मीठी सुपारी खाने की लत ने शख्स को बना दिया 'चोर', उठा लिया ये बड़ा कदम, पढ़िए, एमपी के गुना की यह अनोखी कहानी

 मध्य प्रदेश के गुना से एक अनोखी घटना सामने आई है। यहां रहने वाले धारत सिंह लोधा नाम के बदमाश को मीठी सुपारी खाने की लत है। बदमाश ने एक पान की दुकान में सेंधमारी करते हुए मीठी सुपारी के 28 पैकेट चुरा लिए तथा जाते जाते सिगरेट के 169 पैकेट भी चुरा लिए। चोरी के शातिराना अंदाज ने पुलिस के शक की सुई को एक तरफ घुमा दिया।

दुकान मालिक ने चोरी की शिकायत पुलिस में दर्ज कराई तो बड़ा खुलासा हुआ। पुलिस ने तहकीकात में पाया कि एक ही रात गुना में 5 से अधिक दुकानों में चोरी की गई। चोरी की वारदात का वक़्त और तरीका भी मिलता जुलता था। पुलिस ने तहकीकात की तो पता चला कि धारत सिंह लोधा नाम का व्यक्ति चोरियों में लिप्त है। दोषी को गिरफ्तार किया गया तथा कड़ाई से पूछताछ की गई तो खुलासा हुआ। पुलिस ने बताया कि आरोपी धारत सिंह लोधा बहुत शातिर चोर है। धारत ने मीठी सुपारी की चोरी की थी। ठीक उसी रात शहर की अन्य दुकानों में भी चोरी की घटना को अंजाम दिया गया। जिसमें फर्नीचर की दुकान से ऑयल के डिब्बे, कॉपर वायर, हथौड़ी , डेयरी व्यवसायी के संस्थान से लैपटॉप पेनड्राइव, मोटरसाइकिल के टायर चुराए गए थे। 

पुलिस ने चोरी का माल जब्त कर लिया है। संदिग्ध काफी शातिर माना जाता है और पुरानी चोरियों में भी शामिल रहा है। शातिर चोर धर्म सिंह मंदिरों को निशाना बनाता था। वह मंदिर के दान बक्सों से चोरी करता था और घंटों तक घंटियाँ भी चुराता था। फिलहाल पुलिस को उम्मीद है कि धर्म सिंह की गिरफ्तारी से कई अन्य चोरियों का खुलासा हो सकेगा।

उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता अगले माह होगी लागू ? लिव इन रिलेशनशिप पर लगेगी रोक; 500 पृष्ठ से अधिक का ड्राफ्ट तैयार

 उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू करने की धामी सरकार की मुहिम अगले माह धरातल पर मूर्त रूप ले सकेगी। संहिता का प्रारूप बनाने के लिए गठित विशेषज्ञ समिति दो फरवरी को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को यह प्रारूप सौंप सकती है।

इसे कानूनीजामा पहनाने के दृष्टिगत सरकार ने पांच से आठ फरवरी तक विधानसभा का सत्र बुलाया है। इसी सत्र में यह प्रारूप विधेयक के रूप में सदन के पटल पर रख इसे पारित कराने की तैयारी है। इसके पारित होने के बाद उत्तराखंड समान नागरिक संहिता लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन जाएगा।

चीन और नेपाल की सीमा से सटे उत्तराखंड का सामरिक महत्व तो है ही, चारधाम समेत अनेक धार्मिक स्थलों के कारण तीर्थाटन की दृष्टि से भी यह राज्य महत्वपूर्ण है। इसे देखते हुए धामी सरकार ने यहां सामान नागरिक संहिता लागू करने की ठानी और यह सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता में शामिल है।

वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री धामी ने समान नागरिक संहिता लागू करने का वादा किया और जनता ने भी इस पर एक प्रकार से मुहर लगाई। मुख्यमंत्री धामी ने भी दोबारा सत्ता संभालते ही अपनी पहली ही कैबिनेट की बैठक में इसका प्रारूप तय करने को विशेषज्ञ समिति के गठन के प्रस्ताव को मंजूरी दी।

