दिगंवरत्व सरोवर के राजहंस श्रवण संस्कृति के उन्नायक आचार्यश्री विद्यासागरजी की सल्लेखना पूर्वक हुई समाधि

ललितपुर। युग दृष्टा ब्रह्माण्ड के देवता संत शिरोमणि आचार्य प्रवरश्री विद्यासागर जी महामुनिराज 17 फरवरी शनिवार तदनुसार माघ शुक्ल अष्टमी पर्वराज के अंतर्गत उत्तम सत्य धर्म के दिन रात्रि में 2.35 बजे हुए ब्रह्मलीन हो गये। हम सबके प्राण दाता राष्ट्रहित में परम पूज्य गुरुदेव ने विधिवत सल्लेखना बुद्धिपूर्वक धारण कर ली थी।

पूर्ण जागृतावस्था में उन्होंने आचार्य पद का त्याग करते हुए 3 दिन के उपवास गृहण करते हुए आहार एवं संघ का प्रत्याख्यान कर दिया था एवं प्रत्याख्यान व प्रायश्चित देना बंद कर दिया था। अखंड मौन धारण कर लिया था। 6 फरवरी मंगलवार को दोपहर शौच से लौटने के उपरांत साथ के मुनिराजों को अलग भेजकर निर्यापक श्रमण मुनिश्री योग सागरजी से चर्चा करते हुए संघ संबंधी कार्यों से निवृत्ति ले ली और उसी दिन आचार्य पद का त्याग कर दिया था।

उन्होंने आचार्य पद के योग्य प्रथम मुनि शिष्य निर्यापक श्रमण मुनिश्री समयसागरजी महाराज को योग्य समझा और तभी उन्हें आचार्य पद दिया जावे ऐसी घोषणा कर दी थी, जिसकी विधिवत जानकारी संघ के संघस्थ साधुओं द्वारा दी जायेगी। आचार्य श्रीजी का डोला चंद्रगिरी तीर्थ डोंगरगढ में दोपहर 1 बजे निकाला गया एवं चन्द्रगिरि तीर्थ पर ही पंचतत्व में विलीन किया गया।

सल्लेखना के अंतिम समय श्रावकश्रेष्ठी अशोकजी पाटनी, राजा भाई, प्रभात, अतुल शाह, विनोद बडजात्या, किशोर, अक्षय जैन, सनत जैन, संजीव सीए, पंकज मोदी, गौरव टोनू पत्रकार, रूपेश, प्रतीक जैन, मनी जैन, अनिल जैन, शीलचंद जैन, ज्ञानचंद जैन, छोटे पहलवान, जिनेंद्र जैन, जीवन जैन, स्वतंत्र जैन, सौरव सीए, अखिलेश जैन, रोमिल जैन, सागर जैन सहित देश के विभिन्न प्रान्तों की सर्व समाज उपस्थित रही।

बालक विद्याधर से आचार्य विद्यासागर तक का जीवन परिचय

जैन धर्म के तपस्वी, अहिंसा, करुणा, दया के प्रणेता और प्रखर कवि संत शिरोमणि आचार्यश्री विद्यासागर जी महाराज का जन्मदिवस आश्विन शुक्ल पूर्णिमा शरद पूर्णिमा को हुआ था। ऐसे महापुरुष मानव जाति के प्रकाश पुंज थे, जो मनुष्य को धर्म की प्रेरणा देकर उनके जीवन के अंधेरे को दूर करके उन्हें मोक्ष का मार्ग दिखाने का महान कार्य करते थे। वास्तव में ये महान आत्माएं ही मानवता के जीवन-मूल्यों की प्रतीक रहे।

ऐसे गुरु के आशीष पर लोगों का प्रगाढ़ विश्वास था, पृथ्वी पर आज हर मानव शांति और सुख की चाहत में व्याकुल है और तनावरहित जीवन जीना चाहता है, लेकिन गुरु की शरण मे हजारों लोगों ने गृहस्थ जीवन का त्याग किया है। आचार्यश्री विद्यासागर का जन्म 10 अक्टूबर 1946 को बेलगांव जिले के गांव चिक्कोड़ी में शरद पूर्णिमा के दिन हुआ। उनका नाम विद्याधर रखा गया। उनका घर का नाम पीलू था।

माता आर्यिकाश्री समयमतिजी और पिता मुनिश्री मल्लिसागरजी दोनों ही बहुत धार्मिक थे। आचार्यश्री ने कक्षा नौवीं तक कन्नड़ भाषा में शिक्षा ग्रहण की और 9 वर्ष की उम्र में ही उनका मन धर्म की ओर आकर्षित हो गया और उन्होंने उसी समय आध्यात्मिक मार्ग पर चलने का संकल्प कर लिया। उन दिनों विद्यासागरजी आचार्यश्री शांतिसागरजी महाराज के प्रवचन सुनते रहते थे।

