अनुप्रिया के 'राजा' वाले बयान पर राजा भैया समर्थक हुए मुखर, प्रतापगढ़ से उठी 'चिंगारी' कहीं मिर्ज़ापुर में 'शोला' न बन बैठे
संतोष देव गिरि,मिर्ज़ापुर। प्रतापगढ़ में राजा भैया को लेकर की गई टिप्पणी की आंच प्रतापगढ़ से होते हुए मिर्ज़ापुर पहुंच चुकी है। राजा भैया समर्थक पूरी तरह से अनुप्रिया पटेल के विरोध में उतर आएं हैं। पांचवें चरण के होने वाले मतदान से पूर्व प्रतापगढ़ में जनसत्ता दल लोकतांत्रिक प्रमुख रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया को लेकर एनडीए गठबंधन की सहयोगी एवं अपना दल (एस) की प्रमुख मिर्ज़ापुर की सांसद केंद्रीय राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल ने कहा था कि “स्वघोषित राजाओं को लगता है कुंडा उनकी जागीर है, उनके भ्रम को तोड़ने का अवसर आया, राजा लोकतंत्र में रानी की पेट से पैदा नहीं होते, अब राजा ईवीएम के बटन से पैदा होता है।
अनुप्रिया पटेल के इस बयान ने उनके लिए बैठे बिठाए जहमत मोल ले लिया है। राजा भैया समर्थक खासकर क्षत्रिय समाज और कुर्मी (पटेल) समाज भी नाराज हो उठा है। हालांकि राजा भैया को लेकर की गई टिप्पणी पर राजा भैया ने जहां स्वयं तगड़ा पलटवार किया है वहीं उनके समर्थक और क्षत्रिय समाज के लोग ख़ासे नाराज हो उठे हैं। पूरे पूर्वांचल मसलन, प्रतापगढ़, अमेठी, सुल्तानपुर, जौनपुर, रायबरेली, बाराबंकी, कौशांबी, फूलपुर, इलाहाबाद, मिर्ज़ापुर में क्षत्रिय और पटेल समाज के लोगों में नाराज़गी बढ़ गई है।
पटेल समाज के लोगों में नाराज़गी का प्रमुख कारण प्रतापगढ़ में सपा उम्मीदवार जो पटेल समाज से हैं, के विरोध में सभा को सम्बोधित करते हुए अपना दल एस की प्रमुख तथा अपने को 'पटेल समाज' का बड़ा स्वघोषित सर्वमान्य नेता कहलाने वाली अनुप्रिया पटेल ने
बीजेपी के उम्मीदवार संगमलाल गुप्ता के पक्ष में सभा को संबोधित करते हुए राजा भैया को निशाने पर रखते वह बोल गई जिसकी लोगों ने कल्पना तक नहीं की थी। जिनके इस बिगड़ें बोल पर हंगामा खड़ा हो गया है। पूर्वांचल में इसको लेकर तीखी प्रतिक्रिया तो हो ही रही है क्षत्रिय समाज के साथ पटेल समाज भी इस बात को लेकर खासा नाराज हो उठा है, कि आखिरकार किस मुंह से अनुप्रिया पटेल अपने आप को पटेलों का हितैषी कहती हैं?
