NOTA से जुड़ी एक याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को जारी किया नोटिस, जानें क्या है मामला

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लोकसभा चुनाव 2024 के बीच NOTA ( (None Of The Above) का मुद्दा एक बार फिर चर्चा में है। सुप्रीम कोर्ट ने NOTA से जुड़ी एक याचिका पर चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया है। याचिका मोटिवेशनल स्पीकर और You Can Win के लेखक शिव खेड़ा ने लगाई है। इसमें चुनाव आयोग को निर्देश देने की मांग की गई है। ख्य न्यायधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अगुआई वाली बेंच ने यह फैसला सुनाया।

याचिका शिव खेड़ा ने आयोग को यह निर्देश देने की मांग की गई है कि यदि NOTA को किसी कैंडिडेट से ज्यादा वोट मिलते हैं, तो उस सीट पर हुए चुनाव को रद्द कर दिया जाए, साथ ही नए सिरे से चुनाव कराए जाएं। याचिका में यह नियम बनाने की भी मांग की गई है कि NOTA से कम वोट पाने वाले उम्मीदवारों को 5 साल के लिए सभी चुनाव लड़ने से बैन कर दिया जाए। साथ ही NOTA को एक काल्पनिक उम्मीदवार के तौर पर देखा जाए। 

याचिका सूरत में 22 अप्रैल को बीजेपी कैंडिडेट मुकेश दलाल की निर्विरोध जीत के संदर्भ में दायर की गई है। बता दें कि यहां से कांग्रेस कैंडिडेट नीलेश कुंभाणी का पर्चा रद्द हो गया था। दरअसल, उनके पर्चे में गवाहों के नाम और हस्ताक्षर में गड़बड़ी थी। इस सीट पर BJP और कांग्रेस समेत 10 प्रत्याशी मैदान में थे। साथ ही 21 अप्रैल को 7 निर्दलीय कैंडिडेट्स ने अपना नामांकन वापस ले लिया। वहीं सोमवार 22 अप्रैल को बीएसपी कैंडिडेट प्यारे लाल भारती ने भी पर्चा वापस ले लिया। इस तरह मुकेश दलाल निर्विरोध चुन लिए गए।

याचिका में ये 4 दलीलें भी दी गईं

• याचिकाकर्ता के मुताबिक NOTA के स्वरूप में सबसे अहम बदलाव महाराष्ट्र, हरियाणा, दिल्ली और पुडुचेरी में देखा गया। इन राज्यों के चुनाव आयोगों (SEC) ने ऐलान किया कि यदि किसी चुनाव में NOTA को सबसे ज्यादा वोट मिलते हैं तो वहां दोबारा वोटिंग होगी। NOTA की शुरुआत के बाद से चुनावी प्रक्रिया में यह पहला बड़ा बदलाव था।

• राज्य चुनाव आयोगों ने नोटिफिकेशन जारी किया, जिनमें NOTA को एक काल्पनिक उम्मीदवार बताया। इसमें साफतौर पर कहा गया- अगर NOTA को सबसे ज्यादा वोट मिले तो दूसरे नंबर के उम्मीदवार को विजेता घोषित करना NOTA के सिद्धांत और उद्देश्य का उल्लंघन है।

• सुप्रीम कोर्ट का NOTA लाने का मकसद यह उम्मीद करना था कि इससे चुनावों में मतदाताओं की भागीदारी बढ़ेगी, लेकिन ऐसा लगता है कि ऐसा नहीं हुआ। ऐसा तभी हो सकता है जब राज्य और केंद्र चुनाव आयोग महाराष्ट्र, दिल्ली, पुडुचेरी और हरियाणा की तरह NOTA को भी अधिकार दें।

• महाराष्ट्र, दिल्ली, पुडुचेरी और हरियाणा में पंचायत और नगरपालिका चुनावों से NOTA के लिए जो प्रयास शुरू हुआ है, उसे सभी स्तरों पर समान रूप से लागू किया जाना चाहिए।

क्या है नन ऑफ द अबव (NOTA)

NOTA एक वोटिंग ऑप्शन है, जिसे वोटिंग सिस्टम में सभी उम्मीदवारों के लिए असहमति दिखाने के लिए डिजाइन किया गया है। इसे भारत में पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज (PUCL) बनाम यूनियन ऑफ इंडिया के फैसले में 2013 के सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद EVM में जोड़ा गया था। हालांकि, भारत में NOTA राइट टू रिजेक्ट के लिए नहीं दिया गया है।

मौजूदा कानून के मुताबिक, NOTA को ज्यादा वोट मिलते हैं तो इसका कोई कानूनी नतीजा नहीं होता। ऐसी स्थिति में अगले उम्मीदवार को विजेता घोषित किया जाएगा।

