पीने के साफ पानी के लिए तरस रहे लोग,शो पीस बने हैंडपंप और टोंटियां
खजनी गोरखपुर।केंद्र और प्रदेश सरकार द्वारा हर घर नल योजना के तहत गांवों में स्वच्छ पेयजल आपूर्ति के लिए पानी की बड़ी ऊंची टंकियां बनाई गई हैं। जिनसे टोंटियों के जरिए पानी हर घर तक पहुंचाया गया है। किंतु धरातल पर यह योजना अब स्थानीय लोगों को मुंह चिढ़ाती नज़र आ रही है। अभी गर्मीयां शुरू ही हुई हैं कि पेयजल का संकट शुरू हो गया है। स्थानीय लोगों ने बताया कि पानी की आपूर्ति को लेकर किए जाने वाले बड़े-बड़े सरकारी दावे फेल हो चले हैं।
आलम यह है कि लोगों को प्रतिदिन पीने के लिए डब्बा बंद पानी खरीद कर पीना पड़ रहा है।
क्षेत्र के खुटहना गांव में पुराने सरकारी इंडिया मार्का हैंडपंप खराब पड़े हुए हैं। कुछ हैंडपंपों से गंदा बदबूदार पीला हो जाने वाला पानी निकलता है। महीनों से टोंटियों में भी पानी नहीं आ रहा है। गांव के निवासी
शिव मूरत गुप्ता,रामदयाल गौंड़,श्री विश्वकर्मा,सुरेंद्र चौधरी,सालीचरण,
गुदरी, मोहम्मद सलीम, यूसूफ रज्जाक,सुलेमान, कमालुद्दीन रामशरण,सोखा, जयचंद चौधरी, सदरे आलम आदि दर्जनों लोगों को पीने के लिए साफ पानी नहीं मिल रहा है।
कोटही माता मंदिर रूद्रपुर गांव में दुर्गा मंदिर के सामने स्थित इंडिया मार्का हैंडपंप लंबे समय से ख़राब पड़ा है। रूद्रपुर,खुटभार गांव तथा खजनी कस्बे में स्वच्छ पेयजल आपूर्ति के लिए लगी टोंटियों में महीने में 20 दिन पानी नहीं आता यदि आता भी है तो आधे घंटे में एक बाल्टी पानी निकलता है। स्थानीय लोगों में अनिल तिवारी, चंदन वर्मा, रमेश, राजकुमार, महेश, राहुल, अशोक गुप्ता, धनंजय,सोनू, पिंटू, कौशल, विकास, गौरव,विजय, महेंद्र आदि ने बताया कि पानी की बहुत ज्यादा किल्लत हो रही है। सरकार के स्वच्छ पेयजल आपूर्ति के दावे हवा हवाई साबित हो रहे हैं।
कर्मचारियों की लापरवाही से महीने में 20 दिन टोंटियों से पानी नहीं मिलता, सुबह आ जाए तो शाम को नदारद और कभी शाम को आ जाता है तो सबेरे नहीं आता है। पीने के पानी का इंतजाम तो किसी तरह से कर लिया जाता है लेकिन नहाने भोजन पकाने बर्तन और कपड़े धोने में समस्या होती है। साधन संपन्न लोगों ने सबमर्सिबल पंप लगा लिए हैं लेकिन आज भी गरीबों को छोटे हैंडपंपों के पानी से ही गुजारा करना पड़ रहा है।
May 08 2024, 17:15