प्रज्वल रेवन्ना मामले में नया मोड़, राष्ट्रीय महिला आयोग ने कहा-शिकायत दर्ज कराने के लिए महिलाओं पर बनाया गया दबाव

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कर्नाटक में जेडीएस सांसद प्रज्वल रेवन्ना से जुड़े सेक्स वीडियो स्कैंडल ने नया मोड़ ले लिया है।राष्ट्रीय महिला आयोग ने दावा किया है कि प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ यौन शोषण के मामले में झूठी शिकायत दर्ज कराने पर मजबूर किया गया। इस महिला ने कहा कि खुद को पुलिसकर्मी बताने वाले तीन लोगों के एक समूह ने उन्‍हें परेशान करने की धमकी देकर झूठी शिकायत दर्ज कराने के लिए मजबूर किया था। बता दें कि प्रज्वल रेवन्ना पर यौन उत्पीड़न, सैकड़ों सेक्स वीडियो रिकॉर्ड करने, धमकाने और साज़िश रचने के आरोप है।

राष्ट्रीय महिला आयोग ने गुरुवार को कहा कि महिलाओं के यौन शोषण के अभियुक्त प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ कोई भी पीड़ित महिला शिकायत दर्ज कराने के लिए आगे नहीं आई है। आयोग का कहना है कि उसके पास सिर्फ एक महिला पहुंची थी। आयोग के मुताबिक इस महिला शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि उसे जनता दल सेक्युलर के नेता और हसन सीट से सांसद प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ फ़र्ज़ी शिकायत दर्ज करने के लिए मजबूर किया गया था।

एनसीडब्ल्यू ने आगे कहा कि महिला ने अपने और अपने परिवार के लिए सुरक्षा की मांग की क्योंकि तीन व्यक्ति अलग-अलग नंबरों से उसके मोबाइल पर कॉल करके गंभीर धमकियां दे रहे थे। एनसीडब्ल्यू ने कहा, एक महिला ने तीन व्यक्तियों के खिलाफ शिकायत दर्ज करने के लिए आयोग से संपर्क किया, जिन्होंने सादे कपड़े पहने थे। कथित तौर पर खुद को कर्नाटक पुलिस के रूप में पेश किया और उसे इस मामले में झूठी शिकायत दर्ज करने के लिए मजबूर किया। उसने कहा कि उसे अलग-अलग फोन नंबरों से कॉल आ रहे थे, शिकायत दर्ज करने की धमकी दी जा रही थी। राष्ट्रीय महिला आयोग ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि यह पता चला है कि इस शिकायतकर्ता को व्यक्तियों के एक समूह द्वारा संभावित उत्पीड़न और झूठे आरोपों की धमकी के तहत शिकायत दर्ज करने के लिए मजबूर किया गया था।

एचडी कुमारस्‍वामी ने लगाया एसआईटी पर आरोप

एनसीडब्ल्यू के आरोपों से संकेत लेते हुए पूर्व मुख्यमंत्री और जेडीएस के प्रदेश अध्यक्ष एचडी कुमारस्वामी ने गुरुवार रात विशेष जांच दल (एसआईटी) पर आरोप लगाया कि इस मामले की जांच कर रही एसआईटी ने झूठे बयान देने के लिए पीड़िताओं को देहव्‍यापार में फंसाने की धमकी दी है। लजेडीएस नेता ने दावा किया कि एसआईटी अधिकारी पीड़िताओं को धमकी दे रहे हैं कि अगर वे कांग्रेस सरकार के पक्ष में बयान नहीं देते हैं तो उन पर देहव्‍यापार का आरोप लगाया जाएगा।

राजस्व मंत्री कृष्णा बायरे गौड़ा से किया सवाल

एच.डी. कुमारस्वामी ने राजस्व मंत्री कृष्णा बायरे गौड़ा से सवाल किया। कृष्णा बायरे ने पहले सेक्स वीडियो स्कैंडल को दुनिया का सबसे बड़ा सेक्स स्कैंडल बताया था। कुमारस्वामी ने मंत्री कृष्णा गौड़ा से पूछा कि अपहरण की गई बचाई गई महिला को आपने कहां रखा है? उसे अदालत में क्यों नहीं पेश किया जा रहा है? क्या आप पीड़ितों के निजी वीडियो के वितरण के कृत्य का समर्थन करते हैं?