हृदय रोग से पीड़ित पाकिस्तानी लड़की को भारत में मिला हृदय दाता, 35 लाख रुपए मूल्य का ऑपरेशन भी मुफ्त में हुआ, पढ़िए, पूरी रिपोर्ट

हृदय रोग से पीड़ित एक पाकिस्तानी किशोरी को दिल्ली में हृदय दाता मिलने के बाद नया जीवन मिला। उन्नीस वर्षीय आयशा रशन पिछले एक दशक से हृदय रोग से पीड़ित थीं। 2014 में, उन्होंने भारत का दौरा किया, जहां उनके असफल हृदय को सहारा देने के लिए एक हृदय पंप प्रत्यारोपित किया गया। दुर्भाग्य से, उपकरण अप्रभावी साबित हुआ और डॉक्टरों ने उसकी जान बचाने के लिए हृदय प्रत्यारोपण की सिफारिश की। आयशा राशन के परिवार ने चेन्नई के MGM हेल्थकेयर अस्पताल में इंस्टीट्यूट ऑफ हार्ट एंड लंग ट्रांसप्लांट के निदेशक डॉ केआर बालाकृष्णन और सह-निदेशक डॉ सुरेश राव से परामर्श मांगा। मेडिकल टीम ने सलाह दी कि हृदय प्रत्यारोपण आवश्यक था, क्योंकि आयशा के हृदय पंप में रिसाव हो गया था, और उसे एक्स्ट्रा कॉर्पोरियल मेम्ब्रेन ऑक्सीजनेशन (ECMO) प्रक्रिया पर रखा गया था।

हालाँकि, परिवार ने प्रत्यारोपण प्रक्रिया के लिए आवश्यक लगभग 35 लाख रुपये वहन करने में असमर्थता का हवाला देते हुए संकोच किया। इसके बाद मेडिकल टीम ने परिवार को ऐश्वर्यम ट्रस्ट (Aishwaryam Trust) से जोड़ा, जिसने वित्तीय सहायता प्रदान की। छह महीने पहले, आयशा रशन को दिल्ली से एक हृदय मिला था, और देश में उनके 18 महीने के प्रवास के बाद MGM हेल्थकेयर में प्रत्यारोपण सर्जरी मुफ्त में की गई थी। आशा और कृतज्ञता से भरी आयशा ने अपनी खुशी व्यक्त की और डॉक्टरों के साथ-साथ भारत सरकार को उनके समर्थन के लिए धन्यवाद दिया।

आयशा की मां सनोबर ने याद करते हुए कहा कि जब वे भारत पहुंचे तो आयशा बमुश्किल जीवित थी, उसकी हालत बिगड़कर केवल 10 प्रतिशत रह गई थी। सनोबर ने कहा कि "सच कहूं तो, भारत की तुलना में पाकिस्तान में कोई अच्छी चिकित्सा सुविधाएं नहीं हैं। मुझे लगता है कि भारत बहुत मित्रवत है। जब पाकिस्तान में डॉक्टरों ने कहा कि कोई प्रत्यारोपण सुविधा उपलब्ध नहीं है, तो हमने डॉ केआर बालाकृष्णन से संपर्क किया। मैं भारत और डॉक्टरों को धन्यवाद देताी हूं।'' आयशा अब एक नई आशा से भरी हुई है और एक फैशन डिजाइनर बनने का सपना देखती है।

बंगाल में मतदान के दौरान भाजपा कार्यकर्ता की हत्या, फांसी पर लटका मिला चोटिल शव, TMC पर लगा आरोप

भाजपा ने सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस पर पूर्व मेदिनीपुर जिले में अपने एक कार्यकर्ता की बेरहमी से हत्या करने का आरोप लगाया। भाजपा के अनुसार, पार्टी कार्यकर्ता, जिसकी पहचान 18 वर्षीय दीनबंधु मिद्या के रूप में हुई है, बुधवार से लापता था और गुरुवार रात को उसके शरीर पर चोट के निशान के साथ लटका हुआ पाया गया।

बंगाल भाजपा ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि, "TMC एक तालिबानी (T) पार्टी है, जिसका मकसद क्रूर तरीके से (M) की हत्या करना है। दीनबंधु (धनंजय) मिद्या, 18 साल का था। उसके पिता, सुदर्शन मिद्या, गोरामहल गांव में एक सक्रिय भाजपा कार्यकर्ता हैं। बुधवार से वह लापता है। उसे कल रात (गुरुवार) फांसी पर लटका हुआ पाया गया। उसके शरीर पर चोट के निशान हैं। जिस अवस्था में शव मिला है, उसके शरीर के कुछ हिस्से जमीन को छू रहे हैं।'' 