इसी प्रकार धर्म ज्ञान की प्राप्ति करके, धर्म के रास्ते पर अपने चरण बढ़ाते हुए मुनिश्री ने मात्र 22 वर्ष की उम्र में अजमेर (राजस्थान) में 30 जून 1968 को आचार्यश्री ज्ञानसागरजी महाराज के शिष्यत्व में मुनि दीक्षा ग्रहण की। दिगंबर आचार्य संत विद्यासागरजी ने और भी कई भाषाओं पर अपनी कमांड जमा रखी थी। उन्होंने कन्नड़ भाषा में शिक्षण ग्रहण करने के बाद भी अंग्रेजी, हिन्दी, संस्कृत, कन्नड़ और बंगला भाषाओं का ज्ञान अर्जित करके उन्हीं भाषाओं में लेखन कार्य किया।

महाराजजी की प्रेरणा और आशीर्वाद से आज कई गौशालाएं, स्वाध्याय शालाएं, औषधालय स्थापित किए गए हैं। कई जगहों पर निर्माण कार्य जारी है। आचार्यश्री पशु मांस निर्यात के विरोध में जनजागरण अभियान भी चला रहे थे , साथ ही सर्वोदय तीर्थ के नाम से अमरकंटक में एक विकलांग नि:शुल्क सहायता केंद्र चल रहा है।

विद्यासागरजी का मूकमाटी महाकाव्य सर्वाधिक चर्चित रही। महाराजश्री ने पशुधन बचाने, गाय को राष्ट्रीय प्राणी घोषित करने, मांस निर्यात बंद करने को लेकर अनेक उल्लेखनीय कार्य किये, आचार्यश्री विद्यासागरजी मन से जल की तरह निर्मल तथा प्रसन्न और हमेशा मुस्कराते रहते थे वे अपनी तपस्या की अग्नि में कर्मों की निर्जरा के लिए तत्पर रहते थे। सन्मार्ग प्रदर्शक, धर्म प्रभावक आचार्यश्री में अपने शिष्यों का संवर्द्धन करने का अभूतपूर्व सामर्थ्य रहा, आपके चुम्बकीय व्यक्तित्व ने युवक-युवतियों में अध्यात्म की ज्योत जगा दी, आचार्यश्री विद्यासागरजी दिगंबर सरोवर के राजहंस थे।

आचार्यश्री द्वारा जीवदया के लिये दयोदय गौशाला और भाग्योदय जैसे संस्थानो की खड़ी की गई

हथकरघा, पूर्णायु-भाग्योदय, प्रतिभा स्थली, दयोदय जैसे विभिन्न सामाजिक क्षेत्रों में कई इकाइयों का गठन किया जिसमे जीव दया हेतू दयोदय के नाम से देश भर में सैकड़ों गौशालाओं का निर्माण कराया।

बालिकाओं को संस्कार एवं उच्च शिक्षा हेतू कई शहर जबलपुर, इंदौर, रामटेक, डोंगरगढ़, ललितपुर में ज्ञानस्थली विद्यापीठ प्रतिभा स्थली की स्थापना कराई। भारतीय संस्कृति को जीवंत करने हेतु कई नगरों, कस्बों में हथकरघा, चल चरखा की स्थापना प्रमुख रूप से कराई। आचार्य श्री के द्वारा अनेक तीर्थो का निर्माण एवं जीर्णोद्धार कराया गया जिसमें अमरकंटक, रामटेक, कुंडलपुर, नेमावर, बीना बारह, डोंगरगढ़, शीतलधाम, भोपाल के विशाल मंदिर सदैव आचार्य भगवन की यश गाथा गाते रहेंगे।

1999 में आचार्य श्री ने इंडिया नही भारत बोलो की पहल प्रारंभ

आचार्य श्री के दर्शनार्थ देश की कई राजनीतिक हस्तियों ने समय समय पर आकर आचार्य श्री के सम्मुख पहुंचकर उनके दर्शन के लाभ लिए साथ ही उनके द्वारा देशहित संबंधी कई विषयों पर सारगर्वित चर्चा भी की हाल में ही भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने भी डोंगरगढ़ पहुंच कर आचार्यश्री का आर्शीवाद लिया था। 1999 के तात्कालिक प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई ने गोमटगिरी इंदौर पहुंचकर आचार्य श्री के दर्शन किये,तब सर्वप्रथम आचार्य श्री ने उनसे इंडिया नहीं भारत बोलो की चर्चा प्रारंभ की उनके साथ लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन साथ रही,मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती,मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान,उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव,स्व.सुषमा स्वराज,संघ प्रमुख मोहन भागवत, बाबा रामदेव,सदैव उनके पास पुहुचते रहे।

