*डीएम ने गौशालाओं में निरीक्षण कर व्यवस्थाएं दुरुस्त रखने के दिए निर्देश*
ललितपुर- जिलाधिकारी अक्षय त्रिपाठी ने कान्हा गौशाला/पशु शेल्टर होम्स तालबेहट का औचिक निरीक्षण किया। निरीक्षण के समय उपजिलाधिकारी/अधिशासी अधिकारीए नगर पंचायत तालबेहट श्रीराम यादव उपस्थित रहे। निरीक्षण में बताया गया कान्हा गौशाला में गौवंशों हेतु 02 शेड बने हुये है। कान्हा गौशाला में गौवंश पंजिका का अवलोकन करने पाया गया कि वर्तमान में गौशाला में 302 गौवंश संरक्षित है। कान्हा गौशाला के दोनो शेड में शीत लहर एवं ठण्ड से गौवंशों के बचाब के लिये जूट की बनी हुयी तिरपाल लगी हुयी थी, साथ ही साथ कान्हा गौशाला में अलाव लगाये जाने के लिये जलाऊ लकड़ी भी रखी हुयी थी।
कर्मचारियों द्वारा अवगत कराया गया कि गौवंशों को शीत लहर एवं ठण्ड से बचाव हेतु गौशाला में 02 स्थानों पर प्रतिदिन अलाव लगाये जाते है। उपजिलाधिकारी/अधिशासी अधिकारी, नगर पंचायत तालबेहट को निर्देशित किया जाता है कि वह गौशाला का नियमित निरीक्षण करे एवं शीत लहर एवं ठण्ड से किसी भी गौवंश की मृत्यु न हो पाये। भूसा स्टाक पंजिका का अवलोकन किया गया जिसमें 152 कुन्तल भूसा पाया गया। कान्हा गौशाला में स्थित भूसा गोदाम का अवलोकन किया गया एवं स्टाक पंजिका अनुसार लगभग 152 कुंतल भूसा संरक्षित पाया गया। साथ ही साथ भूसा में मिलाया जाना वाला चोकर 3.00 कुन्तल रखा हुआ था। कर्मचारियों द्वारा अवगत कराया गया कि गौवंशों को सुबह व शाम दिये जाने वाले में भूसा में चोकर, हरी घास आदि मिलाकर दिया जाता है, साथ ही साथ पशु चिकित्साधिकारी द्वारा बताये जाने पर नमक आदि भी खिलाया जाता है।
निरीक्षण में कान्हा गौशाला में साफ सफाई संतोषजन पायी गयी, परन्तु कही-कही पर गोबर पाया गया। कर्मचारियों द्वारा अवगत कराया कि गौशाला में प्रतिदिन 02 बार गोवर का उठान किया जाता है। उपजिलाधिकारी/अधिशासी अधिकारी को निर्देशित किया जाता है कि वह कर्मचारियों द्वारा गौशाला में प्रतिदिन 03 बार गोबर का उठान कराकर निश्चित स्थल पर एकत्रित कराना सुनिश्चित करे। गौवंशों को पेयजल हेतु पानी की टंकियां बनी हुयी है एवं सोलर आधारित डीप बोर द्वारा पूर्व में गौवंशों को पेयजल की आपूर्ति की जाती थी।
इस सम्बन्ध में कर्मचारियों द्वारा अवगत कराया गया कि वर्तमान में डीपबोर से पूर्ण रूप से गौवंशों के लिये पेयजल आपूर्ति नही हो पाने के कारण कान्हा गौशाला के पास स्थित कृषक द्वारा निशुल्क अपने कृषि कूप से पेयजल हेतु पाइप डालकर आपूर्ति होती है। जिससे गौवंशों को पेयजल के लिये कोई समस्या नही रहती है। उपजिलाधिकारी/अधिशासी अधिकारी को निर्देशित किया जाता है कि वह सप्ताह में एक दिन गौशाला का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं को सुचारू से संचालित कराना सुनिश्चित करे। साथ ही साथ नगर में मुख्य मार्ग पर कुछ गौवंश पाये गये अत: नगर में कोई भी गौवंश आवारा न घूमें एवं उनको पकड़ कर कान्हा गौशाला/पशु शेल्टर होम्स में भेजना सुनिश्चित करें।
Feb 03 2024, 19:59