एचडी देवगौड़ा के पोते हैं प्रज्वल

बता दें कि पुलिस ने प्रज्वल रेवन्ना और उनके पिता एच डी रेवन्ना, दोनों पर यौन शोषण का मामला दर्ज किया है। इस मामले में कर्नाटक सरकार ने एसआईटी का गठन किया है जो यौन शोषण के मामलों की जांच कर रही है। प्रज्वल रेवन्ना पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा के पोते हैं। प्रज्वल रेवन्ना के पिता कर्नाटक में विधायक हैं और चाचा पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी हैं।

शेयर बाजार में मचा कोहराम, न‍िवेशकों के ढाई लाख करोड़ म‍िनटों में हो गए स्‍वाहा, गिरावट का सिलसिला लगातार जारी

 प‍िछले द‍िनों र‍िकॉर्ड लेवल पर पहुंचे भारतीय शेयर बाजार में कुछ द‍िनों से ग‍िरावट का स‍िलस‍िला देखा जा रहा है. गुरुवार के कारोबारी सत्र में सेंसेक्‍स करीब 900 अंक तक नीचे चला गया. इससे न‍िवेशकों को भारी नुकसान उठाना पड़ा. एक द‍िन पहले शेयर बाजार में न‍िवेशकों की संपत्‍त‍ि 400 लाख करोड़ रुपये के पार थी, जो क‍ि गुरुवार को आई अचानक ग‍िरावट के बाद घटकर 398 लाख करोड़ के करीब रह गई.

गुरुवार को शेयर बाजार में ल‍िस्‍टेड कई स्‍टॉक में ग‍िरावट के बाद न‍िवेशकों की संपत्‍त‍ि घटकर र‍िकॉर्ड लेवल से नीचे आ गई. इस दौरान सेंसेक्‍स 781 अंक ग‍िरकर 72,685 अंक पर कारोबार करते देखा गया. कारोबारी सत्र के दौरान सबसे ज्‍यादा ग‍िरावट वाले शेयरों में एलएंडटी, एश‍ियन पेंट, आईटीसी, इंडसइंड बैंक, जेएसडब्‍ल्‍यू स्‍टील, एनटीपीसी, बजाज फाइनेंस और र‍िलायंस इंडस्‍ट्रीज के शेयर में देखी गई.

इन कंपनियों के शेयर 5% से भी ज्‍यादा नीचे आ गए. दोपहर के समय एक बार सेंसेक्‍स 72,603 अंक तक ग‍िर गया. एक द‍िन पहले 73,466 अंक पर बंद होने वाला यह प्रमुख सूचकांक 73,499 अंक पर ओपन हुआ था. कारोबारी सत्र के दौरान न‍िफ्टी 50 भी 200 अंक से ज्‍यादा ग‍िरकर 22,021 अंक के लेवल तक चला गया. बैंक न‍िफ्टी, फाइनेंस न‍िफ्टी और न‍िफ्टी 50 भी लाल न‍िशान के साथ कारोबार करते देखे गए.

ट्रेड‍िंग सेशन के दौरान ज‍िन शेयर में तेजी देखी जा रही है उनमें एसबीआई, टाटा मोटर्स, मह‍िंद्रा एंड मह‍िंद्रा, एचसीएल टेक्‍नोलॉजी, इंफोस‍िस और मारुत‍ि का शेयर रहा. एसबीआई में सबसे ज्‍यादा करीब 2 प्रत‍िशत की तेजी रही. बंबई शेयर बाजार (BSE) में आज के कारोबारी सत्र के दौरान 29 कंपनियों के शेयरों में 52 हफ्तों में सबसे कम गिरावट आई.

वहीं, 137 कंपनियों के शेयर 52 हफ्तों के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गए. 3,731 कंपनियों में से सिर्फ 1,158 कंपनियों के शेयरों में तेजी देखी गई, जबकि 2,413 कंपनियों के शेयर के भाव ग‍िरे. बाकी 160 कंपनियों के शेयर में क‍िसी तरह का बदलाव नहीं देखा गया.

दलाल स्ट्रीट पर ज्यादातर शेयर गिरकर लाल निशान में ट्रेड कर रहे हैं. ऑटो और आईटी सेक्टर के शेयरों में तेजी है. बाकी सभी सेक्टर के शेयरों में गिरावट आई. सबसे ज्यादा गिरावट तेल और गैस कंपनियों के शेयर में देखी गई. कार बनाने वाली कंपनियों के शेयर में आज बढ़त देखने को मिली.

इन कंपनियों के शेयरों का इंडेक्स 740 अंक बढ़कर 51,882 पर पहुंच गया. इस गिरावट के कारण 251 कंपनियों के शेयर अपनी सबसे कम कीमत पर आ गए. लेकिन, इस गिरावट के बावजूद 189 कंपनियों के शेयरों ने बढ़त बनाए रखी और हाई लेवल पर पहुंच गए.

विदेशी निवेशकों (FII) ने बुधवार को भारतीय शेयर बाजार में कुल 6,669.10 करोड़ रुपये के शेयर बेचे, जबकि भारतीय निवेशकों (Domestic Investors) ने 5,928.81 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे. यह जानकारी नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के शुरुआती आंकड़ों के आधार पर है. कुल मिलाकर, मई में पिछले पांच कारोबारी सत्रों में FIIs ने 15,863 करोड़ रुपये के शेयर बेचे हैं.

