जोशीमठ में भू-धंसाव के बाद एक साल से किराये के घर में रहने को मजबूर 24 परिवार, नवंबर तक सरकार ने किया भुगतान, अब खुद दे रहे

पिछले साल भू-धंसाव के बाद जोशीमठ के कई वार्डों में 181 भवन असुरक्षित घोषित किए गए थे। इन मकानों में रहने वाले परिवार राहत शिविरों में चले गए थे, जिनमें से 24 परिवार ऐसे हैं, जो अभी तक किराये के मकानों में रह रहे हैं।

उन्होंने घर का कुछ सामान तो बेच दिया था, जबकि बचा सामान क्षतिग्रस्त मकानों में ही रखा है, जबकि तहसील प्रशासन ने बीते वर्ष नवंबर तक का तो किराया दिया, लेकिन अब किराया भी खुद देना पड़ रहा है। आपदा प्रभावितों का कहना है कि आपदा ने घर छीन लिया, जिससे किराये के मकान में रहने के लिए मजबूर हैं।

मनोहर बाग वार्ड के लक्ष्मी प्रसाद सती का कहना है कि आपदा से मकान के चारों ओर दरारें आ गई थीं, जिस कारण पूरा परिवार राहत शिविर में चला गया था। पांच माह तक शिविर में रहे, इसके बाद नगर में ही किराये के कमरों पर रह रहे हैं। उनका दो कमरों का मकान था। दो गाय और एक गोशाला भी थी।

आपदा के बाद गोशाला और पशु बेच दिए। घर की जरूरी वस्तुएं रखीं और अन्य सामान बेचना पड़ा। उन्हें तहसील प्रशासन की ओर से बीते वर्ष नवंबर माह तक के किराये का भुगतान किया गया था। अब खुद ही किराया देना पड़ रहा है। रविग्राम वार्ड के गजेंद्र सिंह ने बताया, उनका भी दो कमरों का मकान था, जो भू-धंसाव के कारण क्षतिग्रस्त हो गया था।

दो माह तक राहत शिविर में रहे, उसके बाद क्षतिग्रस्त मकानों में ही लौट गए। हालांकि, तहसील प्रशासन की ओर से बीते नवंबर माह तक के किराये का ही भुगतान किया गया था।

बैतूल में शुरू हुआ '400 सौ साल पुराना भूतों का मेला', बाल खींचकर और झाड़ू मारकर होता है इलाज

 400 वर्षों से बैतूल के मलाजपुर में लग रहे गुरु साहब बाबा के मेले में मानसिक बीमारों का उपचार बाल खींचकर एवं झाड़ूमार कर होता है। बृहस्पतिवार को आरम्भ हुए मेले का उद्घाटन मंत्री नारायण सिंह पंवार ने किया तथा कहा कि इसे अंधविश्वास नहीं बोल सकते। यह आस्था का विषय है। बैतूल जिले के चिचोली बलॉक के मलाजपुर में स्थित गुरु साहब बाबा की समाधि पर पौष महीने की पूर्णिमा से मेला का आरम्भ होता है तथा एक महीने तक मेला चलता है। बताया जाता है कि बीते 400 वर्षों से भी अधिक वक़्त से मेला लग रहा है। इस स्थान पर मेले के समय बड़े आंकड़े में श्रद्धालु दर्शन के लिए जाते हैं। उनके अतिरिक्त प्रेत बाधा से पीड़ित, निसंतान दंपत्ति और सर्पदंश से पीड़ित मरीज यहां आते हैं।

मानसिक बीमार समाधि की परिक्रमा लगाने के पश्चात् समाधि के सामने पहुंचते हैं तथा उनके शरीर में हलचल होने लगती है। यहां बैठे पुजारी महिला मरीजों के बाल खींचकर पूछते हैं कि कौन-सी बाधा है तथा उसके बाद गुरु साहब का जयकारा लगाते हैं। कई मरीजों को तो झाड़ू भी मारी जाती है। तत्पश्चात, उन्हें चरणामृत एवं भभूत दी जाती है। मरीजों के परिजनों को लगता है कि उनका मरीज ठीक हो गया है इसलिए लोगों का यहां भरोसा बढ़ता जा रहा है।

