लोकसभा चुनाव 2024: सियासी गलियारों में निशिकांत के कारण चर्चा में रहने वाले गोड्डा लोकसभा पर इस बार भी होगा भाजपा का कब्जा
- विनोद आनंद
झारखंड के गोड्डा पिछले कुछ सालों से मीडिया और सियासी गलियारों में चर्चा में रही है।कारण है यहां के सांसद हैं निशिकांत दुबे,और ये शाह और मोदी के बहुत करीबी माने जाते हैं।
निशिकांत दुबे ने इज़ क्षेत्र में काम भी किया।देवघर हवाई अड्डा, देवघर में एम्स,गोड्डा में रेल परियोजना के अलावे कई ऐसे विकास योजनाएं हैं जो निशिकांत के खाते में जाते हैं।इतना नही हेमन्त सोरेन सरकार पर हमला, महुआ मोइत्रा को सांसद सदस्यता समाप्त करने तथा अपने बयानों और जमीन प्रकरण में भी उनका और उनके परिवार के सदस्य का नाम आने से वे हमेशा सुर्खियों में रहे।यही बजह है कि गोड्डा लोकसभा सीट पर देश भर की लोगों की नज़र लगी हुई है। इस बार भी भाजपा ने निशिकांत पर भरोसा जताया और एक जिज्ञासा बनी हुई है कि क्या निशिकांत इस बार भी गोड्डा सीट पर जीत दर्ज कर भाजपा का कब्जा करा पाएंगे। यह एक सवाल है जिस पर पुरे देश की है नजर...!
इसके अलावे गोड्डा लोकसभा सीट, उसके इतिहास, पूर्व में कौन -कौन वहां से जीते और वहां की राजनीतिक पृष्ठभूमि क्या है इसे जानने के लिए लोग उत्सुक हैं।
गोड्डा लोकसभा की पृष्ठभूमि
1962 में अस्तित्व में आयी गोड्डा संसदीय सीट से पहले सांसद कांग्रेस के प्रभुदयाल हिम्मत सिंघका चुने गये थे। उन्होंने इस चुनाव में अपने प्रतिद्वंद्वी जनता पार्टी के मोहन सिंह ओबेरॉय को 19585 वोटों से पराजित किया था। कांग्रेस को इस चुनाव में 78558 वोट मिले, जबकि दूसरे नंबर पर रहे जनता पार्टी के प्रत्याशी को 58973 वोट मिले।वहीं 1967 के चुनाव में भी कांग्रेस के श्री हिम्मत सिंघका ही विजयी हुए। इस बार उन्होंने बीजेएस पार्टी के उम्मीदवार एस तुलस्यान को हराया था। वहीं 1972 के चुनाव में भी गोड्डा लोकसभा सीट पर कांग्रेस का ही कब्जा रहा। पार्टी ने जगदीश मंडल को टिकट दिया और वे जीते।
1972 के चुनाव की बात करें तो गोड्डा लोकसभा क्षेत्र में 5,51,225 वोटर थे, जिसमें से 1,98,068 वोटरों ने वोट डाला था. पहले के चुनाव में वोटर कम टर्न होते थे. शुरू के तीन लोकसभा चुनाव गोड्डा सीट पर 1962, 1967, 1972 के चुनाव में कांग्रेस ने हैट्रिक तो लगायी थी।
जगदम्बी प्रसाद यादव ने इस सीट से कॉंग्रेस को किया बेदखल
वर्ष 1977 में जेपी आंदोलन के बाद देश में परिवर्तन का दौर चल रहा था।इंदिरा की इमेरजैंसी और सरकार विरोधी लहर ने कांग्रेस को सत्ता से बेदखल कर दिया।
उस समय गोड्डा से बीएलडी से जगदंबी प्रसाद यादव ने कांग्रेस से यह सीट छीन ली। लेकिन 1980 और 1984 में फिर कांग्रेस के समीनुद्दीन फिर जीते। अब तक गोड्डा संसदीय सीट पर आठ बार भाजपा, छह बार कांग्रेस, एक-एक बार बीएलडी और झामुमो ने जीत का परचम लहराया। अभी यह सीट भाजपा के कब्जे में है।
जनार्दन यादव ने भाजपा का खोला खाता
