*राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद की अर्धवार्षिक पत्रिका "कहां आ गए हम" कर्मचारियों के बीच आने के लिए तैयार*

संतोष देव गिरि

मिर्जापुर- राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने कर्मचारियों से संबंधित एक पत्रिका "कहां आ गए हम" के प्रकाशन का निर्णय लिया है। पत्रिका का प्रीमियम अंक भगवान श्री राम की प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर प्रकाशित किया जा रहा है। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष जे एन तिवारी ने यह सूचना देते हुए अवगत कराया है कि पत्रिका में कर्मचारियों से संबंधित सभी समस्याओं एवं उसके समाधान से संबंधित सभी सामग्री प्रस्तुत की जाएगी।

पत्रिका कर्मचारियों को उनके कर्तव्य एवं उत्तरदायित्वों के प्रति जागरुक करते हुए अधिकारों के लिए संघर्ष करने के लिए प्रेरित करेगी। पत्रिका में शासन प्रशासन द्वारा कर्मचारियों के हित लाभ के लिए किए गए कार्यों का भी समावेश किया जाएगा। पत्रिका का प्रकाशन इस प्रकार से किया जा रहा है कि कर्मचारी एवं शासन के बीच पत्रिका सेतु का काम करेगी। पत्रिका की प्रबंध संपादक अरूणा शुक्ला ने अवगत कराया है कि पत्रिका के प्रीमियम प्रकाशन सभी तैयारियां पूर्ण हो चुकी है। पत्रिका को रोचक बनाने के लिए प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री, प्रदेश के सर्वप्रिय मुख्य सचिव, अपर मुख्य सचिव कार्मिक, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री सहित सभी वरिष्ठ अधिकारियों का आशीर्वाद समाहित करने का प्रयास किया जा रहा है। पत्रिका को कर्मचारियों के प्रति प्रेरणादाई बनाने के लिए दुर्लभ शासनादेशों का संकलन भी पत्रिका में समाहित किया जा रहा है।

संयुक्त परिषद के अध्यक्ष जे एन तिवारी ने आशा व्यक्ति है की पत्रिका कर्मचारियों के लिए उपयोगी सिद्ध होगी। पत्रिका का अगला अंक जून 2024 में प्रकाशित होगा। यह जानकारी संगठन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष नारायण जी दूबे ने देते हुए बताया है कि यह पत्रिका कर्मचारियों के लिए मिल का पत्थर साबित होगी।

*जिला कार्यालय कजरहवा पोखरा पर जिलाध्यक्ष रत्नेश श्रीवास्तव कि अध्यक्षता में ध्वजारोहण किया*

मिर्जापुर। आज 26 जनवरी गणतंत्र दिवस के अवसर पर अखिल भारतीय कायस्थ महासभा मिर्जापुर के तत्वावधान में जिला कार्यालय कजरहवा पोखरा पर जिलाध्यक्ष रत्नेश श्रीवास्तव कि अध्यक्षता में ध्वजारोहण किया गया।

इस अवसर पर जिला महामंत्री सुजीत कुमार श्रीवास्तव,सतीश सिन्हा, मनीष श्रीवास्तव, विनय श्रीवास्तव,प्रमोद कुमार श्रीवास्तव, अशोक बच्चन, सिद्धार्थ बच्चन,ओम प्रकाश श्रीवास्तव, कुलदीप श्रीवास्तव,प्रिंस श्रीवास्तव, हेमन्त,अभिषेक, प्रदीप, इंद्रजित,रेनु श्रीवास्तव, शशि श्रीवास्तव और अन्य लोग उपस्थित रहे।

महा कवि मंगल मुंशी के मूर्ति का किया गया अनावरण

शेरवा मीरजापुर ।महा कवि मंगल मुंशी के मूर्ति का अनावरण विकास खंड जमालपुर के भाईपुर बैरियर(भाइपुर कला) में किया गया।

ऋषि परम्परा के अनुयायी रामस्वरूप लाल ' मंगल मुन्शी ' लोक अंचल ही नहीं प्रदेश देश के सुप्रसिद्ध कवि थे। इनकी कविताएँ कोई न कोई सीख अवश्य देती हैं। वे भारतीय संस्कृति के महान चिंतक एवं सबके हृदय में निवास करने वाले सरल, मृदुभाषी, कोमल हृदय के कवि एवं उच्चकोटि के विचारक थे।