समान नागरिक संहिता का ड्राफ्ट

इसी कड़ी में 27 मई 2022 को समान नागरिक संहिता का ड्राफ्ट बनाने के लिए जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई (सेनि) की अध्यक्षता में एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया, जिसमें चार सदस्य शामिल किए गए। बाद में इसमें सदस्य सचिव को भी शामिल किया गया। विशेषज्ञ समिति के लगभग 20 माह के कार्यकाल में अभी तक 75 से अधिक बैठक हो चुकी हैं और समिति को 2.35 लाख से अधिक सुझाव मिले हैं।

समिति ने बैठकों के जरिये प्रदेश के सभी धर्मों, समुदाय व जनजातियों के प्रतिनिधियों से मुलाकात कर और प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में जाकर स्थानीय निवासियों से सुझाव लिए। साथ ही, प्रदेश के सभी राजनीतिक दलों के साथ ही नई दिल्ली में भी प्रवासी उत्तराखंडवासियों के साथ भी इस विषय पर संवाद किया। ड्राफ्ट पूरा करने से पहले समिति की मुख्यमंत्री धामी के साथ कई चरणों की बैठक हुई।

पांच सौ पृष्ठ से अधिक का है ड्राफ्ट

अब समिति अपना कार्य पूरा कर चुकी है। माना जा रहा है कि यह ड्राफ्ट पांच सौ पृष्ठ से अधिक का है। इसका हिंदी रूपांतरण भी किया जा चुका है। अब समिति दो फरवरी को इसे मुख्यमंत्री को सौंप सकती है। कैबिनेट से मंजूरी के बाद इसे विधानसभा के पटल पर रखा जाएगा। इसी के दृष्टिगत ही सरकार ने विधानसभा का सत्र आहूत किया है।

ड्राफ्ट के मुख्य बिंदु

-सभी धर्मों के अनुयायियों को समान अधिकार देने की पैरवी

-लिव इन रिलेशनशिप पर रोक

-पैतृक व पति की संपत्ति में महिलाओं को समान अधिकार

-उत्तराधिकार में महिलाओं की सहभागिता

-कानून के हिसाब से हो तलाक

-गोद लेने के लिए कड़े नियमों का प्रविधान

-स्थानीय व जनजातीय परंपराओं तथा रीति रिवाजों का अनुपालन

-निजी स्वतंत्रता को मिले विशेष महत्व

दो से तीन दिन में तैयार कर लिया जाएगा विधेयक का प्रारूप

सरकार के प्रवक्ता के अनुसार विशेषज्ञ समिति से रिपोर्ट मिलने के दो से तीन दिन के भीतर समान नागरिक संहिता के विधेयक का प्रारूप तैयार कर लिया जाएगा। वैसे भी विधानसभा सत्र पांच से आठ फरवरी तक आहूत किया गया है। ऐसे में विधेयक का प्रारूप तैयाार करने के लिए पर्याप्त समय मिल जाएगा।

कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे आज दून में करेंगे जनसभा, सीएम धामी के दखल के बाद मिली अनुमति

देहरादून पुलिस लाइन में राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के हेलिकॉप्टर लैंडिंग की अनुमति न मिलने पर गुस्साए कांग्रेसियों ने पुलिस मुख्यालय घेर लिया। कई घंटे तक बड़ी संख्या में कांग्रेस नेता, कार्यकर्ता हंगामा करते रहे। मामला संज्ञान में आने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दखल दिया। उनके दखल से मामला शांत हुआ और अनुमति मिल गई।

शनिवार को कार्यक्रम स्थल का निरीक्षण करने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना पुलिस लाइन में हेलिकॉप्टर लैंडिंग की स्थिति देखने पहुंचे। जब उन्हें पता चला कि ऐसी कोई अनुमति नहीं है तो उन्होंने एसएसपी अजय सिंह से संपर्क की कोशिश की लेकिन उनके बैठक में व्यस्त होने के चलते बात नहीं हो पाई।

