यूपी के बदायूं हत्याकांड के बाद बचे एक बच्चे ने सुनाई आपबीती मंजर देखकर चीख निकल गई, हाथ से शीशे का गिलास छूटकर गिर गया, भागा तब बची जान

बदायूं शहर की बाबा कॉलोनी में दो बच्चों की हत्या के बाद मंगललार को रात भर गुस्से की आग सुलगती रही। तनावपूर्ण माहौल है। चप्पे-चप्पे पर पुलिस-पीएसी और अर्ध सैनिक बल तैनात हैं। पुलिस अधिकारी लगातार हालात की अपडेट ले रहे हैं।

बुधवार सुबह 8:30 बजे दोनों बच्चों के शवों का पैनल में पोस्टमार्टम कराया गया। मोहल्ले में सुबह से ही लोगों की भीड़ जुटी है। पुलिस बल तैनात है। दोनों बच्चों के घर में मातम पसरा हुआ। कई थानों की पुलिस मौके पर है।

जिंदा बचे बच्चे ने सुनाई दिल दहलाने वाली आपबीती

बदायूं में दोनों भाइयों की हत्या करने वाले आरोपी साजिद को पुलिस ने एनकाउंटर में मार गिराया है। इस दिल दहालने वाली वारदात में आरोपी साजिद के हाथों से छूटकर भागे बच्चे ने पूरी कहानी बताई है। उसने बताया कि वारदात के समय दो आरोपी जावेद और साजिद थे।

उसने बताया कि साजिद ने पहले बड़े भाई से चाय मंगवाई थी। छोटे भाई उसके साथ था। आरोपी ने पीयूष से पानी मंगवाया था। उसने बताया कि मुख्य आरोपी साजिद आयुष और अहान उर्फ हनी की दूसरी मंजिल की छत पर ले गया था।

बच्चे अक्सर उससे मिलते रहते थे। इससे दोनों बच्चे आसानी से उसके साथ घर की दूसरी मंजिल की छत पर चले गए। जब पीयूष शीशे के गिलास में पानी लेकर ऊपर पहुंचा तो वहां देखा कि साजिद उसके दोनों भाइयों पर बुरी तरह से चाकू से हमला कर रहा था।

यह मंजर देखकर उसकी चीख निकल गई। उसके हाथ से शीशे का गिलास छूटकर गिर गया। वह नीचे दौड़ा कि तभी आरोपी ने उस पर भी हमला करने की कोशिश की। इसमें पीयूष के हाथ की अंगुली भी कट गई।

उत्तराखंड में चारधाम यात्रा को लेकर परिवहन विभाग ने तैयारी की शुरू, वाहन में दर्ज होगा नाम और नंबर, तभी मिलेगा ग्रीन-कार्ड, यात्रियों को होगी सु

चार धाम यात्रा पर जाने वाले व्यावसायिक वाहनों के लिए परिवहन विभाग इस बार लोकसभा चुनाव के मतदान की प्रक्रिया पूरी होने के बाद ग्रीन कार्ड बनाने की व्यवस्था को शुरू करेगा।

इसका फायदा यह होता है कि गाड़ी की पूरी फिटनेस की जांच पहले होती है और यात्रा मार्ग पर चालक को बार-बार वाहन के कागजात एवं लाइसेंस आदि नहीं दिखाने पड़ते।

इस वर्ष मई के पहले सप्ताह से चार धाम यात्रा शुरू हो रही है। परिवहन विभाग ने ग्रीन कार्ड को लेकर शर्त रखी है कि वाहन के अंदर वाहन स्वामी, चालक व परिचालक का नाम और मोबाइल नंबर लिखा होना चाहिए।

परिवहन विभाग ने शुरू कर दी तैयारी

चार धाम यात्रा को लेकर परिवहन विभाग ने तैयारी शुरू कर दी है। हालांकि, विभाग वाहनों की जांच की फुलप्रूफ रणनीति कभी तैयार नहीं कर पाता। यही वजह है कि हर साल यात्रा मार्ग पर वाहन तकनीकी खामी के चलते कई मर्तबा दुर्घटना के शिकार हो जाते हैं।

दुर्घटना के मद्देनजर विभाग द्वारा रात में यात्रा मार्ग पर वाहन संचालन पहले ही बंद किया जा चुका है। इस बार चूंकि, यात्रा से पहले लोकसभा चुनाव का मतदान होना है, जो 19 अप्रैल को होगा। इसके लिए परिवहन विभाग व्यावसायिक वाहनों का अधिग्रहण कर रहा है।

