कन्नौज में अचानक आये तूफान के साथ बारिश और ओलाबृष्टि से किसान की फसल हुई नष्ट, आक्रोशित किसानों ने की मुआबजे की मांग
पंकज कुमार श्रीवास्तव,यूपी के कन्नौज जिले में बीती रात अचानक तूफान के साथ हुई बारिश के साथ गिरे ओले से किसानों की फसलों में भारी नुकसान हुआ है। जिले के ठठिया थाना क्षेत्र अंतर्गत सिंहपुर गांव में गेहॅूं और राई की फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गयी है। जिससे किसानों दुखी है।
किसानों की समस्या को सुनकर मौके पर पहुंच समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता नवाब सिंह यादव ने किसानों के दुख दर्द को अपने साथ बांटा और सरकार से मुआबजे की मांग। उन्होंने बताया कि किसानों ने कर्ज लेकर फसल में लागत लगाई है और इस नुकसान से उनको काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है जिससे सरकार इन किसानों को आर्थिक मदद करते हुए बर्बाद हुई फसल की जांच कराकर नुकसान की भरपाई करे।
हालांकि किसानों की परेशानी को देखते हुए मौके पर जिला प्रशासन ने भी किसानों की बर्बाद हुई फसल की जांच के लिए मौके पर जांच टीम भेज को भेजा है।
गेहूॅं और राई की फसल का हुआ नुकसान
पीड़िता महिला किसान गुड्डी ने बताया कि गेंहू, राई की फसल में बहुत नुकसान हुआ है। जिसमें कम से कम 6-7 बीघा फसल हमारी बर्बाद हो गयी है। गेंहूॅं सब बर्बाद हो गया। गेहूं में कुछ नही रह गया।
अब हम लोग कैसे रह पायेंगे। उधार लेकर खेत में पैसा लगाकर फसल करते हैं लेकिन सब फसल बर्बाद हो गई, अब कैसे गुजर बसर होगी। महिला किसान पीड़िता फूलमती ने बताया कि हमारी गेहूॅं व राई की फसल सब खराब हो गयी है।
हम लोग रो-रो कर परेशानी निकाल रहे है। हम लोगों ने जेबर गिरवीं रखकर खेत में लगाया और अब फसल भी सब बर्बाद हो गयी। अब हम आगे के लिए क्या करेंगे। कैसे बच्चों को पालेंगे। अब हम तो सरकार से यही मांग कर रहे है कि जो हमारा नुकसान हुआ है उसको पूरा किया जाये। हम तो खेत में लागत लगाकर सबकुछ किया और यह खेत में हमारा सब जा रहा है। इतनी मुशीबत से काम किया हमारे गांव में इतनी मुशीबत है जो कहीं नही है।
सपा नेता ने की सरकार से मुआबजे की मांग
सपा नेता नवाब सिंह यादव ने बताया कि यह तिर्वा तहसील की ग्राम सभा सिंहपुर है। इस पूरे क्षेत्र में ओले गिरने के कारण रात तूफान आने के कारण इतना भयंकर ओला पड़ा जिससे फसलें पूरी खत्म हो गयी। पकी हुई जो राई थी वह पूरी तरह खतम हो गई। गेहूं भी खतम हो गया। चूंकि हम लोग किसान के बेटे है हम जानते है।
कैसे किसान मेहनत करके फसल तैयार करता है और आस लगाता है कि कल फसल तैयार होगी बच्चों की शादी करनी है। बच्चों की पढ़ाई करनी है, त्योहार में खर्चा है। आज लगता है कि उसके सारे सपने मिट गये हो। जैसा हमने देखा बात की तो इतने दुखी किसान है।
हमारी सरकार से मांग है कि इसका सर्वे कराकर और खेती को चिन्हित करके जहां-जहां नुकसान हुआ है सरकार भरपाई करे किसानों की और अगर ऐसा नही होता है तो यह भूखमरी की कगार पर किसान पहले ही था और अगर इन्हें आर्थिक सहायता नही मिलेगी तो इन परिवारों को आत्महत्या करने के अलावा और कुछ नही है क्यों कि यह कर्ज से दबे हुए है।
Feb 24 2024, 11:59