लोकसभा चुनाव 2024: राहुल गांधी से हेमा मालिनी तक, दूसरे चरण में इन दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर*
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लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण के लिए आज मतदान हो रहा है। इस चरण में केरल में 20, कर्नाटक में 14, राजस्थान में 13, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र में आठ-आठ, मध्य प्रदेश में छह, असम और बिहार में पांच-पांच, बंगाल और छत्तीसगढ़ में तीन-तीन और मणिपुर, त्रिपुरा, जम्मू-कश्मीर में एक-एक सीटों पर मतदान हो रहा है। इसके साथ ही 13 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 88 सीटों पर चुनाव लड़ रहे कुल 1202 उम्मीदवारों की किस्मत ईवीएम में कैद हो जाएगी। दूसरे चरण में तमाम दलों को ऐसे कई दिग्गज मैदान में हैं जिन पर पूरे देश की निगाहें टिकी हुई हैं। इनमें कांग्रेस के राहुल गांधी, शशि थरूर, बीजेपी से हेमा मालिनी और अरुण गोविल तथा सीपीआई की एनी राजा शामिल हैं। बात करते हैं उन दिग्गजों की जिनकी साख दांव पर लगी है।इसमें सबसे चर्चित सीट वायनाड है। यहां से कांग्रेस नेता राहुल गांधी दूसरी बार चुनाव लड़ रहे हैं। इसके अलावा छह केंद्रीय मंत्री, दो पूर्व मुख्यमंत्री, लोकसभा अध्यक्ष और कई पूर्व मंत्रियों के भाग्य का फैसला भी इस चरण में होने वाला है। *राहुल गांधी:* पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी केरल की वायनाड सीट से एक बार फिर से चुनाव मैदान में हैं। राहुल 2019 में यहां से जीते थे। इस बार उनका मुकाबला भाजपा के के. सुरेंद्रन और भाकपा की एनी राजा से है। *राजीव चंद्रशेखर बनाम शशि थरूर:* केरल की तिरुवनंतपुरम सीट पर सियासी लड़ाई भी दिलचस्प है। कांग्रेस ने यहां से एक बार फिर से शशि थरूर को टिकट दिया है। वहीं, भाजपा ने यहां से केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर को मैदान में उतारा है। राजीव चंद्रशेखर राज्यसभा सांसद रह चुके हैं और अब लोकसभा चुनाव में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। राज्य की सत्ता पर काबिज वाम दलों की ओर से भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के पन्नियन रवींद्रन तिरुवनंतपुरम सीट पर उम्मीदवार हैं। 2019 में यहां कांग्रेस से शशि थरूर को जीत मिली थी। *हेमा मालिनी:* उत्तर प्रदेश की चर्चित सीटों में शुमार मथुरा से फिल्म अभिनेत्री हेमा मालिनी तीसरी बार भाजपा के टिकट पर चुनाव में उतरी हैं। उनके सामने इस बार कांग्रेस से मुकेश धनगर और बसपा से सुरेश सिंह की दावेदारी है। हालांकि, पहले चर्चा थी कि हेमा मालिनी के सामने कांग्रेस बॉक्सर विजेंदर सिंह को उतारेगी लेकिन बाद में वह भाजपा में शामिल हो गए। 2019 में मथुरा लोकसभा सीट पर भाजपा के टिकट पर हेमा मालिनी को जीत मिली थी। *अरुण गोविल:* उत्तर प्रदेश के मेरठ से अभिनेता अरुण गोविल किस्मत आजमा रहे हैं। गोविल वही अभिनेता हैं जिन्होंने 80 के दशक में दूरदर्शन पर आए रामायण धारावाहिक में भगवान राम की भूमिका निभाई थी। इस चुनाव में अरुण गोविल भगवान राम की तस्वीरों के साथ चुनाव प्रचार करते दिखे। उनके प्रचार अभियान में रामायण में मां सीता बनीं दीपिका चिखलिया और लक्ष्मण की भूमिका निभाने वाले सुनील लहरी भी जुड़े। इस चुनाव में अरुण गोविल के सामने सपा से सुनीता वर्मा और बसपा से देवव्रत त्यागी मैदान में हैं। *दानिश अली:* उत्तर प्रदेश की अमरोहा सीट भी इस बार चर्चा में है। पिछले चुनाव में इस सीट पर बसपा से चुनाव जीतने वाले दानिश अली इस बार कांग्रेस के उम्मीदवार हैं। अमरोहा सांसद दानिश अली हाल ही में कांग्रेस में शामिल हुए थे। इससे पहले बसपा ने पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते दानिश को पार्टी से निकाल दिया था। इस चुनाव में दानिश का सामना भाजपा के कंवर सिंह तंवर और बसपा के मुजाहिद हुसैन से है। *केसी वेणुगोपाल:* कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल की दावेदारी ने केरल की अलप्पुझा सीट को चर्चित बना दिया है। एआईसीसी महासचिव (संगठन) और राहुल गांधी के करीबी सहयोगी इस सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। अलप्पुझा राज्य की एकमात्र लोकसभा सीट है जो 2019 में वाम दलों के पास थी। 