भारतीय संस्कृति, एकता और देशभक्ति पर इनकी कई रचनाएँ हिन्दी साहित्य पटल पर अंकित हैं। आकाशवाणी एवं दूरदर्शन के माध्यम से इनकी रचनाएँ किसी न किसी आकाशवाणी से या दूरदर्शन से अवश्य सुनने को मिलती है।

विन्ध्य पर्वत मालाओं से आच्छादित मीरजापुर जनपद के भूप भूरिश्रवा की पावन धरती शस्य श्यामला भुइली परगना के भाईपुर कलाँ ग्राम में परम रामभक्त पिंता अवध बिहारी के घर पूज्या माता भागीरथी के गर्भ से 6 जनवरी सन् 1920 को, मंगल मुन्शी जी का जन्म हुआ। उनका तृप्तिमान चेहरा देखकर अकस्मात सब लोग कह बैठे कि अवध बिहारी के घर राम आ गए।

पुरोहित के मुख से सुनकर सभी जन उन्हें राम के स्वरूप जैसा देखकर उन्हें राम स्वरूप पुकारने लगे। एक अच्छे पुत्र के सारे गुण मुन्शी जी में विद्यमान थे। बचपन से ही लोग उन्हें अवतारी कहते रहे। कम उम्र में ही वे सामयिक, भक्ति, राष्ट्रीय कविता कुछ न कुछ लिखने लगे, मंगल जी की सभी रचनाएँ लोक मंगल के लिए समर्पित रही। मधुरभाषी एवं मिलनसार प्रवृत्ति के मंगल जी की रचनाएँ बहुत लोगों के जीवन को सुधारने में सहायक हुई।

बिना कहे, बिना सीखे समझाए अभिवादनशीलता मंगल मुन्शी में अपने आप समा गई थी। उनके प्रारम्भिक जीवन के व्यक्तित्व में बहुत मिठास थी। हमेशा आनन्दमय चेहरा मुन्शी का दिखता था। सबसे बड़ी बात मुन्शी से जो एक बार मिलता था, वह पूरी जिन्दगी के लिए उनका हो गया। शिक्षण काल में उनको गुरुवर जो पढ़ाते, बताते थे वह अक्षरसः याद हो जाता था। उनके बाल्यावस्था में उनमें जिसने आदर्श निहित थे, उतना आदर्श और किसी में देखने को नहीं मिलता।

रचना शक्ति का भाव हृदय में विद्यार्थी जीवन से ही आरम्भ हो गया था। ये अक्सर रामायण जहाँ होता था, बैठते, ताली बजाते थे, यह याद कर लिए थे। "मंगल भवन अमंगल हारी।।" इस चौपाई को बार-बार दोहराते थे। मुन्शी जी उसी चौपाई से अपना उपनाम मंगल रख लिए।

मुन्शी जी को साहित्यिक प्रेरणा ईश्वरीय देन थी। वे 30 हजार भजन (भक्ति रस का गीत लिखकर) समाज को एक नई दिशा दिए। मंगल मुन्शी जी ऐसे रचनाकार थे जिनसे आप शास्त्रीय संगीत किसी प्रकार का लोकगीत, नाटक, एकांकी, कविता, छन्द कुछ भी प्राप्त कर सकते हैं। अपने सरल स्वभाव से जिस साहित्यकार ने साहित्य को अम्बर तक पहुंचाने का कार्य किया उनमें मंगल मुन्शी का नाम पहले आता है।

मंगल मुंशी हिन्दी के अलावा उर्दू, फारसी, अरबी की रचनाएँ भी किए हैं। उनकी प्रतिमा का आकलन उर्दू वाले उर्दू में, हिन्दी साहित्य वाले हिन्दी में और भोजपुरी वाले भोजपुरी में करते है। लगता है इनको हिन्दी उर्दू में बराबर विजय श्री हासिल थी। सम्भवतः वो लाख डेढ़ लाख गीत लिखे थे उनके गायकों के पास किसी के यहाँ 10 हजार किसी के यहाँ 5 हजार ऐसे-ऐसे गीत है। जो अन्यत्र मिलना मुश्किल है।

हर पारम्परिक धुन पर राष्ट्रीय गीत, गजल मुक्तक छन्द सब पर इनका समान अधिकार था। शास्त्रीय संगीत में भी इनकी रचनाएँ अनगिनत है। यहाँ तक कि इनके गीत पंडित छन्नूलाल मिश्र ने भारत में ही नहीं अन्यत्र देशों में जाकर "खेलें मसाने में होरी दिगम्बर-खेलै मसाने में होरी" सुनाकर अपने और इनके नाम को स्वर्ण अक्षरों में लिखवा दिया है।

