अमेरिका-जर्मनी के बाद केजरीवाल विवाद में संयुक्त राष्ट्र का बयान, कहा- उम्मीद है कि भारत में सभी के अधिकार सुरक्षित रहेंगे

#un_reacts_to_arvind_kejriwal_arrest_and_lok_sabha_polls 

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को लेकर जर्मनी और अमेरिका की तरफ से प्रतिक्रिया आ चुकी है। अमेरिका और जर्मनी केजरीवाल की गिरफ्तारी का विरोध जता चुके हैं। अब इस मामले में संयुक्त राष्ट्र की ओर से भी टिप्पणी की गई है। संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता महासचिव स्टेफन दुजारिक ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी, कांग्रेस पार्टी के बैंक खाते को फ्रीज करने और आगामी आम चुनावों को लेकर बयान दिया गया है।

भारत समेत दुनियाभर के कई देशों में इस साल चुनाव होने हैं। ऐसे में, संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस के एक प्रवक्ता ने कहा कि वैश्विक निकाय उम्मीद करता है कि भारत और जिस भी देश में चुनाव हो रहे हैं, वहां के लोगों के राजनीतिक और नागरिक अधिकारों की रक्षा हो। इसके अलावा, हर कोई स्वतंत्र और निष्पक्ष माहौल में मतदान कर सके।

संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता महासचिव स्टेफन दुजारिक गुरुवार को सवालों का जवाब दे रहे थे। उनसे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी, कांग्रेस पार्टी के बैंक खाते को फ्रीज करने के मद्देनजर आगामी आम चुनावों से पहले भारत में राजनीतिक अशांति पर सवाल किया गया था।संयुक्त राष्ट्र की प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक बांग्लादेशी पत्रकार ने भारत में आम चुनावों से पहले अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी और कांग्रेस के बैंक अकाउंट फ्रीज करने से जुड़ा सवाल पूछा था।

इससे पहले अमेरिका ने केजरीवाल की गिरफ्तारी पर टिप्पणी की थी। अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता ने कहा था कि हम मुख्यमंत्री केजरीवाल की गिरफ्तारी पर निष्पक्ष, पारदर्शी और समयबद्ध कानूनी प्रक्रिया की उम्मीद करते हैं। अमेरिका की टिप्पणियों पर भारत ने विरोध दर्ज कराने के लिए एक वरिष्ठ अमेरिकी राजनयिक को तलब किया। नई दिल्ली में अमेरिकी दूतावास की कार्यवाहक उपप्रमुख ग्लोरिया बरबेना को भारत ने तलब किया था। लेकिन इसके बावजूद वाशिंगटन ने फिर दोहराया कि यह निष्पक्ष, पारदर्शी, समय पर कानूनी प्रक्रियाओं को प्रोत्साहित करता है।

अमेरिकी राजनयिक को दिल्ली में तलब किए जाने पर अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा, 'मैं किसी निजी राजनयिक बातचीत के बारे में बात नहीं करने जा रहा हूं। लेकिन निश्चित रूप से हमने सार्वजनिक रूप से जो कहा है, वही मैंने अभी यहां से कहा है, कि हम निष्पक्ष, पारदर्शी, समय पर कानूनी प्रक्रियाओं को प्रोत्साहित करते हैं। हमें नहीं लगता कि किसी को इस पर आपत्ति होनी चाहिए और हम यही बात निजी तौर पर स्पष्ट कर देंगे।

खत्म होगा टोल प्लाजा और फास्ट टैग का झंझट, आ रहा है नया सिस्टम, सरकार ऐसे वसूलेगी टैक्स

#nitingadkariannouncesendoftolltaxcollectionat_highway 

बीते कुछ सालों में भारत सरकार ने तकनीक के क्षेत्र के काफी उन्नति की है। इसी क्रम में केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बड़ी घोषणा की है। गडकरी के मुताबिक जल्द ही देश में नेशनल हाईवे पर टोल कलेक्शन के लिए सैटेलाइट बेस्ड सिस्टम को लॉन्च किया जाएगा। यानी सरकार जल्द ही टोल सिस्टल को खत्म करने का प्लान बना रही है। बता दें कि बीते साल दिसंबर महीने में ही सड़क परिवहन मंत्री ने एलान किया था कि एनएचएआई मार्च 2024 से हाईवे पर टोल कलेक्शन के नए सिस्टम को रोल आउट करेगी।

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि टोल बैरियर्स को सैटेलाइट बेस्ड टोल कलेक्शन सिस्टम से बदल दिया जाएगा, जो वाहनों से शुल्क काटने के लिए जीपीएस और कैमरे का उपयोग करेगा। गडकरी ने कहा है कि नया टोल कलेक्शन जल्द लागू हो सकता है। हालांकि अभी कोई डेडलाइन सामने नहीं आई है। वर्तमान में इसकी व्यवहार्यता का परीक्षण करने के लिए जीपीएस बेस्ड टोल कलेक्शन का एक पायलट रन चल रहा है। 