ऐसे में यह वाहन 20 व 21 अप्रैल के बाद ही अधिग्रहण से मुक्त हो पाएंगे। ऐसे में परिवहन विभाग इस बार वाहनों की जांच और ग्रीन-कार्ड जारी करने का काम 22 अप्रैल के बाद शुरू करेगा। वाहनों के दस्तावेज और दशा देखने के बाद तकनीकी टीम फिटनेस जांच करेगी। उसके बाद वाहन को ग्रीन-कार्ड देने का फैसला लिया जाएगा।

बताया गया कि हर वाहन में फर्स्ट-एड बाक्स रखना अनिवार्य होगा। चालक को दवा के बारे में बताया जाएगा। बसों में चालक व परिचालक वर्दी में रहेंगे और निजी वाहनों के व्यावसायिक प्रयोग की जांच को भी कमेटी बनेगी।

इस बारे में आरटीओ सुनील शर्मा ने बताया कि वाहनों की पड़ताल के बाद ग्रीन कार्ड जारी किए जाएंगे। इसके लिए चालक को वाहन से जुड़े सभी दस्तावेज लाने होंगे। वाहन के अगले दोनों टायर तो नए होने अनिवार्य हैं। दून संभाग के सभी दफ्तरों से वाहनों को ग्रीन कार्ड मिलेंगे।

पंजाब: संगरूर में जहरीली शराब पीने से छह की हालत बिगड़ी, चार की मौत; पुलिस मामले की जांच में जुटी

पंजाब के संगरूर स्थित दिड़बा के नजदीकी गांव गुज्जरां में 150-150 रुपये में खरीदी शराब की पीने से छह व्यक्तियों की हालत बिगड़ गई। इनमें से जहां चार व्यक्तियों की मौत हो गई, वहीं दो सिविल अस्पताल संगरूर में जिंदगी व मौत के बीच जुझ रहे हैं। सभी व्यक्ति गांव में ही दिहाड़ी-मजदूरी करने वाले हैं व गांव के ही किसी व्यक्ति से सस्ती शराब खरीदी थी। मरने वालों में दो सगे भाई है।

जानकारी अनुसार गांव में दिहाड़ी मजदूरी का काम करने वाले आधा दर्जन व्यक्तियों ने सोमवार व मंगलवार को गांव में अवैध तौर पर शराब बेचने वाले किसी व्यक्ति से शराब खरीदी थी। यह शराब पीने से निर्मल सिंह पुत्र जोरा सिंह (45), वीरपाल सिंह व जग्गी सिंह की सेहत खराब हो गई।

जिन्हें बुधवार सुबह चार बजे के करीब सिविल अस्पताल संगरूर लाया गया, जहां हालत गंभीर होने के कारण निर्मल सिंह की मौत हो गई, जबकि वीरपाल सिंह व जग्गी सिंह का इलाज चल रहा है, वहीं इसी गांव के जगजीत सिंह उर्फ जग्गी सिंह पुत्र जोगा सिंह, उसका भाई प्रगट सिंह उर्फ गुरजंट सिंह पुत्र जोरा सिंह।

भोला सिंह पुत्र बेअंत सिंह निवासी गुज्जरां भी शराब पीने के बाद रात को बीमार हो गए, जिन्हें दिड़बा के अस्पताल में ले जाया गया, जहां उनकी मौत हो गई। चारों मृतकों के शव पोस्टमार्टम के लिए सिविल अस्पताल संगरूर भेज दिए गए।

डीएसपी दिड़बा पृथ्वी सिंह ने बताया कि पुलिस को सूचना मिलने पर पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जांच पड़ताल आरंभ कर दी है। मृतक के परिजनों के बयानों के आधार पर अगली कार्रवाई की जा रही है।

उत्तर प्रदेश के बदायूं में दो बच्चों की मौत से पूरा देश सन्न, आरोपी ने पहले मांगी चाय फिर तीन बच्चों आयुष, आहान और पीयूष पर छत पर जाकर धारदार हथ


उत्तर प्रदेश के बदायूं में दो बच्चों की मौत ने पूरे देश को हैरान कर के रख दिया है। इस हत्याकांड के बाद से पूरे जिले के लोगों में आक्रोश का माहौल जिस कारण पुलिस ने कड़ी सुरक्षा व्यवस्था कर दी है। बता दें कि बच्चों की हत्या का आरोपी साजिद भी एनकाउंटर में मारा गया है। कई लोगों के मन में सवाल है कि आखिर क्या मामला था कि शख्स ने मासूमों की खौफनाक तरीके से हत्या करने से पहले एक बार सोचा भी नहीं। आखिर घर में घुसकर आरोपी साजिद हत्या कैसे कर पाया?