महान प्रतिभा के धनी, बजरंग बली के उपासक मुन्शी मंगल लाल ने षास्त्रीय संगीत में भी अपनी प्रतिभा को प्रतिस्थापित किया है। इनको सम्मान लेना या सम्मान पाना बहुत ही कष्टदायक लगता था। इनको अमेरिकन बायोग्राफिकल इन्स्टीट्यूट इन्हें "मैन आफ दी इयर" के सम्मान के लिए नामांकित किए, परन्तु मुन्शी जी वहाँ नहीं गए और सम्मान लेना स्वीकार नहीं किए।

भारत के पूर्व प्रधानमंत्री थी चन्द्रशेखर सिंह जी ने इन्हें अपने यहाँ दिल्ली बुलाया था। इनकी रचनाओं से प्रभावित होकर वो इनको सम्मान देना चाहते थे परन्तु मुन्शी जी सम्मान लेना पसन्द नहीं किए।

इनकी साहित्यिक साधना बाल्यावस्था से ही शुरू हो गई थी। किसी विधाओं में कोई रचना ये तत्काल कर देते थे।

मूर्ति अनावरण में रामगुलम सिंह, ओम प्रकाश श्रीवास्तव,शशि भूषण लाल, चेट नारायण,गौरव सिंह,आलोक कुमार श्रीवास्तव,भोला सिंह,चंदन लाल,विवेक बाबा सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।

नपाध्यक्ष श्यामसुंदर केशरी ने किया हवन पूजन, प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम को एलईडी पर देखा लाइव

मीरजापुर। श्री रामलला के नवीन विग्रह की प्राण-प्रतिष्ठा के पुण्य अवसर पर आज घंटाघर के ऐतिहासिक मैदान में आरती, हवन पूजन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में कैबिनेट मंत्री आशीष पटेल पहुंचे। जहां विधि विधान और मंत्रोच्चार के बीच आरती और हवन किया गया है। इसके बाद सभी को प्रसाद का भी वितरण किया।

अयोध्या में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा किए जा रहे श्री राम प्राण प्रतिष्ठा का लाईव प्रसारण एलईडी के माध्यम से देखा गया। इस मौके पर नपाध्यक्ष ने कहा की सदियों का संकल्प पूरा हो रहा है, प्रतीक्षा की घड़ियां बीत चुकी हैं, असंख्य रामभक्तों के तप, त्याग, बलिदान का प्रतिफल मिल रहा है।

 अयोध्या के नवनिर्मित भव्य, दिव्य व अलौकिक श्री राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हो रही है। पांच सौ सालों के बाद हम सभी इस ऐतिहासिक पल के साक्षी बनने जा रहे है। इस अवसर पर जिला प्रचारक राष्ट्रीय स्वयं सेवक (संघ) पवन जी, ईओ जी लाल, नगर महामंत्री श्याम सिंह, नितिन विश्वकर्मा, सनथ केशरी, मृतुंजय सिंह गहरवार, ऋषभ मालवीय, कविता सिंह, डॉली अग्रहरी, सभासद अलंकार जायसवाल, राधेश्याम गुप्ता, ऋषभ जायसवाल, नीरज गुप्ता, कमलेश मौर्या एवं सैकड़ों की संख्या में रामभक्त सम्मिलित रहे।

*राम लला की प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर आभा फाउंडेशन द्वारा कंबल वितरण किया गया*

मीरजापुर।अयोध्या में भव्य राम मंदिर के उद्घाटन एवं प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम की पूर्व संध्या पर आभा फाउंडेशन द्वारा मिर्जापुर नगरीय क्षेत्र में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा संचालित परिषदीय विद्यालयों की रसोइयों के लिए कंबल वितरण के कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

 कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व शिव प्रताप शुक्ला रहे। इस मौके पर सैकड़ो रसोइयों को कंबल वितरण किया गया। मुख्य अतिथि अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व शिव प्रताप शुक्ला ने कहा कि नगरीय क्षेत्र के परिषदीय विद्यालयों में खाना बनाने वाली समस्त रसोइयों को कंबल वितरित करने का पुनीत कार्य करके आभा फाउंडेशन ने सेवा की मिसाल पेश की है। कहा की आभा फाउंडेशन लगातार ऐसे सामाजिक कार्य कर रहा है जिससे कि अन्य सामाजिक संस्थाओं को भी प्रेरणा लेनी चाहिए।