ऐसे काम करेगा सिस्टम

नई टोल संग्रह प्रणाली सीधे उपयोगकर्ता के बैंक खाते से शुल्क काट लेगी। टोल की राशि इस बात पर निर्भर करेगी कि वाहन ने कितनी दूरी तय की है। ये सारी जानकारी जीपीएस के जरिए जुटाई जाएगी। वर्तमान में वाहन द्वारा तय की गई दूरी की परवाह किए बिना हर प्लाजा पर टोल शुल्क तय है।

सैटेलाइट बेस्ड टोल से क्या होगा फायदा?

टोल सिस्टम खत्म होने के बाद सबसे बड़ी सुविधा ये होगी कि आपको किसी भी हाल में कार को रोकना नहीं होगा, यानी टोल आने पर भी आप रफ्तार कम नहीं करेंगे और आगे बढ़ जाएंगे। इससे आपका टाइम बचेगा। इसका दूसरा सबसे बड़ा फायदा समय के साथ पेट्रोल-डीजल के खर्च में बचत है। आप लंबे सफर में ईंधन के खर्च में अच्छी खासी बचत कर पाएंगे।

जितनी दूरी उतना टोल

फास्टैग आधारित मौजूदा टोल सिस्टम में हाईवे का इस्तेमाल करने पर आपको कम दूरी के लिए भी पूरे टोल का भुगतान करना पड़ता है। हालांकि, सैटेलाइट टोल सिस्टम में आप जितनी दूरी तय करेंगे आपसे उतनी ही दूरी के लिए टोल जाएगा। यानी आप अतरिक्त टोल टैक्स के भुगतान से बच सकेंगे। हालांकि, सरकार कितनी दूरी के लिए कितना टोल टैक्स लगाएगी इसका खुलासा सैटेलाइट टोल सिस्टम के लागू होने के बाद होगा।

अभी कैसे वसूलते हैं टोल?

राष्ट्रीय राजमार्गों पर टोल प्लाजा वर्तमान में फास्टैग (आरएफआईडी तकनीक) के माध्यम से टोल शुल्क काटते हैं। इसे 15 फरवरी, 2021 से अनिवार्य टोल संग्रह प्रणाली के रूप में लागू किया गया था। आरएफआईडी-सक्षम बैरियर से लैस टोल प्लाजा पर टोल शुल्क काटा जाता है। बैरियर पर लगे कैमरे वाहनों की फास्टैग आईडी को पढ़ते हैं और पिछले टोल प्लाजा से दूरी के आधार पर शुल्क लेते हैं। टोल शुल्क का भुगतान भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) को किया जाता है।

*पीएम मोदी से चर्चा के दौरान बिल गेट्स ने की भारत की डिजिटल सरकार की तारीफ, प्रधानमंत्री ने कहा-पूरा देश ने डिजिटल क्रांति को अपनाया*

#pm_modi_bill_gates_conversation  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने माइक्रोसॉफ्ट के सह-संस्थापक बिल गेट्स से अपने आवास पर मुलाकात की। दोनों ने फ्री-व्हीलिंग चैट में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से लेकर डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे मुद्दों पर चर्चा की।चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री ने अपनी सरकार की लखपति दीदी योजना से लेकर स्वास्थ्य और कृषि क्षेत्र तक में बदलाव से बिल गेट्स को अवगत कराया। इस दौरान गेट्स ने भारत की डिजिटल सरकार की तारीफ भी की और पीएम मोदी को इस क्रांति के लिए बधाई दी। माइक्रोसॉफ्ट के संस्‍थापक बिल गेट्स ने कहा कि यह डिजिटल सरकार की तरह है। भारत न केवल तकनीक को अपना रहा है, बल्कि देश इस दिशा में लीड कर रहा है। पीएम मोदी ने कहा कि इंडोनेशिया में जी20 शिखर सम्‍मेलन के वक्‍त दुनियाभर के प्रतिनिधियों ने देश में डिजिटल क्रांति के बारे में जानने के प्रति दिलचस्‍पी दिखाई थी। मैंन उस वक्‍त कहा था कि हमने तकनीक का लोकतांत्रिकरण किया, ताकि किसी का एकाधिकार न रहे। यह लोगों के द्वारा और लोगों के लिए है। इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि उन्‍होंने 2 लाख आरोग्‍य मंदिर बनाए. हेल्‍थ सेक्‍टर और अस्‍पतालों को तकनीक से जोड़ा। साथ ही हमारा लक्ष्‍य 3 करोड़ लखपति दीदी बनाना है। बिल गेट्स के साथ चर्चा के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था लगातार बढ़ रही है। पूरा देश डिजिटल क्रांति को अपना चुका है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि कोरोनाकाल में भारत में कोविन एप के जरिए लोग ऑनलाइन ही वैक्सिनेशन के लिए बुकिंग करते थे और खुद ही समय लेते थे। इससे डिजिटल क्षेत्र ने कोरोना के समय में लोगों का काम आसान कर दिया। प्रधानमंत्री ने बिल गेट्स से चर्चा के दौरान पीएम मोदी ने नमो ड्रोन दीदी का भी जिक्र किया। पीएम ने कहा, भारत में महिलाएं नई तकनीक अपनाने के लिए अधिक खुली हैं। मैंने नमो ड्रोन दीदी' योजना शुरू की है। यह बहुत सफलतापूर्वक चल रही है। उन्होंने कहा, गांव में महिला मतलब- भैंस चराना, गाय चराना, दूध निकालना। लेकिन ऐसा नहीं है। मैंने उनके हाथ में टेक्नोलॉजी (ड्रोन) दिया है।पीएम मोदी ने कहा, मैं इन दिनों उनसे बातचीत करता हूं, वे खुश होती हैं। उनका कहना है कि उन्हें साइकिल चलानी नहीं आती थी लेकिन अब वे पायलट हैं और ड्रोन उड़ा सकते हैं। मानसिकता बदल गई है।
*पीएम मोदी से चर्चा के दौरान बिल गेट्स ने की भारत की डिजिटल सरकार की तारीफ, प्रधानमंत्री ने कहा-पूरा देश ने डिजिटल क्रांति को अपनाया*

