मुख्तार अंसारी की जेल में हुई मौत मामले की उच्च स्तरीय जांच हो : मायावती

लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने मुख्तार अंसारी की जेल में हुई मौत मामले की उच्च-स्तरीय जांच की मांग सरकार से की है।पूर्व मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा कि मुख़्तार अंसारी की जेल में हुई मौत को लेकर उनके परिवार द्वारा जो लगातार आशंकायें व गंभीर आरोप लगाए गए हैं उनकी उच्च-स्तरीय जांच जरूरी है, ताकि उनकी मौत के सही तथ्य सामने आ सकें। ऐसे में उनके परिवार का दुःखी होना स्वाभाविक। कुदरत उन्हें इस दुःख को सहन करने की शक्ति दे।

मुख्तार अंसारी की मौत की न्यायिक जांच करवाए यूपी सरकार : रामगोपाल यादव

लखनऊ। सपा के राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव ने माफिया मुख्तार अंसारी की मौत पर न्यायिक जांच की मांग करते सरकार पर निशाना साधा है।समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखते हुए पूर्व विधायक माफिया मुख्तार अंसारी की मौत की न्यायिक जांच करवाए जाने की मांग करते हुए सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा कि पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी की जिन परिस्थितियों में मृत्यु हुई वह अत्यंत चिंताजनक है।

उन्होंने न्यायालय ने अर्जी देकर पहले ही जहर के द्वारा अपनी हत्या की आशंका व्यक्त की थी। मौजूदा व्यवस्था में न तो कोई जेल में सुरक्षित, न पुलिस कस्टडी में और न ही अपने घर में सुरक्षित है। प्रशासनिक आतंक का माहौल पैदा करके लोगों को मुंह बंद रखने को विवश किया जा रहा है। उन्होंने प्रदेश सरकार से सवाल करते हुए लिखा है क्या मुख्तार अंसारी के द्वारा न्यायालय ने दी गई अर्जी के आधार पर कोई न्यायिक जांच के आदेश करेगी यूपी सरकार?।

एंबुलेंस कांड से बाराबंकी में खुला था मुख्तार का आपराधिक खाता, बाराबंकी के फर्जी पते पर खरीदी थी एंबुलेंस

लखनऊ। मुख्तार अंसारी का बाराबंकी जिले में आपराधिक खाता दो अप्रैल 2021 को एंबुलेंस कांड से खुला था। इसी क्रम में मुख्तार अंसारी व उसके गिरोह के बदमाशों पर दूसरा मुकदमा 25 मार्च 2022 को दर्ज किया गया, जिसमें मऊ, गाजीपुर, लखनऊ और प्रयागराज के 12 बदमाशों को नामजद किया गया। बहुचर्चित एंबुलेंस कांड से जुड़े इन दोनों मुकदमों में पुलिस ने मुख्तार सहित सभी आरोपितों के खिलाफ न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल कर चुकी है।

31 मार्च 2021 को पहली बार यह एंबुलेंस चर्चा में आई

गाजीपुर जिले के यूसुफपुर मोहम्मदाबाद का मूल निवासी मुख्तार अंसारी पंजाब जेल में निरुद्ध होने के दौरान निजी एंबुलेंस यूपी 41 एटी 7171 का प्रयोग करता था, जिससे वह न्यायालय पेशी पर जाता था। इसमें उसके साथ असलहाधारी बदमाश रहते थे। 31 मार्च 2021 को पहली बार यह एंबुलेंस चर्चा में आई, जिसके बाद दो अप्रैल 2021 दो तत्कालीन एआरटीओ पंकज सिंह ने मऊ के श्याम संजीवनी अस्पताल की संचालिका डा. अल्का राय पर जालसाजी का मुकदमा लिखाया था। 21 मार्च 2013 में पंजीकृत यह एंबुलेंस बाराबंकी कोतवाली नगर के मुहल्ला रफीनगर के मकान नंबर 56 के पते पर पंजीकृत कराई गई थी। पते के लिए लगाए गए वोटर कार्ड का सत्यापन किया गया तो पता ही गलत मिला। तत्कालीन सीओ नवीन सिंह इस एंबुलेंस को पांच अप्रैल 2021 को पंजाब से बाराबंकी लेकर आए थे, जो अब कोतवाली नगर के मालखाना में है।