जानें कौन हैं केएस राजन्ना ? एक साल की उम्र में गंवाए हाथ-पैर, फिर बने दिव्यांगों की आवाज, अब राष्ट्रपति ने किया सम्मानित

#dr_ks_rajanna_padma_shri_winner_divyang_social_worker

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गुरुवार (9 मई) के दिन पद्म पुरस्कार विजेताओं को सम्मानित किया। उन्होंने कुल 132 लोगों का सम्मान किया। इसमें दिव्यांग समाजसेवी डॉ. केएस रजन्ना भी शामिल थे।पोलियो के कारण अपने दोनों हाथ-पैर गंवा चुके डॉ केएस राजन्ना को देश के चौथे सर्वोच्च नागरिक सम्मान- पद्मश्री से अलंकृत किया गया। केएस राजन्ना ने 11 साल की उम्र में पोलियो के कारण अपने हाथ और पैर खो दिए। जिसके बाद उन्होंने घुटनों के बल चलना सीखा।उन्होंने अपनी शारीरिक सीमाओं को प्रेरणा बनाया और खुद को किसी से कम नहीं मानते हुए दिव्यांगजनों के लिए काम करने का फैसला किया।

समाजसेवा में आने के बाद उन्होंने लगातार काम किया और 2013 में सरकार ने उन्हें दिव्यांगों के लिए राज्य कमिश्नर बना दिया। कर्नाकट के बेंगलुरू के रहने वाले रजन्ना को तीन साल के लिए यह पद दिया गया था, लेकिन उनका कार्यकाल खत्म होने से पहले ही उन्हें उनके पद से हटा दिया गया। उनकी जगह कमलाक्षी को यह जिम्मेदारी दी गई, लेकिन कर्नाटक सरकार के इस फैसले का जमकर विरोध हुआ। अहम यह था कि रजन्ना को इस बारे में जानकारी तक नहीं दी गई थी कि उन्हें हटाया गया है। इसके बाद सरकार ने दोबारा उन्हें यह पद दे दिया। अब उन्हें पद्म श्री से सम्मानित किया गया है।

पीएम मोदी का किया अभिवादन

गुरुवार को जब राष्ट्रपति भवन के ऐतिहासिक हॉल में जब पद्म श्री से नवाजे जाने के लिए जैसे ही डॉ के एस राजन्ना का नाम पुकारा गया, पूरा हॉल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। डॉ राजन्ना राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हाथों पद्मश्री पदक और प्रशस्ति पत्र हासिल करने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास पहुंचे।इस पर पीएम ने उनका हाथ पकड़ लिया। इसके बाद राजन्ना ने राष्ट्रपति के सामने मंच पर जाने से पहले शीश झुकाया। उन्होंने राष्ट्रपति का भी विशेष रूप से अभिवादन किया। राष्ट्रपति जब उन्हें पद्मश्री से सम्मानित कर रही थी तब पूरा हॉल में शायद ही कोई होगा जो उनकी उपलब्धि पर गर्व ना कर रहा है। डॉ. राजन्ना को सम्मानित करने वाले पत्र में दिव्यांजनों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध दिव्यांग सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में वर्णित किया गया था।

राजन्ना के नाम कई उपलब्धियां

डॉ. केएस राजन्ना कर्नाटक के मांड्या जिले के रहने वाले हैं। वह अपने मात-पिता की सातवीं संतान हैं। 11 साल की उम्र में पोलियो की वजह से हाथ-पैर गंवाने के बावजूद उनका उत्साह कभी कम नहीं हुआ। उन्होंने ना सिर्फ अपनी पढ़ाई पूरी की बल्कि लेखन, हस्तशिल्प के साथ ही डिस्कस थ्रो, ड्राइविंग और स्विमिंग भी सीखी। 1975 में उन्होंने स्टेट सिविल सर्विस की परीक्षा पास की। 1980 में उन्होंने मैकेनिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा भी हासिल कर लिया। डॉ. राजन्ना ने साल 2003 में पैरालंपिकक में दो मेडल भी जीत चुके हैं। राजन्ना को 54 साल की उम्र में साल राज्य में कमिश्नर नियुक्त किया गया था। राजन्ना मैकेनिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा धारक है।

भारत की एक और बड़ी कूटनीतिक जीत, ईरान ने 5 भारतीय को छोड़ा, इजराइल से जुड़ा है मामला*
#iran_releases_5_indian_crew_member_from_seized_msc_aries_ship