#pm_modi_bill_gates_conversation  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने माइक्रोसॉफ्ट के सह-संस्थापक बिल गेट्स से अपने आवास पर मुलाकात की। दोनों ने फ्री-व्हीलिंग चैट में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से लेकर डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे मुद्दों पर चर्चा की।चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री ने अपनी सरकार की लखपति दीदी योजना से लेकर स्वास्थ्य और कृषि क्षेत्र तक में बदलाव से बिल गेट्स को अवगत कराया। इस दौरान गेट्स ने भारत की डिजिटल सरकार की तारीफ भी की और पीएम मोदी को इस क्रांति के लिए बधाई दी। माइक्रोसॉफ्ट के संस्‍थापक बिल गेट्स ने कहा कि यह डिजिटल सरकार की तरह है। भारत न केवल तकनीक को अपना रहा है, बल्कि देश इस दिशा में लीड कर रहा है। पीएम मोदी ने कहा कि इंडोनेशिया में जी20 शिखर सम्‍मेलन के वक्‍त दुनियाभर के प्रतिनिधियों ने देश में डिजिटल क्रांति के बारे में जानने के प्रति दिलचस्‍पी दिखाई थी। मैंन उस वक्‍त कहा था कि हमने तकनीक का लोकतांत्रिकरण किया, ताकि किसी का एकाधिकार न रहे। यह लोगों के द्वारा और लोगों के लिए है। इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि उन्‍होंने 2 लाख आरोग्‍य मंदिर बनाए. हेल्‍थ सेक्‍टर और अस्‍पतालों को तकनीक से जोड़ा। साथ ही हमारा लक्ष्‍य 3 करोड़ लखपति दीदी बनाना है। बिल गेट्स के साथ चर्चा के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था लगातार बढ़ रही है। पूरा देश डिजिटल क्रांति को अपना चुका है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि कोरोनाकाल में भारत में कोविन एप के जरिए लोग ऑनलाइन ही वैक्सिनेशन के लिए बुकिंग करते थे और खुद ही समय लेते थे। इससे डिजिटल क्षेत्र ने कोरोना के समय में लोगों का काम आसान कर दिया। प्रधानमंत्री ने बिल गेट्स से चर्चा के दौरान पीएम मोदी ने नमो ड्रोन दीदी का भी जिक्र किया। पीएम ने कहा, भारत में महिलाएं नई तकनीक अपनाने के लिए अधिक खुली हैं। मैंने नमो ड्रोन दीदी' योजना शुरू की है। यह बहुत सफलतापूर्वक चल रही है। उन्होंने कहा, गांव में महिला मतलब- भैंस चराना, गाय चराना, दूध निकालना। लेकिन ऐसा नहीं है। मैंने उनके हाथ में टेक्नोलॉजी (ड्रोन) दिया है।पीएम मोदी ने कहा, मैं इन दिनों उनसे बातचीत करता हूं, वे खुश होती हैं। उनका कहना है कि उन्हें साइकिल चलानी नहीं आती थी लेकिन अब वे पायलट हैं और ड्रोन उड़ा सकते हैं। मानसिकता बदल गई है।
*पीएम मोदी से चर्चा के दौरान बिल गेट्स ने की भारत की डिजिटल सरकार की तारीफ, प्रधानमंत्री ने कहा-पूरा देश ने डिजिटल क्रांति को अपनाया*