चार जुलाई 2021 को पुलिस ने सभी के खिलाफ न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल कर दिया

मुकदमे की विवेचना में पुलिस ने मुख्तार अंसारी को आइपीसी की धारा 120 (बी) के तहत साजिशकर्ता करार देकर नामजद किया था और इसके बाद उसके गिरोह के अन्य बदमाशों का नाम प्रकाश में आता गया। चार जुलाई 2021 को पुलिस ने सभी के खिलाफ न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल कर दिया। इसके बाद 25 मार्च 2022 में तत्कालीन नगर कोतवाल सुरेश पांडेय ने मुख्तार व उसके 12 साथी बदमाशों पर गैंगस्टर का मुकदमा कराया। गिरोह के सदस्यों की करोड़ों की संपत्ति को भी गैंगस्टर एक्ट की धारा 14 (1) के तहत कुर्क किया जा चुका है।

यह लोग हुए नामजद

गैंगस्टर के मुकदमे में मऊ जिले के बलिया मोड़ स्थित श्याम संजीवनी अस्पताल एंड रिसर्च सेंटर की संचालिका डा. अल्का राय, डा. शेषनाथ राय, थाना सरायलखंसी के अहिरौली निवासी राजनाथ यादव, ग्राम सरवां के आनंद यादव, गाजीपुर जिले के मोहम्मदाबाद के मंगलबाजार यूसुफपुर के सुरेंद्र शर्मा, सैदपुर बाजार मुहल्ला रौजा के मो. शाहिद, फिरोज कुरैशी, अफरोज उर्फ चुन्नू, जफर उर्फ चंदा, सलीम, प्रयागराज के थाना करेली के वसिहाबाद सदियापुर के मो. सुहैब मुजाहिद और लखनऊ के वजीरगंज थाना के लारी हाता कालोनी के मो.जाफरी उर्फ शाहिद को नामजद किया गया। दोनों मुकदमों में न्यायालय में सुनवाई हो रही है

श्याम संजीवनी अस्पताल के नाम मुख्तार लिया था एम्बुलेंस

मुख्तार अंसारी मऊ की श्याम संजीवनी हॉस्पिटल के नाम पर एम्बुलेंस ले लिया था। इसका प्रयोग वह जेल से पेशी में जाने में करता था। पंजाब के रोपण जेल से मोहाली कोर्ट जाने में मुख्तार अंसारी ने इस ऐंबुलेंस का प्रयोग किया था। जिसका पंजीकरण बाराबंकी परिवहन विभाग में होना पाया गया। जांच के दौरान पता चला कि फर्जी दस्तावेजों के सहारे वर्ष 2013 में ऐंबुलेंस बाराबंकी एआरटीओ कार्यालय से पंजीकृत कराई गई थी। बाराबंकी संभागीय परिवहन विभाग ने जब इस ऐंबुलेंस की पड़ताल शुरू की तो पता चला कि इसका रिनिवल ही नहीं कराया गया था और दस्तावेजों में डॉ. अल्का राय की फर्जी वोटर आईडी से पंजीकृत पाई गई। मामले में मुख्तार अंसारी समेत 12 अन्य लोगों पर जालसाजी और गैंगस्टर ऐक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया था। जिस मुकदमे में आरोपियों की संपत्तियों पर कुर्की की कार्रवाई की गई।

भाजपा की लहर में भी बाहुबली मुख्तार अंसारी ने दर्ज की थी बड़ी जीत, अब खत्म हो गया माफिया का किरदार

लखनऊ। कभी हार न मानने वाले, कभी न हारने वाले मुख्तार अंसारी आखिरकार जिंदगी और मौत की जंग में हार गया। इसी के साथ उसके किरदार का भी अंत हो गया। यूपी 2017 विधानसभा चुनाव में बीजेपी लहर होने के बादजूद मुख्तार अंसारी ने जीत की कुर्सी अपने नाम की थी। बाहुबली मुख्तार अंसारी ने बीजेपी के सहयोगी दल के प्रत्याशी महेंद्र राजभर को 7464 मतों से करारी शिकस्त दी थी। महेंद्र भाजपा के सहयोगी दल भारतीय समाज पार्टी के उम्मीदवार थे। मुख्तार अंसारी की पार्टी कौमी एकता दल का बसपा में विलय कर दिया गया था।

