23 अप्रैल 2024 को घटित होने वाला है पिंक मून ( गुलाबी चांद)
गोरखपुर । खगोल विद अमर पाल सिंह ने बताया कि यह एक खगोलीय घटना है, जो कि पूर्ण चंद्र के दौरान ही घटित होती है, जिस दिन चांद सामान्य दिनों से बड़ा ब चमकीला दिखाई देता है, खगोलविद अमर पाल सिंह ने बताया कि अप्रैल माह में घटित होने वाले फुल मून ( पूर्ण चंद्र) जो कि रात्रि के आकाश में चांदनी विखेरते हुए नजर आता है, उसी पूर्ण चंद्रमा को पिंक मून ( गुलाबी चांद) ,कहा जाता है और इसे अन्य कई नामों से भी जाना जाता है जैसे स्प्राउट मून, एग मून, फिश मून, फशय मून फेस्टिवल मून, फुल पिंक मून, ब्रीकिंग आइस मून, बडिंग मून अबेकनिंग मून इत्यादि नामों से जाना जाता है,
क्या है पिंक मून_ खगोल विद अमर पाल सिंह ने बताया कि
दरअसल यह नाम मूल रूप से उत्तरी अमेरिका में निवास करने वाले और खासकर छोटे जनजातीय समुदाय में निवास करने वाले किसानों द्वारा 1930 के दौरान दिया गया था, क्योंकि अप्रैल के इस मौसम के दौरान ही इसी दौरान अमेरिका के पूर्वी ब उत्तरी हिस्सों के जंगल में उगने वाले एक खास किस्म के पौधे जिसे फ्लॉक्स सुबूलाटा या क्रीपिंग फ्लोक्स और मॉस फ्लॉक्स या मॉस पिंक भी कहा जाता है जो की दिखने में मनमोहक गुलाबी रंग का होता है उसी के नाम पर अप्रैल के पूर्ण चंद्र को पिंक मून नाम दिया गया है, जो आज भी चलन में है जबकि वास्तव में चांद के संदर्भ में इसका मतलब यह नहीं है कि इस दिन चांद भी पूरी तरह से गुलाबी रंग में रंगा हुआ नजर आने वाला है,
खगोल विद अमर पाल सिंह ने बताया कि_
लेकिन कभी कभी चांद के रंग में नजर आने वाला बदलाब या परिबर्तन पृथ्वी के वायु मंडल में उपस्थित अति सूक्ष्म धूल के कणों और विभिन्न प्रकार की गैसों की उपस्तिथि ,ऊर्जा और अन्य धूम प्रदूषण के कारण भी पृथ्वी पर आने वाले प्रकाश की मात्रा में व्यवधान उत्पन्न करते हैं या कुछ यूं कहें कि पृथ्वी पर आने बाला प्रकाश उपरोक्त से टकराकर कई प्रकारों में अपने अपने तरंगधैर्य के हिसाब से बिखर जाता है जिसमे सबसे ज्यादा जल्दी नीला रंग बिखरा हुआ नजर आता है ब लाल रंग दूर तक जाता है, जिस कारण चन्द्रमा को पृथ्वी से देखने पर कभी कभी चंद्रमा हल्का सा अन्य रंगों के जैसे भी दिखता है, जैसे कत्थई , इंडिगो, हल्का सा नीला, सिल्वर, गोल्डन, हल्का सा पीला ब इल्यूजन के कारण सामान्य से कुछ बड़ा सा भी नजर आता है, इसे खगोल विज्ञान की भाषा में रिले स्कैटरिंग या प्रकाश का प्रकीर्णन भी कहा जाता है इन तमाम कारणों से ही कुछ बदला हुआ सा भी नजर आता है, लेकिन इसका गुलाबी चांद के नाम से रंग का कोई विशेष मतलब नहीं है, लेकिन सामान्य रातों में आकाश साफ होने पर चांद का बास्तबिक रंग सफेद ब चमकीला ही होता है,
खगोल विद अमर पाल सिंह ने बताया कि इस बार 23 अप्रैल 2024 को होने वाले पिंक मून (पूर्ण चंद्र ) को आप 23 अप्रैल की सुबह 03 बजकर 25 मिनिट से लेकर 24 अप्रैल 05 बजकर 18 मिनट्स तक देख सकते हैं,
कैसे देखे पिंक मून
_ वीर बहादुर सिंह नक्षत्र शाला के खगोल विद अमर पाल सिंह ने बताया कि इसे देखने के लिए आप को किसी भी खास या विशेष उपकरण की भी आवश्यकता नहीं है, इस दौरान आप अपनी साधारण आंखों से ही अपने घरों से ही इस का दीदार कर सकते हैं, ब इसके साथ ही रात्रि में आप टूटते हुए तारों ( उल्का पिंडों) जो वायु मंडल में घर्षण के कारण जलती हुईं नजर आयेंगी ऐसी शानदार उल्काओं का भी आनन्द ले सकते हैं ,अप्रैल माह में होने वाली उल्का बौछार को जिसे लिरिड मेटियर शॉवर नाम से जाना जाता है, इसे भी देख सकेंगे, अगर आप इस से सम्बन्धित या अन्य कोई भी खगोल विज्ञान से सम्बन्धित बिशेष प्रकार की जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं एवम समय समय पर घटित होने बाली खगोलीय घटनाओं को विशेष प्रकार की खास दूरवीनों से सजीव भी देखना चाहते हैं तब आप सीधे वीर बहादुर सिंह नक्षत्र शाला (तारामण्डल) गोरखपुर में भी जा सकते हैं।
Apr 24 2024, 17:16