पूर्णिया: सभी स्वास्थ्य केंद्रों के साथ-साथ समुदाय स्तर पर भी कैम्प लगाकर किया जाता है नियमित टीकाकरण

पूर्णिया: बच्चों के जन्म के बाद उन्हें विभिन्न बीमारियों से ग्रसित होने का खतरा बना रहता है। बच्चों को इन बीमारियों से सुरक्षित रखने के लिए उन्हें नियमित स्तनपान कराने के साथ-साथ सुरक्षा का टीका लगाना आवश्यक होता है।

 टीका लगाने से बच्चों के शरीर में विभिन्न बीमारियों से लड़ने की क्षमता का विकास होता है और वे स्वस्थ रह सकते हैं। बच्चों के जन्म के बाद से ही सभी प्रकार के टीका लगाने की व्यवस्था सभी स्वास्थ्य केंद्रों में निःशुल्क उपलब्ध है। नियमित टीकाकरण के दौरान बच्चों का कोई भी टीका छूट नहीं सके इसलिए सभी परिजनों को बच्चे के जन्म के बाद ही पहला टीका लगते हुए टीकाकरण कार्ड प्रदान किया जाता है। जिसके माध्यम से लोग बच्चों को निर्धारित अवधि के दौरान विभिन्न प्रकार की टीका लगवा सकें। 

सभी स्वास्थ्य केंद्रों के साथ-साथ समुदाय स्तर पर भी कैम्प लगाकर किया जाता है नियमित टीकाकरण :

जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी (डीआईओ) डॉ विनय मोहन ने बताया कि बच्चों के स्वास्थ्य को सुरक्षित रखने के उद्देश्य से स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों, उपकेंद्रों के साथ साथ आरोग्य दिवस के दौरान समुदाय स्तर पर भी कैम्प लगाकर नियमित टीकाकरण सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। इस दौरान गर्भवती महिलाओं को गर्भावस्था समय के अनुसार टीडी-1, 2 के साथ साथ टीडी बूस्टर डोज लगाया जाता है। इसके अलावा जन्म लेने वाले बच्चों को भी ओपीवी, बीपीसी, हेपेटाइटिस-बी, रोटा, एफआईपीवी, पेंटावैलेन्ट, पीसीवी, एमआर, जेई, डीपीटी और टीडी की टीका लगाई जाती है। 

यह सभी टीका बच्चों को उनकी उम्र के अनुसार समय समय पर लगाया जाता है। इसके लिए स्वास्थ्य केंद्रों के साथ साथ विभिन्न क्षेत्रों में कैम्प लगाया जाता है जहां एएनएम द्वारा आशा कर्मियों की मदद से छूटे हुए बच्चों को चिन्हित कर उन्हें टीका उपलब्ध कराई जाती है। डीआईओ ने बताया कि वर्तमान में जिले के कसबा प्रखंड में एक बच्चे की मृत्यु जेई की कारण पाई गई थी। इसे देखते हुए कसबा प्रखंड के अन्य बच्चों को अलग से विशेष अभियान चलाकर जेई का टीका लगाया गया जिससे कि सभी बच्चे जापानी इंसेफेलाइटिस (जेई) से सुरक्षित रह सकें। 

टीका लगाने से बच्चों में होता है रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास :

सिविल सर्जन डॉ अभय प्रकाश चौधरी ने बताया कि जन्म के बाद से बच्चों को विभिन्न बीमारियों से ग्रसित होने का खतरा बना रहता है। यही शिशुओं के मृत्यु का सबसे बड़ा कारण है।

 नियमित टीकाकरण के माध्यम से बच्चों को सभी टीका लगाने से उनके शरीर में उन बीमारियों से लड़ने की क्षमता का विकास होता है। टीकाकरण से बच्चों के शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास होता है जो उनके शरीर में प्रवेश करने वाले विभिन्न बीमारियों को अपना घर बनाने से पहले ही समाप्त कर देता है। टीकाकरण से बच्चों को शुरुआत में ही होने वाले विभिन्न बीमारियों जैसे हेपेटाइटिस, चेचक, जेई आदि से लड़ने के लिए शरीर में प्रतिरोधक क्षमता का विकास हो जाता है और बच्चे भविष्य में ऐसी बीमारी के संक्रमण से सुरक्षित रह सकते हैं। सिविल सर्जन डॉ चौधरी ने बताया कि एनएफएचएस-05 की रिपोर्ट के अनुसार पूर्णिया जिले में 12 से 23 माह के 81.8 प्रतिशत बच्चों द्वारा सम्पूर्ण टीकाकरण किया जा चुका है। शत प्रतिशत टीकाकरण सुनिश्चित करने के लिए सभी स्वास्थ्य अधिकारियों और कर्मियों को आवश्यक निर्देश दिया गया है जिससे कि जिले के सभी बच्चों का टीकाकरण सुनिश्चित हो सके और बच्चे सभी बीमारियों से सुरक्षित रह सकें।