कतर से इंडियन नेवी के 8 पूर्व जवानों को सकुशल स्‍वदेश वापसी के बाद भारत को एक और बड़ी कूटनीतिक सफलता हासिल की है।ईरान ने 13 अप्रैल को जब्त किए जहाज एमएससी एरीज पर सवार 5 भारतीय को रिहा कर दिया है। ईरान में मौजूद भारतीय दूतावास ने गुरुवार को बताया कि सभी लोग भारत के लिए रवाना हो गए हैं।ईरान ने पुर्तगाल के झंडे वाले जहाज एमएससी एरीज के चालक दल के सात सदस्यों को रिहा कर दिया है। पुर्तगाल के विदेश मंत्रालय ने बताया कि मुक्त किए गए लोगों में पांच भारतीय समेत एक फिलिपींस का नागरिक और एक एस्टोनियाई नागरिक हैं। बता दें कि इस कंटेनर जहाज का इजरायल के साथ संबंध होने के कारण ईरान ने इसे जब्त किया था। दरअसल, इजराइल पर हमले से पहले ईरान ने भारत आ रहे पुर्तगाल के झंडे वाले एक जहाज को ओमान की खाड़ी में होर्मुज पास से जब्त किया था। यह शिप इजराइली अरबपति की एक कंपनी का था। ईरान के रिवॉल्यूशनरी गार्ड्स के कमांडो यूएई से रवाना हुए जहाज पर हेलिकॉप्टर से उतरे थे। ईरान ने आरोप लगाया था कि शिप बिना इजाजत उनके इलाके से गुजर रहा था। इस घटना के बाद ईरान और इजराइल के बीच तनाव और बढ़ गया था। घटना के अगले दिन 14 अप्रैल को ईरान ने इजराइल पर हमला कर दिया था। इस पर 25 क्रू मेंबर मौजूद थे जिनमें 17 भारतीय और दो पाकिस्तानी थे। बचे हुए 11 सदस्य अब भी ईरान की कैद में हैं। इससे पहले 18 अप्रैल को एक भारतीय महिला कैडेट एन टेसा जोसेफ को रिहा किया गया था। अभी भी 11 भारतीय नाविक ईरान में ही हैं। ईरान, इस्राइल-हमास युद्ध में हमास का समर्थन कर रहा है। यही वजह है कि लाल सागर में ईरान के समर्थन से हूती विद्रोही अंतरराष्ट्रीय शिपिंग रूट पर लगातार हमले कर रहे हैं। बीते दिनों इस्राइल पर आरोप लगे कि उसने सीरिया में ईरान के दूतावास को निशाना बनाया, जिसमें ईरानी सेना के दो शीर्ष कमांडर मारे गए थे। इस हमले का आरोप ईरान ने इस्राइल पर लगाया और बदला लेने की धमकी दी थी। ईरान ने जवाबी कार्रवाई में इस्राइल पर मिसाइलों और ड्रोन्स की मदद से बड़ा हमला किया, लेकिन इस हमले में इस्राइल को कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ। जब दोनों देशों के रिश्तों में तनाव चरम पर था, उसी दौरान ईरान ने इस्राइल के जहाज को होर्मुज जलडमरूमध्य से जब्त किया था।
भारत को पाकिस्तान की इज्जत करनी चाहिए, उनके पास परमाणु बम है, कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर के इस बयान के क्या है मायने ?*
#mani_shankar_aiyaar_statement_india_should_fear_pakistan_atom_bomb कांग्रेस में एक से बढ़कर एक “बयानवीर” हैं। अभी कल ही तो सैम पित्रोदा ने अपने एक बयान से जमकर “बवाल काटा”। जिसके बाद उन्हें इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देना पड़ा। अब पार्टी के एक और वरिष्ठ नेता ने देश का सियासी पारा बढ़ाने का काम किया है। हम बात कर रहे मणिशंकर अय्यर की, जिन्होंने पाकिस्तान की इज्जत करने की नसीहत दी है, वो भी इसलिए क्योंकि पाकिस्तान के पास परमाणु बम है। लोकसभा चुनाव के बीच में मणिशंकर अय्यर के इस बयान से कांग्रेस को नुकसान हो सकता है। लोकसभा चुनाव की सगर्मियों के बीच कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने भारत को पाकिस्तान का डर दिखाने की कोशिश की है। मणिशंकर अय्यर ने पाकिस्तान के साथ बातचीत की वकालत करते हुए कहा है कि भारत को पाकिस्तान का सम्मान करना चाहिए क्योंकि उसके पास एटम बम है। अगर हम उनकी इज्जत नहीं करेंगे, बातचीत नहीं करेंगे तो वे भारत के खिलाफ एटम बम का इस्तेमाल करने के बारे में सोचेंगे। मस्कुलर नीति दिखाने वाले भारत को यह नहीं भूलना चाहिए कि पाकिस्तान के पास भी कहुटा (रावलपिंडी) में मसल (परमाणु बम) है।’ मणिशंकर अय्यर ने कहा, ‘पाकिस्तान भी एक संप्रभु मुल्क है। उनकी भी इज्जत है। उनकी इज्जत को कायम रखते हुए उनसे जितनी कड़ी बात करनी है करो। लेकिन बात तो करो। बंदूक को लेकर आप घूम रहे हो। उससे क्या हल मिला… कुछ नहीं। तनाव बढ़ता जाता है। कोई भी पागल वहां आ जाए तो क्या होगा देश का। उनके पास एटम बम है। हमारे पास भी है। लेकिन किसी पागल ने हमारे बम को लाहौर स्टेशन में छोड़ा तो आठ सेकेंड के अंदर उसकी रेडियो एक्टिविटी अमृतसर पहुंचेगी। आप उसको इस्तेमाल करने को रोको। लेकिन आपने उससे बात की, उसको इज्जत दी तो तभी जाकर वह अपने बम के बारे में नहीं सोचेंगे। मगर आपने उसको ठुकरा दिया तो फिर क्या होगा। कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि दुनिया का विश्व गुरु बनना हो तो यह जरूरी है दिखाने के लिए कि जितना भी खराब हो हमारा समस्या पाकिस्तान के साथ, उसका हल निकालने के लिए हम मेहनत कर रहे है। पिछले दस साल से सारा मेहनत बंद है। मस्कुलर पॉलिसी दिखाने वाले भारत को यह नहीं भूलना चाहिए कि पाकिस्तान के पास भी कहुटा (रावलपिंडी) में मसल (परमाणु बम) है।’
भारत को पाकिस्तान की इज्जत करनी चाहिए, उनके पास परमाणु बम है, कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर के इस बयान के क्या है मायने ?