धस्माना ने बताया कि इसके बाद उन्होंने डीजीपी अभिनव कुमार को फोन किया लेकिन बाहर होने के चलते उन्होंने एडीजी से बात करने को कहा। एडीजी ने मामले में जल्द कार्रवाई का आश्वासन दिया। इस बीच वह बात करते-करते पुलिस मुख्यालय पहुंच गए। वहां बात बनती न देख कांग्रेस अध्यक्ष माहरा व उपाध्यक्ष धस्माना धरने पर बैठ गए।

 नेता प्रतिपक्ष आर्य और पुलिस अधिकारियों के बीच हुई तकरार

मामले की जानकारी मिलते ही नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य समेत तमाम नेता पुलिस मुख्यालय पहुंचे। इस दौरान नेता प्रतिपक्ष आर्य और पुलिस अधिकारियों के बीच तकरार हुई। नाराज कांग्रेस नेताओं ने करीब दो घंटे तक हंगामा किया। धीरे-धीरे पुलिस मुख्यालय के बाहर तक कार्यकर्ताओं की भीड़ जुट गई। मामले की जानकारी मिलने पर सीएम धामी ने नेता प्रतिपक्ष आर्य, प्रदेश अध्यक्ष माहरा से फोन पर बात की। उन्होंने आश्वासन दिया कि कांग्रेस अध्यक्ष के हेलिकॉप्टर की अनुमति दी जाएगी। इसके कुछ ही देर बाद अनुमति मिल गई। इसके बाद कांग्रेसी वहां से चले गए।

बिहार में घमासान के बीच लालू यादव की बेटी ने किसे बताया कूड़ा? जानें बाकी भाई-बहनों ने क्या कहा

डेस्क: बिहार में आरजेडी के साथ चल रही सरकार से अपना दामन छुड़ाते हुए नीतीश कुमार ने अब अपना पाला बदल लिया है। एक बार फिर से नीतीश कुमार एनडीए गठबंधन के साथ आ गए हैं। एक तरफ जहां नीतीश कुमार ने राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंपा, उसके साथ ही दूसरी तरफ उनके शपथ ग्रहण की तैयारियां भी तेज हो गई हैं। नीतीश कुमार अब भाजपा और अन्य सहयोगी दलों के साथ एक बार फिर से बिहार के सीएम पद की शपथ लेने जा रहे हैं। वहीं नीतीश कुमार के पाला बदलने पर पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव के बच्चों की प्रतिक्रिया भी सामने आ रही है।

तेजस्वी यादव ने कहा- 'खेला बाकी'

सबसे पहले तो इस पूरे घटनाक्रम पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए तेजस्वी यादव ने कहा कि सीएम नीतीश कुमार आदरणीय थे और हैं। कई चीजें उनके (नीतीश कुमार) नियंत्रण में नहीं हैं। उन्होंने कहा कि 'महागठबंधन' में राजद के सहयोगी दलों ने हमेशा मुख्यमंत्री का सम्मान किया। वह मुख्यमंत्री के तौर पर मेरे साथ मंच पर बैठते थे और पूछते थे, "2005 से पहले बिहार में क्या था?" मैंने कभी प्रतिक्रिया नहीं दी... अब, अधिक लोग हमारे साथ हैं। जो काम दो दशकों में नहीं हुआ, वह हमने बहुत कम समय में कर दिखाया है, चाहे वह नौकरी हो, जातिगत जनगणना हो, आरक्षण बढ़ाना हो आदि। साथ ही तेजस्वी ने कहा कि ''बिहार में अभी खेला होना बाकी है।

तेज प्रताप यादव ने लिखी कविता

वहीं लालू प्रसाद यादव के बेटे तेज प्रताप यादव ने भी एक्स पर पोस्ट करके अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने एक्स पर एक कविता लिखी है, इसमें उन्होंने 'भाव' शब्द के जरिए नीतीश कुमार के 'मूल्यों' और उनके 'विचारों' के बात की है। तेज प्रताप यादव ने एक्स पर लिखा है-

जब भाव न जागा भावों में, 

उस भावों का कोई भाव नहीं,

ऐसी भावों का कोई स्थान नहीं,

जिनका भाव नहीं अपनों की भावों में,

कहाँ रखी है भाव तेरी, जिनका ख़्याल तेरी भावों में,

बस सत्ता का ख़्याल है तेरी भावों में,

अपनों के भावों का क्या हुआ। 

तेरा अंत होगा और अंत होगा तेरी भावों का, कोई स्थान नहीं होगा तेरा, जब बात होगी तेरी भावों का॥