 कार्यक्रम की अध्यक्षता रानी कर्णावती जूनियर हाई स्कूल की प्रिंसिपल राज्य पुरस्कार से सम्मानित मधुरिमा तिवारी ने किया और कहा कि आभा फाउंडेशन के प्रयासों की सराहना की और भविष्य के लिए ढेर सारी शुभकामनाएं दी। कार्यक्रम का संचालन एवं धन्यवाद ज्ञापन आभा फाउंडेशन के सचिव अमित श्रीनेत ने किया किया। उन्होंने कहा कि आभा फाउंडेशन का कार्य सामाजिक जागरूकता लाना और जरूरतमंदों की मदद करना है। 

इस मौके पर प्रमुख रूप से देवेंद्र प्रताप सिंह, पवन मालवीय, ज्ञानानंद इंटर कॉलेज पडरी के प्राचार्य श्री जह्नवी तिवारी, सुरेश गुप्ता, नयन जायसवाल, अजय पांडे, प्रवीण द्विवेदी, अंशुमाली मिश्रा, पुलकित सिंह गहरवार, हरिहर सिंह, मनोज जायसवाल, अजय जायसवाल, चेतन मिश्रा आदि लोग रहे।

*प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होने के लिए अयोध्या पहुंचने लगे देशभर के मेहमान, मुरारी बाबू, साइना नेहवाल भी पहुंची*

लखनऊ । अयोध्या के भव्य राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा की शुभ घड़ी आ गई है। इस अविस्मरणीय पल का साक्षी बनने के लिए देश भर से मेहमान आ रहे हैं। इसके लिए राजनीति, खेल, विज्ञान और आध्यात्म सहित हर विधा से जुड़े लोगों को आमंत्रित किया गया है। जिनका आना रविवार से शुरू हो गया और आज तक जारी है।

रामकथा सुनाने वाले मुरारी बापू और ओलंपिक पदक विजेता साइना नेहवाल कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पहुंच गए हैं। भाजपा के सहयोगी दल के नेता ओमप्रकाश राजभर भी आयोजन में शामिल होने के लिए पहुंच गए हैं।

*छुट्टा घूम रहे निराश्रित गोवंश को ग्रामीणों ने बनाया बन्धक*

ड्रमंडगज, मीरजापुर। विकाश खण्ड हलिया के नौगवां ग्राम सभा के नेवादा मौजा में कडाके की ठंड के बीच खुले आसमान में करीब 50 की संख्या में निराश्रित गोवंश बीना चारा पानी के बंधक पड़े हुए हैं। छुट्टा जानवरों से अपनी फसलों को बचाने के लिए नेवादा मौजा के ग्रामीणों ने 50 से अधिक निराश्रित गोवंश को डालमिया कम्पनी द्वारा बनाए गये बाउंड्री में बंधक बना लिया है।

वही ग्रामीणों का कहना है की कई दर्जनो की संख्या में घूम रहे गोवंश हम लोगों के गाढी कमाई द्वारा उगाई गई फसल को सफाचट्ट कर दे रहे है। कडाके की ठंड में रातभर जागकर फसल बचाने का प्रयास किया जाता है फिर भी फसल पशुओं से बच नहीं पा रहा है। वही ग्रामीणों ने बताया की कई बार जिम्मेदार अधिकारीजन से शिकायत किया गया, लेकिन कोई सुनने को तैयार नही है।

इस सम्बन्ध में विकास खण्ड हलिया के खंड विकास अधिकारी से बातचीत की तो उन्होंने बताया की मामला हमारे जानकारी में नही है अगर बंधक बनाया गया है तो जांच कर निराश्रित गोवंश को छुडाकर मुक्त कराया जायेगा।

*पशुपालन आज के समय में आजीविका का एक बड़ा साधन बना : केंद्रीय राज्यमंत्री*

मीरजापुर। पटेहरा विकासखंड के न्याय पंचायत पड़रिया कला में आयोजित पंडित दीनदयाल उपाध्याय वृहद पशु आरोग्य शिविर मेला शुभारंभ करते हुए केंद्रीय राज्यमंत्री वाणिज्य उद्योग मंत्रालय एवं जिले की सांसद अनुप्रिया पटेल ने कहा है कि आज के समय में लोगों के लिए पशुपालन आजीविका का एक बड़ा साधन बन रहा है।

सरकार पशुपालकों के कल्याण के लिए कई योजनाएं संचालित कर रही है जिनका लाभ उठाकर पशुपालक अपनी आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करने के साथ-साथ पशुपालन को बेहतर आजीविका का साधन भी बना सकते हैं।

