नियोजित शिक्षको ने डोभी के बीआरसी भवन के मुख्य द्वार पर राज्यस्तरीय निर्देश के आलोक में मुख्यमंत्री का जलाया पुतला, लगाए नारे

गया/डोभी। बिहार शिक्षक एकता मंच के राज्य स्तरीय निर्देश के आलोक में नियोजित शिक्षकों ने डोभी प्रखंड में बिहार सरकार और ब्यूरोक्रेसी के हिटलर शाही नीति के खिलाफ प्रखंड अध्यक्ष मनोज कुमार यादव के अध्यक्षता में बीआरसी भवन के मुख्य द्वार पर अपर मुख्य सचिव के के पाठक के पत्र को जलाकर अपना विरोध प्रदर्शन किया गया।
इसमें शिक्षकों को सक्षमता परीक्षा में सफल होने पर जिला बदर करने की बात कही गई थी, और तीन बार में असफल हुए शिक्षकों को सेवा से हटा देने हिटलर शाही नीति लागू किया गया है। सभी शिक्षकों ने इस काले कानून को निंदा की और चरणबद्ध तरीके से रणनीति के तहत आंदोलन का आगाज किया।
सक्षमता परीक्षा के नाम पर सुबे के 3:30 लाख नियोजित शिक्षकों के भविष्य के साथ क्रूर मजाक किया जा रहा है। बिहार सरकार के द्वारा नियोजित शिक्षकों को बार-बार प्रताड़ित किया जा रहा है। वर्षों से नियोजित शिक्षा के पूर्ण निष्ठा और लगन के साथ बिहार में शिक्षा व्यवस्था को कायम किया है। जो शिक्षा व्यवस्था बिहार में पहले पूरी तरह बेपटरी हो गई थी विद्यालय में ताला लग गया था उसे विद्यालय को नियोजित शिक्षकों ने ही ताला खोला और आज उसका परिणाम भी बिहार में दिख भी रहा है की गांव-गांव में बच्चे बच्चियों सुगमतापूर्वक शिक्षा ग्रहण करके विभिन्न विभागों बड़े-बड़े पद पर सुशोभित हो रहे हैं।
इस मौके पर सचिव अशोक कुमार, कोषाध्यक्ष अनिल पासवान, जिला प्रतिनिधि विनोद कुमार, प्रखंड संरक्षक उपेन्द्र कुमार, योगेन्द्र कुमार,रामजी यादव,विजय दास गुड्डी कुमारी चंपा कुमारी रंजू कुमारी किशोर यादव विजय दास रामदुलार सिंह, किंकर कुमार सिंह, शशि रंजन कुमार, रेणु कुमारी, मंजरी,चंपा, चंद्रशेखर सिंह, अवधेश दास,परमेश्वर दास सत्येंद्र दास, नंदकिशोर यादव ,मनोज अग्रवाल, राकेश प्रियदर्शी आदि सैकड़ो शिक्षक शिक्षिका उपस्थित रहे।
रिपोर्ट: महेंद्र कुमार।
Feb 05 2024, 21:47
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