 71 मंत्री बनाए जा रहे हैं, जो बारी-बारी शपथ ले रहे हैं।

अनुराग ठाकुर को मोदी 3.0 कैबिनेट में नहीं मिली जगह, सामने आयी पहली प्रतिक्रिया, बोले, मैं पहले पार्टी का कार्यकर्ता...

अनुराग ठाकुर को मोदी 3.0 कैबिनेट में नहीं मिली जगह, सामने आयी पहली प्रतिक्रिया

नरेंद्र मोदी लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेकर आज इतिहास रच दी है। वहीं हमीरपुर से लगातार पांचवीं बार जीतकर आए अनुराग ठाकुर ने कहा कि शुभकामनाएं देता हूं और आशा करता हूं कि मोदी जी के नेतृत्व में उनके तीसरे कार्यकाल में शानदार तरीके से देश का विकास होगा और यह जो हम कहते थे 'स्केल एंड स्पीड' वह देखने को मिलेगा.

अनुराग ठाकुर ने कहा कि मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में मुझे पूर्ण विश्वास है कि देश नई ऊंचाइयों पर जाएगा और तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था भी बनेगा. विकसित भारत का जो हमारा रोड मैप है. उस पर हम तेजी से आगे बढ़ेंगे. काफी लोग मोदी जी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए आए हैं.

मंत्रीमंडल के सवाल पर अनुराग ठाकुर ने कहा कि पहले हम पार्टी के कार्यकर्ता पहले हैं. हमीरपुर संसदीय क्षेत्र की जनता ने मुझे पांचवी बार सांसद बना है और पांचवी बार सांसद बनना एक संसदीय क्षेत्र से अपने आप में बड़े सम्मान की बात है. बीजेपी ने मुझे पांच बार चुनाव लड़ने का अवसर दिया. कार्यकर्ता के रूप में पहले भी काम किया है और आगे भी करेंगे.

हिमाचल प्रदेश की हमीरपुर लोकसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार और केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर को जीत मिली है. वह यहां से लगातार पांचवीं बार जीते हैं. अनुराग ठाकुर ने कांग्रेस उम्मीदवार सतपाल रायजादा को डेढ़ लाख से ज्यादा वोटों से शिकस्त दी है.