2019 में कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ ने राज्य की 20 में से 19 सीटों पर जीत हासिल की थी। इस चुनाव में वेणुगोपाल के सामने माकपा से एएम आरिफ और भाजपा से शोभा सुरेंद्रन हैं। 2019 में अलप्पुझा सीट पर माकपा के एएम आरिफ को सफलता मिली थी। उस चुनाव में 80.35% मतदान दर्ज किया गया था। *पप्पू यादव:* बिहार में इस बार पूर्णिया सीट की खूब चर्चा है। पूर्णिया से पूर्व सांसद पप्पू यादव ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में नामांकन किया है, जिससे इस सीट का मुकाबला दिलचस्प हो गया है। पप्पू यादव कांग्रेस के टिकट पर यहां से चुनाव लड़ना चाहते थे लेकिन महागठबंधन में बात नहीं बनी। इसी प्रयास में कुछ दिन पहले पूर्व सांसद ने अपनी पार्टी जन अधिकार पार्टी (लोकतांत्रिक) का कांग्रेस में विलय भी किया था। राजद ने यहां बीमा भारती को टिकट देकर पप्पू यादव के प्रयासों पर विराम लगा दिया। अंततः पप्पू यादव निर्दलीय ही चुनाव मैदान में उतर गए हैं। चुनाव में पप्पू यादव का मुकाबला जदयू के संतोष कुमार कुशवाहा और राजद की बीमा भारती से है। मौजूदा सांसद संतोष कुमार एनडीए के प्रत्याशी के तौर पर जदयू से चुनाव लड़ रहे हैं। *ओम बिड़ला:* लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला की उम्मीदवारी से राजस्थान की कोटा सीट भी चर्चित सीटों में शुमार है। यहां से बिड़ला एक बार फिर चुनाव मैदान में हैं। 2024 के चुनाव में ओम बिड़ला का सामना कांग्रेस के प्रह्लाद गुंजल से है। 2019 में कोटा से बिड़ला को जीत मिली थी। उस चुनाव में कोटा सीट पर 70.22% मतदान हुआ था। *भूपेश बघेल:* छत्तसीगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी दूसरे चरण में मैदान में हैं। बघेल राजनांदगांव सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार हैं। वर्तमान में वह पाटन से कांग्रेस के विधायक हैं। 2019 में राजनांदगांव से भाजपा के संतोष पांडे जीते थे। इस बार भी पांडे भाजपा उम्मीदवार हैं। पिछले लोकसभा चुनाव में राजनांदगांव सीट पर 76.20% मतदान हुआ था। *कैलाश चौधरी:* राजस्थान की बाड़मेर सीट भी लगातार सुर्खियां बटोर रही है। मोदी सरकार के एक और मंत्री कैलाश चौधरी एक बार फिर बाड़मेर सीट से चुनाव मैदान में हैं। कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी 2019 में यहां से जीते थे। इस बार उनका मुकाबला कांग्रेस के उम्मेदराम बेनीवाल और निर्दलीय चुनाव लड़ रहे शियो विधानसभा सीट से विधायक रविन्द्र सिंह भाटी से है। 2019 में बाड़मेर सीट पर 73.30% मतदान हुआ था। 2019 में बाड़मेर सीट पर कैलाश चौधरी ने पूर्व वित्त मंत्री जसवंत सिंह के बेटे और कांग्रेस उम्मीदवार मानवेंद्र सिंह को हराया था।
लोकसभा चुनाव 2024: दूसरे चरण का मतदान आज, 13 राज्यों की 88 सीटों पर वोटिंग*
#lok_sabha_chunav_phase_2_voting दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक महोत्सव की शुरुआत 19 अप्रैल को हो गई थी। आज इस महोत्सव का दूसरा चरण है। दूसरे चरण में 13 राज्यों के मतदाता 88 सीटों पर उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला करेंगे। दूसरे चरण में 1202 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं जिनमें 1098 पुरूष एवं 102 महिलाएं हैं। सुबह 7 बजे से लेकर शाम 6 बजे तक मतदान होगा। हालांकि, चुनाव आयोग ने यह भी कहा है कि मतदान बंद होने का समय संसदीय क्षेत्र के अनुसार अलग हो सकता है। बिहार में बांका, मधेपुरा, खगड़िया और मुंगेर निर्वाचन क्षेत्रों के कई मतदान केंद्रों पर गर्मी को देखते हुए मतदाताओं की सुविधा के लिए मतदान का समय बदल दिया गया है। *इन सीटों पर होगा मतदान* दूसरे चरण में केरल की सभी 20, कर्नाटक की 14, राजस्थान की 13, महाराष्ट्र व उत्तर प्रदेश में 8-8, एमपी