मानसिक बीमार मरीजों के इस प्रकार से उपचार को लेकर जानकर मानते हैं कि यह अंधविश्वास नहीं है, बल्कि गुरु साहब बाबा की महिमा है। जिसे आराम लगता है, उसे पूरा विश्वास हो जाता है। वहीं, दूसरी तरफ चिकित्सा विज्ञान इसे पूरी तरह से अंधविश्वास मानती है। बृहस्पतिवार को मध्य प्रदेश शासन के मंत्री नारायण सिंह पंवार मलाजपुर पहुंचे तथा उन्होंने मेले का शुभारंभ किया। जब मंत्री से अंधविश्वास को लेकर सवाल किया गया तो उनका कहना था, आस्था एवं अंधविश्वास दोनों है, मगर हम अंधविश्वास नहीं बोल सकते हैं। आस्था ही कह सकते हैं। आस्था की वजह से लोग यहां आते हैं। उन्होंने उदाहरण भी दिया पहले के समय लोग झाड़ फूंक से ठीक हो जाते थे, किन्तु उन्होंने सफाई भी दी कि मेडिकल साइंस ऐसे में उपचार करने की बात करता है तथा उन्होंने कहा कि दवा और दुआ दोनों काम करती हैं।

पीड़ितों के परिजनों का दावा है कि भी अपने मरीज का उपचार कई चिकित्सकों से कर चुके हैं। किन्तु उन्हें फायदा नहीं हुआ तथा जब उन्हें पता चला कि मलाजपुर में ऐसे मरीजों को ठीक किया जाता है, इसलिए यहां लेकर आते हैं। मंदिर के पुजारी बाबू सिंह यादव का कहना है कि यहां पर भूत प्रेत से पीड़ित लोग ठीक हो जाते हैं। सर्पदंश से पीड़ित भी सही हो जाते हैं। समाधि स्थल का इतिहास 500 सालों का है। पीड़ित लोग परिक्रमा लगाते हैं, उसके बाद उन्हें चरणामृत और भभूत देते हैं तो वह ठीक हो जाते हैं, झाड़ू इसलिए मरते हैं कि वह पुजारी पर हावी ना हो।

एमपी के उज्जैन में भाजपा नेता सहित पत्नी की धारदार हथियार से हत्या, घर में घुस दिया वारदात को अंजाम, फैली सनसनी

मध्य प्रदेश के उज्जैन से एक बड़ी खबर सामने आई है। नरवर थाना क्षेत्र में शुक्रवार-शनिवार की दरमियानी रात दोहरा हत्याकांड हो गया। देवास रोड स्थित पिपलोदा गांव में रहने वाले पूर्व सरपंच एवं भारतीय जनता पार्टी के नेता रामनिवास कुमावत और उनकी पत्नी मुन्नी कुमावत का उनके घर में घुसकर धारदार हथियारों से क़त्ल कर दिया गया। 

हत्याकांड की खबर के पश्चात् पुलिस मौके पर पहुंची और जांच आरम्भ की। प्रारंभिक जांच में लूट के लिए घर में घुसने और हत्या करने का मामला सामने आया है। प्राप्त हुई जानकारी के मुताबिक, रामनिवास अपनी पत्नी के साथ गांव के मकान में रहते थे। उनका बेटा देवास में रहता है, वहीं बेटी की शादी हो चुकी है। पड़ोसियों ने बताया, शुक्रवार शाम को रामनिवास घर पर ही थे। शनिवार सुबह सैर पर निकले उनके साले ने घर जाकर देखा तो दरवाजे खुले थे। 

हालांकि कोई बाहर नहीं था। इस पर साले ने अंदर जाकर देखा तो रामनिवास और मुन्नी के शव पड़े हुए थे। पारिवारिक लोगों ने बताया कि मुन्नी कुमावत बीमार थी तथा अधिक काम नहीं कर पाती थीं। वहीं रामनिवास देवास मंडी में गल्ली व्यापारी था तथा प्रतिदिन अप डाउन करता था। पुलिस कई बिंदुओं पर तहकीकात कर रही है। शवों को पोस्टमार्टम के लिए जिला चिकित्सालय लाया गया है।

दिव्य दरबार' के दौरान मंच पर चढ़ गई लड़की, फिर पंडित धीरेंद्र शास्त्री को देख की ऐसी हरकत कि दंग रह गए कथावाचक, वीडियो हो रहा वायरल

 बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री अपने बयानों एवं दिव्य दरबार के कारण सुर्खियां बटोरते रहते हैं। हाल ही में छत्तीसगढ़ पहुंचे लोकप्रिय कथावाचक के मंच पर एक युवती चढ़ गई। उसने हजारों की भीड़ के सामने धीरेंद्र शास्त्री को फ्लाइंग किस दे डाली। यह देख शास्त्री झेंप गए। सोशल मीडिया पर इस पूरी घटना का वीडियो अब वायरल हो गया है। 

दरअसल, 'दिव्य दरबार' में धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री से अपना पर्चा निकलवाने एक लड़की पहुंची हुई थी। चर्चा के चलते माइक पर वह धीरेंद्र शास्त्री से बोलती है, मैं आपकी बहुत बड़ी प्रशंसक हूं। आप मुझे बड़े क्यूट लगते हो। इतने सुंदर कैस दिखते हो? जवाब में धीरेंद्र शास्त्री अपना सिर पीटते हुए बोलते हैं, सुंदरता के चक्कर में हम इतने ट्रोल हो रहे हैं... रोज हमारी शादियां हो रही हैं, इसलिए बहन जी आजकल हमने श्रृंगार करना ही बंद कर दिया है। मंच पर घुटने के बल बैठी लड़की बोलती है, आप बिना श्रृंगार के ही इतने सुंदर नजर आते हो...यह बोलते बोलते अपने दोनों हथेलियों को होंठों से लगाकर धीरेंद्र शास्त्री की तरफ फ्लाइंग किस दे डालती है। 

हालांकि, सामने बैठी लड़की से पूरी चर्चा के चलते कथावाचक धीरेंद्र शास्त्री 'थैंक्यू बहना, थैंक्यू माय डियर सिस्टर...' कहते दिखाई देते हैं। बता दें कि प्रख्यात कथाचावक धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने बीते दिनों यह भी दावा किया था कि चिट्ठी लिखकर लड़कियां धमकी दे रही हैं कि यदि आप बारात लेकर नहीं आए तो हम खुदखुशी कर लेंगे।

अरविंद केजरीवाल का बड़ा आरोप, बोले-बीजेपी ने शुरू किया ऑपरेशन लोटस, 7 विधायकों को खरीदने की कोशिश

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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को भारतीय जनता पार्टी के बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि बीजेपी आम आदमी पार्टी के 7 विधायकों को खरीदने की कोशिश में जुटी है। आप के विधायकों को पार्टी छोड़ने के लिए 25 करोड़ रुपये का ऑफर दिया गया है। दिल्ली के सीएम ने अरविंद केजरीवाल ने ये भी कहा कि उनके विधायकों को बताया जा रहा है कि जल्द केजरीवाल गिरफ्तार होंगे।

दिल्ली के सीएम के मुताबिक पिछले दिनों के दौरान बीजेपी ने दिल्ली के 7 आम आदमी पार्टी के विधायकों से संपर्क किया है। उसके बाद आप के विधायकों को तोड़ेंगे। आम आदमी पार्टी के 21 विधायकों से बात हो गई है, औरों से भी बात कर रहे हैं। उसके बाद दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार गिरा देंगे। आप भी आ जाओ। 25 करोड़ रुपये देंगे और बीजेपी की टिकट से चुनाव लड़वा देंगे। हालांकि, उनका दावा है कि उन्होंने 21 एमएलए से संपर्क किया है, लेकिन हमारी जानकारी के मुताबिक उन्होंने अभी तक 7 एमएलए को ही संपर्क किया है और सबने मना कर दिया।

सीएम अरविंद केजरीवाल के मुताबिक इसका मतलब कि किसी शराब घोटाले की जांच के लिए मुझे गिरफ्तार नहीं किया जा रहा बल्कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार गिराने के लिए षड्यंत्र कर रहे हैं। पिछले नौ सालों में हमारी सरकार गिराने के लिए इन्होंने कई षड्यंत्र किए। अभी तक इन्हें किसी में भी सफलता नहीं मिली। भगवान ने और जनता ने हमेशा हमारा साथ दिया। हमारे सभी एमएलए मजबूती से साथ हैं। इस बार भी ये लोग अपने नापाक इरादों में फेल होंगे।

