आर्ट ऑफ लिविंग के शिविर का हुआ आयोजन
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ललितपुर। आर्ट ऑफ लिविंग द्वारा दिव्य सत्संग जगदीश द्विवेदी के निवास पर आयोजित किया गया, जिसमें आर्ट ऑफ लिविंग परिवार के अलावा तमाम सत्संग प्रेमियों ने आनन्द उठाया। उक्त सत्संग में सर्वप्रथम आर्ट ऑफ लिविंग के प्रणेता व संस्थापक आध्यात्मिक गुरुदेव श्रीश्री रविशंकरजी का पूजन किया गया।
तत्पश्चात भजनों का क्रम शुरु हुआ। सर्वप्रथम सुबोध शर्मा विश्वास ने एक गीत गुरुदेव के श्रीचरणों में समर्पित किया। गीत के बोल देश के मशहूर शायर निदा फाजली ने लिखे हैं.. तू इस तरहा से मेरी जिन्दगी में शामिल है, जहां भी जा ऊं ये लगता है तेरी महफिल है। उक्त गीत को गुरुदेव को समर्पित किया गया था। सभी ने अपनी आंखें बन्द कर सुना और अपने अन्तर्मन में उतार लिया।
फिर तो लगातार एक से बढ़कर एक भजन, लोकगीत प्रस्तुत किये गये। हैप्पीनैस प्रोग्राम के सम्माननीय शिक्षक राजकुमार शर्मा ने लोकगीत गाकर समां बांध दिया। उमा द्विवेदी ने बजाओ ढोल स्वागत में, मेरे घर राम आये हैं को प्रस्तुत कर मानो महफिल ही लूट ली। निधि पांडेय ने अच्युतम् केशवम् कृष्णदामोदरम् राम नारायणम् जानकी बल्लभ, गाकर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। श्वेता द्विवेदी कभी प्यासे को पानी पिलाया नहीं, बाद अमृत पिलाने से क्या फायदा की प्रस्तुति सुन सभी भावविभोर हो गये। राजकुमारी खरे ने सुप्रसिद्ध बुन्देलखण्डी भजन भोला नईं माने रे नईं माने, मचल गये नचवै खों गाकर सभी भजन प्रेमियों को भक्ति सरोवर में डुबो दिया। इस सत्संग की सुरमयी बेला में उरई से पधारे राजकुमार शर्मा टीचर आर्ट ऑफ लिविंग, ओ.पी. गुप्ता, जगजीत सिंह जाखड़, सुबोध शर्मा विश्वास, राजेन्द्र गुप्ता, डा. अभिषेक पाण्डेय, उमा द्विवेदी, अन्नपूर्णा शास्त्री, श्वेता, रिया पाण्डेय, निधि पाण्डेय, सरिता द्विवेदी, राजकुमारी खरे, बबिता सशक्त हस्ताक्षर के रूप में उपस्थिति रही। सत्संग के समापन में सभी ने कोरस में जय जय राधा रमण हरि बोल, जय जय राधा रमण हरि बोल का गायन किया। सत्संग के समापन पर जगदीश द्विवेदी ने सभी आगंतुकों का हार्दिक आभार व्यक्त किया और प्रसाद वितरण किया। अंत में राजकुमार शर्मा ने सभी को ब्लैसिंग दी।
Mar 17 2024, 19:46