में 6, असम-बिहार में 5-5, छत्तीसगढ़ व बंगाल में 3-3 व मणिपुर, त्रिपुरा व जम्मू-कश्मीर में एक-एक सीटों पर वोट डाले जाएंगे। राज्य सीटें उम्मीदवार असम 5 61 बिहार 5 50 छत्तीसगढ़ 3 41 जम्मू कश्मीर 1 22 कर्नाटक 14 247 केरल 20 194 मध्य प्रदेश 6 80 महाराष्ट्र 8 204 मणिपुर 1 4 राजस्थान 13 152 त्रिपुरा 1 9 उत्तर प्रदेश 8 91 पश्चिम बंगाल 3 47 *सुरक्षा के लिए खास उपाय* चुनाव आयोग ने शांतिपूर्ण और सुचारू मतदान के लिए कई निर्णायक कदम उठाए हैं। मतदान प्रक्रिया को सुरक्षित करने के लिए मतदान केंद्रों पर पर्याप्त रूप से केंद्रीय बलों की तैनाती की गई है। सभी मतदान केंद्रों पर माइक्रो ऑब्जर्वर की तैनाती के साथ-साथ 50 प्रतिशत से अधिक मतदान केंद्रों पर वेबकास्टिंग की जाएगी। 251 पर्यवेक्षक मतदान से कुछ दिन पूर्व अपने निर्वाचन क्षेत्रों में पहुंच चुके हैं। वे अत्यधिक सतर्कता बरतने के लिए आयोग की आंख और कान के रूप में कार्य करते हैं। इसके अलाव कुछ राज्यों में विशेष पर्यवेक्षकों को तैनात किया गया है। *पहले चरण में 65.5 प्रतिशत हुआ मतदान* इससे पहले पिछले शुक्रवार यानी 19 अप्रैल को हुए पहले चरण के मतदान में कुल 21 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 102 सीट पर लगभग 65.5 प्रतिशत मतदान हुआ। पहले चरण में तमिलनाडु (39), उत्तराखंड (पांच), अरुणाचल प्रदेश (दो), मेघालय (दो), अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह (एक), मिजोरम (एक), नगालैंड (एक), पुडुचेरी (एक), सिक्किम (एक) और लक्षद्वीप (एक) में चुनाव संपन्न हो चुका है।
राजनाथ सिंह ने कांग्रेस पर कसा तंज, बोले- डायनासोर की तरह विलुप्त हो जाएगी

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लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुटी बीजेपी और उसके नेता रैली पर रैली कर रहे हैं। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह भी जनसभाएं कर रहे हैं। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री खीरी लोकसभा के प्रत्याशी अजय मिश्रा टेनी की नामांकन सभा में पहुंचकर रक्षा मंत्री ने जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने इस रैली नें कांग्रेस और समाजवादी पार्टी पर बड़ा हमला करते हुए कहा कि जिस तरह से कांग्रेस और सपा चल रही है, वह जल्द ही राजनीति से डायनासोर की तरह विलुप्त हो जाएगी।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जनसभा में कहा कि वे दिन अब करीब हैं जब समाजवादी पार्टी और कांग्रेस अतीत की बात हो जाएंगी।उन्होंने दावा किया, कांग्रेस जिस तरह चल रही है, एक दिन वह डायनासोर की तरह विलुप्त हो जाएगी।

राजनाथ सिंह अपने भाषण के दौरान कांग्रेस पर प्रहार करते हुए बोले कि कांग्रेस की हुकूमत में आए दिन किसी न किसी राज्य में आतंकवादी घटनाएं होती रहती थीं। आज कोई बता दे, शायद ही कोई कश्मीर घटना हुई हो। देश पर कोई आतंकवादी हमला करेगा तो उसका खामियाजा बहुत बुरा भुगतना पड़ेगा। यह बात आप लोगों को समझ में आने लगी है।

राजनाथ सिंह ने बोले कि आपको याद होगा की पाकिस्तान से आकर मुंबई में आतंकवादी किस तरह की वारदात किए थे. हमारे आईपीएस अफसर समेत वहां पर कई जाने गई थीं. कांग्रेस सरकार के गृह मंत्री से जब इस मामले पर पूछा गया तो उन्होंने बोला ये छोटी वारदातें होती रहती हैं. अब हमारी सरकार ने जिस शक्ति के साथ आतंकवाद का सफाया किया है उसकी सराहना सिर्फ भारत में नहीं पूरे विश्व में हो रही है

विरासत टैक्स को लेकर पीएम मोदी का कांग्रेस पर वार, बोले-राजीव गांधी ने अपनी संपत्ति बचाने के लिए खत्म किया कानून*