क्राइम ब्रांच व साइबर सेल का एसपी ने किया निरीक्षण

ललितपुर। पुलिस अधीक्षक मो.मुश्ताक ने रिजर्व पुलिस लाइंस स्थित अपराध शाखा व साइबर थाना का आकस्मिक निरीक्षण कर सम्बन्धित को आवश्यक दिशा निर्देश दिये।

इसके उपरान्त पुलिस अधीक्षक ने सीसीटीएनएस कार्यालय का आकस्मिक निरीक्षण कर अपराध शाखा व साइबर थाना कार्यालय के सभी रजिस्टरों व पत्रावलियों का अवलोकन किया गया। उनमें अंकित की जाने वाली प्रवष्टियों को चेक किया गया। रजिस्टरों व पत्रावलियों को अद्यावधिक करने व कार्यालय में साफ सफाई रखने हेतु प्रभारी व कार्यालय में तैनात सभी पुलिस कर्मियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिये गये।

सभी रजिस्टरों व पत्रावलियों का रख रखाव उचित ठंग से करने तथा अद्यावधिक करने हेतु निर्देशित किया गया। एसपी ने इसके उपरांत रिजर्व पुलिस लाइन में चल रहे निर्माण कार्य का जायजा लिया व गुणवत्तापूर्ण निर्माण कार्य को पूर्ण करने हेतु प्रतिसार निरीक्षक ललितपुर को आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए।

कार्यालय में तैनात सभी कर्मियों को साइबर थाना पर आने वाले आगन्तुकों से मित्रवत व्यवहार करने तथा उनकी समस्या को यथाशीघ्र निस्तारण कराने का प्रयास करें।

पुलिस भर्ती परीक्षा में दूसरे दिन भी यातायात रहा सुगम

ललितपुर। उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती परीक्षा को लेकर रविवार को दूसरे दिन की परीक्षा भी शान्तिपूर्ण तरीके से संपन्न हो गयी। परीक्षा केन्द्रों तक परीक्षार्थियों को पहुंचने में किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े, इसके लिए रविवार को यातायात पुलिस द्वारा बनाये गये करीब एक दर्जन प्वाइंटों पर सक्रियता रही।

जहां एक ओर परीक्षा के समय भारी वाहनों के आवागमन को प्रतिबंधित रखा गया तो वहीं दो, तीन व चार पहिया वाहनों की नियमित जांच के साथ यातायात को सुगम बनाया गया।

दरअसल, पुलिस भर्ती परीक्षा को लेकर कोई भी परीक्षार्थी को परीक्षा केन्द्र तक पहुंचने में किसी भी प्रकार की परेशानी न हो इसके लिए जिलाधिकारी अक्षय त्रिपाठी व पुलिस अधीक्षक मो.मुश्ताक ने अधीनस्था के साथ बैठकें करते हुये पूरी तैयारियों की समीक्षा की थी।

समीक्षा में परीक्षार्थियों के परीक्षा केन्द्र तक आवागमन को लेकर यातायात व्यवस्था को सुदृढ़ बनाये जाने पर विशेष बल दिया गया था। आलाधिकारियों के निर्देश मिलने पर शहर में पूर्व से संचालित निर्बाद्ध यातायात व्यवस्था को और अधिक सुगम किया गया।

यातायात प्रभारी उप निरीक्षक आलोक कुमार तिवारी ने बताया कि पुलिस भर्ती परीक्षा के दूसरे दिन स्टेशन क्षेत्र में मुख्य आरक्षी यातायात भूपेन्द्र सिंह को स्टेशन क्षेत्र में तैनात किया गया था, तो वहीं तुवन मंदिर चौराहा पर चल रही कथा के पाण्डाल तक पहुंचने में भी लोगों को किसी प्रकार की परेशानी न हो इसके लिए यहां यातायात आरक्षी आशुतोष गुप्ता को नियुक्त किया गया था। इसके अलावा सदर कांटा चौराहे पर आरक्षी यातायात शिवाकान्त यादव और इलाइट चौराहा पर मुख्य आरक्षी यातायात इरफान खान को नियुक्त किया गया था।

