विडियो कांफ्रेंसिंग गवाही से वादों के त्वरित विचारण में आएगी तेजी,
आज़ व्यवहार न्यायालय औरंगाबाद के अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही ने बताया कि एक जुलाई 2024 से तीन नये अपराधिक कानून भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023, भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 लागु हो रही है, किसी वाद में विचारण में आई ओ , डाक्टर, गवाहों के इंतजार में वाद लम्बित नहीं रहेगा, उन्हें विडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से शीघ्रता से सम्बंधित अधिवक्ताओं के उपस्थित में गवाही न्यायालय द्वारा पुरी कर ली जाएगी,केस डायरी, मेडिकल रिपोर्ट, फोरेंसिक रिपोर्ट, भी ओनलाइन, न्यायालय में एक तय सीमा के भीतर उपस्थित होगी, अधिवक्ता ने आगे बताया कि एक जुलाई से दर्ज प्राथमिकी में तीन साल के अंदर फैसला आ जाएंगे,
सार्वजनिक सम्पत्ति के नुकसान पहुंचाना बहुत महंगा पड़ेगा, एक जुलाई से नाबालिग से सामुहिक दुष्कर्म और मॉब लांचिंग जैसे अपराध पर फांसी की सजा तक हो सकता है, अपराधी की सम्पत्ति ही नहीं उसकी आय भी कुर्की होगी, अपराधी के भाग जाने पर भी कोर्ट में उसके विरुद्ध सुनवाई होती रहेगी,अब एस .एम. एस,ई मेल, डिजिटल रिकार्ड, का महत्व न्यायिक क्षेत्र में काफी बढ़ जाएगी क्योंकि इसका प्रयोग गवाही के रूप में खुब होगी, भड़काऊ भाषण में अब सज़ा तीन साल तक होगी,फिगर प्रिंट और डी. एन. ए टेस्ट के लिए
सभी जिलों में एक फोरेंसिक वैन उपलब्ध होगी, सबसे बड़ी बात है कि रेप केस से सम्बंधित न्युज न्यायालय के अनुमति के बिना नहीं छपेगी,
न्यायालय के प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट तीन साल से अधिक सज़ा सुना सकते हैं और पचास हजार से अधिक जुर्माना लगा सकते हैं, डिजीटलीकरण से बहुत से वादों की सुनवाई साल भर में भी पुरी हो सकती है , अंत में कहा कि प्रसिद्ध भादंवि धारा जैसे 302 हत्या के अपराध का था, भारतीय न्याय (द्वितीय )संहिता की धारा 302 झपटमारी अपराध का है, हत्या के प्रयास पर धारा -307 था भारतीय न्याय (द्वितीय) संहिता में धारा -307 लुट के अपराध में लगेगा, एक जुलाई से मानहानि में धारा 354,छल में धारा 316, बलात्कार में धारा -64 और चोरी में धारा -301 , दहेज मुत्यु में धारा -79, स्त्री लज्जा भंग में धारा -73 लगेगी,
Mar 01 2024, 09:58