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लोकसभा चुनाव को लेकर पीएम मोदी ताबड़तोड़ रैलियां कर रहे हैं। गुरुवार को प्रधानमंत्री ने मध्य प्रदेश के मुरैना जिले में जनसभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। प्रधानमंत्री मोदी ने विरासत टैक्स के मुद्दे पर कांग्रेस को आड़े हाथों लिया।प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, विरासत कर से जुड़े तथ्य आंखें खोलने वाले हैं। राजीव गांधी ने अपनी संपत्ति बचाने के लिए विरासत कानून को खत्म किया था, ताकि संपत्ति सरकार के पास ना जाए। *राजीव गांधी ने खत्म किया था विरासत कानून* विजय संकल्प रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘विरासत कर से जुड़े तथ्य आंखें खोलने वाले हैं… जब पूर्व पीएम इंदिरा गांधी की मृत्यु हुई, तो उनके बच्चों को उनकी संपत्ति मिलने वाली थी। पहले एक नियम था कि संपत्ति बच्चों को जाने से पहले उसका कुछ हिस्सा सरकार ले लेती थी। संपत्ति को बचाने के लिए ताकि वह सरकार के पास न जाए, तत्कालीन पीएम राजीव गांधी ने विरासत कानून को खत्म कर दिया। पीएम मोदी ने कहा, मैं आज देश के सामने पहली बार एक दिलचस्प तथ्य आपके सामने रखना चाहता हूँ। जब देश की एक प्रधानमंत्री बहन जी नहीं रही, तो उनकी जो मिल्कियत थी, उनकी जो प्रॉपर्टी थी, वो उनकी संतानों को मिलनी थी। लेकिन पहले ऐसा कानून था कि उनको मिलने से पहले एक हिस्सा सरकार ले लेती थी। ऐसा कानून कांग्रेस ने ही बनाया था। जब इंदिरा जी नहीं रही, तब उनके बेटे राजीव जी को प्रॉपर्टी मिलनी थी, उस प्रॉपर्टी को बचाने के लिए उस समय के प्रधानमंत्री राजीव गाँधी ने, अपनी संपत्ति बचाने के लिए पहले जो इनहेरिटेंट कानून था, उसे समाप्त किया और अपने पैसे बचा लिए। खुद पर जब आई, तब कानून ही बदल दिया। और आज सत्ता पाने के बाद वही कानून कॉन्ग्रेस वाले वापस लाना चाहते हैं। उन्होंने कहा, बिना टैक्स के अपने परिवार के 4-4 पीढ़ियों की अकूत धन-दौलत हासिल करने के बाद आप जैसे सामान्य मानविकी की विरासत, आपकी मेहनत की कमाई, जो आपने अपने बच्चों के लिए बचत करके रखा है, उसकी आधी संपत्ति लूटना चाहते हैं। इसीलिए पूरा देश कह रहा है, कांग्रेस की लूट जिंदगी के साथ भी, जिंदगी के। *आपके और कांग्रेस की आपको लूटने की योजना के बीच मोदी दीवार बनकर खड़ा-पीएम मोदी* पीएम मोदी ने आरोप लगाया कि अगर कांग्रेस सत्ता में आई तो विरासत कर के जरिए लोगों की उनके पूर्वजों द्वारा छोड़ी गई आधी से ज्यादा संपत्ति छीन लेगी। उन्होंने कहा, कांग्रेस कहती है कि देश के संसाधनों पर पहला हक मुसलमानों का है, जबकि मैं कह रहा हूं कि इस पर पहला हक गरीबों का है। प्रधानमंत्री ने कहा, आपके और कांग्रेस की आपको लूटने की योजना के बीच मोदी दीवार बनकर खड़ा है। *कांग्रेस के शहजादे को मोदी का अपमान करने में मजा आता है-पीएम मोदी* प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुरैना में जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, इन दिनों कांग्रेस के शहजादे, आज कल वो इतने चिंतित हैं कि आए दिन उनको मोदी का अपमान करने में मजा आता है। मोदी के लिए भला-बुरा कहने में उनको मजा आ रहा है और मैं देख रहा हूँ सोशल मीडिया में, टी.वी. में बहुत सारे लोग चिंता जताते हैं कि ये भाषा अच्छी नहीं है। ऐसी भाषा देश के प्रधानमंत्री के लिए बोलना ठीक नहीं है, कुछ लोग बहुत दुखी हो जाते हैं कि मोदी जी को ऐसा क्यों बोला? मेरी सबसे विनती है कि कृपा करके आप दुखी मत हों, आप गुस्सा मत कीजिए। आपको पता है कि ये नामदार हैं, हम तो कामदार हैं। और नामदार तो कामदार के साथ सदियों से ऐसे ही गाली-गलौज करते हुए आए हैं… मैं तो आपमें से आता हूँ, गरीबी से निकला हूँ, अगर 5-50 गालियाँ पड़ जाएँगी तो पड़ जाएँगी। आप गुस्सा मत कीजिए।
गठबंधन वाले कान खोलकर सुन लें जब तक मोदी जिंदा है...आगरा में गरजे पीएम*