इधर शहर के मुख्य वीर सावरकर चौक पर यातायात व्यवस्था संभालने के लिए मुख्य आरक्षी यातायात वंश बहादुर को नियुक्त किया गया था। इसके अलावा पुलिस भर्ती परीक्षा के परीक्षा केन्द्र एस.डी.एस. के पास मुख्य आरक्षी यातायात बलराम कुशवाहा, पानी की टंकी के पास स्थित दीवान रघुनाथ इण्टर कॉलेज के पास मुख्य आरक्षी यातायात रमेश यादव, तालाबपुरा स्थित सुधासागर बालिका इण्टर कॉलेज के पास मुख्य आरक्षी यातायात अभिषेक कुमार, वर्णी जैन इण्टर कॉलेज के चौराहा पर मुख्य आरक्षी यातायात प्रदीप कुमार, राजकीय इण्टर कॉलेज चौराहा पर मुख्य आरक्षी यातायात अभिषेक दीक्षित, राजकीय बालिका इण्टर कॉलेज चौराहा के पास मुख्य आरक्षी यातायात अम्ब्रीश यादव को नियुक्त कर यातायात व्यवस्था का संचालन किया गया। टीएसआई आलोक कुमार तिवारी ने बताया कि उनके द्वारा सभी परीक्षा केन्द्रों के पास बैरीकेट्स लगाकर वाहनों के आवागमन को सुगम बनाया गया।

वहीं बनाये गये सभी चैक प्वाइंटों पर भ्रमणशील रहकर यातायात व्यवस्था को दुरुस्त रखा गया।

जैन संत आचार्य श्रेष्ठ विद्यासागर महाराज का महाप्रयाण

ललितपुर। जैन जगत के प्रख्यात संत आचार्य श्रेष्ठ विद्यासागर महामुनिराज की संलेखनापूर्वक समािध छत्तीसगढ के डोंगरगढ स्थित चन्द्रगिरि तीर्थ पर हुई। आचार्य श्री अन्तिम समय तक चैतन्य अवस्था में रहे उन्होने आचार्य पद का त्याग करते हुए तीन दिन के उपवास ग्रहण किया और संघ का प्रत्याख्यान कर दिया था।

अखण्ड मौन साधना धारण कर ध्यान में लीन हुए आचार्य श्री 17 फरवरी शनिवार को रात्रि 2-35 बजे अन्तिम सांस ली । खबर मिलते ही जैन समाज में शोक की लहर फैली और त्याग और संयम का मार्ग प्रशस्त करने वाले अध्यात्म जगत के सूर्य का अंत हो गया। आचार्य श्री के अन्तिम दर्शन के लिए भक्तेां की भीड डोगरगढ में उमडी।

आचार्य श्री के समाधिस्थ होने की खबर ज्यो ही ललितपुरवासियेां को लगी शोक की लहर छा गई निजी साधनों से डोगरगढ में विराजित आचार्य श्री के अन्तिम दर्शन के लिए रवाना हुए और अन्तिम यात्रा में सम्मलित होकर पुण्र्याजन किया।

प्रात:काल से ही ललितपुर नगर में व्यापारिक प्रतिष्ठान स्वत: ही बंद रखकर अपनी भावनाए व्यक्त की। आचार्य श्री का जन्म 10 अक्टूबर 1946 को कर्नाटक प्रान्त के बेलगांव जिले के सदलगा गांव में हुआ था उन्होने 30 जून 1968 को राजस्थान के अजमेर नगर में अपने गुरू आचार्य श्री ज्ञानसागर महाराज से मुनि दीक्षा लेकर कठोर तपस्या की जिसको देखकर उन्होने अपना आचार्य पद सौपा।

आचार्य श्री 1975 में बुन्देलखण्ड आए जहां वह जैन समाज में भक्ति और समर्पण से वह इतने अधिक प्रभावित हुए कि उन्होने अपना अधिकांश समय बुन्देलखण्ड में व्यतीत किया। आचार्य श्री ने लगभग 350 से अधिक दीक्षाए दी उनके शिष्य पूरे देश में विहार कर जैनधर्म की प्रभावना कर रहे हैं।

आचार्य श्री संस्कृत, प्राकृत सहित विभिन्न भाषाओं हिन्दी मराठी और कन्नड में विशेषज्ञ स्तर का ज्ञान रखते हैं। सौ से अधिक उनके कार्य का मास्टर्स और डाक्टेट के लिए अध्ययन किया है। आचार्य श्री की प्रेरणा से हजारों गाय का संरक्षण गौशाला के माध्यम से हो रहा है वहीं हजारों बालिकाए प्रतिभास्थली में संस्कारित हो रही है।