इस तरह दिया हत्या को अंजाम

यूपी पुलिस के मुताबिक, साजिद नाम का शख्स जो नाई की दुकान चलाता है ये 8 बजे के लगभग अपनी दुकान के सामने विनोद नाम के शख्स के घर गया। जानकारी के अनुसार, दोनों एख दूसरे को पहले से जानते थे और उनमें कोई पुराना आपसी विवाद चल रहा था। साजिद ने विनोद के घर जाकर पहले उनके घरवालों से चाय बनाने को कहा। इसके बाद उसने विनोद के तीन बच्चों आयुष, आहान और पीयूष पर छत पर जाकर धारदार हथियार से हमला शुरू कर दिया। इस हमले में आयुष, आहान की मौत हो गई, पीयूष को हल्की चोट आई है जिनका ईलाज कराया जा रहा है।

पुलिस ने किया एनकाउंटर

आरोपी दो बच्चों की हत्या को अंजाम देने के बाद मौके से फ़रार हो गया था। पुलिस ने पास से ही इसे पकड़ा तो इसने पुलिस पर हमला करने की कोशिश की। फिर मुठभेड़ में साजिद को पुलिस ने मार गिराया गया। पुलिस ने कहा है कि अभी तक की जांच के मुताबिक एक ही आरोपी साजिद था जिसको एनकाउंटर में मार गिराया गया है। हालांकि, बच्चों की मां का कहना है कि आरोपी साजिद के साथ उसका भाई जावेद भी मृतकों के घर आया था।

नई व्यवस्था के तहत ही की गई चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति, सुप्रीम कोर्ट ने सरकार ने दाखिल किया हलफनामा, कहा, यह सवालों के घेरे में बिल्कुल नहीं

दो नए चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति पर रोक लगाने की मांग के जवाब में केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर दिया है. इसमें कहा गया है कि सरकार ने नियुक्ति नए कानून में लाई गई व्यवस्था के तहत की है, जो तीन सदस्यीय समिति की ओर से की गई है. हलफनामे में सरकार ने कहा है कि एडीआर की मांग आधारहीन है, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में नई व्यवस्था लाने को कहा था. सरकार ने कहा कि नए आयुक्तों की नियुक्ति सवालों के घेरे में किसी भी तरह से नहीं है, उनकी योग्यता के आधार पर ही तीन सदस्यीय समिति ने उनका चयन किया है.

सर्च कमेटी ने भेजे थे नाम

सुप्रीम कोर्ट में दायर हलफनामे में केंद्र सरकार ने कहा कि दोनों चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति नियम-कानून के आधार पर की गई है, इससे पहले सर्च कमेटी ने बड़े पैमाने पर सभी तथ्यों पर गौर किया और फिर समिति को नाम आगे भेजा गया. ऐसे में एडीआर समेत इस मामले में दायर सभी अर्जियों को खारिज किया जाना चाहिए.

याचिका का मकसद राजनीतिक विवाद खड़ा करना

सरकार ने हलफनामे में ये भी कहा कि जो भी याचिकाएं दाखिल की गई हैं, उनमें किसी तरह का कानूनी पहलू नहीं उठाया गया है, ऐसे में नए कानून के तहत की गई नियुक्तियों पर रोक लगाने का कोई भी कानूनी आधार नहीं है. याचिकाकर्ता का मकसद सिर्फ राजनीतिक विवाद खड़ा करना है.