दो वर्ष तक बच्चों को लगाया जाता है छः टीका :

डीएमएनई आलोक कुमार ने बताया कि बच्चों को जन्म होने से पूर्व माँ के गर्भावस्था से ही विभिन्न बीमारियों से सुरक्षित रखने के लिए टीका लगाया जाता है। गर्भावस्था में महिलाओं को टीडी-1, 2 और बूस्टर डोज लगाया जाता है। बच्चों के जन्म पर उन्हें ओपीवी-0, बीसीजी और हेपेटाइटिस-बी का टीका लगाया जाता है। बच्चों को टीका का दूसरा डोज 06 सप्ताह में ओपीवी-1, रोटा-1, एफआईपीवी-1, पेंटावैलेन्ट-1 और पीसीवी-1 के रूप में लगाया जाता है। 

फिर बच्चों के 10 सप्ताह होने पर उन्हें ओपीवी-2, रोटा-2 और पेंटावैलेन्ट-2 दिया जाता है। फिर 14 सप्ताह में बच्चों को ओपीवी-3, रोटा-3, एफआईपीवी-2, पेंटावैलेन्ट-3 और पीसीवी-2 दिया जाता है।

 09-12 माह के बच्चों को एमआर-1, पीसीवी-बूस्टर और जेई-1 लगाया जाता है। 16-24 माह के बच्चों को ओपीवी बूस्टर, एमआर-2, डीपीडी बूस्टर-1 और जेई-2 लगाया जाता है।

 इसके बाद 5-6 वर्ष के बच्चों को डीपीडी बूस्टर-2, 10 वर्ष होने पर बच्चों को टीडी-10 और 16 वर्ष होने पर बच्चों को टीडी-16 लगाया जाता है। इन सभी टीका का लाभ उठाने से बच्चे होने वाले विभिन्न बीमारियों से सुरक्षित रह सकते हैं और स्वस्थ रहते हुए अपना जीवन खुशहाल बिता सकते हैं।

पटना और अमृतसर जाने के लिए पूर्णिया कोर्ट स्टेशन तक जनहित एवं जनसेवा ट्रेन के विस्तार और नई ट्रेन देने पर सदर विधायक विजय खेमका ने केन्द्रीय

पूर्णिया: पटना और अमृतसर जाने के लिए पूर्णिया कोर्ट स्टेशन तक जनहित एवं जनसेवा ट्रेन के विस्तार तथा जोगबनी भाया पूर्णिया जंक्शन से सिल्लीगुड़ी की नई ट्रेन देने पर सदर विधायक विजय खेमका ने भारत सरकार के केन्द्रीय रेल मंत्री का आभार व्यक्त किया है |

 विधायक ने कहा पूर्णिया जंक्शन एवं पूर्णिया कोर्ट से लम्बी दुरी की ट्रेन तथा स्टेशन पर यात्री सुविधा की मांग काफी समय से की जा रही है | रेल सुविधा सम्बन्धी मांग सामाजिक संगठन भी करता रहा है |

 विधायक ने कहा मोदी की सरकार में सभी क्षेत्रों के साथ रेल एवं हवाई यात्रा के क्षेत्र में काफी विकास हुआ है | अंतरिम वजट में भी रेल एवं हवाई यात्रा का बजट रखा गया है | देश में रेलवे स्टेशनों का अग्रेड हुआ है तथा बन्दे भारत जैसी ट्रेने यात्रियों की सुविधा के लिए चल रही है |

 विधायक ने कहा रेल विभाग से केपिटल एस्प्रेस तथा आम्रपाली एस्प्रेस ट्रेन को पूर्णिया जंक्शन तक विस्तार करने की मांग की गयी है | श्री खेमका ने कहा आनेवाले समय में जोगबनी में वाशिंग पिट पुर्णतः तैयार होने पर शीघ्र ही पूर्णिया से लम्बी दुरी की कई नई ट्रेने चलेगी तथा पूर्णिया एयरपोर्ट से हवाई यात्रा भी शीघ्र शुरू होगी |

विद्या विहार ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस(VVGI) ने फिर लहराया प्रतिभा का परचम

पूर्णिया: राष्ट्रीय कनिष्ठ विज्ञान की मानक परीक्षा में जयंत कुमार एवं IOQM : इंडियन ओलंपियाड क्वालीफायर में सानू कुमार की अद्वितीय सफलता को हम हर्ष से साझा करते हैं। 