#mani_shankar_aiyaar_statement_india_should_fear_pakistan_atom_bomb

कांग्रेस में एक से बढ़कर एक “बयानवीर” हैं। अभी कल ही तो सैम पित्रोदा ने अपने एक बयान से जमकर “बवाल काटा”। जिसके बाद उन्हें इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देना पड़ा। अब पार्टी के एक और वरिष्ठ नेता ने देश का सियासी पारा बढ़ाने का काम किया है। हम बात कर रहे मणिशंकर अय्यर की, जिन्होंने पाकिस्तान की इज्जत करने की नसीहत दी है, वो भी इसलिए क्योंकि पाकिस्तान के पास परमाणु बम है। लोकसभा चुनाव के बीच में मणिशंकर अय्यर के इस बयान से कांग्रेस को नुकसान हो सकता है। 

लोकसभा चुनाव की सगर्मियों के बीच कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने भारत को पाकिस्तान का डर दिखाने की कोशिश की है। मणिशंकर अय्यर ने पाकिस्तान के साथ बातचीत की वकालत करते हुए कहा है कि भारत को पाकिस्तान का सम्मान करना चाहिए क्योंकि उसके पास एटम बम है। अगर हम उनकी इज्जत नहीं करेंगे, बातचीत नहीं करेंगे तो वे भारत के खिलाफ एटम बम का इस्तेमाल करने के बारे में सोचेंगे। मस्कुलर नीति दिखाने वाले भारत को यह नहीं भूलना चाहिए कि पाकिस्तान के पास भी कहुटा (रावलपिंडी) में मसल (परमाणु बम) है।’

मणिशंकर अय्यर ने कहा, ‘पाकिस्तान भी एक संप्रभु मुल्क है। उनकी भी इज्जत है। उनकी इज्जत को कायम रखते हुए उनसे जितनी कड़ी बात करनी है करो। लेकिन बात तो करो। बंदूक को लेकर आप घूम रहे हो। उससे क्या हल मिला… कुछ नहीं। तनाव बढ़ता जाता है। कोई भी पागल वहां आ जाए तो क्या होगा देश का। उनके पास एटम बम है। हमारे पास भी है। लेकिन किसी पागल ने हमारे बम को लाहौर स्टेशन में छोड़ा तो आठ सेकेंड के अंदर उसकी रेडियो एक्टिविटी अमृतसर पहुंचेगी। आप उसको इस्तेमाल करने को रोको। लेकिन आपने उससे बात की, उसको इज्जत दी तो तभी जाकर वह अपने बम के बारे में नहीं सोचेंगे। मगर आपने उसको ठुकरा दिया तो फिर क्या होगा। 

कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि दुनिया का विश्व गुरु बनना हो तो यह जरूरी है दिखाने के लिए कि जितना भी खराब हो हमारा समस्या पाकिस्तान के साथ, उसका हल निकालने के लिए हम मेहनत कर रहे है। पिछले दस साल से सारा मेहनत बंद है। मस्कुलर पॉलिसी दिखाने वाले भारत को यह नहीं भूलना चाहिए कि पाकिस्तान के पास भी कहुटा (रावलपिंडी) में मसल (परमाणु बम) है।’

संदेशखाली मामले में आया नया मोड़, वापस ली गई शिकायत, पैसे देकर झूठे केस दर्ज करवाने का लगाया आरोप

#sandeshkhali_victimized_women_u_turn_no_harassment

पश्चिम बंगाल के संदेशखाली को लेकर एक बार फिर सियासत तेज है।संदेशखाली में महिलाओं पर टीएमसी नेताओं के उत्पीड़न के आरोप के बाद अब महिलाओं ने यू-टर्न लिया है। पीड़िताओं में दो ने शाहजहां शेख के खिलाफ दर्ज शिकायत वापस ले ली है। पीड़ित महिलाओं ने आरोप लगाया है कि उनलोगों से सादे कागज पर हस्ताक्षर कराए गए और थाने में फर्जी मामले दर्ज किये गये हैं।

 