रोहिणी आचार्य ने कूड़े से की तुलना

इनके अलावा लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने भी अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की है। रोहिणी आचार्य ने कचरे वाली गाड़ी की एक तस्वीर के साथ लिखा है कि 'कूड़ा गया फिर से कूड़ेदानी में, कूड़ा-मंडली को बदबूदार कूड़ा मुबारक'। रोहिणी आचार्य के इस पोस्ट का भी सीधा संबंध नीतीश कुमार के इस्तीफे से एनडीए में शामिल होने के साथ लगाया जा रहा है।

बिहार में एक CM और 2 डिप्टी सीएम का फॉर्मूला तय, BJP कोटे से सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा को अहम जिम्मेदारी

डेस्क: कई दिनों से बिहार की राजनीति में चल रहा उठा-पटक अब शांत हो गई है। आरजेडी के साथ गठबंधन समाप्त करते हुए नीतीश कुमार ने आज दोपहर में राज्यपाल को इस्तीफा सौंप दिया है। वहीं नीतीश कुमार के इस्तीफे के साथ ही बीजेपी के साथ नई सरकार के गठन का भी ऐलान कर दिया गया है। बिहार की इस नई सरकार में एक सीएम और दो डिप्टी सीएम का फार्मूला अपनाया गया है। इसमें नीतीश कुमार फिर से सीएम बनाए जाएंगे तो वहीं दोनों डिप्टी सीएम बीजेपी के होंगे। डिप्टी सीएम पद के लिए सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा का नाम सामने आया है।

जातिगत समीकरण साधने में जुटी बीजेपी

बता दें कि बिहार में दो डिप्टी सीएम के फार्मूले के साथ ही भाजपा ने लोकसभा चुनाव के लिए जातिगत समीकरण साधने की भी तैयार कर ली है। दोनों डिप्टी सीएम में एक तरफ जहां सम्राट चौधरी कुशवाहा समाज से आते हैं तो वहीं विजय सिन्हा भूमिहार समाज से आते हैं। ऐसे में बीजेपी ने ना सिर्फ ओबीसी समाज को बल्कि सामान्य वर्ग के वोटर्स को भी साधने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है। वहीं अब कयास लगाए जा रहे हैं कि आज शाम तक ही बिहार में नई सरकार के तहत नीतीश कुमार सीएम पद की शपथ भी ले लेंगे। इसको लेकर भी पूरी तैयारियां चल रही हैं। 

INDIA का दामन छोड़ NDA में गए नीतीश

बता दें कि आरजेडी के साथ गठबंधन तोड़ते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि मैंने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने कहा कि मैंने राज्यपाल से राज्य में सरकार भंग करने के लिए भी कहा है। मैंने इंडी अलायंस बनवाया लेकिन काम नहीं हो रहा था। लालू की पार्टी का व्यवहार ठीक नहीं है। मैंने सभी से राय लेकर इस्तीफा दिया। इसके अलावा नीतीश कुमार ने कहा कि महागठबंधन की स्थिति ठीक नहीं है। अब मैं नए गठबंधन में जा रहा हूं और अब मैं बीजेपी के साथ वापस लौटूंगा। वहीं अब बिहार में हुई इस सियासी हलचल का लोकसभा चुनाव पर भी सीधा असर देखने को मिलेगा।

एनटीपीसी नबीनगर में धूम धाम से मना 75वां गणतंत्र दिवस, भारत के विकास में एनटीपीसी का अहम् योगदान : मुख्य महाप्रबंधक, एनटीपीसी नबीनगर


एनटीपीसी नबीनगर (नबीनगर सुपर थर्मल पावर स्टेशन) ने 75वां गणतंत्र दिवस आवासीय परिसर स्थित स्टेडियम में धूमधाम से मनाया।

 

