पहल : मीरजापुर की प्राचीन लोंहदी नदी के जीर्णोद्धार के लिए जिलाधिकारी ने भूमि पूजन के पश्चात फावड़ा चलाकर कार्य किया शुभाम्भ
संतोष देव गिरि,मीरजापुर। पूरी तरह से अस्तित्व खोकर नाले का रूप रूप ले चुकी ऐतिहासिक लोंहदी नदी के दिन फिरने वाले हैं। इसकी पहल जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन ने स्वयं हाथों में फावड़ा थाम कर इस नदी के जीर्णोद्धार कार्य का शुभारंभ किया है।
मंगलवार को जनपद की प्राचीन लोंहदी नदी के जीर्णोद्धार के लिए जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन व मुख्य विकास अधिकारी विशाल कुमार ने विधि विधान पूर्वक भूमि पूजन कर हाथों में फावड़ा लेकर नदी के तलहटी में खुदाई कार्य का शुभारंभ करते हुए लोगों का आह्वान किया कि वह इस नदी के जीर्णोद्धार के साथ-साथ इसे संरक्षित करने के लिए आगे आए।
लोंहदी नदी को उन्होंने 11 ग्राम पंचायत के लोगों के लिए जीवन दायिनी बताते हुए कहा कि यह महज एक नदी ही नहीं, बल्कि जीवन दायिनी भी हैं जिनका सीधा लगाव आम जनों से लेकर छोटे बड़े सभी जीव जंतुओं, पशु पक्षियों एवं खेत खलियानों से भी जुड़ा हुआ है। जिसकी अपेक्षा नहीं बल्कि इन्हें संरक्षण करने की आवश्यकता है।
जिलाधिकारी ने प्राचीन लोंहदी नदी के जीर्णोद्धार के लिए आयोजित कार्यक्रम के दौरान उपस्थित ग्रामीणों को संबोधित करते हुए कहा कि बरसात के पहले हमें जल संरक्षण पर कार्य करना है। उन्होंने कहा कि जिले में 2 वर्षों से पर्याप्त मात्रा में बारिश नहीं हुई है। वर्षा न होने से नदियों के जल स्तर पर भी काफी प्रभाव पड़ा है।
नदी सूखकर तालाब हो गए हैं। उन्होंने कहा कि नदी (जल स्रोत) कभी सूखते नहीं, बल्कि हमारी अपेक्षाओं से यह सूखते हैं।
----कृषि उपयोगी है नदी के तलहटी का मिट्टी---
जिलाधिकारी ने बताया कि लोंहदी नदी 11 ग्राम पंचायत को जोड़ते हुए 16 किलोमीटर में फैली हुई है जहां 19 चेकडैम यानी हर किलोमीटर पर चेक डैम बने हुए हैं जो सुरक्षित हो तो हर वर्ष वर्षा का पानी नदी में बराबर बना रहे।
नदी के तलहटी का मिट्टी खेतों के लिए खास उपयोगी है। इसके बारे में उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि नदी की खुदाई में सभी सहयोग प्रदान करने के साथ-साथ इसकी मिट्टी का उपयोग अपने खेतों में करें, यह खेती के लिए काफी उपयोगी ही नहीं बल्कि ऊर्जावान भी है।
जिलाधिकारी ने बताया कि जिले के विकासखंड सिटी में विलुप्त लोंहदी नदी का उद्गम स्थल बरकछा खुर्द के राजस्व गांव अटारी से होता है जो ग्राम पंचायत बरकछा खुर्द के अटारी से होते हुए विकासखंड सीटी के बरकछा खुर्द, छीतपुर, सिरसी गहरवार, सिरसी बघेल, लोंहदी खुर्द, नकहरा, लोंहदी कला, चन्दईपुर, गोपालपुर, राजापुर एवं कंतित ग्रामीण से गुजरती है। इस प्रकार से यह नदी कुल 11 ग्राम पंचायत से प्रभावित होती है और ग्राम पंचायत राजपुर में अंतिम छोर से गंगा नदी में मिल जाती है।
