*हनुमान प्रसाद पोद्दार कैंसर अस्पताल एवं शोध संस्थान, गीता वाटिका द्वारा नि:शुल्क जांच एवं प्रशिक्षण शिविर का आयोजन*
गोरखपुरृ मुख्य चिकित्सा अधिकारी महराजगंज के सहयोग से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, निचलौल के प्रांगण में हनुमान प्रसाद पोद्दार कैंसर अस्पताल एवं शोध संस्थान, गीता वाटिका, गोरखपुर द्वारा नि:शुल्क कैंसर की प्राथमिक जांच एवं प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। व्यापक धूप और गर्मी होने के बावजूद शिविर में दिखाने एवं परामर्श लेने 182 लोग आए जिन्हें कैंसर अस्पताल के चिकित्सक डॉ. सी. पी. अवस्थी ने बारी बारी से हर एक का मूल्यांकन, सलाह, कैंसर संबंधित लक्षण की जांच और उचित परामर्श एवं निशुल्क दवाई दी। कैंसर के प्रकार एवं उनके लक्षण और इलाज के विषय में मरीजों एवं उनके परिजनों को बताया गया।
कैंसर जागरूकता अभियान के तहत इस स्वास्थ्य केंद्र से संबंधित आशा कार्यकर्ता, संगिनी एवं अन्य स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को बुलाकर उनको कैंसर लक्षण का प्रशिक्षण तथा इलाज के बारे में जानकारी दी गई। डॉ. राकेश श्रीवास्तव ने बताया कि कैंसर के निम्न आठ लक्षण हैं: गैर-प्रतिक्रियाशील आंख की पुतली, मौखिक संवेदनाओं के लिए प्रतिक्रिया की कमी, दृश्य संवेदनाओं के लिए प्रतिक्रिया में कमी, पलकें बंद करने में असमर्थता, चेहरे के आकार में बदलाव, गर्दन के आकार में बदलाव, गले से हल्की गुर्राहट जैसी ध्वनि और ऊपरी जठरांत्र। शिविर प्रशासक अजय श्रीवास्तव ने जोर देते हुए कहा कि कैंसर बीमारी की कोई उम्र नहीं है लेकिन सही समय पर कैंसर की पहचान कर उसका उपचार शुरू करने पर कैंसर ठीक हो जाता है वर्ना यह लाइलाज हो जाता है। उचित टीकाकरण हो (जैसे एच० पी० वी० टीका आदि) तब भविष्य में कैंसर रोगियों की संख्या में काफी गिरावट आ जाएगी। इसलिए ऐसे टीकाकरण के लिए लड़कियों को आगे आना चाहिए।
लोगों को कैंसर से बचाव के लिए धूम्रपान, तम्बाकू, शराब आदि का सेवन न करने की सलाह देना चाहिए। बीबी, बच्चों और धूम्रपान न करने वाले लोगों के सामने धूम्रपान एकदम नहीं करना चाहिए जिससे यह धूम्रपान न करने वालों को सेकेंड हैंड धुएं से दूर रखेगा। खाने में ब्रोकली के अलावा लहसुन, प्याज, अदरक, हल्दी, पपीता, कीनू, संतरे, गाजर, आम, कद्दू, अंगूर, टमाटर, तरबूज, फलियां और दाल के सेवन से भी कैंसर के जोखिम को काफी हद तक कम कर सकते हैं। समुदाय के लोगों के बीच जागरूकता पैदा करने के लिए IEC (सूचना शिक्षा संचार) सामग्री जैसे फ्लिपबुक, पोस्टर, लीफलेट/चित्रों के साथ पैम्फलेट आदि का उपयोग करके समुदाय में कैंसर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करें। उन्हें यह समझने की जरूरत है कि 'रोकथाम इलाज से बेहतर है। सभी लोगो को कैंसर से संबंधित पत्रक, विवरण पुस्तिका, फ्लिपबुक, पोस्टर, लीफलेट/चित्रों के साथ पैम्फलेट आदि वितरित किया गया ताकि वे अपने क्षेत्र में कार्यक्रम आयोजित कर और लोगो को कैंसर के बारे मे जागरुक कर सकें।
शिविर में चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अंग्रेश सिंह, डॉ. राकेश श्रीवास्तव, डॉ. संदीप कुमार कसोधान, अजय श्रीवास्तव, मिताली सिंह, देवेंद्र यादव, अंकित पांडेय, नारद मुनि, स्वास्थ्य केन्द्र के डॉक्टर एवं कर्मचारियों आदि का कार्य सराहनीय रहा।
Apr 29 2024, 11:45