यही नहीं हथकरघा, भाग्योदय और पूर्णायु से आम-जन जुडकर लाभान्वित हो रहे हैं। आचार्य श्री ने अपनी अभूतपूर्व तपश्चर्या के चलते पूरे विश्व में साधना का एक कीर्तिमान बनाा जिस कारण उन्हें पिछले सप्ताह ही गिनीज बुड आफ द वल्र्ड रिकार्ड संस्था द्वारा व्रहमांण्ड के देवता की उपाधि प्रदान की गई थी।

ललितपुरवासियों को खूब मिला आचार्य श्री का आशीर्वाद

संतशिरोमणि आचार्य श्रेष्ठ विद्यासागर महाराज का सानिध्य एवं आशीर्वाद ललितपुरवासियों को भरपूर मिला। सन्1988 में ससंघ लगातार तीन वाचनाओं में अपूर्व अध्यात्म की प्रभावना हुई। आचार्य श्री के आशीर्वाद से 1998 में दयोदय पशुसंरक्षण केन्द्र गौशाला एवं 2018 में आचार्य श्री के सानिध्य में पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव जैनेश्वरी दीक्षाओं का भव्य आयोजन हुआ बालिकाओं के लिए आवासीय शिक्षा हेतु 2021 में प्रतिभास्थली आचार्य श्री के आशीर्वाद से शुरू हुई।

50 वर्षों में आये बदलाव की लगेगी प्रदर्शनी, हैरिटेज वॉक व योगा में शामिल होंगे जनपदवासी

ललितपुर- जिलाधिकारी अक्षय त्रिपाठी की अध्यक्षता में जिला पर्यटन एवं संस्कृति परिषद की बैठक कलैक्ट्रेट सभागार में आयोजित की गई। बैठक में जिलाधिकारी ने बताया गया कि 01 मार्च 1974 को जनपद ललितपुर का सृजन हुआ था और 01 मार्च 2024 को 50 वर्ष पूर्ण होने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस अवसर पर भव्य कार्यक्रम आयोजित किये जाने हेतु विस्तृत रुपरेखा तैयार की जाए।

कार्ययोजना के तहत जनपद में पिछले 50 वर्षों में आये बदलाव की स्थिति को दृष्टिगत रखते हुए जनपद की विकास की प्रदर्शनी लगायी जाए, छात्र-छात्राओं को हैरिटेज वॉक कार्यक्रम तैयार करायें, रोस्टर वाइज योगा कार्यक्रम, जिले के महत्वपूर्ण स्थलों की जानकारी एवं फोटो प्रदर्शनी का आयोजन कराया जाए, इसके साथ ही लोकगीत, नृत्य एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों की रुपरेखा तैयार करायी जाए तथा कृषि विभाग द्वारा कृषक सम्मेलन आयोजित कराये जायें। जिलाधिकारी ने यह भी निर्देश दिये कि आयोजन में जनपद के इतिहासकारों, शिक्षाविदों व बुद्धिजीवियों को जोड़ते हुए जनपद के इतिहास, 50 वर्षों में आये बदलाव की स्थिति पर संगोष्ठी करायी जाए, मैराथॉन, हाफ मैराथॉन प्रतियोगिताओं एवं स्थानीय स्तर पर लोगों को जोड़ते हुए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित कराये जायें। उन्होंने कहा कि इण्डस्ट्रियल डेवलपमेंट/अभियान्त्रिकी के कार्यों का खाका तैयार कर प्रदर्शनी का आयोजन कराया जाए। वन विभाग द्वारा ट्रेकिंग की रुपरेखा तैयाकर करते हुए जनपद के वनों, जड़ी-बूटियों एवं महत्वपूर्ण स्थलों व वन्य जीवों की जानकारी दी जाए। जिलाधिकारी ने पर्यटक अधिकारी को निर्देश दिये कि कार्यक्रम के सम्बंध में ईमेल आइडी व व्हाट्सएप नम्बर से सुझाव प्राप्त किये जायें। जिस पर जिला पर्यटक अधिकारी द्वारा जनपदवासियों से अपील की कि कार्यक्रम के सम्बंध में जो भी गणमान्य अपने सुझाव देना चाहें वे ईमेल एवं व्हाट्सएप नम्बर 8303468500 पर दे सकते हैं। बैठक में पुलिस अधीक्षक ने कहा कि आयोजन में थानों के विकास एवं जनसुरक्षा के कार्यों की प्रदर्शनी भी शामिल की जाएगी।

