राष्ट्रवाद, जातिवाद व धार्मिक ध्रुवीकरण पर ‌टिकी दलों की निगाहें


बलरामपुर। श्रावस्ती लोकसभा क्षेत्र में मतदान 25 मई को होना है सभी प्रमुख राजनीतिक दलों के प्रत्याशी चुनाव में जीत लगाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं भाजपा राष्ट्रवाद सपा जातिवाद तो बसपा प्रत्याशी की निगाहें धार्मिक ध्रुवीकरण पर टिकी हुई है। भारतीय जनता पार्टी ने संसदीय क्षेत्र श्रावस्ती में स्टार प्रचारकों की फौज लगा रखी है सपा प्रत्याशी के लिए समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी भी चुनाव प्रचार में पिछड़ों दलितों और मुसलमान को एकजुट करने के लिए दिन-रात प्रयास कर रहे है। इन दोनों प्रत्याशियों के बीच बसपा प्रत्याशी पार्टी के परंपरागत वोटो के साथ-साथ मुस्लिम मतों को भी अपने पाले में करने का जीतोड़ प्रयास कर रहा है श्रावस्ती लोकसभा क्षेत्र में कुल मतदाता 1972930 है लोकसभा सीट श्रावस्ती से भाजपा ने साकेत मिश्र को अपना उम्मीदवार बनाया है साकेत मिश्र वर्तमान में एमएलसी है। उनके पिता नृपेंद्र मिश्र जो राम जन्म भूमि मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष हैं ।
वही इंडिया गठबंधन से समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी रामशिरोमणि वर्मा पिछले 5 साल से इसी सीट पर बसपा की टिकट पर सांसद रहे हैं वह हाथी से उतरकर साइकिल पर सवार हो चुके हैं सपा प्रमुख अखिलेश यादव जिलों में दो चुनावी जनसभा कर चुके हैं पार्टी के गोंडा बलरामपुर श्रावस्ती तथा बहराइच के वर्तमान और पूर्व विधायकों सहित तमाम पदाधिकारी दिन-रात गांव गांव नुक्कड़ सभा व चुनावी जनसभाएं कर रहे हैं। भाजपा ने इस सीट पर स्टार प्रचारकों की फौज लगा रखी है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव भी यहां पर चुनावी जनसभाएं कर चुके हैं। राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार 2 दिन चुनावी जनसभा कर पार्टी प्रत्याशी के लिए समर्थन मांगा इसके अलावा उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक व केशव प्रसाद मौर्या भी यहां चुनावी जनसभा कर चुके हैं प्रदेश सरकार के तमाम मंत्री क्षेत्र में सक्रिय हैं पिछली बार मामूली मतों से श्रावस्ती सीट गंवाने वाली भाजपा इस बार इस सीट पर हर हाल में कमल खिलाना चाहती है।

बसपा ने मोइनुद्दीन उर्फ हाजी दद्दन खान को चुनावी मैदान में उतरा है हाजी दद्दन मूल रूप से भिनगा के रहने वाले हैं बसपा के परंपरागत दलितों के साथ-साथ मुस्लिम मतों को भी अपने पक्ष में करने का प्रयास कर रहे हैं बसपा प्रमुख मायावती भी यहां पर चुनावी जनसभा कर चुकी है वहीं दूसरी तरफ देखा जाए तो मतदाता पूरी तरह से शांत है। हर पार्टी के बड़े नेता की जनसभा में भीड़ देखने को मिल रही है अब यह देखना है कि 25 तारीख को क्षेत्र के मतदाता किस दल के प्रत्याशी को अपना समर्थन देगा। 25 तारीख को प्रत्याशियों की किस्मत ईवीएम में कैद हो जाएगी। जीत हार का फैसला आगामी 4 जून को होगा।