समारोह के मुख्य अतिथि, मुख्य महाप्रबंधक श्री चन्दन कुमार सामंता 

ने राष्ट्र ध्वज फहराकर परेड की सलामी को स्वीकार किया। आयोजित परेड में CISF के साथ साथ बाल भारती पब्लिक स्कूल, केंद्रीय विद्यालय एवं बाल भवन के छात्र- छात्रों ने भी भाग लिया।

इस अवसर पर उपस्थित जनसमूह को सम्बोधित करते हुए मुख्य अतिथि श्री चन्दन कुमार सामंता ने परियोजना परिवार के समस्त सदस्यों को हार्दिक शुभकामनायें देते हुए कहा की भारत के विकास में एनटीपीसी का अहम् योगदान है।

परेड के बाद बाल भारती पब्लिक स्कूल, केंद्रीय विद्यालय एवं बाल भवन के छात्र छात्राओं तथा स्वरा महिला संघ के सदस्यों द्वारा विविध सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए जिसमें राष्ट्रीय एकता तथा देश भक्ति पर आधारित गीत एवं नृत्य के कई आकर्षक कार्यक्रम शामिल थे।

इस अवसर पर मुख्य महाप्रबंधक ने प्लांट के कर्मचारियों को उनकी उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए मेरिटोरियस पुरस्कार के सम्मानित किया। 

साथ ही केन्द्रीय केंद्रीयऔद्योगिक सुरक्षा बल के जवानो एवं DGR Guards को भी उनके प्रदर्शन के लिए पुरस्कृत किया गया। मुख्य महाप्रबंधक श्री चन्दन कुमार सामंता के अलावा DG CISF श्री राघवेन्द्र सिंह भी कार्यकर्म में उपस्थित रहे। समारोह के अन्त में अपर महाप्रबंधक (मानव संसाधन) श्री रॉय थॉमस ने सभी को कार्यक्रम में सम्मिलित होने के लिए धन्यवाद दिया।

जोशीमठ में भू-धंसाव के बाद एक साल से किराये के घर में रहने को मजबूर 24 परिवार, नवंबर तक सरकार ने किया भुगतान, अब खुद दे रहे

पिछले साल भू-धंसाव के बाद जोशीमठ के कई वार्डों में 181 भवन असुरक्षित घोषित किए गए थे। इन मकानों में रहने वाले परिवार राहत शिविरों में चले गए थे, जिनमें से 24 परिवार ऐसे हैं, जो अभी तक किराये के मकानों में रह रहे हैं।

उन्होंने घर का कुछ सामान तो बेच दिया था, जबकि बचा सामान क्षतिग्रस्त मकानों में ही रखा है, जबकि तहसील प्रशासन ने बीते वर्ष नवंबर तक का तो किराया दिया, लेकिन अब किराया भी खुद देना पड़ रहा है। आपदा प्रभावितों का कहना है कि आपदा ने घर छीन लिया, जिससे किराये के मकान में रहने के लिए मजबूर हैं।

मनोहर बाग वार्ड के लक्ष्मी प्रसाद सती का कहना है कि आपदा से मकान के चारों ओर दरारें आ गई थीं, जिस कारण पूरा परिवार राहत शिविर में चला गया था। पांच माह तक शिविर में रहे, इसके बाद नगर में ही किराये के कमरों पर रह रहे हैं। उनका दो कमरों का मकान था। दो गाय और एक गोशाला भी थी।

आपदा के बाद गोशाला और पशु बेच दिए। घर की जरूरी वस्तुएं रखीं और अन्य सामान बेचना पड़ा। उन्हें तहसील प्रशासन की ओर से बीते वर्ष नवंबर माह तक के किराये का भुगतान किया गया था। अब खुद ही किराया देना पड़ रहा है। रविग्राम वार्ड के गजेंद्र सिंह ने बताया, उनका भी दो कमरों का मकान था, जो भू-धंसाव के कारण क्षतिग्रस्त हो गया था।

दो माह तक राहत शिविर में रहे, उसके बाद क्षतिग्रस्त मकानों में ही लौट गए। हालांकि, तहसील प्रशासन की ओर से बीते नवंबर माह तक के किराये का ही भुगतान किया गया था।