भाजपा द्वारा आप विधायकों से संपर्क करने के आरोपों पर मंत्री आतिशी ने बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने 'ऑपरेशन लोटस 2.0' शुरू कर दिया है, और दिल्ली में लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई आप सरकार को गिराने की कोशिश कर रही है। भाजपा ने आप के सात विधायकों से संपर्क किया है। आतिशी ने दावा किया है कि अरविंद केजरीवाल को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि भाजपा ने हमारे विधायकों से कहा है कि केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद आप विधायकों में फूट पड़ जाएगी। वे हमारे 21 विधायकों के संपर्क में हैं, जिनका इस्तेमाल करके हमारा लक्ष्य दिल्ली सरकार को गिराना है।

महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण आंदोलन खत्म, महाराष्ट्र सरकार ने मानी मांगें, जानें क्यों झुकने को मजबूर हुए शिंदे

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महाराष्ट्र में आरक्षण के लिए मराठा आंदोलन खत्म हो गया है। एकनाथ शिंदे की महायुति सरकार ने मराठा आरक्षण के संबंध में मनोज जरांगे की सभी मांगों को स्वीकार कर लिया है। जिसके बाद मराठा आंदोलन के नेता मनोज जरांगे पाटिल ने आंदोलन खत्म करने का ऐलान कर दिया है। मनोज जरांगे पाटिल ने शुक्रवार देर रात कहा कि 'मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने अच्छा काम किया है। हमारी अपील मान ली गई है। हमारा विरोध अब खत्म हुआ। मैं शनिवार को सीएम के हाथ जूस पिऊंगा'।

मनोज जरांगे लाखों लोगों के साथ आज मुंबई में एंट्री लेने वाले थे। इधर आधी रात को मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा और मंत्री दीपक केसरकर ने मनोज जरांगे को मराठा आरक्षण के संबंध में राजपत्र सौंपा। मनोज जरांगे अब मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के आवास पहुंचकर अपना अनशन खत्म करेंगे।उन्होंने कहा कि हमारी महत्वपूर्ण मांगों को स्वीकार कर लिया गया है।

रिपोर्ट के अनुसार आज सुबह मनोज जारांगे नवी मुंबई के शिवाजी चौक पर अपना अनशन तोड़ सकते है। उन्होंने कल कहा कि वह अब मुंबई नहीं जाएंगे. इसके साथ ही वह आज सुबह हजारों मराठा कार्यकर्ता से शिवाजी चौक पर बात करेंगे।मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शुक्रवार रात मराठा आरक्षण को लेकर आंदोलन कर रहे मनोज जारांगे के पास उनकी विभिन्न मांगों के संबंध में एक मसौदा अध्यादेश भेजा था। मुख्यमंत्री कार्यालय के एक बयान में कहा गया कि शिंदे ने मांगों पर चर्चा करने के लिए अधिकारियों के साथ बैठकें की थी। इसके बाद कार्यकर्ता से मिलने के लिए एक प्रतिनिधिमंडल मसौदा अध्यादेश के साथ भेजा।

कौन हैं मनोज जरांगे पाटिल?

मनोज जरांगे पाटिल महाराष्ट्र के बीड जिले के गांव मोतारी में जन्मे थे। 2010 में 12वीं की, लेकिन पढ़ाई छोड़ कर होटल में नौकरी करनी पड़ी। अचानक नौकरी छोड़ मराठा आंदोलन से जुड़ गए। 2014 से मराठा आरक्षण आंदोलन से जुड़े हैं। आंदालन में सहयोग करने के लिए, मराठा समुदाय के सशक्तिकरण के लिए शिवबा संगठन बनाया। कांग्रेस जॉइन की थी, लेकिन मांगें पूरी होती नहीं दिखी तो पार्टी छोड़ दी। मराठा आंदोलन इतना महत्वपूर्ण है कि मनोज जरांगे ने अपने परिवार को भी मुश्किलें सहते हुए आंदोलन में सहयोग करने को कहा। मनोज मराठाओं के हक के लिए जान तक दे सकता है, लेकिन मराठा आरक्षण लेकर रहेगा।

बिहार में सियासी हलचल के बीच तेजस्वी ने नीतीश को दी चुनौती, बोले-'आसानी से नहीं होने देंगे तख्तापलट'