संदेशखाली में दो महिलाओं ने तृणमूल कांग्रेस के नेताओं के खिलाफ दर्ज कराई गई रेप की शिकायत वापस ले ली है। उनका कहना है कि हमें कभी नहीं पता था कि हमारे साथ बलात्कार हुआ है और हमारे आरोप यहां तक पहुंच गए हैं। उन्होंने कहा कि वे पूछने आए कि किसको शिकायत है। जब हमने अपनी शिकायतें सूचीबद्ध कीं, तो हमें एक कोरा कागज दिया गया और हस्ताक्षर करने के लिए कहा गया। उसके बाद, हम घर चले गए। चार पांच दिन बाद हमें थाने से नोटिस मिला। तब हमें पता चला कि उसने बलात्कार की शिकायत दर्ज कराई है। ये सरासर झूठ था। ऐसा कुछ भी नहीं हुआ था। महिला आरोप लगा रही है कि उन्हें इसके बाद से धमकी मिल रही है।

वहीं टीएमसी की नेता और मंत्री शशि पांजा ने कहा कि बीजेपी ने महिलाओं को पैसे देकर रेप का केस दर्ज करवाया है। कइयों से तो सफेद कागज पर साइन करवा लिया है। वे महिलाएं अब थाने में जाकर कह रही हैं कि हम केस वापस लेना चाहते हैं।

दरअसल, पिछले हफ्ते एक ’वायरल वीडियो’ को लेकर सियासत हुई थी। जिस वायरल वीडियो में भाजपा का एक स्थानीय नेता ये कहता नजर आया था कि शुभेन्दु अधिकारी ने पैसे देकर संदेशखाली के मामले को बड़ा किया था। इस वीडियो में मौजूद नेता ये भी कहता नजर आया था कि महिलाओं को पैसे देकर झूठे केस दर्ज कराए गए थे। महिला ने भाजपा पर आरोप लगाया है कि मुझसे सफेद कागज पर साइन कराया गया। फिर बाद में मुझे पता चला कि मेरे नाम से रेप केस फाइल करवाया गया है।

हिंदू-मुस्लिम आबादी पर आई रिपोर्ट को लेकर मचा सियासी बवाल, जानें किसने क्या कहा?

#debatestartedondecliningpopulationofhindusinindia

प्रधानमंत्री की सलाहकार इकोनॉमिक एडवायजरी काउंसिल की ओर से भारत की जनसंख्या को लेकर जारी किए गए आंकड़ों ने फिर से नई बहस शुरू कर दी है। इस रिपोर्ट में दिए गए आंकड़ों के मुताबिक, देश में 1950 के बाद से अब तक हिंदुओं की आबादी में 7.82 प्रतिशत गिरावट देखी गई है। वहीं, मुस्लिम आबादी में भारी इजाफा हुआ है। अब इस मुद्दे पर राजनीतिक दलों की ओर से बयान आने भी शुरू हो गए हैं। लोकसभा चुनाव के बीच आई रिपोर्ट से सियासत और गरमाने की पूरी आशंका है।

लोकसभा चुनाव के बीच प्रधानमंत्री को सलाह देने वाली आर्थिक सलाह परिषद की एक नई रिपोर्ट आई है, जिसके नतीजे हिंदू बनाम मुस्लिम की राजनीति को और हवा देने वाली साबित हो सकती है।इस रिपोर्ट के आते ही सियासी प्रतिक्रिया आनी शुरू हो गई है।बीजेपी का आरोप है कि ये सब मुस्लिम तुष्टिकरण वाली नीतियों का नतीजा है।वहीं, कांग्रेस का आरोप है कि ये रिपोर्ट मुद्दों से भटकाने वाली है। कांग्रेस का कहना है कि बेरोजगारी, किसान, महिलाओं की सुरक्षा के मुद्दे पर बात होनी चाहिए।

मुस्लिमों की आबादी घुसपैठ, धर्मांतरण और जन्मदर से बढ़ी

बीजेपी प्रवक्ता सुधांशू त्रिवेदी ने कहा कि सर्वविदित सत्य है कि स्वतंत्रता के समय हिंदुओं की आबादी और मुस्लिमों की आबादी क्या थी? कांग्रेस बताए कि बढ़ती संख्या पर कांग्रेस किसका आरक्षण काटकर उनको देंगे? मुस्लिमों की आबादी घुसपैठ, धर्मांतरण और जन्मदर बढ़ने से बढ़ रही है। जागरूकता जरूरी है।

कांग्रेस ने देश को धर्मशाला बना दिया

रिपोर्ट को लेकर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कांग्रेस पर निशाना साधा और कहा- कांग्रेस ने देश को धर्मशाला बना दिया है।देश में बांग्लादेशी घुसपैठिए आए। देश में रोहिंग्या को वोटबैंक के लिए ले आए।ये लोग भारत को इस्लामिक स्टेट बनाना चाहते हैं।गिरिराज का कहना था कि कुछ लोग देश को भ्रमित करना चाहते हैं। लेकिन सच्चाई छुप नहीं सकती है।