बीजेपी सांसद लॉकेट चटर्जी ने भी दीनबंधु मिद्या की हत्या की निंदा की और TMC के गुंडों पर अपराध करने का आरोप लगाया। चटर्जी ने यह भी कहा कि क्रूरता के साथ विपक्षी आवाजों को चुप कराने की TMC की तालिबान की रणनीति का पुरजोर विरोध किया जाना चाहिए। चटर्जी ने एक पोस्ट में कहा कि, "TMC के गुंडों द्वारा एक समर्पित भाजपा कार्यकर्ता सुदर्शन मिद्या के बेटे दीनबंधु मिद्या की बर्बर हत्या कायरतापूर्ण कृत्य है। क्रूरता के साथ विपक्षी आवाजों को चुप कराने की टीएमसी की तालिबानी रणनीति का कड़ा विरोध किया जाना चाहिए।" 

बता दें कि यह घटना ऐसे समय हुई है जब पश्चिम बंगाल में दूसरे चरण के लिए तीन सीटों दार्जिलिंग, रायगंज और बालुरघाट पर मतदान चल रहा है। पिछले साल पंचायत चुनाव के दौरान बीजेपी ने टीएमसी पार्टी पर उनके खिलाफ हिंसक कृत्य करने का आरोप लगाया था। बंगाल में हर चुनाव के दौरान हिंसा देखी जाती है, जिसका आरोप अकसर सत्ताधारी TMC पर लगता है।

लोकसभा चुनाव : कल से चुनाव प्रचार का जिम्मा संभालेंगी सुनीता केजरीवाल, जानिए, इस लोकसभा सीट पर रोड शो से होगी शुरुआत


दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल शनिवार से लोकसभा चुनाव प्रचार करती दिखेंगी। दिल्ली की मंत्री और आप नेता आतिशी ने इसकी पुष्टि की। सुनीता केजरीवाल सबसे पहले पूर्वी दिल्ली पहुंचेंगी और रोड शो करेंगी।

बता दें, पूर्वी दिल्ली से कुलदीप कुमार आप के प्रत्याशी हैं। इससे पहले सुनीता केजरीवाल अभी तक वीडियो संदेश के जरिए सीएम केजरीवाल का संदेश पढ़ती थीं। वहीं वह रामलीला मैदान में रैली को भी संबोधित किया था। इसके बाद उन्होंने रांची में भी I.N.D.I.A. रैली को संबोधित किया था।

27 अप्रैल को पूर्वी दिल्ली में करेंगी रोड शो

दिल्ली की मंत्री और AAP नेता आतिशी ने कहा, “अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के विरोध में उनकी पत्नी सुनीता केजरीवाल लोकसभा चुनाव के मैदान में उतरेंगी और AAP उम्मीदवारों के लिए वोट मांगेंगी। इसकी शुरुआत कल दिल्ली से होगी। 27 अप्रैल को वह पूर्वी दिल्ली में रोड शो करेंगी। फिर वह 28 अप्रैल को पश्चिमी दिल्ली लोकसभा क्षेत्र में रोड शो करेंगी। सुनीता केजरीवाल पंजाब, हरियाणा और गुजरात का भी दौरा करेंगी।”

आप ने सुनीता को बनाया था स्टार प्रचारक

बता दें, सीएम अरविंद केजरीवाल को ईडी ने 21 मार्च को गिरफ्तार कर लिया था। इसके बाद यह सवाल उठने लगे थे कि आखिर लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार का जिम्मा कौन संभालेगा? सीएम के जेल जाने की बदली परिस्थितियों में सुनीता केजरीवाल की भूमिका सामने आ गई है। आम आदमी पार्टी ने सुनीता को गुजरात के लिए जारी स्टार प्रचारकों की लिस्ट में भी जगह दी थी। उनका नाम इस लिस्ट में सीएम केजरीवाल के ठीक बाद था।

EVM-VVPAT पर आए फैसले के बाद विपक्ष पर बरसे PM मोदी, बोले-मतपेटियां लूटने वालों को मिला जवाब

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज बिहार के अररिया में चुनावी रैली को संबोधित किया। पीएम नरेंद्र मोदी ने चुनाव प्रचार के दौरार अररिया में हुई इस जनसभा में ईवीएम को लेकर विपक्ष पर निशाना साधा। ईवीएम और वीवीपैट पर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि कोर्ट ने साफ कह दिया है कि बैलेट पेपर वाला पुराना दौर वापस लौटकर नहीं आएगा। पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, इंडी गठबंधन के हर नेता ने ईवीएम को लेकर जनता के मन में संदेह पैदा करने का पाप किया है। आज सुप्रीम कोर्ट ने इनको गहरा झटका दिया है।