#pm_modi_bill_gates_conversation  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने माइक्रोसॉफ्ट के सह-संस्थापक बिल गेट्स से अपने आवास पर मुलाकात की। दोनों ने फ्री-व्हीलिंग चैट में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से लेकर डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे मुद्दों पर चर्चा की।चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री ने अपनी सरकार की लखपति दीदी योजना से लेकर स्वास्थ्य और कृषि क्षेत्र तक में बदलाव से बिल गेट्स को अवगत कराया। इस दौरान गेट्स ने भारत की डिजिटल सरकार की तारीफ भी की और पीएम मोदी को इस क्रांति के लिए बधाई दी। माइक्रोसॉफ्ट के संस्‍थापक बिल गेट्स ने कहा कि यह डिजिटल सरकार की तरह है। भारत न केवल तकनीक को अपना रहा है, बल्कि देश इस दिशा में लीड कर रहा है। पीएम मोदी ने कहा कि इंडोनेशिया में जी20 शिखर सम्‍मेलन के वक्‍त दुनियाभर के प्रतिनिधियों ने देश में डिजिटल क्रांति के बारे में जानने के प्रति दिलचस्‍पी दिखाई थी। मैंन उस वक्‍त कहा था कि हमने तकनीक का लोकतांत्रिकरण किया, ताकि किसी का एकाधिकार न रहे। यह लोगों के द्वारा और लोगों के लिए है। इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि उन्‍होंने 2 लाख आरोग्‍य मंदिर बनाए. हेल्‍थ सेक्‍टर और अस्‍पतालों को तकनीक से जोड़ा। साथ ही हमारा लक्ष्‍य 3 करोड़ लखपति दीदी बनाना है। बिल गेट्स के साथ चर्चा के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था लगातार बढ़ रही है। पूरा देश डिजिटल क्रांति को अपना चुका है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि कोरोनाकाल में भारत में कोविन एप के जरिए लोग ऑनलाइन ही वैक्सिनेशन के लिए बुकिंग करते थे और खुद ही समय लेते थे। इससे डिजिटल क्षेत्र ने कोरोना के समय में लोगों का काम आसान कर दिया। प्रधानमंत्री ने बिल गेट्स से चर्चा के दौरान पीएम मोदी ने नमो ड्रोन दीदी का भी जिक्र किया। पीएम ने कहा, भारत में महिलाएं नई तकनीक अपनाने के लिए अधिक खुली हैं। मैंने नमो ड्रोन दीदी' योजना शुरू की है। यह बहुत सफलतापूर्वक चल रही है। उन्होंने कहा, गांव में महिला मतलब- भैंस चराना, गाय चराना, दूध निकालना। लेकिन ऐसा नहीं है। मैंने उनके हाथ में टेक्नोलॉजी (ड्रोन) दिया है।पीएम मोदी ने कहा, मैं इन दिनों उनसे बातचीत करता हूं, वे खुश होती हैं। उनका कहना है कि उन्हें साइकिल चलानी नहीं आती थी लेकिन अब वे पायलट हैं और ड्रोन उड़ा सकते हैं। मानसिकता बदल गई है।
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#pm_modi_bill_gates_conversation  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने माइक्रोसॉफ्ट के सह-संस्थापक बिल गेट्स से अपने आवास पर मुलाकात की। दोनों ने फ्री-व्हीलिंग चैट में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से लेकर डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे मुद्दों पर चर्चा की।चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री ने अपनी सरकार की लखपति दीदी योजना से लेकर स्वास्थ्य और कृषि क्षेत्र तक में बदलाव से बिल गेट्स को अवगत कराया। इस दौरान गेट्स ने भारत की डिजिटल सरकार की तारीफ भी की और पीएम मोदी को इस क्रांति के लिए बधाई दी। माइक्रोसॉफ्ट के संस्‍थापक बिल गेट्स ने कहा कि यह डिजिटल सरकार की तरह है। भारत न केवल तकनीक को अपना रहा है, बल्कि देश इस दिशा में लीड कर रहा है। पीएम मोदी ने कहा कि इंडोनेशिया में जी20 शिखर सम्‍मेलन के वक्‍त दुनियाभर के प्रतिनिधियों ने देश में डिजिटल क्रांति के बारे में जानने के प्रति दिलचस्‍पी दिखाई थी। मैंन उस वक्‍त कहा था कि हमने तकनीक का लोकतांत्रिकरण किया, ताकि किसी का एकाधिकार न रहे। यह लोगों के द्वारा और लोगों के लिए है। इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि उन्‍होंने 2 लाख आरोग्‍य मंदिर बनाए. हेल्‍थ सेक्‍टर और अस्‍पतालों को तकनीक से जोड़ा। साथ ही हमारा लक्ष्‍य 3 करोड़ लखपति दीदी बनाना है। बिल गेट्स के साथ चर्चा के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था लगातार बढ़ रही है। पूरा देश डिजिटल क्रांति को अपना चुका है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि कोरोनाकाल में भारत में कोविन एप के जरिए लोग ऑनलाइन ही वैक्सिनेशन के लिए बुकिंग करते थे और खुद ही समय लेते थे। इससे डिजिटल क्षेत्र ने कोरोना के समय में लोगों का काम आसान कर दिया। प्रधानमंत्री ने बिल गेट्स से चर्चा के दौरान पीएम मोदी ने नमो ड्रोन दीदी का भी जिक्र किया। पीएम ने कहा, भारत में महिलाएं नई तकनीक अपनाने के लिए अधिक खुली हैं। मैंने नमो ड्रोन दीदी' योजना शुरू की है। यह बहुत सफलतापूर्वक चल रही है। उन्होंने कहा, गांव में महिला मतलब- भैंस चराना, गाय चराना, दूध निकालना। लेकिन ऐसा नहीं है। मैंने उनके हाथ में टेक्नोलॉजी (ड्रोन) दिया है।पीएम मोदी ने कहा, मैं इन दिनों उनसे बातचीत करता हूं, वे खुश होती हैं। उनका कहना है कि उन्हें साइकिल चलानी नहीं आती थी लेकिन अब वे पायलट हैं और ड्रोन उड़ा सकते हैं। मानसिकता बदल गई है।
हरीश साल्वे समेत 600 से ज्यादा वकीलों ने सीजेआई को लिखी चिट्ठी, कहा-न्यायपालिका पर दबाव बना रहा एक खास गुट