राष्ट्रीय कनिष्ठ विज्ञान मानक परीक्षा या NSEJS एक विज्ञान परीक्षा है जो मुख्यतः स्कूल के छात्रों के लिए होती है, जो कि सामान्यत: नवंबर के अंत में आयोजित की जाती है। NSEJS को भारतीय भौतिक शिक्षक संघ एवं होमी भाभा केंद्र फॉर साइंस एजुकेशन (HBCSE) संयुक्त रूप से आयोजित करते हैं। NSEJS को विश्वस्तरीय रूप से सर्वाधिक कठिन विज्ञान परीक्षा माना जाता है। NSEJS की परीक्षा वर्ष 1987 से अंग्रेजी, हिंदी सहित कुछ अन्य भारतीय भाषाओं में भी आयोजित की जाती है। इन ओलंपियाड्स में 1500 से अधिक केंद्रों से 80,000 से अधिक छात्र भाग लेते हैं।

इस परीक्षा में राज्यों के आनुपातिक अंश(State wise quota) के साथ लगभग शीर्ष 300 छात्र भारतीय राष्ट्रीय कनिष्ठ विज्ञान ओलंपियाड के लिए चयनित होते हैं। यह परीक्षा, सिद्धांत(theory)और एक वस्तुनिष्ठ(objective)पेपर के साथ, जनवरी के अंत में आयोजित की जाती है। शीर्ष 35 छात्रों को एक अभिविन्यास सह परीक्षण शिविर Orientation cum Selection Camp(OCSC) के लिए बुलाया जाता है, और सभी छात्रों के बीच शीर्ष 6 को अंतरराष्ट्रीय कनिष्ठ विज्ञान ओलंपियाड के लिए चयनित किया जाता है।

विद्या विहार रेसिडेंशियल स्कूल,पूर्णिया विद्या विहार करियर प्लस कोचिंग इंस्टीट्यूट के माध्यम से ओलंपियाड, IIT और मेडिकल की तैयारी प्रदान करता है। यह जानकारी श्री प्रशांत शंकर(करियर प्लस संचालक)द्वारा दी गई। 

करियर प्लस के मैनेजर श्री कुश कुमार झा जी ने शिक्षकों एवं छात्रों द्वारा किए जाने वाले कठिन परिश्रम की जानकारी देते हुए कहा कि पारस्परिक सहयोग से ही ऐसे परिणाम प्राप्त होते हैं।इससे पहले बच्चों ने अन्य परीक्षाओं में भी अच्छा प्रदर्शन किया है।बच्चे गणित में भारतीय ओलंपियाड क्वालीफायर में भी सफलता प्राप्त कर चुके हैं। सानू कुमार ने IOQM- इंडियन ओलंपियाड क्वालीफायर में मेरिट सर्टिफिकेट प्राप्त किया है।

VVGI के संस्थापक श्री रमेश चंद्र मिश्र,ट्रस्टी एवं सचिव श्री राजेश चंद्र मिश्र तथा विद्या विहार आवासीय विद्यालय, परोरा,पूर्णिया के प्राचार्य श्री निखिल रंजन ने छात्रों को इन कठिन परीक्षाओं में प्राप्त अद्वितीय सफलता के लिए अनेक शुभकामनाएं दीं। 

श्री राजेश मिश्र जी ने कहा कि इस प्रकार की सभी राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता परीक्षाओं के लिए बच्चों को तैयार करना,सफलता पाने के लिए उन्हें प्रेरित करना और फिर लक्ष्य की प्राप्ति ही हमारी संस्था का उद्देश्य है।प्राचार्य श्री निखिल रंजन ने बताया कि हमारे छात्रावास में बच्चों को सभी प्रकार की शिक्षण संबंधी सुविधाएं एवं सकारात्मक परिवेश प्रदान किया जाता है जिसके फलस्वरूप हमारी संस्था के छात्र न केवल बोर्ड परीक्षाओं में अपितु प्रतियोगिता परीक्षाओं में भी सर्वोच्च सफलता की नित नई कथाएं रच रहे हैं।

इस गौरवशाली क्षण को आप सभी के साथ साझा करते हुए हमें अपार हर्ष की अनुभूति हो रही है।

कम नहीं हो रही अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें, सुबह-सुबह आवास पर पहुंची क्राइम ब्रांच की टीम, जानें क्या है मामला

#delhi_crime_branch_team_reach_cm_arvind_kejriwal_residence 

दिल्ली शराब घोटाला केस में बार-बार ईडी की नोटिस की अनदेखी करने वाले मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है। इस बीच शनिवार की सुबह दिल्ली क्राइम ब्रांच की टीम अरविंद केजरीवाल के आवास पर पहुंची है। क्राइम ब्रांच की टीम केजरीवाल को नोटिस देने पहुंची है। केजरीवाल ने बीजेपी पर विधायकों की खरीद-फरोख्त का आरोप लगाया था। बीजेपी ने इस आरोप के खिलाफ शिकायत की थी। शुक्रवार देर शाम को भी एक नोटिस लेकर क्राइम ब्रांच की टीम सीएम के आवास पर पहुंची थी, लेकिन नोटिस किसी के द्वारा रिसिव नहीं करने की वजह से पुलिस रात में वहां से लौट आई थी। सूत्रों के मुताबिक दिल्ली सीएम का दफ्तर नोटिस लेने के लिए तैयार हो गया है। जबकि क्राइम ब्रांच की टीम का कहना है कि सीएमओ रिसिविंग देने को तैयार नहीं हैं।