बैठक में सीडीओ कमलाकांत पाण्डेय, डीडीओ केएन पाण्डेय, उप जिलाधिकारी राघवेन्द्र वर्मा, सीओ सदर अभयनारायण राय, डीसी मनरेगा रविन्द्रवीर यादव, एआरटीओ मो.कय्यूम, उप प्रभागीय वनाधिकारी डा.शिरीन, जिला कृषि अधिकारी राजीव कुमार, जिला रोजगार सहायता अधिकारी आकांक्षा यादव सहित अन्य सम्बंधित विभागों के अधिकारीगण व पत्रकार रविन्द्र दिवाकर, राकेश शुक्ला एवं पर्यटन मित्र फिरोज इकबाल आदि मौजूद रहे।

पुलिस भर्ती परीक्षा 2024 ,डीएम-एसपी ने परीक्षा केन्द्रों का किया निरीक्षण

ललितपुर- जिलाधिकारी अक्षय त्रिपाठी व पुलिस अधीक्षक मो. मुश्ताक ने संयुक्त रूप से पुलिस भर्ती परीक्षा की द्वितीय पाली के दौरान परीक्षा केन्द्रों में ठाकुर रघुवीर सिंह इण्टर कालेज महरौनी, सरस्वती विद्या मन्दिर इण्टर कालेज महरौनी, किसान इण्टर कालेज विरधा पहुंचकर सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया गया तथा परीक्षा केन्द्रों का निरीक्षण कर केन्द्र पर तैनात पुलिस कर्मियों को उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती बोर्ड द्वारा जारी गाइड्लाइन से अवगत कराते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश दिये गये। जिलाधिकारी अक्षय त्रिपाठी व पुलिस अधीक्षक मो. मुश्ताक द्वारा जनपद के विभिन्न परीक्षा केन्द्रों पर प्रचलित परीक्षा का निरीक्षण सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से किया गया। मांनिटरिंग कक्ष में तैनात पुलिस कर्मियों को सतर्कता सम्बन्धित आवश्यक दिशा-निर्देश दिये गये।

वहीं पुलिस अधीक्षक मो.मुश्ताक द्वारा पुलिस भर्ती परीक्षा की प्रथम पाली के दौरान परीक्षा केन्द्रों रघुनाथ इण्टर कालेज, राजकीय इण्टर कालेज, वर्णी जैन कालेज, राजकीय बालिका इण्टर कालेज पहुंचकर सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया गया तथा परीक्षा ड्यूटी के दौरान लगे पुलिस बल को चौक कर आवश्यक दिशा निर्देश दिये गये। परीक्षा के दौरान पुलिस लाईन्स स्थित पुलिस कमाण्ड कन्ट्रोल रूम से सीसीटीवी कैमरो का एक्सेस कर सभी परीक्षा केन्द्रों की चौकिंग की गयी।

महरौनी में हुआ रोजगार मेले का आयोजन,157 अभ्यार्थियों का हुआ चयन

ललितपुर- उ.प्र. कौशल विकास मिशन एवं राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान के संयुक्त तत्वाधान में दीन दयाल उपाध्याय- ग्रामीण कौशल्य योजनान्तर्गत आयोजित विकास खण्ड स्तरीय रोजगार मेला का आयोजन विकास खण्ड महरौनी के आईटीआई परिसर में किया गया। शुभारम्भ मंचासीन अतिथियों द्वारा माँ सरस्वतीजी के चित्र पर दीप प्रज्जवलन एवं माल्यार्पण कर किया गया। रोजगार मेले में 09 नियोक्ता, कम्पनी इत्यादि के प्रतिनिधियों द्वारा नियोजक के रूप में प्रतिभाग किया गया।

रोजगार मेला में कुल 211 अभ्यार्थियों द्वारा प्रतिभाग कर साक्षात्कार में भाग लिया गया। जिनमें से 157 अभ्यार्थियों का प्रतिभागी विभिन्न कम्पनियों के द्वारा चयन किया गया। चयनित अभ्यर्थियों को जनप्रतिनिधियों ने मंच से ही नियुक्ति पत्र प्रदान किया गया। रोजगार मेले में राज्यमंत्री मनोहर लाल, सहकारी बैंक अध्यक्ष महेन्द्र सिंह राजावत, राघवेन्द्र स्वरूप, सोनू, जगदीश निरंजन, जिला समन्वयक प्रधानाचार्य विवेक तिवारी, जिला कौशल प्रबंधक आरिफ खांन, कार्यक्रम प्रबंधक, कार्यदेशक राकेश गौतम, ए.एम. अंसारी, प्रेमचन्द्र प्रजापति, कमलेश सेन के साथ आईटीआई महरौनी के समस्त स्टाफ तथा विकास खण्ड के प्रशिक्षार्थियों द्वारा प्रतिभाग किया गया। संचालन संजय पाण्डेय भारत ने किया।