#lawyers_write_to_cji_expressing_concern_over_attempts_to_undermine_the_judiciarys 

भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ को वकीलों के एक समूह ने न्यायपालिका को बदनाम करने के राजनीतिक एजेंडे के मुद्दे पत्र लिखा है। देशभर के 600 से ज्यादा वकीलों ने मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ को पत्र लिखकर चिंता जाहिर की है। वकीलों का कहना है कि न्यायपालिका पर उठते सवाल और अखंडता को कमजोर करने के प्रयासों को देखते हुए वो चिंतित हैं। पत्र लिखने वाले वकीलों में हरीश साल्वे, मनन कुमार मिश्रा, आदिश अग्रवाल, चेतन मित्तल, पिंकी आनंद, हितेश जैन, उज्ज्वला पवार, उदय होला और स्वरुपमा चतुर्वेदी जैसे बड़े नाम शामिल हैं।

पत्र में सीजेआई से शिकायती लहजे में कहा गया है कि राजनीतिक मामलों में न्यायपालिका पर दबाव बनाने, न्यायिक प्रक्रिया को प्रभावित करने और अदालत के आदेशों को गलत ठहराने के बेतुके तर्क दिए जा रहे हैं। पत्र में किसी भी राजनीतिक दल का नाम लिए बगैर इस पहलू पर चिंता व्यक्त की गई है कि एक एजेंडे के तहत न्यायपालिका को बदनाम किया जा रहा है। यह लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए खतरा है। पत्र में अपील की गई है कि अभी कोर्ट के साथ खड़े होने की जरूरत है ताकि सुनिश्चित हो कि ये लंकतंत्र का मजबूत स्तंभ बना रहे।

सीजेआई को लिखे पत्र में कहा गया है कि ये ग्रुप अपने पॉलिटिकल एजेंडे के आधार पर अदालती फैसलों की सराहना या फिर आलोचना करता है। असल में ये ग्रुप ‘माई वे या हाईवे’ वाली थ्योरी में विश्वास करता है। साथ ही बेंच फिक्सिंग की थ्योरी भी इन्हीं की गढ़ी हुई है। वकीलों ने आरोप लगाया है कि ये अजीब है कि नेता किसी पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हैं और फिर अदालत में उनका बचाव करते हैं। ऐसे में अगर अदालत का फैसला उनके मनमाफिक नहीं आता तो वे कोर्ट के भीतर ही या फिर मीडिया के जरिए अदालत की आलोचना करना शुरू कर देते हैं।

इस पत्र में कहा गया है कि कुछ तत्व जजों को प्रभावित करने या फिर कुछ चुनिंदा मामलों में अपने पक्ष में फैसला देने के लिए जजों पर दबाव डालने की कोशिश कर रहे हैं और ऐसा सोशल मीडिया पर झूठ फैलाकर किया जा रहा है। इनके ये प्रयास निजी या राजनीतिक कारणों से अदालतों को प्रभावित करने का प्रयास है, जिन्हें किसी भी परिस्थिति में सहन नहीं किया जा सकता।