दिल्ली पुलिस कमिश्नर को 30 जनवरी को भाजपा नेताओं ने अरविंद केजरीवाल और आतिशी के विधायकों के खरीद-फरोख्त के प्रयासों वाले दावों के खिलाफ शिकायत दी थी। यह शिकायत 6 पेज की थी। इस शिकायत के बाद ही गुरुवार की रात को दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच को जांच के लिए बोला गया था। इसके बाद लीगल फॉर्मेलिटी यानी कानूनी औपचारिकता पूरी होने के बाद शुक्रवार की शाम को एसीपी के नेतृव में दिल्ली पुलिस की एक टीम इंक्वॉयरी का नोटिस लेकर अरविंद केजरीवाल के घर गई थी।

दरअसल, 27 जनवरी को केजरीवाल ने आरोप लगाया था कि उनके विधायकों को खरीदने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा था कि बीजेपी ने उनके विधायकों को 25-25 करोड़ रुपये का ऑफर दिया है और साथ ही पार्टी का टिकट देने का भी लालच दिया है। केजरीवाल ने अपने एक्स हैंडल पर लिखा, पिछले दिनों इन्होंने हमारे दिल्ली के सात एमएलए को संपर्क कर कहा है -कुछ दिन बाद केजरीवाल को गिरफ्तार कर लेंगे। उसके बाद एमएलए को तोड़ेंगे। 21 एमएलए से बात हो गई है औरों से भी बात कर रहे हैं। उसके बाद दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार गिरा देंगे। आप भी आ जाओ। 25 करोड़ रुपये देंगे और बीजेपी की टिकट से चुनाव लड़वा देंगे। उनका दावा था कि उन्होंने 21 एमएलए से संपर्क किया है लेकिन हमारी जानकारी के मुताबिक उन्होंने अभी तक सात एमएलए को ही संपर्क किया है और सबने मना कर दिया।

संयुक्त कृषि भवन खुश्की बाग पूर्णिया के प्रांगण में दो दिवसीय कृषि यांत्रिकरण मेला का हुआ शुभारम्भ, उप विकास आयुक्त ने किया उद्घाटन

पूर्णिया :- क़ृषि विभाग पूर्णिया द्वारा संयुक्त कृषि भवन खुश्की बाग पूर्णिया के प्रांगण में आयोजित दो दिवसीय कृषि यांत्रिकरण मेला का शुभारम्भ आज दिनांक 02.02.2024 को किया गया। मेला का विधिवत उद्घाटन उप विकास आयुक्त श्रीमती साहिला( भा०प्र० से०) द्वारा द्वीप प्रज्वलित कर किया गया।

मेला परिसर में कुल 24 स्टॉल लगाया गया जिसमे आधुनिक क़ृषि यन्त्रों के साथ साथ छोटे क़ृषि यंत्र यथा धातु कोठीला एंव मैन्युअल एग्रीकल्चर किट की भी प्रदर्शनी किया गया।

 कृषि यंत्रीकरण वित्तीय वर्ष 2023- 24 योजना अंतर्गत कुल 110 प्रकार के कृषि यंत्रों पर 40 से 80% तक अनुदान दिया जा रहा है। मेला के प्रथम दिन कुल 56 कृषकों द्वारा 11.89 लाख अनुदान राशि का यंत्र किसानों के द्वारा मेला में क्रय किया गया l

पूर्णिया जिले को कुल 6234 कृषि यंत्र हेतु कुल 4144 कृषकों से ऑनलाइन के माध्यम से प्राप्त आवेदन के विरुद्ध 1095 स्वीकृति पत्र निर्गत किया गया है। कृषको के ऑनलाइन आवेदन के लिए OFMAS पोर्टल दिनांक 01.02.2024 से 15.02.2024 तक खुला रहेगा। जिसके लिए कृषको के बीच व्यपाक प्रचार प्रसार किया जा रहा हैl

मेला में चार कृषकों को कृषि यंत्र बैंक स्थापना करने हेतु उप विकास आयुक्त द्वारा चाभी हस्तगत कराया गया। कुल 16 लाख रुपए अनुदान राशि का कृषि यंत्र बैंक स्थापना करने हेतु यंत्रो का क्रय कृषको द्वारा किया गयाl