गोड्डा संसदीय सीट पर पहली बार 1989 में भाजपा की इंट्री हुई। भाजपा के उम्मीदवार जनार्दन यादव ने पहली बार भाजपा को गोड्डा संसदीय सीट पर जीत दिलायी। लेकिन दो साल बाद 1991 में पुन: लोकसभा का चुनाव हुआ और इस बार गोड्डा संसदीय सीट झामुमो के उम्मीदवार सूरज मंडल चुनाव जीते।
जगदंबी प्रसाद यादव ने फिर दिखाया जलवा
वर्ष 1996, 1998 और 1999 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के जगदंबी प्रसाद यादव ने जीत दर्ज कर हैट्रिक लगायी थी। इसके अलावा उन्होंने 1977 में बीएलडी के टिकट पर भी चुनाव जीता था। वहीं गोड्डा लोस सीट पर 2002 में भाजपा के टिकट पर प्रदीप यादव भी एक बार सांसद बने हैं। लेकिन 2004 में पुन: इस सीट पर कांग्रेस का कब्जा हो गया, इस बार फुरकान अंसारी जीते।
तीन बार यहां से निशिकांत दुबे जीत कर जीता शाह -मोदी का दिल
2014 के लोकसभा चुनाव के मुकाबले 2019 के चुनाव में भाजपा प्रत्याशी डॉ निशिकांत दुबे को 17.15 प्रतिशत वोट अधिक मिले। 2014 में डॉ दुबे को 36.25 प्रतिशत वोट मिले थे, वहीं 2019 में उन्हें 53.4 प्रतिशत वोट मिले। वहीं 2014 के चुनाव में दूसरे नंबर पर रहे कांग्रेस प्रत्याशी फुरकान अंसारी को 30.47 प्रतिशत और 2019 के चुनाव में दूसरे नंबर पर रहे झाविमो के प्रदीप यादव को 37.97 प्रतिशत वोट मिले।
2019 में भाजपा को 6,37 हजार 610 वोट, तो दूसरे नंबर पर प्रदीप यादव को 4,53,383 वोट ही मिले। वहीं 2014 में भाजपा को 3,80,500 वोट और दूसरे नंबर रहे कांग्रेस प्रत्याशी को 3,19,818 वोट प्राप्त हुए. 2014 में 60682 वोट तो 2019 में भाजपा गोड्डा लोकसभा सीट पर 1,84,227 वोटों के अंतर से जीता।
गोड्डा में अब तक जीत दर्ज करने वाले सांसद और पार्टी
1962 : पीएच सिंघका-कांग्रेस
1967 : पीएच सिंघका-कांग्रेस
1972 : जगदीश मंडल-कांग्रेस
1977 : जगदंबी प्रसाद यादव-बीएलडी
1980 समीनुद्दीन-कांग्रेस
1984 समीनुद्दीन-कांग्रेस
1989 जनार्दन यादव-भाजपा
1991 सूरज मंडल-झामुमो
1996 जगदंबी प्रसाद यादव-भाजपा
1998 जगदंबी प्रसाद यादव-भाजपा
1999 जगदंबी प्रसाद यादव-भाजपा
2002 प्रदीप यादव-भाजपा
2004 फुरकान अंसारी-कांग्रेस
2009 डॉ निशिकांत दुबे -भाजपा
2014 डॉ निशिकांत दुबे-भाजपा
2019 डॉ निशिकांत दुबे- भाजपा
विधानसभा सीट पर भाजपा ने नही किया अच्छा प्रदर्शन
पिछले तीन लोकसभा चुनाव में भाजपा की हैट्रिक और मोदी का जादू का असर इस लोकसभा के छह विधानसभा सीटों पर नही दिखा।
इसमे से चार विधानसभा पर विपक्षी दलों का कब्जा रहा है वहीं मात्र दो सीट पर भाजपा के विधायक हैं. देवघर सुरक्षित सीट से नारायण दास, मधुपुर से झामुमो के हफीजुल हसन, जरमुंडी से कांग्रेस के बादल पत्रलेख, पोड़ैयाहाट से कांग्रेस के प्रदीप यादव, महागामा से कांग्रेस की दीपिका पांडेय सिंह और गोड्डा विधानसभा से भाजपा के अमित मंडल अभी विधायक हैं।
जबकि 2019 के लोकसभा चुनाव में विधानसभा वाइज भाजपा को मिले वोट की गणित को देखें तो सभी विधानसभा से भाजपा को बढ़त मिली थी। यही कारण है कि 2019 में गोड्डा लोकसभा सीट 1, 84,227 वोटों के बड़े अंतर से जीती थी।
Mar 22 2024, 20:01