हिमाचल में सियासी हलचलः कौन हैं कांग्रेस की टेंशन बढ़ाने वाले विक्रमादित्य सिंह? इस्तीफे के बाद सुक्खू सरकार के इस मंत्री के तीखे तेवर
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कांग्रेस में आपसी कलह एक बार फिर खुलकर बाहर आ गया है। इस बार हिमाचल प्रदेश की राजनीति में भूचाल आया है। आगामी लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को एक के बाद लगातार बड़े झटके लग रहे हैं। तीन राज्यों में मिली हार से पार्टी अभी उभरी भी नहीं थी हिमाचल की कांग्रेस सरकार पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। कांग्रेस विधायकों ने राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग की और बीजेपी के समर्थन में वोट दिया। प्रदेश में कांग्रेस दो खेमों में बंटती नजर आ रही है। इस बीच विक्रमादित्य सिंह ने अपने मंत्री पद से इस्तीफी दे दिया है।
बुधवार को राज्य विधानसभा परिसर में आयोजित प्रेसवार्ता में उन्होंने इसका एलान किया। इसके साथ ही उन्होंने पार्टी के अंदरूनी झगड़ों की बखिया भी उधेड़ डाली। विक्रमादित्य सिंह ने अपना ये इस्तीफा बेहद भावुक तरीके से दिया। वो कांग्रेस की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार में लोक निर्माण मंत्री थे। अपने इस्तीफे के दौरान वो काफी इमोशनल नजर आए। उनकी आंखों में आंसू थे। नम आखों के साथ एक शेर के जरिए अपना दर्द बयां किया। उन्होंने सूबे की सुखविंदर सुक्खू के साथ ही कांग्रेस पार्टी पर काफी गंभीर आरोप लगाए।
विधायकों के साथ अनदेखी का आरोप
विक्रमादित्य सिंह ने मुख्यमंत्री सुक्खू पर अपमान का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि जनता के प्रति मेरी जावाबदेही है। एक साल के घटनाक्रम में विधायकों की अनदेखी हुई। आवाज दबाई गई। शिलान्यास मामले में मेरे विभाग के अफसरों को नोटिस दिए गए। वह वीरभद्र सिंह के कदमों पर चल रहे हैं। उन्होंने सुक्खू सरकार पर आरोप लगाया कि इसने उनके पिता वीरभद्र सिंह का स्टैच्यू लगाने के लिए जमीन तक नहीं दी। कांग्रेस विधायकों के साथ अनदेखी की गई। नतीजा, कांग्रेस के कई विधायक उनसे नाराज हैं। प्रियंका गांधी, खरगे को दो दिन के घटनाक्रम की जानकारी दे दी है और अब हाईकमान को फैसला लेना है।
मुझे एक मंत्री के तौर पर अपमानित किया गया-विक्रमादित्य
विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि हमने पार्टी का हमेशा साथ दिया है। मैं आज सिर्फ इतना कहना चाहूंगा कि मौजूदा समय में मेरा इस सरकार में बने रहना ठीक नहीं है। मैंने यह निर्णय लिया है कि मैं मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे रहा हूं। यह कहते हुए वह भावुक हो गए कि मुझे एक मंत्री के तौर पर अपमानित करने का काम किया गया है, जिस तरह के संदेश विभाग में भेजे जाते हैं, हमें कमजोर करने की कोशिश की गई। सरकार सभी के सामूहिक प्रयास से बनी थी। मैं किसी भी दबाव में नहीं आने वाला।
कौन हैं विक्रमादित्य सिंह?
विक्रमादित्य सिंह हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के बेटे हैं। उनकी मां प्रतिभा सिंह, मंडी लोकसभा सीट से सांसद हैं।2022 के विधानसभा चुनाव में विक्रमादित्य सिंह ने बीजेपी के रवि कुमार मेहता को हराया और एक बार फिर से विधायक चुने गए। बता दें कि कुछ दिन पहले जब कांग्रेस ने रामलला के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम से यह कहते हुए दूरी बना ली थी कि यह भाजपा-आरएसस का इवेंट है तो हिमाचल की कांग्रेस सरकार का ये सुवा मंत्री अयोध्या पहुंचा था। तब उनकी काफी चर्चा हुई थी।विक्रमादित्य सिंह ही नहीं, बल्कि उनके साथी विधायक सुधीर शर्मा ने भी प्राण प्रतिष्ठा समारोह में भाग लिया था।






Feb 28 2024, 14:08
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