हर 15 सेकेंड पर देश में एक नया कैंसर रोगी:डॉ. रमण कुमार झा बोले- सिर्फ भारत में दुनिया का 21 प्रतिशत कैंसर मरीज
बेगूसराय के डॉक्टर डॉ. रमण कुमार झा बताते हैं कि एक आंकड़ा के अनुसार भारत में प्रत्येक 50 सेकेंड में एक कैंसर रोगी बन रहा है। देश में कैंसर रोग आजकल युवा उम्र के लोगों को भी अपनी चपेट में ले रहा है तथा उनमें यह आक्रामक, अधिक विकसित अवस्था में पाया जा रहा है। विश्व का 21 प्रतिशत कैंसर मरीज सिर्फ भारत में है।
यदि एड्स, मलेरिया, टीबी रोगों से असमय मौतों को जोड़ दें तो देश में अकेले कैंसर रोगों से मृत्यु इन सभी के जोड़ से अधिक है। कैंसर के लगातार बढ़ते मरीजों की संख्या को देखते हुए प्रत्येक साल चार फरवरी को अंतर्राष्ट्रीय कैंसर दिवस मनाया जाता है, जिससे अधिक से अधिक लोगों को इसके प्रति जागरूक किया जा सके।
विश्व कैंसर दिवस की शुरुआत 2005 से हुई थी। यह दिन विश्व में कैंसर के प्रति निरंतर जागरुकता फैला रहा है। भारत में भी इस दिन सभी स्वास्थ्य संगठनों ने जागरुकता फैलाने का निश्चय लिया है। 2022 से 2024 तक विश्व कैंसर दिवस का थीम 'क्लोज द केयर गैप' है। थीम दुनिया भर में कैंसर देखभाल असमानताओं की पहचान करने और उनका आकलन करने के लिए समर्पित किया गया है।
कैंसर कई प्रकार के होते हैं। उनके होने के कारण भी अलग-अलग होते हैं। दवाओं के साइड इफेक्ट्स, धूम्रपान, अधिक वजन, पौष्टिक आहार का आभाव, तंबाकू और व्यायाम नहीं करना कैंसर बढ़ने का प्रमुख कारण है। हाल के कुछ वर्षों में भारत में पश्चिम संस्कृति को अपनाने और बर्गर-कोला संस्कृति के जंक-फास्ट फूड सेवन से कैंसर कहीं ना कहीं जुड़ा हुआ है।
जीवनशैली में परिवर्तन, शारीरिक सफाई पर ध्यान, जननांगों की सफाई, तम्बाकू, मादक पदार्थों से दूरी, सक्रिय कसरत, योग, तेज टहलना, सकारात्मक विचार, आध्यात्मिक लगाव, अहिंसा, मानसिक अवसादों से बचाव, जंक, फास्ट फूड से परहेज, यौन रोगों से बचाव, शुरुआती अवस्था में कैंसर की पहचान और समुचित इलाज से इस जानलेवा रोगों से बचा जा सकता है।
क्योंकि, कैंसर से बचाव ही कैंसर का इलाज है। कैंसर के प्रति लोगों को जागरूक करने की दिशा में काम कर रहे कैंसर अवेयरनेस सोसायटी के सदस्य बताते हैं कि आज कैंसर युवाओं और महिलाओं में तेजी से बढ़ रहा है। कैंसर होने का यूं तो कई कारण है, लेकिन सबसे बड़ा कारण है धूम्रपान और तंबाकू जनित पदार्थों का सेवन।
सभी प्रकार के कैंसर रोगों का 40 फीसदी कारण तम्बाकू उत्पादों का सेवन है। बिहार में पहले 53.5 प्रतिशत आबादी तम्बाकू के गिरफ्त में थी, लेकिन जन जागरूकता केे बाद गेट्स-2 के 2017 के रिपोर्ट के आधार पर 25.9 प्रतिशत पर आ गई है। मुंह, गला एवं फेफड़ा के कैंसर का 90-95 प्रतिशत कारण तम्बाकू सेवन है। भारत में प्रत्येक 24 घंटे में 28 सौ लोग तम्बाकू सेवन के कारण कैंसर सहित अन्य रोगों से असमय मर रहे हैं।
बेगूसराय से नोमानुल हक की रिपोर्ट
Feb 03 2024, 21:26