#pm_narendra_modi_in_agra_rallay_today_attacks_congress लोकसभा चुनाव 2024 के मद्देनज़र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को आगरा में जनता को संबोधित किया। पीएम नरेंद्र मोदी ने चुनावी सभा में इंडिया गठबंधन पर जोरदार हमला बोला। कांग्रेस पर लोगों की संपत्ति की जांच के कथित प्लान का आरोप लगाते हुए मोदी ने कहा, इंडी गठबंधन वाले कान खोलकर सुन लें कि जब तक मोदी जिंदा है, ऐसा कोई भी पाप करने से पहले आपको मोदी से निपटना पड़ेगा। हमारा संकल्प है, जो भ्रष्टाचारी हैं, उनकी जांच होगी, जिन्होंने गरीबों को लूटा है, वो लूट का पैसा गरीबों को वापस मिलेगा। प्रधानमंत्री ने इंडी गठबंधन के उस आरोप का करारा जवाब दिया जिसमें संविधान खत्म करने का आरोप लगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि कांग्रेस ने संविधान बनाने वाले बाबा साहेब आंबेडकर का अपमान करती रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगरा में कहा कि ‘कांग्रेस एक ऐसी पार्टी है, जो आए दिन बाबा साहेब का अपमान करती है, संविधान का अपमान करती है और सामाजिक न्याय की तो धज्जियां उड़ा देती है। इसी कांग्रेस ने कभी कर्नाटक में, कभी आंध्र प्रदेश में, कभी अपने घोषणा पत्र में बार-बार धर्म के आधार पर आरक्षण की वकालत। पीएम ने आगे कहा कि अब कांग्रेस ने ठान लिया है कि वो धर्म के आधार पर रिजर्वेशन लाकर रहेगी। इसके लिए कांग्रेस ने तरीका निकाला है कि 27% का ओबीसी का जो कोटा है, उसमें से कुछ चोरी कर लिया जाए, छीन लिया जाए और धर्म के आधार पर आरक्षण दे दिया जाए। विपक्ष पर निशाना साधते हुए पीएम मोदी ने कहा, समाजवादी पार्टी, कांग्रेस का इंडी गठबंधन घोर तुष्टीकरण में डूबा है। उन्होंने जो घोषणापत्र जारी किया है उसमें शत-प्रतिशत मुस्लीम लीग की छाप है। कांग्रेस का पूरा घोषणापत्र सिर्फ वोट बैंक को मजबूत करने के लिए समर्पित है। हमारा घोषणापत्र देश को मजबूत करने के लिए समर्पित है। उन्होंने कहा, हमने देश में तुष्टीकरण की राजनीति देखी है, इस वजह से देश टुकड़ों में बंट गया है। इसने सच्चे और ईमानदार के हक को डूबोया है। इस वजह से मोदी तुष्टीकरण को समाप्त करने संतुष्टिकरण को ओर बढ़ रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि मोदी तुष्टिकरण को समाप्त करके, संतुष्टिकरण की ओर आगे बढ़ रहा है। हमारा रास्ता तुष्टिकरण का नहीं, संतुष्टिकरण का है। सबका साथ, सबका विकास का मंत्र भी उसी का महामार्ग है। हमारा सेक्युलरिज्म भी वही है कि जो भी योजना जिसके लिए बने, बिना धर्म, जाति, भेदभाव के उसका लाभ सबको मिलना चाहिए। सच्चा सामाजिक न्याय भी यही है जब आप बिना भेदभाव, बिना अपने-पराए, बिना रिश्वतखोरी सबका हक पूरा करें।
कांग्रेस इस सीट पर कांग्रेस का रहा है दबदबा, कंगना रनौत के आने से दिलचस्प हुआ मुकाबला, जानिए मंडी सीट का सियासी समीकरण*
#election_2024_mandi_lok_sabha_constituency_history *मंडी सीट पर ठाकुर-ब्राह्मण उम्मीदवारों का है दबदबा* *ज्यादातर बार राजपूत और ब्राह्मण सांसद ही चुने गए* *ठाकुर और ब्राह्मण जाति के उम्मीदवारों पर पर लगा दांव* *मंडी में राज परिवार और स्टारडम के बीच मुकाबला* हिमाचल प्रदेश की मंडी लोकसभा सीट चर्चा में है। इस सीट से बीजेपी ने बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत को मैदान में उतारा है। जिसने इस सीट पर मुकाबला दिलचस्प कर दिया है। फिल्म अभिनेत्री और फिल्मी क्वीन कंगना रनौत ने हिमाचल प्रदेश की मंडी लोकसभा सीट से पहली बार सियासत में कदम रखा है। उनके सामने हिमाचल प्रदेश के शाही परिवार से संबंध रखने वाले विक्रमादित्य सिंह को कांग्रेस ने अपना प्रत्याशी बनाया है। विक्रमादित्य सिंह हिमाचल प्रदेश के पू्र्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के बेटे हैं। दोनों प्रत्याशियों की वजह से मंडी सीट पर मुकाबला दिलचस्प हो गया है। हिमाचल की चार लोकसभा सीटों में से मंडी सीट पर हर किसी की नजर है। इस सीट पर बीजेपी और कांग्रेस के बीच सीधी टक्कर देखने को मिलती है। इस लोकसभा सीट पर 1951 से अब तक 17 बार लोकसभा चुनाव हुए हैं जिसमें से 11 बार कांग्रेस ने जीत हासिल की है जबकि 5 बार ये सीट बीजेपी के पास गई है। मंडी लोकसभा सीट हिमाचल प्रदेश की चार लोकसभा सीटों में से एक है। 12 लाख मतदाताओं की आबादी वाले इस जिले में 17 विधानसभा क्षेत्र हैं। ये सीट कांग्रेस का गढ़ मानी जाती है, लेकिन 2014 और 2019 में मोदी लहर में ये सीट बीजेपी के पाले में गई थी। मंडी लोकसभा सीट में राजपूत वोटरों की संख्या सबसे अधिक है। इस सीट पर राजपूत और ब्राह्मण नेताओं का दबदबा रहा है। पहले लोकसभा चुनाव में एससी उम्मीदवार के रूप में गोपी राम की जीत को छोड़ दें तो अब तक हर सांसद राजपूत या ब्राह्मण रहा है। कुछ मौके ऐसे भी आए जब दो राजपूत चेहरे आमने-सामने थे। 