पहली बार मुख्तार अंसारी ने बसपा के टिकट पर ही विधानसभा चुनाव जीता था।फिर जीत का सिलसिला जारी रहा। दो बार मुख्तार निर्दलीय उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतरा और जीता भी था। एक बार फिर 2007 में मुख्तार बसपा में शामिल हो गया। आपराधिक मामले सामने आऩे के बाद 2010 में बसपा ने उन्हें पार्टी से बाहर निकाल दिया था। इसी बाद मुख्तार अपने भाइयों के साथ मिलकर कौमी एकता दल का गठन किया। जिसके बाद साल 2012 के विधानसभा चुनावों में उन्होंने कौमी एकता दल के टिकट पर मऊ सीट से जीत हांसिल की थी। मुख्तार अंसारी पर 65 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज थे। उसकी शस्त्र लाइसेंस, गैंगेस्टर, मन्ना सिंह व गवाह हत्याकांड, विधायक निधि सहित की मामलों में एमपी एमएलए कोर्ट में पेशी चल रही थीं।

तीन माह मथुरा जेल में रहा था मुख्तार ,मऊ दंगे में गाजीपुर से मथुरा जेल भेजा गया था अंसारी

लखनऊ। माफिया मुख्तार अंसारी मथुरा जेल में भी तीन माह बंद रह चूका है। मऊ दंगे में उसे यहां स्थानांतरित किया गया था। मऊ में 14 अक्टूबर 2005 में भरत मिलाप कार्यक्रम के दौरान दंगा भड़क गया था। आरोप लगा था कि तत्कालीन विधायक मुख्तार अंसारी के इशारे पर सामूहिक दुष्कर्म का फर्जी मुकदमा मऊ कोतवाली में दर्ज कराया गए था। इस मामले में वर्ष 2010 में तीन माह तक जिला कारागार में मुख़्तार अंसारी को रखा गया था।

मुख्तार को गाजीपुर जेल से यहां शिफ्ट किया गया और 17 नंबर बैरक में रखा गया था। उसके बाद आगरा जेल शिफ्ट कर दिया गया था। मथुरा जेल में तीन नंबरदारों की ड्यूटी सुरक्षा को लगाई गई थी। इसके बाद भी मुख्तार को हमेशा अपनी जान का खतरा रहता था। यहां उनके भाई अफजाल अंसारी मुलाकात को आए और उनके पास टिफिन में मीट था, जिसे मुख्तार को खिलाना चाहते थे। मगर, उस वक्त तैनात अधीक्षक एक महिला थीं , उन्होंने अफजाल अंसारी को मय टिफिन अंदर नहीं जाने दिया। यह मामला अफजाल ने संसद में उछाला और प्रोटोकाल न दिए जाने की शिकायत की थी।

माफिया मुख्तार अंसारी की हार्ट अटैक से मौत, प्रदेश में बढ़ाई गई सुरक्षा

लखनऊ। यूपी की बांदा जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी की गुरुवार देर रात इलाज के दौरान मौत हो गई। जेल की बैरक में मुख्तार अंसारी की तबीयत खराब होने पर जेल प्रशासन रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज ले आया जहां उसकी हालत गंभीर बताई जा रही थी। सूचना मिली कि मुख्तार को आईसीयू से सीसीयू में भर्ती करना पड़ा। यहां मुख्तार के इलाज में 9 डॉक्टरों की टीम लगी थी। मुख्तार अंसारी की मौत से जुड़ी खबर आने के बाद मऊ और गाजीपुर में सुरक्षा बढ़ा दी गई है जबकि राज्य भर में धारा 144 लागू कर दी गई।

उल्टी की शिकायत होने के बाद अस्पताल में कराया गया भर्ती

मुख्तार की मौत के बाद जारी मेडिकल बुलेटिन में बताया गया कि आज शाम 8:25 बजे बंदी मुख्तार अंसारी को उल्टी की शिकायत के बाद बेहोशी की हालत में रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज लाया गया। नौ डॉक्टरों की टीम उनके इलाज में लगी थी लेकिन भरसक प्रयास के बावजूद हार्ट अटैक आने से मुख्तार की मौत हो गई।दूसरी ओर, लखनऊ में 5 केडी मुख्यमंत्री आवास पर चल रही बड़ी बैठक चल रही है जिसमें डीजीपी प्रशांत कुमार, एडीजी एलओ अमिताभ यश भी मौजूद हैं। मुख्यमंत्री आवास से घटनाक्रम पर पैनी नजर रखी जा रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किसी भी हाल में अप्रिय घटना न हो, इसके लिए निर्देश दिये हैं।