उप विकास आयुक्त श्रीमती साहिला द्वारा किसानों की आय बढ़ाने के लिए कृषकों से 80: 20 के सिद्धांत पर यानी 80% पारंपरिक खेती एवं 20% पर उधानिकी फसल आदि की खेती करने के साथ साथ 1+1 अर्थात क़ृषि के साथ पशुपालन आदि की खेती करने का आग्रह कृषकों से किया गया है‌। 

युवाओं को कृषि के प्रति प्रोत्साहित करने के लिए कृषि एवं संबद्ध विभागों को टीम वर्क के साथ काम करने हेतु निर्देशित किया गया।

जिला कृषि पदाधिकारी द्वारा ससमय कृषि यंत्रों का क्रय कर वैज्ञानिक तरीके से आधुनिक उपकरणों का प्रयोग कर खेती करने हेतु कृषकों से अपील किया गया।

मेला में आये कृषको को प्रभारी संयुक्त निदेशक (शष्य )पूर्णिया प्रमंडल पूर्णिया, जिला क़ृषि पदाधिकारी, क़ृषि विज्ञानं केंद्र जलालगढ़ के वरीय वैज्ञानिक- सह- प्रधान , सहायक निदेशक क़ृषि अभियंत्रण, अनुमंडल क़ृषि पदाधिकारी द्वारा सम्बोधित किया गयाl

मेला में प्रभारी संयुक्त निदेशक शस्य,उपनिदेशक पौधा सरंक्षण, उपनिदेशक क़ृषि अभियंत्रण, DAO, KVK scientist, सभी सहायक निदेशक, सभी अनुमंडल कृषि पदाधिकारी, प्रखंड क़ृषि पदाधिकारी, क़ृषि समन्वयक, kisan सलाहकार एंव बढ़ी संख्या में कृषक मौजूद थे।

पूर्णिया से जेपी मिश्र

राज्यपाल के पूर्णिया विश्वविद्यालय आगमन पर सदर विधायक विजय खेमका ने अंगवस्त्र एवं पुष्प गुच्छ देकर किया स्वागत, सीमांत क्षेत्र के विकास पर की

पूर्णिया : राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर के पूर्णिया विश्वविद्यालय आगमन पर सदर विधायक विजय खेमका ने अंगवस्त्र एवं पुष्प गुच्छ से स्वागत किया| विधायक ने राज्यपाल सह कुलाधिपति महोदय से सीमांत क्षेत्र के विकास पर विस्तार से चर्चा किया| 

श्री खेमका ने महामहिम को पूर्णिया विश्वविद्यालय को मॉडल विश्वविद्यालय बनाने के साथ विश्वविद्यालय में मास कम्युनिकेशन, शारीरिक शिक्षा की पढ़ाई शुरू कराने का आग्रह किया | विधायक सरकारी पूर्णिया कॉलेज पूर्णिया तथा पूर्णिया महिला कॉलेज में छात्र छात्राओं की सुविधा के लिए बीएड, MCA तथा LAW की पढाई शरू कराने की मांग रखी | 

विधायक ने जिला का एक मात्र डिग्री महिला कॉलेज के जर्जर भवन की राज्यपाल महोदय का ध्यान आकृष्ट कराने हुए उनसे कॉलेज के जर्जर भवन का जोर्नोद्धर करने की बात कही | 

सदर विधायक ने राज्यपाल श्री राजेन्द्र आर्लेकर जी से प्रमंडल मुख्यालय में सीमांत क्षेत्र की जनता की सुविधा के लिए एम्स, हाईकोर्ट बेंच बनाने का आग्रह किया | विधायक ने पूर्णिया में एयरपोर्ट तथा लम्बी दुरी की ट्रेनों के परिचालन पर भी राज्यपाल महोदय से चर्चा की|

पूर्णिया से जेपी मिश्र

सांसद कार्यालय में मनाई गई शहीद जगदेव प्रसाद की 102वी जयंती, युवा जेडीयू जिलाध्यक्ष राजू मण्डल समेत कई नेताओं ने माल्यार्पण कर किया नमन

पूर्णिया : रामबाग स्थित सांसद कार्यालय में शुक्रवार को युवा जेडीयू द्वारा बिहार के लेनिन कहलाने वाले अमर शहीद जगदेव प्रसाद की 102 वी जयंती मनाई गई।इस मौके पर उपस्थित कार्यकर्ताओं द्वारा स्व जगदेव प्रसाद के तैल चित्र पर माल्यार्पण किया और सामाजिक न्याय की लड़ाई में उनके योगदान को याद किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता युवा जेडीयू जिलाध्यक्ष राजू मण्डल ने किया।जबकि मुख्य अतिथि के रूप में डगरुआ प्रखण्ड प्रमुख रितेश कुमार मौजूद थे।

      