रिजर्व पुलिस लाइन का एसपी ने किया निरीक्षण

ललितपुर। पुलिस अधीक्षक मो.मुश्ताक ने शुक्रवार को साप्ताहिक परेड की सलामी ली। इसके उपरांत परेड का निरीक्षण किया गया। पुलिस लाइन स्थित क्वार्टर गार्द, आरमरी आदि का निरीक्षण कर शस्त्रों की साफ- सफाई हेतु सम्बन्धित को निर्देशित किया गया। यू.पी. 112 के वाहनों को चेक करते हुये पुलिस कर्मियों को घटना स्थल को सुरक्षित करने का अभ्यास कराया गया।

साथ ही यूपी 112 कर्मियों को निर्देशित किया गया कि इवेन्ट की सूचना पर शीघ्र अतिशीघ्र पहुंचकर पीडि़त को हरसंभव मदद करें तथा परेड में शामिल पुलिस कार्मियों से उनकी समस्याओं को सुनकर सम्बन्धित को निस्तारण करने हेतु निर्देशित किया गया। डायल 112, स्टोर, बैरकों, पुलिस कैटींन एवं पुलिस लाइन की विभिन्न मदों को चेक कर सम्बन्धित को आवश्यक दिशा- निर्देश दिये गये।

संबंधित को ड्रोन कैमरे से प्रमुख स्थानों पर निगरानी करने के निर्देश दिए गए। आदेश कक्ष में अर्दली रुम के दौरान विभिन्न मदों के रजिस्टरों का अवलोकन किया गया तथा संबंधित को आवश्यक दिशा निर्देश दिये गये। इस दौरान क्षेत्राधिकारी लाइन रक्षपाल सिंह, प्रतिसार निरीक्षक व अन्य पुलिस कर्मी मौजूद रहे।

समय पूर्व रिहाई विषय पर विधिक साक्षरता शिविर संपन्न

ललितपुर। जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण चन्द्रोदय कुमार के निर्देशानुसार एडीजे/सचिव कुलदीप सिंह तृतीय की अध्यक्षता में जिला कारागार में निरूद्ध बन्दियों को समय पूर्व रिहाई विषयक विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया।

इस दौरान मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट विभान्शु सुधीर, सचिव कुलदीप सिंह-तृतीय, जेल अधीक्षक लाल रत्नाकर सिंह, चिकित्साधिकारी डा.विजय द्विवेदी जेल में निरूद्ध बन्दीगण एवं जिला कारागार के कर्मचारीगण उपस्थित हुये। सिद्धदोष बंदियों को समयपूर्व रिहाई के बारे में सचिव कुलदीप सिंह तथा मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट विभांशु सुधीर एवं जेल अधीक्षक के द्वारा बंदियों को समयपूर्व रिहाई की प्रक्रिया बताई गयी।

विशेष रूप से आजीवन सिद्धदोष बंदियों को बताया गया कि न्यायालय द्वारा दी गयी सजा की अवधि से पहले उनके अच्छे कार्य और आचरण पर शासन के आदेश से समय से पूर्व रिहा करने की व्यवस्था है। इसके लिए कारागार में किसी भी बंदी के लिए 14 साल की सजा व्यतीत करना जरूरी है।

कोई भी बंदी जिसने अपनी सजा के 14 साल व्यतीत कर लिए हैं, वह फार्म ए के आधार पर, नामिनल रोल के आधार पर, दया याचिका के आधार पर तथा जेल मैनुअल के अध्याय 13 के द्वारा समयपूर्व रिहाई हेतु पात्र होता है। रिहाई से पूर्व बदियों का फार्म भरा जाता है जिसके तहत बंदियों का विभिन्न शासनादेश के आलोक में जेल रिपोर्ट तैयार कर तथा उसके निर्णय की कापी के साथ जिलाधिकारी तथा मुख्यालय लखनऊ को पत्र प्रेषित किया जाता है।

इसके अतिरिक्त शासन की स्थायी नीति 01 अगस्त 2018 के द्वारा भी आजीवन सिद्धदोष बंदियों को समयपूर्व रिहाई से संबंधित प्रक्रिया भी बतायी गयी। सीमित सजा से दण्डित सिद्धदोष बंदियों को जेल मैनुअल के अध्याय 12 के तहत पुनरीक्षण बोर्ड के तहत गठित समिति के माध्यम से छोडऩे के बारे में बताया गया।