कुछ लोगों ने भारत को इस्लामिक राज्य घोषित करने पर विचार किया- सत्येंद्र दास

वहीं, श्री राम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा है कि हिंदुओं में जब कहा गया था कि ‘हम दो, हमारे दो’ तो हिंदुओं ने अपने जनसंख्या कम कर ली, लेकिन मुस्लिमों की जनसंख्या कम नहीं हुई। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों ने भारत को इस्लामिक राज्य घोषित करने पर भी विचार भी किया। अगर देश में मुसलमानों की आबादी बढ़ती रहेगी और हिन्दू की कम होती रहेगी तो यह खतरनाक है। देश के बंटवारे के समय में नेताओं ने छूट दी थी कि जो जहां रहना चाहे वहां रह सकता है। इसके तहत पाकिस्तान में रहने वाले हिन्दुओं की हत्या हो गई और यहां भारत में मुस्लिमों को संरक्षण मिला तो वो बढ़ते रहे।

प्रियंका गांधी बोलीं- लोगों की जिंदगी से जुड़े मुद्दों पर बात हो

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा, हमें उन मुद्दों पर बात करनी चाहिए, जो लोगों के जीवन से जुड़े हों।बेरोजगारी, किसान, महिलाओं की सुरक्षा के मुद्दे पर बात होनी चाहिए।बीजेपी वाले अपने आप से ही मुद्दे निकालते हैं, इसलिए बोलते रहते हैं। ये मुद्दे नहीं हैं।

देश और लोगों के बीच नफरत फैलाना एजेंडा-तेजस्वी

तेजस्वी यादव ने भी पीएम आर्थिक सलाहकार परिषद की रिपोर्ट पर बयान दिया है। तेजस्वी ने कहा है कि जनगणना 2021-22 में होनी थी वह 2024 तक नहीं हुई। वे केवल लोगों को गुमराह करने की बात कर रहे हैं। तेजस्वी ने कहा कि देश और लोगों के बीच नफरत फैलाना यही पीएम मोदी और बीजेपी का एजेंडा है, वे देश की जनता को फिर से धोखा देना चाहते हैं।

चुनाव प्रचार मौलिक अधिकार नहीं...', केजरीवाल की अंतरिम जमानत पर सुप्रीम कोर्ट में ईडी हलफनामा*
#ed_filed_affidavit_in_supreme_court_opposed_granting_interim_bail_arvind_kejriwal
दिल्ली शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में जेल में बंद सीएम अरविंद केजरीवाल ने अंतरिम जमानत याचिका दाखिल कर रखी है। इस पर सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई होगी। इससे एक दिन पहले ईडी ने हलफनामा दायर किया है।दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत देने का विरोध करते हुए ईडी ने सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को एक हलफनामा दायर किया। ईडी ने अपने हलफनामा में लिखा, कानून सभी के लिए बराबर है और चुनाव प्रचार कोई मौलिक, संवैधानिक या कानूनी अधिकार नहीं है। ईडी की उप निदेशक भानु प्रिया ने हलफनामा दायर करते हुए कहा है कि चुनाव प्रचार के आधार पर अंतरिम राहत नहीं दी जानी चाहिए। अगर ऐसा होता है तो यह नई परंपरा बनेगी, जो उचित नहीं होगी। इससे सभी बेईमान नेताओं को चुनाव की आड़ में अपराध करने और जांच से बचने का मौका मिलेगा। कई राजनेताओं ने न्यायिक हिरासत में चुनाव लड़ा है। कुछ ने जीत भी दर्ज की है। मगर, उन्हें इस आधार पर कभी अंतरिम जमानत नहीं दी गई। इस तरह अपनी पार्टी के उम्मीदवारों के लिए प्रचार करने के लिए केजरीवाल को जमानत देना एक गलत मिसाल कायम करेगा। ईडी का कहना है कि कोई भी राजनेता किसी विशेष दर्जे का दावा नहीं कर सकते हैं और अपराध करने पर नेताओं को भी अन्य नागरिकों की तरह ही गिरफ्तार किया जा सकता है। जांच एजेंसी ने अपने हलफनामे में आगे कहा है कि केवल चुनाव प्रचार अभियान के लिए केजरीवाल को अंतरिम जमानत देना समानता के नियम के खिलाफ होगा। हलफनामे में आगे कहा गया है कि पिछले 5 साल में देश में कुल 123 चुनाव हुए हैं। अगर चुनाव में प्रचार के आधार पर नेताओं को जमानत दी जाने लगी तो न तो कभी किसी नेता को गिरफ्तार किया जा सकेगा और न ही उसे न्यायिक हिरासत में भेजा जा सकेगा, क्योकि देश में हमेशा कोई न कोई चुनाव होता रहता है। आम चुनाव में प्रचार के लिए अंतरिम जमानत देने में केजरीवाल के पक्ष में विशेष रियायत कानून के राज और समानता के लिए अभिशाप होगी। बता दें, सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली शराब घोटाला मामले में मनी लॉन्ड्रिंग मामले में केजरीवाल की गिरफ्तारी के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई की। गिरफ्तारी के खिलाफ केजरीवाल की याचिका पर सुनवाई कर रही पीठ की अध्यक्षता करने वाले न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और दीपांकर दत्ता ने गुरुवार को कहा था कि वह शुक्रवार को अंतरिम अंतरिम जमानत पर फैसला सुनाएंगे। पिछली सुनवाई में कोर्ट ने पूछा था कि ईडी ने शुरुआती जांच और पूछताछ में दर्ज किए गए अभियुक्तों के बयानों में केजरीवाल से संबंधित सवाल क्यों नहीं पूछे? जांच को दो साल हो रहे हैं, इतना समय कैसे लगा? इसके अलावा कोर्ट ने ईडी को मामले की केस डायरी और दस्तावेज पेश करने को कहा। सुनवाई का समय समाप्त होने पर कोर्ट केजरीवाल की अंतरिम जमानत पर कोई आदेश नहीं आया था।
पीओके पर विदेश मंत्री एस जयशंकर का बड़ा बयान, बोले-सभी दल भी गुलाम कश्मीर की वापसी के लिए प्रतिबद्ध