देश की सर्वोच्च न्यायालय ने ऐसा करारा तमाचा मारा

पीएम मोदी ने कहा कि आज पूरी दुनिया भारत के चुनावी प्रक्रिया की तारीफ करती है। लेकिन, इंडी गठबंधन के लोग ईवीएम को लेकर दुष्प्रचार करते हैं। विपक्ष के लोग ईवीएम को हटाना चाहते थे। आज इन्हीं लोगों ने देश की सर्वोच्च न्यायालय ने ऐसा करारा तमाचा मारा है कि यह लोग मुंह मोड़कर देख नहीं पाएंगे। इन लोगों को अब देश से माफी मांगनी चाहिए।

कोर्ट ने विपक्षी दलों को सिखाया सबक

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि बिहार में पहले कांग्रेस-आरजेडी के शासन में बूथ लूट होती थी। वोटिंग के दिन यहां कमजोरों, गरीबों,पिछड़ों, दलितों को डंडे की चोट पर बूथ से बाहर रखा जाता था। अब ये लोग फिर से वही चाहते थे लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में इन्हें सबक सिखा दिया। पीएम ने कहा कि जिन्होंने दशकों तक बैलेट पेपर के बहाने गरीबों का अधिकार छीना, वे आज कोर्ट के फैसले के आगे शर्मिंदा हैं।

कांग्रेस और राजद पर साधा निशाना

देश में आज दो धारा बन गई है। एक धारा एनडीए की है। जिसका मकसद है देश को सशक्त करना। इसके विपरीत कांग्रेस और राजद का मकसद है देश को गुमराह करना। विकास के लिए जनता को तरपाना। अपनी तिजौरी भरना। इन दोनों पार्टियों ने बिहार के लोगों को दाने-दाने के लिए तरसा दिया। किसी के पास नौकरी है तो उनकी जमीन छीन लो। कोई थोड़ा भी सामर्थ्यवान है तो उसका अपहरण करवा लो। यह जंगलराज की पहचान है।

कांग्रेस की आरक्षण नीति पर भी निशाना

पीएम मोदी ने कहा कि अब कांग्रेस ने दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों के आरक्षण का हक छीनने की बहुत गहरी साजिश रची है। देश के संविधान ने साफ-साफ कहा है कि भारत में धर्म आधारित आरक्षण नहीं हो सकता। लेकिन कांग्रेस पूरे देश में धर्म आधारित आरक्षण के लिए जोर लगा रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस चाहती है कि उसका कर्नाटक का आरक्षण मॉडल पूरे देश में लागू हो।

पहली बार अयोध्या जाएगा नेहरू-गांधी परिवार का कोई सदस्य ! राहुल-प्रियंका को लेकर कांग्रेस ने बनाया बड़ा प्लान तो लोग उठाने लगे कई सवाल

कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी 26 अप्रैल को दूसरे चरण के मतदान में मैदान में होंगे। राहुल गांधी, जो वायनाड से कांग्रेस के मौजूदा सांसद हैं, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) नेता एनी राजा के खिलाफ होंगे। वायनाड सीट पर मुकाबला खत्म होने के साथ, अब सभी की निगाहें उत्तर प्रदेश के रायबरेली और अमेठी के चुनावी परिदृश्य पर हैं। अमेठी और रायबरेली के प्रमुख निर्वाचन क्षेत्रों के लिए नामांकन एक ही दिन, 26 अप्रैल को खुलने वाले हैं। 