6 जिलों में फैले मंडी संसदीय क्षेत्र में अभी तक दोनों ही दलों ने ठाकुर और ब्राह्मण जाति के उम्मीदवारों पर ही दांव लगाया है। कंगना रनौत भी राजपूत बिरादरी से आती है। बीजेपी ने जातिय समिकरण को साधने के कंगना को मैदान में उतारा है। हालांकि, यहां पर अनुसूचित जाति के मतदाता काफी अधिक है। लेकिन उसके बावजूद भी कांग्रेस और भाजपा द्वारा मंडी संसदीय क्षेत्र से ब्राह्मण या ठाकुर जाति के लोगों को ही चुनावी मैदान में उतारा जाता है। मंडी संसदीय क्षेत्र में अगर कुल मतदाताओं की बात करें तो यहां पर 13 लाख 59 हजार मतदाता है। जिनमे 6 लाख 90 हजार पुरुष और 6 लाख 68 हजार महिलाएं शामिल हैं। जातीय समीकरण की अगर बात करे तो अनुसूचित जाति के यहां पर 29.85 प्रतिशत वोट है। जबकि ब्राह्मण वोट 21.4 प्रतिशत है। ठाकुर जाति के वोट यहां पर 33.6 फ़ीसदी है। मंडी जिले में 10 विधानसभा सीटें आती है। 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में यहां बीजेपी ने बेहतरीन प्रदर्शन किया था। मंडी की 10 में से 9 सीटों पर बीजेपी ने कब्जा किया था। प्रदेश की 68 सीटों में से सिर्फ 25 सीटें जीतने वाली बीजेपी ने 9 सीटें तो मंडी से जीती थी। ये भी एक वजह है कि बीजेपी के लिए सबसे सेफ लोकसभा सीट से कंगना रनौत टिकट दिया है। पार्टी को उम्मीद है कि इस सीट को बीजेपी आसानी से जीत जाएगी।
*पटना रेलवे स्टेशन के पास होटल में लगी आग,3 की मौत,15 घायल

राजधानी पटना में जंक्शन के ठीक सामने स्थित बहुमंजिले 'पाल' होटल में गुरुवार सुबह भीषण आग लग गई। सुबह करीब साढ़े 10 बजे आग की सूचना सामने आयी और लगभग आधे घंटे के अंदर पूरी बिल्डिंग आग और धुएं से भर गई। आग के फैलने के कारन बगल वाले होटल में आग और धुंए का सैलाब उठ गया। इससे सटे पटना किराना को भी आग की चपेट में आने की शंका जताई गयी।'फायर एक्सटीन्गुइशेर' का इंतजाम इस आग के सामने कमजोर साबित हो रहा है। बिल्डिंग के सामने स्थित पुल पर भी भीषण जाम लग गया है और स्टेशन रोड भी पूरी तरह जाम है। इधर, अगलगी के करीब डेढ घंटे एक शख्स की लाश बाहर निकाली गई। इसके आधे घंटे बाद दो युवतियों की लाशें बाहर निकाली गई। कुल तीन लोगों की मौत अब तक हो चुकी है। वहीं चार लोगों बुरी तरह से झुलस गए हैं। इन्हें पीएमसीएच में भर्ती करवाया गया है। रसोई गैस से लगी आग स्थानीय लोगों का कहना है कि किचन में आग लगने के कारण ये हादसा हुआ और पूरी चार मंज़िला ईमारत इसकी चपेट में आ गयी । लोग ऊपर के फ्लोर पर नाश्ता कर रहे थे जिसके दौरे इस हादसे ने उसे दर्दनाक घटना में तब्दील कर दिया । घटना के बाद इलाके में हड़कंप मच गया। आसपास के होटल और दुकानों के लोग बाहर निकलकर सड़क पर आ गए। फायर ब्रिगेड की टीम रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर लोगों को बाहर निकालने में जुटी हुई है। अब तक 30-35 लोगों को होटल से बाहर निकाला जा चूका है। फायर ब्रिगेड की टीम की मानें तो अभी और भी लोग अंदर फेज हुए हैं जिन्हे बाहर निकला जाना है। आग इतनी प्रचंड है कि लोग अंदर जाने से कतरा रहे हैं। इधर, जिन लोगों को फायर ब्रिगेड की टीम ने रेस्क्यू कर बाहर निकाला, उन्हें तुरंत अस्पताल भेजा जा रहा है। मौके पर छोटे बड़े अग्निशमन के लगभग दर्जन भर गाड़ियां मौजूद हैं। लगातार आग को बुझाने का काम किया जा रहा है। इधर, भीषण आग ने पाल होटल के पास के दो अन्य होटलों में भी आग ने अपनी चपेट में ले लिया। हवा तेज होने के कारण पाल होटल के दाहिनी तरफ के दोनों होटल भी आग की जद में आ गए। अब तक करोड़ों रुपये के नुकसान की बात सामने आ रही है। कितने लोग घायल या अंदर फेज है इसकी कोई पुख्ता जानकारी है। मौके पर पुलिस भी करवाई में जुटी हुई है। अभीतक अनुमान ही लगाया जा रहा है की लोगों की मौत की संख्या और बढ़ भी सकती है।
अखिलेश यादव ने आज कन्नौज से दाखिल किया नामांकन; बीजेपी ने 'भारत बनाम पाकिस्तान' पर कटाक्ष किया**