गौरतलब हो कि अनुप्रिया पटेल मिर्ज़ापुर से एनडीए गठबंधन से सांसद हैं। वह तीसरी बार पुनः सांसद बनकर हैट्रिक लगाने की फ़िराक में जी जान से जुटी हुई हैं।
अनुप्रिया पटेल पहले से ही अपनी पार्टी के रार्वट्सगंज सांसद पकौड़ी कोल द्वारा छानबे विधानसभा क्षेत्र में पूर्व में चुनाव प्रचार के दौरान ठाकुर और ब्राह्मणों पर कुबोल बोलकर लोगों के निशाने पर रहे हैं। जिसके कारण इन्हें (अनुप्रिया) पकौड़ी कोल को चुनाव मैदान से हटाकर पकौड़ी कोल की बहू छानबे विधायक रिंकी कोल को टिकट थमा कर मैदान में उतारना पड़ा है। जबकि पकौड़ी कोल अपना टिकट कटने पर छोटे बेटे के लिए एड़ी चोटी एक किए हुए थे। उनका कहना था बहू रिंकी पहले से ही विधायक हैं, सो लोकसभा चुनाव का टिकट उनके बदले उनके बेटे को दिया जाए, लेकिन उनकी एक न सुनी गई। देखा जाए तो क्षत्रिय और ब्राह्मण समाज की पहले से ही नाराजगी झेलती आ रही अनुप्रिया को पकौड़ी कोल के परिवार में भी अंदर ही अंदर विरोध का सामना करना पड़ रहा है।
अब राजा भैया पर बिगड़े बोल से क्षत्रिय समाज में व्याप्त पैमाने पर आक्रोश फ़ैल गया है। ऐसे में इस बात की आशंका प्रबल हो उठी है कि कहीं अनुप्रिया पटेल के 'राजा' वाले बयान पर राजा भैया समर्थक मुखर हो गये और प्रतापगढ़ से उठी 'चिंगारी' कहीं मिर्ज़ापुर में पहुंचकर 'शोला' न बन बैठे?
जनसत्ता दल लोकतांत्रिक ने अनुप्रिया पटेल के बयान पर जताई नाराजगी, कहा की अनुप्रिया पटेल का बयान कुंठा से प्रेरित
जनसत्ता दल लोकतांत्रिक की एक महत्वपूर्ण बैठक अमरावती चौराहा पर संपन्न हुई। जहां पर जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के कार्यकर्ताओं ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और कुंडा के विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया पर केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल द्वारा की गई टिप्पणी पर गहरा आक्रोश व्यक्त किया है।
जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के जिला अध्यक्ष संजू मिश्रा ने कहा कि अनुप्रिया पटेल का यह कहना कि राजा ईवीएम की बटन से पैदा होता है, अपने आप में दुर्भाग्यपूर्ण है। क्योंकि ईवीएम से राजा नहीं बल्कि जनप्रतिनिधि पैदा होता है। जिसकी आयु 5 वर्ष होती है। उन्होंने कहां की वर्तमान लोकतंत्र में राजतंत्र तो समाप्त हो चुका है, परंतु जो लोग पुराने राजघरानों से संबंध रखते हैं और राजनीति में सक्रिय हैं ऐसे राजा भैया जो सर्व सुलभ है उनके ऊपर कुंठा में दिया गया यह बयान निंदनीय है।
जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के युवा जिलाध्यक्ष अनुज उमर ने कहा कि अनुप्रिया पटेल सभी वर्गों का विश्वास खो चुकी है। मिर्जापुर जनपद के अंदर चुनाव में उन्हें जगह-जगह विरोध का सामना करना पड़ रहा है। इसलिए वह बाहर कहीं भी कुछ बोल दे रही हैं। उनका बयान लोकतन्त्र की मूल भावना के खिलाफ है। कहा की राजा भैया विगत तीन दशक से उत्तर प्रदेश की राजनीति में विधानसभा के सदस्य हैं और कुंडा, प्रतापगढ़ ही सहित पूरे प्रदेश में उनकी राजनीतिक विचारधारा के लोग कायल है। ऐसे में उन पर इस प्रकार की ओछी टिप्पणी करना अनुप्रिया पटेल जैसे जातिवादी नेताओं की हताशा को दर्शाता है। कार्यक्रम के अंत में जनसत्ता दल के नेताओं कार्यकर्ताओं ने निर्णय लिया कि आने वाले चुनाव में वह लोग इसका करारा जवाब देंगे।
इस मौके पर प्रमुख रूप से गोपाल सिंह, आनन्द सिंह, राम सिंह, निर्भय सिंह, अभय सिंह और पार्टी के दर्जनों पार्टी के कार्यकर्ता पदाधिकारी उपस्थित रहे।
May 22 2024, 17:16