सूत्रों ने कहा कि प्रियंका गांधी वाड्रा और राहुल गांधी के अमेठी और रायबरेली जाने से पहले अयोध्या जाने और राम मंदिर में प्रार्थना करने की संभावना है। उल्लेखनीय है कि, नेहरू-गांधी परिवार का कोई भी वंशज आज तक अयोध्या नहीं गया है। पंडित नेहरू से लेकर मौजूदा गाँधी परिवार को निमंत्रण मिलने के बावजूद एक भी सदस्य राम लला के दर्शन करने नहीं गया। माना जाता है कि, इसके पीछे कांग्रेस की विचारधारा भी हो सकती है, जो श्री राम को काल्पनिक मानती है। साथ ही पार्टी को ये डर भी हो सकता है, कि अयोध्या जाने से उसका मुस्लिम वोट बैंक नाराज़ न हो जाए, जो चुनावों में उसे एकतरफा वोट करता रहा है। गौरतलब है कि, कांग्रेस सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में बाकायदा हलफनामा देते हुए कहा था कि राम रावण का कोई युद्ध हुआ ही नहीं और राम एक काल्पनिक चरित्र हैं। हालाँकि, इसका भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने कड़ा विरोध किया था। यदि कांग्रेस सरकार का वो हलफनामा मान लिया जाता, तो राम मंदिर कभी नहीं बनता। क्योंकि, जो काल्पनिक हैं, उनका जन्मस्थान कैसा ? और हिन्दू पक्ष का यही दावा था कि उस जगह पर ही श्री राम का जन्म हुआ था। लेकिन, सूत्रों का कहना है कि, अभी चुनावी मौसम में कांग्रेस ने हिन्दू वोटों को आकर्षित करने के लिए अयोध्या जाने का प्लान बनाया है।

कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि इस बात की प्रबल संभावना है कि राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा, क्रमशः अमेठी और रायबरेली से चुनाव लड़ सकते हैं, दोनों सीट गाँधी परिवार का गढ़ हैं। हालांकि सूत्रों का कहना है कि इस मोर्चे पर कोई भी औपचारिक घोषणा या प्रगति 30 अप्रैल से पहले नहीं हो सकती है, लेकिन पार्टी हलकों में अटकलें तेज हैं। यूपी की दो सीटों के लिए राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की संभावित उम्मीदवारी के बारे में कांग्रेस नेता चुप्पी साधे हुए हैं।

चर्चा को बढ़ाते हुए, सूत्रों ने यह भी संकेत दिया है कि अमेठी और रायबरेली जाने से पहले राम लला से आशीर्वाद लेने के लिए प्रियंका और राहुल गांधी अयोध्या की संभावित यात्रा कर सकते हैं। हालाँकि, इस घटनाक्रम की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। वहीं, कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने संकेत दिया है कि यदि दोनों नेता चुनाव लड़ने का फैसला करते हैं तो बैक-टू-बैक नामांकन की संभावना हो सकती है, जिससे नामांकन दाखिल करने के लिए 1 मई से 3 मई के बीच एक संकीर्ण खिड़की छोड़ दी जाएगी। 3 मई नामांकन का आखिरी दिन है, जिससे कांग्रेस खेमे के भीतर निर्णय लेने की प्रक्रिया में तेजी आ गई है।

वहीं, केंद्रीय मंत्री और अमेठी प्रत्याशी स्मृति ईरानी ने सोमवार को भेंटुआ और भादर में नुक्कड़ सभाओं को संबोधित करते हुए कहा कि, ”26 अप्रैल को वायनाड में वोटिंग होने के बाद राहुल गांधी अमेठी को अपना परिवार बताने के लिए आएंगे और यहां समाज में जातिवाद की आग लगाने का काम करेंगे।” केंद्रीय मंत्री ने संकेत दिया कि 26 अप्रैल के बाद राहुल गांधी अमेठी से भी चुनाव लड़ सकते हैं। बता दें कि, राहुल गांधी ने 2004 में अमेठी से अपनी राजनीतिक शुरुआत की और 2019 में भाजपा की स्मृति ईरानी से हारने से पहले तीन बार सीट जीती। हालांकि, गांधी वायनाड से लोकसभा सीट सुरक्षित करने में कामयाब रहे।

2004 से रायबरेली कांग्रेस का गढ़ रहा है। 2004 से सोनिया गांधी के पास रायबरेली सीट थी। हालांकि, फरवरी में, सोनिया गांधी राज्यसभा के लिए चुनी गईं और उन्होंने घोषणा की कि वह 2024 के आम चुनावों में रायबरेली से चुनाव नहीं लड़ेंगी। विशेष रूप से, रायबरेली उत्तर प्रदेश की एकमात्र सीट थी जहां कांग्रेस 2019 के लोकसभा चुनाव में जीतने में कामयाब रही। लगातार अटकलें लगाई जा रही हैं कि क्या इस साल के लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के गढ़ रायबरेली और अमेठी को कोई गांधी दावेदार मिलेगा। दोनों सीटों पर पांचवें चरण में 20 मई को मतदान होगा।

मैं पिछले जन्म में बंगाल में पैदा हुआ था' या अगले जन्म में यहीं पैदा लूंगा, दीदी ममता बनर्जी के गढ़ में बोले पीएम मोदी, टीएमसी पर जमकर बोला हमला

