माँ कामाख्या धर्मादा ट्रस्ट भारतवर्ष द्वारा आयोजित धर्म चौपाल में बोले स्वामी संकर्षण : शास्त्र और संतों से दूरी के कारण हो रहा समाज का ह्रास
औरंगाबाद : जिले के सदर प्रखंड के कर्मा भगवान गांव में देवी मंदिर का प्रांगण माँ कामाख्या धर्मादा ट्रस्ट भारतवर्ष द्वारा धर्म चौपाल का आयोजन किया गया। स्वामी संकर्षण जी महाराज ने कहा कि शास्त्र और संतों से बढ़ती दूरी के कारण बहुत नुकसान हो रहा है। लोग गलत आचरण कर रहे हैं जिसके कारण नैतिक मूल्य के साथ-साथ हर स्तर से लोगों का नुकसान हो रहा है, इसलिए शास्त्र और संतों से जुड़े रहना जरूरी है। शास्त्र और संत हम सबको संयम में रहने का पाठ सीखता है।
उन्होंने कहा कि धर्म हम सब को संस्कार सीखना है। धर्म का मतलब सिर्फ हवन या अगरबत्ती जलाना ही नहीं है बल्कि गरीबों की सेवा करना, गरीब कन्या की शादी करना, समाज को आगे बढ़ाना यह सब भी काम धर्म है। धर्म का पालन करना सिर्फ मंदिर तक सीमित नहीं है बल्कि धर्म का पालन हम सबको 24 घंटा ही करना चाहिए। एक शिक्षक को छात्रों को शिक्षा देना धर्म है। अच्छा आचरण करना भी धर्म है। धर्म का पालन नहीं करने के कारण ही आज तलाक बढ़ गया है। हमारे धर्मशास्त्र में तलाक शब्द का कोई जिक्र नहीं है। हमारे संतो और शास्त्रों ने सभी को जोड़ने का काम किया है। हमारे धर्म में तलाक शब्द का पर्यायवाची शब्द भी नहीं है। बच्चों को धर्म की शिक्षा देना जरूरी है ताकि उच्ची शिक्षा के साथ उच्चा आचरण भी कर सके।
कहा कि भगवान श्री कृष्णा भी अर्जुन से कहे हैं की अपना धर्म सर्वश्रेष्ठ धर्म होता है और अपने धर्म का हमेशा पालन करना चाहिए। आज कुछ लोभ में दूसरे धर्म मे लोग चले जा रहे हैं। जन्म लेना हम सब के वश में नहीं है। ईश्वर हमसब को हिन्दू धर्म मे भेजा है तो इस धर्म का पालन करना चाहिए।
स्वामी संकर्षण जी ने कहा कि हम सब का दायित्व है कि अच्छी शिक्षा हम दूसरों को दे। हम सब को जगाने का कर्तव्य है। भगवान श्री कृष्ण भी गीता का ज्ञान देकर अर्जुन को जगाया था।
औरंगाबाद से धीरेन्द्र
Mar 22 2024, 17:09