“ईडी के सामने पेश क्यों नहीं हो रहे” दिल्ली हाई कोर्ट के सवाल पर केजरीवाल ने कहा- गिरफ्तारी का है डर

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दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की अर्जी पर दिल्ली हाईकोर्ट में जस्टिस सुरेश कैत और जस्टिस मनोज जैन की कोर्ट में सुनवाई हुई। केजरीवाल ने शराब नीति केस से जुड़े मामले में पूछताछ के लिए जारी किए गए प्रवर्तन निदेशालय के समन को चुनौती दी थी। जिसपर दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने केजरीवाल के वकील वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी से पूछा कि सीएम पूछताछ के लिए एजेंसी के सामने क्यों नहीं पेश हो रहे हैं।

दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की उस याचिका पर प्रवर्तन निदेशालय से उसका रुख पूछा, जिसमें उन्होंने आबकारी नीति 'घोटाले' से जुड़े धनशोधन के मामले में अपने खिलाफ जारी समन को चुनौती दी है। प्रवर्तन निदेशालय ने दावा किया कि आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक की याचिका सुनवाई योग्य नहीं है। याचिका में धन शोधन निवारण अधिनियम के कुछ प्रावधानों को भी चुनौती दी गई है।

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने केजरीवाल के वकील वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी से पूछा कि सीएम पूछताछ के लिए एजेंसी के सामने क्यों नहीं पेश हो रहे हैं। सिंघवी ने जवाब दिया कि उन्हें आशंका है कि ईडी उन्हें गिरफ्तार कर लेगी और अगर उन्हें सुरक्षा दी जाए तो मुख्यमंत्री पेश होने के लिए तैयार हैं।

पीठ ने पूछा आप देश के नागरिक हैं, समन केवल नाम के लिए है। आप पेश क्यों नहीं होते। पीठ ने वरिष्ठ वकील से पूछा ईडी द्वारा सामान्य प्रथा क्या है और क्या यह पहले समन पर ही लोगों को गिरफ्तार कर लेती है। सिंघवी ने कहा कि आप नेता मनीष सिसौदिया और संजय सिंह को भी एजेंसी ने इसी तरह गिरफ्तार किया था। यह नई शैली है।

सिंघवी ने ये भी दलील दी कि ईडी ये साफ नहीं कर रही है कि उन्हें किस हैसियत से बुलाया जा रहा है। उन्हें आरोपी के तौर पर बुलाया जा रहा है या गवाह / संदिग्ध के तौर पर। इस पर कोर्ट ने कहा कि अगर केजरीवाल समन पर पेश होते है तो ही उन्हें पता चल सकता है कि ईडी इस मामले में उनकी भूमिका को किस रूप में देख रही है।

हाई कोर्ट ने कहा कि हमने भी इस तरह के केस देखें है। जांच एंजेसी अमूनन पहले या दूसरे समन पर गिरफ्तार नहीं करती है। ईडी ऐसी गिरफ्तारी तभी करती है, जब उसके पास ऐसा करने का पुख्ता आधार हो। वो बकायदा लिखित में कारण दर्ज करके गिरफ्तारी जैसा कदम उठाते है।

ईडी की ओर से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एस वी राजू ने इस मामले में औपचारिक नोटिस जारी करने का विरोध किया। राजू ने कहा कि अरविंद केजरीवाल की याचिका सुनवाई लायक ही नहीं है। हमें इस पर जवाब दाखिल करने के लिए वक्त दीजिए। हम इस पहलू पर जवाब दाखिल करेंगे। इसके बाद कोर्ट ने ईडी को दो हफ्तों में जवाब दाखिल करने को कहा। ईडी की तरफ से जो जवाब आएगा, उस पर अरविंद केजरीवाल एक हफ्ते में आगे जवाब दाखिल करेंगे। कोर्ट 22 अप्रैल को आगे इस मामले पर सुनवाई करेगा।

डीएमके ने जारी की लोकसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों की लिस्ट, कई मौजूदा सांसदों का टिकट कटा

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तमिलनाडु में सत्तारूढ़ द्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम यानी डीएमके ने लोकसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर दी है। यहां डीएमके विपक्षी गठबंधन का हिस्सा है और कई दलों के साथ मिलकर चुनाव लड़ रही है। डीएमके के साथ कांग्रेस सहित अन्य क्षेत्रीय दल भी हैं। प्रत्याशियों की सूची के साथ ही पार्टी ने घोषणा पत्र भी जारी कर दिया। चेन्नई में पार्टी का घोषणा पत्र जारी करने के समय पार्टी के नेता सीएम स्टालिन, सांसद कनिमोझी, ए राजा आदि नेता मौजूद रहे।