पश्चिम बंगाल के मालदा जिले में आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनसभा को संबोधित करते हुए तृणमूल कांग्रेस पर जमकर हमला बोला। पीएम मोदी ने कहा कि आप इतना प्यार दे रहे हैं कि मुझे लगता है कि मैं पिछले जन्म में बंगाल में पैदा हुआ था या अगले जन्म में बंगाल में पैदा होंऊंगा। आपकी तपस्या मैं बेकार नहीं जाने दूंगा। पीएम ने कहा कि बंगाल में लोकतंत्र के पर्व का एक अलग उत्साह दिखाता है। पीएम मोदी ने टीएमसी पर निशाना साधते हुए कहा कि एक समय था जब बंगाल पूरे देश के विकास का नेतृत्व करता था लेकिन पहले लेफ्ट और फिर TMC ने अपने शासन में बंगाल की इस महानता को चोट पहुंचाई। उन्होंने बताया कि TMC के राज में बंगाल में एक ही चीज चलती है हजारों करोड़ो के स्कैम, शारदा चीट फंड स्कैम, पशु तस्करी घोटाला, राशन घोटाले, कोयला घोटाले आदि घोटाले TMC करती है और भुगतना बंगाल की जनता को पड़ता। यहां कोई काम नहीं है जो बिना कमीशन के होता हो।

कहा कि बंगाल के 50 लाख से ज्यादा किसानों के खाते में पीएम किसान सम्मान निधि के 8 हजार करोड़ रुपये सीधे भेजे गए हैं लेकिन TMC सरकार को देखिए, वो आपको लूटने का कोई मौका नहीं छोड़ती। मैं केंद्र से बंगाल के विकास के लिए, यहां की सरकार को जो पैसा भेजता हूं, वो TMC के नेता, मंत्री और घोटालेबाज मिलकर खा जाते हैं।

'TMC लगातार CAA को लेकर फैला रही झूठ'

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि TMC और कांग्रेस यहां आपस में लड़ने का दिखावा जरूर करती है लेकिन इनका आचार, व्यवहार बिलकुल एक जैसा है। इन दोनों को एक चीज़ जो जोड़कर रखती है वह तुष्टीकरण है। उन्होंने कहा कि TMC और कांग्रेस के नेता कह रहे हैं कि ये सत्ता में हुए तो CAA रद्द कर देंगे। CAA नागरिकता छीनने का नहीं नागरिकता देने का कानून है। TMC लगातार झूठ फैला रही है। पीएम ने कहा कि मुझे विश्वास है कि पहले चरण में TMC, कांग्रेस जैसे दल जो पस्त हो रहे थे अब दूसरे चरण में ध्वस्त हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि पहले चरण जो दल पस्त हो गये थे दूसरे चरण घ्वस्त हो जायेंगे।

'TMC ने महिलाओं के साथ किया विश्वासघात' 

 पीएम मोदी ने कहा कि मां-माटी-मानुष की बात कहकर सत्ता में आई TMC ने सबसे बड़ा विश्वासघात यहां की महिलाओं से ही किया है। जब बीजेपी सरकार ने मुस्लिम बहनों को अत्याचार से बचाने के लिए तीन तलाक खत्म किया, तो टीएमसी ने इसका विरोध किया। संदेशखाली में महिलाओं पर इतने अत्याचार हुए और टीएमसी सरकार आखिर तक मुख्य आरोपी को बचाती रही।

चारधाम यात्रा 2024 में 10 वर्ष से अधिक पुरानी बसों पर प्रतिबंध, अब नहीं लागू होगा 177 व्हीलबेस का नियम, जानिए क्या किए गए प्रावधान

 

चार धाम यात्रा में दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने और यात्रियों की सुरक्षा के दृष्टिगत सरकार ने 10 वर्ष से अधिक पुरानी बसों के संचालन पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसके अलावा चार धाम यात्रा में संचालित होने वाली बसों पर 177 व्हीलबेस का नियम भी लागू नहीं होगा।

सरकार ने डेढ़ माह पूर्व ही पर्वतीय मार्गों पर अधिकतम 166 व्हीलबेस को बढ़ाकर 177 कर दिया था। इसके बाद पर्वतीय मार्गों पर बड़ी बसों के संचालन को ग्रीन सिगनल मिल गया था, जिसका स्थानीय व चार धाम यात्रा के परिवहन कारोबारी विरोध कर रहे थे।

परिवहन विभाग ने कारोबारियों की मांग के अनुसार चार धाम यात्रा में केवल 166 व्हीलबेस की बसों के संचालन की ही अनुमति दी है। निर्धारित व्हीलबेस से 60 प्रतिशत रियर ओवरहैंग यानी बस का पिछला हिस्सा 60 प्रतिशत अधिक होने पर भी उसका संचालन किया जा सकेगा।