जोशीमठ में भू-धंसाव के बाद एक साल से किराये के घर में रहने को मजबूर 24 परिवार, नवंबर तक सरकार ने किया भुगतान, अब खुद दे रहे

पिछले साल भू-धंसाव के बाद जोशीमठ के कई वार्डों में 181 भवन असुरक्षित घोषित किए गए थे। इन मकानों में रहने वाले परिवार राहत शिविरों में चले गए थे, जिनमें से 24 परिवार ऐसे हैं, जो अभी तक किराये के मकानों में रह रहे हैं।

उन्होंने घर का कुछ सामान तो बेच दिया था, जबकि बचा सामान क्षतिग्रस्त मकानों में ही रखा है, जबकि तहसील प्रशासन ने बीते वर्ष नवंबर तक का तो किराया दिया, लेकिन अब किराया भी खुद देना पड़ रहा है। आपदा प्रभावितों का कहना है कि आपदा ने घर छीन लिया, जिससे किराये के मकान में रहने के लिए मजबूर हैं।

मनोहर बाग वार्ड के लक्ष्मी प्रसाद सती का कहना है कि आपदा से मकान के चारों ओर दरारें आ गई थीं, जिस कारण पूरा परिवार राहत शिविर में चला गया था। पांच माह तक शिविर में रहे, इसके बाद नगर में ही किराये के कमरों पर रह रहे हैं। उनका दो कमरों का मकान था। दो गाय और एक गोशाला भी थी।

आपदा के बाद गोशाला और पशु बेच दिए। घर की जरूरी वस्तुएं रखीं और अन्य सामान बेचना पड़ा। उन्हें तहसील प्रशासन की ओर से बीते वर्ष नवंबर माह तक के किराये का भुगतान किया गया था। अब खुद ही किराया देना पड़ रहा है। रविग्राम वार्ड के गजेंद्र सिंह ने बताया, उनका भी दो कमरों का मकान था, जो भू-धंसाव के कारण क्षतिग्रस्त हो गया था।

दो माह तक राहत शिविर में रहे, उसके बाद क्षतिग्रस्त मकानों में ही लौट गए। हालांकि, तहसील प्रशासन की ओर से बीते नवंबर माह तक के किराये का ही भुगतान किया गया था।

बैतूल में शुरू हुआ '400 सौ साल पुराना भूतों का मेला', बाल खींचकर और झाड़ू मारकर होता है इलाज

 400 वर्षों से बैतूल के मलाजपुर में लग रहे गुरु साहब बाबा के मेले में मानसिक बीमारों का उपचार बाल खींचकर एवं झाड़ूमार कर होता है। बृहस्पतिवार को आरम्भ हुए मेले का उद्घाटन मंत्री नारायण सिंह पंवार ने किया तथा कहा कि इसे अंधविश्वास नहीं बोल सकते। यह आस्था का विषय है। बैतूल जिले के चिचोली बलॉक के मलाजपुर में स्थित गुरु साहब बाबा की समाधि पर पौष महीने की पूर्णिमा से मेला का आरम्भ होता है तथा एक महीने तक मेला चलता है। बताया जाता है कि बीते 400 वर्षों से भी अधिक वक़्त से मेला लग रहा है। इस स्थान पर मेले के समय बड़े आंकड़े में श्रद्धालु दर्शन के लिए जाते हैं। उनके अतिरिक्त प्रेत बाधा से पीड़ित, निसंतान दंपत्ति और सर्पदंश से पीड़ित मरीज यहां आते हैं।

मानसिक बीमार समाधि की परिक्रमा लगाने के पश्चात् समाधि के सामने पहुंचते हैं तथा उनके शरीर में हलचल होने लगती है। यहां बैठे पुजारी महिला मरीजों के बाल खींचकर पूछते हैं कि कौन-सी बाधा है तथा उसके बाद गुरु साहब का जयकारा लगाते हैं। कई मरीजों को तो झाड़ू भी मारी जाती है। तत्पश्चात, उन्हें चरणामृत एवं भभूत दी जाती है। मरीजों के परिजनों को लगता है कि उनका मरीज ठीक हो गया है इसलिए लोगों का यहां भरोसा बढ़ता जा रहा है।

