*आनंद अमित की पुस्तक "सुनकर मेरे गीत चले जाना" का हुआ विमोचन*
मिर्ज़ापुर। साहित्य चेतना समाज मिर्ज़ापुर इकाई के चेतना प्रवाह कार्यक्रम के अंतर्गत पुस्तक विमोचन समारोह का आयोजन किया गया। आनंद अमित की पुस्तक "सुनकर मेरे गीत चले जाना" का विमोचन मुख्य अतिथि नगर विधायक पं रत्नाकर मिश्र एवं मंचासीन अतिथियों ने विंध्यवासिनी महाविद्यालय मिर्ज़ापुर के सभागार में किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ नीरज त्रिपाठी ने किया।
विशिष्ट अतिथि के रूप में वरिष्ठ साहित्यकार डॉ उषा कनक पाठक, अमृतेश कुमार (एजीएम- बी एस एन एल) तथा मुख्य वक्ता के रूप में वरिष्ठ साहित्यकार भोलानाथ कुशवाहा एवं वरिष्ठ कवि व संचालक लल्लू तिवारी, राजपति ओझा और डॉ रमाशंकर शुक्ल मंचासीन रहे।
माँ सरस्वती के चरणों में दीपक प्रज्ज्वलित करके मुख्य अतिथि ने समारोह का प्रारंभ किया। सरस्वती वंदना नंदिनी श्रीवास्तव ने प्रस्तुत की। 'सुनकर मेरे गीत चले जाना' के विमोचन करने के उपरांत मुख्य अतिथि पं रत्नाकर मिश्र ने कहा कि साहित्यकारों ने हमेशा अपनी लेखनी के द्वारा हमारे देश को नयी दिशा दी है।
आनंद अमित की रचनाएँ हम सभी के लिए प्रेरणादायक हैं। कार्यक्रम के अध्यक्ष डॉ नीरज त्रिपाठी ने कहा कि साहित्य ने हमेशा हमारे चिंतन को सँवारा है और अच्छे और गलत का फर्क बताया है इसलिए कवियों को विद्वानों की श्रेणी में रखा गया है। डॉ रमाशंकर शुक्ल ने कहा कि साहित्य का अर्थ ही सबका हित है। उसका कोई क्षेत्र हो वह चिंतन के साथ नयी चेतना पैदा करता है।
भोलानाथ कुशवाहा ने कहा कि रचनाकार का कोई पक्ष नहीं होता, वह सच बोलता है। डॉ उषा कनक पाठक ने आनंद अमित की विमोचित पुस्तक की सराहना की। लल्लू तिवारी ने आनंद अमित के गीत संग्रह से उदाहरण देकर उनके लेखन की विस्तार से चर्चा की। अमृतेश कुमार और राजपति ओझा ने गीत संग्रह के लिए आनंद अमित को बधाई दी।
कार्यक्रम में अधिदर्शक चतुर्वेदी, रमाशंकर सिंह यादव, केदार नाथ सविता, धर्मदास, और अरविंद अवस्थी को उत्कृष्ट लेखन के लिए हिंदी श्री की ओर से कलम श्री सम्मान 2024 से नवाजा गया। सुमन ने आनंद अमित की रचना अपना वजूद खोकर लाती है रंग हिना... और सृष्टि राज ने ' हमारी अयोध्या है गुलजार सीते का मधुर स्वर में पाठ किया।
इस अवसर पर सुनील चौधरी, मेवालाल प्रजापति, रमेश प्रजापति, श्यामबाबू, मिलन कुमार प्रजापति, रामानंद द्विवेदी, दीना, रवी प्रजापति श्यामबाबू, डॉ सुधा सिंह, पूजा यादव, संतोषी निषाद, डोली अग्रहरि, आनंद केशरी, ओम शिव, अरविंद सिंह आदि उपस्थित रहे। अंत में आनंद अमित ने सभी का आभार व्यक्त किया।
Jan 22 2024, 09:59