पर्वतीय मार्गों की दशा सुधरने और चौड़ीकरण के बाद गत 14 मार्च को राज्य परिवहन प्राधिकरण ने पर्वतीय मार्गों पर बसों का व्हीलबेस बढ़ाने की मंजूरी दे दी थी। इस आदेश के क्रम में पर्वतीय मार्गों पर बस का रियर ओवरहैंग व्हीलबेस के 50 प्रतिशत तक होने की छूट दी गई थी।

चार धाम यात्रा के संयुक्त रोटेशन व परिवहन कारोबारी इसका विरोध कर रहे थे। उनका आरोप था कि सरकार ने यह कदम दूसरे राज्यों की बसों को लाभ पहुंचाने के लिए किया है। गुरुवार को यात्रा के नोडल अधिकारी/आरटीओ सुनील शर्मा ने 177 व्हीलबेस की बस व 10 वर्ष से अधिक पुरानी बसों के चार धाम यात्रा में संचालन पर रोक लगाने के आदेश कर दिए।

यह भी आदेश है कि चार धाम यात्रा में जो बसें बाहर से मंगाई जाएंगी, उन्हें न्यूनतम तीन ट्रिप अवश्य दिए जाएंगे। यात्रा में आवश्यकता पड़ने पर हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश के सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, मेरठ, मुरादाबाद, बिजनौर, बरेली से भी बसें मंगाई जाएंगी। संबंधित क्षेत्र से सटे उत्तराखंड के एआरटीओ को बसों की अग्रिम सूची उपलब्ध कराने को कहा है।

यह होता है व्हीलबेस

किसी का बस का व्हीलबेस उसके दोनों टायर (अगले-पिछले) के मध्य की दूरी होती है। यानी अगर किसी बस के दोनों टायरों के सेंटर प्वाइंट (एक्सल) की दूरी 15 फीट है तो यही बस का व्हीलबेस होगा।

इसी क्रम में फ्रंट ओवरहैंग अगले टायर के एक्सल से आगे निकले हुए बस की बाडी के हिस्से को कहते हैं, जबकि रियर ओवरहैंग पिछले टायर के एक्सल से पीछे की तरफ निकले हुए हिस्से को कहते हैं।

शर्मनाक: पत्नी चली गई मायके तो नाबालिग बेटी का बलात्कार करने लगा शख्स, पुलिस के सामने बयां किया दर्द, हुआ गिरफ्तार

मध्यप्रदेश के बुरहानपुर से एक शर्मनाक घटना सामने आई है। यहां के खकनार थाना क्षेत्र में एक पिता पर अपनी ही बेटी के साथ कई दिनों से निरंतर बलात्कार करने का आरोप है। पिता के गंदे काम से तंग आकर नाबालिग ने अपने पड़ोस में रहने वाली एक महिला से उसके साथ हुई बर्बरता के बारे में बताया। महिला से बताने के पश्चात् यह मामला थाने तक पहुंचा। पुलिस ने शिकायत प्राप्त होने के बाद आरोपी पिता को गिरफ्तार कर लिया है।

जानकारी के मुताबिक, अपने पिता के इस गंदे काम से तंग आकर पीड़ित बेटी ने पड़ोस में रहने वाली दादी को अपने साथ हो रही बर्बरता के बारे में बताया। पड़ोस में रहने वाली महिला ने गांव के उप-सरपंच एवं पीड़ित बच्ची के नाना को घटना के बारे में जानकारी दी। तत्पश्चात, पीड़िता ने खकनार थाने पहुंचकर मामले की शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने अपराधी पिता के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के साथ ही उसे गिरफ्तार भी कर लिया है। एसडीओपी निर्भय सिंह ने बृहस्पतिवार दोपहर घटना स्थल का निरीक्षण किया।

पुलिस को दी गई लिखित शिकायत में पीड़िता ने कहा, "मेरे पिता ने होली के दिन मेरी मां के साथ मारपीट की थी, तब मेरी मां घर से चली गई। मेरी मां के घर से जाने के दो दिन बाद से मेरे पिता रात के वक़्त मेरे साथ गलत काम करते हैं। 24 अप्रैल को रात 8 बजे मेरे दोनों भाई बाहर सो रहे थे तथा मैं और मेरे पिता घर के अंदर सो रहे थे। तभी मेरे पिता ने फिर गलत काम किया।" 