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बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के एक बार फिर से एनडीए के पाले में जाने की सुगबुगाहट जारी है। जिसके बाद बिहार का सियासी पारा चढ़ा हुआ है।दिल्ली से लेकर पटना तक की राजनीति जोरों पर हैं।इस बीच तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को चुनौती दे दी है। तेजस्वी यादव ने कहा है कि नीतीश कुमार के लिए तख्तापलट इस बार आसान नहीं होने वाला है।

नीतीश के पाला बदलने की अटकलों के बीच शुक्रवार को दिन भर तेजस्वी ने अपने कोर कमेटी के सदस्यों से इस पर चर्चा की है। सूत्रों के मुताबिक, तेजस्वी यादव ने अपने सदस्यों के बीच कहा कि इतनी आसानी से दोबारा नहीं ताजपोशी नहीं होने देंगे। वहीं, आरजेडी के मुखिया लालू यादव ने दावा किया है कि उनके पास बहुमत का आंकड़ा है। अगर नीतीश कुमार गठबंधन तोड़ते हैं तब वह अपने पत्ते खोलेंगे। आज आरजेडी विधायक दल की बैठक में फैसला लिया जाएगा। बिहार में सबसे बड़ी पार्टी आरजेडी है।

बिहार में राजनीतिक उथल पुथल के बीच राजद खेमा पूरे तौर पर सक्रिय हो चुका है और सूत्रों से बताया जा रहा है कि गठबंधन टूटने की सूरत में राजद की ओर से तेजस्वी यादव के नेतृत्व में आज दिन में एक बजे सरकार बनाने का दावा किया जा सकता है। बताया जा रहा है कि राजद, कांग्रेस, वाम दल के 114 विधायकों के साथ जीतन राम मांझी के चार विधायकों को भी अपने पाले में करने कवायद की जा रही है।

बताया जा रहा है कि जीतन राम मांझी के बेटे संतोष सुमन को डिप्टी सीएम पद का ऑफर दिया गया है। दूसरी ओर एआईएमआईएम के एक और एक निर्दलीय विधायक के दम पर बहुमत के आंकड़े 122 से दो सीटें कम, यानी 120 सीटों पर राजद पहुंच जाएगा। वहीं, जदयू के भी कुछ विधायकों के टूटने का दावा राजद की ओर से किया जा रहा है।

इजरायल को गाजा में नरसंहार रोकने का आदेश, इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस का आदेश

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इजरायल और हमास के बीच युद्ध जारी है। इस बीच साउथ अफ्रीका इजरायल पर गाजा में जनसंहार का आरोप लगाते हुए इंटरनेशनल कोर्ट में मामला उठाया था। इस पर कोर्ट ने फैसला सुनाया है।इजराइल के हमले झेल रहे गाजा में तत्काल संघर्ष विराम करने के दक्षिण अफ़्रीका के आग्रह पर इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस यानी आईसीजे ने सहमति नहीं जताई है। संयुक्त राष्ट्र की शीर्ष अदालत ने शुक्रवार को कहा कि वह उस मामले को खारिज नहीं करेगी जिसमें इजराइल पर गाजा में नरसंहार का आरोप लगाया गया है, लेकिन उसने यह भी कहा कि वह छोटे तटीय इलाकों में जारी अपने सैन्य हमलों में जान-माल के नुकसान को रोकने की कोशिश करे। 

सुनवाई कर रहे 17 जजों में से ज़्यादातर ने ये कहा कि इजराइल को अपनी क्षमता के अनुसार हर वो चीज करनी चाहिए जिससे फ़िलिस्तीनी लोगों की मौतों, शारीरिक या मानसिक तौर पर क्षति पहुंचाने से बचाया जा सके।कोर्ट ने ये भी कहा कि इजराइल को कोई भी ऐसा कदम नहीं उठाना चाहिए जो फ़िलिस्तीनी महिलाओं को बच्चों को जन्म देने में बाधा पहुंचाता हो।कोर्ट ने कहा कि इजरायल को यह सुनिश्चित करना होगा कि उसकी सेना कोई नरसंहारक कृत्य न करे। इजरायल को ऐसी किसी भी सार्वजनिक टिप्पणी को रोकना और दंडित करना चाहिए जिसे गाजा में नरसंहार के लिए उकसाने वाला माना जा सकता है। इजरायल को मानवीय पहुंच सुनिश्चित करने के लिए उपाय करने चाहिए। इजरायल को ऐसे किसी भी सबूत को नष्ट होने से रोकना चाहिए जिसका इस्तेमाल नरसंहार के मामले में किया जा सकता है।