देर रात में जारी किया गया मौत का बुलेटिन

इससे पहले गुरुवार शाम जेल में मुख्तार अंसारी की तबीयत फिर से खराब होने की जानकारी मिलने पर जिला अधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल, पुलिस अधीक्षक अंकुर अग्रवाल कई थानों की पुलिस के साथ मंडल कारागार पहुंचे। करीब 40 मिनट तक जेल के अंदर सभी अधिकारी रहे। अंदर क्या हो रहा है किसी को कोई जानकारी नहीं मिली। चासीस मिनट बाद एम्बुलेंस आई जिसमें मुख्तार अंसारी को रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज ले जाया गया। हार्ट अटैक की खबर सामने आने पर मेडिकल कॉलेज के बाहर मीडिया का हुजूम लग गया। देर रात में उनकी मौत होने की खबर सामने आई।

सोमवार की रात को पेट में दर्द होने पर कराया गया था भर्ती

सोमवार की रात मुख्तार मुख्तार को पेट दर्द की शिकायत पर मेडिकल कॉलेज में भर्ती किया गया था। जहां डॉक्टर ने उसे कब्जियत बताकर एनिमा लगाया था। उसे 14 घंटे तक मेडिकल कॉलेज में रखकर देर शाम उसी दिन जेल में शिफ्ट कर दिया गया। बुधवार को जिला अस्पताल के डॉक्टर के पैनल ने उसकी पुनः जांच की थी। जांच के बाद डॉक्टरों ने बताया था कि उसकी हालत में सुधार हो रहा है, उसे कुछ दवा भी दी गई। इस बीच एमपी एमएलए कोर्ट ने भी मुख्तार के स्वास्थ्य के बारे में संज्ञान लेते हुए जेल अधीक्षक से मेडिकल रिपोर्ट तलब की थी।

भाई ने खाने में मुख्तार को जहर देने का लगाया था अारोप

जानकारी के लिए बता दें कि जिस दिन मुख्तार की हालत बिगड़ी थी उस दिन परिवार के लोग भी उसे देखने आए थे। यहां मीडिया के समक्ष मुख्तार के बेटे उमर अंसारी एवं भाई अफजाल अंसारी ने खाने में मुख्तार को जहर देने का आरोप लगाया था। इसके पहले मुख्तार के वकील ने बाराबंकी कोर्ट में भी मुख्तार के हवाले से खाने में जहर देने का आरोप लगाया था लेकिन जेल प्रशासन ने इन आरोपों को खारिज कर दिया था। अब उनकी मौत से तमाम तरह के सवाल फिर उठ रहे हैं।

मनबढ़ किस्म का मुख्तार 80 के दशक में साधु-मकनू गैंग से जुड़ा

मुख्तार अंसारी का जन्म 20 जून 1963 को नगर पालिका परिषद मुहम्मदाबाद के पूर्व चेयरमैन सुबहानुल्लाह अंसारी के तीसरे पुत्र के रूप में हुआ था। एक अच्छा क्रिकेटर रहा मनबढ़ किस्म का मुख्तार 80 के दशक में साधु-मकनू गैंग से जुड़ा। साधु और मकनू को अपना गुरु मानकर जरायम जगत की बारीकियों को समझा और धीरे-धीरे खुद का अपना गैंग खड़ा कर माफिया सरगना बन गया। वर्ष 1997 में मुख्तार अंसारी का अंतरराज्यीय गिरोह (आईएस-191) पुलिस डोजियर में दर्ज किया गया। 25 अक्तूबर 2005 को मुख्तार जेल की सलाखों के पीछे गया तो फिर बाहर नहीं निकल पाया। इस बीच वर्ष 1996 से 2022 तक वह मऊ सदर विधानसभा से पांच बार लगातार विधायक चुना गया।