तमिलनाडु की सभी 39 सीटों पर पहले चरण में मतदान होना है। जिसको देखते हुए सभी दल अपने-अपने प्रत्याशियों के नामों का ऐलान कर रहे हैं। डीएमके ने लोकसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों की पहली में उत्तर चेन्नई से कलानिधि वीरास्वामी, दक्षिण चेन्नई से थंगापंडियन, मध्य चेन्नई से दयानिधि मारन, श्रीपेरंबदूर से टीआर बालू, थिरुवनामलाई से अन्नादुरई, नीलगिरी से ए राजा और थुथुकुडी से कनिमोझी को टिकट दिया गया है। साथ ही वेल्लोर से कंधीर, इरोड से प्रकाश, कोवई सीट से गणपति राजकुमार, तंजौर से मुरासोली को टिकट दिया गया है।

इन मौजूदा सांसदों को नहीं मिला टिकट

• धर्मपुरी- सेंथिल कुमार

• सलेम- एसआर पार्थिबन

• पोलाची- शनमुगसुंदरम

• कल्लाकुरिची- गौतम चिकामणि

• तंजावुर- एसएस पलानीमणिक्कम

• तेनकासी- धनुष एम कुमार

डीएमके 21 सीटों पर चुनाव लड़ रही

राज्य में इंडिया अलायंस का नेतृत्व करने वाले डीएमके 21 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। जिनमें उत्तर चेन्नई, दक्षिण चेन्नई, मध्य चेन्नई, श्रीपेरंबदूर, अरक्कोनम, कांचीपुरम, तिरुवन्नामलाई, वेल्लोर, धर्मापुरी, कल्लाकुरुचि, सालेम, पोल्लाची, नीलगिरी, कोयंबटूर, थेनी, अरानी, पेरंबलूर, इरोड, तंजावुर, तेनकासी, थुथुकुडी लोकसभा सीट शामिल हैं। वहीं, कांग्रेस को 9 सीटें जबकि वीसीके, माकपा और भाकपा को दो-दो सीटें दी गई हैं। इसके अलावा एमडीएमके, आईयूएमएल और केएमडीके को एक-एक सीटें आवंटित की गई हैं।

64 पन्ने का घोषणापत्र भी जारी

उम्मीदवारों के नाम का ऐलान करने के साथ ही डीएमके ने घोषणापत्र भी जारी कर दिया है। पार्टी ने तमिलनाडु में नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) और यूनिफॉर्म सिविल कोड नहीं लागू होने देने का वादा किया है। इसके साथ ही एक देश एक चुनाव की पहल का भी बहिष्कार करने की बात कही गई है। राज्य सरकार की स्वतंत्रता बढ़ाने के लिए भारतीय संविधान में बदलाव की बात भी कही गई है। मुख्यमंत्री की सलाह के बाद गवर्नर की नियुक्ति, गवर्नर को अधिकार देने वाले आर्टिकल 361 को खत्म करने, चेन्नई में सुप्रीम कोर्ट की पीठ स्थापित करने, केंद्र सरकार में होने वाली भर्तियों की परीक्षा तमिल में कराने, श्रीलंकाई तमिलों को भारतीय नगारिकता देने, हर लड़की को मसिक 10 हजार रुपये देने और पेट्रोल, डीजल, एलपीजी की कीमतें कम करने का वादा किया गया है।

तेलंगाना के राज्यपाल पद से इस्तीफे के दो दिन बाद बीजेपी में शामिल हुईं तमिलिसाई सुंदरराजन, क्या लड़ेंगी लोकसभा चुनाव?

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तेलंगाना की पूर्व राज्यपाल डॉ. तमिलिसाई सुंदरराजन भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गईं हैं। तेलंगाना की राज्यपाल और पुडुचेरी की उपराज्यपाल पद से इस्तीफा देने के दो दिन बाद तमिलिसाई सुंदरराजन फिर भाजपा में शामिल हो गईं हैं। तमिलनाडु भाजपा अध्यक्ष के अन्नामलाई ने चेन्नई में पार्टी के मुख्यालय 'कमलालयम' में सौंदर्यराजन को सदस्यता कार्ड दिया। बता दें कि सुंदरराजन तमिलनाडु बीजेपी की अध्यक्ष रह चुकी हैं।

