गौरैया पर मानव ऑर्गेनाइजेशन की एक दिवसीय कार्यशाला सम्पन्न
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ललितपुर। बुंदेलखंड विश्वविद्यालय झांसी द्वारा संचालित राष्ट्रीय सेवा योजना विशेष शिविर के तृतीय दिवस में नेहरू महाविद्यालय के एन.एस.एस. चतुर्थ इकाई के स्वयं सेवक विद्यार्थियों के साथ मानव ऑर्गेनाइजेशन ने गौरैया बचाओ अभियान के अंतर्गत एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित की। इस दौरान स्वयं सेवकों ने घर में फेंके हुए सामानों से कृत्रिम गौरैया आवासों का निर्माण किया।
पर्यावरण जागरूकता कार्यक्रम के अंतर्गत टपरीयन, पनारी गांव जाकर पर्यावरण को स्वच्छ एवं साफ रखने के लिए ग्रामवासियो को कचरा प्रबंधन के बारे में बताया एवं गांव में जगह- जगह फैले कचरे को साफ किया। जिसमें विद्यार्थियों में उत्साह देखने को मिला। पर्यावरण संरक्षण विषय पर आयोजित कार्यशाला में नेहरू महाविद्यालय के संस्कृत विभागाध्यक्ष प्रो.डा.ओमप्रकाश शास्त्री ने कहा कि पर्यावरण-संतुलन से विद्युत प्रवाहित किया जाता है।
इस सामंजस्य का महत्वपूर्ण वेदों में विस्तार का वर्णन किया गया है। संकल्पना, शुद्ध आचरण, निर्मल वाणी एवं सुनिश्चित गति अर्थात् ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद और अथर्ववेद की मूल विशेषताएं मानी जाती हैं और पर्यावरण-संतुलन भी मुख्य रूप से मित्रता अनुपात पर आधारित है। पर्यावरणविद्ध पुष्पेन्द्र सिंह चौहान ने कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि गौरैया चिडिय़ा हम सबके सामूहिक प्रयास से ही बचेंगी। इस तरह की कार्यशालाओं से भविष्य की ओर अग्रसर पीढ़ी में रचनात्मक सोच उत्पन्न होगी, जिससे पर्यावरण रक्षा के लिए प्रयास तेज होंगे।
गौरैया को बचाना इसलिए भी जरूरी है क्योंकि इसका संबंध हमारे बचपन से है। हमने मां से गौरैया के बारे में खूब कहानियां सुनी हैं। इसके अलावा गौरैया हमारे पर्यावरण को स्थिर रखने में सहयोग करती है। फसलों को बचाने के साथ ईकोसिस्टम को ठीक रखती है। इकाई चतुर्थ के कार्यक्रम अधिकारी डा.राजीव निरंजन ने बताया कि सफाई को हमें अपने जीवन में महत्व देना चाहिए, क्योंकि सफाई से हम अनचाही बीमारियों की चपेट में आने से बच जाते हैं। इसलिए हमें सफाई स्वयं से प्रारंभ करनी चाहिए।
नियमित स्नान करना चाहिए, शरीर की सफाई रखनी चाहिए, धुले वस्त्र आदि का इस्तेमाल करना चाहिए और हमारे आसपास के परिवेश को हमें हमेशा स्वच्छ रखना चाहिए। साथ ही साथ गांव और अपने घर के आस-पास पेड़ पौधों की लगाने के लिए प्रेरित किया। गोष्ठी में स्वयंसेवक पालक, प्रिंसी, रवीना, संजना, सीमा, स्नेहा, सोनम, उपमा, सोनम रजक, अंकित, दीपक, प्रकाश, प्रशांत, प्रिंस, गजेंद्र, रोहित मिश्रा, पत्रकार अमित लखेरा आदि अन्य स्वयंसेवक उपस्थिति रहे।
गोष्ठी का संचालन सुखपाल राजूपत से किया और आभार डा.राजीव निरंजन ने व्यक्त किया।
Mar 14 2024, 18:18