वकीलों का आरोप है कि ये खास ग्रुप की गतिविधियाँ चुनावी सीजन के दौरान अधिक सक्रिय हो जाती है। साल 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान भी ऐसा ही देखने को मिला था। हम सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध करते हैं कि वे इस तरह के हमलों से हमारी अदालतों को बचाने के लिए सख्त और ठोस कदम उठाएँ।

शिवसेना में शामिल हुए गोविंदा, मुंबई उत्तर पश्चिम लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने की अटकलें

#govinda_joins_shiv_sena

फिल्म अभिनेता गोविंदा ने राजनीति में एक बार फिर एंट्री ली है, वह गुरुवार को सीएम एकनाथ शिंदे की मौजूदगी में शिवसेना शिंदे गुट में शामिल हो गए। माना जा रहा है कि वह मुंबई उत्तर पश्चिम से चुनाव लड़ सकते हैं। गोविंदा की राजनीति में एंट्री के कयास कल तब से लगाए जाने लगे थे जब उन्होंने शिवसेना एक नाथ शिंदे गुट के प्रवक्ता और पूर्व विधायक कृष्णा हेगड़े से मुलाकात की थी। 

बुधवार को गोविंदा ने शिंदे खेमे के नेता और शिवसेना के पूर्व विधायक कृष्णा हेगड़े से मुलाकात की थी, जिसकी तस्वीर भी सामने आई थी। आज सीएम एकनाथ शिंदे से मुलाकात के बाद वो औपचारिक तौर पर सक्रिय राजनीति का हिस्‍सा बन गए हैं। गुरुवार को सीएम एकनाथ शिंदे ने गोविंदा को पार्टी की सदस्यता दिलाई, जिसकी तस्वीरें भी सामने आई हैं। पार्टी में शामिल होने के बाद गोविंदा ने कहा, 'मैंने सोचा था कि मैं दोबारा राजनीति में प्रवेश नहीं करूंगा, लेकिन अब मैं शिव सेना में शामिल हो रहा हूं और मेरे लिए यह भगवान का आशीर्वाद है'। वहीं, इस दौरान अभिनेता ने सीएम एकनाथ शिंदे की भी तारीफ की।

अब इस बात के कयास लगाए जा रहे हैं कि वो उत्‍तर-पश्चिमी मुंबई से चुनाव लड़ सकते हैं। मुंबई उत्तर-पश्चिम लोकसभा सीट का प्रतिनिधित्व मौजूदा वक्‍त में शिवसेना के गजानन कीर्तिकर कर रहे हैं। हालांकि, कीर्तिकर की अधिक उम्र के चलते एकनाथ शिंदे गुट कथित तौर पर उन्‍हें दोबारा मौका देने के मूड में नहीं हैं। ऐसे में गोविंदा के लिए यहां से लड़ने की संभावना प्रबल मानी जा रही है।

गोविंदा इससे पहले 2004 में राजनीतिक सफर की शुरूआत की थी। उन्‍होंने 20 साल पहले उत्‍तरी मुंबई से चुनाव जीता था। गोविंदा कांग्रेस के टिकट पर मुंबई उत्तर लोकसभा सीट से चुनाव जीत चुके हैं। तब उन्होंने भाजपा के राम नाईक को 48,271 वोट से हराया था। राम नाईक बाद में यूपी के राज्‍यपाल भी बने। हालांकि, बाद में गोविंदा ने निजी कारणों का हवाला देते हुए राजनीति छोड़ दी थी।

सीएम केजरीवाल की ईडी रिमांड बढ़ी, अब एक अप्रैल तक रहेंगे कस्टडी में

#delhiliquorpolicycasecmkejriwaled_custody 

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने केजरीवाल की ईडी रिमांड 1 अप्रैल तक के लिए बढ़ा दी है।आबकारी नीति घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की आज गुरुवार को ईडी की रिमांड अवधि खत्म हो गई। ऐसे में ईडी ने अरविंद केजरीवाल को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया और अदालत से दिल्ली सीएम की सात दिनों की रिमांड बढ़ाने की मांग की। कोर्ट ने ईडी की दलीलें सुनने के बाद केजरीवाल की कस्टडी 1 अप्रैल तक बढ़ा दी।

आज स्पेशल जज कावेरी बावेजा की कोर्ट में सुनवाई के दौरान सीएम केजरीवाल और ईडी के वकीलों के बीच तीखी बहस देखने को मिली। ईडी की ओर से पेश एएसजी एसवी राजू ने कहा कि आम आदमी पार्टी ने घूस लिया और इसका इस्तेमाल गोवा के चुनाव में किया। हमारे पास इस बात के दस्तावेज मौजूद हैं कि हवाला रूट के जरिए इन पैसों का इस्तेमाल गोवा के चुनाव में किया गया। राजू ने कहा कि जिन लोगों ने बाद में उनका नाम लिया, उन्होंने ऐसा करने के कारणों का खुलासा किया है। यह कागजों में है। राजू ने कहा कि हमारे पास गवाह हैं कि वे पैसे साउथ ग्रुप के हवाला से आए थे। एक शृंखला है।उन्होंने चुनिंदा तौर पर उस चेन के बारे में बात नहीं की है।