बृहद पशु आहार योग्य शिविर मेला का शुभारंभ करने के पश्चात उन्होंने पशुपालकों से अपने पशुओं का पंजीकरण कराने की सलाह देते हुए कहा कि इससे कई प्रकार के लाभ वह हासिल कर सकते हैं। कहा पशु से उत्पादन तभी बेहतर मिलेगा जब हम उनकी बेहतर देखभाल करेंगे।

उन्होंने कहा कि पशुओं की बेहतर चिकित्सा सेवा व्यवस्था के लिए जिले में 27 पशु चिकित्सालय, 27 पशु सेवा केंद्र संचालित हैं। इसके अलावा एक चलता फिरता अस्पताल यानी मोबाइल वैन भी पशुओं, पशु पलकों की सेवा के लिए तत्पर है।

टोल फ्री नंबर 1962 पर कॉल करने पर आपके पास यह गाड़ी तुरंत पहुंचेगी और पशुओं को बेहतर मदद भी मिलेगी। राज्य मंत्री ने कृषि के साथ-साथ बकरी पालन, भेड़ पालन, मुर्गी पालन पर बल देते हुए कहा कि यह सरकार की प्राथमिकताओं में है। कृषि पर ही आधारित न रहे पशुपालन को आजीविका बढ़ाने का मजबूत आधार बनाया जा सकता है।

पुराने को त्याग कर नए तरीके से प्रयोग और तकनीकी को अपनाकर पशुपालन के जरिए आर्थिक स्थिति में बदलाव लाया जा सकता है। इसके लिए सरकार भी पशुपालकों को प्रोत्साहित करने के साथ-साथ कई योजनाओं के जरिए लाभान्वित कर रही हैं। इसके लिए उन्होंने पशुपालकों को पशुओं के पंजीकरण की सलाह देते हुए कहा कि 10 हजार से ज्यादा पशुपालकों ने पंजीकरण कराया है। केंद्रीय राज्य मंत्री ने निराश्रित गोवंशों के संरक्षण के लिए जिले में बनाए गए 40 निराश्रित गोवंश आश्रय स्थलों की चर्चा करते हुए बताया गोवंश आश्रय स्थलों में निराश्रित गोवंशों के रहने खाने पीने की समुचित व्यवस्था के प्रबंध है।

यदि कहीं भी निराश्रित गोवंश खेतों या सड़कों इत्यादि पर दिखाई देते हैं तो उन्हें निराश्रित गोवंश स्थलों पर पहुंचा जा सकता है ताकि उनके रहने खाने का समुचित प्रबंध हो सके। बताया कि जिले में मुख्यमंत्री प्रगतिशील पशु पालक प्रोत्साहन योजना के तहत 107 का लक्ष्य मिला है, जिसमें 89 पशुपालकों चयन किया गया है।

दुधारू पशु है लेकिन बांझपन है इसके लिए भी सरकार गंभीर है, ताकि दुधारू पशुओं के बचपन को दूर कर पशुपालकों को बेहतर लाभ दिया जा सके पशुओं के समय-समय पर टीकाकरण के साथ-साथ सरकार द्वारा पशुओं के स्वास्थ्य देखभाल के लिए भी पशु चिकित्सालय एवं के माध्यम से त्वरित चिकित्सा सुविधा भी मुहैया कराई जा रहे हैं।

केंद्रीय राज्य मंत्री ने पशुओं के देखभाल के साथ-साथ ठंड के दिनों में उन्हें ताजा पानी देने और संतुलित आहार देने, हमें समय पर पशुओं के टीकाकरण पर जोर दिया। मौके पर छानबे विधायक रिंकी कोल, मुख्य विकास अधिकारी पंकज कुमार एडिशनल डायरेक्टर डॉक्टर पीएन सिंह, कृषि वैज्ञानिक विशेषज्ञ, पशु-चिकित्सक अधिकारी सहित पशुपालक, गणमान्यजन भाजपा, अपना दल के कार्यकर्ता मौजूद रहे।

*अयोध्या के साथ मां विंध्यवासिनी धाम में होगा वृहद महा गंगा आरती का आयोजन*

मीरजापुर। रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर उत्सुकता बढ़ती जा रही है. पूरे देश में राम मंदिर को लेकर जश्न का माहौल है। अयोध्या के साथ माॅ विंध्यवासिनी धाम में 22 जनवरी को राम मंदिर उद्घाटन को लेकर भव्य महा गंगा आरती का आयोजन किया जाएगा।

