*एक वर्ष में कालाजार का नहीं मिला कोई केस,प्रभावित बस्ती में 14 दिन होता है दवा का छिड़काव, तीन वर्ष पूर्व जनपद में मिले थे दो मरीज*
नितेश श्रीवास्तव
भदोही। गलीचों के शहर कालीन नगरी में वित्तीय वर्ष में कालाजार का कोई केस नहीं मिला। वर्ष 2022 में कौलापुर का मरीज मिले थे। तब से लेकर अब कोई कालाजार का केस संज्ञान में नहीं आया है हालांकि चार वर्ष पूर्व भी दो केस मिला था। जिसमें दोनों का उचित इलाज हुआ था। जिला मलेरिया अधिकारी राम आसरे पाल ने बताया कि ठंड से कालाजार के मरीज मिलते हैं। ऐसे में मौसम परिवर्तित होते ही विभागीय स्तर से सक्रियता बढ़ा दी गई है। एक वर्ष पूर्व कौलापुर गांव के एक कालाजार का केस मिला था। जबकि चार वर्ष पूर्व दो कालाजार बीमारी से पीड़ित मिले थे जिनका उचित इलाज हुआ था। जिन गांव व बस्ती में कालाजार का केस मिलता है। वहीं तीन वर्ष तक साल में दो बार दवा का छिड़काव किया जाता है। चार वर्ष के अंतराल में कौलापुर, पियरोपुर, व नई बाजार में कालाजार का केस मिला था। बीमारी का लक्षण दिखते ही लोग स्वास्थ्य विभाग में संपर्क करें।
ऐसे फैलता है लोगों में संक्रमण
जिला मलेरिया अधिकारी राम आसरे पाल ने बताया कि कालाजार संक्रामक बीमारी है जो परजीवी लिस्मैनिया डोनोवानी के कारण होता है। इस बीमारी का असर शरीर पर धीरे-धीरे पड़ता है। कालाजार बीमारी परजीवी बालू मक्खी के जरिए फैलती है जो कम रोशनी वाली और नम जगहों जैसे कि मिट्टी में रहती है।बालू मक्खी यही संक्रमण एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलाती है। इस रोग से ग्रस्त खासकर गोरे व्यक्तियों के हाथ, पैर, और चेहरे का रंग भूरा हो जाता है।
घातक है बीमारी के ये हैं लक्षण
जिला मलेरिया अधिकारी ने बताया कि रुक - रुककर बुखार आना,भूख कम लगना,शरीर में पीलापन और वजन घटना, त्वचा - सूखी पलती और होना कालाजार बीमारी के लक्षण है। बाल झड़ना भी कालाजार रोग का मुख्य लक्षण हो सकता है। बीमारी का प्रकोप बढ़ते ही मरीज के शरीर खून तीव्र वेग से कम होता है। ऐसा लक्षण दिखते ही मरीज तत्काल चिकित्सकीय परामर्श ले
Jan 30 2024, 14:16