केजरीवाल ने 100 करोड़ रुपये की रिश्वत मांगी-ईडी

कोर्ट में सुनवाई के दौरान ईडी ने कहा कि हमारे पास सबूत है कि केजरीवाल ने आबकारी नीति मामले में 100 करोड़ रुपये की रिश्वत की मांग की। केजरीवाल ने कई बड़े अधिवक्ता खड़े किए, क्या आम आदमी ऐसा कर सकता है? ईडी ने कोर्ट में कहा कि अरविंद केजरीवाल ने अब तक मोबाइल का पासवर्ड नहीं दिया। जिसके कारण डिजिटल डेटा का परीक्षण नहीं कर पाए। 

घोटाला ईडी की जांच के बाद शुरू हुआ-केजरीवाल

केजरीवाल की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता मोहित माथुर ने कहा कि हम रिमांड का विरोध नहीं कर रहे हैं, ईडी जितने दिन चाहे केजरीवाल को रख सकती है। इस दौरान अरविंद केजरीवाल ने कोर्ट में कहा कि मुझे गिरफ्तार किया गया है। न मेरे ऊपर कोई मुकदमा चला, न आरोप बताए। केजरीवाल ने कहा मैं ईडी के अधिकारियों और कर्मचारियों को धन्यवाद देना चाहते हूं। जांच में अभी तक उन्होंने सहयोग किया है। अरविंद केजरीवाल ने कहा कि राघव मंगुटा के इतने बयान हुए 7 में से 6 बयानों में जिक्र नहीं है, लेकिन 7वें बयान में जिक्र आता है। लेकिन पहले के 6 बयान में सामने नहीं आता। ED के दो मकसद थे. एक आम आदमी पार्टी को खत्म करना, आम आदमी पार्टी को भ्रष्टाचारी, चोर बताना और दूसरा उगाही करना। सीएम ने कहा कि शरद रेडी ने गिरफ्तारी के बाद 55 करोड़ रुपए दिए। अरविंद केजरीवाल ने कहा कि कोई 100 करोड़ का घोटाला हुआ। मैं बताता हूं कि वो क्या घोटाला क्या है। घोटाला ईडी की जांच के बाद शुरू हुआ। अरविंद केजरीवाल ने कोर्ट में कहा कि हम रिमांड का विरोध नहीं कर रहे हैं। ये जितना दिन चाहे हिरासत में रखें।बॉन्ड की भी जांच होनी चाहिए।

2014 के बाद कितना बदला वाराणसी?

#varanasichangedinmodigovt  

दुनिया की सबसे प्राचीन नगरों में से एक

हिंदुओं का महत्वपूर्ण तीर्थस्थल

अब बना भारत की सियासत का केन्द्र

बाबा विश्वनाथ की नगरी को क्योटो बनाने की कवायद

दस वर्षों में काशी का हो गया कायाकल्प

पूरी तरह से बदला वाराणसी शहर का रूप-रंग

दुनिया के प्राचीनतम नगरों में एक शिव की यह नगरी हिंदुओं के महत्वपूर्ण तीर्थस्थलों में एक है। देश के हरेक कोने से तीर्थयात्री यहाँ आते हैं। यह बाबा काशी विश्वनाथ के नाम पर दुनिया भर में विख्यात है। जो अब भारत की राजनीति का महत्वपूर्ण केंद्र है। इसका एकमात्र कारण देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी यहां से लगातार दो वार जीत कर देश की बागडोर संभाल रहे हैं। अब तीसरी बार भी विजय रथ पर सवार होने को आतुर हैं। वाराणसी लोकसभा सीट पर अब एक बार फिर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चुनावी मैदान में हैं। 

सन् 1956 में 24 मई को बनारस या काशी को वाराणसी नाम दिया गया। अब उस काशी को पिछले कुछ सालों से क्योटो बनाने की कवायद जारी है। पिछले दस वर्षों में वाराणसी एक विशिष्ट नगर के रूप में उभर कर आया है। नरेंद्र मोदी की सरकार के कार्यकाल में इस शहर का नये सिरे से कायाकल्प हो गया। तमाम चुनौतियों के बावजूद बनारस का नया रूप अब दुनिया के सामने है। प्रधानमंत्री मोदी के प्रयासों और विकास योजनाओं की बदौलत दुनिया भर में इस धार्मिक नगरी को एक अलग पहचान मिली है।

