साथी पर फर्जी मुकदमे पर भड़के पत्रकार, निष्पक्ष जांच की मांग
मीरजापुर। पत्रकार के उपर फर्जी एफआईआर कर जेल भेजे जाने का मामला गरमाया हुआ है। पत्रकार साथी को फर्जी मुकदमे में जेल भेजे जाने के मामले को लेकर पत्रकारों में रोष बना हुआ है। पत्रकार ने बैठकर कर पुलिस उप महानिरीक्षक से मिलकर ज्ञापन देने के साथ पत्रकार के उपर दर्ज किए गए मामले की निष्पक्ष जांच कराए जाने की मांग को लेकर ज्ञापन देंने का निर्णय लिया गया है।
चेताया गया है कि पत्रकारों की मांग पूरी न होने पर धरना देंगे। सभी पत्रकार साथियों से सोमवार को
समय 11 बजे डीआइजी कार्यालय मीरजापुर पहुंचने का आह्वान किया गया है। बैठकर पत्रकारों ने एक स्वर में सवाल उठया कि क्या मिर्जापुर जनपद में आपातकाल का एलान हो चुका है? यूट्यूबर सूरज दुबे थाने में तहरीर देता है खून के काले कारोबार की जांच के लिए।
सूरज दुबे ने साक्ष्य के लिए इसका वीडियो भी पुलिस को सौंपा, लेकिन कोई जांच नहीं की गई अलबत्ता उसे ही गिरफ्तार कर लिया गया। शहर कोतवाली पुलिस ने तहरीर देने वाले को ही उठा ली और मनगढ़ंत मुकदमें में जेल भेज दी।
सूत्रों की मानें तो इसमें जनप्रतिनिधि के साथ ही पुलिस के उच्चाधिकारी भी धनबल के आगे झुके नजर आ रहे हैं ऐसी चर्चा जोरों पर है। पत्रकारों की बैठक को संबोधित करते वरिष्ठ पत्रकार संजय दुबे ने सवाल उठाया कि पुलिस के उच्चाधिकारी बताए कि क्या पीड़ित का शिकायत करना भी अपराध है।
अब क्या तहरीर देने वालों को ही जेल भेजा जाएगा? गौरतलब हो कि पिछले दिनों एक निजी ब्लड बैंक से ब्लड के बदले में 16 हजार रुपए की मांग किए जाने का मामला सामने आया था। इसमें पीड़ित सूरज दुबे ने अत्यधिक रुपए की मांग किए जाने का आरोप लगाते हुए ब्लड बैंक के खिलाफ तहरीर भी दी थी।
बावजूद इसके इस मामले में कोई कार्रवाई न कर पुलिस ने मामले के कुछ दिन बाद शनिवार को सूरज दुबे और चंदन दुबे को ही गिरफ्तार कर दोनों के खिलाफ संगीन धाराओं में रविवार को मुकदमा कायम कर जेल भेज दिया है। इस मामले को लेकर पत्रकारों में गहरा आक्रोश बना हुआ है।
Feb 11 2024, 19:35