उन्होंने कहा कि यह नदी कुल 16.76 किलोमीटर की दूरी, कुल लागत रू.101.74 लाख, जिसमें मनरेगा से 94.63 व्यय एवं 39243 मानव दिवस का सृजन करते हुये विकासखंड सिटी में तय करती हैं। उन्होंने बताया कि वित्तीय वर्ष 2023-24 में कुल 11 ग्राम पंचायत में कार्य कराए जाना प्रस्तावित है जिसमें कुल प्राक्कलित लागत 101.74 लाख है।
उक्त कार्य करने के लिए वित्तीय वर्ष 2023-24 की कार्य योजना में कार्य को सम्मिलित कर लिया गया है। उपयुक्त कार्य में जल संरक्षण के विभिन्न कार्य एवं वृक्षारोपण का भी कार्य किया जाना है जल संरक्षण के तहत लोंहदी नदी के जल प्रवाह का प्रवाह मार्ग पर चेक डैम एवं पापुलेशन आदि का भी निर्माण किया जाना प्रस्तावित है।
नदी में जल को स्वच्छ रखने हेतु यह आवश्यक है की नदी में मिलने वाले जल का उचित तरीके से सुन्दरीकरण किया जाए इसके लिए सभी स्थलों पर फिल्टर चेंबर का भी निर्माण किया जाएगा नदी में कुछ स्थानों पर जैसे चन्दईपुर, बरकछा खुर्द, गोपालपुर में बृहद वृक्षारोपण एवं अमृत उद्यान भी प्रस्तावित है।
--जीर्णोद्धार में एक करोड़ की राशि होगी खर्च--
मुख्य विकास अधिकारी विशाल कुमार ने कहा कि इस नदी को और भी गहरा बनाया जाएगा जल संचयन के साथ-साथ नदी के जीर्णोद्धार का कार्य और चेक डैम भी बनाए जाएंगे, ताकि पानी का भू-गर्भ बना रहे। उन्होंने ग्रामीणों से जन सहयोग की अपील करते हुए कहा कि वर्षा से पूर्व तीन-चार महीने में इस कार्य को पूर्ण करना है वर्षा में मीरजापुर का पानी बहने ना पाए इसे रोक कर नदी में ही बनाए रखना है, ताकि इस विलुप्त होती नदी को बचाने के लिए सभी का जन सहयोग कारगर साबित होने के साथ-साथ इस नदी को और गहरा कर जल संरक्षण संचयन का कार्य किया जाएगा।
उन्होंने लोंहदी नदी के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए कहां कि नदी 11 ग्राम पंचायत से होकर गुजरती है बरकछा खुर्द ग्राम पंचायत के राजस्व गांव से होते हुए यह अटारी पुल से आगे बढ़कर गंगा नदी में मिल जाती है। उन्होंने कहा कि मार्च में ही यह नदी सूख जाती है जिसे बचाना और इसकी उपयोगिता को बनाए रखना हम सभी का कर्तव्य बनता है। उन्होंने कहा कि इस नदी के जीर्णोद्धार का उद्देश्य है इसे विलुप्त होने से बचाना तथा जल को सुरक्षित करना है।
मुख्य विकास अधिकारी ने बताया कि यहां जल संरक्षण के लिए 400 कार्य स्वीकृत हैं जिनमें 180 कार्य स्वीकृत हो चुके हैं। कुछ स्थानों पर वृक्षारोपण एवं पांच बड़े पार्क को भी विकसित करने की योजना है। इसके लिए स्थान चयन किया जा रहा है मनरेगा एवं राज्य वित्त के कन्वर्जन से हो रहे इस कार्य में लगभग एक करोड़ की धनराशि खर्च होना है। 39243 हजार मानव दिवस सृजित किए जाएंगे।
लोंहदी नदी की जितनी ग्राम पंचायत इस नदी के दायरे में आने वाले एक नहर जो सिरसी गहरवार से नकहरा तक है उसे कब्जे से मुक्त कराया जायेगा। इस अवसर पर उपायुक्त एनआरएलएम अनय मिश्रा, सिटी ब्लाक प्रमुख के प्रतिनिधि, खण्ड विकास अधिकारी सिटी सहित भारी संख्या में ग्रामीण उपस्थित रहें।
Mar 12 2024, 18:44