2014 में चुनाव जीतने के बाद मोदी कई बार वाराणसी गए। उन्होंने वाराणसी को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर प्रोजेक्ट करने का मौक़ा कभी भी नहीं गंवाया। वे 2015 में जापान के प्रधानमंत्री शिंज़ो आबे और 2018 में फ़्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों को भी वाराणसी ले कर गए। इसके अलावा 2019 में प्रवासी भारतीय सम्मेलन और 2023 की शुरुआत में काशी-तमिल संगमम के साथ ही जी-20 सम्मेलन की छह बैठकों से काशी का मान देश दुनिया में बढ़ा।  

बीते दस वर्षों में वाराणसी के लिए विकास के लिए कई योजनाएं शुरू की गईं। साल 2014 में पीएम मोदी के वाराणसी से लोकसभा का चुनाव जीतने से लेकर साल 2023 तक पिछले 9 सालों में वाराणसी शहर का रूप और रंग पूरी तरह से बदल चुका है। साल 2014 में नरेंद्र मोदी जब गुजरात मॉडल को यूपी की धार्मिक नगरी वाराणसी में लाने के मिशन से पहुंचे तो शुरुआत उन्होंने सफाई अभियान के साथ की। 2014 में वाराणसी की यात्रा पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने झाड़ू हाथ में थामा और अस्सी घाट के पास जगन्नाथ गली में स्वच्छता अभियान चलाया। एक तरह से इसी दिन वाराणसी के कायाकल्प को लेकर प्रधानमंत्री मोदी ने संकल्प ले लिया। वह कार्य अब तक जारी है।

2014 से लेकर 2021 तक वाराणसी में 310 योजनाएं शुरू की गईं। वहीं 162 परियोजनाओं का शिलान्यास हुआ। इसके बाद प्रधावनमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 जुलाई 2021 को 1,500 करोड़ रुपये से अधिक की कई विकास परियोजनाओं की आधारशिला रखी। इनमें अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और कन्वेंशन सेंटर ‘रुद्राक्ष’ का भी उद्घाटन किया। बीएचयू में 100-बेड एमसीएच विंग, गोदौलिया में बहुस्तरीय पार्किंग, वाराणसी-गाजीपुर राजमार्ग पर तीन-लेन फ्लाईओवर पुल सहित अनेक सार्वजनिक परियोजनाएं थीं। साथ ही इनमें शहरी क्षेत्र के सड़क कार्यों के लिए 3.32 करोड़, तालाब और पार्क के सौंदर्यीकरण के लिए 2.86 करोड़़, ट्रांस वरुणा प्रोजेक्ट के लिए 19.49 करोड़ रुपये, गंगा पेयजल योजना के लिए 46.49करोड़ आदि भी शामिल हैं।

काशी विश्वनाथ मंदिर का विस्तारीकरण और सौन्दर्यीकरण योजना पीएम नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रॉजेक्ट था। 13 दिसंबर 2021 को काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर का लोकार्पण भी कर दिया। मंदिर परिसर के नए और भव्य स्वरूप से काशी नगरी खिल उठी। साल 2023 में वाराणसी में पर्यटकों की संख्या में 7.3 करोड़ की वृद्धि हुई। निवेशक स्थानीय पर्यटन क्षेत्र में निवेश करने के लिए प्रेरित हो रहे हैं। पिछले साल 40 से अधिक निवेशकों ने पर्यटन विभाग के साथ समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए।

इस साल 24 मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब वाराणसी पहुंचे तो उन्होंने 1800 करोड़ की परियोजनाओं की सौगात दी। यहां उन्होंने देश में पहली बार रोप-वे पब्लिक ट्रांसपोर्ट का भी उद्घाटन किया। इस दिन प्रधानमंत्री ने शहरवासियों को 28 परियोजनाओं सौंपी और 19 प्रोजेक्ट्स का शिलान्यास किया।

नरेंद्र मोदी के बनारस का सांसद और देश का प्रधानमंत्री बनने से पहले तक बनारस में भी दुश्वारियों का पहाड़ था। दूसरे शहरों की तरह यहां भी बदइंतजामी थी, सड़कें जर्जर, बिजली-पानी का संकट, कुंड-तालाब कब्जे में वगैरह-वगैरह। समय ने करवट ली, पीएम मोदी की चाहत के अनुरूप विकास की ओर बढ़े कदमों ने शहर में लटकते बिजली के तारों को गायब कर दिया। आईपीडीएस की सौगात से शहर की कई कालोनियों और मुहल्लों में बिजली के तार भूमिगत हो गए। काशी की प्राचीनता से मेल खाते लैंप पोस्टों से निकलती दूधिया रोशनी आपको पूरे शहर में दिखेगी। वर्तमान में बदलते बनारस की तस्वीरें इस बात की तस्दीक करती है कि आज जो है, वो कल से बेहतर है।