इस मौके पर शहीद जगदेव प्रसाद को याद करते हुए प्रखण्ड प्रमुख रितेश कुमार ने कहा कि जगदेव बाबू ने कहा था कि जब तक सामाजिक क्रांति नही होगी तबतक आर्थिक क्रांति नही आएगी। जब तक शोषित समाज के हाथों में हुकूमत की बागडोर नही होगी तबतक आर्थिक गैरबराबरी नही मिटेगी। उन्होंने सौ में नब्बे भाग शोषित है, नब्बे भाग हमारा है का नारा देते हुए कहा था कि 10 फिसदी बनाम 90 फीसदी की लड़ाई ही वैज्ञानिक समाजवाद की लड़ाई है। उन्होंने कहा कि शोषितों -वंचितों को अपना हक-हकूक चाहिए तो जगदेव बाबू के विचारों को अंगीकार करना होगा।

वही युवा जिलाध्यक्ष राजू मण्डल ने कहा कि जगदेव बाबू पहले ऐसा नेता थे जिन्होंने सरकारी और गैरसरकारी नौकरियों में 90 फीसदी आरक्षण की मांग किया था। उन्होंने कहा था कि पहली पीढ़ी गोली खाएगा, दूसरी पीढ़ी जेल जाएगा और तीसरी पीढ़ी राज करेगी और जीत अंततः हमारी होगी।

इस कार्यक्रम में संजय राय,राजेश राय,रतेश यादव,अंबुज यादव,राजेश गोस्वामी, सुभाष महतो, अविनाश सिंह कुशवाहा, कन्हैया प्रसाद ,सुशांत कुशवाहा,ओम प्रकाश मेहता,बिक्रम गुप्ता,प्रफुल प्रियकांच्छी,राहुल कुमार रॉय, इंद्रजीत कुमार, युवा जदयू नेता निर्मल विश्वास, अलोक ठाकुर, सोनू मेहता, संतोष सोनी, नीरज कुमार श्रीवास्तव, आशुतोष कुमार,सोनू कुमार पासवान,सहित सैकड़ो कार्यकर्ता उपस्थित थे।

पूर्णिया से जेपी मिश्र

यूसीसी के लिए बनाई गई समिति ने धामी सरकार को सौंपी अपनी सिफारिशें, जानें 800 पन्ने वाले ड्राफ्ट में क्या-क्या?

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उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) का मसौदा तैयार करने वाली एक्सपर्ट कमेटी ने शुक्रवार को अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंप दी है। अब कल यानी शनिवार को कैबिनेट बैठक में यूसीसी ड्राफ्ट रिपोर्ट को मंजूरी मिलने के बाद इसे छह फरवरी को विधानसभा में पेश किए जाने की उम्मीद है। उत्तराखंड विधानसभा का बजट सत्र 5 फरवरी से शुरू हो रहा है। ऐसे में सत्र की शुरुआत के अगले ही दिन धामी सरकार इतिहास रच सकती है। विधानसभा से अध्यादेश को मंजूरी दिए जाने के बाद इसे राज्यपाल के पास भेजा जाएगा। राज्यपाल की मंजूरी के बाद उत्तराखंड देश का पहला राज्य बन जाएगा, जहां समान नागरिक संहिता लागू हो जाएगी। इसके साथ ही यूसीसी को लागू करने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य बन जाएगा।

वहीं ड्राफ्ट मिलने के बाद पुष्कर सिंह धामी ने कहा, ‘लम्बे समय से हम सभी को प्रतीक्षा थी हमको आज ड्राफ्ट मिल गया है। चुनाव से पहले उत्तराखण्ड की देव तुल्य जनता को वादा था। अब इस ड्राफ्ट की परिक्षण कर के इसे विधेयक में लाकर आगे बढ़ाएंगे।हम इस मसौदे का परीक्षण करेंगे और सभी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद इसे राज्य विधानसभा के दौरान रखेंगे। इस पर आगे चर्चा की जाएगी। 

विधानसभा चुनाव 2022 के बाद सीएम धामी ने यूसीसी लागू करने के लिए जस्टिस देसाई की अध्यक्षता में समिति बनाई थी। मुख्यमंत्री धामी ने समिति का तीन बार कार्यकाल बढ़ाया। अब समिति ने करीब ढाई लाख सुझावों और 30 बैठकों में रायशुमारी के बाद तैयार हुआ ड्राफ्ट सीएम धामी को सौंपा।

यूसीसी के ड्राफ्ट में ये हैं प्रावधान

-तलाक के लिए सभी धर्मों का एक कानून होगा।

-तलाक के बाद भरण पोषण का नियम एक होगा।

-पति-पत्नी दोनों को तलाक के समान आधार उपलब्ध होंगे। तलाक का जो ग्राउंड पति के लिए लागू होगा, वही पत्री के लिए भी लागू होगा। फिलहाल पर्सनल लॉ के तहत पति और पत्नी के पास तलाक के अलग अलग ग्राउंड हैं।