कन्नौज से भारतीय जनता पार्टी के सांसद सुब्रत पाठक ने यूपी निर्वाचन क्षेत्र से समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव के साथ अपने चुनावी मुकाबले की तुलना भारत बनाम पाकिस्तान क्रिकेट मैच से की है। पार्टी द्वारा निर्वाचन क्षेत्र से एक और उम्मीदवार की घोषणा करने के तीन दिन बाद, यादव आज इस सीट से अपना नामांकन दाखिल करेंगे।अखिलेश यादव ने जब तेज प्रताप को यहां भेजा तो उन्हें समझ आ गया, अगर मैच तेज प्रताप से होता तो भारत बनाम जापान का क्रिकेट मैच होता ,अब मैच भारत बनाम पाकिस्तान (सुब्रत पाठक बनाम अखिलेश यादव) जैसा होगा,'' पाठक ने कहा। 2019 में आम तौर पर। चुनाव में बीजेपी के सुब्रत पाठक ने कन्नौज से अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव को हराया था। बुधवार शाम को समाजवादी पार्टी ने एक्स (सोशल मीडिया )पर लिखा कि अखिलेश यादव आज कन्नौज से अपना नामांकन पत्र दाखिल करेंगे।पार्टी ने हिंदी में पोस्ट किया, ''राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव कल दोपहर 12 बजे समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार के रूप में कन्नौज लोकसभा सीट से अपना नामांकन पत्र दाखिल करेंगे।'' घोषणा से पहले, अखिलेश यादव ने सीट से समाजवादी पार्टी की जीत पर विश्वास जताया था।उन्होंने कहा, ''यहां सवाल सीट से ऐतिहासिक जीत का है। इस चुनाव में भाजपा इतिहास बन जाएगी क्योंकि लोगों ने इंडिया ब्लॉक के लिए अपना मन बना लिया है। लोग राजग के खिलाफ मतदान करने जा रहे हैं।'' यह फैसला पार्टी द्वारा उनके भतीजे तेज प्रताप यादव को कन्नौज से अपना उम्मीदवार घोषित करने के कुछ दिनों बाद आया है। लालू प्रसाद यादव के दामाद तेज प्रताप 2014 से 2019 के बीच मैनपुरी से सांसद थे। वह समाजवादी पार्टी के सदस्य हैं।अखिलेश यादव ने तीन बार 2000, 2004 और 2009 में कन्नौज सीट जीती है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने 2012 में निर्वाचन क्षेत्र खाली कर दिया था। डिंपल यादव 2019 तक कन्नौज की सांसद थीं।अखिलेश यादव फिलहाल यूपी विधानसभा में विधायक हैं।
पीएम मोदी और राहुल गांधी के बयानों पर चुनाव आयोग ने भेजा नोटिस, 29 अप्रैल तक मांगा जवाब*
#election_commission_sent_notice_to_pm_modi_and_rahul_gandhi * लोकसभा चुनाव को लेकर देश का सियासी पारा हाई है। नेताओं की बयानबाजियों का दौर जारी है। आचार संहिता के उल्लंघन के आरोपों पर चुनाव आयोग ने पीएम मोदी और कांग्रेस नेता राहुल गांधी के भाषणों पर स्वतः संज्ञान लेते हुए नोटिस जारी किया है। चुनाव आयोग ने 29 अप्रैल सुबह 11 बजे तक दोनों पार्टियों से जवाब मांगा है।चुनाव आयोग ने ये नोटिस कांग्रेस और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष को भेजे हैं। चुनाव आयोग ने कहा है कि राजनीतिक दलों को अपने उम्मीदवारों, विशेषकर स्टार प्रचारकों के आचरण की प्राथमिक जिम्मेदारी लेनी होगी। उच्च पदों पर बैठे लोगों के प्रचार भाषणों के अधिक गंभीर परिणाम होते हैं। नोटिस में कहा गया है कि जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 77 के तहत ‘स्टार प्रचारक’ का दर्जा देना वैधानिक रूप से पूरी तरह से राजनीतिक दलों के दायरे में आता है और स्टार प्रचारकों से भाषणों की उच्च गुणवत्ता में योगदान करने की उम्मीद की जाती है। चुनाव आयोग ने जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 77 को लागू किया और पार्टी अध्यक्षों को जिम्मेदार ठहराया। इसके तहत पहले कदम के रूप में प्रधानमंत्री मोदी और राहुल गांधी के खिलाफ आचार संहिता के उल्लंघनों के आरोपों का जवाब क्रमश: बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से मांगा गया है। इसमें उनसे कहा गया है कि वे 29 अप्रैल तक जवाब दें और अपने स्टार प्रचारकों को आचार संहिता का पालन करने को कहें। आयोग ने कहा है कि राजनीतिक दलों को अपने उम्मीदवारों, विशेषकर स्टार प्रचारकों के आचरण की प्राथमिक और बढ़ती जिम्मेदारी लेनी होगी। चुनाव आयोग