सुंदरराजन ने भाजपा में शामिल होने के बाद कहा, मैं चुनाव लड़ना चाहती हूं और मैंने यह इच्छा अपनी पार्टी को भी बताई है। मैं खुश हूं कि मुझे एक बार फिर से सदस्यता कार्ड मिल गया है, जो मेरे पास है। यह सबसे खुशी का दिन है। यह एक कठिन फैसला है और एक अच्छा निर्णय भी। राज्यपाल के रूप में मेरे पास कई सुविधाएं थीं, लेकिन मैंने इसे छोड़ दिया। मुझे इसका एक प्रतिशत भी दुख नहीं है।

तमिलिसाई सुंदरराजन ने जोर देकर कहा कि तमिलनाडु में निश्चित तौर पर कमल खिलेगा। उन्होंने आगे कहा एनडीए 400 से ज्यादा सीटें जीतने जा रहा है। इसलिए तमिलिसाई राजनीति में रहना चाहती हैं और बीजेपी के लिए योगदान देना चाहती हैं। उन्होंने कहा, यह दर्शाता है कि वह लोगों और भाजपा पार्टी से कितना प्यार करती हैं।

कई मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि तमिलिसाई सुंदरराजन इस बार भाजपा के टिक्ट पर तमिलनाडु से चुनाव लड़ सकती हैं। बताया जा रहा है कि भाजपा उन्हें डीएमके नेता कनिमोझी के खिलाफ भी उतार सकती है। 2019 के चुनाव में सुंदरराजन ने चुनाव लड़ा था। हालांकि, उन्हें कनिमोझी के खिलाफ ही हार का सामना करना पड़ा। वहीं, 2009 में वे चेन्नई (उत्तर) सीट से प्रत्याशी रही थीं। हालांकि, यहां उन्हें डीएमके के टीकेएस एलंगोवन से हार का सामना करना पड़ा था।

बता दें कि तमिलिसाई सुंदरराजन को नवंबर 2019 में तेलंगाना का राज्यपाल नियुक्त किया गया था। इसके बाद उन्हें फरवरी 2021 में पुडुचेरी के उपराज्यपाल का अतिरिक्त प्रभार दिया गया था। दो दिन पहले ही तमिलिसाई सुंदरराजन ने दोनों पदों से इस्तीफा दे दिया था। जिसके बाद से ही ऐसे कयास लगाए जा रहे थे कि वह जल्द ही किसी पार्टी से जुड़ सकती हैं और लोकसभा चुनाव लड़ सकती हैं।

*महुआ मोइत्रा की बढ़ी मुश्किलें, सीबीआई दर्ज करेगी एफआईआर, पैसे लेकर सवाल पूछने के मामले में लोकपाल ने दिया आदेश*

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संसद में पैसे लेकर सवाल पूछने के मामले में घिरी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की नेता महुआ मोइत्रा की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही है।लोकपाल ने अब इस मामले में टीएमसी नेता के खिलाफ सीबीआई जांच का आदेश दिया है। माना जा रहा है कि अब सीबीआई जल्द ही इस मामले में एफआईआर दर्ज करेगी।इसके अलावा लोकपाल ने सीबीआई को छह महीने में रिपोर्ट सौंपने का भी निर्देश दिया है।

2023 नवंबर में सीबीआई ने पीई यानी प्रिमिलनरी इंक्वायरी लोकपाल के आदेश पर शुरू करके लोकपाल को रिपोर्ट सौंपी थी, जिसके बाद ये आदेश दिए गए है।लोकपाल ने अपने आदेश में कहा, 'रिकॉर्ड पर मौजूद संपूर्ण जानकारी का सावधानीपूर्वक मूल्यांकन और विचार के बाद इस बात में कोई संदेह नहीं रह जाता है उनके खिलाफ ठोस सबूत हैं।बेहद गंभीर प्रकृति के हैं, खासकर उनके पद को देखते हुए।

लोकपाल ने अपने आदेश में कहा, 'एक जन प्रतिनिधि के कंधों पर जिम्मेदारी और बोझ अधिक होता है। भ्रष्टाचार एक ऐसी बीमारी है जो इस लोकतांत्रिक देश की विधायी, प्रशासनिक, सामाजिक और आर्थिक कार्यप्रणाली पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रही है। यह हमारा कर्तव्य है और अधिनियम का आदेश है कि उन भ्रष्टाचार और भ्रष्ट प्रथाओं को जड़ से खत्म करने के लिए सभी प्रयास किए जाएं जो अनुचित लाभ, अवैध लाभ या लाभ और बदले में लाभ जैसे पहलुओं को अपने दायरे में लाते हैं।