-गोद लेने के लिए सभी धर्मों का एक कानून होगा।मुस्लिम महिलाओं को भी मिलेगा गोद लेने का अधिकार।गोद लेने की प्रक्रिया आसान की जाएगी।

-संपत्ति बटवारे में लड़की का समान हक सभी धर्मों में लागू होगा।

-अन्य धर्म या जाति में विवाह करने पर भी लड़की के अधिकारों का हनन नहीं होगा।

-सभी धर्मों में विवाह की आयु लड़की के लिए 18 वर्ष अनिवार्य होगी।

-शादी का अनिवार्य रजिस्ट्रेशन होगा। बगैर रजिस्ट्रेशन किसी भी सरकारी सुविधा का लाभ नही मिलेगा. ग्राम स्तर पर भी शादी के रजिस्ट्रेशन की सुविधा होगी।

-लिव इन रिलेशनशिप के लिए पंजीकरण जरूरी होगा।

-उत्तराधिकार में लड़कियों को लड़कों के बराबर का हिस्सा मिलेगा। अभी तक पर्सनल लॉ के मुताबिक लड़के का शेयर लड़की से अधिक।

-नौकरीशुदा बेटे की मौत पर पत्री को मिलने वाले मुआवजे में वृद्ध माता-पिता के भरण पोषण की भी जिम्मेदारी। अगर पत्नी पुर्नविवाह करती है तो पति की मौत पर मिलने वाले कंपेंशेसन में माता पिता का भी हिस्सा होगा।

-एक पति पत्नी का नियम सब पर लागू होगा।

पेटीएम पर आरबीआई का “डंडा” आम लोगों पर क्या होगा असर?

क्या आप भी जेब में पर्स लेकर घूमने के बजाय डीजिटल पेमेंट करने में ज्यादा सुविधा महसूस करते हैं। दरअससर आज हमारे देश में हर दूसरा शख्स ऐसी ही सोच रखता है। डिजिटल मोड के इस दौरा मे एक नाम तेजी से उभरा Paytm, जिसने भारतीय लोगों को डिजिटल लेनदेन का चस्का लगाया। डिजिटल पेमेंट सर्विस की दुनिया की बेताज बादशाह कही जाने वाली कंपनी पेटीएम पर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने कई तरह के बैन लगा दिए हैं।

आरबीआई ने बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 35ए के तहत पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड (पीपीबीएल या बैंक) को तुरंत नए ग्राहकों को नहीं जोड़ने का निर्देश हाल ही में दिया था। इतना ही नहीं, आरबीआई सर्कुलर के अनुसार, 29 फरवरी, 2024 के बाद पेटीम पेमेंट्स बैंक से किसी भी ग्राहक के खाते, प्रीपेड कार्ड, वॉलेट, फास्टैग, एनसीएमसी कार्ड आदि में जमा, लेनदेन, टॉप-अप या निकासी की अनुमति नहीं दी जाएगी। 

30 करोड़ पेटीएम यूजर्स पर होगा असर

आरबीआई के आदेश का असर बड़े तबके पर पड़ सकता है क्योंकि पेटीएम के पास डिजिटल पेमेंट बाज़ार का 16-17 फ़ीसदी हिस्सा है और जानकारों के मुताबिक करोड़ों लोग इससे प्रभावित हो सकते हैं।ऐसे में बड़ा सवाल है कि आम लोगों पर इसका क्या असर होगा।कंपनी का दावा है कि उसके पास 300 मिलियन यानी 30 करोड़ से अधिक वॉलेट यूजर्स हैं। वहीं पेटीएम पेमेंट्स बैंक में 30 मिलियन यानी 3 करोड़ ग्राहकों ने बैंक खाता खोल रखा है। इसका आसान मतलब यह होता है कि इसका सीधा असर 30 करोड़ पेटीएम यूजर्स पर पड़ने वाला है।

पेटीएम बैंक क्या है

आरबीआई के फ़ैसले का क्या असर होगा ये समझने के लिए पहले ये जानना ज़रूरी है कि पेटीएम बैंक है क्या और ये आम बैंक से कैसे अलग है। पेटीएम पेमेंट बैंक में केवल पैसे जमा किए जा सकते हैं, उनके पास कर्ज़ देने का अधिकार नहीं है। ये डेबिट कार्ड तो जारी कर सकते हैं लेकिन क्रेडिट कार्ड जारी करने के लिए किसी लेंडर रेगुलेटर के साथ डील करनी पड़ेगी। यानी ये एक ऐसा बैंक अकाउंट है जिसमें पैसे रखे जा सकते हैं, आम तौर पर मर्चेंट्स को जो भुगतान मिलता है वो उनके पेटीएम पेमेंट अकाउंट में जाता है और फिर उनके बैंक खातों में पैसे ट्रांसफर होते हैं। इसके बदले में पेटीएम अपने ग्राहकों को क्रेडिट प्वाइंट देता है। पेटीएम की पेरेंट कंपनी का नाम है वन97 कंम्यूनिकेशंस और इसी कंपनी के पास प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट यानी पीपीआई लाइसेंस है जिसे साल 2017 में पेटीएम पेमेंट बैंक शुरू करने के लिए इस्तेमाल किया गया।

पेटीएम वॉलेट और यूपीआई इस्तेमाल करने वाले का क्या होगा?