आठ बार हुई सजा 18 महीने में मुख्तार को

जानकारी के लिए बता दें कि मुख्तार अंसारी को 21 सितंबर 2022: मारपीट, धमकाने सहित अन्य आरोपों में लखनऊ के आलमबाग थाने में दर्ज मुकदमे में सात वर्ष की कठोर कारावास की सजा और 37 हजार रुपये जुर्माना लगाया गया। इसके बाद 23 सितंबर 2022: लखनऊ के हजरतगंज थाने में दर्ज गैंगस्टर एक्ट में पांच वर्ष की कठोर कारावास की सजा और 50 हजार रुपये जुर्माना लगाया गया। इसी प्रकार से 15 दिसंबर 2022: गाजीपुर के कोतवाली थाने में दर्ज गैंगस्टर एक्ट के मामले में 10 वर्ष की सजा। 5 लाख रुपये जुर्माना। 29 अप्रैल 2023: गाजीपुर के मुहम्मदाबाद थाने में दर्ज गैंगस्टर एक्ट के मामले में 10 वर्ष की सश्रम कारावास और 5 लाख रुपये जुर्माना।

5 जून 2023: वाराणसी के चेतगंज थाने में दर्ज हत्या मामले में मुख्तार अंसारी को आजीवन कारावास की सजा। 1 लाख रुपये जुर्माना। 27 अक्तूबर 2023: गाजीपुर के करंडा थाने में दर्ज गैंगस्टर एक्ट के मुकदमे में मुख्तार अंसारी को 10 वर्ष की कठोर कारावास की सजा। पांच लाख रुपये जुर्माना लगाया। 15 दिसंबर 2023: वाराणसी के भेलूपुर थाने में दर्ज धमकाने के मामले में 5 वर्ष 6 माह की कारावास और 10 हजार रुपये जुर्माना। 13 मार्च 2024: धोखाधड़ी, कूटरचना व आपराधिक साजिश और आयुध अधिनियम के तहत उम्रकैद की सजा। 2.02 लाख रुपये जुर्माना।

माफिया मुख्तार का प्रयागराज में भी था दखल, दो शूटर हुए थे ढेर

लखनऊ। पूर्वांचल के बाहुबली माफिया मुख्तार अंसारी का प्रयागराज (पूर्व में इलाहाबाद) में भी काफी दखल था। उसके शूटर सुपारी लेकर प्रयागराज और आसपास के जिले में वारदात करते थे। माफिया अतीक अहमद से उसका गठजोड़ था। दोनों एक-दूसरे के मामले में दखल नहीं देते थे। तीन साल पहले माफिया मुख्तार के दो शार्प शूटर स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) की मुठभेड़ में ढेर हुए थे। इससे पहले भी कई घटनाओं में मुख्तार गैंग के शूटर्स की संलिप्तता मिली थी।

माफिया से विधायक बने मुख्तार अंसारी के साथ ही मुन्ना बजरंगी के इशारे पर वाराणसी में करीब आठ वर्ष पहले डिप्टी जेलर अनिल त्यागी की हत्या कर दी गई थी। इसे अंजाम देने वाले मुख्तार के शूटर वकील पांडेय उर्फ राजीव पांडेय उर्फ राजू को एसटीएफ ने 2021 में प्रयागराज में उसके साथी के साथ मुठभेड़ में ढेर कर दिया था। 50 हजार का इनामी वकील पांडेय मुख्तार अंसारी के साथ ही मुन्ना बजरंगी व प्रयागराज के दिलीप मिश्रा गैंग का शार्प शूटर था। यह दोनों प्रयागराज में किसी नेता की हत्या की साजिश को अंजाम देने के लिए यहां आए थे।

दिलीप मिश्रा से भी शूटर वकील की थी नजदीकी

इसकी भनक लगने पर पुलिस से इसकी मुठभेड़ हुई थी और दो दारोगा मामूली रूप से जख्मी हुए थे, जबकि एसटीएफ के डिप्टी एसपी नवेंदु कुमार बुलेट प्रूफ जैकेट पहने होने के कारण बच गए थे। नैनी के अरैल तटबंध मार्ग पर वाहन चेकिंग के दौरान अपाचे से पहुंचे इन दो बदमाशों को रोकने में मुठभेड़ हुई थी। जवाबी फायरिंग में भदोही जिले के गोपीगंज थाना बड़ा शिव मंदिर निवासी वकील पांडेय उर्फ राजू पुत्र रामसहाय और गोपीगंज खुर्द गांव निवासी अमजद उर्फ अंगद उर्फ पिंटू पुत्र हफीजुल्लाह गोली लगने से ढेर हो गए थे। वकील पांडेय व अमजद उर्फ पिंटू चाका के पूर्व ब्लाक प्रमुख दिलीप मिश्रा के लिए भी काम करने लगे थे। दोनों सुपारी किलर थे और यहां एक नेता की हत्या करने के इरादे से आए थे। मुठभेड़ के वक्त गंगा नदी के कछार के जंगल में गोलियों की तड़तड़ाहट से सनसनी फैल गई थी।