कैंप के माध्यम से समयपूर्व रिहाई के साथ साथ बंदियों को नि:शुल्क अधिवक्ता के बारे में बताया गया तथा जुर्म इकबाल के लिए बंदियों पूछा गया। इस मौके पर जेल अधीक्षक लाल रत्नाकर सिंह, जेलर जीवन सिहं तथा डा.विजय द्विवेदी तथा उपकारापाल उपस्थित थे। सचिव ने निरूद्ध बन्दियों को अवगत कराया कि वे अधिवक्ता की उपलब्धता हेतु एवं अन्य प्रकार की समस्या हेतु कारापाल के माध्यम से जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को प्रार्थना पत्र प्रेषित करें। अन्त में जेल अधीक्षक लाल रत्नाकर सिंह ने आभार जताया।

पठान वॉरियर्स को हराकर शिवाय सुपर किंग ने किया विजेता ट्रॉफी पर कब्जा

ललितपुर। जिला स्पोर्ट्स स्टेडियम में स्व.राजेंद्र जायसवाल की स्मृति में निशी क्रिकेट अकादमी द्वारा अंडर 14 ललितपुर टीवीएस प्रीमियर लीग के अंतिम दिन फाइनल मुकाबला पठान वॉरियर्स और शिवाय सुपर किंग के बीच खेला गया। जिसमें शिवाय सुपर किंग ने पठान वॉरियर्स को नौ विकेट से करारी शिकस्त देते हुये विजेता ट्रॉफी पर अपना कब्जा कर लिया है।

पठान वॉरियर्स ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते निर्धारित 20 ओवर में नौ विकेट के नुकसान पर 119 रन बनाये लक्ष्य का पीछा करते हुये  शिवाय सुपर किंग ने 17 ओवर में 120 रन बनाकर फाइनल मुकाबला जीतकर विजेता ट्रॉफी पर कब्जा जमा लिया है।

फाइनल मुकाबले के अतिथि प्रेस क्लब अध्यक्ष राजीव बबेले सप्पू, नगर पंचायत तालबेहट अध्यक्ष पुनीत सिंह परिहार, नगर पंचायत महरौनी के अध्यक्ष दुष्यन्त बडोनियां, प्रेस क्लब के महामंत्री अमित सोनी, पार्षद अब्दुल वारी ने सयुंक्त रूप से विजेता टीम और उपविजेता टीम को पुरूस्कार वितरित किये।

पुरूस्कार वितरित करते समय ब्रजेश पंथ, महेन्द्र यादव, विजय पटेल, डा. विक्रांत तोमर, दीपक राठौर, शिब्बू राठौर, सुनील सैनी, विकास सोनी, अमित संज्ञा, नेहाल सेन, कृष्णकांत सोनी के अलावा अन्य अतिथि मौजूद रहे। फाइनल मुकाबले में योगेश पाठक ने शानदार पारी खेलते हुये नावाद 66 रन बनाये जिससे वह प्लेयर ऑफ द मैच बने।

रिहान मंसूरी ने पूरे टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा 12 विकेट लिये उन्हें मेन ऑफ द सीरीज के खिताब से नवाजा गया। योगेश पाठक ने टूर्नामेंट में सबसे अधिक 256 रन बनाये उन्हें वेस्ट बल्लेबाज का पुरूस्कार मिला। वेस्ट वॉलर का पुरूस्कार रिहान मंसूरी को मिला, उन्होंने सबसे अधिक 12 विकेट झटके। वेस्ट विकेट कीपर खिताब देव सेन को मिला, आदित्य यादव ने टूर्नामेंट बेहतर फील्डिंग की, जिससे उन्हें वेस्ट फील्डर का पुरूस्कार मिला।

वहीं आयोजन कमेटी में मोहम्मद नसीम, धर्मेन्द्र गोस्वामी, पवन परमार, शत्रुघ्न यादव, रत्नेश दीक्षित, राम प्रताप सिंह, पुष्पेंद्र बुंदेला, पीएस परमार, अजय राजा, रामेश्वर सेन, राजपाल चीरा, नेहाल राजपूत, राज कौशिक, दिशांत आदि मौजूद रहे। निर्णायक की भूमिका में सौरभ नायक, प्रियंक के अलावा धर्मेंद्र कुमार, स्कोरर सिद्धार्थ जैन रहे। वहीं आंखों देखा हाल मोहन पेंटर ने सुनाया।