लड़की ने पिता पर इल्जाम लगाते हुए कहा कि मेरे पिता के रोज गलत काम करने से मैं परेशान हो गई। तब पड़ोस में रहने वाली दादी के घर गई तथा उन्हें सारी बात बताई। दादी ने गांव के उप सरपंच एवं मेरे नाना को इस बारे में बताया। उनके साथ मैं शिकायत करने पहुंची। इस मामले की जानकारी देते हुए खकनार थाना प्रभारी विनय आर्य ने बताया कि रेप एवं पॉक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि इस मामले में बुधवार की रात में ही FIR दर्ज कर ली गई थी। अपराधी को गिरफ्तार भी कर लिया गया है। मामले की तहकीकात की जा रही है।

दिग्विजय सिंह के बेटे ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को बताया 'बाहरी' प्रत्याशी', बोले- 'उनसे फोन पर बात करना असंभव'

गुना लोकसभा सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार यादवेन्द्र सिंह यादव के लिए प्रचार में जुटे दिग्विजय सिंह के बेटे जयवर्द्धन सिंह ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को बाहरी उम्मीदवार बता दिया है। कांग्रेस MLA ने लोगों से कहा- उस व्यक्ति को उम्मीदवार चुनें जो सरलता से उपलब्ध हो सके। कांग्रेस उम्मीदवार राव यादवेंद्र सिंह के समर्थन में राघौगढ़ MLA जयवर्द्धन सिंह ने गुना शहर के विभिन्न वार्डों में जनसम्पर्क किया। जनसंपर्क के चलते जयवर्द्धन ने लोगों से कहा कि ज्योतिरादित्य सिंधिया जैसे हाईप्रोफाइल एवं बाहरी नेता की बजाए स्थानीय जनप्रतिनिधि राव यादवेंद्र को अपना समर्थन दें, जिससे चुनाव सरलता से लोग अपने सांसद से मिल सकें तथा उनकी समस्या का समाधान हो सके। 

राव यादवेंद्र सिंह के समर्थन में कांग्रेस नेता जयवर्द्धन सिंह ने शहर में नुक्कड़ सभाओं को संबोधित किया। उन्होंने 'लाड़ली बहना योजना' के सामने 'नारी सम्मान योजना' का जिक्र करते हुए महिलाओं को बताया कि देश में कांग्रेस की सरकार बनती है तो प्रत्येक गरीब महिला को सालाना 1 लाख रुपए तक दिए जाएंगे। जयवर्द्धन सिंह ने बताया, 5 वर्ष पहले गुना की जनता संदेश दे चुकी है कि उन्हें बाहरी उम्मीदवार नहीं चाहिए, इसीलिए उन्होंने केपी यादव को चुना था। इसी को ध्यान में रखते हुए कांग्रेस ने इस बार उन 18 लाख मतदाताओं में से ही उम्मीदवार दिया है, जो इस लोकसभा क्षेत्र की सूची में सम्मिलित है। 

राघौगढ़ MLA ने लोगों को स्थानीय जनप्रतिनिधि चुनने के फायदे बताते हुए समझाया कि ज्योतिरादित्य सिंधिया दिल्ली रहते हैं। कभी-कभी ग्वालियर आते हैं। माह में एक बार गुना भी आ जाते हैं। किन्तु उनसे सीधे फोन पर बात करना संभव नहीं है। जबकि यादवेंद्र जमीन से जुड़े नेता हैं, उनसे कभी सम्पर्क किया जा सकता है। यादवेन्द्र सहज रूप से उपलब्ध होंगे। जयवर्धन ने बीजेपी द्वारा दिए जा रहे डबल इंजन के जुमले की तुलना में बमौरी MLA एवं उनकी जोड़ी को डबल इंजन बताया। जबकि यादवेंद्र को जिताने पर ट्रिपल इंजन तैयार होने की बात कही। 

 

कांग्रेस प्रत्याशी यादवेंद्र सिंह ने बयान देते हुए कहा कि स्वतंत्रता के पश्चात् से निरंतर एक ही परिवार को सांसद के रूप में चुनने के बाद भी क्षेत्र में विकास नहीं हो पा रहा है। अधिकतर युवा बेरोजगार हैं, रोजगार के तलाश में अन्य प्रदेशों का रुख करते हैं। इसी प्रकार बिजली बिल कमर तोड़ रहे हैं, यदि कोई गरीब बिल जमा नहीं कर पा रहा है तो उसके खिलाफ निरंतर मुकदमा दर्ज किए जा रहे हैं। यादवेंद्र ने दावा किया कि क्षेत्र ने उन्हें चुना तो लोगों के जीवन में परिवर्तन आएगा तथा ऐसे मुद्दों पर पहले काम किया जाएगा, जो रोजमर्रा की गतिविधियों पर प्रभाव डालते हैं।