विजय मिश्र ने जताया था शूटर वकील से खतरा

बताया गया है कि 2010 के फरवरी माह में इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित भदोही के पूर्व विधायक विजय मिश्रा ने पत्र में लिखा था कि वकील उर्फ राजीव पांडेय से उसकी जान को खतरा है। इससे पहले भी 28 मई 2020 को प्रयागराज में माफिया दिलीप मिश्रा के कालेज से गिरफ्तार खान मुबारक गैंग के शार्प शूटर व एक लाख के इनामी नीरज सिंह ने बताया था कि माफिया दिलीप मिश्रा के कहने पर उसने वकील पाडेय के साथ मिलकर नैनी निवासी आरएसएस से जुड़े सुजीत सिंह तथा नन्हें खान के दामाद व समाजवादी पार्टी के नेता सलीम अहमद पुत्र मंजूर अहमद निवासी घोघापुर थाना घूरपुर जनपद प्रयागराज की हत्या करने के लिए तीन बार रेकी भी की थी। नीरज सिंह के पकड़े जाने के कारण यह सनसनीखेज वारदात नहीं हो पाई थी।

एक अधिकारी की हत्या का षडयंत्र भी रचा वकील ने

वहीं झारखंड के कोयला माफिया व धनबाद के डिप्टी मेयर नीरज सिंह की हत्या में शामिल मुन्ना बजरंगी गैंग के शार्प शूटर अमन सिंह पुत्र उदयभान सिंह निवासी जगदीशपुर थाना राजे सुल्तानपुर जनपद अम्बेडकर नगर रांची के होटरवार जेल में बंद है। उसी के कहने पर वकील पांडेय और उसके साथी एचएस अमजद ने अपने साथियों के साथ मिलकर रांची के होटरवार जेल के एक अधिकारी की हत्या की साजिश रची थी। जेल में अमन सिंह अपना दबदबा बनाना चाहता था। लेकिन एसटीएफ ने उसके साथी अभिनव प्रताप सिंह उर्फ वरूण पुत्र दिनेश प्रताप सिंह निवासी ज्ञानापुर थाना महाराजगंज को अयोध्या के पास पकड़ लिया, जिससे इस बड़े षडयंत्र की जानकारी हो गई। इस बात की पुष्टि अभिनव सिंह ने अपने बयान में भी की थी।

12 सरकारी सेवाओं के कार्मिकों को पोस्टल बैलेट से मतदान की सुविधा

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग की ओर से लोकसभा सामान्य निर्वाचन-2024 में 12 सरकारी सेवाओं के कार्मिकों को पोस्टल बैलेट से मतदान करने की सुविधा दी गयी है।

नवदीप रिणवा ने बताया कि जो 12 सरकारी विभाग इस सूची में शामिल किये गये हैो, उसमें सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग (आकस्मिक एवं एम्बुलेंस सेवा), डाक विभाग, ट्रैफिक पुलिस, रेलवे, विद्युत विभाग, नागरिक उड्डयन विभाग, मेट्रो रेल कारपोरेशन, दूरदर्शन, आॅल इण्डिया रेडियो, भारत संचार निगम लिमिटेड शामिल है। इन विभागों के कार्मिकों को मतदान दिवस से सम्बन्धित ड्यूटी पर एवं मतदान दिवस की कवरेज के लिए पोस्टल बैलेट से मतदान की सुविधा दी गयी है।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि इन 12 सेवाओं के कार्मिक मतदान दिवस के दिन ड्यूटी पर होने के कारण पोलिंग स्टेशन पर व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर मतदान करने की स्थिति में नहीं होंगे। उनके द्वारा फार्म-12 डी भरकर और अपने विभाग के नामित नोडल अधिकारी से सत्यापित कराकर सम्बन्धित चरण, निर्वाचन क्षेत्र की अधिसूचना जारी होने के पांच दिन के अंदर रिटर्निंग आफिसर के पास जमा किया जाएगा।