आईसीजे में अपील दर्ज

दरअसल दक्षिण अफ्रीका ने इजराइल को गाजा पट्टी में अपने सैन्य अभियानों को तुरंत निलंबित करने के लिए मजबूर करने को आईसीजे में एक तत्काल अपील दर्ज की है। दक्षिण अफ्रीका ने अपने आरोप को पूरे युद्ध के दौरान इजराइल की कार्रवाइयों और गाजा में फिलिस्तीनियों के बारे में इजराइली अधिकारियों की विवादास्पद टिप्पणियों और उनके साथ कैसे व्यवहार किया जाना चाहिए, दोनों पर आधारित किया है।

नरसंहार के आरोपों को किया खारिज

नेतन्याहू ने आईसीजे में इजराइल के खिलाफ लगाए गए नरसंहार के आरोपों को खारिज करते हुए जोरदार ढंग से कहा कि हमें कोई नहीं रोकेगा। रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने इन दावों को यहूदी लोगों के खिलाफ एक और नरसंहार करने की कोशिश करने वालों द्वारा किया गया पाखंडी हमला बताया। साथ ही नेतन्याहू ने हमास-नियंत्रित क्षेत्रों में खोजे गए यहूदी विरोधी भावना के उदाहरणों पर प्रकाश डाला।

राजभवन में आयोजित हाई-टी पार्टी में नहीं पहुंचे तेजस्वी यादव, नीतीश के बगल की खाली कुर्सी कह गई सियासी कहानी

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बिहार में भारी ठंड पड़ रही है, लेकिन सियासी गलियारे का पारा चढ़ा हुआ। अब तक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ साए की तरह नजर आने वाले उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने दूरियां बढ़ा ली है। दरअसल, आज गणतंत्रता दिवस के मौके पर बिहार में राजभवन के कार्यक्रम का आयोजन किया गया। राजभवन में आयोजित हाई-टी पार्टी में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नजर आए, लकिन तेजस्वी यादव नहीं पहुंचे।नीतीश कुमार के बगल रखी उनकी कुर्सी खाली नजर आई।

शुक्रवार दोपहर को गणतंत्र दिवस के मौके पर बिहार राज्यपाल की तरफ से राजभवन में हाई-टी पार्टी आयोजित की गई थी। गणतंत्र दिवस समारोह के बाद हर साल राज्यपाल द्वारा भोज का आयोजन किया जाता है। इसमें सभी सियासी दल के प्रमुख नेताओं को राज्यपाल टी पार्टी पर आमंत्रित करते हैं। राजभवन की ओर से टी पार्टी पर सभी दलों को आमंत्रण दिया गया था। भाजपा की ओर से नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा और जदयू की ओर से मंत्री अशोक चौधरी शामिल हुए। वहीं राजद सूत्रों के अनुसार, तेजस्वी यादव राजभवन की ओर आ रहे थे। उनके गार्ड भी तैयार हो गए थे लेकिन अचानक उन्होंने अपना फैसला बदल दिया। इसके बाद शिक्षा मंत्री आलोक मेहता राजभवन पहुंचे।

इधर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जब राजभवन से बाहर निकले तो मीडिया ने उनसे सवाल पूछा कि तेजस्वी यादव राज भवन क्यों नहीं आए तो मुस्कुराते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि जो नहीं आए हैं उनसे ही पूछिए। गठबंधन में सब ठीक है? इस सवाल पर सीएम नीतीश कुमार ने जवाब नहीं दिया। मुस्कुराते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपनी गाड़ी में बैठ गए और राज भवन से मुख्यमंत्री आवास की ओर चले गए। 

राजभवन में हाई-टी पार्टी से पहले शुक्रवार सुबह गणतंत्र दिवस के अवसर पर राजधानी पटना में आयोजित कार्यक्रम में भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव में दूरियां दिखाई दीं। दरअसल, कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बगल में डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव की कुर्सी लगाई गई थी, लेकिन तेजस्वी यादव नीतीश कुमार के बगल लगी कुर्सी पर न बैठकर बिहार विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी के बगल खाली कुर्सी पर बैठ गए।