लोकपाल के आदेश पर बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, 'सत्यमेव जयते।निशिकांत दुबे ने ट्वीट किया, “मेरी शिकायत को सही मानते हुए लोकपाल ने महुआ मोइत्रा के खिलाफ सीबीआई को जांच करने का आदेश दिया।” उन्होंने आगे कहा, ‘सत्यमेव जयते’।

बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने टीएमसी नेता महुआ मोइत्रा पर पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने का आरोप लगाया था। इतना ही नहीं आरोप है कि महुआ ने अपने दोस्त हीरानंदानी को संसद की लॉगइन आईडी और पासवर्ड दिया। निशिकांत दुबे ने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को पत्र लिखकर महुआ के खिलाफ जांच की मांग की थी। इसके बाद एथिक्स कमेटी का गठन किया गया था। एथिक्स कमेटी ने महुआ के खिलाफ आरोपों को सही ठहराया था और कार्रवाई की मांग की थी। इसके बाद महुआ मोइत्रा के आचरण को अनैतिक और अशोभनीय करार देते हुए उनकी सदस्यता रद्द कर दी गई थी। हालांकि, ममता बनर्जी की पार्टी ने महुआ को इस बार भी इसी सीट से उम्मीदवार बनाया है।

*AIADMK ने जारी की उम्मीदवारों की पहली सूची, इस बार अकेले उतरेगी चुनावी मौदान में*

#lok_sabha_elections_2024_aiadmk_releases_first_list_of_16_candidates 

लोकसभा चुनाव-2024 के पहले चरण के नामांकन के लिए आज अधिसूचना जारी हो गई। इस चरण में 21 राज्यों की 102 सीटों पर 19 अप्रैल को मतदान होगा। पहले चरण में तमिलनाडु की 39 सीटों पर बी मतदान होने हैं। इस बीच लोकसभा चुनाव के लिए AIADMK ने 16 उम्मीदवारों की अपनी पहली सूची जारी कर दी है।

लोकसभा चुनाव का बिगल बजते ही सभी पार्टियां पूरी तरह से चुनावी मोड में आ गई हैं। इसी क्रम में AIADMK ने 16 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी है। पार्टी ने चेन्नई दक्षिण सीट से जयवर्धन, उत्तरी चेन्नई से रोयापुरम मनोहरन, कृष्णागिरी से जयप्रकाश, इरोड से अतरल अशोक कुमार, चिदम्बरम से चन्द्रहासन, मदुरै से सरवनन, नमक्कल से तमिल मणि, थेनी सीट से वीडी नारायणसामी और नागपट्टिनम लोकसभा क्षेत्र से सुरजीत शंकर को उम्मीदवार बनाया है। इसके अलावा AIADMK ने सलेम लोकसभा सीट विग्नेश, विल्लुपुरम से बक्कियाराज, अराक्कोनम से एएल विजयन को टिकट दिया है।

बता दें कि ने इस बार AIADMK ने लोकसभा चुनाव अकेले लड़ने का फैसला किया है। पार्टी पिछले साल एनडीए से आधिकारिक तौर अलग हो गई थी। इससे पहले बीजेपी के पांच नेता AIADMK में शामिल हो गए थे, इनमें पार्टी के प्रदेश आईटी विंग के प्रमुख सीआरटी निर्मल कुमार भी शामिल हैं। निर्मल कुमार ने प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष के अन्नामलाई पर आरोप लगाया था कि उनकी डीएमके के एक मंत्री के साथ साठगांठ है। जिस समय AIADMK के नेता ई पलानीसामी और ओ पन्नीरसेल्वम के बीच विवाद हो गया था तो बीजेपी ने खुद को प्रदेश में मुख्य विपक्षी दल के रूप में प्रोजेक्ट करना शुरू कर दिया था। इसी के बाद से दोनों सहयोगी दलों में मतभेद शुरू हो गए थे।

बता दें कि चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है। पिछली बार की तरह इस बार भी चुनाव सात चरणों में होगा। पहले चरण के लिए 19 अप्रैल को वोटिंग होगी, जबकि 1 जून को सातवें चरण के लिए मतदान होगा। तमिलनाडु की 39 सीट पर पहले चरण में वोटिंग होगी।