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विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर पीओके को लेकर एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर भारत का हिस्सा है और भारत में वापस आए। उन्होंने कहा है कि संसद में एक प्रस्ताव है, जिसमें देश का हर राजनीतिक दल यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि पीओके, जो कि भारत का हिस्सा है, वो भारत में वापस आ जाए।इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि लोगों ने धारा 370 को लेकर भी अलग-अलग धारणाएं बना रखी थीं, लेकिन हमने उसे भी खत्म किया।

दिल्ली विश्‍वविद्यालय के गार्गी कॉलेज में बोलते हुए बुधवार एस जयशंकर ने 'विश्‍व बंधु भारत' विषय पर चर्चा के दौरान अपने विचार रखें। इस दौरान विदेश मंत्री ने 370 का जिक्र किया और कहा कि वर्षों से जो सवाल था उसका जवाब भी मिल गया। उन्होंने बताया कि कैसे केंद्र की मोदी सरकार ने 370 को खत्म कर दिया जबकि इसको लेकर लोगों ने अलग-अलग धारणाएं बना रखी थीं।लोगों ने यह मान लिया था कि 370 (अनुच्छेद) को नहीं बदला जा सकता है। हालांकि जब हमने इसे हटा दिया तो लोगों को इसे स्वीकार करना होगा।जब हमने 370 को खत्म कर दिया, तो अब लोग समझते हैं कि पीओके भी महत्वपूर्ण है।

जयशंकर ने कहा कि आज देशवासियों के मन में गुलाम कश्मीर का मुद्दा भी आ गया है। यदि आपके विचारों में आ गया है तो बाकी चीजें निश्चित रूप से किसी न किसी बिंदु पर पूरी होंगी। इसी तरह से पीओके के बारे में मैं बस इतना ही कह सकता हूं कि संसद में एक प्रस्ताव है और देश की हर राजनीतिक पार्टी यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि पीओके जो भारत का हिस्सा है, वो भारत को वापस मिल जाए।

राजनाथ सिंह भी कह चुके हैं ये बात

अभी हाल ही में दिए एक इंटरव्यू में एस जयशंकर ने कहा था कि पीओके इस देश का हिस्सा है, उस हिस्से पर हम किसी और का नियंत्रण स्वीकार नहीं कर सकते हैं। जयशंकर के वाले बयान को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी दोहराया था। राजनाथ सिंह ने कहा था कि भारत पीओके पर अपना दावा कभी नहीं छोडेगा। उन्होंने आगे कहा था कि आज कश्मीर की तरक्की देखकर पीओके के लोग खुद को भारत का हिस्सा मानते है। ये दिखाता है कि पीओके पर हमारी सोच कहा तक है। भारत को इसके लिए कुछ करने की जरूरत नहीं पडेगी। जिस तरह कश्मीर में हालात बदल रहे हैं और आर्थिक प्रगति हो रही है, वहां जैसी शांति लौटी है, मुझे यकीन है कि एक दिन पीओके से भी भारत में विलय की मांग उठेगी। राजनाथ सिंह ने कहा कि पीओके में हमें किसी भी प्रकार का बल प्रयोग नहीं करना पडे़गा। वहां के लोग खुद भारत में विलय करेंगे।

क्या है पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर?

दरअसल, साल 1947 में भारत जब आजाद हुआ और भारत-पाकिस्तान के रूप में इसके दो हिस्से हुए। तब जम्मू-कश्मीर का अस्तित्व एक स्वतंत्र रियासत के तौर पर था। हालांकि, 1947 में पाकिस्तान ने अपने सीमा से सटे जम्मू-कश्मीर के क्षेत्रों पर जबरन कब्जा कर लिया। यह कब्जा अभी तक कायम है। इसे भारत पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर कहता है। वहीं, संयुक्त राष्ट्र और अन्य इंटरनेशनल संगठन इसे पाकिस्तान नियंत्रित कश्मीर या पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर के रूप में जानते हैं।