*अयोध्या में श्रीराम की प्राण-प्रतिष्ठा : राजधानी पटना में दिनभर रामनवमी तो शाम को रहा दिवाली जैसा उल्लास*
डेस्क : बीता कल 22 जनवरी देश के लिए बड़ा दिन रहा। 500 साल का इंतजार खत्म हुआ और अयोध्या में एकबार फिर श्रीराम अपने जगह पर लौटे। पूरे देश में हर्ष और उत्सव का माहौल व्याप्त है। इधर राजधानी पटना में अयोध्या में निर्मित राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के पुण्य अवसर पर लोगों के नेत्र सजल थे और कंठ से निकल रहा हर स्वर भाव से भरा हुआ। सुबह रामनवमी सा नजारा रहा, दोपहर में दशहरे का उत्सव तो शाम ढलते दिवाली मनती रही। भगवान राम अयोध्या में ही नहीं, पटना के रामभक्तों के मन में विराज चुके थे।
इस पावन मौके पर पटना के श्रीराम भक्तों की दिनचर्या ही बदली रही। सुबह नींद से जगे तो उस सर्वार्थसिद्धि योग के पल की प्रतीक्षा थी जिस पल भगवान की प्राण प्रतिष्ठा होनी थी। सुबह सुबह मंदिरों में भक्तों तांता लगा रहा। छोटे बच्चे नहा-धोकर नए कपड़ों में सजे थे। बड़े बुजुर्ग पूजा पाठ में जुटे थे। कई लोग व्रत और उपवास पर रहे। महावीर मंदिर, राजवंशी नगर मंदिर, खाजपुरा मंदिर व राजधानी के कई मंदिरों के आगे भगवान राम के भक्त लड्डू बांट रहे थे। भजन, कीर्तन का दौर दिन भर चलता रहा।
दोपहर बाद सड़कों पर उमड़ी भक्तों की भीड़
सोमवार को अचानक राजधानी का मौसम भी सुधर गया। धूप निकल चुकी थी और कोहरा छंट चुका था। रामलहर के आगे शीतलहर फीका पड़ चुका था। भक्तों की टोली रामनाम का ध्वज लेकर सड़कों पर आ गई। जय हनुमान, जय सीताराम की गूंज हर जगह सुनाई देने लगी। सबके कदम थिरक रहे थे। रामधुन में पटना रम चुका था। डाकबंगला चौराहा सहित शहर के कई चौराहों पर रंगोली सजी थी। वाहनों पर भी भगवान राम और रामभक्त हनुमान के ध्वज तने थे। माथे पर चंदन तिलक से लिखे श्रीराम विराजे थे।
शाम ढलते ही रंगीन रोशनी से जगमगा उठा पटना
शाम ढलते घर, अपार्टमेंट, चौक-चौबारे रंगीन रोशनी से जगमगा उठे। हमारे राम आए हैं, प्रभु श्रीराम आए हैं के संकीर्तन के बीच घरों के बच्चे, महिलाएं बुजुर्ग दीयों को सजाने में लगे थे। आसमान आतिशबाजियों से पटा था। महिलाएं मंगल गान गा रही थीं। घरों में पकवान बन रहे थे। मन से लेकर खान-पान तक मधुरता बनी रही।
Jan 23 2024, 09:44