झारखंड में चुनाव परिणाम चौकाने वाले रहे,निशिकांत दुबे अपनी सीट बचाने में रहे कामयाब
झारखंड राज्य में लोकसभा परिणाम के बाद जीत-हार के समीकरण को लेकर चर्चा शुरु हो गई है गोड्डा सीट पर भाजपा प्रत्याशी निशिकांत दुबे की जीत सबसे चौंकाने वाली रही।
वोटिंग से एक दिन पहले तक स्थानीय स्तर पर मतदाताओं की उनसे नाराजगी की बात कही जा रही थी, लेकिन देवघर में एम्स से लेकर एयरपोर्ट और गोड्डा में ट्रेन लाने तक के काम ने उनकी नैया पार कर दी।
निशिकांत दुबे को कितने मिले दिए
गोड्डा सीट पर भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार निशिकांत दुबे को 693140 वोट मिले। उन्होंने 101813 के बड़े अंतर से अपने प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार प्रदीप यादव को हराया है। प्रदीप को कुल 591327 वोट प्राप्त हुए। इस सीट पर करीब 4361 वोट नोट में पड़े।
अर्जुन मुंडा बड़े अंतर से हारे
इधर, खूंटी से पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा एक लाख वोटों के अंतर से चुनाव हार गए।
आदिवासी बहुल इस सीट पर गृहमंत्री अमित शाह से लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह तक का प्रचार उनके काम नहीं आया।
आदिवासी वोटों की नाराजगी और कुड़मी मतदाताओं की बेरुखी उन्हें भारी पड़ी। दुमका में शिबू सोरेन की बड़ी बहू सीता सोरेन इस बार भाजपा के टिकट पर मैदान में थीं, लेकिन उन्हें हार मिली। चाईबासा से पार्टी बदलकर भाजपा से लड़ रहीं गीता कोड़ा को भी आदिवासी मतदाताओं का भरोसा नहीं मिला।
लेकिन, अन्नपूर्णा देवी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर अपनी सीट बचा ले गईं। पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद आदिवासी मतदाताओं की नाराजगी की जो बात कही जा रही थी, भाजपा उसे पाटने में असफल रही।
लोहरदगा, दुमका और खूंटी की सीट भाजपा ने गंवाई
2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने लोहरदगा, खूंटी और दुमका की सीट जीती थी। इस बार भाजपा यह तीनों सीट हार गई। राजमहल की सीट पर झामुमो के बागी विधायक लोबिन हेम्ब्रम के चुनाव लड़ने से भाजपा को उम्मीद बंधी थी।
लेकिन, भाजपा के ताला मरांडी वहां जीत की चाबी नहीं तलाश सके। रांची में संजय सेठ दोबारा अपनी सीट बचाने में सफल रहे। शहरी क्षेत्र होने की वजह से उन्हें मध्यवर्गीय मतदाताओं का समर्थन मिला। शहरी मतदाताओं ने धनबाद में ढुलू महतो और जमशेदपुर में विद्युत वरण महतो की जीत में बड़ी भूमिका निभाई।
Jun 05 2024, 12:58