सपा के 18 स्टार प्रचारकों की सूची जारी

लखनऊ। समाजवादी पार्टी ने लोकसभा चुनाव के प्रथम चरण में प्रचार के लिए जेल में बंद आजम खान समेत 18 स्टार प्रचारकों को मैदान में उतारा है। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव, किरनमय नंदा, रामगोपाल यादव के बाद आजम खान का नाम चौथे नम्बर पर है।

सपा की स्टार प्रचारक वाली सूची में जया बच्चन, डिम्पल यादव, जावेद अली खान, नरेश उत्तम पटेल, रामजी लाल सुमन, शिवपाल सिंह यादव, रामगोविन्द चौधरी, इन्द्रजीत सरोज, रमेश प्रजापति, ओमप्रकाश सिंह, राजपाल कश्यप, रामआसरे विश्वकर्मा, महबूब अली और शाहिद मंजूर के नाम शामिल है।

उत्तर प्रदेश के पश्चिम क्षेत्र में समीकरण के आधार पर महबूब अली, शाहिद मंजूर, जावेद अली खान के नाम को स्टार प्रचारक की सूची में शामिल कर समाजवादी पार्टी ने बड़ा संदेश दिया है। वहीं आजम खान के सीतापुर जेल में बंद रहने के बाद भी स्टार प्रचारक बनाकर उनके समर्थकों को रिझाने की पूरी कोशिश की गयी है।

मोदी का मतलब चहुंओर विकास : योगी आदित्यनाथ

लखनऊ। श्रीकृष्ण की नगरी में प्रबुद्धजन सम्मेलन में शामिल होने के लिए बुधवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ यहां पहुंचे। उन्होंने लोकसभा चुनाव प्रचार का आगाज से पूर्व श्रीकृष्ण जन्मस्थान में ठाकुरजी की पूजा अर्चना कर युगल सरकार की आरती की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की गारंटी से हर काम संभव है। मोदी का मतलब चाहुंओर विकास।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मंगलम ग्रीन रिजॉर्ट गोवर्धन चौराहे पर आयोजित भारतीय जनता पार्टी के प्रबुद्ध जन सम्मेलन में शामिल हुए। इस दौरान यहां पर मौजूद भाजपा कार्यकर्ताओं ने बुग्गे एवं माल्यार्पण कर उनका स्वागत किया। मुख्यमंत्री ने तीर्थनगरी में प्रबुद्धजन सम्मेलन से लोकसभा चुनाव प्रचार का आगाज करते हुए ब्रजवासियों को सरकार की उपल्बधियां गिनाईं।

प्रबुद्धजनों को संबोधित करते हुए आदित्यनाथ ने कहा कि कहा कि आज से पांच हजार वर्ष पहले इसी ब्रज में श्रीकृष्ण ने अपनी लीला रचाई। उस लीला की साक्षी बनीं थीं यमुना मैया। आज यमुना की गंदगी को देखकर दुख होता है, इसे दूर करेंगे।

आज ब्रज क्षेत्र में विकास हो रहा है। यह काम आपकी लोकप्रिय सांसद हेमा मालिनी के द्वारा संसद में जो आवाज गूंजी थी, उसके द्वारा ही संभव हो पाया है। उन्होंने वृंदावन में बांकेबिहारी मंदिर में कॉरिडोर की भी चर्चा की। उन्होंने मोदी की गांरटी का भी जिक्र किया। कहा कि मोदी की गारंटी से हर काम संभव है। कहा कि मोदी का मतलब है लोगों के सिर पर छत, मोदी का मतलब है। लोगों को सरकारी योजनाओं का लाभ, मोदी का मतलब है हर घर शौचालय, मोदी का मतलब है गरीब, शोषित, वंचित का विकास। इसके बाद उन्होंने लोगों से पूछा कि आप सभी लोग सहमत हैं न। लोगों ने कहा हां। इसके बाद उन्होंने बांकेबिहारी के जयकारे के साथ अपना संबोधन समाप्त किया। गौरतलब है कि भाजपा ने यहां से वर्तमान सांसद हेमा मालिनी को ही अपना प्रत्याशी घोषित किया है।