बता दें कि जेडीयू के बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाने की चर्चा तेज हो गई है। सूत्रों के मूताबिक मुख्यमंत्री नीतीश 28 जनवरी को अपना त्यागपत्र राज्यपाल को सौंप सकते हैं। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो कल यानी गुरुवार को बिहार बीजेपी नेताओं और अमित शाह के बीच हुई बैठक के बाद लिया गया है। वहीं, फिर से सुशील मोदी को डिप्टी सीएम बनाने की बात कही जा रही है। जैसा दावा किया जा रहा है अगर वैसा होता है तो जदयू प्रमुख नीतीश कुमार एक बार फिर बिहार के सीएम पद की शपथ ले सकते हैं।

मुश्किलों में शोएब मलिक, मैच फिक्सिंग के आरोप में टीम से निकाले गए, कॉन्ट्रैक्ट रद्द

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पाकिस्तान के महान खिलाड़ियों में शामिल शोएब मलिक लगातार सुर्खियों में बने हुए हैं। पहले सानिया मिर्जा से अलगाव और पाकिस्तानी एक्ट्रेस सना जावेद से शादी के बाद खबरों ने खूब सुर्खियां बटोरी। अब बांग्लादेश प्रीमियर लीग में कुछ ऐसा हो गया है, जिससे शोएब का पूरा क्रिकेट करियर ही तबाह कर सकता है।दरअसल, शोएब मलिक पर मैच फिक्सिंग का आरोप लगा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बीपीएल में उनकी टीम ने उनके साथ कॉन्ट्रैक्ट रद्द कर दिया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, मलिक टूर्नामेंट बीच में छोड़कर दुबई लौट गए हैं। इस दौरान उन्होंने निजी कारणों का हवाला दिया है।

पूर्व पाकिस्तानी कप्तान शोएब मलिक बांग्लादेश प्रीमियर लीग में फॉर्च्यून बारिशल टीम के लिए खेल रहे थे लेकिन एक मुकाबले में मलिक ने एक ही ओवर में 3 नोबॉल डालकर सबको हैरान कर दिया था। मलिक ने बीपीएल के एक मैच के दौरान एक ही ओवर में 3 नोबॉल डाल दी थी, जिसका वीडियो काफी वायरल हो गया था और इसके बाद से ही फिक्सिंग के आरोप लगने लगे थे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बांग्लादेश प्रीमियर लीग की टीम फॉर्च्यून बारिशल ने मैच फिक्सिंग के आरोप में शोएब मलिक को टीम से निकाल दिया है। रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि टीम से निकाले जाने के कारण ही मलिक अचानक ही टूर्नामेंट को बीच में छोड़कर ही दुबई लौट गए।

फॉर्च्यून बरिशाल के लिए खेलते हुए मलिक ने खुलना टाइगर्स के खिलाफ मैच के दौरान एक ओवर में तीन नो बॉल फेंकी। मलिक ने मैच में सिर्फ एक ओवर फेंका और 18 रन दिए। उन्हें दो चौके और एक छक्का लगाया गया। मलिक ने मैच का चौथा ओवर फेंका और उनके कप्तान तमीम इकबाल ने उन्हें फिर से आक्रमण पर नहीं लाया। यही वजह रही कि फॉर्च्यून बरिशाल खुलना टाइगर्स से 8 विकेट से मैच हार गई। 

मलिक ने एक ही ओवर मे तीन नो बॉल डाली थी. इसके बाद से ही सोशल मीडिया पर इसकी लगातार चर्चा की जा रही थी। एक स्पिनर किसी ओवर में तीन नो बॉल डाले यह अजीब बात ही है। इसी वजह से मलिक की फिक्सिंग को लेकर जांच की मांग की जा रही थी।

बांग्लादेश प्रीमियर लीग की फ्रेंचाइजी टीम ने शोएब मलिक के साथ करार खत्म कर दिया है। इसके पीछे की वजह से उनके खिलाफ फिक्सिंग की जांच बताई जा रही है। अगर मलिक दोषी पाए जाने पर कड़ी सजा भी तय की जा सकती है। इस पाकिस्तानी खिलाड़ी के बीपीएल खेलने पर हमेशा के लिए प्रतिबंध लगाया जा सकता है।