मानसिक बीमार मरीजों के इस प्रकार से उपचार को लेकर जानकर मानते हैं कि यह अंधविश्वास नहीं है, बल्कि गुरु साहब बाबा की महिमा है। जिसे आराम लगता है, उसे पूरा विश्वास हो जाता है। वहीं, दूसरी तरफ चिकित्सा विज्ञान इसे पूरी तरह से अंधविश्वास मानती है। बृहस्पतिवार को मध्य प्रदेश शासन के मंत्री नारायण सिंह पंवार मलाजपुर पहुंचे तथा उन्होंने मेले का शुभारंभ किया। जब मंत्री से अंधविश्वास को लेकर सवाल किया गया तो उनका कहना था, आस्था एवं अंधविश्वास दोनों है, मगर हम अंधविश्वास नहीं बोल सकते हैं। आस्था ही कह सकते हैं। आस्था की वजह से लोग यहां आते हैं। उन्होंने उदाहरण भी दिया पहले के समय लोग झाड़ फूंक से ठीक हो जाते थे, किन्तु उन्होंने सफाई भी दी कि मेडिकल साइंस ऐसे में उपचार करने की बात करता है तथा उन्होंने कहा कि दवा और दुआ दोनों काम करती हैं।

पीड़ितों के परिजनों का दावा है कि भी अपने मरीज का उपचार कई चिकित्सकों से कर चुके हैं। किन्तु उन्हें फायदा नहीं हुआ तथा जब उन्हें पता चला कि मलाजपुर में ऐसे मरीजों को ठीक किया जाता है, इसलिए यहां लेकर आते हैं। मंदिर के पुजारी बाबू सिंह यादव का कहना है कि यहां पर भूत प्रेत से पीड़ित लोग ठीक हो जाते हैं। सर्पदंश से पीड़ित भी सही हो जाते हैं। समाधि स्थल का इतिहास 500 सालों का है। पीड़ित लोग परिक्रमा लगाते हैं, उसके बाद उन्हें चरणामृत और भभूत देते हैं तो वह ठीक हो जाते हैं, झाड़ू इसलिए मरते हैं कि वह पुजारी पर हावी ना हो।

एमपी के उज्जैन में भाजपा नेता सहित पत्नी की धारदार हथियार से हत्या, घर में घुस दिया वारदात को अंजाम, फैली सनसनी

मध्य प्रदेश के उज्जैन से एक बड़ी खबर सामने आई है। नरवर थाना क्षेत्र में शुक्रवार-शनिवार की दरमियानी रात दोहरा हत्याकांड हो गया। देवास रोड स्थित पिपलोदा गांव में रहने वाले पूर्व सरपंच एवं भारतीय जनता पार्टी के नेता रामनिवास कुमावत और उनकी पत्नी मुन्नी कुमावत का उनके घर में घुसकर धारदार हथियारों से क़त्ल कर दिया गया। 

हत्याकांड की खबर के पश्चात् पुलिस मौके पर पहुंची और जांच आरम्भ की। प्रारंभिक जांच में लूट के लिए घर में घुसने और हत्या करने का मामला सामने आया है। प्राप्त हुई जानकारी के मुताबिक, रामनिवास अपनी पत्नी के साथ गांव के मकान में रहते थे। उनका बेटा देवास में रहता है, वहीं बेटी की शादी हो चुकी है। पड़ोसियों ने बताया, शुक्रवार शाम को रामनिवास घर पर ही थे। शनिवार सुबह सैर पर निकले उनके साले ने घर जाकर देखा तो दरवाजे खुले थे। 

हालांकि कोई बाहर नहीं था। इस पर साले ने अंदर जाकर देखा तो रामनिवास और मुन्नी के शव पड़े हुए थे। पारिवारिक लोगों ने बताया कि मुन्नी कुमावत बीमार थी तथा अधिक काम नहीं कर पाती थीं। वहीं रामनिवास देवास मंडी में गल्ली व्यापारी था तथा प्रतिदिन अप डाउन करता था। पुलिस कई बिंदुओं पर तहकीकात कर रही है। शवों को पोस्टमार्टम के लिए जिला चिकित्सालय लाया गया है।