विन्ध्याचल के माॅ विंध्यवासिनी पक्का घाट की गंगा आरती में बदलाव करते हुए महाआरती का भव्य आयोजन किया जाएगा। विन्ध्य विकास परिषद के अंतर्गत होने वाली संगीतमय गंगा आरती 22 जनवरी को अपने निर्धारित समय से ही संपन्न कराई जाएगी।

लेकिन प्राण प्रतिष्ठा अवसर को ध्यान में रखते हुए इसे महाआरती का रूप दिया जाएगा। इसमें अधिक की संख्या में श्रद्धालुओं के पहुंचने का भी अनुमान है। इसके लिए जहां जोरशोर से तैयारी चल रही है वहीं पांच अर्चक महाआरती को संपन्न कराएंगे।

गंगा आरती प्रमुख रामानन्द तिवारी ने बताया कि 22 जनवरी को अयोध्या में रामलला अपने मुख्य स्थल पर विराजेंगे। यह अवसर संपूर्ण सनातन संस्कृति के लिए ऐतिहासिक है और माॅ विंध्यवासिनी धाम की प्रसिद्ध संगीतमय गंगा आरती के लिए भी। इसी को ध्यान में रखते हुए 22 जनवरी को शाम में संपन्न होने वाली गंगा आरती को महाआरती के रूप में आयोजित किया जाएगा जिसमें भगवान राम के पूजन के बाद ही माॅ गंगा का वैदिक मंत्रों से पुजन करके महा गंगा आरती प्रारम्भ किया जाएगा।

इस निमित्त भारी संख्या में श्रद्धालु गण विंध्याचल गंगा घाट पहुंचेंगे। 22 जनवरी को आयोजित होने वाली महाआरती के अलावा यह भी जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि माॅ विंध्यवासिनी पक्का घाट पर दीपोत्सव का आयोजन होगा साथ ही आने वाले श्रद्धालु में प्रसाद वितरण भी किया जाएगा। विशेष तौर पर इस दिन आयोजित होने वाली महाआरती में भगवान श्री राम के लिए 2 मिनट का भजन भी गाया जाएगा।

निश्चित तौर पर इन दिनों भारी संख्या में गंगा घाट पर श्रद्धालुओं के पहुंचने का अनुमान है और प्राण प्रतिष्ठा अवसर को ध्यान में रखते हुए भव्य रूप में मां गंगा की महाआरती आयोजित की जाने की तैयारी चल रही है।

*श्रीराम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के उपलक्ष्य में युवाओं ने किया रक्तदान*

मीरजापुर। 22 जनवरी को श्रीराम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के मंगल उपलक्ष्य अवसर पर विंन्ध्य फाउंडेशन ट्रस्ट द्वारा संकट मोचन मंदिर में स्वैच्छिक रक्तदान शिविर आयोजित किया गया। सबसे पहले विश्व हिन्दू परिषद के जिलाध्यक्ष रामचन्द्र शुक्ल, प्रान्त उपाध्यक्ष विद्या भूषण सिंह एवं धीरज जिला प्रचारक राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ ने संकट मोचन हनुमान जी का आरती किया।

उसके बाद उपस्थित संस्था के सभी सदस्यों ने सामूहिक हनुमान चालीसा का पाठ किया। कहा कि आज जो भी रक्तदान कर रहे है वो प्रभू श्रीराम के नाम आयोध्या मंदिर को समर्पित है। हम सबके लिए गर्व की बात है राम लला 500 वर्षों पश्चात तंबू से अब अपने वृहद महल में विराजमान होने जा रहे है।

शिविर में सर्वप्रथम रक्तदान करने वाले स्वरूप गुप्ता ने रक्तदान करके अपने अनुभव को बताया कि आज का मेरा रक्तदान पिछले रक्क्तदान से ऐतिहासिक है। हम सौभाग्य समझते है कि हमने अपना रक्तदान राम दूत हनुमान के मन्दिर में किया।

रक्तदान करने वाले सभी को प्रशस्ति पत्र, रामनाम पट्टी एवं गिफ्ट देकर समान्नित किया गया। रक्तदान करने वाले स्वरूप गुप्ता, रितेश कुमार गुप्ता, विकल वर्मा, ब्रिजेश कुमार, स्वतंत्र सिंह, अभिषेक कुमार, महेश कुमार, शिव कुमार शुक्ल, बृजेश कुमार, विवेक त्रिपाठी रहे।