का कहना है कि उच्च पदों पर बैठे लोगों के प्रचार भाषणों के अधिक गंभीर परिणाम होते हैं। इसने कहा है कि स्टार प्रचारकों को अपने जरिए दिए जाने वाले भाषणों के लिए खुद तो जिम्मेदार होना ही होगा। मगर विवादित भाषणों के मामले में चुनाव आयोग पार्टी के प्रमुखों से हर मामले पर जवाब मांगेगा। बता दें कि हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजस्थान के बांसवाड़ा में एक चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए कहा था कि अगर कांग्रेस की सरकार आई तो वह देश की संपत्ति को घुपैठिए और जिनके अधिक बच्चे हैं उनके बीच बांट सकती है। पीएम मोदी के इस बयान के बाद कांग्रेस हमलावर हो गई। उसका कहना है कि प्रधानमंत्री हिंदू-मुस्लिम करने लग गए हैं। साथ ही साथ उसने चुनाव आयोग से इस मसले पर एक्शन लेने की मांग की थी।
सुप्रीम कोर्ट के हलफनामे में ईडी ने गिरफ्तारी के लिए अरविंद केजरीवाल के 'असहयोगात्मक आचरण' को जिम्मेदार ठहराया

ईडी ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के पीछे कोई "दुर्भावनापूर्ण या बाहरी कारण" नहीं थे। अपनी गिरफ्तारी के खिलाफ AAP प्रमुख की याचिका के जवाब में, एजेंसी ने दावा किया कि केजरीवाल का रवैया "असहयोगी" था। ईडी ने दावा किया कि अरविंद केजरीवाल के आचरण से एजेंसी को उन्हें गिरफ्तार करने का निर्णय निश्चित्त किया । "केजरीवाल ने , अपने आचरण से, आईओ को गिरफ्तारी की आवश्यकता में जांच अधिकारी को स्वयं योगदान दिया , ताकि यह संतुष्टि हो सके कि याचिकाकर्ता मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध का दोषी है।“एजेंसी ने सुप्रीम कोर्ट को दिए अपने हलफनामे में कहा।ईडी ने कहा कि उनकी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली अरविंद केजरीवाल की याचिका "योग्यता से रहित" थी। इसने दावा किया कि एजेंसी के कब्जे में मौजूद सबूतों पर विभिन्न अदालतों द्वारा मुकदमा चलाया गया था। ईडी ने कहा, "दुर्भावना से संबंधित विवाद के संबंध में, यह प्रस्तुत किया गया है कि याचिकाकर्ता की दलीलें न केवल आधारहीन और गलत हैं, बल्कि यह अस्पष्ट सामान्य और विशिष्ट नहीं हैं।" पीएमएलए की धारा 17 के तहत अपना बयान दर्ज करते समय पूछताछ और तलाशी के दौरान, वह टाल-मटोल कर सवालों के जवाब देने से बच रहे थे और यहां तक कि साधारण गैर-अभियोगात्मक सवालों के संबंध में भी पूरी तरह से असहयोगी थे।'' ईडी ने जोड़ा। ईडी ने अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को सही ठहराते हुए कहा कि एजेंसी की राय है कि हिरासत में पूछताछ से आरोपी से 'गुणात्मक रूप से अधिक पूछताछ उन्मुख' होगी। एजेंसी ने अरविंद केजरीवाल पर कानून की घोर अवहेलना और असहयोगात्मक रवैया अपनाने का आरोप लगाया।"इस तरह के रवैये ने ऐसी स्थिति को भी जन्म दिया कि आईओ के पास मौजूद साबुत के साथ टकराव संभव नहीं था क्योंकि आरोपी पूरी तरह से असहयोगी था और उसने बड़ी संख्या में समन की अवज्ञा की।" अपनी गिरफ़्तारी से पहले, अरविंद केजरीवाल नौ सम्मनों में शामिल नहीं हुए थे। इस बीच, हलफनामे पर प्रतिक्रिया देते हुए आप ने कहा कि ईडी झूठ बोलने की मशीन बन गयी है।इसमें दावा किया गया कि एजेंसी "अपने आकाओं, भाजपा" के इशारे पर मनगढ़ंत झूठ बोलती है। अरविंद केजरीवाल को दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति मामले से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग जांच के सिलसिले में 21 मार्च को गिरफ्तार किया गया था। 9 अप्रैल को, दिल्ली उच्च न्यायालय ने अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को बरकरार रखा और कहा कि ईडी के पास उन्हें गिरफ्तार करने के अलावा कोई विकल्प नहीं था क्योंकि वह बार-बार समन भेजने से चूक गए थे। बाद में केजरीवाल ने शीर्ष अदालत का रुख किया।15 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने उनकी याचिका पर ईडी से जवाब मांगा था।पिछले निर्देश में कोर्ट ने केजरीवाल की हिरासत को 7 मई 2024 तक बढ़ा दी थी उनके साथ 2 अन्य लोगों की भी हिरासत बढ़ा दी गयी थी।