29 फरवरी तक पेटीएम की सभी सर्विस सामान्य रूप से ही काम करेंगी। इसके बाद पेटीएम वॉलेट और यूपीआई सेवा का इस्तेमाल करने वाले लोगों के लिए कुछ बदलाव होंगे। सबसे अहम ये कि अगर आपके वॉलेट में पहले से पैसे हैं तो आप उसे दूसरी जगह ट्रांसफ़र कर सकते हैं लेकिन वॉलेट में कोई भी राशि डिपॉज़िट नहीं की जा सकती। हालांकि, अगर आपने पेटीएम अकाउंट को किसी थर्ड पार्टी बैंक से जोड़ रखा है तो आपका पेटीएम काम करता रहेगा और यूपीआई पेमेंट का भी इस्तेमाल करते रहेंगे। थर्ड पार्टी या एक्सटर्नल बैंक का मतलब है कि आप पेटीएम पर अगर स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया, एचडीएफ़सी बैंक या पंजाब नेशनल बैंक सहित किसी भी मान्यता प्राप्त बैंक के अकाउंट का इस्तेमाल करते हैं तो आपके लिए कुछ भी नहीं बदलने वाला है। लेकिन अगर आप पेटीएम बैंक से लिंक वॉलेट का इस्तेमाल कर रहे हैं तो आप ऐसा नहीं कर पाएंगे। 29 फ़रवरी के बाद से ना तो बैंक अकाउंट में और ना तो वॉलेट में कोई क्रेटिड लिया जा सकेगा।

दुकानदार पेटीएम के जरिए पेमेंट रिसीवकर सकेंगे?

जो दुकानदार अपने पेटीएम पेमेंट्स बैंक अकाउंट में पैसा रिसीव करते हैं, वे पेमेंट रिसीव नहीं कर पाएंगे। इसकी वजह यह है कि उनके अकाउंट्स में क्रेडिट की अनुमति नहीं है, लेकिन कई व्यापारियों या कंपनियों के पास दूसरी कंपनियों के क्यूआर स्टिकर्स हैं जिनके जरिए वे डिजिटल पेमेंट्स स्वीकार कर सकते हैं।

केन्द्रीय बजट को बीजेपी ने बताया लोक और गरीब राज्यों के लिए कल्याणकारी, विपक्ष ने बताया आम लोगों के साथ छलावा

डेस्क : बीते गुरुवार को केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में वर्ष 2024-25 का अंतरिम बजट पेश की। इधर इस बजट को एनडीए जहां लोक और गरीब राज्यों के लिए कल्याणकारी बताया है। वहीं विपक्ष ने इसे आमलोगों के साथ छलावा करार दिया है। 

बीजेपी के राज्यसभा सांसद व बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने केंद्र सरकार के अंतरिम बजट को गरीबों, महिलाओं और बिहार जैसे गरीब राज्यों के लिए कल्याणकारी बताया। इससे केंद्रीय करों में हिस्से के रूप में बिहार को इस वर्ष 1 लाख 2737 करोड़ की जगह 1 लाख 11 हजार करोड़, यानी 8500 करोड़ अधिक मिलेंगे। अगले वर्ष यह राशि 1.22 लाख करोड़ होगी। 50 साल के लिए राज्यों को 1 लाख 30 हजार करोड़ का व्याज-मुक्त ऋण देने की घोषणा भी बड़ी पहल है।

केंद्रीय बजट में राज्यों के लिए अलग-अलग घोषणाएं नहीं होती, फिर भी वर्ष 2024-2025 के अंतरिम बजट से बिहार को सर्वाधिक लाभ मिलेगा। लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य तीन करोड़ किया गया है।

वही दूसरी ओर कांग्रेस के बिहार प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अखिलेश प्रसाद सिंह ने वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश अंतरिम बजट को निराशाजनक बताया। उन्होंने कहा कि जब सत्ताधारी वर्ग में विजन के ऊपर कुर्सी की चिन्ता हावी हो जाती है तो इस तरह का बजट देखने को मिलता है। हमेशा के मुताबिक इस बजट में गरीब, बेरोजगार नौजवान और मध्यम वर्ग के लिए कुछ भी हाथ नहीं लगा। चुनिंदा अमीरों को रेवड़ियां बांटने का प्रयास है। गरीबों के लिए कुछ भी नहीं किया गया है।